Archive | June, 2010

गांधीजी की सेक्स लाइफ

Posted on 14 June 2010 by admin

gsexक्या राष्ट्रपिता मोहनदास कर्मचंद गांधी असामान्य सेक्स बीहैवियर वाले अर्द्ध-दमित सेक्स मैनियॉक थे? जी हां, महात्मा गांधी के सेक्स-जीवन को केंद्र बनाकर लिखी गई किताब “गांधीः नैक्ड ऐंबिशन” में एक ब्रिटिश प्रधानमंत्री के हवाले से ऐसा ही कहा गया है। महात्मा गांधी पर लिखी किताब आते ही विवाद के केंद्र में आ गई है जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में उसकी मांग बढ़ गई है। मशहूर ब्रिटिश इतिहासकार जैड ऐडम्स ने पंद्रह साल के अध्ययन और शोध के बाद “गांधीः नैक्ड ऐंबिशन” को किताब का रूप दिया है।

किताब में वैसे तो नया कुछ नहीं है। राष्ट्रपिता के जीवन में आने वाली महिलाओं और लड़कियों के साथ गांधी के आत्मीय और मधुर रिश्तों पर ख़ास प्रकाश डाला गया है। रिश्ते को सनसनीख़ेज़ बनाने की कोशिश की गई है। मसलन, जैड ऐडम्स ने लिखा है कि गांधी नग्न होकर लड़कियों और महिलाओं के साथ सोते ही नहीं थे बल्कि उनके साथ बाथरूम में “नग्न स्नान” भी करते थे।

महात्मा गांधी हत्या के साठ साल गुज़र जाने के बाद भी हमारे मानस-पटल पर किसी संत की तरह उभरते हैं। अब तक बापू की छवि गोल फ्रेम का चश्मा पहने लंगोटधारी बुजुर्ग की रही है जो दो युवा-स्त्रियों को लाठी के रूप में सहारे के लिए इस्तेमाल करता हुआ चलता-फिरता है। आख़िरी क्षण तक गांधी ऐसे ही राजसी माहौल में रहे। मगर किसी ने उन पर उंगली नहीं उठाई। ऐसे में इस किताब में लिखी बाते लोगों ख़ासकर, गांधीभक्तों को शायद ही हजम हों। दुनिया के लिए गांधी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के आध्यात्मिक नेता हैं। वह अहिंसा के प्रणेता और भारत के राष्ट्रपिता भी हैं। जो दुनिया को सविनय अवज्ञा और अहिंसा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।  कहना न होगा कि दुबली काया वाले उस पुतले ने दुनिया के कोने-कोने में मानव अधिकार आंदोलनों को ऊर्जा दी, उन्हें प्रेरित किया।

नई किताब यह खुलासा करती है कि गांधी उन युवा महिलाओं के साथ ख़ुद को संतप्त किया जो उनकी पूजा करती थीं और अकसर उनके साथ बिस्तर शेयर करती थीं। बहरहाल, ऐडम्स का दावा है कि लंदन से क़ानून की पढ़ाई करने के बाद वकील से गुरु बने गांधी की इमैज कठोर नेता की बनी जो अपने अनोखी सेक्सुअल डिमांड से अनुयायियों को वशीभूत कर लेता है।

पर लोग के लिए यह आचरण असहज हो सकता है पर गांधी के लिए सामान्य था। ऐडम्स ने किताब में लिखा है कि गांधी ने अपने आश्रमों में इतना कठोर अनुशासन बनाया था कि उनकी छवि 20वीं सदी के धर्मवादी नेताओं जैम्स वॉरेन जोन्स और डेविड कोरेश की तरह बन गई जो अपनी सम्मोहक सेक्स अपील से अनुयायियों को क़रीब-क़रीब ज्यों का त्यों वश में कर लेते थे। ब्रिटिश हिस्टोरियन के मुताबिक महात्मा गांधी सेक्स के बारे लिखना या बातें करना बेहद पसंद करते थे। किताब के मुताबिक हालांकि अन्य उच्चाकाक्षी पुरुषों की तरह गांधी कामुक भी थे और सेक्स से जुड़े तत्थों के बारे में आमतौर पर खुल कर लिखते थे। अपनी इच्छा को दमित करने के लिए ही उन्होंने कठोर परिश्रम का अनोखा स्वाभाव अपनाया जो कई लोगों को स्वीकार नहीं हो सकता।

