Categorized | लखनऊ.

शैक्षिक सत्र 2012-13 की पढ़ाई की शुरूआत नवम्बर 2012 से की जायेगी

Posted on 18 October 2012 by admin

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र 2012-13 की पढ़ाई की शुरूआत नवम्बर 2012 से की जायेगी। यह निर्णय आज यहां विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउन्सिल की दूसरी बैठक में लिया गया।
यह जानकारी कुलपति डा0 अनीस अंसारी आई0ए0एस0(से0नि0) ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रोफेसर के 10, एसोसिएट प्रोफेसर के 20 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 44 कुल मिलाकर 74 पद स्वीकृत किये हैं। इनमें से 50 प्रतिशत पदों के लिये भर्ती की प्रक्रिया आगामी नवम्बर तक पूर्ण हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद पढ़ाई शुरू की जायेगी। उन्होंने बताया कि एकेडमिक काउन्सिल ने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक समान पाठ्यक्रम लागू किये जाने के संबंध में राज्य सरकार के फैसले को इस विश्वविद्यालय में भी लागू किया जायेगा। अगर विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में किसी संशोधन की आवश्यकता महसूस करता है तो एकेडमिक काउन्सिल से पास कराने के बाद संशोधित पाठ्यक्रम लागू किया जा सकेगा। एकेडमिक काउन्सिल ने यह निर्णय भी लिया है कि एम0बी0ए0 में प्रवेश विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्तांको के आधार पर किया जाये।
कुलपति ने बताया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य यह है कि उर्दू, अरबी और फारसी भाषा और उनकी संस्कृति को बढ़ावा दिया जाय। अतः पाठ्यक्रमों का चयन करते समय ऐसे पाठ्यक्रमों
को वरीयता दी गयी है, जिसके छात्र/छात्राओं को आसानी से रोज़गार मिल सके। इन दोनों उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि छात्र/छात्राओं, कर्मचारियों और शिक्षकों का चयन करते समय ऐसे उम्मीदवारों को वरीयतो दी जाये, जो उर्दू, अरबी या फारसी और कम्प्यूटर की व्यवहारिक जानकारी रखते हों। सभी पाठ्यक्रमों में उर्दू, अरबी या फारसी को विद्यार्थियों की इच्छा के अनुसार अनिवार्य विषय के रूप मंे पढ़ाया जायेगा और इन विषयों के प्राप्तांकों को मार्कशीट में जोड़ा जायेगा। यही प्रक्रिया एम0बी0ए0 के अतिरिक्त अन्य पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों और शिक्षकों के चयन के समय लागू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से भाषाओं के अतिरिक्त अन्य विषयों की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होगी किन्तु विद्यार्थियों की इच्छा पर उर्दू में भी पढ़ाने का प्रबन्ध किया जायेगा।
डा0 अन्सारी ने बताया कि एकेडमिक काउन्सिल ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को धन्यवाद दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के 74 पदों के अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये वार्षिक बजट द्वारा उपलब्ध कराने का प्रबन्ध किया। विश्वविद्यालय का नाम सूफी सन्त और लेखक ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के नाम पर रखने के राज्य सरकार के निर्णय के लिये एकेडमिक काउन्सिल ने श्री अखिलेश यादव को मुबारकबाद दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार से विश्वविद्यालय को अब तक 174.25 करोड़ रुपये मिले हैं। यह धनराशि निर्माण निगम द्वारा निर्माण कार्यों पर व्यय की जा चुकी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in