नदियाँ हमारी जीवन रेखा हैं जिनका संरक्षण करना हमारा दायित्व है - राज्यपाल
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज राजभवन में सदगुरू जग्गी वासुदेव ने भेंट की। वे कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी भेंट करेंगे तथा उनके साथ कानपुर रोड स्थित अम्बेडकर प्रेक्षागृह में आयोजित एक कार्यक्रम में भी सहभाग करेंगे। सदगुरू नदियों के संरक्षण एवं वृक्षारोपण को लेकर ‘रैली फाॅर रिवर्स’ नाम से नदी अभियान चला रहे है। सदगुरू कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक की यात्रा पर है तथा इससे पूर्व वे अन्य प्रदेशों का भी भ्रमण कर चुके हैं। उनकी यात्रा 3 सितम्बर 2017 को तमिलनाडु के कोयम्बटूर से प्रारम्भ हुई।
राज्यपाल ने अपनी भेंटवार्ता में बताया कि उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने इस वर्ष नदी तट सहित अन्य स्थानों पर वृहद् स्तर पर वृक्षारोपण का शुभारम्भ किया है। नदियों को, विशेषकर गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। नदियाँ हमारी जीवन रेखा हैं जिनका संरक्षण करना हमारा दायित्व है। गिरते जलस्तर का एक कारण वृक्षों का कटान भी है। गंगा नदी का महत्व जीवन से मृत्यु तक का है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को आपस में जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की थी, पर दुर्भाग्य से उस पर ज्यादा काम नहीं हो पाया।
सदगुरू जग्गी वासुदेव ने बताया कि वृक्षारोपण को लेकर विभिन्न प्रदेशों की सरकारों ने दिलचस्पी दिखाई है। वृक्षारोपण को अधिक व्यवहारिक बनाने और जनअभियान से जोड़ने की जरूरत है। विश्वविद्यालय से लेकर प्राथमिक विद्यालय तक के छात्र-छात्राओं को जोड़कर इसको अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें नदियों को बचाने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है।
सदगुरू जग्गी वासुदेव ने राज्यपाल को अपनी दो पुस्तकें भेंट की। राज्यपाल ने भी अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ की अंग्रेजी प्रति उन्हें भेंट में दी।