किताब की शुरुआत ही गांधी की उस स्वीकारोक्ति से हुई है जिसमें गांधी ख़ुद लिखा या कहा करते थे कि उनके अंदर सेक्स-ऑब्सेशन का बीजारोपण किशोरावस्था में हुआ और वह बहुत कामुक हो गए थे। 13 साल की उम्र में 12 साल की कस्तूरबा से विवाह होने के बाद गांधी अकसर बेडरूम में होते थे। यहां तक कि उनके पिता कर्मचंद उर्फ कबा गांधी जब मृत्यु-शैया पर पड़े मौत से जूझ रहे थे उस समय किशोर मोहनदास पत्नी कस्तूरबा के साथ अपने बेडरूम में सेक्स का आनंद ले रहे थे।

किताब में कहा गया है कि विभाजन के दौरान नेहरू गांधी को अप्राकृतिक और असामान्य आदत वाला इंसान मानने लगे थे। सीनियर लीडर जेबी कृपलानी और वल्लभभाई पटेल ने गांधी के कामुक व्यवहार के चलते ही उनसे दूरी बना ली। यहां तक कि उनके परिवार के सदस्य और अन्य राजनीतिक साथी भी इससे ख़फ़ा थे। कई लोगों ने गांधी के प्रयोगों के चलते आश्रम छोड़ दिया। ऐडम ने गांधी और उनके क़रीबी लोगों के कथनों का हवाला देकर बापू को अत्यधिक कामुक साबित करने का पूरा प्रयास किया है। किताब में पंचगनी में ब्रह्मचर्य का प्रयोग का भी वर्णन किया है, जहां गांधी की सहयोगी सुशीला नायर गांधी के साथ निर्वस्त्र होकर सोती थीं और उनके साथ निर्वस्त्र होकर नहाती भी थीं। किताब में गांधी के ही वक्तव्य को उद्धरित किया गया है। मसलन इस बारे में गांधी ने ख़ुद लिखा है, “नहाते समय जब सुशीला निर्वस्त्र मेरे सामने होती है तो मेरी आंखें कसकर बंद हो जाती हैं। मुझे कुछ भी नज़र नहीं आता। मुझे बस केवल साबुन लगाने की आहट सुनाई देती है। मुझे कतई पता नहीं चलता कि कब वह पूरी तरह से नग्न हो गई है और कब वह सिर्फ अंतःवस्त्र पहनी होती है।”

किताब के ही मुताबिक जब बंगाल में दंगे हो रहे थे गांधी ने 18 साल की मनु को बुलाया और कहा “अगर तुम साथ नहीं होती तो मुस्लिम चरमपंथी हमारा क़त्ल कर देते। आओ आज से हम दोनों निर्वस्त्र होकर एक दूसरे के साथ सोएं और अपने शुद्ध होने और ब्रह्मचर्य का परीक्षण करें।” ऐडम का दावा है कि गांधी के साथ सोने वाली सुशीला, मनु और आभा ने गांधी के साथ शारीरिक संबंधों के बारे हमेशा अस्पष्ट बात कही। जब भी पूछा गया तब केवल यही कहा कि वह ब्रह्मचर्य के प्रयोग के सिद्धांतों का अभिन्न अंग है।

