Archive | May, 2012

पं. जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित

Posted on 28 May 2012 by admin

भारत के राष्ट्रनायक-पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर आज प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में पूर्वान्ह श्रद्धांजलि सभा एवं सर्वधर्म पाठ वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। कार्यक्रम में सर्वप्रथम पं. नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गय।, तदुपरान्त सर्वधर्म पाठ में भन्ते सुमित पाल ने बौद्ध पाठ, आचार्य मोहित शुक्ला ने गीता पाठ, हाफिज रिजवान ने कुरान पाठ एवं भाई वीर सिंह ने गुरू ग्रन्थ साहब का पाठ कर पं0 नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा में पं. नेहरू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए पूर्व मंत्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी ने कहा कि आधुनिक भारत के महान शिल्पी पं. नेहरू के विचार आज और भी प्रासंगिक हो गये हैं। पं. नेहरू आधुनिक भारत के निर्माता एवं शांति के पुजारी थे। श्री द्विवेदी ने कहा कि पं. नेहरू ने देश की आजादी के बाद भारत को आर्थिक, सामाजिक एवं प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने तथा देश के विकास के लिए अपना जो योगदान दिया है उसे कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता है। उन्होने कहा कि पं. नेहरू युगदृष्टा थे। उनके पंचशील सिद्धान्त और देश के विकास के लिए उनके द्वारा जो ताना-बाना बुना गया, उसी का परिणाम है कि आज हमारा देश विकासशील देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। उन्होने उपस्थित कंाग्रेसजनों से अपील की, कि वह पं. नेहरू के बताये रास्ते पर चलते हुए देश व प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें।
प्रदेश कंाग्रेस के मीडिया सचिव विजय सक्सेना ने बताया कि कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्री श्याम किशोर शुक्ल, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री-प्रभारी प्रशासन श्री प्रदीप श्रीवास्तव, पूर्व एमएलसी श्री सिराज मेंहदी, प्रवक्ता श्री द्विजेन्द्र त्रिपाठी, श्री सुबोध श्रीवास्तव, श्रीमती मीरा सिंह, जिलाध्यक्ष श्री सिराजवली खां‘शान’, श्री ओंकार नाथ सिंह, श्री रामकृष्ण पूर्व आईएएस, श्री बंशीधर राज पूर्व मंत्री, श्री रमेश मिश्रा, श्री गिरिजा शंकर अवस्थी, श्री विजय बहादुर सिंह, श्री सुभाष श्रीवास्तव, श्री एस.जे.एस. मक्कड़, श्रीमती सविता सिंह, श्री विजय सक्सेना, श्री आशुतोष मिश्र, श्रीमती अनीता उपाध्याय, श्रीमती सुशीला शर्मा, श्रीमती नूतन बाजपेई, श्री मुन्ना लाल भारती, श्री सुरेश चन्द्र वर्मा, श्रीमती सुशीला सोनकर, श्री होरी लाल सहित सैंकड़ों कांग्रेसजन उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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खिलाडि़यों का चयन स्कूल स्तर से किया जाएगा और उनकी ट्रेनिंग, शिक्षा एवं छात्रावास में भोजन की मुफ्त व्यवस्था की जाएगी

Posted on 28 May 2012 by admin

021समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी, एलएलसी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी खेलकूद को प्रोत्साहन देने और खिलाडि़यों को सम्मान तथा नौकरी देने के लिए प्रतिबद्ध है। पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में हर जिला मुख्यालय में स्टेडियम बनवाने और खेल कूद में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को नौकरी देने का वायदा किया गया है। खिलाडि़यों का चयन स्कूल स्तर से किया जाएगा और उनकी ट्रेनिंग, शिक्षा एवं छात्रावास में भोजन की मुफ्त व्यवस्था की जाएगी।
श्री चैधरी आज यहाॅ के0डी0 ंिसंह बाबू स्टेडियम में इण्टर स्टेट साइकिल स्टंटिग चैम्पियनशिप के खिलाडि़यों के पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन लखनऊ ऐडवेंचर स्पोटर््स साइकिल स्टंटिंग एसोसिएशन ने किया था। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव स्वंय खेल प्रेमी हैं। उन्होंने खूब साइकिल चलाई है। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 300 कि0मी0 साइकिल यात्रा की है और एक बार तो लगातार 80 कि0मी0 तक उन्होंने साइकिल चलाई है। श्री चैधरी ने कहा अपने स्कूली दिनों में उन्होंने भी साइकिल सवारी की है।
साइकिल स्टंट के प्रतिभागियों को बधाई देते हुये श्री चैधरी ने कहाकि इस करतब को सीखने में नौजवानों ने काफी परिश्रम किया है। साइकिल चलाने से स्वास्थ्य ठीक रहता है। अब तो पेट्रोल की मंहगाई में कार रखना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में साइकिल का ही सहारा लेना होगा।
आज की प्रतियोगिता में विभिन्न जनपदों के 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें श्री आयुष गुप्ता सर्वश्रेष्ठ साइकिल स्टंटर रहे। आयूष ने जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान पाया है। जूनियर वर्ग में मो0 हसन द्वितीय तथा सैफ अब्बास तृतीय रहे। जबकि सब जूनियर वर्ग में अभिषेक प्रथम, अमन सोहेल द्वितीय तथा आदित्य शुक्ला तृतीय स्थान पर रहे। सीनियर वर्ग में मनीष सिंह प्रथम, निक्की द्वितीय तथा शोभित खरे तृतीय स्थान पर रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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सर्वधर्म सम्भाव सम्मेलन में धर्म गुरुओं का हुआ सम्मान

Posted on 28 May 2012 by admin

ऽ    परणोपरान्त विभिन्न क्षेत्रों में किए गये  महान कार्यो के लिए महापुरुषों का भी हुआ विधिवत चुनाव
ऽ     विभिन्न क्षेत्रों में किए गये कार्यो के लिए हुआ नागरिक अभिनन्दन

