Archive | November 23rd, 2010

मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सी.एम.एस. में 10 दिसम्बर से 70 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद पधारेंगे लखनऊ, दलाई लामा करेंगे उद्घाटन

Posted on 23 November 2010 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा `विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन´ आगामी 10 से 14 दिसम्बर 2010 तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम, लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन विश्वप्रसिद्ध धार्मिक गुरु दलाई लामा करेंगे तथापि 70 देशों के 200 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश, कानूनविद् तथा ख्याति प्राप्त शान्ति संगठनों के प्रतिनिधि लखनऊ पधार रहे हैं। यह जानकारी आज यहां आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के संयोजक व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गांधी ने पत्रकारों को दी। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. गांधी ने कहा कि विश्व एकता, विश्व शान्ति व विश्व के 2 अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य को समर्पित यह ऐतिहासिक सम्मेलन लखनऊ की सरजमीं पर लगातार ग्यारहवीं बार आयोजित किया जा रहा है। डा. गांधी ने कहा कि विगत दस वषोZं में इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने विश्व के न्यायविदों व कानूनविदों को बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु एक मंच पर एकत्रित किया ही है साथ ही साथ जीवन मूल्यों, एकता, शान्ति, न्याय, ज्ञान व मानव अधिकारों की रक्षा पर आधारित एक नई विश्व व्यवस्था का चिन्तन दिया है। डा. गांधी ने कहा कि यूनेस्को शान्ति शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित एवं गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड से नामित 39,000 छात्रों वाला सिटी मोन्टेसरी स्कूल विश्व के 2 अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु पिछले 10 वषोZ से लगातार इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन को आयोजित कर रहा है एवं विश्व एकता के इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए “विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का ग्यारहवां अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन´´ आयोजित किया जा रहा है।

डा. गांधी ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु 70 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् एक नई विश्व व्यवस्था की नींव रखने लखनऊ पधार रहे हैं जिनमें अफगानिस्तान, अल्बानिया, अल्जीरिया, अर्जेन्टीना, आर्मीनिया, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, भूटान, बेनिन, ब्राजील, बुरकिना फांसो, कनाडा, कोस्टारिका, कोलिम्बया, कोमोरोस, कांगो, इक्वाडोर, इजिप्ट, इथियोपिया, फिजी आईसलैण्ड, फिनलैण्ड, फ्रांस, गािम्बया, जार्जिया, घाना, ग्रेनेडा, गुयाना, हैती, हंगरी, इण्डोनेशिया, इजराइल, जमैका, किगिZस्तान, लाटविया, मेडागास्कर, मलावी, माल्टा, मॉरीशस, मंगोलिया, मॉन्टनीग्रो, नामीबिया, नेपाल, निकारागुआ, नाइजीरिया, पपुआ न्यू  गिनिया, पराग्वे, पेरू, कजाकिस्तान, मैसीडोनिया, फिलीपीन्स, रवाण्डा, रोमानिया, रूस, सबिZया, सेशल्स, सियरा-लियोन, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, स्वीडन, तजाकिस्तान, तंजानिया, छाड़, टोगो, टकीZ, युगाण्डा, यूक्रेन, इंग्लैण्ड, अमेरिका, जिम्बाब्वे एवं प्रमुख हैं।

press-conf_iccjw1पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. जगदीश गांधी ने कहा कि विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन कई मायनों में विश्व को एक नई दिशा देने वाला साबित होगा, जहां पूरे विश्व को अराजकता, भुखमरी, गरीबी व अशिक्षा जैसी महामारियों से मुक्त कराने एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था लागू करने का संकल्प लिया जायेगा। डा. गांधी ने कहा कि आज विश्व के बच्चों की निगाहें ज्यूडियशियरी पर ही टिकी हैं क्योंकि `वल्र्ड ज्यूडि्यशरी´ की संकल्प शक्ति ही विश्व को अराजकता की स्थिति से उबार सकती है। `वल्र्ड ज्यूडिशियरी´ एकताबद्ध होकर राष्ट्र प्रमुखों को बाध्य कर सकती है कि वह विश्व के बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए साथ मिलकर `वल्र्ड पार्लियामेन्ट´ का गठन करें जो कि `प्रभावशाली´ अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था बना सके।

