मुख्यमन्त्री द्वारा 01 फरवरी, 2011 से सभी जनपदों का आकिस्मक निरीक्षण
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने आज कानून-व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा हेतु बुलायी गई प्रदेश स्तरीय बैठक में वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों को हर समय सजग रहने की जरूरत है तथा वे पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने अयोध्या प्रकरण पर माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के पश्चात पूरे प्रदेश में कायम शान्ति के लिए पुलिस एवं कानून-व्यवस्था से जुड़े अन्य सभी प्रशासनिक अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपसी तालमेल एवं सूझ-बूझ के कारण तथा 18 अगस्त को उनके द्वारा इस सम्बंध में दिये गये दिशा-निर्देशों का पूरा पालन किए जाने के चलते पूरे प्रदेश में शान्ति व्यवस्था बनी रही, जिसका सकारात्मक परिणाम यह निकला कि पूरे देश में भी अमन-चैन कायम रहा। उन्होंने आगामी 06 दिसम्बर को, जिस दिन अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया गया था, को दृष्टिगत रखते हुए सभी कानून व्यवस्था से जुडे़ अधिकारियों को और खासतौर से फैजाबाद के अधिकारियों को विशेष सतकर्ता बरतने के निर्देश दिए तथा उनसे अपेक्षा की कि इस सम्बन्ध में हाल ही में प्रमुख सचिव गृह एवं डी0जी0पी0 के द्वारा वीडियों कान्फ्रेिन्संग के माध्यम से दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने पंचायत चुनावों के शंाति पूर्ण ढंग से सम्पन्न हो जाने पर भी सन्तोष व्यक्त किया तथा अधिकारियों को इन पंचायत चुनावों के चलते कतिपय स्थानों में उत्पन्न हुई वैमनस्यता की प्रकाश में आयी घटनाओं की ओर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए तथा कहा कि अधिकारीगण यह सुनिश्चित करें कि इन स्थितियों में भी हर हाल में शान्ति व्यवस्था बनाये रखी जाये।
माननीया मुख्यमन्त्री जी आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हॉल में प्रदेश भर के कानून व्यवस्था एवं विकास से जुड़े अधिकारियों की आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने विकास कार्यो तथा कानून व्यवस्था में और अधिक सुधार लाने के लिए विस्तार से दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि विकास के प्रमुख कार्यक्रमों की समीक्षा, जनसमस्याओं के निराकरण एवं विकास कार्यक्रमों को भौतिक सत्यापन एवं कानून व्यवस्था तथा अपराध नियन्त्रण को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए एक संशोधित त्रिस्तरीय, जनपद, मण्डल व राज्य स्तरीय समीक्षा की व्यवस्था की गई है।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने अधिकारियों को यह भी अवगत कराया कि वे 01 फरवरी, 2011 से प्रदेश के सभी जिलों में जाकर विकास एवं कानून व्यवस्था के कार्याे का निरीक्षण करेंगी तथा इन निरीक्षणों के दौरान कराये जा रहे विकास कार्याें की जमीनी हकीकत को परखेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिलों में भ्रमण के दौरान वे अधिकारियों की कोई बैठक नहीं करेंगी, बल्कि सीधे मौके पर जाकर विकास कार्यो का निरीक्षण करेंगी तथा आम जनता से कानून व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल करेंगी। माननीया मुख्यमन्त्री जी ने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार लाने एवं विकास कार्याें की गुणवत्ता एवं प्रगति में तेजी लाने के लिए वे सभी अधिकारियों को 02 माह (दिसम्बर तथा जनवरी) का समय दे रही हैं। इसीलिए उन्होंने आगामी 01 फरवरी से जनपदों में निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने आशा व्यक्त की सभी अधिकारीगण पूरे मनोयोग से जुड़कर तत्काल स्थिति में सुधार लायेंगे, जिससे कि जनपदों के आकिस्मक निरीक्षण के दौरान सभी विभागों के क्रियाकलापों में अपेक्षित सुधार परिलक्षित हो सकें।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने संशोधित त्रिस्तरीय समीक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक प्रत्येक माह की 3 तारीख को दोपहर 3 बजे से सांय 7 बजे तक सम्बंधित जिले के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित की जायेगी। माननीया मुख्यमन्त्री जी ने जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक में उन सभी कार्यक्रमोंं तथा महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में, जिनकी समीक्षा की जानी है, के बारे में विस्तार से बैठक में प्रकाश डाला।