Archive | October 18th, 2012

ड्यूटी फ्री ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आकर्षक ऑफर शुरू किया

Posted on 18 October 2012 by admin

त्यौहारों के मौके, खासकर दीवाली पर भारत के सबसे बड़े ड्यूटी फ्री शॉप, आईजीआई एयरपोर्ट के टी3 टर्मिनल पर दिल्ली ड्यूटी फ्री ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आकर्षक ऑफर शुरू किया है। इसे “ऑल दैट ग्लिटर्स इज माइन” नाम दिया गया है। इस ऑफर के तहत दिल्ली ड्यूटी फ्री के सभी ग्राहकों को लकी ड्रॉ के जरिए प्रोमोशन के अंत में 15 अक्तूबर 2012 से 10 जनवरी 2013 तक एक किलो सोना जीतने का मौका मिलेगा।
इस गोल्डन दीवाली प्रोमोशन से दिल्ली ड्यूटी फ्री ने भारतीय ड्यूटी फ्री रीटेल बाजार के लिए एक नई परंपरा शुरू की है। अभी तक यह मध्य पूर्वी ड्यूटी फ्री मार्केट की खासियत रही है। दीवाली के मौके पर सोना खरीदने की भारत के लोगों की चाहत को देखते हुए यह प्रोमोशन भारतीय यात्रियों के लिए दिल्ली ड्यूटी फ्री से अपने मन की पूरी खरीदारी करने और एख किलो सोना जीतने का आदर्श मौका मुहैया कराता है। इससे आप जितना ज्यादा खरीदारी करेंगे लकी ड्रॉ में ईनाम जीतने का मौका उतना ज्यादा बढ़ेगा। एक से 50 डॉलर की खरीद पर ग्राहक को 1 लकी ड्रॉ कूपन मिलेगा जबकि 51 से 100 डॉलर की खरीद पर तीन लकी ड्रॉ कूपन और 101 डॉलर से ऊपर की खरीद पर पांच लकी ड्रॉ कूपन मिलेंगे।
दिल्ली ड्यूटी फ्री सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ श्री स्टीव ओ कोन्नॉर ने कहा, हम अपने ग्राहकों के खरीदारी अनुभव को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। दिल्ली ड्यूटी फ्री को खुशी है कि वह अपने ग्राहकों के लिए ऐसा प्रोमोशन चला रहा है। भारतीय संस्कृति और परंपरा में सोना एक अभिन्न भाग है। सभी भारतीय त्यौहारों से यह बहुत करीबी से जुड़ा हुआ है। दीवाली की पहचान सोना खरीदने के लिए सबसे अच्छे मौके के रूप में की जाती है। हमें उम्मीद है कि यह प्रोमोशन डीडीएफएस के भारतीय ग्राहकों को खुश करेगा और प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करेगा।
यात्री भिन्न किस्म के उत्पादों में से अपनी पसंद की चीजें जैसे परफ्यूम और कॉस्मेटिक्स, कनफेक्शनरी, भारतीय हस्त शिल्प के सामान, अंतरराष्ट्रीय लीकर और शिगार की खरीदारी कर सकते हैं। आगमन और प्रस्थान टर्मिनल पर स्थित दुकानों को गोल्डन दीवाली प्रोमोशन के लिए सोने को केंद्र में रखकर सजाया जाएगा। गोल्डन दीवाली प्रोमोशन स्थापना के बाद से दिल्ली ड्यूटी फ्री के सबसे बड़े हाईलाइट में से एक है। इरादा यह है कि यात्रियों को देश में पहुंचने के बाद से परिवार के साथ त्यौहार मनाने तक पूरे समय त्यौहारों का अहसास हो।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

