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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी एक विज्ञप्ति के माध्यम से कहा

Posted on 27 November 2010 by admin

मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, डीआईजी और एसएसपी को लखनऊ बुलाकर मुख्यमन्त्री ने ‘ानिवार (27 नवम्बर,2010) को कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा बैठक करके महज एक रस्म अदायगी की है। तीन महीने  पहले भी वे यही सब कर चुकी हैं। नतीजा वहीं ढाक के तीन पात। बल्कि स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। जिस समय मुख्यमन्त्री लखनऊ में कानून व्यवस्था पर समीक्षा बैठक कर रही थी उसी समय जनपद आजमगढ़ के थाना सरायमीर के अन्तर्गत समाजवादी पार्टी नेता श्री हेमराज पासवान के भाई बीडीसी सदस्य श्री फौजदार पासवान की आज पूर्वान्ह 10Û30 बजे गोलीमार कर हत्या कर दी गई। वे विकासखण्ड मार्टिनगंज के ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ना चाहते थे।  वहां बसपा के पूर्वमन्त्री अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। उन्होने साजिश कर पासवान की हत्या करा दी। उनके भाई की लाइसेंसी बन्दूक सुरक्षा के लिए भी मांगने पर नहीं लौटाई गई।

राजधानी में ही अपराधों का ग्राफ थमता नहीं नज़र आ रहा हैं। हत्या, लूट की बढ़ती घटनाओं  से सभी दहशत में हैं। मुख्यमन्त्री के निर्देश पर समाजवादी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक लाख फर्जी मुकदमें कायम कराए गए है। अपराधियों से पुलिस की सांठ-गांठ है। कई समाजवादी पार्टी के नेताओं की हत्या हो चुकी है। आज भी मुख्यमन्त्री की समीक्षा बैठक में केवल सतही  चर्चाएं हुईं और कानून व्यवस्था सुधारने की दिशा में कोई ठोस कार्यवाही की चर्चा नहीं हुई। सच्चाई यह है कि जिला पंचायतों और ब्लाकों पर कब्जे के लिए प्रशासनतन्त्र. के दुरूपयोग की रणनीति बनाना भी इस बैठक का एक एजेण्डा था।
दरअसल, मुख्यमन्त्री का अब प्रशासन पर कोई नियन्त्रण नहीं रह गया है। अफसरों को बसपा एजेंट बना देने का यही नतीजा है कि निश्पक्षता एवं पारदर्शिता मायावती राज में दुर्लभ चीजे हो गई हैं। प्रशासन के बूते चुनाव जीतने और विपक्षी दल मुख्यत: समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कराने का ही काम बस इस सरकार का रह गया है।

मुख्यमन्त्री प्रशासन के पेंच कसने का सिर्फ नाटक करती हैं। आरोपों में घिरे अफसरों के ट्रांसफर निलंबन का आदेश जारी होता है और फिर वे बहाल भी हो जाते हैं। घोटाला करनेवालों को मुख्यमन्त्री खास तरजीह देती है। ऐसा लगता ेहै कि मुख्यमन्त्री तीन महीने पर अफसरों का जमावड़ा लगाकर समीक्षा के नाम पर उनका भयादोहन करने की कला सीख गई है। आज की समीक्षा बैठक भी इसलिए कानून व्यवस्था में सुधार सम्बन्धी कोई सार्थक निर्णय नहीं कर सकी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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