Archive | September 6th, 2011

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्न महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये

Posted on 06 September 2011 by admin

केन्द्र सरकार/उ0प्र0 से भिन्न राज्यों के कार्मिकों द्वारा 01 अप्रैल, 2005 को अथवा इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा में प्रवेश करने पर पेंशन योजना से आच्छादित करने का निर्णय

उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने राज्य सरकार के अधीन सरकारी सेवा में अथवा राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित शिक्षण संस्थाओं/स्वायत्तशासी संस्थाओं में दिनांक 01 अप्रैल, 2005 को अथवा इसके उपरान्त नियुक्त नए कार्मिक जो पूर्व में केन्द्र सरकार अथवा किसी अन्य राज्य सरकार के अधीन अथवा उनके द्वारा वित्त पोषित स्वायत्तशासी संस्थाओं में सेवारत थे, ऐसे कर्मियों के बारे में निम्नानुसार पेंशन योजना के तहत आच्छादित करने का निर्णय लिया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार केन्द्र सरकार अथवा मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमांचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल तथा गुजरात की राज्य सरकारों के ऐसे कर्मचारी जो केन्द्र सरकार/सम्बन्धित राज्य सरकार के अधीन पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित थे तथा उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन किसी पेंशनयुक्त अधिष्ठान में 01 अप्रैल, 2005 को अथवा इसके पश्चात नियुक्त हुए हैं, तो वे दिनांक 01 अप्रैल, 2005 के पूर्व प्रभावी पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित माने जायेंगे। केन्द्र सरकार की अनुदानित संस्थाओं/स्वायत्तशासी संस्थाओं, जिनमें केन्द्र सरकार की पुरानी पेंशन योजना के समान पंेशन योजना लागू रही हो, के कार्मिक जो राज्य सरकार के अधीन नियुक्त होते हैं, वे भी इस व्यवस्था से आच्छादित होंगे, परन्तु विभिन्न राज्य सरकारों की अनुदानित/स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारी जो उ0प्र0 सरकार के अधीन नियुक्त होते हैं, इस व्यवस्था से आच्छादित नहीं होंगे।
निर्णय के अनुसार यदि केन्द्र सरकार/उपरोक्त छः राज्य सरकारों के अधीन कोई कर्मचारी पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण की नई पेंशन संरचना के अधीन कार्यरत था तथा उत्तर प्रदेश के अधीन 01 अप्रैल, 2005 को अथवा उसके उपरान्त कार्यभार ग्रहण करता है, तो वह नई पेंशन योजना से आच्छादित माना जायेगा। इसके अलावा यदि केन्द्र सरकार/उपरोक्त छः राज्य सरकारों के अधीन कोई कार्मिक नई पेंशन योजना से आच्छादित था तथा उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन नई पेंशन योजना के लागू होने की तिथि 01 अप्रैल, 2005  के पूर्व कार्यभार ग्रहण करता है, तो उसे 01 अप्रैल, 2005 के पूर्व उत्तर प्रदेश में लागू पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित माना जायेगा। इसके अतिरिक्त उसके पास यह नई पेंशन योजना से निकासी करने का भी विकल्प होगा।
मंत्रिपरिषद ने यह भी निर्णय लिया कि उपरोक्त छः राज्य सरकारों के अतिरिक्त अन्य राज्य सरकारों के अधीन कार्यरत कर्मचारी चाहे वे पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित रहे हों अथवा नई पेंशन योजना से यदि उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन किसी पेंशनयुक्त अधिष्ठान में दिनांक 01 अप्रैल, 2005 को अथवा उसके बाद नियुक्त होते हैं, तो उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा मंे ग्रहण करने की तिथि से दिनांक 01 अप्रैल, 2005 से लागू नई पेंशन योजना से आच्छादित माना जायेगा तथा सम्बन्धित राज्य सरकार के अधीन की गयी सेवा पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा में नहीं जोड़ी जायेगी।

शाहजहांपुर-हरदोई-लखनऊ मार्ग के उच्चीकरण/अनुरक्षण हेतु विकासकर्ता के चयन के लिए आर0एफ0पी0 व डी0सी0ए0 अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने शाहजहांपुर-हरदोई-लखनऊ मार्ग (राज्य राजमार्ग संख्या 25) का उच्चीकरण/अनुरक्षण सार्वजनिक-निजी-सहभागिता से कराने हेतु विकासकर्ता के चयन के लिए रिक्वेस्ट फाॅर प्रपोजल (आर0एफ0पी0) एवं ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेन्ट (डी0सी0ए0) का अनुमोदन कर दिया है।
निर्णय के अनुसार आर0एफ0पी0 एवं डी0सी0ए0 के अनुमोदन के उपरान्त समस्त अपेक्षित अग्रेतर कार्यवाही परियोजना से संबंधित नोडल अधिकारी द्वारा की जायेगी। इस संबंध में शासनादेश भी नोडल अधिकारी द्वारा ही जारी किया जायेगा। परियोजना के क्रियान्वयन में यदि किसी बिन्दु पर किसी विभाग की संगत नियमावली/अधिनियम/विनियम आदि के अन्तर्गत कोई अनुमोदन अपेक्षित है तो उस बिन्दु पर सक्षम स्तर का अनुमोदन प्राप्त किया जायेगा।

मेरठ-करनाल मार्ग के उच्चीकरण/अनुरक्षण हेतु विकासकर्ता के चयन के लिए आर0एफ0पी0 एवं डी0सी0ए0 का अनुमोदन

मंत्रिपरिषद ने मेरठ-करनाल मार्ग (राज्य राजमार्ग संख्या-82) का उच्चीकरण/अनुरक्षण सार्वजनिक-निजी-सहभागिता से कराने हेतु विकासकर्ता के चयन के लिए रिक्वेस्ट फाॅर प्रपोजल (आर0एफ0पी0) एवं ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेन्ट (डी0सी0ए0) का अनुमोदन कर दिया है।
निर्णय के अनुसार आर0एफ0पी0 एवं डी0सी0ए0 के अिनुमोदन के उपरान्त समस्त अपेक्षित अग्रेतर कार्यवाही परियोजना से संबंधित नोडल अधिकारी द्वारा की जायेगी। इस संबंध में शासनादेश भी नोडल अधिकारी द्वारा ही जारी किया जायेगा। परियोजना के क्रियान्वयन में यदि किसी बिन्दु पर किसी विभाग की संगत नियमावली/अधिनियम/ विनियम आदि के अन्तर्गत कोई अनुमोदन अपेक्षित है तो उस बिन्दु पर सक्षम स्तर का अनुमोदन प्राप्त किया जायगा।