photo-nसोना संदेष मीडिया मंच की ओर से सर्वधर्म सम्भाव सम्मेलन आयोजित  किया गया। जिसमंे विभिन्न धर्म सम्प्रदाय के गुरुओं के साथ की जनपद के महापुरुषों के मरणोपरान्त भी सम्मान किया गया। ज्ञात हो कि सोना संदेष मीडिया मंच कई वर्षों से समाचार जगत में किए गये कार्यों के लिए, समाज में अद्वितीय कार्यों के लिए महापुरुषों का सम्मान करती चली आ रही है। उसी परिप्रेक्ष्य में आज मो0 ष्षकील अहमद, ष्षब्बीर अहमद, स्वामी निर्मलदास,सरदार कुलदीप सिंह, बाबा नाग गिरदास जी को ष्षाल व माला पहना कर सम्मानित किया। मरणोपरान्त षिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य के लिए स्व0 पं0 राम किषोर त्रिपाठी, राजनीति एवं समाज में अद्वितीय योग दान के लिए स्व0 त्रिभुवन नाथ सण्डा, साहित्य क्षेत्र में स्व0 जगपति सिंह एवं संगीत व कला तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में अहम भूमिका के लिए स्व0 महेन्द्र प्रताप ष्षाही को , उनके परिवार के लोगों को सम्मानित किया गया। स्व0 त्रिभुवन नाथ सण्डा के पुत्र अनूप सण्डा जो सुलतानपुर के विधायक हैं के न आने पर उनका सम्मान डा0 वी0सी0 मिश्रा वैद्य को सौंपा गया। तत्पष्चात षिक्षा के क्षेत्र में विमल श्रीवास्तव प्राचार्य महात्मा गाॅधी डिग्री कालेज कूरेभार को बाबू षिवषरण लाल श्रीवास्तव, समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए सरिता मिश्रा को किरन मिश्रा तथा न्यायिक कार्यों में प्रतिबद्धता के लिए राम केवल दुबे का राजेष द्विवेदी अधिवक्ता ने षाल ओढ़ा कर नागरिक अभिनन्दन किया। सम्मेलन को डा0 अरविन्द चतुर्वेदी, डा0 मन्नान, डा0 डी एस मिश्रा, हरिष्चन्द्र श्रीवास्तव आदि लोगों  ने अपने विचार व्यक्त किए।  सभी वक्ताओं ने  एक ही बात कही कि सभी इन्सानों का लहू एक है ,सभी एक ही बनाए बन्दे ह,ैं सभी को सभी के धर्मो का आदर करना चाहिए, सभी को यही पैगाम भी देना चाहिए।  कार्य का संचालन संत तुलसी दास डिग्री कालेज के प्रवक्ता डा0 ओंकार नाथ द्विवेदी ने किया। सम्मेलन में मुख्य रूप से राम नाथ मिश्र, सलीम अहमद, अब्दुल मन्नान, श्री नारायण लाल, श्रीष, ओम प्रकाष पांडेय, उषा श्रीवास्तव, जयंत त्रिपाठी, आनंद कृष्ण जायसवाल, आनन्द जी कुॅवर,  डा0 अवधेष षुक्ला, जितेन्द्र श्रीवास्तव, निसार अहमद,द्वारिका दुवे, अनिल द्विवेदी, षिव सागर तथा राधेष्याम तिवारी आदि उपस्थित रहे।  कार्यक्रम में सोना संदेष के सॅपादक अजय मिुश्रा व सह संपादक किरन मिश्रा को विषेष योग दान रहा। अन्त में मीडिया मंच के संस्थापक डा0 वी0सी0 मिश्रा वैद्य ने आये हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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नगर निकाय के चुनाओं की घोषणा होते ही सियासी पारा चढ़ा

Posted on 28 May 2012 by admin

ऽ    अध्यक्ष व सभासद पद प्रत्याषियों ने मतदाताओं से जन सम्पर्क किया तेज
ऽ    , सपा व बसपा के मैदान में आने की घोषणा से चुनाव रोचक होने के आसार
ऽ    पार्टी वुनाव चिन्ह कि बिना नेताओं को चुनाव लड़ने की दोनों पार्टियों ने दी हरी झण्डी

नगर पंचायत, नगर पालिका एवं नगर निगम के अध्यक्ष एवं सभासद पद के निर्वाचन के लिए चुनाव आयोग द्वारा आदर्ष आचार संहिता जारी करने से अध्यक्ष एवं सभासद पद के प्रत्याषियों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाना षुरू कर दिया है। प्रत्याषी नगर के मोहल्ले-मोहल्ले जाकर मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान करने के लिए विनती कर रहे हैं। जनपद में नगर पालिका अध्यक्ष एवं सभासद पद के लिए आगामी 01 जलाई को मतदान की तिथि नियत की गई है। सम्भावित प्रत्याषी जहाॅ  दिन रात एक कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं वहीं मतदाता भी अपने पत्ते नहीं खोलने के मूड में है। जिसके चलते  प्रत्याषियों की धड़कने बढ़ी हुईं हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय पार्टियाॅ अध्यक्ष एवं सभासद पद के उम्मीद्ववारों को चुनाव चिन्ह आवंटित करेगी वहीं बसपा एवं सपा द्वारा चुनाव चिन्ह प्रत्याषियों के लिए आवंटित न करने की जानकारी मिली है।  ज्ञात हो कि निर्वाचन आयोग द्वारा नगर निकाय की घोषणा के साथ ही सियासी पारा चढ़ने लगा है। सम्भावित प्रत्याषियों ने मतदाताओं से जन सम्पर्क तेज कर दिया हैं प्रदेष में सत्ता रुढ़ समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी ने भी पार्टी नेताओं को बिना पार्टी चुनाव चिन्ह के ही मैदान में उतरने के लिए हरी झण्डी दे देने से चुनावों के रोचक हो जाने के पूरे-पूरे आसार हो गये हैं। कांग्रेस व भाजपा ने तो पूर्व में ही पार्टी चुनाव चिन्ह के साथ प्रत्याषी उतारने की घोषणा की थी। अध्यक्ष पद के सम्भावित उम्मीद्ववारों ने पोस्टर व होर्डिंग्स से जहाॅ पूरा नगर पाट दिया है। वहीं सभासद पद के सम्भावित उम्मीद्ववार भी पीछे नहीं हैं। इस बार चुनाव रोचक होने के पूरे-पूरे आसार हैं। नगर पालिका परिषद के 25 वार्ड हैं, प्रत्येक वार्ड में दर्जन भर से कम प्रत्याषी भाग्य  नहीं आजमा रहे हैं। केसी- किसी वार्ड में तो तीस-पैंतीस प्रत्याषियों ने अपनी जोर आजमाइस ष्षुरु कर दिया है। इसी तरह अध्यक्ष पद के लिए लगभग सभी ने नगर के सरकारी खम्भों, भवनों व पेड़ों पर अपनी होर्डिंग्स व बैनर टाॅग रखे हैं। इसी तरह जनपद की तीन नगर प्रचायतें कोइरीपुर, दोस्तपुर व कादीपुर में भी र्पत्याषियों ने कमर कस ली है और प्रचार अभियान की षुरुआत कर दी है। कुल मिलाकर जनपद में चुनाव के रोचक होने के आसार हैं।  जबकि  मतदाताओं ने चुप्पी साध रखी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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मुख्यमंत्री ने किया उन्नाव में गेहूं खरीद केन्द्रों का औचक निरीक्षण