सम्मेलन की रूपरेखा बताते हुए सम्मेलन के संयोजक डा. गांधी ने कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन `भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51´ पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 51 `वसुधैव कुटुम्बकम´ की भावना का साकार रूप है एवं इसी के आधार पर `विश्व संसद´, `विश्व सरकार´ एवं `प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था´ की स्थापना सम्भव है। डा. गांधी ने कहा कि हमारा विश्व समाज आज ऐसी अनगिनत वैश्विक समस्याओं से जूझ रहा है जिसका समाधान किसी एक देश के वश की बात नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में `विश्व संसद´, `विश्व सरकार´ एवं `प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था´ की स्थापना अब अपरिहार्य हो गई है तभी विश्व की 2 अरब भावी पीढ़ी को सुख, शान्ति, एकता व सहयोग भरा-पूरा भविष्य प्रदान किया जा सकेगा।

`अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन´ के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए डा. गांधी ने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन को प्रतिवर्ष आयोजित करने के पीछे सी.एम.एस. का लक्ष्य है कि विश्व के सार्वजनिक मत को संयुक्त राष्ट्र संघ को मजबूत करने व अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय को शक्तिशाली बनाने के पक्ष में तैयार किया जा सके, जिससे युद्धों पर रोक लगायी जा सके, अन्तर्राष्ट्रीय मतभेदों को सुलझाया जा सके, आतंकवाद पर विजय प्राप्त की जा सके, परमाणु निरस्त्रीकरण करवाया जा सके, पर्यावरण के संरक्षण ओर बचाव व शान्ति और सद्भावना स्थापित की जा सके, विश्व कानून व्यवस्था लागू की जा सके और विश्व न्याय का कार्य क्षेत्र सभी देशों तक विस्तृत किया जा सके। इस तरह सभी अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों को विश्व कानून व्यवस्था के अन्तर्गत लाया जा सकेगा और आगे आने वाली पीढ़ियां एक सुरक्षित और शान्तिपूर्ण भविष्य विरासत में पायेंगी। इस तरह जो संसाधन युद्ध में बबाZद होते हैं और देश की रक्षा में खर्च किए जाते हैं, वे बच जायेंगे, गरीबी दूर होगी, पर्यावरण का बचाव होगा और मानव का कल्याण होगा।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य संरक्षक पद्मविभूषण एवं विश्व को पी.आई.एल. की अवधारणा देने वाले भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति पी0एन0 भगवती हैं जबकि संरक्षक एवं सलाहकार मण्डल में माननीय न्यायमूति श्री सी.जी. वीरामन्त्री, पूर्व उपाध्यक्ष, इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस, द हेग, नीदरलैण्ड एवं महामहिम सर जेम्स आर मंचम, फाउडिंग प्रेसीडेन्ट एवं पूर्व प्रधानमन्त्री, सेशल्स शामिल हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ऑफ इण्डिया के पूर्व न्यायाधीश एवं उ0प्र0 ह्यूमन राइट्स कमीशन के पूर्व अध्यक्ष, माननीय न्यायमूर्ति श्री ए0पी0 मिश्रा इस सम्मेलन की प्रिपरेटरी कमेटी के चेयरमैन हैं एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश माननीय न्यायूर्ति सैयद सगीर अहमद रिसेप्शन कमेटी के चेयरमैन हैं।

श्री शर्मा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि विश्व एकता के प्रबल समर्थक डा. जगदीश गांधी के संयोजकत्व में सिटी मोन्टेसरी स्कूल लगातार ग्यारहवीं बार `भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51´ पर `विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन´ में कई देशों के न्यायविदों व कानूनविदों के हादिZक स्वागत की ऐतिहासिक तैयारी कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विश्व के दो अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु सी.एम.एस. के 39,000 छात्रों की अपील का असर विश्व में दिखाई देने लगा है और इसी कड़ी में यह सम्मेलन एक और मील का पत्थर साबित होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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“International Conference of Chief Justices of the World” from December 10 at CMS Chief Justices, Judges and legal luminaries from 70 countries arriving at CMS, Lucknow, Dalai Lama to inaugurate

