- वसूली प्रमाण पत्रों के मिलान की कार्यवाही की सूचना समय से न देने वाले 15 जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाय-जावेद उस्मानी
- राजस्व वसूली बढ़ाने हेतु जनपदों में तैनात अपर जिलाधिकारियों (वित्त/राजस्व) की चार ग्रुपों में बैठक कर समीक्षा करें-मुख्य सचिव
- बगैर उत्पीड़न कियेे अधिक से अधिक राजस्व वसूली सुनिश्चित करें-जावेद उस्मानी
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये कि वसूली प्रमाण पत्रों के मिलान की कार्यवाही प्राथमिकता से कराते हुए जनपद स्तर पर नियमित रूप से राजस्व वसूली की समीक्षा की जाय। उन्होंने कहा कि वसूली प्रमाण पत्रों के मिलान की कार्यवाही की सूचना समय से न देने वाले 15 जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा जाय। निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष वसूली न करने वाले कर्मियों को कारण बताओ नोटिस निर्गत करते हुए यथाशीघ्र सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि रिकवरी को बढ़ाने हेतु ऐसी कार्य योजना बनायी जाय कि बकायेदारों का उत्पीड़न भी न हो और अधिक से अधिक राजस्व वसूली सुनिश्चित हो सके।
मुख्य सचिव आज सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में वसूली प्रमाण पत्र के विपरीत राजस्व वसूली की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली बढ़ाने हेतु जनपदों में तैनात अपर जिलाधिकारियों (वित्त/राजस्व) की चार ग्रुपों में बैठक कर समीक्षा की जाय। उन्होंने कहा कि बड़े बकायेंदारों पर दवाब बनाकर राजस्व वसूली बढ़ायी जाय।
प्रमुख सचिव राजस्व श्री अशोक कुमार ने बताया कि वसूली प्रमाण पत्रों के मिलान की सूचना जनपद इलाहाबाद, महाराजगंज, महोबा, गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच, छत्रपति शाहूजी महाराज नगर, फैजाबाद, सिद्धार्थनगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बागपत, मेरठ, जे0पी0 नगर तथा भीमनगर से नहीं प्राप्त हुई हंै।
बैठक में प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं मनोरंजन कर श्री वीरेश कुमार, आबकारी आयुक्त श्री महेश गुप्ता, आयुक्त वाणिज्य कर श्री हिमांशु कुमार, प्रमुख स्टाफ आफिसर मुख्य सचिव श्री आशीष कुमार गोयल, अपर निदेशक संस्थागत वित्त श्री राकेश कृष्ण सहित बैंक आफ बड़ौदा एवं पावर कार्पोरेशन सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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