रोजा ताप विद्युत परियोजना से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत क्रय करने की अनुमति

मंत्रिपरिषद ने रोजा ताप विद्युत परियोजना के द्वितीय चरण से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित दरों एवं शर्ताें पर क्रय करने हेतु मंजूरी प्रदान कर दी है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा रोजा पावर कम्पनी के साथ विद्युत क्रय अनुबंधन राज्य सरकार की सहमति से उसी प्रकार किया जायेगा जिस प्रकार द्वितीय चरण की प्रथम 50 प्रतिशत विद्युत क्रय के संबंध में अनुबंधन किये जाने का निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है।

सचिवालय के समूह-’ग’ के कार्मिकों को मोबाइल सिम उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव मंजूर

मंत्रिपरिषद ने सचिवालय के समूह-’ग’ के अन्तर्गत आने वाले कार्मिकों को बी0एस0एन0एल0 के सी0यू0जी0 प्लान के अन्तर्गत मोबाइल सिम उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से लगभग 1493 कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इन कर्मचारियों में सचिवालय के समूह-ग के सहायक समीक्षा अधिकारी, सहायक लेखाकार (सहायक समीक्षा अधिकारी, लेखा), कम्प्यूटर सहायक, कनिष्ठ श्रेणी लिपिक, प्रतिसार निरीक्षक, उप निरीक्षक, मुख्य रक्षक, विधानभवन रक्षक, अग्निशमन अधिकारी, द्वितीय अग्निशमन अधिकारी, लीडिंग फायरमैन, अग्निरक्षक, मोटर साइकिल चालक तथा पुस्तकालय संवर्ग सम्मिलित है। इन कर्मचारियों को बाहरी काल के लिये 50 रूपये प्रतिमाह की धनराशि प्रस्तावित की गयी है।
मंत्रिपरिषद ने इस व्यवस्था के अन्तर्गत निहित व्यय भार में समय-समय पर कमी अथवा वृद्धि हो जाने की स्थिति में कालान्तर में आवश्यकतानुसार कोई परिवर्तन/संशोधन किये जाने हेतु माननीया मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया है।
चूंकि सचिवालय की कार्यप्रणाली पूर्णतः अनुभाग आधारित है, जिसमें समूह-’ग’ के कार्मिकों की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। अतः यह उचित पाया गया कि सचिवालय में समूह-ग के कार्मिकों को भी बी0एस0एन0एल0 के सी0यू0जी0 प्लान के अन्तर्गत मोबाइल सिम कतिपय शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन शासकीय व्यय पर उपलब्ध करा दिया जाए। इनके अन्तर्गत सम्बन्धित कार्मिकों को मोबाइल सेट स्वयं के व्यय पर लेना होगा और इस सम्बन्ध में सचिवालय प्रशासन विभाग का कोई दायित्व नहीं होगा। सी0यू0जी0 मोबाइल कनेक्शन का प्रयोग सरकारी कार्यों के लिये किया जायेगा और स्वीकृत वित्तीय सीमा के अन्तर्गत इस हेतु आउटगोइंग काल्स भी अनुमन्य होंगी। यदि कोई कार्मिक अपने व्यक्तिगत कार्यों के लिये इसका उपयोग करना चाहे तो अपने निजी व्यय पर इसमें कूपन भरवाकर यह रिचार्ज कराकर ऐसा करने के लिये स्वतंत्र होगा। ग्रुप के अन्तर्गत उपभोक्ता अपने-अपने मोबाइल सेट को खुला रखेंगे, ताकि सरकारी कार्यों में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।


उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली-2011 मंजूर

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली-2011 को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस नियमावली के प्रवृत्त हो जाने से सरकारी कार्मिकों, पेंशनरों एवं उनके आश्रितों की चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया अत्यन्त सरल एवं सुगम हो जायेगी।
निर्णय के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली-2011 के मुख्य प्रावधानों के अन्तर्गत सरकारी कार्मिकों द्वारा सरकारी चिकित्सालयों के साथ-साथ निजी चिकित्सालयों में उपचार कराने पर भी चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति की जाएगी अर्थात् प्रदेश के अन्दर उपचार कराने पर संजय गाॅधी पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ की दरों पर तथा प्रदेश के बाहर उपचार कराने पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की दरों पर प्रतिपूर्ति अनुमन्य होगी।
इसी प्रकार सेवा निवृत्त कार्मिकों की कठिनाई को दृष्टिगत रखते हुए उक्त नियमावली के प्रख्यापन से सेवा निवृत्त सरकारी कार्मिकों को चिकित्सा परिषद के समक्ष उपस्थित होने की बाध्यता समाप्त हो जायेगी।
निर्णय के अनुसार चिकित्सा पर आने वाले भारी व्यय के दृष्टिगत चिकित्सा प्रतिपूर्ति की धनराशि की स्वीकृति प्रदान करने वाले अधिकारियों की वित्तीय अधिकार सीमा में वृद्धि करते हुए कार्यालयाध्यक्ष की सीमा 40,000 रूपये से बढ़ाकर 1,00,000 रूपये तक, विभागाध्यक्ष की सीमा 40,001-1,00,000 रूपये को बढ़ाकर 1,00,001-3,50,000 रूपये तक, प्रशासकीय विभाग की सीमा 1,00,001-2,00,000 रूपये को बढ़ाकर 3,50,001-5,00,000 रूपये तक तथा 5,00,000 रूपये से ऊपर की चिकित्सा प्रतिपूर्ति की धनराशि चिकित्सा विभाग की संस्तुति पर वित्त विभाग की पूर्व स्वीकृति से प्रशासकीय विभाग द्वारा स्वीकृत करने की व्यवस्था की गयी है।
नियमावली में राजकीय चिकित्सालय अथवा मेडिकल कालेज में उपचार करने की स्थिति में चिकित्सक के संदर्भण की आवश्यकता नहीं होगी तथा इस नियमावली में राजकीय कर्मचारी/पेंशनर एवं इनके आश्रितों की पहचान के लिए ‘‘हेल्थ कार्ड’’ का प्राविधान किया गया है।
नियमावली में औषधियों, जांचों तथा जीवनोपयोगी अंगों अलारोपण आदि के सम्बन्ध में की जाने वाली प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। प्रदेश के अन्दर राजकीय चिकित्सालयों, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं सुपर स्पेशिलियटी संस्थानों में जिन बीमारियों के उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं है उनके उपचार हेतु अनुमन्य धनराशि की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गयी है।
नियमावली में ऐलोपैथिक पद्धति की तरह आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी पद्धति से करायी गयी चिकित्सा व्यय के प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गयी है। नियमावली में प्रतिपूर्ति दावा प्रस्तुत करने के तीन माह के अन्दर लाभार्थी को भुगतान सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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माननीया मुख्यमंत्री जी ने पार्टी व सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए विकीलीक्स के मालिक की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए उसके देश की सरकार से उसे पागलखाने में भिजवाने का आग्रह किया