Posted on 23 November 2010 by admin

City Montessori School, Lucknow is organizing “11th International Conference of Chief Justices of the World” from 10 to 14 December 2010 at the World Unity Convention Centre, CMS Kanpur Road, Lucknow. The conference will be inaugurated by His Holiness, the Dalai Lama at a grand inaugural ceremony on 10 December 2010 at the World Unity Convention Centre, CMS Kanpur Road. Around 200 Chief Justices, Judges of Supreme and Constitutional Court, legal luminaries and renowned peace promoters from over 70 countries of the world are arriving here at Lucknow to attend the conference and register their solid support to the cause of ensuring a safe future for the world’s two billion children as well as generations yet-to-be-born. This information was given here today at a press conference by the Convener of the Conference, renowned educationist and Founder of CMS, Dr Jagdish Gandhi. Addressing the press reporters, Dr Jagdish Gandhi said that City Montessori School is organizing this historic Judicial Summit for the 11th time in the city of Lucknow focussing on the urgent need to bring about World Unity and World Peace through establishment of a World Parliament and fostering respect for International Law as indicated in Article 51(c) of the Constitution of India. Dr Gandhi further said that City Montessori School is the world’s largest school by pupils in a single city as recognized by the Guinness Book of World records and has been awarded the UNESCO Prize for Peace Education 2002. With over 39,000 students on roll, the school has been making continuous efforts to ensure a safe future for the world’s two billion children by organizing these ‘International Conferences of Chief Justices of the world’ for the past 10 years.

press-conf_iccjw1Dr Gandhi explained that this year, Chief Justices, Judges and legal luminaries from over 70 countries will be gracing the event and laying the foundation of a new and peaceful world order. These countries included Afghanistan, Albania, Algeria, Argentina, Armenia, Australia, Austria, Bhutan, Benin, Brazil, Burkina Faso, Canada, Costa Rica, Colombia, Comoros, Democratic Republic of Congo, Ecuador, Egypt, Ethiopia, Fiji Islands, Finland, France, Gambia, Georgia, Ghana, Grenada, Guyana, Haiti, Hungary, Indonesia, Israel, Jamaica, Kyrgyz Republic, Latvia, Madagascar, Malawi, Malta, Mauritius, Mongolia, Montenegro, Namibia, Nepal, Nicaragua, Nigeria, Papua New Guinea, Paraguay, Peru, Republic of Kazakhstan, Republic of Macedonia, Philippines, Rwanda, Romania Russian Federation, Serbia, Seychelles, Sierra Leone, South Africa, Sri Lanka, Sweden, Tajikistan, Tanzania, Tchad, Togo, Turkey, Uganda, Ukraine, UK, USA & Zimbabwe.

Addressing the press reporters, Dr Jagdish Gandhi said  that this International Chief Justices’ Conference will be unique in several ways wherein the legal heads of respective nations will ponder and discuss ways and means to do away with burning global problems like poverty, hunger, illiteracy, chaos, confusion, conflict and terrorism by applying the medicine of Enforceable International Law to the decaying body politic of the world. Dr Gandhi said that the eyes of two billion children of the world are resting on the world’s judicial experts whose combined strength is their only hope to get out of this miserable and desperate condition that the world is placed in today. The World Judiciary can raise its voice and bring the Heads of State together on a global platform to form a World Parliament in order to ensure a safe and secure future for the world’s two billion children and generations yet to be born.

Outlining the schedule of the historic World Judicial Meet, Dr Gandhi said that the Conference is based upon Article 51 of the Constitution of India. He said that ‘Article 51 of the Indian Constitution’ is inspired by the Vedic ideal of ‘Vasudhaiv Kutumbkam’ (the whole earth is but one family) and it can well form the basis for establishing a World Parliament, World Government and a powerful World Judicial System. Dr Gandhi opined that the world today is passing through a series of global problems which any one nation cannot solve alone. In the present world scenario, it has become absolutely necessary to think in terms of establishing a World Parliament, World Government and a World Judicial System. Only then, can we hope to establish lasting peace and unity and safeguard the future of the world’s two billion children.