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने जिलाधिकारियों को प्रत्येक तहसील में प्रत्येक माह कम से कम एक ग्राम में आकिस्मक स्थलीय निरीक्षण करने के भी निर्देश देते हुए कहा कि जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक के पश्चात विकास कार्यो हेतु निर्धारित की गई संशोधित समीक्षा व्यवस्था के तहत प्रत्येक माह की 06 तारीख को प्रदेश के सभी मण्डलोें में मण्डलायुक्तों की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की जायेगी। इसमें सभी जिलों के जिलाधिकारी और सभी विभागों के मण्डल स्तरीय अधिकारी भाग लेंगे।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के बारे में निर्देश देते हुए कहा कि यह बैठक हर माह के 13 तरीख के बाद पड़ने वाले बुधवार को लखनऊ में प्रात: 10 बजे से आयोजित की जायेगी। जिसमें प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों/जिलाधिकारियों के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव भी उपस्थित रहेंगे। मा0 मन्त्रीगणों द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव के साथ अपने विभागों के मण्डल स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक प्रत्येक माह की 09 तारीख को आयोजित की जायेगी। जिसके पश्चात प्रत्येक माह की 20 तारीख को विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों एवं विभागीय कार्यकलापों की समीक्षा मुख्य सचिव द्वारा महत्वपूर्ण विभागों के प्रमुख सचिवों/सचिवों के साथ की जायेगी, जिनके परिणामों से प्रत्येक माह की 25 तारीख तक उन्हें (माननीया मुख्यमन्त्री जी को) अवगत कराया जायेगा।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं अपराध नियन्त्रण के सम्बन्ध में लागू की गई संशोधित समीक्षा व्यवस्था के बारे में बताते हुए कहा कि कानून व्यवस्था एवं अपराध नियन्त्रण को प्रभावी बनाने की दृष्टि से अब प्रत्येक माह की 03 तारीख को जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक जनपद के पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक द्वारा आयोजित की जायेगी तथा यह बैठक प्रात: 10 बजे से अपरान्ह 02 बजे तक चलेगी, जिसमें पुलिस अधीक्षक नगर, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं समस्त क्षेत्राधिकारियों के साथ-साथ सम्बन्धित जनपद के जिला मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर तथा सभी उप जिला मजिस्ट्रेट भी भाग लेंगे।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने परिक्षेत्र स्तरीय समीक्षा बैठक प्रत्येक माह की 05 तारीख को प्रात: 10 बजे पुलिस महानिरीक्षक/उपमहानिरीक्षक परिक्षेत्र द्वारा किए जाने के निर्देश दिए, जिसमें परिक्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सभी जनपदों के पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक भाग लेंगे तथा इन बैठकों में जनपदवार रिपोटाZें की विस्तार से समीक्षा की जायेगी। इसी तरह माननीया मुख्यमन्त्री जी ने राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के लिए प्रत्येक माह 13 तारीख के बाद पड़ने वाले बुधवार को प्रात: 10 बजे से योजना भवन में बैठक आयोजित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इस संशोधित व्यस्था के सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश आज ही जारी किया जा रहा है।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कानून व्यवस्था की स्थिति में और अधिक सुधार लाने के लिए प्रदेश को तीन क्षेत्रों में बांटकर प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक एवं अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) को अपने-अपने आवंटित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था पर कड़ी नज़र रखने की जिम्मेदारी सौपते हुए इन अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे प्रत्येक माह में कम से कम दो दिन अपने आवंटित क्षेत्रों में जाकर अचानक निरीक्षण सुनिश्चित करें तथा कानून व्यवस्था को और चुस्त-दुरूस्त बनायें। उन्होंने निर्देश दिए कि इन निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन यह अधिकारीगण सुनिश्चित करें।