Archive | October, 2010

धनाढ्यो का है गरीब के आिशयानों पर कब्जा

Posted on 12 October 2010 by admin

गरीब तो गरीब धनाढ्यो ने भी काशी शहरी विकास योजना की कालोनी हथिया ली है। जानकारो का कहना है कि यदि जांच निश्पक्ष हो जाये तो कई वीआईपी चार पहिया वाहनो के मालिक की कालोनी निरस्त हो जायेगी।

बताते चले कि शहरी क्षेत्रो में रह रहे गरीब तबको के लोगों का आिशयाना बसाने के लिए काशीराम शहरी विकास योजना आयी जिसका सपना है कि इसकी कालोनी मेें गरीबो को भी रहने दिया जायें लेकिन इन कालोनियों में :ज्यादातर रईशजादे ही रह रहे हैं। जिनके पास बंग्ला, गाड़ी व अच्छा व्यवसाय है वह भी इन कालोनियों में काबिज हैं। तमाम लोगो का कहना है कि जांच की जाये तो कई रईशजादे बाहर का रास्ता अपना लेंगंें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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माननीय के इशारे पर तो नही की गई साजिश!

Posted on 12 October 2010 by admin

मुर्दा प्रत्याशी प्रकरण मे भले ही प्रधान पर भले ही प्रशासन ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया हो लेकिन सच्चाई इसके उलट नज़र आ रही है। कहा जा रहा है कि इसमें एक मन्त्री के इसारे पर गहरी साजिश को अंजाम दिया गया है। नोड्यूज जारी करने वाले सेक्रेटरी पर कार्यावाही होना तय माना जा रहा है। हालांकि खबर का असर यह रहा है कि कुम्भकरणीZ नीन्द में सोया प्रशासन हरकत में आ गया।

ब्लाक बिल्दराय के नरसड़ा गांव में 16 लोेगो ने प्रधान पद के लिए नामांकन किया था जिसमें 6 साल पहले मर चुकी गीता सिंह का नामांकन हो  गया और पूरी प्रक्रिया के साथ चुनाव चिन्ह किताब आवांटित कर दिया गया। िशकायत के बाद जब जांच की गई तो सत्यता का पता चला जांच के उपरान्त वहां  मतदान  स्थल पर नोटिस चस्पा कर दी गई तथा मृतक के पति के खिलाफ धोखाधड़ी एवं चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के तहत धारा 420, 467, 468, 471/126 भा0द0वि0 का मामला दर्ज किया गया है। सूत्रो के मुताबिक अनिल सिंह को मात देने के लिए विरोधियों ने एक माननीय की शह पर मृतक गीता सिंह का नामांकन करवा दिया गया। बाकायदा नोड्यूज भी जारी हो गया, हैरत की बात यह है कि हसकी िशकायत विरोधी प्रत्याशी लगातार करते रहे लेकिन कार्यावाही न के बराबर रही। समाचार पत्र में जब इस प्रकरण  को प्रमुखता से छापा तो प्रशासन हरकत में आ गया। सूत्रो की माने तो मृतक महिला का नोड्यूूेज सेक्रेटरी ने कैसे बना दिया, माना जा रहा है कि सेक्रेटरी पर जल्द ही गाज गिर सकती है। सूत्रो की माने तो पल पल की खबर रखने वाले सेक्रेटरी भी इस साजिश का अहम हिस्सा है जिससे पुलिस जल्द ही सच्चाई उगलवा लेगी। फिलहाल समाचार प्रकािशत होने के बाद से प्रशासन कार्यावाही के मूड में दिख रहा है। इस बाबत निर्वाचन अधिकारी महेन्द्र मौर्या ने बताया आरोपी अनिल सिंह उर्फ लक्ष्मन सिंह अपनी माता को चुनाव लड़ा रहे हैं और उनका चुनाव निशान घंटी है। वैसे वो इसे विरोधियों की साजिश बता रहे हैं लेकिन दोनो चुनाव चिन्हों पर उनका नाम पोस्टर और नामांकन कुछ और ही कहानी बता रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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….जनाब लेखपाल है या राज्यपाल