Highlighting the aims and objectives of this International Conference of Chief Justices of the world, Dr Gandhi said that CMS organises ‘International Conference of Chief Justices of the world’ year after year to attain the favour of the people of world for solidifying UNO and International Court of Justice, which can contain World Wars, resolve international conflicts, win over terrorism, disarmament, environmental protection, maintain peace and order and international law and expansion of World Judiciary in all nations. This will bring international relations under One World Order and the coming generation will inherit a safe and peaceful future from us. It would further save the materials being wasted in wars and to safeguard the nation, which would further be helpful in removing poverty, conserve environment and welfare of humanity.

Chief Public Relations Officer of CMS, Mr Hari Om Sharma informed that the chief patron of this international conference is Former Chief Justice of India and father of PIL, Padam Vibhushan Hon’ble Mr Justice P N Bhagwati and the patrons of the advisory committee of the conference includes Hon’ble Mr Justice C G Weeramantry, former Vice President, International Court of Justice, the Hague, Netherlands and Hon’ble Sir James R Mancham, Founding President and former Prime Minister, Seychelles. Besides, former judge of Supreme Court of India and former President of Human Rights Commission, Hon’ble Mr Justice A P Mishra is the Chairman of the Preparatory Committee and Hon’ble Mr Justices Syed Saghir Ahmad, former Judge, Supreme Court of India, is the Chairman of the Reception Committee of the Conference.

Mr Sharma expressed his pleasure that City Montessori School is preparing to welcome the Chief Justices, judges and legal luminaries at the 11th International Conference of Chief Justices of the World which is being convened by Dr Jagdish Gandhi for the 11th consecutive time. He expressed his pleasure that the appeal by 39,000 students of CMS is being heard with great seriousness by the esteemed Bench of World Judiciary and this 11th Conference will prove to be a major milestone in the process of the building of a New World Order.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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होमगार्ड के जवानों की भॉन्ति पी0आर0डी0 के जवानों को दैनिक ड्यूटी भत्ता दिये जाने के निर्देश

Posted on 23 November 2010 by admin

हल्के वाहन के लाइसेंसधारी जवानों का जनपदवार सत्यापन किया जाय

उत्तर प्रदेश के होमगार्ड व प्रान्तीय रक्षादल के मन्त्री श्री वेदराम भाटी ने निर्देश दिये हैं कि पी0आर0डी0 के जवानों को होमगार्ड्स के जवानों की भॉति दैनिक ड्यूटी भत्ता प्रदान कराये जाने हेतु सुसंगत एवं औचित्यपूर्ण प्रस्ताव शीघ्रातिशीघ्र प्रेषित किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रान्तीय रक्षा दल में हल्के वाहन के लाइसेंसधारी जवानों के जनपदवार चिन्हीकरण/सत्यापन की धीमी प्रगति पर असन्तोष व्यक्त करते हुये वांछित कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण की जाय।

होमगार्ड मन्त्री ने यह निर्देश देते हुये कहा कि सामान्य/विशेष ड्यूटी अवधि में प्रान्तीय रक्षक दल के जवानों को होमगार्ड्स के जवानों की भॉति मृत्यु/घायल हो जाने पर बीमा सुविधा लाभ प्रदान कराये जाने के लिये सम्बंधित इन्श्योरेंस कम्पनियों के साथ बैठक कर अपेक्षित कार्रवाई पूर्ण करायी जाय। उन्होंने कहा कि पी0आर0डी0 संगठन के अनुरूप जिन विकास खण्डों एवं न्याय पंचायतों में अब तक ब्लॉक कमाण्डरों एवं हल्का सरदारों का चयन नहीं किया गया है, वहॉ शीघ्रातिशीघ्र चयन कार्यवाही पूर्ण किया जाय।