Posted on 27 May 2012 by admin

लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई: मुख्यमंत्री

cm-photo-25-may-2012उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज जनपद उन्नाव के विभिन्न गेंहू क्रेन्द्रों व भारतीय खाद्य निगम के गोदाम का औचक निरीक्षण के बाद कहा कि दोषी पाए गए कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद के कई केन्द्रों पर कुछ कमियां पाई गई हैं, इसके लिए जिम्मेदार बड़े अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने दही चैकी औद्योगिक क्षेत्र में लोनी ड्रेन में उसके पास बने काॅमन इफ्ल्यूएन्ट ट्रीटमेन्ट प्लान्ट को भी देखा तथा नवाबगंज पक्षी विहार में वन विभाग के डाक बंगले में विभिन्न लोगों से मुलाकात की तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। अपने औचक भ्रमण के दौरान जगह-जगह रूक कर मुख्यमंत्री हर आम और खास लोगों से मिले। रास्ते में उन्हें कई लोगों ने अपनी समस्याएं भी बताईं, जिनकों उन्होंने गम्भीरता से सुना। श्री यादव ने समाज सेवियों व कार्यकर्ताओं तथा जनप्रतिनिधियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि वह सरकार द्वारा संचालित विभिन्न विकास परक योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाने में अपना भरपूर योगदान करें। उन्नाव जनपद में मुख्यमंत्री से जो भी मिला उसकी हर सम्भव मदद करने का उन्होंने आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने आज सबसे पहले हसनगंज ब्लाक के अन्तर्गत न्यौतनी में स्थापित एस0एफ0सी0 के गेंहू खरीद केन्द्र का निरीक्षण किया, जहां केन्द्र प्रभारी अनुपस्थित पाये गये। इलेक्ट्रानिक कांटा खराब पाया गया। उन्होंने मार्केटिंग विभाग के केन्द्र का भी निरीक्षण किया। इसके बाद सफीपुर तहसील के बांगरमऊ मण्डी में पी0सी0एफ0 के क्रय केन्द्र का निरीक्षण किया, जहां इलेक्ट्रानिक कांटा नहीं लगा था।
इसके बाद यहीं पर वह राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के क्रय केन्द्र पर गये, जहां इलेक्ट्रानिक कांटा व बैनर लगा था व तौल भी हो रही थी। इसके बाद यहीं पर वह विपणन शाखा के गेंहू क्रय पर गये, जहां पर केन्द्र प्रभारी उपस्थित थे और तौल भी हो रही थी।
मुख्यमंत्री ने एफ0सी0आई0 के गोदाम का भी औचक निरीक्षण किया, जहां पर गेंहू भण्डारण की समस्या पायी गयी। कई लोगों ने यहां पर अपनी शिकायतें भी की। उन्होंने एफ0सी0आई0 के अधिकारियों व वहां पर खड़े ट्रक चालकों से भी पूछताछ की। एफ0सी0आई0 गोदाम से निकलते ही मुख्यमंत्री का काफिला औद्योगिक क्षेत्र गया जहां उन्होंने औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले कचरे/गंदगी का ट्रीटमेन्ट करने वाले प्लान्ट सी0ई0टी0पी0 कामन इफ्ल्यूएन्ट ट्रीटमेन्ट प्लान्ट को देखा और वहां पर कार्यरत कुछ कर्मियों से वार्ता भी की।
मुख्यमंत्री इसके बाद नवाबगंज पक्षी विहार स्थित वन विभाग के डाक बंगले में पहुंचे और वहां पर कुछ देर रुक कर जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं व समाजसेवियों से मिले। वहां पर कुछ लोगों ने अपनी समस्याएं भी बतायीं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी श्रीमती अनामिका सिंह को निर्देश दिये कि हर किसी की समस्या का त्वरित निदान किया जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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बेरोजगारी भत्ता हेतु वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते है-डी0एम0

Posted on 27 May 2012 by admin

जिलाधिकारी अजय चैहान ने निर्देश दिये है कि बेरोजगारी भत्ता के आवेदकों की सुविधा के लिए वेबसाइट का पता सेवा योजन कार्यालय में विभिन्न स्थानों पर लगवायें जहां से बेरोजगार अभ्यर्थी आवेदन पत्र डाउन लोड कर सकते है। उन्होंने महत्वपूर्ण सूचनाओं के फ्लेक्स बोर्ड भी लगवाने के निर्देश देते हुए कहा कि क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में बेरोजगारी भत्ता हेतु प्रकोष्ठ का गठन करें। सहायता प्रकोष्ठ में अधिकारी व कर्मचारियों को नामित करें। आवेदन प्राप्त करने हेतु पुरूषों तथा महिलाओं आवेदन पत्र प्राप्त करने हेतु पृथक-कार्मिक तैनात करें। उन्होंने प्राप्त आवेदन पत्रों का नियमानुसार सत्यापन कराने के भी निर्देश दिये है।
जिलाधिकारी कलेक्ट्रेट सभागार में बेरोजगारी भत्ता नियमावली के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में अनुश्रवण समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। जिलाधिकारी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य सेवा योजन कार्यालय में पंजीकृत 30 वर्ष से अधिक आयु के उन बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देना है जो इस नियमावली में दी गई अर्हता की शर्तो से आच्छादिंत हंै। बेरोजगारी भत्ते की धनराशि एक हजार रूपये प्रतिमाह होगी।
सहायक निदेेशक सेवायोजन राजीव कुमार यादव ने बताया कि आन लाइन आवेदन प्राप्त होने के उपरान्त अभ्यर्थी  को एक सप्ताह उपरान्त मूल प्रमाण पत्रों के मिलान हेतु कार्यालय में बुलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि बेरोजगारी भत्ता के सम्बन्ध में आवेदक कार्यालय में आवेदन के सम्बन्ध में जानकारी के लिए आ रहे है। आवेदक वेबसाइट  www.updte.org से आवेदन पत्र डाउन लोड कर सकते हैं। योजना के कार्यान्वयन का अनुश्रवण  जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति द्वारा किया जायेगा जिसमें जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिला मजिस्ट्रेट, लीड बैंक अधिकारी तथा जिलाधिकारी द्वारा नामित दो अन्य अधिकारी सम्मिलित होगें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 रूपेश कुमार तथा अग्रणी लीड प्रबन्धक  उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (राजनैतिक प्रस्ताव)

