Archive | September 22nd, 2017

राश्ट्रवाद देष की अखंडता के लिए जरूरी

Posted on 22 September 2017 by admin

आचार्य नरेंद्रदेव पुस्तकालय में दीनदयाल उपाध्याय जन्मषती का आयोजन
लखनऊ, 21 सितम्बर, 2017। आचार्य नरेंद्रदेव पुस्तकालय, लखनऊ के तत्वावधान में ‘दीनदयाल उपाध्याय जन्म षताब्दी वर्श’ के उपलक्ष्य में आज पुस्तकालय भवन में सभा का आयोजन किया गया,जिसमें वक्ताओं ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय युगपुरुश थे तथा उन्होंने राश्ट्रवाद को किसी भी देष की अखंडता एवं एकता के लिए अनिवार्य बताया।
सभा की अध्यक्षता करते हुए पत्रकार ष्याम कुमार ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय प्रकांड विद्वान एवं ईमानदारी की मिसाल ही नहीं थे, बल्कि उन्होंने एकात्म मानववाद के रूप में देष के सामने ऐसा दर्षन प्रस्तुत किया, जिसका अनुसरण करने से ही देष का वास्तविक कल्याण हो सकता है। उनका ‘एकात्म मानववाद’ महात्मा गांधी के ‘ग्राम स्वराज’ की भांति आम जनता से जुड़ा हुआ विचार था। अंत्योदय को एकात्म मानववाद का व्यवहारिक रूप माना जाना चाहिए, जिसका लक्ष्य अंतिम पायदान पर खड़े हुए गरीब व्यक्ति का कल्याण करना है। दीन दयाल उपाध्याय ने हिंदुत्व को संकुचित दायरे से निकालकर व्यापक रूप प्रदान किया, जिसमें हर धर्म के देषभक्त लोगों का समावेष है।
इस अवसर पर विजय प्रताप सिंह, सालिगराम, संतोश कुमार, रिशभ सिंह, षिव कुमार यादव, मेधा श्रीवास्तव, मुहम्मद हनीब, सलमान आदि वक्ताओं ने भी अपने भाशण में दीन दयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की सराहना की। सभा में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। संचालन आचार्य नरेंद्र देव पुस्तकालय की उप-पुस्तकालयाध्यक्ष ज्योति कुमारी सिंह ने किया।

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