Posted on 06 September 2011 by admin

  • बी0एस0पी0 के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद एवं अध्यक्ष राज्य सलाहकार परिषद श्री सतीश चन्द्र मिश्र तथा मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह के सम्बन्ध में किए जा रहे दुष्प्रचार से माननीया मुख्यमंत्री जी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
  • दलित विरोधी मानसिकता से ग्रसित विपक्षी पार्टियां विकीलीक्स की भ्रामक खबरों के आधार पर राजनैतिक लाभ लेना चाहती हैं

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने उत्तर प्रदेश व देश के अन्य राज्यों से जुड़े पार्टी के लोगों को बताया है कि विदेशी विकीलीक्स वेबसाइट का मालिक पिछले एक/दो दिनों से उनके बारे में और उनकी सरकार के कैबिनेट सचिव श्री शशांक शेखर सिंह व बी0एस0पी0 के राष्ट्रीय महासचिव व राज्य सभा सांसद तथा उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री सतीश चन्द्र मिश्र जी के बारे में बी0एस0पी0, सरकार व उन्हें जोड़कर जो किस्म-किस्म की गलत, बेबुनियाद, तथ्यहीन व शरारतभरी बेहूदा खबरें दे रहा है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि विकीलीक्स का मालिक या तो पागल हो चुका है या फिर यह व्यक्ति उनकी विरोधी पार्टियों के हाथों में खेलकर बी0एस0पी0 व सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए जानबूझ कर इस किस्म की शरारतें कर रहा है। उन्होंने इसकी कड़ी शब्दों में निन्दा करते हुए विकीलीक्स के मालिक को उसके देश की सरकार से उसे पागलखाने में भिजवाने का आग्रह किया है।

माननीया सुश्री मायावती जी आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मीडिया सेन्टर में पत्रकारो को सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि यदि विकीलीक्स के मालिक को उनके देश के पागलखाने में जगह नहीं बची है, तो उन्होंने सलाह दिया कि फिर इस व्यक्ति को यहां आगरा के पागलखाने मंे भेज दिया जाए। उन्होंने मीडिया में कुछ चैनल व अखबारों में विकीलीक्स में दी गयी गलत व बेहूदा खबरों के बारे में उनकी पार्टी व सरकार से सम्बन्धित लोगों से प्रतिक्रिया जाने बिना ही एक तरफा खबरें छापने वालों की भी कड़े शब्दों में निन्दा की।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकीलीक्स की इन हरकतों से उसकी दलितों के प्रति जातिवादी मानसिकता के तहत हीन व द्वेष की भावना भी साफ नजर आती है। विकीलीक्स की खबरों को लेकर विभिन्न माध्यमों से अपने देश में घिनौनी राजनीति करने वाले लोगों की भी कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि उनकी सरकार के ईमानदार व स्वच्छ छवि रखने वाले अधिकारियों के बारे में और उनकी पार्टी के निष्ठावान और कर्मठ वरिष्ठ नेताओं के बारे में, जितना भी गलत व बेहूदी किस्म की खबरें छापकर उनको बदनाम करने की कोशिश करेंगे, तो वह उन्हें उतना ही ज्यादा बढ़ावा देंगी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अब वह श्री सतीश चन्द्र मिश्र को अपनी पार्टी में और सरकार के कैबिनेट सचिव श्री शशांक शेखर सिंह को भी अपनी सरकार में और अधिक बढ़ावा एवं महत्व देंगी। उन्होंने विरोधियों की इन सब साजिशों व हरकतों को ध्यान में रखकर अपनी पार्टी व सरकार के लोगों से किस्म-किस्म की खबरों से आगे सावधान रहने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधान सभा के आम चुनाव नजदीक होने के कारण अब इस किस्म के नाटक अक्सर आए दिन होते रहेंगे, जिनकी ओर उनकी पार्टी के लोगों को ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भाजपा के एक नेता मीडिया को विकीलीक्स के बारे में ऐसे प्रसन्न होकर जानकारी दे रहे थे, जितना कि राज्य सभा के सदस्य बनने के बाद भी नहीं रहे होंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सैण्डिल खरीदने के बारे में वे ऐसे जानकारी दे रहे थे जैसे वह विकीलीक्स के मालिक के साथ हवाई जहाज में बैठकर उनकी सैण्डिल खरीदने खुद मुम्बई गए हों। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता उनके (माननीया मुख्यमंत्री जी के) किचन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 09 लोग खाना बनाते हैं, तो इसकी जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन उनके बयान से ऐसा लगता है कि मानो वह और विकीलीक्स का मालिक उनके किचन में बर्तन साफ करने का काम करते हो।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहा है कि विकीलीक्स संस्था के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी तथा स्वीडन आदि देशों की सरकारें कानूनी कार्यवाही करने पर विचार कर रहीं हैं। इसके अलावा कई सरकारों द्वारा इस वेबसाइट को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है, क्योंकि यह संस्था समय-समय पर विभिन्न देशों के बारे में सनसनी खेज समाचार प्रकाशित करके लोगों को गुमराह करने की प्रयास कर रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से इस वेबसाइट के खिलाफ अपने स्तर से समुचित कार्यवाही करने के मांग की है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह जानकारी भी दी कि बी0एस0पी0 के राष्ट्रीय महासचिव श्री सतीश चन्द्र मिश्र तथा मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह द्वारा सम्बन्धित समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनलों के विरूद्ध कानूनी नोटिस जारी कर विधिक कार्यवाही प्रारम्भ की जायेगी। उन्होंने कहा कि श्री मिश्र एवं श्री सिंह से सम्बन्धित आधारहीन और असत्य खबरों का प्रकाशन/प्रसारण इस उद्देश्य से किया जा रहा है, ताकि बी0एस0पी0 व उसकी सरकार कमजोर हो जाए।

