Archive | September 26th, 2017

नवजात शिशु, बच्चों एवं प्रसूता माताओं के मृत्यु की घटना में हर स्तर पर प्रतिबद्ध होने की आवश्यकता है, इसके लिए शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) अभियान की बहुत ही सम्वेदनशील तरीके से चलाए जाने की आवश्यकता है

Posted on 26 September 2017 by admin

स्थाई सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य के प्रति जमीनी स्तर प्रयास संतोषजनक नही हैं जब तक माँ और बच्चों के मृत्यु के चिकित्सीय कारणों के साथ ही सामाजिक आर्थिक कारणों का विश्लेष्ण नही किया जाएगा तब तक माताओं और बच्चों की मृत्यु के प्रतिशत को कम नही किया जा सकेगा |

image2वाराणसी, मानवाधिकार जननिगरानी समिति/जनमित्र न्यास और वायस ऑफ़ पीपुल के संयुक्त तत्वाधान में आज 26 सितम्बर 2017 को कामेश हट होटल में स्वास्थ्य एवं पोषण सेवा प्रदान करने वाली सरकारी विभाग के साथ इंटरफेस का आयोजन किया गया | इस इंटरफेस में स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त निदेशक डा0 अंशु सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 बी. बी. सिंह, प्रमुख अधीक्षिका महिला चिकित्सालय डा0 शैला त्रिपाठी, सीडीपीओ सुश्री नीलम मेहता, श्रम परिवर्तन अधिकारी श्री राम अवतार, पीवीसीएचआर के संस्थापक सदस्य प0 विकास महाराज और संस्था के सीईओ डा0 लेनिन रघुवंशी उपस्थित रहे | इस इंटरफेस का उद्देश्य नवजात शिशु, बाल व् मातृ स्वास्थ्य एवं पोषण के निमित्त संचालित कार्यक्रमों एवं योजनाओं के सर्वोत्तम प्रयासों बेहतर परिणामों को साझा किए जाने के साथ शिशु, बाल एवं मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने में आने वाले चुनौतियों पर व्यवहारिक पक्ष पर दृष्टिकोण विकसित करना रहा | जिससे लक्ष्य प्राप्ति की बाधाओं एवं चुनौतियों के सन्दर्भ में प्रभावी उपाय करके हितकारकों को सेवाओं से संतृप्त किया जा सकें एवं मानव विकास सूचकांकों को बेहतर बनाया जाए |

जनमित्र न्यास/मानवाधिकार जननिगरानी समिति लक्षित परियोजना क्षेत्र में पिछले आठ महीने में कुल 1936 परिवारों के बीच 298 गर्भवती महिलाओं एवं 0 से 1 वर्ष के कुल 190 बच्चे (F 99 M 91 ) हैं, 1 से 5 वर्ष की उम्र के कुल 916 बच्चे ( F420 M 496 ) कुल 1106 बच्चे बीच लगातार स्वास्थ्य एवं पोषण की निगरानी एवं उनके लिए संचालित योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया है | इस सिमित परिवारों के बीच जंहा इन आठ महीनों के दौरान ही 7 शिशु मृत्यु 7 बाल मृत्यु, 2 मातृ मृत्यु एवं 5 स्टील डेथ दर्ज किया गया जिनके सामाजिक अंकेक्षण में बिभाग की भारी कमियों की ओर ध्यान दिला रहे हैं | वंही दूसरी तरफ यह तथ्य प्रकाश में आया कि, बडागांव अंतर्गत अनेई ग्राम की ANM वन्दना देवी अपने लक्षित जनसंख्या पर 2 स्थानों पर 2 दिन माइक्रोप्लान पर बैठती है, विदित हो कि इससे अन्य जातियों सहित मुसहर समुदाय का टीकाकरण सुनिश्चित होने लगा है |

किन्तु फिर भी लक्षित समुदाय में जारी शिशुमृत्यु, बालमृत्यु, स्टील डेथ, मातृमृत्यु कि चुनौती जो सामने उभरकर आ रहे हैं | यथा पिछले आठ वर्षो से लागू जननी सुरक्षा योजना (JSY) एवं लगभग 4-5 वर्षो से संचालित एम्बुलेंस सेवा के बाद आज भी घरेलू प्रसव जारी है | स्वास्थ्य एवं पोषण देखभाल कार्यक्रमों के बावजूद कम वजन के शिशुओं का जन्म, निमोनिया की शिकायत पर झोलाछाप डाक्टर से ईलाज के अभाव में मृत्यु, कुपोषण जनित बीमारियों के कारण मृत्यु, बीमार होने पर ईलाज मिलने में देरी, ईलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने और स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा शुरू होने में देरी कारणों से मृत्यु अनवरत जारी है |

