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गन्ना प्रदेश के किसानों की आर्थिक रीढ़ है

Posted on 04 December 2012 by admin

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने प्रेसवार्ता में बताया कि गन्ना इस प्रदेश के किसानों की आर्थिक रीढ़ है। सरकार द्वारा गन्ने का लाभकारी मूल्य की घोषणा न होने से पूरे सूबे के किसानों में भारी असंतोष व्याप्त है। प्रदेश की आधे से ज्यादा चीनी मिलें बन्द पड़ी हैं दिसम्बर माह में भी पेराई का काम  चीनी मिलों में शुरू नहीं हुआ है।
श्री सिंह ने कहा कि बाजार में चीनी 35 से 40 रूपये तक बिक रही है। गन्ने से चीनी की रिकवरी लगभग 9 से 11 किलो तक होती है जिस कारण केवल चीनी से ही लगभग 350 रूपये प्रति कु0 गन्ने का दाम हो जाता है जबकि चीनी मिल मालिकों को चीनी के अलावा खोई, मैली, व शीरा से भारी मुनाफा होता है साथ ही प्रदेश की कुछ चीनी मिलें ऊर्जा का उत्पादन करती हैं जिससे भी उनको लाभ होता है। फिर भी मिल मालिक किसानों को लाभकारी मूल्य देने में हीलाहवाली करते हैं। प्रदेश के किसानांें का लगभग 120 करोड़ चीनी मिलों पर बकाया है। सरकार चीनी मिलों से किसानों के बकाये के भुगतान के लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देशित किया था कि आर0सी0 काटकर ब्याज सहित किसानों का भुगतान तुरन्त किया जाये।
श्री सिंह ने आगे कहा कि गन्ने का लागत मूल्य 25 प्रतिशत बढ़ जाने से किसान की कमर मंहगाई से टूट गयी है वहीं सरकार गन्ने का लाभकारी मूल्य घोषित करने में उदासीन है। प्रदेश में किसान आलू तथा गन्ना की ही फसल पैदा करके अपनी जरूरतों को पूरा करता है लेकिन सरकार दोनों फसलों के मूल्य निर्धारण को लेकर गम्भीर नहंीं है। सपा सरकार ने घोषणा पत्र में प्रदेश के किसानों से वादा किया था कि केन्द्र द्वारा घोषित न्यूनतम निर्धारित मूल्य से 50 प्रतिशत बढ़ाकर फसलों का लाभकारी मूल्य प्रदेश के किसानों को दिया जायेगा। राष्ट्रीय लोकदल विगत नवम्बर माह से ही गन्ने के लाभकारी मूल्य की घोषणा के लिए सड़क से लेकर सदन तक गम्भीरता से उठाया लेकिन सरकार किसानों के प्रति उदासीन रवैया अपनायेे हुये है। इससे लगता है कि यह सरकार किसान विरोधी है। गन्ने के लाभकारी मूल्य की घोषणा न होने से किसान तो परेशान है ही साथ ही इसका प्रभाव प्रदेश के विकास पर भी पड़ रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 10 दिसम्बर तक नहीं घोषित किया तो राष्ट्रीय लोकदल के सिपाही किसानों को लामबद्ध कर पश्चिमी उ0प्र0 को जाम करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेंदारी प्रदेश सरकार की होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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