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने विकास एवं कानून व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि सभी अधिकारी पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से संशोधित समीक्षा व्यवस्था पर अमल करेंगे, जिससे कि जनता विशेष रूप से समाज के गरीब व कमजोर वर्गों को प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का भरपूर लाभ दिलाने के साथ-साथ शासन की प्राथमिकता के अनुसार अपराधमुक्त, अन्यायमुक्त, भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त एवं विकासयुक्त वातावरण तैयार किया जा सके।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने शहरों को चरणबद्ध तरीके से विकसित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि चुने हुए कुछ शहरों को प्रथम चरण में सभी आवश्यक शहरी सुविधाओं से लैस करने हेतु कई योजनायें इन शहरों में चलायी जा रही हैं, लेकिन जो समयावधि इन योजनाओं को पूर्ण करने के लिए निर्धारित की गई थी, उसमें कतिपय विलम्ब हुआ है, जो उचित नहीं है।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने इन सभी विकास कार्याें की समीक्षा करने तथा मौके पर जाकर उनका निरीक्षण करने के लिए राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री सतीश चन्द्र मिश्रा को अधिकृत करते हुए कहा कि वह इन सभी विकास कार्याें की गहन समीक्षा करके चल रहे विकास कार्याें को शीघ्र पूरा करायें तथा इस हेतु उन्हें सभी अधिकारियों द्वारा पूरा-पूरा सहयोग दिए जाने के भी निर्देश दिए। माननीया मुख्यमन्त्री जी ने यह भी निर्देश दिए कि आज दिए गए निर्देशों को नीचे के अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए दिनांक 01 दिसम्बर को दो शिफ्टों में सभी सम्बन्धित अधिकारियो की बैठक बुलायी जाये तथा सभी अधिकारियों को आज इस बैठक में जारी किए गए दिशा-निर्देशों से अवगत करा दिया जाये, जिससे कि आगामी जनवरी माह से संशोधित समीक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लागू हो सके एवं 03 जनवरी को प्रत्येक जनपद में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक सफलतापूर्वक आयोजित हो सके।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने बैठक में अपने आकिस्मक निरीक्षणों के बारे में यह भी स्पष्ट किया कि वे सभी 72 जनपदों का आकिस्मक निरीक्षण करेंगी तथा जहां कहीं भी उन्हें विकास कार्यक्रमों एवं कानून व्यवस्था की स्थिति में कमी मिलेगी तो वे सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यकतानुसार कुछ समय सुधार के लिए अवश्य ही देंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके बावजूद यदि सम्बन्धित अधिकारी की कार्यशैली में अपेक्षित सुधार नहीं पाया जाता, तो सम्बन्धित अधिकारी की चरित्र पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टि अंकित कर दी जायेगी तथा उसे गैर महत्वपूर्ण पद पर स्थानान्तरित भी करने की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यवाही केवल नीचे के स्तर के अधिकारियों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जिला तथा मण्डल स्तरीय अधिकारियों के अलावा सर्वाेच्च स्तरों पर आसीन वरिष्ठ अधिकारियों के विरूद्ध भी इसी प्रकार की दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को आगाह किया कि वे बिना किसी विलम्ब के, पूरी ईमानदारी और निष्ठा से आज दिए गए दिशा-निर्देशों के अमल पर जुट जायें, ताकि प्रदेश की जनता को बेहतर कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यक्रमों का लाभ मिल सके।
बैठक में अध्यक्ष, राज्य सलाहकार परिषद श्री सतीश चन्द्र मिश्र, मन्त्रिमण्डलीय सचिव, मुख्य सचिव, अपर मन्त्रिमण्डलीय सचिव, प्रमुख सचिव गृह, महत्वपूर्ण विभागों के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रदेश के सभी जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस महानिरीक्षक, सभी परिक्षेत्र पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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