अपनी मिट्टी पहचाने अभियान

Posted on 18 October 2012 by admin

उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष भी रबी की बुआई से पूर्व ‘‘अपनी मिट्टी पहचाने अभियान’’ रबी 2012-13 चलाया जा रहा है। अभियान के द्वितीय चरण 20 अक्टूबर 2012 को आयोजित किया जायेगा, कृषि से जुड़े किसानों ने किन्हीं कारणों से अपने खेतों की मिट्टी की जांच नहीं करवा पाई हो तो वे मिट्टी की जांच अवश्य करायें। किसान भाइयों को जरूरी है कि जांच में मुख्य पोषक तत्वों के साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों की जांच अवश्य करायें। मृदा परीक्षण अभियान के माध्यम से किसानों को मिट्टी में आने वाली कमियों के अनुसार संतुलित खाद डालने एवं बुआई की वैज्ञानिक सलाह मृदा स्वास्थ्य कार्ड के द्वारा दी जाती है।
कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह ने बताया कि खेतों में लगातार असन्तुलित रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग एवं जीवांश खादों के प्रयोग न करने से मृदा स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ा है। इसके प्रभाव के कारण प्रदेश के अधिकांश जनपदों में मुख्य पोषक तत्वों के साथ-साथ द्वितीय तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो रही है। उन्होंने बताया कि पौधों के अच्छे विकास के लिए 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, इनमें से तीन पोषक तत्व कार्बन, हाइड्रोजन तथा आक्सीजन वायुमण्डल तथा जल से ग्रहण करते हैं, अन्य तेरह मुख्य पोषक तत्वों में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, द्वितीय पोषक तत्वों में प्रमुख पोषक तत्व कैल्सियम, मैग्निशियम सल्फर तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में-जिंक, आयरन, मैग्नीज, कापर, बोरान, मालिब्डेनम एवं क्लोरीन जो पौधे भूमि से ग्रहण करते हैं।
कृषि मंत्री ने बताया कि स्वस्थ भूमि में जीवांश कार्बन की मात्रा
0.8 प्रतिशत होनी चाहिए, लेकिन अधिकांश किसानों द्वारा लगातार धान एवं गेहूं के उत्पादन का चक्र अपनाने के कारण जीवांश कार्बन की मांत्रा 0.4 प्रतिशत से कम रह गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मंे मृदा परीक्षण के आधार पर प्रदेश के अधिकांश जनपदों में नत्रजन, फास्फोरस, सल्फर, जिंक, लोहा, तांबा, मैग्नीज अािद महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की भूमि में कमी हो रही है। उन्होंने कहा कि इसी समस्या के निदान के लिए मृदा स्वास्थ्य को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए सरकार द्वारा प्रदेश में अपनी मिट्टी पहचाने एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे अभियान में 1407000 मृदाओं के नमूने एकत्रित करे जायेंगे। उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर तथा 03 नवम्बर 2012 को प्रत्येक चरण में 3,54,210 मृदाओं के नमूने एकत्रित कियो जायेंगे एवं एकत्रित मृदाओं के विशलेषण की संस्तुतियां 30 नवम्बर 2012 तक समसय उपलबध करायी जायेंगी, इसके लिए प्रयोगशालाओं में कर्मचारियों द्वारा पालियों में कार्य कराया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

नगर निकायों के अन्तर्गत वाहनों को रोक कर अवैध धन उगाही के लिए लगाये गये सभी बैरियर तत्काल हटा दिए जाएं

Posted on 18 October 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री मोहम्मद आज़म खाॅं ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं कि नगर निकायों के अन्तर्गत वाहनों को रोक कर अवैध धन उगाही के लिए लगाये गये सभी बैरियर तत्काल हटा दिए जाएं। उन्होंने इस बात पर भी अप्रसन्नता व्यक्त की है कि कई बार दिये गये निर्देशों के बावजूद प्रदेश में जहां-तहां इस प्रकार के बैरियर्स आज भी लगे हुए हैं, जहां धन की अवैध उगाही हो रही है।
श्री आज़म खाॅ ने जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में यह निर्देश दिये हैं कि बैरियर लगाकर अवैध वसूली करने वालों को मौके पर ही गिरफ्तार कर, उनके विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर प्रभावी कार्रवाई की जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

8296 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही है

Posted on 18 October 2012 by admin

उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 8296 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही है।
आज दिन में 2ः00 बजे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों से 2323 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 490 मेगावाट अनपरा से 1134 मेगावाट, पनकी से 79 मेगावाट, हरदुआगंज से 225 मेगावाट तथा पारीछा से 395 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 363 मेगावाट जलीय विद्युत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 4275 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 100 मेगावाट, रोजा से 540 मेगावाट, बजाज इनर्जी से 238 मेगावाट तथा लैन्को से 457 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

