उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार से वित्तीय मदद एवं तकनीकी सपोर्ट मिले तो गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के कार्यों को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली के इण्डिया हैबीटेट सेंटर में आई0आई0टी0 कानपुर द्वारा आयोजित इंडिया वाटर इम्पैक्ट सम्मिट-2012 को संबोधित कर रहे थे।
श्री यादव ने कहा कि कुम्भ-2013 के दृष्टिगत गंगाजल की माॅनीटरिंग सन्त समाज के साथ-साथ मा0 उच्च न्यायालय द्वारा भी की जा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि हम सब मिलकर प्रयास करें तो गंगा के पानी को साफ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सन्त समाज आगे आये, उससे पहले हम लोगों को आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रमुख शहर, औद्योगिक क्षेत्र, चीनी मिलें आदि गंगा नदी के किनारे पर स्थित हैं, जिनके सीवरेज व अपशिष्टों से गंगा का प्रदूषण बढ़ा है। उन्होंने बताया कि टैनरियों के प्रदूषण से गंगा को बचाने के लिए केन्द्र सरकार की लेदर क्लस्टर योजना को प्रदेश में लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास यमुना साफ है, लेकिन उसके आगे गन्दी है, जिसका कारण सीवरेज व औद्योगिक अपशिष्टों को नदी में छोड़ा जाना है। उन्होंने कहा कि इटावा में यदि चंबल का पानी यमुना में न मिले तो यमुना सूखी नजर आयेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम गंगा नदी के साथ-साथ राज्य से बहने वाली सभी नदियों को भी साफ करना चाहते हैं।
सम्मिट को योजना आयोग, भारत सरकार के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रो0 समित आहूजा, प्रो0 एस0के0 सिंह, प्रो0 पी0 वोटलानेन, प्रो0 आनन्द कृष्णन आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन आई0आई0टी0, कानपुर के प्रो0 विनोद तारे द्वारा किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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