नवजात शिशुओ एवं बच्चो के मृत्यु से बचाव के लिए समाधान की दिशा में प्रतिबद्ध रूप मुददे पर जानकारी की उपलब्धता, अवैज्ञानिक व् अस्वच्छ व्यवहारों में बदलाव एवं बचाव के अभ्यासों को प्रोत्साहन दिए बिना सम्भव नही है | स्थाई विकास लक्ष्य को प्राप्त करना भी तब ही सम्भव है जब तक मृत्यु के कारणों का विश्लेष्ण करते हुए उन कारणों एवं सम्भावनाओं को कम से कम ना करें | मृत्यु का निष्पक्ष आडिट करते हुए समाधान की दिशा में छोटे छोटे किन्तु बदलाव के महत्वपूर्ण प्रयास सतत करने होंगे |

संस्था द्वारा किए गए सोशल आडिट में यह स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ कि आज भी सरकार द्वारा संचालित सेवाओं की जानकारी सेवा प्रदाता कर्मचारी नजदीक होने के बाद भी नही है | जानकारी के अभाव में परम्परागत व्यवहार अभ्यास में लाए जा रहे हैं | सेवा प्रदाता संस्थाओं के प्राथमिक सूत्र यथा – आशा कार्यकर्ती, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती अपने काम में लापरवाही बरत रही हैं | शिकायत किए जाने पर विभागीय पक्षधरता के कारण घटना की जबावदेही हितभागियों यानि समुदाय के ऊपर ही थोपकर मामले से हाथ खड़ा कर दिया जा रहा है | अत: इन मुद्दों पर आयोजित चर्चा परिचर्चा से सकारात्मक परिणाम के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग, बाल एवं पुष्टाहार विभाग से सम्बन्धित जिले के वरिष्ठ आधिकारीयों को निमंत्रित किया गया था | चर्चा में 7 शिशुमृत्यु , 7 बाल मृत्यु एवं 2 मातृमृत्यु के आडिट रिपोर्ट एवं आंगनवाडी में संसाधनो की कमी के अध्ययन रिपोर्ट सहित बच्चों में कुपोषण के कारणों का विश्लेषणात्मक रिपोर्ट साझा किया गया | चर्चा में मुख्य सूत्रधार के रूप में समिति के निदेशक लेनिन रघुवंशी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया | ग्रामीण अंचल पिंडरा, रमईपुर, मीराशाह, मारुकडीह, अनेई, लखापुर, आयर, पुआरीखुर्द, पुआरीकला संजोई, परमंदापुर से महिलाएं एवं स्वास्थ्य एवं पोषण अधिकारों के पैरोकार कार्यकर्ता मंगला प्रसाद, आनन्द निषाद, प्रतिमा पाण्डेय, सुभाष प्रसाद, ब्रिजेश पाण्डेय, सोमारू पटेल सहित संस्था के वरिष्ठ सदस्य शामिल रहे |

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आर्थिक नीति के केन्द्र में किसान होना चाहिए - अखिलेश यादव