श्री भाटी ने सरोजनीनगर, लखनऊ स्थित किदवई भवन को सी0आर0पी0एफ0 के कब्जे से खाली कराये जाने के सम्बंध में की गई कार्यवाही की प्रगति समीक्षा के समय यह निर्देश दिये कि जिस कार्य हेतु यह भवन सी0आर0पी0एफ0 को उपलब्ध कराया गया था, उसके आलोक में प्रमुख सचिव, युवा कल्याण द्वारा जिलाधिकारी लखनऊ से वार्ता कर भवन को खाली कराने की कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि जिस प्रयोजन हेतु शास्त्री भवन एवं किदवई भवन विभाग को उपलब्ध कराये गये थे, उसके अनुरूप् अपेक्षित परियोजना तैयार कराकर भवन का उपयोग सुनिश्चित किया जाये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पुराने मामलों का 31 दिसम्बर तक आडिट करें -प्रमुख सचिव वित्त

Posted on 23 November 2010 by admin

उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, वित्त श्री अनूप मिश्र ने स्थानीय निधि लेखा परीक्षा, सहकारी एवं पंचायत लेखा परीक्षा संगठन के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि विगत तीन वषोZं या अधिक वषोZं के लेखा परीक्षा में सम्बंधित पुराने मामलों का आडिट आगामी 31 दिसम्बर तक पूरा किया जाये। इसके साथ-साथ निर्धारित रोस्टर के अनुसार आडिट कार्यों को जारी रखा जाये।

श्री मिश्र ने ये भी निर्देश दिये हैं कि 20-25 वर्ष पुराने आडिट के अनिस्तारित मामलों के निस्तारण हेतु निदेशक स्थानीय निधि लेखा परीक्षा तथा अन्य समकक्ष स्तर के अधिकारी स्वयं मामलों को देखे। उन्होंने कहा कि इन कार्यों की अनुपालन आख्या प्रत्येक माह के पॉच तारीख को विभागीय प्रगति सहित वित्त के समन्वय अनुभाग तथा प्रमुख सचिव कैम्प में प्रस्तुत की जाये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लखनऊ प्राणि उद्यान में हिमालयन भालू एवं काकड़ हिरन का अंगीकरण

Posted on 23 November 2010 by admin

दिनांक 23 नवम्बर 2010 को प्रिंसिपल लखनऊ पब्लिक कालेज सहारा स्टेट्स जानकीपुरम लखनऊ द्वारा लखनऊ प्राणि उद्यान की अंगीकरण योजना के अन्तर्गत 01 हिमालयन काला भालू, 01 काकड़ हिरन का अंगीकरण किया गया। अंगीकरण हेतु धनराशि 22,907 रुपये मात्र लखनऊ प्राणि उद्यान प्रशासन को चेक द्वारा उपलब्ध करायी गई है।

यह जानकारी निदेशक प्राणि उद्यान सुश्री रेणु सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि प्रिंसिपल लखनऊ पब्लिक कालेज सहारा स्टेट्स जानकीपुरम लखनऊ का यह प्रयास अत्यन्त सराहनीय एवं प्रशंसनीय है। यह अंगीकरण अन्य लोगों को वन्य जीवों के अंगीकरण करने हेतु प्रेरित करता रहेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त 27 नवम्बर को लखनऊ आयेंगे

Posted on 23 November 2010 by admin

भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री एस0वाई0कुरेशी अपने दो दिवसीय लखनऊ भ्रमण के दौरान आगामी 27 नवम्बर को भारत निर्वाचन आयोग के “हीरक जयन्ती´´ के उपलक्ष्य में यहां साइिन्टफिक कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

यह जानकारी देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री उमेश सिन्हा ने बताया है कि श्री कुरेशी इस अवसर पर प्रदेश के नये परिसीमन के आधार पर बनी फोटोयुक्त मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान तथा मतदाता फोटो पहचान पत्र की स्थिति की समीक्षा करने के साथ ही फोटो प्रदर्शनी “मजबूत लोकतन्त्र सबकी भागीदारी´´ का उद्घाटन भी करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त इस अवसर पर प्रेस से भी वार्ता करेंगे। यह फोटो प्रदर्शनी आगामी 27 नवम्बर से 29 नवम्बर 2010 तक जनता के लिए नि:शुल्क खुली रहेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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वनाधिकार अधिनियम-2006 के क्रियान्वयन हेतु कार्यशाला सम्पन्न

