खेल प्रतिस्पर्धा में नियमावली को दरकिनार रखकर खिलाडि़यों का चयन करना खेल की गुणवत्ता में कमी लाना है इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला। अभी हाल ही में खेल निदेशालय द्वारा आयोजित सब जूनियर बालक हाॅकी टीम रामपुर खेलने गयी थी। वहां से चयनित हाॅकी टीम को 15 से 20 अक्टूबर तक उत्तराखण्ड में खेली जाने वाली हाॅकी इन्डिया की राष्ट्रीय टीम में हिस्सा लेना था। वहां की चयन प्रक्रिया में एक बड़ी गड़बड़ी प्रकाश में आयी है। इस गड़बड़ी पर चयनकर्ता तथा निदेशालय चुप्पी साधे हैं।
सुविज्ञ सूत्रों से ज्ञात हुआ है जो टीम उत्तराखण्ड भेजी गयी है उसमें दो ऐसे खिलाडि़यों का चयन किया गया है जिन्होंने राज्य स्तरीय रामपुर वाली टीम में भाग ही नहीं लिया। उनका चयन चयनकताओं ने किस आधार पर किया है यह शंसय के दायरे में है। इस तरह की अनियामितता से हाॅकी जैसे खेल में लगे अन्य होनहार खिलाडि़यों को अपनी प्रतिभा दिखाने से वंचित होना पड़ता है।
जिन खिलाडि़यों का गलत चयन हुआ है वह लखनऊ हास्टल के अभय कुमार और एहतेशाम हैं। जो कि मीडिया को निदेशालय ने विगत दिवस सूची प्रेषित कर दी थी
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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