माननीया राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विकीलीक्स के हवाले से मीडिया में प्रकाशित/प्रसारित खबरों को पूरी तरह खारिज करते हुए इन्हें झूठा और बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि जब-जब विपक्षियों द्वारा बी0एस0पी0 तथा उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया, तब-तब पार्टी के जनाधार में और बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि झूठी और अनर्गल खबरों से बी0एस0पी0 को कोई नुकसान नहीं होगा तथा पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं व समर्थकों का जोश घटने के बजाए और बढे़गा। उन्होंने जनता से इस प्रकार के दुष्प्रचार से सचेत व सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश में आंतरिक अस्थिरता पैदा करने के इरादे से विदेशी ताकतें और कुछ विरोधी पार्टियां किसी न किसी माध्यम से जनता का ध्यान मंहगाई, बेरोजगारी और गरीबी जैसे ज्वलन्त मुद्दो से हटाकर भ्रामक मुद्दों की तरफ ले जाने का काम कर रही हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दलित विरोधी जातिवादी मानसिकता में जकड़े विपक्षी नेता, कतिपय समाचार पत्रांे व इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनल आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में एक दलित की बेटी को बतौर मुख्यमंत्री बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव नजदीक आयेगा, ऐसे विपक्षी नेता, समाचार पत्र व न्यूज चैनल और सक्रिय होंगे। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 द्वारा सर्वसमाज को जोड़ने व समाज में भाईचारा स्थापित किए जाने से घबराये विपक्षी नेता और मीडिया आधारहीन मुद्दों को उठाकर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं। इससे बी0एस0पी0 तथा उसके जनाधार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, किन्तु ऐसे तत्वों की दलित विरोधी मानसिकता अवश्य बेनकाब हो जायेगी।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुछ समाचार पत्रों ने विकीलीक्स के हवाले से झूठी व आधारहीन समाचार प्रकाशित कर उनकी छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग शायद नहीं जानते कि उनकी (माननीया सुश्री मायावती जी की) जीवन शैली सरल एवं सादगीपूर्ण हैं और उन्होंने हमेशा इस पर बल दिया है। उन्होंने मुम्बई से सैण्डिल मंगाये जाने की बात को आधारहीन बताते हुए कहा कि इस पर टिप्पणी करने वालों को यह मालूम होना चाहिए कि वर्तमान वैश्विक बाजार व्यवस्था के चलते सभी स्टोर और ब्राण्ड पूरी दुनिया के प्रत्येक हिस्से में मौजूद है। उदाहरण स्वरूप, मुम्बई अथवा अन्य किसी मैट्रोपाॅलिटन शहर में उपलब्ध उत्पाद लखनऊ सहित देश के अन्य नगरों में आसानी से उपलब्ध हैं और यह आरोप स्वतः बेबुनियाद साबित हो जाता है। उन्होंने कहा कि इन न्यूज चैनलों ने माननीया मुख्यमंत्री जी की अंग्रेजी की क्षमता के सम्बन्ध में कुछ टिप्पणियां की हैं। ऐसा करने वालों को शायद यह जानकारी नहीं है कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी माध्यम में रैगुलर छात्रा के तौर पर अध्ययन कर एल0एल0बी0 की डिग्री हासिल की है।

माननीया सुश्री मायावती जी ने कहा कि विकीलीक्स के हवाले से प्रकाशित खबरों के सम्बन्ध में यह बिन्दु भी गौर किए जाने योग्य है कि समस्त खबरें वर्ष 2007 व 2009 की बताई जा रही हैं और मीडिया में इनका प्रचार वर्ष 2011 में हो रहा है, जबकि विधान सभा चुनाव प्रदेश में शीघ्र होने वाले हैं। इससे साफ प्रकट होता है कि इस प्रकार का दुष्प्रचार करने वालांे की मंशा पूरी तरह राजनीतिक है और यही कारण है कि इन कथित ’खुलासों’ के नाम पर कुछ विरोधी पार्टियां अचानक सक्रिय हो गयी हैं।
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बी0एस0पी0 राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बल देते हुए कहा कि विकीलीक्स एक गैर सरकारी वेबसाइट है, जो समय-समय पर भ्रामक दुष्प्रचार एवं फर्जी खुलासा करने के लिए पूरी दुनिया में कुख्यात है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व जानता है कि इस संस्था के मालिक अपने दुष्कर्मों के लिए गिरफ्तार किये जा चुके हैं और इन पर आपराधिक धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया। इस वेबसाइट के माध्यम से प्रसारित की गई खबरों पर गौर किया जाये तो इसका राजनैतिक एजेण्डा पूरी तरह से स्पष्ट है, क्योंकि यह वेबसाइट देश में व्याप्त ज्वलन्त मुद्दों से जनता का ध्यान हटाकर भ्रामक तथ्यों की तरफ ले जाना चाहती है। इसलिए जनता को ऐसी खबरांे से सावधान रहना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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अमेरिकी दूतावास के अधिकारी से कभी मुलाकात नहीं हुई-सतीश चन्द्र मिश्र

Posted on 06 September 2011 by admin

आधारहीन समाचार प्रकाशित व प्रसारित करने पर न्यूज चैनल तथा समाचार पत्रों के खिलाफ करेंगे कानूनी कार्यवाही

बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, राज्यसभा सांसद एवं उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार परिषद् के अध्यक्ष श्री सतीश चन्द्र मिश्र ने आज मीडिया में विकीलीक्स के हवाले से माननीया मुख्यमंत्री जी से सम्बन्धित प्रकाशित की गई खबरों को पूरी तरह आधारहीन एवं भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा है कि मई, 2007 में अमेरिकी दूतावास का कोई भी अधिकारी ने उनसे मुलाकात नहीं की थी। उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिये मुख्यमंत्री और उनके बीच गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कामयाब नहीं होने दी जायेगी।
श्री मिश्र ने आज यहां जारी बयान में कहा है कि 13 मई, 2007 को मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में पहली बार बी0एस0पी0 की  पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी थी और 29 मई, 2007 को लगभग 16 दिन बाद ही माननीया मुख्यमंत्री जी के बारे में मेरे द्वारा टिप्पणी किये जाने की बात करना हास्यास्पद ही नहीं, बचकाना और शरारतपूर्ण भी है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों और चैनलों की जिम्मेदारी बनती है कि उनसे सम्बन्धित कोई भी समाचार छापने व प्रसारित करने से पहले सम्बन्धित व्यक्ति से उसका पक्ष भी समाचार में शामिल किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि वह इस तरह के असत्य, निराधार व भ्रामक समाचार प्रकाशित करने के लिए सम्बन्धित अखबार और चैनलों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेंगे।
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि वह बी0एस0पी0 की नीतियों एवं विचारधारा के साथ लम्बे समय से जुड़े हुए हैं और मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में बी0एस0पी0 पार्टी के समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की पूरे देश में बढ़ते जनाधार एवं लोकप्रियता से सभी विपक्षी दल परेशान हैं और इसलिए समय-समय पर किसी न किसी माध्यम से पार्टी और सरकार पर झूठा आरोप लगाते रहते हैं।
श्री मिश्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बी0एस0पी0 द्वारा ‘‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’’ के सिद्धान्त को सफलतापूर्वक संचालित करने के बाद सामाजिक स्तर पर भाईचारे को और मजबूत बनाने में बी0एस0पी0 की बड़ी अहम भूमिका रही है। इसलिए सभी विरोधी दल बी0एस0पी0 पर आधारहीन आरोप लगाकर उसे घेरने के फिराक में लगे रहते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि इतिहास गवाह है कि माननीया मुख्यमंत्री जी एवं उनकी पार्टी पर जब भी बेबुनियाद एवं आधारहीन आरोप लगाये गये हैं, बी0एस0पी0 उतनी ही मजबूती से आगे बढ़ी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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नजूल भूमि के प्रबन्धन और निस्तारण के सम्बन्ध में वर्तमान नजूल नीति में संशोधन

Posted on 06 September 2011 by admin

राज्य सरकार ने नजूल भूमि के प्रबन्धन और निस्तारण के सम्बन्ध में वर्तमान नजूल नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया है।
इस आशय के प्रस्ताव को आज उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक में अनुमोदित किया गया। लिये गये निर्णय के अनुसार अधिकतम 300 वर्गमीटर रिक्त नजूल भूमि पर दिनांक 01 दिसम्बर, 1998 के पूर्व के अवैध कब्जेदारों को पक्ष में प्रभावी वर्तमान सर्किल रेट का 100 प्रतिशत लेकर नजूल भूमि को विनियमित किये जायेंगे। इसके अलावा 300 वर्गमीटर के अतिरिक्त भूमि पर कब्जा प्राप्त कर ऐसी अतिरिक्त भूमि का निस्तारण नीलामी/निविदा के माध्यम से किया जायेगा। यह सुविधा केवल 06 माह के लिए अनुमन्य होगी।
कृषि अथवा बागवानी के समाप्त पट्टे की नजूल भूमि को मार्ग के चैड़ीकरण अथवा सार्वजनिक सेवाओं जैसे-विद्युत सब-स्टेशन/ट्रान्सफार्मर की स्थापना एवं पार्कों आदि के विकास आदि के प्रयोजन हेतु आरक्षित किया जायेगा, इसके लिए उपयोगी न होने पर पट्टेदार के पक्ष में 10 प्रतिशत प्रीमियम तथा साधारण वार्षिक किराया लेकर 10 वर्ष के लिए इस शर्त के साथ नवीनीकरण किया जायेगा, कि कृषि/बागवानी से भिन्न प्रयोजन किये जाने पर पट्टा स्वतः निरस्त समझा जायेगा।
नजूल भूमि के पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने की स्थिति में पट्टेदारों द्वारा उच्च भू-उपयोग करने पर महायोजना में नियमानुसार भू-उपयोग परिवर्तन कराने एवं भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क के भुगतान के पश्चात शासनादेश दिनांक 10 दिसम्बर, 2002 के प्रस्तर-6 के अनुसार आवासीय पट्टों में सर्किल दर का 60 प्रतिशत तथा अनावासीय पट्टों में 80 प्रतिशत धनराशि लेकर फ्री-होल्ड किया जायेगा। अन्य उल्लंघनों में सर्किल दर का 100 प्रतिशत लेकर फ्री-होल्ड किया जायेगा। यह सुविधा केवल 6 माह के लिए होगी। इसके उपरान्त बेदखली की कार्यवाही कर भूमि पर पुनःप्रवेश दिया जायेगा।
नजूल भूमि को फ्री-होल्ड किये जाने हेतु जनपद स्तर पर लम्बित आवेदन पत्रों का निस्तारण फ्री-होल्ड की अवशेष 75 प्रतिशत धनराशि पर 15 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज लेकर तत्समय के सर्किल रेट एवं तत्समय की नीति के अनुसार फ्री-होल्ड किया जायेगा। यह सुविधा 06 माह के लिए होगी। इस अवधि के बाद लम्बित आवेदन पत्र स्वतः निरस्त समझे जायेंगे। इसके अलावा नामित व्यक्ति के पक्ष में नजूल भूमि को फ्री-होल्ड किये जाने से स्टाम्प शुल्क की हानि होती है। अतः नामित व्यक्ति/क्रेता के पक्ष में फ्री-होल्ड तभी किया जायेगा, जब उसने पूर्ण स्टाम्प का भुगतान कर एग्रीमेन्ट टू सेल कर लिया गया हो।
भू-धारक के भूखण्ड/भवन के साथ स्थित नजूल भूमि को भू-धारक या पट्टाधारक या उनके विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में फ्री-होल्ड किये जाने की व्यवस्था है, जिसमें यह संशोधन प्रस्तावित है कि ऐसी नजूल भूमि में से भू-धारक की निजी भूमि के क्षेत्रफल के अधिकतम समतुल्य भाग तक ही नजूल भूमि को उसके पक्ष में प्रभावी सर्किल रेट के 100 प्रतिशत पर फ्री-होल्ड की जायेगी और शेष भूमि का निस्तारण नीलामी/निविदा के माध्यम से किया जायेगा।
सामुदायिक उपयोग हेतु बस अड्डों, सामुदायिक/ सांस्कृतिक/सामाजिक क्लबों आदि की समाप्त पट्टे की भूमि के निर्मित क्षेत्र को पट्टेदार के पक्ष में सर्किल रेट का 100 प्रतिशत प्रीमियम एवं 10 प्रतिशत सामान्य वार्षिक किराये की दर पर 10 वर्ष के लिए नवीनीकरण किया जायेगा। निर्मित क्षेत्र के साथ लगी खुले क्षेत्र की भूमि को 10 प्रतिशत प्रीमियम लेकर साधारण वार्षिक किराया पर 10 वर्ष के लिए नवीनीकरण किया जायेगा। अन्यथा प्रयोग करने पर पुनःप्रवेश कर नीलामी/निविदा के माध्यम से निस्तारण किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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जैव उर्वरक पैकेटों के वितरण में 25 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति/जनजाति के किसान होंगे