Posted on 23 November 2010 by admin

वन निवासियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु विकास परक कार्यक्रम संचालित किये जाये

पेड़-पौधों के संरक्षण में उनकी भागीदारी  सुनिश्चित की जाय

वन भू-अधिकार प्रमाण-पत्र के वितरण में तेजी लायें  -मुख्य सचिव

उत्तर प्रदेश सरकार अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम-2006 के अन्तर्गत दावाधारकों को भू-अधिकार पत्र देने, उनकी भूमि के विकास हेतु कार्यक्रम संचालित करने  तथा भू-अधिकार प्राप्त लाभार्थियों का समग्र विकास करने हेतु कृत संकल्प है। यह अधिनियम समाज के सबसे पिछड़े और गरीब वन निवासियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बनाया गया है। इसे लागू किये काफी समय हो गया है और पात्र लोगों को इसका लाभ शीघ्र मिलना चाहिए। ऐसे लक्षित वर्ग के लोगों को उनका वाजिब हक दिलाकर विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के प्रयास में तेजी लाकर उनके विकास के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।

यह बात आज यहां योजना भवन के सभागार में वनाधिकार अधिनियम-2006 के क्रियान्वयन हेतु आयोजित कार्यशाला में मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि वन में निवास करने वाली ऐसी अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों को, जो वनों में पीढ़ियों से निवास कर रहे हैं, किन्तु उनके अधिकारों को अभी तक अभिलिखित नहीं किया जा सका है, उन्हें वन अधिकारों और वन-भूमि में अधिभोग को मान्यता देने के लिए अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम-2006 लागू किया गया है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य उन दावाधारकों के अधिकारों का निर्धारण करना है जो अपनी आजीविका हेतु वनों के ऊपर निर्भर हैं तथा अधिकारों के निर्धारण के साथ-साथ वनों की सुरक्षा संवर्द्धन का दायित्व भी उन्हें दिया जाना है। उन्होंने कहा कि वनों के अन्दर व आस-पास रहने वाले आदिवासी व परम्परागत वन निवासियों की आर्थिक स्थिति में जब तक सुधार नहीं होता, तब-तक वनों की सुरक्षा व संवर्द्धन में कठिनाई होगी। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए वन अधिकार अधिनियम की धारा-3 (1) के अन्तर्गत खेती व निवास हेतु व्यक्तिगत अधिकार के अतिरिक्त सामुदायिक वन अधिकार प्रदान किये गये हैं तथा उनके सम्यक विकास को ध्यान में रखते हुए इस अधिनियम की धारा-3 (2) के अन्तर्गत विद्यालय, चिकित्सालय, आंगनबाड़ी केन्द्र, उचित दर की दुकानें, विद्युत और संचार लाइनें लघु जलाशय, पेय जल की आपूर्ति एवं संचयन, व्यवसायिक प्रशिक्षण एवं सामुदायिक केन्द्र आदि कार्यों के लिए एक हैक्टेयर वन भूमि दिये जाने की व्यवस्था है।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए समाज कल्याण आयुक्त श्री प्रेम नारायण ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के लागू करने में जो स्थानीय कठिनाईयां सामने आ रही हैं उन्हे दूर करने हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के क्रियान्वयन में अब तेजी आयी है। अभी गत दिवस जनपद सोनभद्र में 3000 अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासियों को भूमि अधिकार प्रमाण पत्र कैम्प लगाकर वितरित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में 9,971 वन निवासियों को  भूमि अधिकार प्रमाण पत्र वितरित किये जा चुके हैं। उनके विकास पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विकासपरक एवं कल्याणकारी योजनाओं से लाभािन्वत किया जाना है ताकि उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि वन भूमि में जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी जो वन भूमि पर रह रहे थे उनकों भूमि अधिकार देने के लिए यह अधिनियम बनाया गया है। प्रदेश में 12 ऐसे जनपद हैं जहां इस वर्ग के लोग पाये जाते हैं। अब तक कुल 91,698 वन निवासियों के दावें ग्राम स्तर पर प्राप्त हुये थे जिसमें 67,788 दावें अस्वीकृत किये गये हैं यह बड़ी संख्या है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के बारे में वन निवासियों के बीच और अधिक प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है ताकि उन्हें अपने अधिकारों/दावें करने सम्बंधी समस्त जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि निरस्त दावों का पुन: परीक्षण किये जाने की आवश्यकता है।

