मुर्दा प्रत्याशी प्रकरण मे भले ही प्रधान पर भले ही प्रशासन ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया हो लेकिन सच्चाई इसके उलट नज़र आ रही है। कहा जा रहा है कि इसमें एक मन्त्री के इसारे पर गहरी साजिश को अंजाम दिया गया है। नोड्यूज जारी करने वाले सेक्रेटरी पर कार्यावाही होना तय माना जा रहा है। हालांकि खबर का असर यह रहा है कि कुम्भकरणीZ नीन्द में सोया प्रशासन हरकत में आ गया।
ब्लाक बिल्दराय के नरसड़ा गांव में 16 लोेगो ने प्रधान पद के लिए नामांकन किया था जिसमें 6 साल पहले मर चुकी गीता सिंह का नामांकन हो गया और पूरी प्रक्रिया के साथ चुनाव चिन्ह किताब आवांटित कर दिया गया। िशकायत के बाद जब जांच की गई तो सत्यता का पता चला जांच के उपरान्त वहां मतदान स्थल पर नोटिस चस्पा कर दी गई तथा मृतक के पति के खिलाफ धोखाधड़ी एवं चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के तहत धारा 420, 467, 468, 471/126 भा0द0वि0 का मामला दर्ज किया गया है। सूत्रो के मुताबिक अनिल सिंह को मात देने के लिए विरोधियों ने एक माननीय की शह पर मृतक गीता सिंह का नामांकन करवा दिया गया। बाकायदा नोड्यूज भी जारी हो गया, हैरत की बात यह है कि हसकी िशकायत विरोधी प्रत्याशी लगातार करते रहे लेकिन कार्यावाही न के बराबर रही। समाचार पत्र में जब इस प्रकरण को प्रमुखता से छापा तो प्रशासन हरकत में आ गया। सूत्रो की माने तो मृतक महिला का नोड्यूूेज सेक्रेटरी ने कैसे बना दिया, माना जा रहा है कि सेक्रेटरी पर जल्द ही गाज गिर सकती है। सूत्रो की माने तो पल पल की खबर रखने वाले सेक्रेटरी भी इस साजिश का अहम हिस्सा है जिससे पुलिस जल्द ही सच्चाई उगलवा लेगी। फिलहाल समाचार प्रकािशत होने के बाद से प्रशासन कार्यावाही के मूड में दिख रहा है। इस बाबत निर्वाचन अधिकारी महेन्द्र मौर्या ने बताया आरोपी अनिल सिंह उर्फ लक्ष्मन सिंह अपनी माता को चुनाव लड़ा रहे हैं और उनका चुनाव निशान घंटी है। वैसे वो इसे विरोधियों की साजिश बता रहे हैं लेकिन दोनो चुनाव चिन्हों पर उनका नाम पोस्टर और नामांकन कुछ और ही कहानी बता रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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