Posted on 26 September 2017 by admin

‘‘भारत का कौन खिवैया, अखिलेश भैय्या, अखिलेश भैय्या‘‘ के नारे हर तरफ सुनाई पड़ रहे थे। रायपुर में स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से यह गूंज जो शुरू हुई तो श्री अग्रसेन धाम, रायपुर में युवा यादव महासभा के सम्मेलन स्थल तक उसके स्वर मंद नहीं पड़े। मौका था 24 सितम्बर 2017 का जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव छŸाीसगढ़ पधारे थे। उनके स्वागत में भिलाई के मेयर श्री देवेन्द्र यादव भी आए थे। एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक लगभग 10 किलोमीटर के रास्ते में लोग कतारबद्ध खड़े थे उनमें महिलाएं, बच्चे और नौजवान बड़ी संख्या में थे। अखिलेश जी पर लोग फूल बरसा रहे थे और उनके जिन्दाबाद के नारे भी लगा रहे थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अखिलेश जी की सुरक्षा की चुस्तदुरूस्त व्यवस्था की गई थी।
26-09-a लखनऊ से रायपुर की यात्रा में श्री अखिलेश यादव के साथ वायुयान में हिंदी संस्थान उ0प्र0 के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री उदय प्रताप सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री राजेंद्र चौधरी भी थे। परस्पर चर्चा में साहित्य, संस्कृति से लेकर राजनैतिक मुद्दों पर खुलकर चर्चाएं हुई। श्री यादव को छŸाीसगढ़ के किसानों की चिंता खासतौर पर सता रही थी। उनका मानना है कि किसान की खुशहाली से ही देश-प्रदेश खुशहाल बनेंगे। उनका कहना था कि सरकारी योजनाओं में प्राथमिकताएं तय होती है। इस संबंध में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। छŸाीसगढ़ में खनिज और वन सम्पदा प्रचुर मात्रा में है तो फिर उसके आर्थिक विकास में गतिरोध क्यों हो रहा है? प्राथमिकता निर्धारित नहीं है, इससे विकास विकेन्द्रित नहीं है।
श्री यादव का कहना था कि आर्थिक नीति के केन्द्र में किसान होना चाहिए। जब तक बेकारी दूर नहीं होगी तब तक गरीबी नहीं मिट सकती हैं। उन्होंने कहा सामाजिक सद्भाव से ही समाज स्वस्थ रह सकता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों की रक्षा हर स्थिति में होनी चाहिए।
वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन के आदर्शो का भी जिक्र आया और नैतिक मूल्यों के ह्नास पर विशेष चिंता जताई गई। यह बात सामने आई कि विचारपरक राजनीति को ताकत मिले बिना लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होती जाएगी। सरकारों की जिम्मेदारी है कि भारतीय संविधान का ईमानदारी से पालन हो और समाज के कमजोर से कमजोर व्यक्ति को यह विश्वास हो कि उसकी गरिमा कायम है। 26-09-b
बस्तर के आदिवासियों द्वारा बड़ी संख्या में रायपुर में आकर परम्परागत तरीके से श्री अखिलेश यादव का स्वागत किया गया। आदिवासी क्षेत्र में आर्थिक तरक्की छू तक नहीं पायी है। न कपड़ा ना रोटी, ना घर ना रोजगार। उनका फटे हाल जीवन भाजपा सरकार की नीतियों का नंगा सच है। इसी न्यू इण्डिया की बात भाजपा कर रही है?
छŸाीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी सरकार की नीतियों में जनता नहीं है। राज्य में लोग घोर गरीबी में फंसे है। बावजूद इसके सरकार एक नया रायपुर शहर बसाने पर तुली हुई है। नक्सलवाद, गरीबी, बेकारी के दुष्चक्र में जनता फंसी हुयी है। विकास के लिये मूलभूत आवष्यकता बिजली है जिसकी राज्य में पर्याप्त आपूर्ति न करके उसे दूसरे राज्यों में बेचा जा रहा हैं। सिंचाई की सुविधा भी खस्ताहाल है। राज्य में सूखे के हालात है। तीन साल में दिल्ली और तेरह साल से भाजपा की राज्य में सरकार के कार्यकाल में जनता का भला नहीं हो पाया। रायपुर में छŸाीसगढ़ के लोग अखिलेश जी की प्रषंसा करते कहते रहे कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसी कोई सड़क छŸाीसगढ़ में क्यों नहीं बन सकती है? राज्य में अब प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त हैं तब राज्य की समृद्धि में बाधा कहां से आ रही हैं उत्तर प्रदेश में श्री अखिलेश यादव ने अपने संसाधनों से जो विकास किया है उससे सभी प्रभावित हैं और वे चाहते हैं उसका अनुकरण छŸाीसगढ़ में भी हो।
तीन नये राज्यों के गठन के बाद छŸाीसगढ़ 17 नवम्बर 2000 में नया राज्य बना। 2.5 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में 90 सदस्यों की विधानसभा है। धान का कटोरा कहे जाने वाले इस राज्य में इन दिनों 80 प्रतिशत फसले सूखे की शिकार हो गई हैं। यहां बस्तर क्षेत्र में जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कुंडागांव, राजनंदगांव नक्सली गतिविधियों के क्षेत्र है। नक्सलियों द्वारा जनपद सुकमा में जीरम घाटी में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री विद्याचरण शुक्ल की 5 वर्ष पूर्व हत्या हुई थी।
महासभा के सम्मेलन में मुख्य अतिथि श्री अखिलेश यादव ने कहा कि दूसरे राज्यों में आने जाने से परस्पर संवाद स्थापित होता है। इसलिए भी छŸाीसगढ़ की यात्रा की हैं कि यहां से राजनीति में भविष्य का इतिहास बनाने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में छŸाीसगढ़ से भी प्रत्याशी उतारेगी। मध्य प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी मजबूती से भाजपा को चुनौंती देगी।
श्री यादव ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को चैपट कर दिया है। जनता को बुलेट टेªन लाने के नाम से गुमराह किया जा रहा है पहले भारतीय रेल तो ठीकठाक हो जाए। आये दिन रेल दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कालाधन विदेश से तो आया नहीं, उल्टे गरीब की छोटी मोटी बचत भी बैंक में जमा हो गई। रूपया काला-सफेद नहीं होता है। लेनदेन काला-सफेद बनता है। उन्होंने कहा कि भले हम बैकवर्ड हैं किन्तु काम में हम फारवर्ड हैं। फारवर्ड वही है जो दूसरों को भी अपने समाज के साथ जोड़कर विकास का व्यापक आधार बनाता है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण में सबके साथ न्याय होना चाहिए। आबादी की संख्या के हिसाब से राजनीति में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। सबको सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने नौजवानों का आवह्ान किया कि हमें साजिश करने वालों से सावधान रहना होगा। लड़ाई बड़ी है, इसे कमजोर मत होने देना। नौजवानों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