श्री प्रेम नारायण ने कहा कि वन क्षेत्र में अन्य परम्परागत वन निवासी जो तीन पीढ़ी या 75 वर्ष से रह रहे हैं तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के वन निवासी जो 2005 (वनाधिकार अधिनियम) से पूर्व वन क्षेत्र में रह रहे हैं उनको वन भूमि अधिकार प्रमाण पत्र दिया जाना है। उन्होंने कहा कि इस हेतु अध्यक्ष राजस्व परिषद की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया है जो उनके अधिकारों के भू अभिलेखों में उिल्लखित करने के सम्बंध सुझाव देगी।

प्रमुख सचिव समाज कल्याण श्री बलविन्दर कुमार ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम की धारा-3(1) के अन्तर्गत जिन दावा धारकों को वन भूमि निवास व खेती के लिए दी गई है उनके बहुमुखी विकास हेतु कम्युनिटी राइट को अभियान के रूप में चला कर उन्हें लाभािन्वत कराया जाय। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को वन क्षेत्र में भूमि उपलब्ध कराई गई है, उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक करके पेड़़-पौधों के संरक्षण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासियों के पक्ष में भूमि अधिकार दावे स्वीकृत करने तथा भू-अधिकार पत्र दिये जाने का कार्य सबसे अच्छा जनपद सोनभद्र में किया गया है और लखीमपुर खीरी की प्रगति निम्न रही है।

इस अवसर पर भारत सरकार से आये संयुक्त सचिव श्री बचित्तर सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा वनाधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के सम्बंध में सम्बंधित जनपदों से आये अधिकारियों की शंकाओं, जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए अन्य प्रदेशों में लागू किये जा रहे वनाधिकार अधिनियम की प्रगति एवं कार्यक्रमों की जानकारी देते हुये कहा कि सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश अग्रणी स्थान पर है। इस कार्यशाला में वन संरक्षक, 12 जनपदों के जिलाधिकारी, जिला वनाधिकारी एवं सम्बंधित जिलों के समाज कल्याण अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आयोग मामलों के शीघ्र निस्तारण के प्रति गम्भीर

Posted on 23 November 2010 by admin

सूचना आयोग द्वारा गत माह 2570 मामलों का निस्तारण

राज्य सूचना आयोग द्वारा माह अक्टूबर 2010 में 8228 वादों की सुनवाई की गई। यह वे मामले हैं जिनमें जिला स्तर पर जन सूचना अधिकारियों द्वारा आवेदकों को सूचना नहीं दी गई थी। इनमें से आयोग द्वारा 2570 मामलों का निस्तारण कर दिया गया है। यह जानकारी देते हुए मुख्य सूचना आयुक्त श्री रणजीत सिंह पंकज ने बताया कि निस्तारित मामलों में 2505 शिकायतें, 26 अपीलें तथा 39 मामलें विविध प्रकार के हैं।

श्री पंकज ने बताया कि वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त एवं 10 सूचना आयुक्त कार्यरत है। विगत माह सुनवाई पीठों द्वारा मामलों की सुनवाई के 750 मामले तथा निस्तारण के 235 मामलों का औसत रहा। उन्होंने बताया कि आयोग का प्रयास है कि प्रतिमाह आवेदकों के ज्यादा से ज्यादा मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण हो

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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चार मण्डलों की रबी गोष्ठी 25 नवम्बर को

Posted on 23 November 2010 by admin

लखनऊ, बरेली, फैजाबाद एवं देवीपाटन मण्डलों की रबी फसल 2010 की रणनीति से सम्बन्धित गोष्ठी कृषि निदेशालय लखनऊ में होगी। गोष्ठी में रबी की फसलों की तैयारी, प्रगति कृषि निवेशों की व्यवस्था उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि आदि की योजना तैयार की जायेगी।