ऐडम्स के मुताबिक गांधी अपने लिए महात्मा संबोधन पसंद नहीं करते थे और वह अपने आध्यात्मिक कार्य में मशगूल रहे। गांधी की मृत्यु के बाद लंबे समय तक सेक्स को लेकर उनके प्रयोगों पर लीपापोती की जाती रही। हत्या के बाद गांधी को महिमामंडित करने और राष्ट्रपिता बनाने के लिए उन दस्तावेजों, तथ्यों और सबूतों को नष्ट कर दिया, जिनसे साबित किया जा सकता था कि संत गांधी दरअसल सेक्स मैनियैक थे। कांग्रेस भी स्वार्थों के लिए अब तक गांधी और उनके सेक्स-एक्सपेरिमेंट से जुड़े सच को छुपाती रही है। गांधीजी की हत्या के बाद मनु को मुंह बंद रखने की सलाह दी गई। सुशीला भी इस मसले पर हमेशा चुप ही रहीं।

किताब में ऐडम्स दावा करते हैं कि सेक्स के जरिए गांधी अपने को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध और परिष्कृत करने की कोशिशों में लगे रहे। नवविवाहित जोड़ों को अलग-अलग सोकर ब्रह्मचर्य का उपदेश देते थे। ऐडम्स के अनुसार सुशीला नायर, मनु और आभा के अलावा बड़ी तादाद में महिलाएं गांधी के क़रीब आईं। कुछ उनकी बेहद ख़ास बन गईं। बंगाली परिवार की विद्वान और ख़ूबसूरत महिला सरलादेवी चौधरी से गांधी का संबंध जगज़ाहिर है। हालांकि गांधी केवल यही कहते रहे कि सरलादेवी उनकी “आध्यात्मिक पत्नी” हैं। गांधी जी डेनमार्क मिशनरी की महिला इस्टर फाइरिंग को प्रेमपत्र लिखते थे। इस्टर जब आश्रम में आती तो बाकी लोगों को जलन होती क्योंकि गांधी उनसे एकांत में बातचीत करते थे। किताब में ब्रिटिश एडमिरल की बेटी मैडलीन स्लैड से गांधी के मधुर रिश्ते का जिक्र किया गया है जो हिंदुस्तान में आकर रहने लगीं और गांधी ने उन्हें मीराबेन का नाम दिया।

ऐडम्स ने कहा है कि नब्बे के दशक में उसे अपनी किताब “द डाइनैस्टी” लिखते समय गांधी और नेहरू के रिश्ते के बारे में काफी कुछ जानने को मिला। इसके बाद लेखक की तमन्ना थी कि वह गांधी के जीवन को अन्य लोगों के नजरिए से किताब के जरिए उकेरे। यह किताब उसी कोशिश का नतीजा है। जैड दावा करते हैं कि उन्होंने ख़ुद गांधी और उन्हें बेहद क़रीब से जानने वालों की महात्मा के बारे में लिखे गए किताबों और अन्य दस्तावेजों का गहन अध्ययन और शोध किया है। उनके विचारों का जानने के लिए कई साल तक शोध किया। उसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे।

इस बारे में ऐडम्स ने स्वीकार किया है कि यह किताब विवाद से घिरेगी। उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं इस एक किताब को पढ़कर भारत के लोग मुझसे नाराज़ हो सकते हैं लेकिन जब मेरी किताब का लंदन विश्वविद्यालय में विमोचन हुआ तो तमाम भारतीय छात्रों ने मेरे प्रयास की सराहना की, मुझे बधाई दी।” 288 पेज की करीब आठ सौ रुपए मूल्य की यह किताब जल्द ही भारतीय बाज़ार में उपलब्ध होगी। ‘गांधीः नैक्ड ऐंबिशन’ का लंदन यूनिवर्सिटी में विमोचन हो चुका है। किताब में गांधी की जीवन की तक़रीबन हर अहम घटना को समाहित करने की कोशिश की गई है। जैड ऐडम्स ने गांधी के महाव्यक्तित्व को महिमामंडित करने की पूरी कोशिश की है। हालांकि उनके सेक्स-जीवन की इस तरह व्याख्या की है कि गांधीवादियों और कांग्रेसियों को इस पर सख़्त ऐतराज़ हो सकता है।

लेखक हरिगोविंद विश्वकर्मा वरिष्ठ पत्रकार हैं. इस लेख का स्रोत ब्रिटिश अख़बारों में “गांधीः नैक्ड ऐंबिशन” के छपे रिव्यू और रिपोर्ताज हैं.


Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

4.87 लाख डोज खराब टीके वापस भेजे गये

Posted on 13 June 2010 by admin

जापानी इन्सेफेलाइटिस की रोकथाम के लिये पूर्वाचल भेजे गये कुल टीकों में से 4 लाख 87 हजार 300 डोज टीके खराब होने के कारण शनिवार को वापस कर दिये गये। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब उनके पास जो भी टीके बचे हैं वे सभी अच्छी क्वालिटी के हैं। इनसे सोमवार को गोरखपुर मण्डल के सभी जिलों के दो-दो ब्लाकों में टीकाकरण किया जायेगा।

सूत्रों के अनुसार सरकार को कहीं न कहीं खराब टीकों के दुरुपयोग की आशंका थी। इसीलिये शुक्रवार की शाम स्वास्थ्य महानिदेशालय ने गोरखपुर मण्डल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डा.यूके श्रीवास्तव को अचानक निर्देश दिये कि सभी अनुपयोगी टीके हर हाल में शनिवार तक लखनऊ वापस भेज दिये जायं। निर्देश मिलते ही एडी हेल्थ ने गोरखपुर मण्डल के सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को रातों-रात टीके भेजने का निर्देश दिया। इसी के बाद सभी जिलों से टीके शनिवार को सुबह एडी हेल्थ कार्यालय पर भेजे गये जहां से उनको लखनऊ लौटा दिया गया।

अपर निदेशक स्वास्थ्य डा.यूके श्रीवास्तव का कहना है कि 4 लाख 87 हजार डोज टीके वापस करने के बाद अब सिर्फ अच्छी क्वालिटी के टीके ही बचे हैं। इनसे सोमवार को मण्डल के आठ ब्लाकों में टीकाकरण किया जायेगा। इसमें हर जिले के दो-दो ब्लाक शामिल किये जायेंगे।


Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

बेटे की लाश का इंतजार

Posted on 13 June 2010 by admin

साइकिल मिस्त्री मोहम्मद लियाकत के बेटे मोहम्मद सारिक की सऊदी अरब में हत्या के बाद परिजनों में बदहवाशी का आलम है। सऊदी अरब में गत सात जून को मृदगान, ऊपरकोट मोहल्ला निवासी सारिक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के चचेरे भाई साहिद इकबाल ने बताया कि अभी तक उन्हें हत्यारोपी को फांसी की सजा सुनाए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है। हत्यारोपी के मुजफ्फरनगर या दिल्ली निवासी परिजनों ने अभी तक मृतक के पिता मोहम्मद लियाकत से सीधे संपर्क नहीं किया है। उनके द्वारा अन्य परिचितों को बुलंदशहर भेजकर संपर्क साधा जा रहा है। उधर, पथराई आंखों बेटे के शव का इंतजार कर रहे लियाकत और उनकी बेगम अमीना ने  बताया कि वे किसी भी हाल में हत्यारे को माफ नहीं करेंगे। उनके बेकसूर बेटे की जान लेने वाले को मौत की सजा दी जाए, इसकी सिफारिश वह सऊदी सरकार से करेंगे।


Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

सऊदी अरब में मुजफ्फरनगर के युवक को फांसी

Posted on 13 June 2010 by admin

जलालाबाद  : सऊदी अरब में रह रहे जलालाबाद क्षेत्र के हसनपुर लुहारी गांव के युवक को हत्या के आरोप में वहां की शरई अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। उस पर बुलंदशहर के युवक को चाकू से गोद कर मौत के घाट उतारने का आरोप है। फांसी पर लटकाने का दिन शुक्रवार मुकर्रर हुआ है।