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कुलपति को बर्खास्त करते हुए इस घटना में सभी दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाय

Posted on 26 September 2017 by admin

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय(बीएचयू) में फैली अराजकता, छात्राओं पर लाठीचार्ज एवं फायरिंग की घटना के लिए प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय के कुलपति पूरी तरह जिम्मेदार हैं। छात्राओं के साथ हो रहे दुवर््यवहार की शिकायत लगातार कुलपति को मिल रही थी इसके बावजूद भी लापरवाही के चलते तत्काल प्रभावी कदम न उठाने के कारण बीएचयू में इतनी बड़ी घटना घटी। ऐसे में कुलपति को तत्काल बर्खास्त करते हुए आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी छोटी-छोटी बातों का बखान करते हैं, ट्वीट करते हैं, मन की बात करते हैं और जब उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनकी मौजूदगी में विश्व प्रसिद्ध शिक्षा के केन्द्र बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्राओं के साथ इतनी बड़ी अमानवीय घटना घटित हो गयी और वह पूरी तरह संवेदनहीन बने रहे और पूरी तरह चुप्पी साधे रहे। इतना ही नहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री भी उस दिन वाराणसी में मौजूद रहे। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना ने भारतीय जनता पार्टी की बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ, महिला के सम्मान में-भाजपा मैदान में, जैसे कोरे नारों की कलई खोलकर रख दी है।
श्री सिंह ने मांग की है कि विश्व प्रसिद्ध बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्राओं के साथ हुई घटना के जिम्मेदार कुलपति को बर्खास्त करते हुए इस घटना में सभी दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाय एवं छात्र-छात्राओं पर दर्ज फर्जी मुकदमें बिना शर्त वापस लिये जायें।

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संविदाकर्मियों का मनोबल तोड़कर सरकार मनरेगा जैसी महान योजना को भी समाप्त करने का षडयंत्र कर रही है

Posted on 26 September 2017 by admin

लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा सम्मानजनक मानदेय एवं सामाजिक सुरक्षा की मांगों को लेकर पिछले 16 दिन से अपनी जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे मनरेगा में कार्यरत ग्राम रोजगार सेवकों पर जिस प्रकार लाठियां बरसायी गयी हैं और सम्पूर्ण धरना स्थल खाली कराया गया है, यह लोकतंत्र की हत्या है। इस घटना की जितनी भी निन्दा की जाय कम है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री राजबब्बर, सांसद ने कहा कि ग्राम रोजगार सेवकों से मुख्यमंत्री तो क्या विभाग के प्रमुख सचिव ने भी मिलने का समय नहीं दिया। यह घटना प्रदेश सरकार की प्रदेश भर के 17लाख संविदाकर्मियों एवं उनके परिवार के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करता है तथा ग्राम रोजगार सेवकों पर बर्बर लाठीचार्ज इस प्रदेश में जंगलराज तथा लोकतंत्र की शून्यता को परिलक्षित करता है। उन्होने कहा कि संविधान में आम नागरिक को यह अधिकार है कि वह अपने हक की रक्षा के लिए आवाज उठाये। मनरेगा योजना में कार्यरत संविदाकर्मी विशेषकर ग्राम रोजगार सेवक इस येाजना की रीढ़ की हड्डी हैं तथा इनका अल्प मानदेय पिछले एक वर्ष से लम्बित है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ जहां वर्तमान भाजपा सरकार समस्याओं को दूर करने के बजाय दमनात्मक कार्यवाही कर रही है, दूसरी तरफ प्रदेश में मनरेगा मजदूरों का भी लगभग 100 करोड़ रूपये मजदूरी बकाया है। यह मानव संसाधन के शोषण का सबसे जीवन्त उदाहरण है। प्रदेश सरकार के इन्हीं नकारात्मक रवैये से पिछले पांच महीनों में कई संविदाकर्मी आत्महत्या करने पर मजबूर हुए हैं, लेकिन प्रदेश की योगी सरकार गाय, गोबर और रोमियों में ही उलझकर रह गयी है।
श्री राजबब्बर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह स्पष्ट मत है कि इन संविदाकर्मियों का मनोबल तोड़कर सरकार मनरेगा जैसी महान योजना को भी समाप्त करने का षडयंत्र कर रही है, जिसे कांग्रेस पार्टी सफल नहीं होने देगी। कांग्रेस पार्टी आने वाले समय में ग्राम रोजगार सेवक समेत अन्य योजनाओं में कार्यरत संविदाकर्मियों के लिए एक कार्ययोजना तैयार करेगी जिससे इन संविदाकर्मियों का सशक्तिकरण हो और इन्हें न्याय मिल सके।