Posted on 12 October 2010 by admin

तहसील सदर में तैनात लेखपाल है या राज्यपाल इसे अधिकारी ही बता सकते हैैं। ढूंढे से वह ढूंढे नहीं मिलता है। आरोप है कि इस लेखपाल की साठ गांठ भू माफियाओं से है। जिसपर कई आपराधिक मुकदमें भी दर्ज है।

जानकारी के मुताबिक दर्जन लोगो ने मुख्यमन्त्री को भेजे िशकायती पत्र में कहा है कि सदर तहसील में तैनात लेखपाल राममिलन कभी भी कार्यालय पर नहीं मिलता है। आय, निवास प्रमाण बनवाने के लिए लोगो को दर-दर भटकना पड़ता है। ज्यादातर समय वह अपने घर पर ही मौजूद रहते हैं। लोगो ने बताया कि उक्त लेखपाल पर कोतवाली नगर में मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। यह सरकारी काम कम प्रापर्टी डीलिंग में ज्यादा मशरूफ रहते हैं। लोगो ने मुख्यमन्त्री से न्याय की गुहार करते हुए तेज तर्रार डी0एम0 डॉ0 पिंकी जोवेल से कार्यवाही की आस लगायी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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देर रात तक चलता रहा मतदान

Posted on 12 October 2010 by admin

जिले के चार विकास खण्ड क्षेत्रो में प्रथम चरण का मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शान्तिपूर्ण रहा। वहीं कई बूथो पर देर रात तक वोट डालने का सिलसिला चलता रहा। रोशनी के आभाव में कर्मचारियों ने मोमबत्ती की रोशनी का सहारा लिया जिसमें बुजुर्ग कर्मचारियांें को कम रोशनी के आभाव में काम करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। विकास क्षेत्र कुड़वार के आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतो में देर रात तक मत डालने का सिलसिला चलता रहा। जहां सबसे ज्यादा देर कुड़वार ग्राम पंचायत के इसरौली बूथ पर हुई।    चुनाव आयोग के सख्ती के उपरान्त भी कई ग्राम  पंचायतो में अराजक तत्वों  ने हिंसा करने का प्रयास भी किया। परन्तु ग्रामीणों की सूझबूझ के चलते अपने मकसद में वो कामयाब नही हो पाये। हांलाकि मीरापुर ग्राम पंचायत में तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पहुंची टीम को देख लगभग 150 फर्जी मतदाता भाग निकले। आरोप है कि मतदान के बाद अब मतगणना मेंं यह अराजक तत्व गड़बड़ी फैलाने की कोशिस कर सकते हैं।

कुड़वार ब्लाक के मीरापुर ग्राम पंचायत में दोपहर तक शान्तिपूर्ण ढ़ंग से मतदान चला। कमालपुर मोहल्ले के मतदाताओें ने लगभग सायं 5 बजे तक सारे वोट डाल दियंें, लेकिन मीरापुर मोहल्लेवासियों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। वजह यह थी कि जो मतदाता बाहर प्रदेश में रह रहे थे उनका भी वोट दूसरा व्यक्ति बडे आसानी से डाल दे रहा था। जब इसकी खबर तेज जर्रार पुुलिस अधीक्षक डॉ0 ए0के0 राघव को मिली तो कुड़वार थानाध्यक्ष पंकज तिवारी मय फोर्स के साथ मीरापुर बूथ पर पहुंच गये, पुलिस को देखते ही 150 की लगी लम्बी लाइन सिर्फ एक दर्जन ही मतदाताओं की बची। ग्रामीणों ने बताया कि मीरापुर ग्रामसभा वासी हारते देख एक जुट हो गये, जबकि यहां पर 4 प्रत्यासी चुनाव मैदान में थे। अब  यह आशंका है कि अराजक तत्व मतगणना के दिन कर्मचारियों को हमवार कर गड़बड़ी फैला सकते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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मान्यवर श्री कांशीराम जी की पुण्यतिथि

