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नजूल भूमि के प्रबन्धन और निस्तारण के सम्बन्ध में वर्तमान नजूल नीति में संशोधन

Posted on 06 September 2011 by admin

राज्य सरकार ने नजूल भूमि के प्रबन्धन और निस्तारण के सम्बन्ध में वर्तमान नजूल नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया है।
इस आशय के प्रस्ताव को आज उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक में अनुमोदित किया गया। लिये गये निर्णय के अनुसार अधिकतम 300 वर्गमीटर रिक्त नजूल भूमि पर दिनांक 01 दिसम्बर, 1998 के पूर्व के अवैध कब्जेदारों को पक्ष में प्रभावी वर्तमान सर्किल रेट का 100 प्रतिशत लेकर नजूल भूमि को विनियमित किये जायेंगे। इसके अलावा 300 वर्गमीटर के अतिरिक्त भूमि पर कब्जा प्राप्त कर ऐसी अतिरिक्त भूमि का निस्तारण नीलामी/निविदा के माध्यम से किया जायेगा। यह सुविधा केवल 06 माह के लिए अनुमन्य होगी।
कृषि अथवा बागवानी के समाप्त पट्टे की नजूल भूमि को मार्ग के चैड़ीकरण अथवा सार्वजनिक सेवाओं जैसे-विद्युत सब-स्टेशन/ट्रान्सफार्मर की स्थापना एवं पार्कों आदि के विकास आदि के प्रयोजन हेतु आरक्षित किया जायेगा, इसके लिए उपयोगी न होने पर पट्टेदार के पक्ष में 10 प्रतिशत प्रीमियम तथा साधारण वार्षिक किराया लेकर 10 वर्ष के लिए इस शर्त के साथ नवीनीकरण किया जायेगा, कि कृषि/बागवानी से भिन्न प्रयोजन किये जाने पर पट्टा स्वतः निरस्त समझा जायेगा।
नजूल भूमि के पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने की स्थिति में पट्टेदारों द्वारा उच्च भू-उपयोग करने पर महायोजना में नियमानुसार भू-उपयोग परिवर्तन कराने एवं भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क के भुगतान के पश्चात शासनादेश दिनांक 10 दिसम्बर, 2002 के प्रस्तर-6 के अनुसार आवासीय पट्टों में सर्किल दर का 60 प्रतिशत तथा अनावासीय पट्टों में 80 प्रतिशत धनराशि लेकर फ्री-होल्ड किया जायेगा। अन्य उल्लंघनों में सर्किल दर का 100 प्रतिशत लेकर फ्री-होल्ड किया जायेगा। यह सुविधा केवल 6 माह के लिए होगी। इसके उपरान्त बेदखली की कार्यवाही कर भूमि पर पुनःप्रवेश दिया जायेगा।
नजूल भूमि को फ्री-होल्ड किये जाने हेतु जनपद स्तर पर लम्बित आवेदन पत्रों का निस्तारण फ्री-होल्ड की अवशेष 75 प्रतिशत धनराशि पर 15 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज लेकर तत्समय के सर्किल रेट एवं तत्समय की नीति के अनुसार फ्री-होल्ड किया जायेगा। यह सुविधा 06 माह के लिए होगी। इस अवधि के बाद लम्बित आवेदन पत्र स्वतः निरस्त समझे जायेंगे। इसके अलावा नामित व्यक्ति के पक्ष में नजूल भूमि को फ्री-होल्ड किये जाने से स्टाम्प शुल्क की हानि होती है। अतः नामित व्यक्ति/क्रेता के पक्ष में फ्री-होल्ड तभी किया जायेगा, जब उसने पूर्ण स्टाम्प का भुगतान कर एग्रीमेन्ट टू सेल कर लिया गया हो।
भू-धारक के भूखण्ड/भवन के साथ स्थित नजूल भूमि को भू-धारक या पट्टाधारक या उनके विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में फ्री-होल्ड किये जाने की व्यवस्था है, जिसमें यह संशोधन प्रस्तावित है कि ऐसी नजूल भूमि में से भू-धारक की निजी भूमि के क्षेत्रफल के अधिकतम समतुल्य भाग तक ही नजूल भूमि को उसके पक्ष में प्रभावी सर्किल रेट के 100 प्रतिशत पर फ्री-होल्ड की जायेगी और शेष भूमि का निस्तारण नीलामी/निविदा के माध्यम से किया जायेगा।
सामुदायिक उपयोग हेतु बस अड्डों, सामुदायिक/ सांस्कृतिक/सामाजिक क्लबों आदि की समाप्त पट्टे की भूमि के निर्मित क्षेत्र को पट्टेदार के पक्ष में सर्किल रेट का 100 प्रतिशत प्रीमियम एवं 10 प्रतिशत सामान्य वार्षिक किराये की दर पर 10 वर्ष के लिए नवीनीकरण किया जायेगा। निर्मित क्षेत्र के साथ लगी खुले क्षेत्र की भूमि को 10 प्रतिशत प्रीमियम लेकर साधारण वार्षिक किराया पर 10 वर्ष के लिए नवीनीकरण किया जायेगा। अन्यथा प्रयोग करने पर पुनःप्रवेश कर नीलामी/निविदा के माध्यम से निस्तारण किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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