कृषि निदेशक श्री मुकेश गौतम ने इस सम्बन्ध में बताया कि कृषि की नवीनतम तकनीक, सूखाग्रस्त एवं बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में कृषि उत्पादन, प्रबन्धन की व्यवस्था की जायेगी। रबी गोष्ठी में कृषि विशेषज्ञ, सम्बन्धित मण्डलों के वरिष्ठ अधिकारी, विभागीय अधिकारी एवं प्रगतिशील कृषक भाग लेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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लोकतन्त्र की गुणवत्ता के लिए युवा शक्ति आगे आये

Posted on 23 November 2010 by admin

भारतीय लोकतन्त्र की गुणवत्ता की दृिश्ट से युवा शक्ति को जागरूक बनाया जाना अति आवश्यक है और इसके लिए सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं आचार्य अपना पूर्ण सहयोग दे , तभी भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 25 जनवरी 2011 को मनाई जा रही हीरक जयन्ती एवं राश्ट्रीय मतदाता दिवस का सही अर्थो में क्रियान्वयन हो सकेगा।

उक्त विचार अपर जिलाधिकारी नगर अरूण प्रकाश ने मतदाता िशक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता समिति की बैठक में व्यक्त किये। उन्होंने कहा जो नागरिक 01 जनवरी 2011 को 18 बशZ के हो रहे है उन्हें मतदाता बन कर आत्म सम्मान का अनुभव करना चाहिए और मतदान के लिए तैयार रहना चाहिए  तभी वह सच्चे लोकतन्त्र की स्थापना कर सकते है।

उन्होंने कहा कि वोटर आई0 डी0 दिन प्रतिदिन अत्यधिक महत्वपर्ण हो रही है । प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी रूप में वोटर आई0 डी0 की आवश्यकता है। अत: यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपनी वोटर आई0 डी0 बनवाले । जिसके लिए प्रत्येक क्षेत्र में मतदेय स्थल पर बी0एल0 ओ0 को नियुक्त किया गया है उनके पास, नाम बढाने, काटने , संशोधन करने,  आदि सम्बन्धित सभी तरह के फार्म उपलब्ध है जो प्रत्येक नागरिक को निशु:ल्क दिये जा रहे है। फार्म जमा करने के लिए विभिन्न स्थानों पर बौक्स लगाये गये है जिनमें से सभी सिनेमा गृहों के पास , माल, एवं निर्वाचन कार्यालय के वाहर व्यक्ति बी0एल0 ओ0 से फार्म लेकर एवं उसको भरकर बी0एल0 ओ0 को दे सकता है अन्य बनाये गये बौक्सों में से किसी में भी डाल सकता है।

श्री प्रकाश ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण हेतु घोशित कार्यक्रम के अनुसार 11 नबम्वर से 30 नबम्वर 2010 तक दावे और आपत्तियां प्राप्त की जायेगी।

उन्होंने बताया कि  किसी भी प्रकार की समस्या के निदान हेतु जिला निर्वाचन कार्यालय कलक्ट्रेट परिसर आगरा के दूरभाश 0562-2260571 विधान सभा क्षेत्र 86- एत्मादपुर के लिए 0562-2390250, तहसील किरावली(91 फतेहपुर सीकरी) 05613-244210, खेरागढ-9454417675, फतेहाबाद-9454417676, बाह के लिए 9454417673 हैल्प लाइन/टेलीफोन पर सम्पर्क कर सकते है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आर. के. श्रीवास्तव, जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज गिरी, सहायक बेसिक िशक्षा अधिकारी बरौली अहीर श्रीमती हिमाचल बिशश्ठ, सहयक निबन्ध सहकारिता, जिला पंचायत राज अधिकारी, प्राचार्य, आगरा कालेज, बांके विहारी लाल महेश्वरी, रघुवीर सिंह वर्मा, “यामसुन्दर शर्मा एडवोकेट आदि अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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