शैक्षिक सत्र 2012-13 की पढ़ाई की शुरूआत नवम्बर 2012 से की जायेगी

Posted on 18 October 2012 by admin

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र 2012-13 की पढ़ाई की शुरूआत नवम्बर 2012 से की जायेगी। यह निर्णय आज यहां विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउन्सिल की दूसरी बैठक में लिया गया।
यह जानकारी कुलपति डा0 अनीस अंसारी आई0ए0एस0(से0नि0) ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रोफेसर के 10, एसोसिएट प्रोफेसर के 20 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 44 कुल मिलाकर 74 पद स्वीकृत किये हैं। इनमें से 50 प्रतिशत पदों के लिये भर्ती की प्रक्रिया आगामी नवम्बर तक पूर्ण हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद पढ़ाई शुरू की जायेगी। उन्होंने बताया कि एकेडमिक काउन्सिल ने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक समान पाठ्यक्रम लागू किये जाने के संबंध में राज्य सरकार के फैसले को इस विश्वविद्यालय में भी लागू किया जायेगा। अगर विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में किसी संशोधन की आवश्यकता महसूस करता है तो एकेडमिक काउन्सिल से पास कराने के बाद संशोधित पाठ्यक्रम लागू किया जा सकेगा। एकेडमिक काउन्सिल ने यह निर्णय भी लिया है कि एम0बी0ए0 में प्रवेश विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्तांको के आधार पर किया जाये।
कुलपति ने बताया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य यह है कि उर्दू, अरबी और फारसी भाषा और उनकी संस्कृति को बढ़ावा दिया जाय। अतः पाठ्यक्रमों का चयन करते समय ऐसे पाठ्यक्रमों
को वरीयता दी गयी है, जिसके छात्र/छात्राओं को आसानी से रोज़गार मिल सके। इन दोनों उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि छात्र/छात्राओं, कर्मचारियों और शिक्षकों का चयन करते समय ऐसे उम्मीदवारों को वरीयतो दी जाये, जो उर्दू, अरबी या फारसी और कम्प्यूटर की व्यवहारिक जानकारी रखते हों। सभी पाठ्यक्रमों में उर्दू, अरबी या फारसी को विद्यार्थियों की इच्छा के अनुसार अनिवार्य विषय के रूप मंे पढ़ाया जायेगा और इन विषयों के प्राप्तांकों को मार्कशीट में जोड़ा जायेगा। यही प्रक्रिया एम0बी0ए0 के अतिरिक्त अन्य पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों और शिक्षकों के चयन के समय लागू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से भाषाओं के अतिरिक्त अन्य विषयों की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होगी किन्तु विद्यार्थियों की इच्छा पर उर्दू में भी पढ़ाने का प्रबन्ध किया जायेगा।
डा0 अन्सारी ने बताया कि एकेडमिक काउन्सिल ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को धन्यवाद दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के 74 पदों के अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये वार्षिक बजट द्वारा उपलब्ध कराने का प्रबन्ध किया। विश्वविद्यालय का नाम सूफी सन्त और लेखक ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के नाम पर रखने के राज्य सरकार के निर्णय के लिये एकेडमिक काउन्सिल ने श्री अखिलेश यादव को मुबारकबाद दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार से विश्वविद्यालय को अब तक 174.25 करोड़ रुपये मिले हैं। यह धनराशि निर्माण निगम द्वारा निर्माण कार्यों पर व्यय की जा चुकी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

रामजन्म भूमि पर कोई माई का लाल बाबर के नाम की मस्जिद नहीं बना सकता- उमा भारती

Posted on 18 October 2012 by admin

सिद्धपुरा (कासगंज)- भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा श्री भारती ने राम जन्म भूमि पर बाबर के नाम की मस्जिद बनाने के उत्तर प्रदेश सरकार के चल रहे प्रयासों की कड़ी आलोचना करते हुए खुले शब्दों में चेतावनी दी कि किसी भी कीमत पर राम जन्म भूमि स्थान या उस परिसर में बाबर के नाम की किसी मस्जिद को नहीं बनने दिया जायेगा। गंगा समग्र अभियान पर निकली साध्वी उमा भारती आज यहां आयोजित एक विशाल जन सभा को संबोधित कर रही थी।
साध्वी ने कहा कि कुछ लोगों के लिए राम जन्म भूमि आंदोलन राजनैतिक रूप से भले ही असफल हो लेकिन मेरी नजर में वह पूरी तरह सफल आंदोलन है। वहां भगवान राम का भले ही छोटा मंदिर है लेकिन अब वे खुले में विराजमान है। मस्जिद की बंद कपाटों में नहीं।
उमा भारती ने कहा कि मेरे जीवन में तीन पड़ाव आए। पहला, राजजन्म भूमि आंदोलन, जिसे मैं पूरी तरह सफल मानती हूं। दूसरा, तिरंगा आंदोलन, जिसमें मैंने राष्ट्रीय झण्डें तिरंगे की शान की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने का फैसला करने में एक मिनट की भी देर नहीं की। मैं चाहती तो जमानत लेकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बनी रहती। लेकिन मेरे लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी से ज्यादा तिरंगा प्यारा था। तीसरा, गंगा आंदोलन मेरे जीवन का वह पड़ाव है जहां सभी धर्मों के लोग गंगा की रक्षा के लिए एक गैर राजनैतिक प्रयास के साथ जुड़कर मेरी हौसलाफजाई कर रहे हैं।
उमा ने कहा कि मैंेनें न तो राम जन्म भूमि और तिरंगे के लिए समझौता किया और न ही गंगा के लिए समझौता करूंगी। जरूरत पड़ी तो अपने प्राण भी दे दूंगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रिपरिषद के फैसले