Posted on 10 October 2010 by admin

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उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी 09 अक्टूबर, 2010 को मान्यवर श्री कांशीराम जी की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर परमपूज्य बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करती हुईं।

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी 09 अक्टूबर, 2010 को मान्यवर श्री कांशीराम जी की चौथी पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करती हुईं।

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी 09 अक्टूबर, 2010 को मान्यवर श्री कांशीराम जी की चौथी पुण्यतिथि पर मीडिया एवं अन्य लोगों को सम्बोधित करती हुईं।

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राजधानी से लगे 7 Zones के कार्यो के कुशल सञ्चालन के लिए टास्कफोर्स गठित

Posted on 10 October 2010 by admin

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भावी पीढ़ी के उत्थान के लिए घर, विद्यालय व समाज तीनों अपनी जिम्मेदारियों को समुचित तरीके से निभायें

Posted on 10 October 2010 by admin

डा. जगदीश गांधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापक, सी.एम.एस.    - `मनुष्य को गतिशील होने के साथ-साथ प्रगतिशील होना भी जरूरी है´, `आज हमारा सामाजिक दायरा सिमटता जा रहा है एवं बच्चे अपने माता-पिता के सिवा अन्य सम्बंधो को नहीं पहचानते´, बच्चों के सर्वांगीण विकास में घर व विद्यालय दोनों की सहभागिता जरूरी है´, ये कुछेक डायलाग हैं सी.एम.एस. द्वारा निर्मित बाल फिल्म `विद्या´ के, जिसका विशेष प्रदर्शन आज खचाखच भरे सी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के फिल्म्स डिवीजन द्वारा निर्मित यह प्रेरणादायी शिक्षात्मक बाल फिल्म अभिभावकों व माता-पिता को यह प्रेरणा देती है कि बच्चों पर अपनी आकांक्षाओं का बेजा दबाव ने डालें। यह बाल फिल्म बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु घर एवं विद्यालय की सहभागिता पर आधारित है तथापि यह दिखाती है आज के युग में माता-पिता अत्यन्त महत्वाकांक्षी हो गये हैं एवं बच्चों को सर्वगुण सम्पन्न बनाने की धुन में उनका बचपन नष्ट कर रहे हैं। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी व डा. (श्रीमती) भारती गांधी के मार्गदर्शन में बनी इस अत्यन्त प्रेरणादायी बाल फिल्म का निर्देशन व संपादन अहमद हमीद शेख ने किया है। सी.एम.एस. फिल्म्स डिवीजन के हेड श्री वर्गीश कुरियन एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर हैं।

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view-of-childrens-film-vidya7यह बाल फिल्म `विद्या´ एक ऐसी विचारधारा पर केिन्द्रत फिल्म है जिसमें यह दिखाया गया है कि बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए घर व विद्यालय दोनों ही तीरथधाम है एवं दोनो की सहभागिता से ही बच्चों का सर्वांगीण व सन्तुलित विकास सम्भव है। विद्या के माता-पिता अपनी पुत्री के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यन्त महत्वाकांक्षी है एवं उसकी रुचि व इच्छा की परवाह किए बगैर पढ़ाई के अलावा उसे तरह-तरह की गतिविधियों में भाग लेने का दबाव डालते हैं। कभी डांस क्लास, कभी ट्यूशन, कभी आर्ट क्लास तो कभी कुछ और…। माता-पिता की महत्वाकांक्षा के बोझ तले विद्या इन विभिन्न गतिविधियों में बेमन से भाग लेती है। इसी बीच विद्या की दादी मां गांव आती है और यह महसूस करती हैं कि सभी विधाओं में पारंगत बनाने के नाम पर विद्या पर बेजा दबाव डाला जा रहा है जिससे उसका व्यक्तित्व विकास असन्तुलित होता जा रहा है। दादी मां विद्या को अपने साथ गांव ले जाती है जहां नैसगिZत प्राकृतिक व सुरम्य वातावरण में उसके व्यक्तित्व में आशातीत निखार आता है और वो उन चीजों को भी खेल ही खेल में सीख जाती है जिसको सिखाने के लिए माता-पिता अत्यधिक दबाव डालते हैं।