Posted on 06 September 2011 by admin

वर्ष 2011-12 में जैव उर्वरकों का वितरण 75 प्रतिशत अनुदान पर किया जायेगा
राज्य सरकार के इस निर्णय से लाखों किसान लाभान्वित होंगे

उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2011-2012 में जैव उर्वरक उत्पादन प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण/जैव उर्वरकों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के कार्यक्रम के अन्तर्गत कुल 30 लाख जैव उर्वरक पैकेटों का वितरण करने का निर्णय लिया है। इसमें से 9.37 लाख जैव उर्वरक पैकेट राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत दलहनी फसलों हेतु सभी जनपदों में वितरित किए जायेंगे। इसमें 25 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति/जनजाति के होंगे। सरकार के इस निर्णय से लाखों किसान लाभान्वित होंगे।
इसमें केन्द्रीय योजना से 50 प्रतिशत (उपलब्ध धनराशि 60 लाख रूपये) तथा राज्य सेक्टर की योजना से 25 प्रतिशत धनराशि (15 लाख रूपये) अनुदान के रूप में किया जायेगा। शेष 20.625 लाख जैव उर्वरक पैकेट का वितरण राज्य सेक्टर की योजना से 75 प्रतिशत अनुदान की दर से 165 लाख की धनराशि का व्यय की जायेगी। इस प्रकार केन्द्रीय योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन द्वारा 60 लाख रूपये तथा राज्य सेक्टर की प्रस्तावित योजना से 180 लाख रूपये व्यय किये जायेंगे। राज्य सेक्टर से होने वाले व्यय के लिए बजट में व्यवस्था है।
इस आशय के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदित किया गया।
जैव उर्वरकों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने का कार्यक्रम सम्पूर्ण प्रदेश में संचालित किया जायेगा। कार्यक्रम के अन्तर्गत जैव उर्वरक पैकेटों का वितरण लघु/सीमान्त कृषकों को किया जायेगा, जिसमें 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषक होंगे तथा कुल लाभार्थी कृषकों में अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों में कृषक बड़े किसान भी हो सकते हैं। किसानों का चयन निर्धारित मापदण्डों के अन्तर्गत पारदर्शिता के साथ किया जायेगा और अनुदान के वितरण में भी ऐसी व्यवस्था की जायेगी कि पात्र कृषकों को सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान की धनराशि का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
वर्तमान वर्ष 2011-12 में जैव उर्वरकों का वितरण 75 प्रतिशत अनुदान पर कृषकों में किए जाने का निर्णय लिया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के अन्तर्गत जैव उर्वरकों के वितरण पर 50 प्रतिशत की सीमा तक अनुदान अनुमन्य है। शेष 25 प्रतिशत अनुदान राज्य सेक्टर की योजना से लिया जायेगा। इस प्रकार किसानों को जैव उर्वरकों पर 75 प्रतिशत का अनुदान प्राप्त होगा।
जैव उर्वरकों के प्रयोग से भूमि में उर्वरा शक्ति में वृद्धि के साथ-साथ फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है। कार्यक्रम के क्रियान्वयन से प्रदेश में 6.45 लाख हे0 क्षेत्र उपचारित होगा तथा उत्पादन में भी 02 कुन्टल प्रति हे0 अतिरिक्त उत्पादन प्राप्त होगा। जैव उर्वरक से उपचारित क्षेत्र में लगभग 10 हजार मै0 टन नत्रजन की बचत होगी तथा जमीन में अनुपलब्ध फास्फारस की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी एवं पर्यावरण की भी सुरक्षा होगी।
जैव उर्वरकों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने हेतु विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत कार्यक्रमों तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, दलहनी फसलों के लाभार्थी तथा बीज वितरण कार्यक्रम के लाभार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर जैव उर्वरकों के पैकेट अनुदान पर वितरित किए जायेंगे।
उल्लेखनीय है कि फसलों द्वारा मृदा से प्राप्त होने वाले मुख्य पोषक तत्वों में नत्रजन एवं फास्फोरस की उपलब्धता में जैव उर्वरकों (राइजोवियम एजोवेक्टर एवं पी0एस0बी0 कल्चर) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि इनके द्वारा नत्रजन और फास्फोरस की उपलब्धता फसलों को अधिक सुगमता से होती है। जैव उर्वरक सूक्ष्म जीवियों का चारकोल में मिश्रण है, जो पौधों को मुख्य पोषक तत्वों के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता को भी बढ़ाता है। वैज्ञानिक खेती में रासायनिक उर्वरकों, कम्पोस्ट खादो के साथ-साथ जैव उर्वरकों का प्रयोग सभी फसलों में आवश्यक है, किन्तु दलहनी फसलों के लिए यह ज्यादा जरूरी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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रामगंगा की तबाही से बचाने को ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, तटबंध व पैटूनपुल की मांग