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राज्य सरकार उ0प्र0 की सभी नदियों की स्वच्छता एवं अविरलता सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध: मुख्यमंत्री

Posted on 26 September 2017 by admin

हमें नदियों को बचाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने होंगे

press-7_r2_c1राज्य सरकार प्रदेश की नदियों को बचाने के लिए सक्रियता से काम कर रही है

गंगा जी तथा उसकी सहायक नदियों के साथ-साथ
अन्य नदियों को बचाने की दिशा में काम किया जा रहा है

भारतीय संस्कृति में नदियों को मां का स्थान प्राप्त है

नदियों की दशा सुधारने के लिए राज्य सरकार द्वारा उनके
किनारों पर बड़ी संख्या में वृक्षारोपण कराया जा रहा है: मुख्यमंत्री

हमारी नदियां हमारी धरोहर हैं और हमारी प्राणदायिनी भी हैं: सद्गुरु

मुख्यमंत्री ने ‘रैली फाॅर रिवर्स’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया
लखनऊ: 26 सितम्बर, 2017

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश की सभी नदियों की स्वच्छता एवं अविरलता सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। विकास की अवैज्ञानिक सोच की वजह से आज नदियों को बचाना एक चुनौती हो गया है। अब समय आ गया है कि हम सब नदियों को बचाने के लिए अभियान स्वरूप काम करें, ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके। उन्होंने कहा कि संगम पर गंगा-यमुना के अलावा तीसरी नदी सरस्वती थी, जो आज विलुप्त हो चुकी है। इसी प्रकार दक्षिण भारत में कावेरी नदी विलुप्त होने की कगार पर है। उत्तर भारत की अनेक नदियां सूखने की कगार पर हैं। इसलिए अब हमें नदियों को बचाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने होंगे और इसमें व्यापक जन सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। press-52
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां ईशा फाउण्डेशन द्वारा आयोजित ‘रैली फाॅर रिवर्स’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने राजधानी लखनऊ की गोमती नदी का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय इसमें 36 नालों का उत्प्रवाह गिर रहा है, जिसके कारण यह अत्यन्त प्रदूषित हो चुकी है। इसी प्रकार कानपुर में गंगा जी का जल भी बहुत प्रदूषित हो चुका है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि हमने इन नदियों, जो हमारा प्रतीक हैं, को महत्व देना बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की नदियों को बचाने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। गोमती नदी को भी बचाने के लिए काम शुरू हो चुका है।
योगी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नदियों को बचाने के उद्देश्य से ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत 20,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। इसके तहत गंगा जी तथा उनकी सहायक नदियों के साथ-साथ अन्य नदियों को बचाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में प्रवेश के उपरान्त विभिन्न शहरों से गुजरने के दौरान गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों के उत्प्रवाह को रोका जाएगा और एस0टी0पी0 निर्मित कर इस दूषित जल को ट्रीट किया जाएगा, ताकि प्रदूषित जल कहीं से भी विसर्जित होकर नदियों तक न पहुंचे।
मुख्यमंत्री जी ने प्रयाग अर्द्धकुम्भ 2019 से पहले गंगा जी की धारा अविरल और निर्मल बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में नदियों को मां का स्थान प्राप्त है। भारतीय जन-जीवन में नदियों के प्रति गहरी आस्था है। वर्ष 1985-86 में लागू किए गंगा एक्शन प्लान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उसमें और ‘नमामि गंगे’ परियोजना में यह फर्क है कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से केन्द्र सरकार द्वारा फण्डेड है, जबकि गंगा एक्शन प्लान में राज्यों की सहमति की आवश्यकता पड़ती थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में अब समान विचारधारा की ही सरकारें हैं। ऐसे में, गंगा जी को स्वच्छ और निर्मल बनाते हुए उसे अविरल करने में कोई समस्या नहीं आएगी। साथ ही, इसकी सहायक नदियों की दशा सुधारने का भी काम किया जाएगा।