Posted on 25 May 2012 by admin

यूपीए सरकार ने 2009 के लोकसभा चुनाव में दोबारा सत्ता़ में आने के बाद  अपने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए जिस आम आदमी का हितैषी होने का प्रचार करती है वही आम आदमी इस सरकार के कुशासन का सबसे बड़ा शिकार बना है।  कुशासन, भ्रष्टाचार और उदासीनता के कारण गरीब आदमी का दुख, उपेक्षा और पीड़ा सभी हदों को पार कर चुकी है। सच्चाई तो यह है कि भारत के विकास की कहानी के सभी दावे संदेह और अविश्वापस के घेरे में आ गए हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की नीतिगत विफलताओं और उसके खराब शासन के कारण दुनिया भर में भारत की साख गिरी है। घिसट-घिसटकर चलना यूपीए-2 की विशेषता बन गई है। उम्मीद का माहौल खत्म हो गया है और भारत के एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरने के सपने पर अब न केवल तटस्थ पर्यवेक्षक बल्कि ऐसे लोग भी गंभीरता से सवाल उठा रहे हैं जो इस सरकार के विशेष सलाहकार हैं। यह सब इस महान देश की असाधारण सामर्थन और इसकी जनता की असीम क्षमता के बावजूद हो रहा है। श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने उम्मीद, उत्साह, भागीदारी, वास्तविक विकास, मंहगाई के ठोस प्रबंधन और सामान्य सद्भावना और आशा की महान विरासत छोड़ी थी जिसकी वजह से भारत को नई ऊंचाईयां छूने को मिली और भारत एक महत्वपूर्ण देश के रूप में उभरकर सामने आया था। आज इसकी जगह अंधकार और निराशा का माहौल है।            इस सभी का कारण ढूंढना कोई बहुत मुश्किल नहीं है। एक सफल सरकार चलाने और किसी भी कार्यक्रम को लागू करने के लिए तीन चीजें आवश्यक हैं। पहला नेतृत्व ऐसा होना चाहिए जो फैसले लेने और उन्हें लागू करने की क्षमता रखता हो। दूसरा सरकार की विश्वसनीयता है और तीसरी महत्वपूर्ण बात है सरकार की साख। प्रधानमंत्री को स्वाभाविक रूप से देश और सरकार का नेता होना चाहिए और नीतिगत मामलों में उनकी ही बात मानी जानी चाहिए। डा. मनमोहन सिंह दोहरी कसौटी पर खरा उतरने में एकदम ही नाकाम रहे हैं। देश में न केवल दोहरा नेतृत्व है बल्कि 7 रेसकोर्स रोड और 10 जनपथ की दूरी बढ़ती जा रही है। नीतिगत पहलों पर भी वे एकमत नहीं हैं। सरकार मंत्रियों और गठबंधन के सहयोगियों के बीच कोई तालमेल नहीं है। प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे चीजों को दुरूस्त रखें। हांलाकि हर दिन इस बात की पुष्टि कराई जाती है कि प्रधानमंत्री अपने पद पर आसीन हैं लेकिन उन्हें  अधिकार प्राप्त नहीं है। उन्हें  देखकर ऐसा लगता है जैसे वह एक सीईओ की तरह काम कर रहे हैं, जिसे एक कम्पानी के बोर्ड से निर्देश मिलते हैं जिसके चैयरमैन के पास सारे अधिकार हैं लेकिन वास्तव में कोई जवाबदेही नहीं है।

नीतिगत विफलता और मुद्रास्फीति
नीतिगत विफलता और भ्रष्टा्चार के परिणाम चारों तरफ दिखाई दे रहे हैं। निवेश कम हुआ है, औद्योगिक माहौल बिल्कुल अनुकूल नहीं है और भ्रष्टाचार ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर है, अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग अनुकूल नहीं हैं और रूपया गिरा है डॉलर के मुकाबले रूपये का 22 प्रतिशत अवमूल्यमन हो चुका है। डॉलर मंहगा होने के कारण अब छात्रों, पर्यटकों और सरकार को ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। वृद्धि और विकास के लिए जरूरी कई नीतिगत पहल अधर में लटके पड़ी हैं क्योंकि सरकार और यूपीए के भीतर न केवल स्पष्टीता और आम सहमति का अभाव है बल्कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ मंत्री भी अलग-अलग भाषा बोल रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री के पास राजनैतिक अधिकार होना जरूरी है जो दुर्भाग्य से उपलब्ध  नहीं है। निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के लिए गठबंधन की राजनीति की मजबूरी का बहाना नहीं बनाया जा सकता। विपक्ष के साथ सहमति बनाने का काम एकतरफा नहीं हो सकता जबकि वरिष्ठ मंत्री राज्यों  के साथ, विपक्ष से निपटते समय अहंकार वाली बयानबाजी करते हैं और विपक्ष द्वारा शासित राज्यों के लिए परेशानियां खड़ी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
मुद्रास्फीति खासतौर से खाद्यान्नों की कीमतें एक बार फिर बढ़ने के कारण न केवल गरीब आदमी का जीवन दूभर हो गया है बल्कि मध्यम वर्ग के लिए भी काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। ऐसा लगता है कि सरकार ने हाथ खड़े कर दिये हैं। उसके पास खाद्यान्नों की बढ़ती कीमतों की समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं है जिसके कारण अर्थव्यवस्थाक लम्बे  अरसे से चैपट पड़ी है। यह एक विडम्बना ही है कि भारतीय किसानों की कड़ी मेहनत के कारण अनाज के रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद, अनाज खुले में सड़ रहा है क्योंकि भंडारण की पर्याप्त  सुविधा नहीं है और अत्यधिक गरीब और हाशिये पर चले गए लोगों को खाना नसीब नहीं हो रहा है। सरकार के पास इस गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए कोई रोडमैप नहीं है और यह स्थिति बार-बार पैदा हो रही है। अर्थव्यवस्था का प्रबंधन खासतौर से खाद्य अर्थव्यवस्था घोर असंतोषजनक है जबकि पिछले 8 वर्ष से एक जाने-माने अर्थशास्त्री  प्रधानमंत्री हैं। पेट्रोल की कीमत पर एक दिन में 7 रुपये से अधिेक की बढ़ोतरी आज तक कभी नही हुअी। अपनी तीसरी वर्षगांठ पर यूपीए के द्वारा देश के गरीब जनता को दिया गया एक क्रूर उपहार हैं।