शिक्षात्मक फिल्म `विद्या´ के भव्य प्रीमियर के उपरान्त सी.एम.एस. गोमती नगर सभागार में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी एवं सी.एम.एस. फिल्म्स डिवीजन के हेड श्री वी. कुरियन इस प्रेरणादायी बाल फिल्म के विभिन्न पहलुओं से पत्रकारों को अवगत कराया। प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. गांधी ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण व सन्तुलित विकास में अभिभावकों, शिक्षकों व समाज के सभी वर्गो के लिए यह बाल फिल्म प्रेरणादायी साबित होगी। उन्होंने कहा कि बच्चे तो गीली मिट्टी के समान हैं जिन्हें किसी भी दिशा में मोड़ा जा सकता है परन्तु उनके व्यक्तित्व विकास के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है। ऐसे में घर व विद्यालय के सहयोग व समन्वय से ही बच्चों का सर्वांगीण व सन्तुलित विकास सम्भव है।

पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. गांधी ने कहा कि आज की कटु सच्चाई यही है कि बच्चे आज अपने परिवार यानि कि दादा-दादी, नाना-नानी आदि से कटते जा रहे हैं जिनके अभाव में बच्चों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है। फिल्म `विद्या´ समाज को यही सन्देश देती है कि भावी पीढ़ी के उत्थान के लिए घर, विद्यालय व समाज तीनों अपनी जिम्मेदारियों को समुचित तरीके से निभायें। डा. गांधी ने आगे कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में फिल्म जैसे सशक्त माध्यम का सकारात्मक उपयोग बच्चों के नैतिक गुणों को विकसित करने के लिए उठाना बहुत आवश्यक हो गया है क्योंकि बाल फिल्मों का बच्चों एवं अभिभावकों मन-मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि सी.एम.एस. विगत कई वषोZं से बाल फिल्मों के माध्यम से बच्चों के समुचित विकास का बीड़ा उठाये है तथापि इसी उद्देश्य हेतु प्रतिवर्ष अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाता है जिसके अलावा लखनऊ व आसपास के क्षेत्रों के सभी छात्रों को शिक्षात्मक बाल फिल्में नि:शुल्क दिखाई जाती हैं।

प्रेस कान्फ्रेन्स में उपस्थित सी.एम.एस. फिल्म्स डिवीजन के हेड श्री वी. कुरियन ने कहा कि हम खुशनसीब हैं कि हमारे संस्थापक श्री जगदीश गांधी हर नये विचार को पूरी गम्भीरता से लेते हैं। वे आज के छात्र की जरूरत को भलीभान्ति पहचानते हैं। इसीलिए उन्होंने हमें प्रेरित किया कि हम ऐसी शिक्षात्मक फिल्में बनाएं व इसके लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई। श्री कुरियन ने लखनऊ के सभी अभिभावकों व छात्रों से अपील की कि बाल फिल्म `विद्या´ को अवश्य देखें व इससे प्रेरणा ग्रहण करें।