योगी जी ने कहा कि नदियों की दशा सुधारने के लिए राज्य सरकार द्वारा उनके किनारे बड़ी संख्या में वृक्षारोपण कराया जा रहा है। गंगा जी के किनारे 01 करोड़ पौधे रोपित किए गए हैं। शासन-प्रशासन तथा जनता ने इसमें सक्रिय योगदान दिया। विगत दिनों प्रदेश में 06 करोड़ पौधों का रोपण किया गया। राज्य सरकार ने इस बात का ध्यान रखा है कि रोपे जाने वाले पौधों में पीपल, पाकड़, आम, नीम के अलावा औषधीय पौधों को लगाया जाए। राज्य सरकार लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित भी कर रही है। उन्होंने कहा कि इको-टूरिज्म के माध्यम से भी हम लोगों को पर्यावरण से जोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने ईशा फाउण्डेशन की ‘रैली फाॅर रिवर्स’ पहल का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की कि यह अभियान भारत में नदियों को बचाने में सफल होगा। उन्होंने इस अभियान के प्रति अपनी शुभकामनाएं भी व्यक्त कीं। press-81
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक सद्गुरु ने कहा कि हमें हर हाल में पृथ्वी की रक्षा करनी होगी, क्योंकि पर्यावरण असंतुलन की स्थिति अब काफी बिगड़ चुकी है। हमारी नदियां हमारी धरोहर हैं और हमारी प्राणदायिनी भी हैं। इसलिए हमें इनकी हर हाल में रक्षा करनी होगी। उन्होंने नदियों की रक्षा के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाने पर जोर देते हुए कहा कि नदियों की रक्षा में जनसहभागिता आवश्यक है। इसके बगैर यह कार्य सम्भव नहीं है। खुशी की बात है कि आज देश की सभी राजनैतिक पार्टियां नदियों को बचाने के प्रयासों के प्रति एकमत हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि गंगा बेसिन आज 44 प्रतिशत कम हो चुका है। यह एक चिंताजनक बात है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे इस अभियान से जुड़कर नदियों की रक्षा में अपना योगदान दें।
इससे पूर्व कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने भी सम्बोधित किया। गोमती नदी के प्रदूषण पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नालों का डायवर्जन करने के साथ-साथ एस0टी0पी0 की स्थापना कर रही है, ताकि गोमती का जल स्वच्छ हो सके। उन्होंने कहा कि गोमती रिवर सिस्टम को बनाए रखने के लिए गोमती तट पर बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया जाएगा।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं तथा गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि ‘रैली फाॅर रिवर्स’ विगत 03 सितम्बर को कोयम्बटूर से शुरू हुई थी और भोपाल से आज यह रैली लखनऊ पहुंची है। लखनऊ से यह रैली जयपुर के लिए प्रस्थान करेगी। इस रैली का समापन 02 अक्टूबर, 2017 को दिल्ली में होगा।

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राज्यपाल से मिले सदगुरू जग्गी वासुदेव

Posted on 26 September 2017 by admin

नदियाँ हमारी जीवन रेखा हैं जिनका संरक्षण करना हमारा दायित्व है - राज्यपाल

dsc_6182उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज राजभवन में सदगुरू जग्गी वासुदेव ने भेंट की। वे कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी भेंट करेंगे तथा उनके साथ कानपुर रोड स्थित अम्बेडकर प्रेक्षागृह में आयोजित एक कार्यक्रम में भी सहभाग करेंगे। सदगुरू नदियों के संरक्षण एवं वृक्षारोपण को लेकर ‘रैली फाॅर रिवर्स’ नाम से नदी अभियान चला रहे है। सदगुरू कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक की यात्रा पर है तथा इससे पूर्व वे अन्य प्रदेशों का भी भ्रमण कर चुके हैं। उनकी यात्रा 3 सितम्बर 2017 को तमिलनाडु के कोयम्बटूर से प्रारम्भ हुई।
राज्यपाल ने अपनी भेंटवार्ता में बताया कि उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने इस वर्ष नदी तट सहित अन्य स्थानों पर वृहद् स्तर पर वृक्षारोपण का शुभारम्भ किया है। नदियों को, विशेषकर गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। नदियाँ हमारी जीवन रेखा हैं जिनका संरक्षण करना हमारा दायित्व है। गिरते जलस्तर का एक कारण वृक्षों का कटान भी है। गंगा नदी का महत्व जीवन से मृत्यु तक का है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को आपस में जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की थी, पर दुर्भाग्य से उस पर ज्यादा काम नहीं हो पाया।
सदगुरू जग्गी वासुदेव ने बताया कि वृक्षारोपण को लेकर विभिन्न प्रदेशों की सरकारों ने दिलचस्पी दिखाई है। वृक्षारोपण को अधिक व्यवहारिक बनाने और जनअभियान से जोड़ने की जरूरत है। विश्वविद्यालय से लेकर प्राथमिक विद्यालय तक के छात्र-छात्राओं को जोड़कर इसको अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें नदियों को बचाने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है।
सदगुरू जग्गी वासुदेव ने राज्यपाल को अपनी दो पुस्तकें भेंट की। राज्यपाल ने भी अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ की अंग्रेजी प्रति उन्हें भेंट में दी।