भ्रष्टाचार यूपीए सरकार का अभिन्न अंग
भाजपा ने कुछ समय पहले अपनी पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकों में स्पैक्ट्रम मत व्यक्त किया था कि आजादी के बाद सबसे भ्रष्ट केन्द्र सरकार का नेतृत्व डा. मनमोहन सिंह कर रहे हैं। इस अवधारणा में बदलाव की कोई वजह नहीं दिखाई देती। भ्रष्टोचार करना और भ्रष्टाचार करने वाले को संरक्षण देना उनके शासन की  विशेषता बन गई है। यहां तक कि गठबंधन के सहयोगियों और कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोगों की भ्रष्टाचार में लिप्ततता को लेकर अलग-अलग मानदंड बना दिए गए हैं। मौजूदा गृह मंत्री पी. चिदम्बरम जब वित्त मंत्री थे तो उस समय 2जी घोटाला हुआ जो आजादी के बाद राजनीतिक भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा मामला है, इसमें उनकी खुद की भूमिका का काफी संदेह के घेरे में है और इसकी निष्पक्ष जांच करने की आवश्यकता है। फिर भी वह प्रधानमंत्री के निर्विवाद विश्वासपात्र बने हुए हैं। जिस तरह से अत्यधिक संदेहपूर्ण परिस्थितियों में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने होल्डिंग कंपनियों के जरिये एयरसेल मैक्सिस सौदे को मंजूरी दी उसे लेकर अनेक गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस सौदे में श्री चिदम्बंरम के परिवार के सदस्य कथित रूप से शामिल हैं। इस सौदे की सीबीआई जांच कर रही है जिसमें तत्कालीन दूरसंचार मंत्री श्री मारन की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
आदर्श घोटाले में महाराष्ट्र के अनेक कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के नाम आए हैं और हैरानी की बात यह है कि उनमें से कई केन्द्रे सरकार में मंत्री बने हुए हैं। राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में दिल्लीै की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित को लगातार संरक्षण दिया जा रहा है जबकि इस मामले की जांच के लिए खुद प्रधानमंत्री द्वारा गठित शुंगलू समिति की रिपोर्ट में उनकी भूमिका के खिलाफ गंभीर टिप्पणियां की गई हैं। हाल ही में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में एंट्रिक्स-देवास सौदे को शासन व्यवस्था की विफलता का अनूठा उदाहरण करार दिया गया। रिपोर्ट में यह टिप्पणी की गई है कि इसरो के पूर्व प्रमुख और अन्य अधिकारियों ने सरकार के हितों की अनदेखी की और निजी कंपनी देवास को फायदा पहुंचाया। अंतरिक्ष मंत्रालय सीधे तौर पर प्रधानमंत्री के अधीन है, इसके बावजूद ऐसा हुआ। कैग ने एयर इंडिया के विमानों की खरीद में बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार पाया। उर्वरक सब्सिडी के मामले में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है। हर रोज एक नया घोटाला या घपला सामने आ रहा है। कैग ने अपनी रिपोर्ट मे कोयला ब्लाॅक के आवंटन मे भी भयंकर अनियमिताओं को उजागर किया है। कैग ने दिल्ली हवाई अड्डे के निजीकरण में भी भयंकर अनियमितताओं को पाया है।
काले धन का पता लगाने के लिए प्रभावी और अर्थपूर्ण समयबद्ध कार्यक्रम चलाने तथा विदेशों में काला धन जमा करने वालों के नाम जनता के सामने लाने के लिए सरकार में राजनैतिक इच्छा शक्ति का अभाव है। सरकार जानती है कि अगर यह नाम उजागर हो गए तो उसकी फजीहत होगी। काले धन पर संसद मे सरकार द्वारा जारी वक्तव्य सिर्फ दिखावा है। इसमे कोई दिशा और स्पष्ट नीति का अभाव है जिससे विदेशी बैंको मे जमा काले धन को लाया जा सकें। रिपोर्ट से इस चैकानें वाले तथ्य का पता चलता है कि 2006 से 2010 के बीच स्वीट्जरलैंड के बैंको मे जमा भारतीयो के पैसे में 60ः की गिरावट हुई। रु 23,273 करोड़ रू॰ से कम होकर यह राशि 2010 में 9295 रुपये रह रह गई। हालांकी इस पूरी राशि का आकलन भी काफी कम है। लेकिन इससे यह ज्ञात होता है कि 2008 के बाद भाजपा द्वारा इस विषय को गंभीरता से उठाने के बाद वहा से ये पैसा निकाला गया।  भाजपा महसूस करती है कि सशस्त्र बलों के लिए होने वाली खरीद के अनेक सौदों में भ्रष्टाचार का होना गंभीर चिंता का विषय है। सेना के लिए टाट्रा ट्रक की आपूर्ति ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर अनेक चिंताजनक सवाल खड़े कर दिये हैं।
कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रति गंभीर नहीं है। प्रधानमंत्री और यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा भ्रष्टाचार रोकने की गई सभी घोषणाएं खोखली और हास्यास्पद लगती हैं। अगर भाजपा द्वारा खासतौर से काफी आक्रामक अभियान नही चलाया गया होता और जागरूक मीडिया और अदालत की निगरानी नही होती तो किसी भी घोटाले में कोई कार्रवाई यू.पी.ए. सरकार द्वारा नही होती। कांग्रेस का भ्रष्टाचार करने वालों के दुष्कर्म को छिपाने के लिए अपने अधिकारों का दुरूपयोग करने की निर्लज्जता दिखाने का रिकॉर्ड रहा है।

हाल के चुनाव परिणाम
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पिछली बैठक के बाद अनेक राज्यों में चुनाव हुए। पंजाब में अकाली दल, भाजपा गठबंधन भारी बहुमत से विजयी रहा। पिछले 40 वर्ष में ऐसी पहली सरकार थी जो सत्ताु पर रहते हुए दोबारा चुनी गई। जाहिर है कि लोगों ने अकाली-भाजपा सरकार द्वारा किये गए अच्छे कार्यों पर भरोसा किया। इन दोनों दलों का सम्बन्ध 40 वर्ष से ज्यादा पुराना है। गोवा में भाजपा की भारी जीत काबिले तारीफ है। ईसाई मतदाताओं की बड़ी संख्या सहित औसत मतदाताओं के बहुमत को कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के कुशासन से छुटकारा पाने के लिए भाजपा एकमात्र उम्मीद के रूप में दिखाई दी। बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर इस दुष्प्रचार को खत्म कर दिया कि भाजपा अल्पसंख्यक विरोधी है। वे भाजपा इस सिद्धांत की सराहना करते हैं कि सभी को न्याय मिले और किसी का तुष्टिकरण नहीं हो। उत्तराखंड राज्य में एक सीट कम रहने के कारण हम अपनी सरकार नहीं बना पाए। हम नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना करते हैं लेकिन इससे सबक लेने की जरूरत है। उत्तरप्रदेश के चुनाव परिणाम संतोषजनक नहीं रहे। कार्यकर्ताओं और समर्थकों के जबरदस्त चुनाव प्रचार और कड़ी मेहनत के बावजूद, हम वहां लोगों की अपेक्षाओं पर खरे नही उतर सके। हमें गंभीरता से आत्म विश्लेषण करने, सुधार करने और पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को प्रेरित और उत्साहित करने की जरूरत है। भाजपा को उत्तर प्रदेश में पहले लोगों का विश्वास और समर्थन मिल चुका है। हमें इसे दोबारा हासिल करने की जरूरत है। मणिपुर में पार्टी की कड़ी मेहनत का पूरा फल नहीं मिल सका फिर भी हमें वहां अपना जनाधार बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।
विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को न केवल भारी नुकसान हुआ बल्कि मतदाताओं ने मुंबई, दिल्लीे और बेंगलुरू के नगर निगम चुनावों में उसे बुरी तरह से सबक सिखाया। इससे यूपीए सरकार के कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के गुस्से  का पता चलता है।

संघीय ढांचे का लगातार उल्लंघन
बार-बार विरोध व्यक्त करने के बावजूद यूपीए ने राज्य सरकारों के अधिकार को कम करने के लिए संघीय ढांचे के सिद्धांतों के साथ छेड़छाड़ जारी रखी है। यूपीए के सहयोगी दलों सहित विपक्ष के विरोध के बावजूद यह लगातार जारी है। हाल में केन्द्र सरकार का एकतरफा और मनमर्जी करने का उदाहरण देखने को मिला। उसने जिस तरीके से राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केन्द्र  (एनसीटीसी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में सुरक्षा संबंधी अधिकार को लेकर संशोधन किये उससे केन्द्र  और राज्यों के बीच में अविश्वास और संदेह बढ़ा है। देश की आंतरिक सुरक्षा को मनमाने ढंग से नहीं देखा जा सकता। राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रबंधन और संघीय ढांचे के सिद्धांतों के सम्मान को लेकर कोई मतभेद नहीं है। इस सम्बंध में राज्य सरकारों की बराबर की भागीदारी और जिम्मेदारी है। केन्द्रीय सहायता और संसाधनों के आवंटन में भेदभाव राज्यों की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला खदानों के आवंटन और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित अनेक विधेयकों को मंजूरी नहीं दिये जाने जैसे भेदभाव के अनेक उदाहरण गंभीर चिंता का कारण हैं। ऐसा निष्कर्ष निकालना सही होगा कि संघीय ढांचे के सिद्धांतों का सम्मायन कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा नहीं है।

