Posted on 14 October 2012 by admin
खेल प्रतिस्पर्धा में नियमावली को दरकिनार रखकर खिलाडि़यों का चयन करना खेल की गुणवत्ता में कमी लाना है इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला। अभी हाल ही में खेल निदेशालय द्वारा आयोजित सब जूनियर बालक हाॅकी टीम रामपुर खेलने गयी थी। वहां से चयनित हाॅकी टीम को 15 से 20 अक्टूबर तक उत्तराखण्ड में खेली जाने वाली हाॅकी इन्डिया की राष्ट्रीय टीम में हिस्सा लेना था। वहां की चयन प्रक्रिया में एक बड़ी गड़बड़ी प्रकाश में आयी है। इस गड़बड़ी पर चयनकर्ता तथा निदेशालय चुप्पी साधे हैं।
सुविज्ञ सूत्रों से ज्ञात हुआ है जो टीम उत्तराखण्ड भेजी गयी है उसमें दो ऐसे खिलाडि़यों का चयन किया गया है जिन्होंने राज्य स्तरीय रामपुर वाली टीम में भाग ही नहीं लिया। उनका चयन चयनकताओं ने किस आधार पर किया है यह शंसय के दायरे में है। इस तरह की अनियामितता से हाॅकी जैसे खेल में लगे अन्य होनहार खिलाडि़यों को अपनी प्रतिभा दिखाने से वंचित होना पड़ता है।
जिन खिलाडि़यों का गलत चयन हुआ है वह लखनऊ हास्टल के अभय कुमार और एहतेशाम हैं। जो कि मीडिया को निदेशालय ने विगत दिवस सूची प्रेषित कर दी थी
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 October 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के हज एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व राज्य हज समिति के अध्यक्ष मोहम्मद आज़म खाँ के प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश के बचे हुये हज यात्रियों में से 299 को एक विशेष उड़ान के ज़रिये आज यहाँ चैधरी चरण सिंह अमौसी एअरपोर्ट से सऊदी अरब रवाना किया गया। उड़ान संख्या- एस.वी. 5733 से जाने वाले इन हज यात्रियांे में 151 पुरुष, 145 महिलायें, 02 बच्चे व एक शिशु शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार लखनऊ से हज यात्रियों की रुटीन उड़ानों का सिलसिला विगत 05 अक्टूबर को खत्म होने के बाद भी प्रदेश के लगभग 500 हज यात्री हज पर जाने के लिये बाकी बचे थे। इनमें से आज जाने वाले 299 हज यात्रियों सहित 418 यात्रियों के पासपोर्ट वगैरह हज कमेटी आॅफ इण्डिया से प्राप्त हो चुके हैं। इस तरह अब जो यात्री शेष बचे हैं उन्हें भी आगामी चार-पांच दिनों में यहीं से हज यात्रा पर भेजा जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 October 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने सपा सरकार पर एन0आर0एच0एम0 में धांधली व जोर जबर्दस्ती के आधार पर नियम विरूद्ध निुयक्तियां कराने का आरोप लगाया है। प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने आज रविवार को पार्टी मुख्यालय पर सम्वाददताओं से वार्ता करते हुए कहा कि मंत्री और सी0एम0ओ0 विवाद में अधिकारियों की ही जांच कराने और मंत्री से सिर्फ त्यागपत्र ही लेने की सरकारी कार्रवाई से राज्य के अधिकारियों पर दबाव बनाने की ही सरकारी साजिश दिखाई पड़ रही है। सरकार चाहती है कि नियुक्तियों में सपा नेताओं के आग्रह माने जाएं। नियमों प्राविधानों की समीक्षा आदि की बातें बहानेबाजी हैं। सपा अपने मूल स्वभाव में कभी भी नियमपसंद नहीं रही। सपा पीछे छः माह से धौंस और जोरजबर्दस्ती के जरिए नौकरशाही को कुन्द करने का अभियान चला रही है।