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छात्रों पर से मुकदमें वापसी तथा संपूर्ण घटना की न्यायिक जांच की मांग

Posted on 26 September 2017 by admin

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उ0प्र0 राज्य
मंत्रि परिषद ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्राओं के ऊपर पुलिस द्वारा
किये गये लाठीचार्ज की घोर निंदा करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय के कुलपति
इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। छेड़खानी के विरूद्ध और अपनी सुरक्षा की
मांगों को लेकर धरने पर बैठी छात्राओं की यह अत्यंत सामान्य मांग थी कि कुलपति
उनके धरने पर जाकर उनसे बात करें। कुलपति की हठवादिता तथा पुलिस के बल पर जबरन
धरनारत छात्राओं का मुंह बंद करने की कोशिश की गयी और स्थिति यहां तक पहुंची
कि छात्राओं पर पुरूष पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उनके छात्रावासों में घुसकर
मारा पीटा। यह आंदोलन पूरी तौर पर विश्वविद्यालय की छात्राओं का था और किसी
छात्र संगठन द्वारा प्रेरित नहीं था। कुलपति का यह बयान और हतप्रभ करने वाला
है कि आंदोलन में बाहरी लोगों का हाथ था। अत्यंत छुद्र मानसिकता का परिचय देते
हुए कुलपति ने छात्रा के साथ हुई छेड़खानी को प्रयोजित तक कह दिया। बीएचयू जहां
के कुलपति के पद को मालवीय जी जैसे लोगों ने गौरवान्वित किया है वर्तमान
कुलपति जी0सी0 त्रिपाठी ने उसकी गरिमा को तार-तार कर दिया।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कुलपति को तत्काल हटाने की मांग
करते हुए छात्राओं की मुक्कमल सुरक्षा व्यवस्था, छात्रों पर से मुकदमें वापसी
तथा संपूर्ण घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।

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जन सहयोग केन्द्र पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह उपस्थित रहे

Posted on 26 September 2017 by admin

27 सितम्बर को जन सहयोग केन्द्र पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा रहेंगे उपस्थित
123लखनऊ 26 सितम्बर 2017, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर जनसमस्याओं का निराकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह ने किया। जन सहयोग केन्द्र पर 183 समस्याओं का शिकायती पत्र आया जिसमें लगभग 110 समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया गया।
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह जी ने दोपहर 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक जनसमस्याओं का निस्तारण किया। जन सुनवाई में मा0 मंत्री जी के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष जसवन्त सैनी एंव प्रदेश मंत्री कौशलेन्द्र जनसमस्याओं के निराकरण में मौजूद रहे।
इस अवसर पर पत्रकारों के सवाल का जबाव देते हुए श्री सिंह ने कहा कि जन सहयोग केन्द्र पर प्रत्येक दिन सरकार का कोई न कोई मंत्री उपस्थित रहता है। वह जनता की समस्याओं का निराकरण तुरंत करने का प्रयास करता है। इसके तहत आज लगभग 183 लोगों ने विभिन्न तरह की समस्याओं का जिक्र मा0 मंत्री जी के समक्ष प्रस्तुत किया।
मा0 मंत्री जी ने कहा कि भाजपा एक विचार व मिशन के लिए काम करती है। उस दिशा में पार्टी के कार्यकर्ता अनवरत रूप से लगे है। सरकार गांव, गरीब, किसान की खुशहाली के लिए प्रयत्नशील है इसके लिए तमाम तरह के लोक कल्याणकारी कार्यक्रम चलाये जा रहे है। जिसका लाभ आम जनमानस उठा रहा है। श्री सिंह ने पत्रकारों सवालों के जबाब में कहा कि रचनात्मक कार्यो से मानसिक व शरीरिक विकास होता है। जिससे लोगों के सवंर्गीण विकास के साथ-साथ समाज का भी स्वस्थ्य विकास होता है। इस तरह के कार्यक्रमों से दबी हुई प्रतिभाओं की प्रतिभा का प्रदर्शन होता है। जिससे वह आगे चलकर समाज के लिए हितकारी होते है।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर कल दिनांक 27 सितम्बर को सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजे राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए उपस्थित रहेंगे। साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष बाबूराम निषाद एवं प्रदेश मंत्री शंकर गिरि एवं कार्यालय सहायक आनंद पाण्डेय भी उपस्थित रहेंगे।