आतंकवाद और नक्सल हिंसा का खतरा
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह बैठक मुंबई में हो रही है और हमारे लिए यह जरूरी है कि हम 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य षड़यंत्रकारियों और इसकी योजना बनाने वालों को अभी तक सजा नहीं दिलाने जाने पर गंभीर रोष प्रगट करें। वे पाकिस्तान में सुरक्षित घूम रहे हैं क्योंकि उन्हें  पाकिस्तांन के शासकों और सेना का संरक्षण हासिल है। इस बारे में भारत सरकार पाकिस्तान को विस्तृत जानकारी के साथ दर्जनों दस्तावेज दे चुकी है लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। भाजपा का दृढ़ मत है कि पाकिस्तान के साथ सम्बन्धों  को सामान्य बनाना तब तक संभव नहीं है जब तक वह अपनी जमीन से भारत के खिलाफ होने वाली आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई नहीं करता। भारत को आतंकवाद के साथ लड़ाई में पूरी तरह से सतर्क रहने और कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है। आतंकवाद से निपटने के लिए किसी तरह की कोताही और समझौता नहीं होना चाहिए क्योंकि यह सुरक्षा और एकता का मामला नहीं है बल्कि इससे देश की संप्रभुता जुड़ी हुई है।
माओवादी हिंसा ने गंभीर चिंता और चुनौती खड़ी कर दी है। पूरे देश को इस समस्या से पूरी तरह से सतर्क रहने की जरूरत है और इस चुनौती से निपटने के लिए केन्द्र  एंव राज्य सरकारों के बीच पूरा तालमेल होना चाहिए। गरीबों की समस्याओं का हल ढूंढा जाना चाहिए लेकिन हमें इस तथ्य को स्वीकार करना होगा कि माओवादियों का मूल उद्देश्य हिंसा के जरिये संसदीय लोकतंत्र का तख्ता पलटना और राजनीतिक ताकत हासिल करना है। यही वजह है कि वे जबरन निर्दोष लोगों का अपहरण और हत्या करते हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है। हम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की इस घोषणा की सराहना करते हैं कि अगर मुख्यरमंत्री का भी अपहरण हो जाता है तो उनकी नाजायज मांगों के आगे नहीं झुका जाना चाहिए।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात और शरणार्थियों की स्थिति
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों खासतौर से हिन्दुओं की स्थिति बहुत दयनीय है। वहां पर हिन्दू लड़कियों का अपहरण करने के बाद जबरन धर्मांतरण करने और उनकी इच्छा के विरूद्ध विवाह कराने की घटनाएं अकसर सुनने को मिलती हैं। पुलिस ही नहीं बल्कि न्यायपालिका भी कई मामलों में उन्हें  न्याय नहीं दिला पाती। पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में अनेक हिन्दू पेशेवर और व्यवसायियों की हत्या। की जा चुकी है। हिन्दू ही नहीं बल्कि ईसाई भी दहशत में जी रहे हैं। पाकिस्तान मे अल्पसंख्यको के पूजा स्थलों पर भी हमला हो रहा है। मानवाधिकार संगठनों ने अपनी अनेक रिपोर्टों में इस दुर्दशा की विस्तार से जानकारी दी है। हमारा भारत सरकार से आग्रह और मांग है कि वह पाकिस्तान के साथ दृढ़ता से सभी कूटनीतिक उपाय करे और पाकिस्तान में इन अल्पसंख्य्कों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इससे जुड़े अन्य उपाय भी करे।
पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर से आये हिन्दू शरणार्थियों की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। उन्हें धार्मिक कारणों और अपनी आस्था के कारण जबरन वहां से भागना पड़ा क्योंकि उनके नागरिक और सांस्कृतिक अधिकारों का हनन हो रहा था तथा एक सन्मान जनक जीवन जीने की स्थितियां भी नहीं थी। भारत सरकार को उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए सभी उपाय करने चाहिए जिससे वे भारत में इज्जत और आत्मसम्मान के साथ रह सकें। उन्हें जबरन उनकी मातृभूमि से खदेड़ा गया है और वहां का शासन उनके बुनियादी मानवाधिकारों की अवहेलना कर रहा है। उन्हें शरणार्थियों और मानवाधिकार के उल्लंघन संबंधित आंतरराष्ट्रीय नियिमों के अनुसार सन्मान से जीवन यापन का अवसर मिलना चाहिए।

संस्था का पतन
यूपीए सरकार एक के बाद एक विवादों में घिरती चली गई और इस कारण संस्थाओं का पतन होने लगा है। उसने न केवल सिविल सोसाइटी को नाराज किया है जो भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदारी तय करने की मांग कर रही है बल्कि कैग और चुनाव आयोग के साथ भी उसका तकरार बढ़ा है। वे अपनी स्वायत्ता  में हस्तक्षेप किये जाने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। हमें अपनी सेना के साहस और शौर्य पर गर्व है जो हमें सुरक्षा प्रदान करते हैं। वे हमारे संविधान और राजनैतिक स्वरूप के अनुसार राजनैतिक नेतृत्व के नियंत्रण मे काम करते हैं। हाल में सरकार और सेना के सम्बन्धों में तनाव के अनेक उदाहरण सामने आए जिनसे मजबूत शासन व्यवस्थों के जरिये बचा जा सकता था। भाजपा भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए पर्याप्त अधिकारों के साथ एक प्रभावी लोकपाल के लिए प्रतिबद्ध है और इस सम्बन्ध में कोई देरी नहीं की जानी चाहिए।

निष्कर्ष
यूपीए ने देश के शासन को गर्त में धकेल दिया है। भ्रष्टाचार, अनिर्णय, मंहगाई और असुरक्षा का भाव पैदा होने के कारण जनता की तकलीफें बढ़ गई हैं। वे भाजपा की ओर देख रहे हैं। हमारा कत्र्तव्य है कि हम उनकी उम्मीदों पर खरे उतरें और देश की जनता को आश्वस्त करें कि भाजपा ही देश को विकास के रास्ते पर ले जा सकती है।
यू॰पी॰ए॰ सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के कार्यक्रम मे श्रीमती सोनिया गाँधी ने सराकार के संबंध मे विपक्ष विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी की टिप्पणियों को गैर-जिम्मेवार और आक्रामक बताया है। उनका यह कहना दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी भत्र्सना करते है। अगर आम आदमी इस सरकार में पीडि़त और ठगा हुआ महसूस कर रहा है, अगर किसान आत्महत्या कर रहे हैं, अगर औद्योगिक उत्पादन मे भयंकर गिरावट है, अगर बेरोजगारी बढ़ रही है और अगर भयंकर भ्रष्टाचार रोज नए-नए आयामों मे प्रकट हो रहा है और जब देश मे यू॰पी॰ए॰ के कुशासन के कारण भंयकर निराशा और असंतोष है तब भाजपा अपना नैतिक दायित्व समझती है कि वह देश की पीडि़त जनता की आवाज को गंभीरता से उठाए। यह कार्य पार्टी पूरी निष्ठा और संकल्प के साथ करती रहेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष वसूली न करने वाले कर्मियों को कारण बताओ नोटिस निर्गत करते हुए यथाशीघ्र सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय-मुख्य सचिव