Posted on 18 October 2012 by admin

ऽ    शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, साहित्य एवं ललित कलाओं के लिए दिए जाने वाले ‘यश भारती सम्मान’ की राशि 05 लाख से बढ़ाकर 11 लाख रुपए करने का फैसला।
ऽ    लखनऊ में आईटी सिटी की स्थापना के लिए गंजरिया फार्म की 150 एकड़ भूमि हस्तांतरित करने का निर्णय।
ऽ    उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2012 को मंजूरी।
ऽ    गाजियाबाद में मेट्रो रेल परियोजना (द्वितीय चरण) के अंतर्गत दिलशाद गार्डेन, नई दिल्ली से नया बस अड्डा गाजियाबाद तक के प्रस्ताव को मंजूरी।
ऽ    हथकरघा बुनकरों के प्रोत्साहन तथा उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए ‘जनेश्वर मिश्र हथकरघा पुरस्कार योजना’ के तहत प्रथम पुरस्कार की राशि 25 हजार रुपए करने का निर्णय।
ऽ    प्रदेश के किसानों का होगा अब 05 लाख रुपए का बीमा। कृषक दुर्घटना बीमा योजना के लिए मार्ग निर्देशों का निर्धारण। 01 अपै्रल, 2012 से योजना प्रभावी।
ऽ    ठेका वाहन परमिट प्राप्त वाहनों के रंग निर्धारित करने का फैसला। इन वाहनों की बाॅडी को मैरून, काला या लाल रंग से रंगा जाना प्रतिबंधित।
ऽ    उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहाँ सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

यश भारती पुरस्कार की राशि 05 लाख रु. से बढ़ाकर 11 लाख रु.
मंत्रिपरिषद ने शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, साहित्य, विज्ञान, खेल, अभिनय, निर्देशन, आलेखन, चित्रकला, मूर्तिकला, आधुनिक एवं परम्परागत नाट्य विधाएं, ललित कलाओं के विकास तथा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले ख्यातिलब्ध शख्सियतों को दिए जाने वाले ‘यश भारती सम्मान’ पुरस्कार की राशि 05 लाख रुपए से बढ़ाकर 11 लाख रुपए करने का निर्णय लिया है। इस पुरस्कार राशि के साथ पुरस्कृत महानुभावों को अंग वस्त्र, ताम्र पत्र/मेमेंटो भी भेंट स्वरूप प्रदान किया जाएगा।

उ.प्र. सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2012 को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2012 को मंजूरी प्रदान कर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग तथा सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित उद्योगों में निवेश को प्रोत्साहित करने एवं इन क्षेत्रों में युवाओं की निपुणता में वृद्धि एवं रोजगार क्षमता में वृद्धि के लिए यह नीति प्रख्यापित की है।
इस नीति के तहत लखनऊ एवं आगरा शहर को आईटी हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां पर आईटी सिटी एवं आईटी पार्क की स्थापना की जाएगी। इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने हेतु इस क्षेत्र में लगने वाले सभी नए उद्योगों को 5 प्रतिशत इन्ट्रेस्ट सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा प्रति उद्योग एक करोड़ रुपए प्रतिवर्ष होगी तथा यह 5 वर्षों तक देय होगा। स्टाम्प ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी। मूल्य संवर्धित कर (वैट) तथा केन्द्रीय वाणिज्य कर में कुछ शर्तों के अधीन इन्ट्रेस्ट फ्री लोन देकर 10 वर्षों तक प्रतिपूर्ति की जाएगी।
प्रदेश सरकार के प्राधिकरणों/एजेन्सियों से भूमि लेने पर 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी। यदि आईटी सिटी या आईटी पार्क के लिए 3 मेगावाॅट से अधिक का कैपटिव पावर प्लाण्ट लगाया जाएगा, तो उस पर भी आईटी उद्योग की तरह सभी छूट अनुमन्य होगी। इन उद्योगों को सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे तक चलाने के लिए श्रम विभाग से विशेष अनुमति दी जाएगी। यदि इन उद्योगों द्वारा कुल उपलब्ध कराए गए रोजगार का (न्यूनतम 100) कम से कम 50 प्रतिशत उत्तर प्रदेश वासियों को लगातार 3 वर्षों तक उपलब्ध कराया जाता है, तो कर्मचारी प्राविडेण्ट फण्ड तथा राज्य कर्मचारी बीमा योजना के तहत 75 प्रतिशत धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
उपरोक्त के अतिरिक्त कुछ अन्य प्रोत्साहन भी नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति में दिए गए हैं तथा प्रदेश सरकार का यह प्रयास है कि इन क्षेत्रों में निवेश उत्तर प्रदेश में आकर्षित हो। राज्य सरकार द्वारा देश के विभिन्न शहरों यथा बैंगलोर, चैन्नै आदि में रोड शो आयोजित कर निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा।