फिल्म निर्माण के अपने अनुभवों को बताते हुए श्री कुरियन ने कहा कि इस फिल्म के निर्देशन के दौरान उन्होंने काफी कुछ सीखा और बच्चों के कोमल हृदय में झांकने से उनकी मानसिकता को पहचाना। श्री कुरियन ने बताया कि सी.एम.एस. के फिल्म्स डिवीजन ने बच्चों की कोमल मानसिकता व उनके बाल सुलभ विचारों के अनुरूप जीवन मूल्यों व संस्कारों से लबालब अनेक फिल्मों का निर्माण किया है जिनमें “छू लेंगे आकाश, रवि, पछतावा, डाकिया, हीरे की अंगूठी, सबक, द मार्च ऑफ टाइम, पकड़ा गया, अंगुलिमाल, चीकू, गिली गिली आटा, सही रहा, मुबारक बेगम, अनोखा अस्पताल, कल की राहें, मुझसे दोस्ती करोगे, अनमोल रतन, स्कूल इज द लाइटहाउस ऑफ सोसाइटी, बड़ू के साथ, घर किसका है, विरासत, रोशनी, आओ दोस्ती करें, गुड एण्ड स्मार्ट, मदर टेरेसा, वर्डस ऑफ विजडम´´ इत्यादि बाल फिल्में प्रमुख हैं।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने कहा कि सी.एम.एस. अपनी स्थापना के समय से ही बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु कृत-संकल्पित है एवं इसी उद्देश्यपूर्ति के लिए सी.एम.एस. द्वारा वर्तमान दौर के अश्लील साहित्य व हिंसात्मक फिल्मों के विरूद्ध आवाज उठाते हुए एवं छात्रों व युवाओं को चरित्र निर्माण व नैतिकता की शिक्षा देने हेतु बाल फिल्मों का निर्माण अनवरत जारी है एवं इसी तरह की प्रयासों की आज आवश्यकता भी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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गरीबों, पिछड़ों और दलितों के विकास की इन्हें कोई फि़क्र नहीं

Posted on 10 October 2010 by admin

कंाशीराम का सपना मूर्तियों, स्मारकों और पार्कों की स्थापना नहीं बल्कि समाज के दबे, कुचले और शोषित लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाना और उन्हें बराबरी का दर्जा दिलाना था। मुख्यमन्त्री ने कांशीराम के सपने को पूरा करने के बजाय अपने तानाशाही रवैये के चलते कांशीराम के सपने को चूर-चूर करने का काम किया है। गरीबों, पिछड़ों और दलितों के विकास की इन्हें कोई फि़क्र नहीं है।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सुश्री मायावती का आचरण शुरू से ही लोकतन्त्र विरोधी रहा है। यह जगजाहिर है कि मुख्यमन्त्री का लोकतन्त्र के तीनों प्रमुख अंगों को कुचलना इनकी आदत में शुमार रहा है। कार्यपालिका के अधिकार चन्द चहेते अफसरों में कैद हो गए हैं और वरिष्ठ अधिकारी बेचैनी महसूस कर रहे हैं। विधायिका की चिन्ता कभी उन्होने नहीं की और लोकतन्त्र के मूल तत्व विरोधी पक्ष के साथ कभी भी प्रदेश के विकास की समस्याओं पर न तो चर्चा की और न ही सहयोग लिया। न्यायपालिका के आदेशों की भी उन्होने कभी परवाह नहीं की।

मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि राजधानी सहित प्रदेश में हो रहे निर्माण कार्य पर मा0 न्यायालय द्वारा रोक लगाये जाने के बाद भी बदस्तूर निर्माण कार्य जारी रखा। जबकि मा0 न्यायालय द्वारा स्वयं इसका संज्ञान लिया गया। इसीलिए बार-बार मुख्यमन्त्री जी जनता के बीच सफाई देती रहती हैं, जबकि इन्हें यह सफाई मा0 न्यायालय को देना चाहिए।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि खुद को दलितों का तथाकथित मसीहा कहने वाली मुख्यमन्त्री को शायद यह नहीं मालूम कि उ0प्र0 में सूखे के बाद बाढ़ ने आम जनता के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लाखों गरीब और दलित परिवार बेघर हो गये हैं। दो जून की रोटी के लिए जनता परेशान है। पत्थरों की इमारत खड़ी करने, मूर्तियों, स्मारकों और पार्कों के निर्माण से जनता का पेट नहीं भरता, बल्कि उसे पेट भरने के लिए दो जून की रोटी चाहिए। बसपा सरकार और इसकी मुखिया पूरी तरह संवेदनहीन हो गई हैं और दु:खी तथा पीड़ित जनता के दु:ख-दर्द से उनका कोई सरोकार नहीं रह गया है। मुख्यमन्त्री के एजेण्डे में पार्कों के निर्माण, मूर्तियों की स्थापना और स्मारकों की निर्माण हैं जनता की परेशानियों को दूर करने और विकास इनके एजेण्डे में शामिल नहीं है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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माननीया मुख्यमन्त्री जी ने राश्ट्रमण्डल खेलों में पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी

Posted on 10 October 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने राश्ट्रमण्डल खेलों में पदक जीत कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को हादिZक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में खेलकूद को बढ़ावा देने व खिलाड़ियों के हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने आजमगढ़ के श्री ओंकार को निशानेबाजी में, कु0 रेणु बाला स्पोर्ट्स कालेज लखनऊ को भारोत्तोलन में, कु0 अल्का तोमर मेरठ को कुश्ती में और श्री इमरान हसन खॉ बरेली को निशानेबाजी में स्वर्ण पदक प्राप्त करने एवं श्री रितुराज चटर्जी वाराणसी को तीरन्दाजी में, कु0 सोनिया चानू स्पोर्ट्स कालेज लखनऊ को भारोत्तोलन में रजत, कु0 बबिता कुमारी मेरठ को कुश्ती में रजत पदक और इलाहाबाद के आशीश को जिम्नास्टिक में रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करने पर इनके उपलब्धि की मुक्तकंठ से सराहना की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमन्त्री ने जो बुत सजाए हैं, वे भी सब जाति की पहचान के साथ हैं

Posted on 10 October 2010 by admin

बसपा के संस्थापक स्व0 कांशीराम की चौथी पुण्य तिथि (9 अक्टूबर) पर जनता की गाढ़ी कमाई के 30 हजार करोड़ रूपयों से ज्यादा की बबाZदी से बने पत्थर के पाकोZ, स्मारकों और बुतों की रंगारंग प्रदशZनी को मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने अपना विकास माडल जताकर प्रदेश की बाढ़-बीमारी ओर गरीबी से त्रस्त भययुक्त जनता का अच्छा मजाक बनाया है। अपने आलोचकों को जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त बताकर उन्हेांने स्वंय को धोखा देने का काम किया, क्योंकि यह तो जगजाहिर है कि बसपा की नींव ही जाति की राजनीति पर रखी गई है और वे स्वयं यह घोिशत कर चुकी हैं कि उनका उत्तराधिकारी उनकी ही जाति का होगा, दूसरा नहीं। मुख्यमन्त्री ने जो बुत सजाए हैं, वे भी सब जाति की पहचान के साथ हैं। इन जाति पुरूशों के बुत निर्माण की आड़ में कमीशन के घपले में कितना धन कमाया गया, यह सच सामने आते ही दलितों केा मालूम हेा जाएगा कि मुख्यमन्त्री द्वारा उनकी इतनी तरफदारी क्यों की गई थी।

मुख्यमन्त्री का कहना है कि उनके उक्त निर्माण कार्यो के खिलाफ न्यायालयों मे याचिका दाखिल करने वाले दलित महापुरूश विरोधी और विकास विरोधी हैं। मुख्यमन्त्री को बताना चाहिए कि उन्हेांने प्रदेश में कहॉ कौन विकास कार्य किया है। बिजली पानी का संकट है। स्व0 कांशीराम के नाम पर आवास योजनाओं में घोटाला है। अम्बेडकर गॉवों की दुर्दशा है। उद्योग धंधों की हालत खराब है। विकास ‘ाून्य प्रदेश में पत्थरों की सजावट को ही वे ‘ाायद विकास मानती हैं। जबकि पत्थर और विकास में कोई सम्बन्ध नहीं है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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