हसनपुर लुहारी गांव के अंसारियों वाली गली में हाफिज काला का परिवार रहता था। करीब दस वर्ष पूर्व यह परिवार दिल्ली चला गया था और वहां सेना बाग इलाके में रहने लगा था। हाफिज काला का एक बेटा शाबिर अली (40 वर्ष) सऊदी अरब में एक शेख के घर चालक की नौकरी करता है। इसी शेख के घर में बुलंदशहर निवासी सारिक भी कोई काम करता था।

ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दिनों सारिक और शाबिर के बीच किसी बात को लेकर मारपीट हो गई। उसी दौरान चाकू लगने से एजाज की मौत हो गई। मालिक की सूचना पर सऊदी अरब पुलिस ने आरोपी शाबिर को हिरासत में ले लिया। शुक्रवार को उसे स्थानीय शरई अदालत में पेश किया गया। अदालत में उसका गुनाह साबित होने पर उसे फांसी की सजा सुनाई गई है। शुकंवार की रात शाबिर के परिजनों को इस घटना की जानकारी हुई और तभी से परिजन सदमे में हैं।

सऊदी सरकार का नियम है कि किसी आरोपी को सजा से मुक्ति दी जा सकती है, यदि मरने वाले का सबसे निकटतम संबंधी आरोप वापस ले ले। शनिवार की सुबह दिल्ली में रह रहे शाबिर के कुछ परिजन हसनपुर लुहारी पहुंचे और यहां के कुछ गणमान्य लोगों को साथ लेकर बुलंदशहर गए।

बुलंदशहर में मृतक के परिजनों से वार्ता भी की गई, परंतु उन्होंने लाश भारत आने और उसका अंतिम संस्कार होने तक किसी भी तरह का आश्वासन देने से इनकार कर दिया है। हसनपुर लुहारी के प्रधान ने बताया कि वैसे तो शाबिर का परिवार बहुत पहले दिल्ली चला गया था। परंतु, इस गांव से उनका अभी भी भावनात्मक लगाव है।


Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

मुलायम सिंह यादव श्री राजेन्द्र सिंह यादव की मूर्ति का अनावरण करेगें

Posted on 12 June 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमन्त्री, उत्तर प्रदेश श्री मुलायम सिंह यादव (सदस्य-लोकसभा) सोमवार दिनांक 14 जून,2010 को पूर्वान्ह 11 बजे थाना भरथना के कस्बा नगला धना में श्री राजेन्द्र सिंह यादव उर्फ छोटे सिंह यादव की मूर्ति का अनावरण करेगें। श्री यादव आज शनिवार, 12 जून,2010 को नई दिल्ली से प्रात: चलकर इटावा पहुंचे। यहां वे महेन्द्र धाम, उसराहार रोड, भरथना, जनपद इटावा में श्री श्रीकृष्ण यादव आढती के सुपुत्र के तिलकोत्सव में सम्मिलित हुये।

दिनांक 13 जून ,2010 रविवार को श्री मुलायम सिंह यादव 10Û00 बजे दिन में ग्राम रामनगर थाना निधौलीकलां,एटा में स्व0 अनिल कुमार सिंह (विधायक) की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेगें। इसके उपरान्त 11Û30 बजे वे राजमैरिज हाल, स्टेशन रोड, मैनपुरी में श्री राजेश चक के शुभ विवाह में भाग लेकर पुन: इटावा आ जाएगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मुख्यमन्त्री के नए प्रयास