आईटी सिटी के लिए चक गंजरिया फार्म की 150 एकड़ भूमि हस्तांतरित करने का फैसला
प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के विकास के लिए हर स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के तहत मंत्रिपरिषद ने लखनऊ में आईटी सिटी की स्थापना हेतु चक गंजरिया फार्म स्थित पशुधन विभाग की 150 एकड़ भूमि आईटी एवं इलेक्ट्राॅनिक विभाग को निशुल्क हस्तांतरित करने का फैसला लिया है। आईटी सिटी एक स्वावलम्बी नगर होगा। ‘फाइबर आॅप्टिक कनेक्टिविटी’ वाले अत्याधुनिक टेलीफोन एक्सचेंज तथा आईएसपी सुविधाओं, वृहद बैण्डविड्थ तथा वाई-फाई कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं भी इसमें मौजूद होंगी। संचार व्यवस्था के लिए डेडिकेटेड अर्थ स्टेशन के अलावा सेटेलाइट लिंक भी इसमें उपलब्ध होगा। आईटी सिटी में आईटी कम्पनियां, बीपीओे, केपीओ के साथ-साथ आवासीय सुविधाएं, जन सुविधाएं, व्यावसायिक क्षेत्र के साथ ही शिक्षा और चिकित्सा सम्बन्धी प्राविधान भी किए जाएंगे।

दिल्ली के दिलशाद गार्डेन से गाजियाबाद बस अड्डे तक  मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने गाजियाबाद नगर में मेट्रो रेल परियोजना के द्वितीय चरण के अंतर्गत दिलशाद गार्डेन नई दिल्ली से गाजियाबाद के नए बस अड्डे काॅरीडोर तक 09.41 किलोमीटर की मेट्रो रेल परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। दिलशाद गार्डेन से गाजियाबाद बस अड्डे तक 07 स्टेशन होंगे तथा इस परियोजना पर 1591 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें भारत सरकार 344 करोड़ रुपए, दिल्ली मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन 256 करोड़ रुपए तथा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण तथा अन्य विभाग 991 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे।

जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना लागू करने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के हथकरघा बुनकरों के विकास तथा उनके उत्कृष्ट कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए मान्यवर कांशीराम राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना को जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना के रूप में लागू करने तथा पुरस्कार राशि बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार की धनराशि 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार की धनराशि 21 हजार रुपए से बढ़ाकर 35 हजार रुपए तथा तृतीय पुरस्कार की धनराशि 18 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने का निर्णय लिया गया है। पुरस्कार राशि के साथ शील्ड, प्रमाणपत्र तथा अंगवस्त्रम भी दिया जाएगा। इसी प्रकार परिक्षेत्रीय पुरस्कारों के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार की राशि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार की राशि 08 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए तथा तृतीय पुरस्कार की राशि 06 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का फैसला भी लिया गया है। इन पुरस्कारों के साथ शील्ड, प्रमाणपत्र व अंगवस्त्रम भी दिए जाएंगे।

उ.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1916 में संशोधन के लिए अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उ.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1916 में संशोधन के लिए अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही, मंत्रिपरिषद ने राज्य विधानमण्डल के आगामी सत्र में इसे विधेयक के रूप में पुरःस्थापित कराए जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश की नगरपालिका परिषदों तथा नगर पंचायतों हेतु
उ.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1916 प्रभावी है। इस अधिनियम की धारा 13-घ में नगरपालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों की ‘सदस्यता के लिए अनर्हताएं’ सम्बन्धी प्राविधान किया गया है। प्रदेश के नगर निगमों हेतु प्रभावी उ.प्र. नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा 25 में ‘पार्षदों की अनर्हताएं’ तथा धारा 25-क में ‘महापौर या पार्षद होने या बने रहने के लिए विधायकों पर रोक’ विषयक प्राविधान है।
उ.प्र. नगरपालिका अधिनियम में ‘अध्यक्ष या सदस्य होने या बने रहने के लिए विधायकों पर रोक’ विषयक प्राविधान नहीं है। अतः दोनों अधिनियमों में ‘अनर्हता’ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर एकसमान प्राविधान करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2012 के माध्यम से उ.प्र. नगरपालिका अधिनियम, 1916 की धारा 13-घ में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है।