श्री दीक्षित ने कहा कि सपा नेताओं व मंत्रियों के आचरण और धांधली की आलोचना विपक्षी दलों ने ही नहीं की। सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने भी कई दफा मंत्रियों के आचरण और कार्यव्यवहार पर तल्ख टिप्पणियां की हैं। सपा ने पूरे राज्य में भय और दहशत का माहौल बनाया है। एन0आर0एच0एम0 की नियुक्तियों के मामले में राज्य के अधिकांश जिलों के अधिकारी तनावग्रस्त हैं। उन पर बेजा दबाव पड़ रहे हैं। यही स्थिति पी0डब्लू0डी0 व सिंचाई विभागों की भी है। पुलिस विभाग पर बेजा दबाव से तो राज्य का तंत्र ही विफल हो गया है। ध्वस्त कानून व्यवस्था इसी का परिणाम है। राज्य दलीय तानाशाही की ओर अग्रसर है। भाजपा इस सरकारी नीति का विरोध करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 October 2012 by admin
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन द्वारा छात्रों के उत्साहवर्धन हेतु लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र/छात्राओं के लिए ‘‘मेधावी 2012’’ क्विज कम्पीटीशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत कल दिनांक 15अक्टूबर,2012 को मध्यान्ह 1.00बजे ‘‘मेधावी 2012’’ प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन गांधी भवन सभागार, निकट शहीद स्मारक, लखनऊ में किया गया है। जिसमें क्विज कम्पीटीशन में विजयी प्रतिभागी छात्र/छात्राओं को पुरस्कार वितरित किया जायेगा।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रोहित चैधरी, सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री सुश्री नगमा, नेहरू युवा केन्द्र के वाइस चेयरपरसन श्री बी0पी0 सिंह मौजूद रहेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 October 2012 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में मतदाताओं ने कुशासन से त्रस्त होकर सात महीने पहले बसपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। समाजवादी पार्टी की सरकार के ऊर्जावान युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सात माह पूर्व शपथ ग्रहण के साथ ही चुनावी वायदों को पूरा करने का संकल्प लिया था। उन्होंने छात्रसंघ बहाली, बेकारी भत्ता, कन्या विद्याधन, भूमिसेना, कृषकों की कर्ज से बंधक जमीन की नीलामी पर रोक, पुलिस कर्मियों को उनके जनपद के आस पास तैनाती, नहर एवं सरकारी ट्यूवबेल से सिंचाई निःशुल्क करने और मुस्लिमों के कब्रिस्तानों की बाउण्ड्रीवाल बनवाने जैसे निर्णय करके यह संदेश दिया है कि समाजवादी पार्टी की कथनी और करनी में कोई भेद नहीं है।
मुख्यमंत्री जी की निगरानी में सड़क, बिजली, पानी, षिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में तेजी से काम शुरू हुआ है। वर्षों से व्याप्त जड़ता को तोड़ते हुये श्री अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था को अपनी प्राथमिकता में रखा है और गाॅव-गरीब को राहत पहुॅचाने वाली योजनाओं को आगे बढ़ाया है। गरीब महिलाओं को दो-दो साडि़याॅ, वृद्धजनों को कंबल तथा आपदा के मारे किसानों का बीमा, 50 हजार रूपए तक की कर्ज माफी उनके ऐसे निर्णय हैं जो आम आदमी के हित के हैं। मुख्यमंत्री जी ने बसपा राज की तरह पत्थरों पर जनता की गाढ़ी कमाई नहीं लुटाई है।
सपा सरकार के अब तक किए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की अनदेखी करते हुए बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री सरकार की अनर्गल और निराधार आलोचना करती हैं। जिन लोगों ने प्रदेश में लोकतंत्र का गला घोंटा, दलित या गरीब आदमी को पास नहीं फटकने दिया। विकास की जगह सिर्फ भ्रष्टाचार का प्रसार किया उन्हें अब मुख्यमंत्री का सर्वसुलभ होना आंखों में खटकता है। इतने कम समय में प्रदेश की तस्वीर को मुख्यमंत्री जी ने काफी हद तक निखारने की कोशिश की है।
