मथुरा - कौन कहता है आसमां में छेद नहीं हो सकता, जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो, शायर दुष्यन्त कुमार की इन पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए एक हाथ व पैर से विकलांग युवक सचिन शिन्दे नासिक से साईकिल से चारों धाम की यात्रा पर निकला है। जगह-जगह पर युवक का लोगों द्वारा जोशीला स्वागत किया जा रहा है।
नासिक में रहने वाले प्रकाश शिन्दे का अठारह वर्षीय विकलांग पुत्र सचिन शिन्दे विशेष साइकिल से बीती 18 फरवरी को नासिक से चार धाम की यात्रा करने निकल पड़ा। नासिक से शिरड़ी, औंकारेश्वर, महाकालेश्वर होते हुए आगरा से चल कर रविवार को मथुरा पहुंचा। यहां उसने धार्मिक स्थलों के मन्दिरों में दर्शन किये। उसने बताया कि वह इससे पूर्व दस दिसम्बर 2009 को नासिक से प्रयाग तक की साईकिल यात्रा कर चुका है। यात्रा के दौरान उदारमना उसका जोशीला स्वागत कर आर्थिक सहायता भी कर रहे हैं। कि वह मथुरा से दिल्ली होते हुए अमृतसर से वैष्णो देवी मां के मन्दिर जायेगा, वहां से बद्रीनाथ, केदारनाथ तथा अमरनाथ तक की यात्रा पूरी करने के बाद वापस नासिक पहुंचेगा। कहा कि अगर मन में कार्य करने की इच्छा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। इसमें विकलांगता कभी भी आड़े नहीं आ सकती ।
Vikas Sharma
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