लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा सम्मानजनक मानदेय एवं सामाजिक सुरक्षा की मांगों को लेकर पिछले 16 दिन से अपनी जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे मनरेगा में कार्यरत ग्राम रोजगार सेवकों पर जिस प्रकार लाठियां बरसायी गयी हैं और सम्पूर्ण धरना स्थल खाली कराया गया है, यह लोकतंत्र की हत्या है। इस घटना की जितनी भी निन्दा की जाय कम है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री राजबब्बर, सांसद ने कहा कि ग्राम रोजगार सेवकों से मुख्यमंत्री तो क्या विभाग के प्रमुख सचिव ने भी मिलने का समय नहीं दिया। यह घटना प्रदेश सरकार की प्रदेश भर के 17लाख संविदाकर्मियों एवं उनके परिवार के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करता है तथा ग्राम रोजगार सेवकों पर बर्बर लाठीचार्ज इस प्रदेश में जंगलराज तथा लोकतंत्र की शून्यता को परिलक्षित करता है। उन्होने कहा कि संविधान में आम नागरिक को यह अधिकार है कि वह अपने हक की रक्षा के लिए आवाज उठाये। मनरेगा योजना में कार्यरत संविदाकर्मी विशेषकर ग्राम रोजगार सेवक इस येाजना की रीढ़ की हड्डी हैं तथा इनका अल्प मानदेय पिछले एक वर्ष से लम्बित है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ जहां वर्तमान भाजपा सरकार समस्याओं को दूर करने के बजाय दमनात्मक कार्यवाही कर रही है, दूसरी तरफ प्रदेश में मनरेगा मजदूरों का भी लगभग 100 करोड़ रूपये मजदूरी बकाया है। यह मानव संसाधन के शोषण का सबसे जीवन्त उदाहरण है। प्रदेश सरकार के इन्हीं नकारात्मक रवैये से पिछले पांच महीनों में कई संविदाकर्मी आत्महत्या करने पर मजबूर हुए हैं, लेकिन प्रदेश की योगी सरकार गाय, गोबर और रोमियों में ही उलझकर रह गयी है।
श्री राजबब्बर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह स्पष्ट मत है कि इन संविदाकर्मियों का मनोबल तोड़कर सरकार मनरेगा जैसी महान योजना को भी समाप्त करने का षडयंत्र कर रही है, जिसे कांग्रेस पार्टी सफल नहीं होने देगी। कांग्रेस पार्टी आने वाले समय में ग्राम रोजगार सेवक समेत अन्य योजनाओं में कार्यरत संविदाकर्मियों के लिए एक कार्ययोजना तैयार करेगी जिससे इन संविदाकर्मियों का सशक्तिकरण हो और इन्हें न्याय मिल सके।