मुख्यमंत्री जी भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और उसे किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करते हैं। विधानसभा चुनावों के दौरान भी श्री अखिलेश यादव ने यह स्पष्ट कर दिया था कि समाजवादी पार्टी में अराजक तत्वों को कतई जगह नही मिलेगी। सरकार बनते ही शपथ ग्रहण के मौके पर उत्साह के अतिरिक्त जोश में जिन नौजवानों ने मंच पर चढ़ने की कोशिश की थी उन्हें तत्काल निलंबित कर उन्होंने अपनी बात का एहसास कराया था।
श्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश को विकास का नया एजेण्डा दे रहे है। विकास के लिए आवश्यक माहौल बने इसके लिए कानून व्यवस्था की स्थिति का नियंत्रण में होना परम आवश्यक हैं। अपराधों पर नियंत्रण से ही प्रदेश में बाहरी पूंजी का आना संभव होगा और उद्योग धंधें भी लग सकेंगे। प्रदेश में प्रशासन तंत्र को पिछले पाॅच सालों में पार्टी का पिछलग्गू तंत्र बना दिया गया था। बसपा के दबंगों के आगे पुलिस और दूसरे अधिकारी असहाय हो जाते थे। श्री यादव ने प्रशासनिक मशीनरी को पारदर्शिता के साथ अपना काम करने का संदेश दिया है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जो कड़े कदम उठाए हैं उससे जनता को भी सही संदेश जाएगा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों एवं किसी भी वर्ग के कमजोर लोगों पर अगर गुंडे, अपराधी एवं माफिया जुल्म ज्यादती करते हैं तो उन पर शासन कड़ी कार्यवाही करेेगा। इसके साथ ही प्रशासन में पारदर्शिता न रखने वाले भी चिन्हित होंगे तथा जो धौंसपट्टी से काम कराना चाहते हैं उन्हें भी कहीं संरक्षण नहीं मिलेगा। उत्तर प्रदेश अब पिछली सरकार की जन विरोधी नीतियों से निजात पाने का पूरी तरह निर्णय कर चुकी है और मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का संकल्प पूरा करने का इरादा कर लिया है। उसी रास्ते पर मंजिल की ओर समाजवादी सरकार आगे बढ़ रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 October 2012 by admin
मुख्यमंत्री जी घर आए हुए को निराश नहीं करते हैं। बुधवार को जनता से भंेट का कार्यक्रम निर्धारित है परन्तु कोई प्रार्थी जब भी दिख जाए वह उसकी बात अवश्य सुनते हैं। आज रविवार का दिन था अवकाश का दिन लेकिन जब 5-कालिदास मार्ग पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा तो मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने हरेक से मिलकर उसकी परेशानी जानी और फिर कार्यवाही के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री जी से आज मिलने के लिए जहाॅ आम जनता की भीड़ थी वहीं सांसद, विधायक तथा पार्टी के कुछ नेता भी आए हुए थे। सांसद पकौड़ी लाल कोल एवं विधायकगण विशम्भर सिंह यादव, धर्मेश तोमर, गुड्डू पंडित, मुख्यमंत्री जी से मिले तो भोपाल से आए शाहजहाॅ खाॅ जादूगर भी अपना हुनर दिखाने पहुंचे थे। मथुरा के रितेश बंसल, खदरा लखनऊ की श्रीमती ककसा और सीतापुर के भूपलाल को आर्थिक मदद चाहिए थी तो जखनियाॅ, गाजीपुर की श्रीमती शाहजहाॅ पत्नी इदरीस को आवास की दिक्क्त है। कानपुर की आसमां, मुसद्दी और नूरजहाॅ को बी0पी0एल कार्ड मिलने में दिक्कत की शिकायत है। जालौन के मोहम्मद इस्लाम उत्पीड़न के षिकार हैं तो लखीमपुर खीरी के सरदार स्वर्णजीत सिंह पट्टे पर खेती की जमीन के प्रार्थी हैंें।
मुख्यमंत्री आवास पर श्री अखिलेश यादव से भेंट करने वालों में प्रमुख थे सर्वश्री श्याम लाल सैनी, मुजफ्फरनगर, श्री फिरोज खाॅ सम्भल, श्री सिद्धगोपाल साहू, हमीरपुर, श्रीमती जरीना उस्मानी, बाराबंकी, हाजी इमरान काजी, सिकंदराबाद, चैधरी निसार अहमद, बादल यादव, मुकेश यादव उमीउद्दीन बुलन्दशहर, कैप्टन अर्जुन ंिसंह गाजीपुर, श्रीमती कैसरजहाॅ कानपुर, नजमा बहराइच आदि सैकड़ोे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 October 2012 by admin