कृषक दुर्घटना बीमा योजना के मार्गनिर्देशों का निर्धारण
मंत्रिपरिषद ने कृषक दुर्घटना बीमा योजना के क्रियान्वयन हेतु मार्गनिर्देशों का निर्धारण कर दिया है। प्रदेश के लगभग 2.5 करोड़ खातेदार/सहखातेदार कृषकों के लिए संचालित यह योजना 1 अप्रैल, 2012 से प्रभावी होगी।
मार्गनिर्देशों के अनुसार कृषक का तात्पर्य राजस्व अभिलेखों अर्थात खतौनी में दर्ज ऐसे खातेदार/सहखातेदार से है, जिनकी आयु न्यूनतम 12 वर्ष तथा अधिकतम 70 वर्ष हो। बीमा का अधिकतम आवरण 05 लाख रुपए होगा। बीमा के प्रीमियम की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
बीमाधारक की मृत्यु यदि आग, बाढ़, बिजली गिरने, करेन्ट लगने, सांप के काटने एवं जीव जन्तु द्वारा काटने/मारने, नदी, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने, मकान गिरने, वाहन दुर्घटना, डकैती, दंगा, मारपीट तथा आतंकवादी घटना आदि अप्राकृतिक कारणों अथवा किसी अन्य प्रकार की दुर्घटना से होती है तो उसे बीमा का लाभ अनुमन्य होगा। अप्राकृतिक मृत्यु के प्रकार, प्रकृति इत्यादि के सम्बन्ध में इन्श्योरेन्स बीमा कम्पनी द्वारा कोई विवाद उठाए जाने पर सम्बन्धित जिलाधिकारी का निर्णय अन्तिम एवं बाध्यकारी होगा।
इसके अलावा यदि बीमाधारक की मृत्यु आत्महत्या या गम्भीर आपराधिक कार्य करते समय होती है, तो इस दशा में बीमा का लाभ अनुमन्य न होगा। दुर्घटना के फलस्वरूप बीमा धारक को हुई शारीरिक अक्षमता के प्रति बीमा आवरण का लाभ दिया जाएगा।
मृत्यु तथा पूर्ण शारीरिक अक्षमता की स्थिति में देय बीमा धनराशि का 100 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। इसी प्रकार दोनों हाथ अथवा दोनों पैर अथवा दोनों आंखों की क्षति होने पर भी 100 प्रतिशत बीमा राशि का भुगतान किए जाने की व्यवस्था है। एक हाथ तथा एक पैर की क्षति पर भी 100 प्रतिशत बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा। एक हाथ या एक पैर या एक आंख की क्षति होने पर या फिर पचास प्रतिशत से अधिक स्थायी अपंगता होने पर 50 प्रतिशत बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा। पच्चीस प्रतिशत से अधिक स्थापयी अपंगता होने पर 25 प्रतिशत बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा।
योजना के अन्तर्गत कृषकों को एक बीमा आच्छादन कार्ड दिया जाएगा, जिसमें दुर्घटना बीमा योजना का परिचय, उसकी शर्ते एवं अर्हता/प्रक्रिया के बारे में संक्षिप्त उल्लेख होगा। यह कार्ड प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी द्वारा अपने जनपद के समस्त खातेदारों/सहखातेदारों को उपलब्ध कराया जाएगा, जो इस बीमा योजना से आच्छादित होंगे। इस योजना से आच्छादित कृषक को किसी अन्य योजना में मिलने वाले लाभ का प्रभाव इस योजना पर नहीं पड़ेगा।

ठेका गाड़ी परमिट प्राप्त वाहन के रंग निर्धारण हेतु उ.प्र. मोटरयान नियमावली, 1998 में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने ठेका गाड़ी परमिट प्राप्त वाहन के रंग निर्धारण हेतु उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली, 1998 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार ठेका गाड़ी परमिट प्राप्त वाहनों में मैरून रंग की प्रतिदीप्तिशील पट्टी (स्ट्रिप) रखी जाएगी, ताकि यह पट्टी रात में भी दिखाई दे। इन वाहनों की बाॅडी को मैरून, काला या लाल रंग से रंगा जाना प्रतिबन्धित रहेगा, ताकि वह पट्टी साफ दिखाई दे। इस पट्टी में एक वृत्त (सर्किल) रखा जाएगा, जिसमें ‘काॅन्ट्रैक्ट कैरिज’ लिखा जाएगा। इस पट्टी की चैड़ाई ऐसी होगी जो टूरिस्ट परमिट वाहन की पट्टी से मेल खाती रहे।
मोटर कैब हेतु काले और पीले रंग की व्यवस्था को नगरों में अनन्य रूप से संचालित होने वाले ठेका गाड़ी परमिट प्राप्त वाहनों तक ही सीमित रखा जाएगा। सी0एन0जी0 चालित तिपहिया ठेका गाड़ी परमिट प्राप्त वाहनों के रंग निर्धारण सम्बन्धी अधिकार राज्य परिवहन प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश एवं सम्भागीय परिवहन प्राधिकरणों में निहित किया जाएगा। प्रारूप नियमावली के सम्बन्ध में आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करने की दृष्टि से सरकारी गजट में प्रकाशित कराया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया कि ठेका गाड़ी परमिट प्राप्त वाहनों और मंजिली गाड़ी परमिट प्राप्त वाहनों की सरल पहचान के लिए इनके अलग-अलग रंग कर दिए जाएं ताकि मार्ग पर संचालन के समय वाहन का रंग देखकर उसकी श्रेणी की पहचान की जा सके तथा परमिट की शर्ताें व नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर त्वरित कार्यवाही हो सके। इसके तहत प्रथम चरण में ठेका गाड़ी परमिट प्राप्त वाहनों के रंग का निर्धारण करने का निर्णय लिया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