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पहले गांव गांव बिजली पहुंचाई, अब सौभाग्य से जगमगाएंगे करोड़ों गरीबों और वंचितों के घर, विकास में पीछे छूटे लोगों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं प्रधानमंत्री - शलभ मणि त्रिपाठी

Posted on 26 September 2017 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि महात्मा गांधी, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरूषों के रास्ते पर चलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपना जीवन भी गरीबों, पिछड़ों और वंचितों को समर्पित कर दिया है। सौभाग्य योजना इसी का उदाहरण है। इस योजना के से देश के उन करीब चार करोड़ घरों में पहली बार बिजली पहुंचेगी जो आजादी के इतने सालों बाद भी नहीं जानते थे कि बिजली की जगमगाहट कैसी होती है। इन घरों में आज भी लोग मोमबत्तियों, लालटेन और ढिबरी के सहारे जिंदगी काटते आए हैं। प्रधानमंत्री जी की अगुवाई में केंद्र सरकार आजादी के सत्तर साल बाद इन घरों में बिजली के कनेक्शन पहुंचाएगी, वह भी मुफ्त में। समाज के आखिरी व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का सपना देखने वाले महान संत पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर देश को इससे बेहतर तोहफा कुछ और नहीं हो सकता। प्रधामनंत्री जी इसके लिए साधुवाद के पात्र हैं।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जिस सौभाग्य योजना की शुरूआत की है उससे न्यू इंडिया का सपना पूरा होगा। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा उन गरीब और वंचित परिवारों को मिलेगा जिनके लिए बिजली हमेशा से एक सपना रही है। आजादी के इतने सालों बाद भी इन परिवारों को नहीं पता था कि बिजली क्या होती है। पर प्रधानमंत्री जी ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ऐसे चार करोड़ घरों को चिन्हित किया है जहां आज भी बिजली नहीं आती। अब कोई भी घर बिजली के बगैर नहीं रहेगा और केंद्र सरकार हर परिवार तक बिजली पहुंचाएगी। श्री त्रिपाठी ने कहा कि ये वो परिवार हैं जो विकास की दौड़ में कहीं पीछे छूट गए। बिजली मिलने से उनकी सामाजिक तरक्की के साथ ही साथ आर्थिक तरक्की भी होगी। बिजली मिलने से रोजगार और संचार के बेहतर अवसर भी पैदा होंगे। इन परिवारों के बच्चों की शिक्षा और उनके विकास का भी रास्ता प्रशस्त होगा।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि इससे पूर्व प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की अगुवाई में ही केंद्र सरकार ने उन गांवों और मजरों तक बिजली पहुंचाने का काम किया था जहां आज तक बिजली नहीं पहुंची थी। पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत गांव गांव और मजरों मजरों तक बिजली पहुंचाई गई। इस योजना से उन लाखों गांवों और मजरों को फायदा पहुंचा जो आजादी के बाद से बिजली की सुविधा से छूटे हुए थे। इस योजना के तहत गांव गांव तक बिजली के खंभे और तार दौड़ाए गए। अकेले यूपी में करीब 26 हजार गांवों को इस योजना का सीधा फायदा मिला। अब सौभाग्य योजना उन चार करोड़ परिवारों के लिए सौभाग्य की वजह बनेगी। आम जनता और गरीब परिवारों के लिए प्रतिबद्धता के लिए प्रधानमंत्री जी बधाई के पात्र हैं।

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प्रवास कार्यक्रम - भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय

Posted on 26 September 2017 by admin

लखनऊ 26 सितम्बर 2017, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद डा0 महेन्द्रनाथ पाण्डेय कल 27 सितम्बर को लखनऊ में रहेंगे। प्रदेश अध्यक्ष प्रातः 7.30 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचंेग तथा 10 बजे प्रदेश कार्यालय रहेंगे। यह जानकारी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने दी।

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