Posted on 06 September 2011 by admin

हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेल रहे मिर्जापुर, कलान व परौर के वाशिन्दे अब इस मुसीबत से आजिज आ चुके तथा अब वह इस से निजात पाना चाहते हैं और इसलिए लगातार अधिकारियों से लेकर सरकार तक इस बाढ़ से छुटकारा दिलाने की मांग कर रहे है। इसी के तहत रामगंगा के किनारे बसे दर्जनों ग्रामों के प्रधानों ने उप जिलाधिकारी जलालाबाद द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बाढ़ पीड़ितों को मदद करने सहित पांच सूत्रीय ज्ञापन भेजा। जिसमें उन्होंने कहा कि उक्त क्षेत्र आज भी गरीबी का दंश झेल रहा है। वहीं हर वर्ष रामगंगा द्वारा जो भयानक बाढ़ का मंजर आता है उससे सैकड़ों गांव तबाह हो जाते हैं इसलिए इस भीषण बाढ़ से निपटने के लिए ग्राम परौर, माझा, दहेलिया, घाट पर पीपोका पैटून पुल बनवाया जाये तथा रामगंगा घाट दहिलिया घाट, कुडरी, सोहड़ में एक नाव डाली जिससे किसान पार होकर खेती की देखभाल कर सके। ठण्ड से हुई आश्रितों के आर्थिक सहायता दी जाये तथा केन्द्र पर नियुक्त एनएम अल्पना के कार्यों की जांच कराकर उसका स्थानान्तरण किया जाये वहीं मिर्जापुर से थरिया जरौली से परौर, कुण्डरिया मार्ग तक एक रोडवेज बस चलायी जाये तथा मिर्जापुर से चैाराखेत, जरौली, परौर के पास कटे मार्गों का निर्माण कराया जाये। इस मौके पर ग्राम पंचायत प्रधान दोदपुर ग्राम चैारा बागर, ग्राम भुड़िया तथा कुनिया आजमाबाद सहित दर्जनों ग्राम प्रधान मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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वकीलों की हत्या से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने की हड़ताल

Posted on 06 September 2011 by admin

मोहम्मदी में दो अधिवक्ताओं की हुई निर्मम हत्या से जिले के वकीलों में उबाल देखा गया। राजीव सभागार मंे सुबह ही एकत्र होकर जहंा उन्होंने शोक सभा की वहीं बीस लाख रुपये मुआवजे और एसडीएम व तहसीलदार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एडीएम को ज्ञापन भी दिया। ज्ञापन के लिए जाते समय कलेक्ट्रेट का गेट बंद कर देने पर वकील भड़क गये और कुछ देर के लिए उन्होंने तिराहे पर जाम भी लगा दिया। वकीलों में आक्रोश देख प्रशासन के हाथ पैर तो फूल गये लेकिन हालात पर जल्द ही समझा बुझाकर काबू पा लिया।
बीते दिनों मोहम्मदी कचहरी परिसर मंे लेखपालों द्वारा की गयी फायरिंग से हुई अधिवक्ता प्रदीप दीक्षित व मुकुन्द तिवारी की मौत से भड़के वकीलों ने कचहरी परिसर में न्यायिक कार्य से विरत रहकर राजीव सभागार में शोक सभा की। बाद में ज्ञापन के लिए जाते समय जैसे ही मौजूद पुलिस बल ने कलेक्ट्रेट का गेट बन्द किया वैसे ही वकील भड़क गये और उन्होंने पीडब्ल्यूडी तिराहे पर पहुंचकर जाम लगाना शुरू कर दिया। बवाल की आशंका को देखते हुए अधिकारियों के हाथ पैर फूल गये। मौके की नजाकत को देखते हुए एडीएम ने वहीं पहुंचकर ज्ञापन लेकर अधिवक्ताओं के गुस्से को शंात किया। इस बीच कुछ अधिवक्ताओं ने आम मोटर साइकिल सवारों को दौड़ाया। जाम लगाते समय प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग राज्यमंत्री भी आ गये लेकिन गुस्साये वकीलों की स्थिति देख अवधेश वर्मा कुछ पल रूककर अपनी गाड़ियां तिराहे से वापस ले गये। इस दौरान सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष बृजेश मिश्रा, सचिव जदुवीर सिंह, बसंत लाल खन्ना, राजीव कुमार गुप्ता, एजाज हसन खां, गायत्री प्रकाश अवस्थी, जितेन्द्र गुप्ता, लतीफ खां, कृपा राम मिश्रा, संजय मिश्रा, राकेश मिश्रा, नन्द किशोर अवस्थी, प्रमोद मिश्रा, आलोक द्विवेदी, संजीव शुक्ला, अनिल मिश्रा, अमोघ चन्द्र दीक्षित, देवेन्द्र गुप्ता, राम कुमार राजवंशी, शफीकुद्दीन अंसारी, छेदालाल आदि मौजूद थे। उधर पुवायां में अधिवक्ताओं ने नारेबाजी कर मुख्यमंत्री के नाम से एसडीएम पुवायां को ज्ञापन सौंपा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लोगो को दो वक्त का खाना नहीं मिल पा रहा