Posted on 12 June 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने प्रेस वक्तव्य में कहा है कि जनता के बीच बढ़ते आक्रोश को भांप कर मुख्यमन्त्री अब नए-नए शिगूफे छेड़कर जन सामान्य को बरगलाने का प्रयास करने लगी है। अब तक वे दलित महापुरूषों के बहाने अपने वसूली एवं कमीशन अभियान को आगे बढ़ाते हुए पाकोZ, स्मारकों और अपनी प्रतिमाओं पर पत्थरों के ढेर खड़ी कर रही थी। जहॉ नज़र आए वही  जमीन कब्जाओ की नीति पर अमल कर रही थीं। सरकारी खजाना लुटाकर चहेतों को निगमों, आयोगों, कमेटियों में अधाधुंध पदों की रेवडी बांटने का काम कर रही है। अब वे कह रही है कि वे सीधे विकास कार्यो पर नज़र रखेगी क्योंकि जो काम अभी हो रहे हैं उनकी प्रगति से वे सन्तुष्ट नहीं है।16

श्री चौधरी ने कहा यह कितनी हास्यास्पद बात है कि तीन सालों से सत्ता में रहते हुए सुश्री मायावती को अब पता चला है कि विकास कार्यो की प्रगति रिपोर्ट असन्तोषप्रद है। सवाल यह है कि वे कौन से विकास कार्य कर रही थी जिसके बारे में जनता को बयान देकर अपनी चिन्ता जता रही हैं। तीन सालों के उनके कार्यकाल में एक भी नया बिजली घर नहीं लगा। इन तीन सालों में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ने से उद्यमियों ने पूंजीनिवेश नहीं किया। उद्योगधंधे बिजली न मिलने से बैठ गए है। अम्बेडकर गांव आज भी दुर्दशा के शिकार हैं। कांशीराम योजना के आवास बनने के दिन से ही जर्जर दिखाई देने लगते हैं। सड़के जनपदो की छोड़िए, राजधानी में भी टूटी फूटी हैं। बिजली पानी की किल्लत से आए दिन जनता सड़क पर जाम लगाने को मजबूर होती है। महामाया आवास जैसी गरीबों के लिए चलाई जानेवाली योजना में हर जगह काम सुस्त चल रहा है।

समाजवादी पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि सच बात तो यह है कि मुख्यमन्त्री को प्रदेश के विकास की नहीं अब अपने साम्राज्य को बचाने की चिन्ता सता रही हैं। सर्वजन को सुखों से दूर रखकर अब वे बहुजन को फिर लुभाने पटाने में लग गई है। यह उनकी पुराने एजेन्डे में वापसी है। दलित बस्तियों में रहने वाले अपनी दुर्दशा से क्षुब्ध हैं। नालों के किनारे रहने वाले दलित तथा मुस्लिम लगातार उजाड़े जा रहे है। उनके सिर पर से छत भी छीनी जा रही है।
श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमन्त्री ने विकास की जगह प्रदेश को विनाश के रास्ते पर ढकेला है। उनकी संकीर्ण परिभाषा में अपने लिए करोड़ों के नोटो की माला हासिल करना ही सच्चा विकास है। वे इसी रास्ते पर चल रही है। अब विकास के निरीक्षण के नाम पर वे अपनी कमीशन की दरें और भी बढ़ा दें तो आश्चर्य नहीं होगा। जनता ही उनसे पूरा हिसाब लेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