पशुधन मंत्री कल करेंगे विभागीय समीक्षा बैठक

Posted on 18 October 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री श्री पारसनाथ यादव कल यहाँ पशुपालन निदेशालय में पूर्वाह्न 11ः00 बजे समस्त मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारियों तथा उप निदेशक (प्रक्षेत्र) एवं समस्त कृषि प्रक्षेत्र प्रबन्धकों के साथ मासिक समीक्षा बैठक करेंगे।
निदेशक पशुपालन विभाग डाॅ0 रुद्र प्रताप ने यह जानकारी आज यहाँ दी। उन्होंने बताया कि पशुधन मंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के समस्त मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अपने जनपद के एक प्रगतिशील पशुपालक के साथ बैठक में उपस्थित होंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

सवर्ण समाज में हर्ष की लहर

Posted on 18 October 2012 by admin

उच्चन्यायालय द्वारा सवर्ण आयोग गठित करने के आदेश पर सवर्ण समाज में हर्ष की लहर व्याप्त है। सवर्ण समाज पार्टी ने बुधवार को लखनऊ में एक स्वागत सभा आयोजित कर आदेश को ऐतिहासिक बताते हुए। प्रदेश अध्यक्ष डा0 तेज कुमार शुक्ल ने कहा कि प्रदेश एवं केन्द्र सरकार से अविलम्ब सवर्ण आयोग गठित करने की मांग की। पार्टी ने हाईकोर्ट द्वारा तय समय सीमा के भीतर आदेश का अनुपालन न होने पर सर्वोच्च न्यायालय में आवमानना याचिका दखिल करने के साथ ही आन्दोंलन छेड़ने की चेतावनी दी। मालूम हो कि इलाहाबाद उच्चन्यायालय की लखनऊ पीठ ने 16 अक्टूबर को पारित आदेश में केन्द्र और राज्य सरकार को दो माह के अन्दर सवर्ण आयोग बनाने का आदेश दिया है अपने आदेश में अदालत ने कहा है कि बदलते परिवेश में उच्च जाति के लोग भी स्वयं को पीडि़त महसूस करते है।
स्वागत सभा में मुख्य अतिथि के रूप में ससपा के .राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 संजयन त्रिपाठी  ने कहा कि सवर्णों के साथ अत्याचार हो रहा है और वे पीडि़त है, यह मानने को सरकार नही तैयार थी परन्तु उच्चन्यायालय ने इसे स्वीकार कर सवर्णों की सुरक्षा एवं संरक्षा हेतु सवर्ण आयोग के गठन का आदेश जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि देश का सवर्ण समाज त्रासदी का शिकार है और सवर्णों के अधिकरों की रक्षा के लिये अल्पसंख्यक, अनुसूचित, पिछड़ा वर्ग आयोग की भांति सवर्ण आयोग की अवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही देश में सवर्णों का दमन जारी है। हर स्तर पर सवर्णों को मिटाने का कुचक्र चल रहा है। आरक्षण और एस0 सी0/ए0 टी0 एक्ट जैसे सवर्ण विरोधी कानूनों ने सवर्णों को अपने ही देश में दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया है। सवर्णो के संविधान प्रद्त्त मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उसे  न मनचाही शिक्षा लेने दी जायेगी, न नौकरी व रोजगार करने दिया जायेगा न ही मनचाहा प्रतिनिधि चुनने की छूट है हर जगह आरक्षण की मार उसके बराबरी के अधिकारों को चोट पहुचा रही है। देश में सवर्ण विरोधी मानसिकता की राजनीति का बोल बाला है। सवर्णों का वोट लेकर सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस, भाजपा, सपा और बसपा सबने सवर्णों के साथ छल किया है। सवर्णो से वोट लेकर उन्ही के खिलाफ कानून बनाना,  अब यह नही चलेगा।
उन्होंने उच्चन्यायालय के निर्णय पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने प्रदेश और केन्द्र सरकार से अविलम्ब सवर्ण आयोग गठित करने की मांग करते हुए कहा कि यदि न्यायालय द्वारा निर्धारित दो माह के भीतर सवर्ण आयोग गठित नही हुआ तो सवर्ण समाज पार्टी आन्दोलन छेड़ेगी। उन्होंने सवर्णं समाज से संधर्ष के लिये तैयार रहने का का आहवान करते हुए कहा कि सवर्ण आयोग पर सकरार की मंशा साफ नही है। प्रदेश और केन्द्र सरकार इसे पिछले दो वर्षो से टाल रही है। इसके पूर्व यह अदालत ने 13 मई 2010 तथा 8 जून 2010 को भी आदेश जारी कर सवर्ण आयोग के गठन हेतु निर्देशित किया था परन्तु सरकार के कान पर जू नही रेग रही है। सरकार नही चाहती कि देश के सवर्णों का उत्पीड़न रुके और उन्हें इन्साफ मिले। उन्होंने कहा कि सवर्ण आयोग का गठन पार्टीं का मुख्य एजेण्ड़ा है इसके लिये सवर्ण समाज पार्टी अदालत से लेकर सड़क तक अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
स्वागत सभा का संचालन महानगर अध्यक्ष अवधेश कुमार पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर प्रदेश प्र्र्र्र्र्र्रभारी वीरेन्द्र प्रताप सिंह  प्रदेश संयोजक डा0 प्रवीण राष्ट्रीय प्रवक्ता दुर्गाशंकर बाजपेई जगदम्बा बक्स सिंह कमलेश मिश्रा उत्तम सिंह सुनीता तिवारी अनिल रस्तोगी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा0 एम0एस0खान मो0शोएब ;नसीम खान अमित पाण्डेय सौरभ गुप्ता ललित दी़़िक्षत अखिलेश पाण्डेय  समेत भारी संख्या में लोंग उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

