मोहम्मदी में दो अधिवक्ताओं की हुई निर्मम हत्या से जिले के वकीलों में उबाल देखा गया। राजीव सभागार मंे सुबह ही एकत्र होकर जहंा उन्होंने शोक सभा की वहीं बीस लाख रुपये मुआवजे और एसडीएम व तहसीलदार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एडीएम को ज्ञापन भी दिया। ज्ञापन के लिए जाते समय कलेक्ट्रेट का गेट बंद कर देने पर वकील भड़क गये और कुछ देर के लिए उन्होंने तिराहे पर जाम भी लगा दिया। वकीलों में आक्रोश देख प्रशासन के हाथ पैर तो फूल गये लेकिन हालात पर जल्द ही समझा बुझाकर काबू पा लिया।
बीते दिनों मोहम्मदी कचहरी परिसर मंे लेखपालों द्वारा की गयी फायरिंग से हुई अधिवक्ता प्रदीप दीक्षित व मुकुन्द तिवारी की मौत से भड़के वकीलों ने कचहरी परिसर में न्यायिक कार्य से विरत रहकर राजीव सभागार में शोक सभा की। बाद में ज्ञापन के लिए जाते समय जैसे ही मौजूद पुलिस बल ने कलेक्ट्रेट का गेट बन्द किया वैसे ही वकील भड़क गये और उन्होंने पीडब्ल्यूडी तिराहे पर पहुंचकर जाम लगाना शुरू कर दिया। बवाल की आशंका को देखते हुए अधिकारियों के हाथ पैर फूल गये। मौके की नजाकत को देखते हुए एडीएम ने वहीं पहुंचकर ज्ञापन लेकर अधिवक्ताओं के गुस्से को शंात किया। इस बीच कुछ अधिवक्ताओं ने आम मोटर साइकिल सवारों को दौड़ाया। जाम लगाते समय प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग राज्यमंत्री भी आ गये लेकिन गुस्साये वकीलों की स्थिति देख अवधेश वर्मा कुछ पल रूककर अपनी गाड़ियां तिराहे से वापस ले गये। इस दौरान सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष बृजेश मिश्रा, सचिव जदुवीर सिंह, बसंत लाल खन्ना, राजीव कुमार गुप्ता, एजाज हसन खां, गायत्री प्रकाश अवस्थी, जितेन्द्र गुप्ता, लतीफ खां, कृपा राम मिश्रा, संजय मिश्रा, राकेश मिश्रा, नन्द किशोर अवस्थी, प्रमोद मिश्रा, आलोक द्विवेदी, संजीव शुक्ला, अनिल मिश्रा, अमोघ चन्द्र दीक्षित, देवेन्द्र गुप्ता, राम कुमार राजवंशी, शफीकुद्दीन अंसारी, छेदालाल आदि मौजूद थे। उधर पुवायां में अधिवक्ताओं ने नारेबाजी कर मुख्यमंत्री के नाम से एसडीएम पुवायां को ज्ञापन सौंपा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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