Categorized | Latest news

राज्य सरकार उ0प्र0 की सभी नदियों की स्वच्छता एवं अविरलता सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध: मुख्यमंत्री

Posted on 26 September 2017 by admin

हमें नदियों को बचाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने होंगे

press-7_r2_c1राज्य सरकार प्रदेश की नदियों को बचाने के लिए सक्रियता से काम कर रही है

गंगा जी तथा उसकी सहायक नदियों के साथ-साथ
अन्य नदियों को बचाने की दिशा में काम किया जा रहा है

भारतीय संस्कृति में नदियों को मां का स्थान प्राप्त है

नदियों की दशा सुधारने के लिए राज्य सरकार द्वारा उनके
किनारों पर बड़ी संख्या में वृक्षारोपण कराया जा रहा है: मुख्यमंत्री

हमारी नदियां हमारी धरोहर हैं और हमारी प्राणदायिनी भी हैं: सद्गुरु

मुख्यमंत्री ने ‘रैली फाॅर रिवर्स’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया
लखनऊ: 26 सितम्बर, 2017

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश की सभी नदियों की स्वच्छता एवं अविरलता सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। विकास की अवैज्ञानिक सोच की वजह से आज नदियों को बचाना एक चुनौती हो गया है। अब समय आ गया है कि हम सब नदियों को बचाने के लिए अभियान स्वरूप काम करें, ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके। उन्होंने कहा कि संगम पर गंगा-यमुना के अलावा तीसरी नदी सरस्वती थी, जो आज विलुप्त हो चुकी है। इसी प्रकार दक्षिण भारत में कावेरी नदी विलुप्त होने की कगार पर है। उत्तर भारत की अनेक नदियां सूखने की कगार पर हैं। इसलिए अब हमें नदियों को बचाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने होंगे और इसमें व्यापक जन सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। press-52
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां ईशा फाउण्डेशन द्वारा आयोजित ‘रैली फाॅर रिवर्स’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने राजधानी लखनऊ की गोमती नदी का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय इसमें 36 नालों का उत्प्रवाह गिर रहा है, जिसके कारण यह अत्यन्त प्रदूषित हो चुकी है। इसी प्रकार कानपुर में गंगा जी का जल भी बहुत प्रदूषित हो चुका है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि हमने इन नदियों, जो हमारा प्रतीक हैं, को महत्व देना बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की नदियों को बचाने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। गोमती नदी को भी बचाने के लिए काम शुरू हो चुका है।
योगी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नदियों को बचाने के उद्देश्य से ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत 20,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। इसके तहत गंगा जी तथा उनकी सहायक नदियों के साथ-साथ अन्य नदियों को बचाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में प्रवेश के उपरान्त विभिन्न शहरों से गुजरने के दौरान गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों के उत्प्रवाह को रोका जाएगा और एस0टी0पी0 निर्मित कर इस दूषित जल को ट्रीट किया जाएगा, ताकि प्रदूषित जल कहीं से भी विसर्जित होकर नदियों तक न पहुंचे।
मुख्यमंत्री जी ने प्रयाग अर्द्धकुम्भ 2019 से पहले गंगा जी की धारा अविरल और निर्मल बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में नदियों को मां का स्थान प्राप्त है। भारतीय जन-जीवन में नदियों के प्रति गहरी आस्था है। वर्ष 1985-86 में लागू किए गंगा एक्शन प्लान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उसमें और ‘नमामि गंगे’ परियोजना में यह फर्क है कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से केन्द्र सरकार द्वारा फण्डेड है, जबकि गंगा एक्शन प्लान में राज्यों की सहमति की आवश्यकता पड़ती थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में अब समान विचारधारा की ही सरकारें हैं। ऐसे में, गंगा जी को स्वच्छ और निर्मल बनाते हुए उसे अविरल करने में कोई समस्या नहीं आएगी। साथ ही, इसकी सहायक नदियों की दशा सुधारने का भी काम किया जाएगा।
योगी जी ने कहा कि नदियों की दशा सुधारने के लिए राज्य सरकार द्वारा उनके किनारे बड़ी संख्या में वृक्षारोपण कराया जा रहा है। गंगा जी के किनारे 01 करोड़ पौधे रोपित किए गए हैं। शासन-प्रशासन तथा जनता ने इसमें सक्रिय योगदान दिया। विगत दिनों प्रदेश में 06 करोड़ पौधों का रोपण किया गया। राज्य सरकार ने इस बात का ध्यान रखा है कि रोपे जाने वाले पौधों में पीपल, पाकड़, आम, नीम के अलावा औषधीय पौधों को लगाया जाए। राज्य सरकार लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित भी कर रही है। उन्होंने कहा कि इको-टूरिज्म के माध्यम से भी हम लोगों को पर्यावरण से जोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने ईशा फाउण्डेशन की ‘रैली फाॅर रिवर्स’ पहल का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की कि यह अभियान भारत में नदियों को बचाने में सफल होगा। उन्होंने इस अभियान के प्रति अपनी शुभकामनाएं भी व्यक्त कीं। press-81
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक सद्गुरु ने कहा कि हमें हर हाल में पृथ्वी की रक्षा करनी होगी, क्योंकि पर्यावरण असंतुलन की स्थिति अब काफी बिगड़ चुकी है। हमारी नदियां हमारी धरोहर हैं और हमारी प्राणदायिनी भी हैं। इसलिए हमें इनकी हर हाल में रक्षा करनी होगी। उन्होंने नदियों की रक्षा के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाने पर जोर देते हुए कहा कि नदियों की रक्षा में जनसहभागिता आवश्यक है। इसके बगैर यह कार्य सम्भव नहीं है। खुशी की बात है कि आज देश की सभी राजनैतिक पार्टियां नदियों को बचाने के प्रयासों के प्रति एकमत हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि गंगा बेसिन आज 44 प्रतिशत कम हो चुका है। यह एक चिंताजनक बात है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे इस अभियान से जुड़कर नदियों की रक्षा में अपना योगदान दें।
इससे पूर्व कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने भी सम्बोधित किया। गोमती नदी के प्रदूषण पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नालों का डायवर्जन करने के साथ-साथ एस0टी0पी0 की स्थापना कर रही है, ताकि गोमती का जल स्वच्छ हो सके। उन्होंने कहा कि गोमती रिवर सिस्टम को बनाए रखने के लिए गोमती तट पर बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया जाएगा।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं तथा गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि ‘रैली फाॅर रिवर्स’ विगत 03 सितम्बर को कोयम्बटूर से शुरू हुई थी और भोपाल से आज यह रैली लखनऊ पहुंची है। लखनऊ से यह रैली जयपुर के लिए प्रस्थान करेगी। इस रैली का समापन 02 अक्टूबर, 2017 को दिल्ली में होगा।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in