शूद्र जैसी फि़ल्में मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि समाज को बांटने का माध्यम सिद्ध होंगी क्योंकि अब इस आधुनिक सभ्य समाज में वह सबकुछ संभव नहीं जैसा कि उक्त फि़ल्म में दिखाया जा रहा है। दलितों के लिए मंदिर में प्रवेश वर्जित है। ठाकुरों को मारकर शूद्र पेशाब करते हैं। ब्राह्मण शूद्र के बेटे की जुबान कटवा देते हैं क्योंकि वो ¬ नमः शिवाय महामंत्र बोलता है। सेंसर बोर्ड को भी हम कहना चाहते हैं कि उक्त विघटनकारी फि़ल्म का प्रसारण तत्काल रोक लगायें। उक्त बात बजरंग दल के प्रान्त संयोजक राकेश वर्मा ने प्रेसवार्ता में कही। क्योंकि इस पिक्चर का उद्देश्य हिन्दू समाज में जातीय संघर्ष को बढ़ावा देना और सामाजिक विघटन पैदा करके जातीय हिसा को भड़काना है।
वर्तमान भारत में अपवाद स्वरूप भी उक्त पिक्चर में दिखाई गई घटनाएं नहीं हो रही हैं क्योंकि इस तीव्रता वाले समाज में उक्त घटनाएं संभव हो नहीं दिखती। 1947 में प्राप्त हुई स्वतंत्रता के पश्चात् भी किसी दलित का मंदिर में प्रवेश नहीं हो रहा है। पूजा करने से रोका जा रहा है।
प्रान्त संयोजक वर्मा ने कहा कि जैसा फि़ल्म के ट्रेलर को देखने से पता चलता है जिस प्रकार के अत्याचार, अनाचार, जातीय विद्वेष का चित्रण इसमें है। अब कहीं देखने में नहीं आता। हो सकता है पूर्व के समय में ऐसा कुछ हुआ हो परन्तु अब इस हाइटेक युग में उक्त फि़ल्माई गई बातें संभव नहीं हैं।
अब तो मदिरों में दलित, पिछड़े वर्ग के पुजारी भी होने लगे हैं। सभी को पूजा का समान
अधिकार प्राप्त है। साथ में ही उठ-बैठकर भोजन-पानी होता है। घरों में एक-दूसरे के आना-जाना भी होता है। ऐसे में यह फि़ल्म पूर्ण रूप से हिन्दू समाज को बांटने का षडयंत्र है।
बजरंग दल इसे सहन नहीं करेगा और प्रदेश सरकार से यह मांग भी करता है कि इस फि़ल्म के उत्तर प्रदेश मं रिलीजिंग पर रोक लगाये अन्यथा इसे रोकने हेतु सिनेमा हाॅलों पर धरना-प्रदर्शन के साथ ही पूरे प्रदेश में प्रचंड आंदोलन किया जायेगा और मा. न्यायालय में भी उक्त प्रकरण को पहुंचाया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 October 2012 by admin
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज यहां कहा कि विकास सर्वसमावेशी होना चाहिए और विकास के रास्ते में आने वाली बाधाएं चाहें वे कानूनी हों अथवा प्रशासनिक हों, उन्हें दूर करने के लिए सबको मिलजुल कर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के विकास के लिए बाधाओं को दूर किया ही जाना चाहिए ताकि गरीबों को इसका लाभ मिल सके।
राष्ट्रपति ने यह बात आज यहां होटल ताज विवांता में दैनिक जागरण ग्रुप द्वारा आयोजित छठवें जागरण फोरम में ‘चलो आज कल बनाते हैं’ शीर्षक से आयोजित लोकतंत्र और विकास पर केन्द्रित चर्चा का शुभारम्भ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस चर्चा के लिए निश्चित की गई विषय-वस्तु देश और काल के संदर्भ में प्रासंगिक है। हमारे देश का लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा फलता-फूलता लोकतंत्र है, जिसमें 70 करोड़ मतदाता 543 प्रतिनिधियों को प्रत्येक पांच वर्ष में अथवा कम समय में भी चुनने के लिए मतदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें मात्र इसी तथ्य के मद्देनजर आत्म-संतुष्ट