मृतकों में मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर प्रिंस शामिल
उरई- जिला कारागार रविवार को युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया। कैदियों के दो गुट भिड़े और फिर उनका सुरक्षाकर्मियों के साथ खूनी संघर्ष हुआ। मारपीट के बाद जेल के अंदर बम चले, नतीजे में दो कैदियों की मौत हो गयी, जबकि एक दर्जन से अधिक कैदी घायल हुए। जेल अफसरों ने हालात नियंत्रित करने का प्रयास किया तो उनके ऊपर भी बम फेंके गये। इस हमले में प्रभारी जेलर, एक डिप्टी जेलर और हेड वार्डेन जख्मी हो गये। मौत के शिकार हुए कैदियों में मुख्तार अंसारी का कथित रिश्तेदार प्रिंस अहमद व एक अन्य शामिल हैं। राज्य सरकार ने बवाल की जांच प्रदेश के अपर महानिरीक्षक कारागार योगेश शुक्ला को सौंपी है।
जिला कारागार में रविवार को दोपहर करीब एक बजे बैरक नंबर तीन व चार के कैदियों में झड़प हो गयी। एक गुट की नुमाइंदगी मुख्तार अंसारी का कथित रिश्तेदार जनपद गाजीपुर के जफरपुरा निवासी प्रिंस अहमद कर रहा था। प्रिंस पर भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत करीब एक दर्जन संगीन मुकदमे चल रहे थे। उसे आठ महीने पहले लखनऊ जेल से उरई कारागार स्थानांतरित किया गया था। प्रिंस जेल में वह अपना वर्चस्व कायम रखना चाहता था, लेकिन दूसरे गुट को यह बर्दाश्त न था। लिहाजा गुटबाजी ने हिंसा का रूप ले लिया।
एडीएम अरुण कुमार ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि वर्चस्व को लेकर बैरक नंबर तीन और चार के कैदियों से उसकी तनातनी चल रही थी। यही तनातनी रविवार को मारपीट में बदल गई। दोनों गुटों के कैदी बैरक से बाहर आकर पथराव करने लगे। डिप्टी जेलर सुनील दत्त, प्रभारी जेलर नत्थू सिंह एक अन्य जेलकर्मी के साथ बीचबचाव करने पहुंचे तो प्रिंस और उसके साथियों ने उन पर दो देसी बम फेंक दिए। बम फटने से तीनों गम्भीर घायल हो गए।
इस बीच कैदियों ने जेल पर कब्जा कर लिया। हालात बेकाबू होने की सूचना पर जिले के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी पीएसी तथा एसओजी टीम लेकर जेल पहुंचे। फोर्स ने लाठीचार्ज कर कैदियों पर काबू पाया। इस दौरान फायरिंग होने की भी चर्चा है पर अधिकारी इससे इनकार कर रहे हैं। संघर्ष में प्रिंस अहमद समेत चौदह कैदी बुरी तरह से घायल हो चुके थे। कुछ देर में प्रिंस की जेल के भीतर ही मौत हो गयी। दूसरे मृत कैदी का नाम नाजिर निवासी औंता जिला जालौन बताया गया है।
एएसपी राकेश शंकर ने बताया कि झगड़ा करने वाले दोनों पक्षों के खिलाफ एक दूसरे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि पूरी घटना बैरक नं. 3 और 4 के कैदियों के बीच शनिवार से ही तनातनी चल रही थी। जेल के भीतर बम कैसे पहुंचा, जेल प्रशासन के पास इसका कोई जवाब नहीं था।