सरकार की मंशा रोजगार के अवसर बढ़ाने की है

Posted on 18 October 2012 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में नई औद्योगिक नीति की शुरूआत बंुदेलखण्ड से करने की घोषणा करके यह विश्वास पुख्ता किया है कि प्रदेश की कमान अब एक ऐसे समर्पित नौजवान के हाथों में है जो किसी भी पूर्वाग्रह से अलग हटकर केवल प्रदेश के सर्वागींण विकास को अपना लक्ष्य बनाए हुए है। उन्होंने बेरोजगारी भत्ता बाॅटते समय भी यह भरोसा दिलाया था कि यह तो नौजवानों को अवसाद और कुंठा से बचाने के लिए दिया जा रहा  है जब कि सरकार की मंशा उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की है।
उत्तर प्रदेश मंे पिछली सरकार की गलत नीतियों के चलते औद्योगिक विकास ठप्प हो गया था। बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी आवश्यकताओं का भी अभाव रहा। पूंजी निवेश अवरूद्ध रहा और विकास के नाम पर अनुत्पादक मदों में खजाना लुटाया जाता रहा। जनता ने समाजवादी पार्टी की सरकार बनाई जिसे भ्रष्ट प्रशासन तन्त्र, खाली खजाना और लुटी-पिटी कानून व्यवस्था ही विरासत में मिली।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास दर का लक्ष्य        11Û2 फीसदी तय किया है। प्रदेश में वर्षो बाद नई औद्योगिक एवं अवस्थापना नीति- 2012 बनाई गई है। नई नीति में क्षेत्रीय औद्योगिक विकास असंतुलन को दूर करने का लक्ष्य रखा गया है। इस सम्बन्ध में पूर्वान्चल, बुन्देलखण्ड और मध्यांचल क्षेत्रों में उद्यमियों को विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं तथा स्टाम्प ड्यूटी में पूरी छूट दी गई है। इसके अलावा नई नीति में वित्तीय अनुदान कर में छूट देने, औद्योगिक वातावरण में सुधार लाने और दक्षता विकास बढ़ाने के खास प्राविधान हैं। उद्यमियों से संबंधित सभी विभागों में समस्त प्रक्रियाओं को सरल करते हुए ई-गवर्नेस को बढ़ावा दिया जा रहा है।
राज्य सरकार इस संबंध में कितनी गंभीर है इसी से स्पष्ट है कि मुख्य सचिव ने नई औद्योगिक नीति से सम्बन्धित शासनादेश 25 अक्टूबर, तक निर्गत करने के लिए विभागीय सचिवों को निर्देशित किया है। उद्योग लगाने में असुविधाएं न हांे इसलिए प्रदूषण विभाग से सहमति लेने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया जा रहा है। श्रम, पर्यावरण, कर एवं औषधि तथा खाद्य प्रशासन आदि विभाग शिकायत के आधार पर जाॅच जिलाधिकारी की पूर्व अनुमति के आधार पर करेंगे। इन व्यवस्थाओं का आधार यह है कि इंस्पेक्टर राज की पुनरावृत्ति न हो। श्रमिकों और उनके परिवारों की सुरक्षा पर भी इस नीति में पर्याप्त व्यवस्थाएं होंगी। स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में समग्र विकास के लिए संकल्पबद्ध है और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव इसेे उत्तम प्रदेश बनाने को प्रतिबद्ध हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

October 2012
M T W T F S S
« Sep   Nov »
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
-->









 Type in