नहीं होना चाहिए, बल्कि निरन्तर इसकी कमियों पर नजर डालते हुए इसमें सुधार के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। हमारे लोकतंत्र का चैमुखी, प्रभावी और सर्वसमावेशी सतत विकास अत्यन्त आवश्यक है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यह आवश्यक है कि विकास के लाभ समाज के निचले स्तर तक पहुंचें और इसका लाभ गरीबों, महिलाओं तथा अल्पसंख्यकों को अवश्य मिले। उन्होंने कहा कि आजादी के उपरान्त भारत में वयस्क मताधिकार के रास्ते को अपनाया गया, जिसका लाभ आज हम सभी को मिल रहा है। हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक विकास का सबसे बड़ा अधिकारपत्र है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्र भारत के प्रथम बजट का आकार मात्र 293 करोड़ रुपये का था परन्तु लोकसभा में चर्चा हेतु उपलब्ध समय के 60 प्रतिशत का प्रयोग धन और वित्त की व्यवस्था के लिए प्रतिनिधियों द्वारा किया गया, इसी परिप्रेक्ष्य में आवश्यक है कि अब जब बजट का स्वरूप लाखों-करोड़ों रुपये का हो गया है तब धन और वित्त की व्यवस्था के लिए लोकसभा में प्रतिनिधियों द्वारा और अधिक समय दिए जाने की आवश्यकता है।
इससे पूर्व प्रदेश के राज्यपाल श्री बी.एल. जोशी ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि लोकतंत्र और विकास पर चर्चा का आयोजन कर जागरण ने राज्य के विकास में सकारात्मक सहयोग का प्रयास किया है और इस परिचर्चा से प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जाने के नए मार्ग खुलेंगे।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने भी राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने लोकसभा सदस्य के रूप में लोकसभा में वित्तमंत्री के रूप में श्री प्रणब मुखर्जी को कार्य करते देखा है और उनकी कार्यप्रणाली से बहुत कुछ ग्रहण किया है कि कैसे सदन में मुद्दों को संभाला जाता है। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रपति अपने संबोधन में सरकार चलाने के संबंध में जो इंगित करेंगे, हम उससे लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि इस चर्चा में आज हमारी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं जिससे चर्चा का लाभ सरकार को मिलेगा और नीतियां बनाने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सड़क, शिक्षा, अस्पताल, दवाएं और अवस्थापना विकास इन सभी क्षेत्रों में हमें सकारात्मक सुझाव की आवश्यकता है। लोगों को ये सभी चीजें चाहिए और चूंकि जनसंख्या की दृष्टि से हमारा राज्य विश्व के पांचवें बड़े राष्ट्र के बराबर है इसलिए एक बड़ी आबादी को विकास के लाभ की दरकार है। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपति द्वारा दिए गए सुझावों पर गम्भीरता से गौर करेंगे।
चर्चा का शुभारम्भ राष्ट्रपति, राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री द्वारा सरस्वती पूजन और दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
उपस्थित गणमान्य वक्ताओं और अतिथियों में केन्द्रीय मंत्री श्री जयराम रमेश, नेता विपक्ष राज्य सभा श्री अरूण जेटली, राज्य के प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्रा, पूर्व मंत्री श्री लाल जी टण्डन, मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव सूचना एवं मण्डलायुक्त श्री संजीव मित्तल, पूर्व मुख्य सचिव श्री योगेन्द्र नारायण तथा अन्य महानुभाव शामिल थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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