Posted on 06 September 2011 by admin

kanpur-dehat-012रमाबाईनगर (सिकन्दरा)  भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं चुनाव समिति के अध्यक्ष कलराज मिश्र ने कहा कि जिस प्रदेश में लोग दाने-दाने को मोहताज है, जहाॅ पर 08 करोड़ से ज्यादा लोगो को दो वक्त का खाना नहीं मिल पा रहा है। उस प्रदेश की मुखिया मायावती मुम्बई से जहाज से अपने लिए सैण्डल मंगाती है। यह प्रदेश के लोगों के ऊपर करारा तमाचा है। वे यहाॅ पर रमाबाई नगर के सिकन्दरा विधानसभा में विजय संकल्प सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
श्री मिश्र ने कहा कि जहां किसान भुखमरी के कारण आत्महत्या कर रहा हो, जहां लोग दवाई के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हो, जहां हर काम के लिए पैसे लिए जा रहे हो, मां-बहनो की इज्जत से खिलवाड़ हो रहा है। व्यापारी लूटा जा रहा हो, सभी डील का पैसा मुखिया के पास जाता हो, जन प्रतिनिधियों के द्वारा बलात्कार की घटना हो रही हों। उन्होंने बाराबंकी में पंचायत में सबके सामने छेड़छाड़ की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बसपा कार्यकर्ता द्वारा लड़की को छेड़छाड़ के बाद आत्महत्या करने का प्रयास करना, महिलाओं की एक महिला मुख्यमंत्री के शासन में इज्जत सुरक्षित नहीं है। शिक्षक तबाह है बेरोजगारों को काम नहीं मिल रहा, जहां प्रदेश बीमारी के हालात से गुुजर रहा हो।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार प्रतिशोध के रूप में कार्य कर रही है। स्वामी रामदेव पर आरोप लगाया जा रहा है। अन्ना के सहयोगियों को गलत तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है। कांग्रेस देश में अलगाव पैदा कर रही है। कांग्रेस धर्म और जाति की राजनीति करके देश को तोड़ने का काम कर रही है। इन दुष्ट ताकतों को सबक सिखाना होंगा। सपा और बसपा हमारी लड़ाई बूथ पर होगी। लोकतंत्र के हार जीत वहीं तय होगी। आपके संघर्ष ही, आपके विजय का मार्ग प्रशस्त करेंगा। जब जनाक्रोश बढ़ता है तब बड़ी से बड़ी तानाशाही ताकतें ध्वस्त हो जाती है। यू0पी0ए0 सरकार ने भ्रष्टाचार की हदें तोड़ दी। केन्द्र और प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रतिशोध की भवाना से काम किया तो परिणाम बहुत ही गम्भीर होंगे।
श्री मिश्र का रेलवे स्टेशन से लेकर किसान नगर रायपुर, रनियां में भव्य स्वागत हुआ। भाजपा युवामोर्चा द्वारा हजारों की संख्या में मोटर साइकिल जुलूस निकालकर कार्यक्रम स्थल तक ले जाया गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं का अहवाहन करते हुए कहा कि परिवर्तन के लिए प्रण लेना है कि भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाना है। विजय संकल्प सम्मेलन में प्रदेश महामंत्री, विधायक प्रेमलता कटियार, कमलरानी वरूण पूर्व सांसद, गंगा सिंह चैहान पूर्व विधायक हरदोई, अशोक दूबे पूर्व एम0एल0सी0, राजेश तिवारी जिलाध्यक्ष, वंशलाल कटियार, महावीर त्रिपाठी, अरविन्द सचान विधानसभा प्रभारी, मनोज शुक्ला, अर्चना मिश्रा, हनुमान मिश्रा, जितेन्द्र सिंह युवामोर्चा अध्यक्ष आदि लोग हजारों की संख्या में मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अपराधिक कृति को बढ़ावा देने वाला फैसला

Posted on 06 September 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने नजूल भूमि के अवैध कब्जेदारों के पक्ष में विनयमती करण करने के उ0प्र0 सरकार के फैसले को गलत बताया और कहा इससे अवैध कब्जा करने वालों को सरकारी संरक्षण मिलेगा। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि इससे प्रेरित होकर लोग भविष्य में अवैध कब्जा करेंगे सरकार आगे चलकर इसे भी विनयमिती करण कर देगी। यह अपराधिक कृति को बढ़ावा देने वाला फैसला है।
श्री पाठक ने उ0प्र0 सरकार द्वारा आज लिए गए इस निर्णय पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इस सरकार ने अवैध कब्जेदारों को प्रोत्साहित करने के लिए यह फैसला किया है। उन्हें यह सुविधा मात्र 6 माह तक के लिए ही मिलेगी। क्यांेकि इस सरकार का अन्तिम कार्यकाल की अवध भी मात्र 6 माह ही है। अब भविष्य में इस सरकार को आना भी नहीं है। प्रदेश की जनता अब इस सरकार को ज्यादा दिन बर्दास्त करने के इच्छुक नहीं है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Regulating illegal content

Posted on 06 September 2011 by admin

After vehemently supporting Anna Hazare’s Jan Lokpal Bill in Parliament, Jayant Choudhary, MP (Lok Sabha) and General Secretary, Rashtriya Lok Dal today stood up for the freedom of speech and expression on the internet. Raising the issue under Rule 377 in the Lok Sabha, Jayant questioned the Government’s intent in the recent notification of Information Technology Rules.  “The Google’s transparency report for Jul – Dec 2010 reports a 123% increase in demands for content removal by Indian Government and law enforcement. Google removed internet content on 22% of the Indian Government requests as opposed to 87% in USA, 100% in Turkey and so on. This indicates that a number of requests made by the Indian authorities were frivolous and aimed at propagating the ‘Government view’ rather than regulating illegal content” he stated.

The 2011 IT Rules discriminate against the medium of dispersion of information. The Intermediary Guidelines Rules prohibit sharing blasphemous, libelous, and disparaging information. These conditions are purely subjective in nature and they differ from the Press Council’s norms of journalistic conduct. A newspaper article considered ‘blasphemous’ is legal, but the same cannot be reproduced online. The Reasonable Security Practices Rules allow government agencies access to personal information from service providers through written complaints, whereas other crimes require warrants signed by magistrates.

Another draconian aspect of the rules on curbing freedom of speech is its very violation of the spirit of the IT Act, which had removed intermediary liability for content. Jayant Chaudhary stated that such expansive changes should have come through amendments in the main Act rather than being slipped through a subordinate legislation.

Though Internet users are less than 10% of India’s population, but the numbers are increasing significantly. The number of such users in the Media industry is perhaps the largest after the Infotech industry. It is important that the right of ordinary citizens to express themselves is not trampled upon by an over zealous regulatory environment. The new Indian regulations restrict Web content that, among other things, can be considered “disparaging,” “harassing,” “blasphemous” or “hateful.”

The new rules, quietly issued by the country’s Department of Information Technology in May, 2011, allow officials and private citizens to demand that Internet sites and service providers remove content they consider objectionable on the basis of a long list of criteria. The list of objectionable content is sweeping and includes anything that “threatens the unity, integrity, defense, security or sovereignty of India, friendly relations with foreign states or public order.” The rules highlight the ambivalence with which Indian officials have long treated freedom of expression.

Along with the new content regulations, the government also issued rules governing data security, Internet cafes and the electronic provision of government services. RLD’s National General Secretary and MP, Jayant’s stand brings out the lacunae in the subordinate legislation and points to the need for the government through its policy and legislative framework to enable an important medium like the internet to realize its potential and be accessible to the masses.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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