Posted on 29 March 2010 by admin
मथुरा - कौन कहता है आसमां में छेद नहीं हो सकता, जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो, शायर दुष्यन्त कुमार की इन पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए एक हाथ व पैर से विकलांग युवक सचिन शिन्दे नासिक से साईकिल से चारों धाम की यात्रा पर निकला है। जगह-जगह पर युवक का लोगों द्वारा जोशीला स्वागत किया जा रहा है।
नासिक में रहने वाले प्रकाश शिन्दे का अठारह वर्षीय विकलांग पुत्र सचिन शिन्दे विशेष साइकिल से बीती 18 फरवरी को नासिक से चार धाम की यात्रा करने निकल पड़ा। नासिक से शिरड़ी, औंकारेश्वर, महाकालेश्वर होते हुए आगरा से चल कर रविवार को मथुरा पहुंचा। यहां उसने धार्मिक स्थलों के मन्दिरों में दर्शन किये। उसने बताया कि वह इससे पूर्व दस दिसम्बर 2009 को नासिक से प्रयाग तक की साईकिल यात्रा कर चुका है। यात्रा के दौरान उदारमना उसका जोशीला स्वागत कर आर्थिक सहायता भी कर रहे हैं। कि वह मथुरा से दिल्ली होते हुए अमृतसर से वैष्णो देवी मां के मन्दिर जायेगा, वहां से बद्रीनाथ, केदारनाथ तथा अमरनाथ तक की यात्रा पूरी करने के बाद वापस नासिक पहुंचेगा। कहा कि अगर मन में कार्य करने की इच्छा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। इसमें विकलांगता कभी भी आड़े नहीं आ सकती ।
Vikas Sharma
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Posted on 29 March 2010 by admin
झांसी - बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के इतिहास विषय के एक प्रश्न.पत्र पुस्तिका में पूछे गए प्रश्न के अन्तर्गत अमर शहीद वीरांगना झलकारी बाई को एक नर्तकी की श्रेणी में रखे जाने की चौतरफा निन्दा की गई। मॉडल प्रकाशक व लेखक पर मुकदमा चलाए जाने की मांग की गई।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमन्त्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि देश के अमर शहीदों का सम्मान सर्वोपरि है। महान शहीदों का अपमान राष्ट्र का अपमान है, जिसे हरगि़ज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में अंग्रेजों की फौज के खिलाफ वीरांगना लक्ष्मीबाई के साथ कन्धे से कन्धे मिलाकर लोहा लेने वाली वीरांगना झलकारी बाई को नर्तकी की श्रेणी में रखे जाने को राष्ट्र का अपमान बताते हुए मॉडल प्रकाशक व लेखक के विरुद्ध राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वीरांगना झलकारी बाई की प्रतिमा को लोकसभा में स्थापित किए जाने की उन्होंने मांग की थी, जिसे मन्जूरी मिल गई है। निकट भविष्य में उनकी प्रतिमा लोकसभा में स्थापित की जाएगी।
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Vikas Sharma
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Posted on 29 March 2010 by admin
मृतकों में मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर प्रिंस शामिल
उरई- जिला कारागार रविवार को युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया। कैदियों के दो गुट भिड़े और फिर उनका सुरक्षाकर्मियों के साथ खूनी संघर्ष हुआ। मारपीट के बाद जेल के अंदर बम चले, नतीजे में दो कैदियों की मौत हो गयी, जबकि एक दर्जन से अधिक कैदी घायल हुए। जेल अफसरों ने हालात नियंत्रित करने का प्रयास किया तो उनके ऊपर भी बम फेंके गये। इस हमले में प्रभारी जेलर, एक डिप्टी जेलर और हेड वार्डेन जख्मी हो गये। मौत के शिकार हुए कैदियों में मुख्तार अंसारी का कथित रिश्तेदार प्रिंस अहमद व एक अन्य शामिल हैं। राज्य सरकार ने बवाल की जांच प्रदेश के अपर महानिरीक्षक कारागार योगेश शुक्ला को सौंपी है।
जिला कारागार में रविवार को दोपहर करीब एक बजे बैरक नंबर तीन व चार के कैदियों में झड़प हो गयी। एक गुट की नुमाइंदगी मुख्तार अंसारी का कथित रिश्तेदार जनपद गाजीपुर के जफरपुरा निवासी प्रिंस अहमद कर रहा था। प्रिंस पर भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत करीब एक दर्जन संगीन मुकदमे चल रहे थे। उसे आठ महीने पहले लखनऊ जेल से उरई कारागार स्थानांतरित किया गया था। प्रिंस जेल में वह अपना वर्चस्व कायम रखना चाहता था, लेकिन दूसरे गुट को यह बर्दाश्त न था। लिहाजा गुटबाजी ने हिंसा का रूप ले लिया।
एडीएम अरुण कुमार ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि वर्चस्व को लेकर बैरक नंबर तीन और चार के कैदियों से उसकी तनातनी चल रही थी। यही तनातनी रविवार को मारपीट में बदल गई। दोनों गुटों के कैदी बैरक से बाहर आकर पथराव करने लगे। डिप्टी जेलर सुनील दत्त, प्रभारी जेलर नत्थू सिंह एक अन्य जेलकर्मी के साथ बीचबचाव करने पहुंचे तो प्रिंस और उसके साथियों ने उन पर दो देसी बम फेंक दिए। बम फटने से तीनों गम्भीर घायल हो गए।
इस बीच कैदियों ने जेल पर कब्जा कर लिया। हालात बेकाबू होने की सूचना पर जिले के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी पीएसी तथा एसओजी टीम लेकर जेल पहुंचे। फोर्स ने लाठीचार्ज कर कैदियों पर काबू पाया। इस दौरान फायरिंग होने की भी चर्चा है पर अधिकारी इससे इनकार कर रहे हैं। संघर्ष में प्रिंस अहमद समेत चौदह कैदी बुरी तरह से घायल हो चुके थे। कुछ देर में प्रिंस की जेल के भीतर ही मौत हो गयी। दूसरे मृत कैदी का नाम नाजिर निवासी औंता जिला जालौन बताया गया है।
एएसपी राकेश शंकर ने बताया कि झगड़ा करने वाले दोनों पक्षों के खिलाफ एक दूसरे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि पूरी घटना बैरक नं. 3 और 4 के कैदियों के बीच शनिवार से ही तनातनी चल रही थी। जेल के भीतर बम कैसे पहुंचा, जेल प्रशासन के पास इसका कोई जवाब नहीं था।