Posted on 25 May 2012 by admin

  • वसूली प्रमाण पत्रों के मिलान की कार्यवाही की सूचना समय से न देने वाले 15 जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाय-जावेद उस्मानी
  • राजस्व वसूली बढ़ाने हेतु जनपदों में तैनात अपर जिलाधिकारियों (वित्त/राजस्व) की चार ग्रुपों में बैठक कर समीक्षा करें-मुख्य सचिव
  • बगैर उत्पीड़न कियेे अधिक से अधिक राजस्व वसूली सुनिश्चित करें-जावेद उस्मानी

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये कि वसूली प्रमाण पत्रों के मिलान की कार्यवाही प्राथमिकता से कराते हुए जनपद स्तर पर नियमित रूप से राजस्व वसूली की समीक्षा की जाय। उन्होंने कहा कि वसूली प्रमाण पत्रों के मिलान की कार्यवाही की सूचना समय से न देने वाले 15 जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा जाय। निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष वसूली न करने वाले कर्मियों को कारण बताओ नोटिस निर्गत करते हुए यथाशीघ्र सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि रिकवरी को बढ़ाने हेतु ऐसी कार्य योजना बनायी जाय कि बकायेदारों का उत्पीड़न भी न हो और अधिक से अधिक राजस्व वसूली सुनिश्चित हो सके।
मुख्य सचिव आज सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में वसूली प्रमाण पत्र के विपरीत राजस्व वसूली की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली बढ़ाने हेतु जनपदों में तैनात अपर जिलाधिकारियों (वित्त/राजस्व) की चार ग्रुपों में बैठक कर समीक्षा की जाय। उन्होंने कहा कि बड़े बकायेंदारों पर दवाब बनाकर राजस्व वसूली बढ़ायी जाय।
प्रमुख सचिव राजस्व श्री अशोक कुमार ने बताया कि वसूली प्रमाण पत्रों के मिलान की सूचना जनपद इलाहाबाद, महाराजगंज, महोबा, गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच, छत्रपति शाहूजी महाराज नगर, फैजाबाद, सिद्धार्थनगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बागपत, मेरठ, जे0पी0 नगर तथा भीमनगर से नहीं प्राप्त हुई हंै।
बैठक में प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं मनोरंजन कर श्री वीरेश कुमार, आबकारी आयुक्त श्री महेश गुप्ता, आयुक्त वाणिज्य कर श्री हिमांशु कुमार, प्रमुख स्टाफ आफिसर मुख्य सचिव श्री आशीष कुमार गोयल, अपर निदेशक संस्थागत वित्त श्री राकेश कृष्ण सहित बैंक आफ बड़ौदा एवं पावर कार्पोरेशन सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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Brief points made by Shri Arun Jaitley , Leader of Opposition (Rajya Sabha) While speaking on the political resolution at the National Executive of the BJP at Mumbai on 25th May 2012

Posted on 25 May 2012 by admin

UPA II has shown governance at its worst. Traditionally India has shown a great sense of resilience to emerge a stronger from every class. However the present crisis of governance and lack of credibility has shaken our National confidence.  There is a sense of despair and helplessness. UPA II marks a   new low in political management and economic decision making; infact there is no economic management or political direction.
There is crisis of leadership. The head of the government is not the natural leader of either the party or the nation. The lack of leadership is responsible for the directionless and the absence of decision making.
An Economic crisis has engulfed us. Rupee is the worst performing currency in the region. There is a huge flight of capital & investment. Inflation has been uncontrolled for years. Agricultural surplus and shortage are both creating a crisis of mismanagement. Success stories like Telecom, Highways, Real Estate etc. are being converted into scandals. No nation can afford to destroy success. All this has depleted economic activity and will result in job losses and a loss of revenue.
The Political Management of the UPA is equally disastrous for the nation. The allies of the UPA are a discontent lot. However they are willing to proclaim but unwilling to strike. Parties like the BSP and the SP are pushed to submissiveness due to pressures on them by the CBI. Maoism continues to spread unabated. The government has no game plan to deal with it. Rather than work for a fuller constitutional integration of Jammu & Kashmir with India, the Interlocutor’s report has set a reverse process into motion.
Arrogance is the hallmark of UPA governance. Misuse of CBI, lack of consultation with the opposition or even allies, assault on federalism, discrimination against non-congress governments are regular features. The allegation of corruption continues unabated against this government.
This situation presents a challenge and an opportunity for the BJP.
•    The BJP must now be ready with a plan and direction to restore the national economy.
•    The national mood of anti-congressim must be exploited and the NDA expanded.
•    The third front experiment of governance has been tried repeated. It has failed and con not be replicated.
•    We must prepare the BJP to be a Cohesive and the ethical party prepared to give direction to the nation.
•    We must avoid any kind of contradictory voices emerging from within.
•    We have provided good governance at the centre (1998-2004) and in the states. Our agenda for good governance must be strengthened.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारतीय जनता पार्टी - राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मुंबई (पवित्र गंगा की सुरक्षा और प्रदूषण मुक्ति पर प्रस्ताव)