किसान मेला 14 जून को

Posted on 12 June 2010 by admin

सपोर्ट टू स्टेट एक्सटेंशन प्रोग्राम फार एक्सटेशन रिफाम्र्स योजनान्तर्गत किसान मेंला तथा खरीफ गोष्ठी का आयासेजन 14 जून को पं0 रामनरेश त्रिपाठी सभागार में होगा। उक्त जानकारी जिलाधिकारी शंकर लाल पाण्डेय के तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई । जिलाधिकारी ने कृषि विभाग व अन्य विभागों को निदेंर्शित किया है कि किसान मेंला व खरीफ गोष्ठी पर उक्त मेले का प्रचार प्रसार करवाना सुनििश्चत किया जाए। तथा मेले में कृषि विभाग व अन्य विभागों के समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित होंंं  तथा अधिक से अधिक किसानों को मेले में  साथ लायें एवं साथ ही विभागों के द्वारा किसानोें को क्या क्या लाभ दिया जा रहा है उसका रामनरश त्रिपाठी सभागार के प्रंागण में स्टाल लगवाया जाए।किसान मेला व खरीफ गोष्ठी में कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों की उपस्थिति रहेगी जिससे किसानों को नवीनतम तकनीकी की जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी तथा किसानों के द्वारा उठाई गई समस्याओं का निदान भी किया जाएगा। उक्त किसान मेले में खरीफ की फसलों के लिए किसानों को दिए जाने वाले कृषि निवेश भी अनुदान पर वितरित किये जाएंगे और कृषि सम्बन्धित पुस्तकें नि:शुल्क वितरित की जाएगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

सभासदों के सम्मान के लिए मुख्यमन्त्री को बधाई

Posted on 12 June 2010 by admin

नगर निेकाय सभासद महासंघ उ0 प्र0 के संयोजक संजय कप्तान ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि पंचायत राज्य व्यवस्था के अन्तर्गत सत्ता का केन्द्रीयकरण किया जाना पूर्व प्रदेश मन्त्री लालजी टण्डन के निजी लोगों को स्वार्थ के लिए किया गया था जिसे प्रदेश सरकार ने उस काला कानूून को समाप्त कर लोकतन्त्र के लिए अच्छा काम किया और सभासदों का सम्मान वापस दिलाया। जिसके लिए प्रदेश की मुख्यमन्त्री बधाई की पात्र है। उ0 प्र0 निकाय चुनाव में लोकतन्त्र की बहाली पर नगर निकाय सभासद महासंघ उ0 प्र0 मुख्यमन्त्री मायावती को कोटि-कोटि बधाई भेजा। आगे श्री कप्तान ने बताया कि पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत सदस्यों द्वारा एक मुखिया चुनकर व्यवस्था सम्पादित किया जाता है। मुख्यमन्त्री के इस फैसले से पंूजी पती लोग जो धनबल/ बाहुबल के सहारे चुनाव जीतते थे जनता उनको अब सबक सिखाएगी। अब उन्हें भी जनता के बीच जाना पड़ेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

अधिकारियों के लिये सूचना देना केाई मायने नही

Posted on 12 June 2010 by admin

समाज सेबी आयूशी श्रीवास्तव ने अधिकारियो पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा बनाये गये जनता का अधिकार, अधिकारियो के लिये महत्वपूर्ण कार्य नही है शायद इसी लिये इन कानूनों पर कोई खास दिलचस्पी अधिकारियो को नही रहती क्यूं की भ्रश्टाचार में संलिप्तता साफ नज़र आ रही है यह जानकारी आयूशी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसिहुज्जमा सिद्दीकी से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाही है कि सर्व शिक्षा अभियान में कोआर्डिनेटर पद पर तैनाद जामवन्त मौर्या के बारे मे, जो उन्हे नही मिली।

इसी क्रम मे नगर पालिका सुल्तानपुर से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी अधिशाशी अधिकारी के असेसमेन्ट रजिस्टर में विना किसी सूचना के नाम काटे जाने का कारण पूछा था, और मो0 रियाज अहमद के सन्दर्भ में अपने ही जनपद मे एक ही पद पर विगत कई वर्षो से किस नियम के अन्तर्गत जमे हुए है जिसका जबाब न देने पर समाज सेवी श्रीमती श्रीवास्तव ने अक्रोश व्यक्त किया कि अधिकारी भी  भ्रश्टाचार में लिप्त है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

YCL intertenment corporation द्वारा गोमतीनगर के edilco green orkid club में लखनऊ brand 2010 faishon show में फीता काटकर सुभारम्भ करती Dr Smt A K Sagar

Posted on 12 June 2010 by admin

15

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

June 2010
M T W T F S S
« May   Jul »
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
-->









 Type in