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मुख्यमन्त्री के नए प्रयास

Posted on 12 June 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने प्रेस वक्तव्य में कहा है कि जनता के बीच बढ़ते आक्रोश को भांप कर मुख्यमन्त्री अब नए-नए शिगूफे छेड़कर जन सामान्य को बरगलाने का प्रयास करने लगी है। अब तक वे दलित महापुरूषों के बहाने अपने वसूली एवं कमीशन अभियान को आगे बढ़ाते हुए पाकोZ, स्मारकों और अपनी प्रतिमाओं पर पत्थरों के ढेर खड़ी कर रही थी। जहॉ नज़र आए वही  जमीन कब्जाओ की नीति पर अमल कर रही थीं। सरकारी खजाना लुटाकर चहेतों को निगमों, आयोगों, कमेटियों में अधाधुंध पदों की रेवडी बांटने का काम कर रही है। अब वे कह रही है कि वे सीधे विकास कार्यो पर नज़र रखेगी क्योंकि जो काम अभी हो रहे हैं उनकी प्रगति से वे सन्तुष्ट नहीं है।16

श्री चौधरी ने कहा यह कितनी हास्यास्पद बात है कि तीन सालों से सत्ता में रहते हुए सुश्री मायावती को अब पता चला है कि विकास कार्यो की प्रगति रिपोर्ट असन्तोषप्रद है। सवाल यह है कि वे कौन से विकास कार्य कर रही थी जिसके बारे में जनता को बयान देकर अपनी चिन्ता जता रही हैं। तीन सालों के उनके कार्यकाल में एक भी नया बिजली घर नहीं लगा। इन तीन सालों में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ने से उद्यमियों ने पूंजीनिवेश नहीं किया। उद्योगधंधे बिजली न मिलने से बैठ गए है। अम्बेडकर गांव आज भी दुर्दशा के शिकार हैं। कांशीराम योजना के आवास बनने के दिन से ही जर्जर दिखाई देने लगते हैं। सड़के जनपदो की छोड़िए, राजधानी में भी टूटी फूटी हैं। बिजली पानी की किल्लत से आए दिन जनता सड़क पर जाम लगाने को मजबूर होती है। महामाया आवास जैसी गरीबों के लिए चलाई जानेवाली योजना में हर जगह काम सुस्त चल रहा है।

समाजवादी पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि सच बात तो यह है कि मुख्यमन्त्री को प्रदेश के विकास की नहीं अब अपने साम्राज्य को बचाने की चिन्ता सता रही हैं। सर्वजन को सुखों से दूर रखकर अब वे बहुजन को फिर लुभाने पटाने में लग गई है। यह उनकी पुराने एजेन्डे में वापसी है। दलित बस्तियों में रहने वाले अपनी दुर्दशा से क्षुब्ध हैं। नालों के किनारे रहने वाले दलित तथा मुस्लिम लगातार उजाड़े जा रहे है। उनके सिर पर से छत भी छीनी जा रही है।
श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमन्त्री ने विकास की जगह प्रदेश को विनाश के रास्ते पर ढकेला है। उनकी संकीर्ण परिभाषा में अपने लिए करोड़ों के नोटो की माला हासिल करना ही सच्चा विकास है। वे इसी रास्ते पर चल रही है। अब विकास के निरीक्षण के नाम पर वे अपनी कमीशन की दरें और भी बढ़ा दें तो आश्चर्य नहीं होगा। जनता ही उनसे पूरा हिसाब लेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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