Posted on 25 May 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी गंगा नदी में उच्च स्तर के भयावह प्रदूषण पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करती है। गंगा के प्राकृतिक प्रवाह में अनेक बाधायें उत्पन्न करके इसके प्रदूषण को और अधिक बदतर बना दिया गया है। अन्नतकाल से भारत की संस्कृति और सभ्यता की पहचान और सबसे पवित्र प्रतीक के रूप में जिस गंगा को भारत की अनन्त पीढि़यों द्वारा श्रद्धाभाव से देखा जाता रहा है, उस पवित्र नदी के प्राकृतिक जीवन को विकास की दोषपूर्ण अवधारणों ने गहरे संकट में डाल दिया है।
पिछले कई वर्षों से धार्मिक नेताओं, पर्यावरणविदों और सामाजिक रूप से सक्रिय कार्यकर्ताओं ने गंगा के प्रदूषण के विभिन्न मुद्दों पर लगातार सक्रिय प्रयास किया है, परन्तु गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (जिसके अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री है) द्वारा इस संदर्भ में कोई व्यवहारिक और स्थाई समाधान खोजने में असफल रहने पर भाजपा गहरा दुःख व्यक्त करती है।
हम भारत के लोग सभी नदियों और जल स्रोतों को पवित्र मानकर उनके प्रति श्रृद्धाभाव रखते हैं। यह इस बात से स्पष्ट होता है कि हिमालय में गंगोत्री, जहां से गंगा का जन्म होता है और बंगाल में गंगासागर जहां आकर गंगा समुद्र में मिलती है, दोनों ही स्थान भारत में पवित्र तीर्थ स्थल रूप में माने जाते हैं। गंगा के किनारे स्थित अन्य पवित्र स्थल ऋषिकेश, हरिद्वार, प्रयाग एवं वाराणसी पवित्र शहर है।
‘गंगा जल’ न केवल लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़े रहने के कारण पवित्र माना जाता है अपितु वैज्ञानिक अनुसंधानों ने भी इसके अद्वितीय चरित्र को प्रमाणित किया है। गंगा भारत के 11 राज्यों की 40 प्रतिशत जनसंख्या को जल भी उपलब्ध कराती है।
यह बड़ा दुःखद है कि जो गंगा भारत की सभ्यता को हजारों वर्षों से पोषित कर रही है उसी गंगा के अस्तित्व की सुरक्षा की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
अनियोजित सभ्यता और असंतुलित औद्योगिकरण ने नदी में प्रदूषण के स्तर को जहरीला बना दिया है। एक के बाद एक किए गए अध्ययन यह बताते है कि बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड और केलिफार्म, जो गंगा के प्रदूषण को मापने के साधन है, के आधार पर गंगा में प्रदूषण उच्च स्तर पर माना गया है। जिन राज्यों से गंगा बहती है वहां नदी के प्रदूषण के कारण प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग बीमारी से मृत्यु के शिकार हो रहे हैं।
अप्रैल में संपन्न गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक में स्वयं प्रधानमंत्री महोदय ने यह स्वीकार किया था कि गंगा में समाहित होने वाले 290 करोड़ लीटर गंदे पानी में से केवल 110 करोड़ लीटर का ही परिशोधन किया जाता है। यह लगभग उस गंगा एक्शन प्लान की पूर्ण असफलता को दर्शाता है जिसे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 1985 में मंगल ध्वनि के साथ प्रारम्भ किया था और जिस पर अभी तक हजारो करोड़ो रुपये बेकार ही खर्च किये जा चुके हैं।
यह बड़ी भयावह स्थिति है कि प्रयाग में जहां पूरे विश्व और देश से हजारों श्रद्धालु कुंभ के लिए आते हैं वहां बहुत ही न्यून मात्रा में शुद्ध जल पाया जाता है। यह कम चिंता की बात नहीं है कि बांधों द्वारा उत्पन्न किये गये विचलन और बाधाओं के कारण नदी का बहुत बड़ा फैलाव सूखा रहता है।
निर्मल गंगा, अविरल गंगा
भाजपा यह मानती है कि गंगा की यह स्थिति पूर्णतया अस्वीकार्य है। हम यह मानते हैं कि सरकारों (केन्द्र, राज्य और स्थानीय) और लोगों का यह पवित्र राष्ट्रीय कत्र्तव्य है कि वे गंगा की पवित्रता और इसके अविरल प्राकृतिक प्रवाह को अक्षुण्य बनाये रखे और ऐसा भारत की अन्य नदियों के साथ भी व्यवहार किया जाये। निर्मल और अविरल गंगा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए प्रकट की जाने वाली प्रतिबद्धता का यही अर्थ है।
यहां यह आवश्यक है कि हम याद करें कि ‘अविरल गंगा’ के लिए पहली बार आवाज महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने उठाई थी, जब ब्रिटिश सरकार ने हरिद्वार के पास गंगा के प्रवाह की दिशा को बदलने को प्रयास किया था। मालवीय जी द्वारा चलाये गये व्यापक प्रचार के कारण साम्राज्य वादियों को हिन्दू समुदाय की भावना का सम्मान करना पड़ा और 1916 में अविरल गंगा के प्रवाह को बनाये रखने की गारंटी दी गई। भाजपा मालवीय जी की इस विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेती है। जिनकी जन्मदिन का 150वीं वर्षगांठ पिछले वर्ष मनायी गई।
अविरल गंगा से यह आशय नहीं है कि पूरी नदी पर कही भी बांध नहीं होना चाहिए। विशेषज्ञों की दृढ़ मान्यता है कि सिंचाई और ऊर्जा उत्पादन के लिए बांध बनाने के बाद भी गंगा के प्राकृतिक प्रवाह को बाधारहित और अविरल बनाया रखा जा सकता है। यह तब और आसान हो सकता है जब छोटे बांधों की संरचना इस प्रकार बनायी जाये कि इन छोटे बांधों से उतनी ही ऊर्जा प्राप्त की जा सके जितनी की बड़े बांधों से प्राप्त करने का दावा किया जाता है। गंगा की सुरक्षा और प्रदूषण मुक्त बनाने की दृष्टि से पार्टी की ठोस प्रतिबद्धता को कार्यरूप में परिणित करने के लिए, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी यह संकल्प लेती है कि:
1.    गंगा को निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण को विशिष्ट और समयबद्ध कार्य करने का सुनिश्चित दायित्व दिया जाना चाहिए। चूंकि गंगा को भारत की राष्ट्रीय नदी का दर्जा दिया जाता है इसीलिए राज्यों में गंगा नदी के तट पर स्थित विभिन्न शहरों के विकास/ऊर्जा/वित्तीय आवश्यकताओं की आपूर्ति का कार्य केन्द्र सरकार द्वारा किया जाना चाहिए।
2.    प्रदूषण को अनुमत बनाये रहने देने और फिर बाद में समाधान ढूढ़ने के बजाय जो कि पूरी तरह असंगत और अवैज्ञानिक सोच है, केन्द्र, राज्य सरकारों और स्थानीय सरकारों द्वारा औद्योगिक गंदे पानी को गंगा में मिलने से रोकने के लिए संयुक्त रूप से जारी किया गया निर्देश बनाना चाहिए। औद्योगिक इकाइयों को इस योग्य बनाया जाना चाहिए कि वह प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण साधन अपनाये। नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई करने के लिए एक सख्त दण्डात्मक कानून का सहारा लिया जाना चाहिए।
3.    राज्य और स्थानीय प्रशासन को नालियों के गंदे पानी के निपटान और गंदे पानी को उपचारित करने के प्लांट लगाने में सहायता प्रदान की जानी चाहिए। यह कार्य ग्राम सभा और स्थानीय सिविल निकायों द्वारा विकेन्द्रीयकरण के द्वारा बेहतर तरीके से किया जा सकता है।
4.    यह अनुभव रहा है कि गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण अपने उद्देश्य में पूरी तरह असफल रहा है, भाजपा यह मांग करती है कि गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए संसद द्वारा कानून बनाकर प्राधिकरण को सशक्त और दण्ड देने के लिये प्राधिकृत किया जाय। यह कानून यह घोषणा करे कि गंगा भारत की अमूल्य राष्ट्रीय धरोहर है।
5.    गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण द्वारा लागू किये गये निर्णयों की पर्यवेक्षण के लिए कैग जैसी कोई स्वायत संविधानिक संस्था होनी चाहिए।
6.    भाजपा यह मानती है कि गंगा की सुरक्षा और प्रदूषण मुक्त बनाने का कार्य राष्ट्रीय मिशन के रूप में होना चाहिए। इस कार्य के लिए सभी लोगों के सहयोग और उत्साही सहभागिता की जरूरत है। बड़ी संख्या में धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरण संगठन इस मिशन में पहले से ही सक्रिय हैं। भाजपा उनके प्रयासों की सराहना करती है हम उनसभी संगठनों को सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध ओर तत्पर है और हम अन्य राजनीतिक पार्टियों और उनकी सरकारों से भी इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एजेंडा में सहयोग के लिए तत्पर है।
7.    भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी निर्मल और अविरल गंगा की मांग को व्यापक स्तर पर जन समर्थन प्राप्त करने के लिए वृहद जनजागरण अभियान चलाने का संकल्प लेती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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