‘‘भारत का कौन खिवैया, अखिलेश भैय्या, अखिलेश भैय्या‘‘ के नारे हर तरफ सुनाई पड़ रहे थे। रायपुर में स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से यह गूंज जो शुरू हुई तो श्री अग्रसेन धाम, रायपुर में युवा यादव महासभा के सम्मेलन स्थल तक उसके स्वर मंद नहीं पड़े। मौका था 24 सितम्बर 2017 का जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव छŸाीसगढ़ पधारे थे। उनके स्वागत में भिलाई के मेयर श्री देवेन्द्र यादव भी आए थे। एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक लगभग 10 किलोमीटर के रास्ते में लोग कतारबद्ध खड़े थे उनमें महिलाएं, बच्चे और नौजवान बड़ी संख्या में थे। अखिलेश जी पर लोग फूल बरसा रहे थे और उनके जिन्दाबाद के नारे भी लगा रहे थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अखिलेश जी की सुरक्षा की चुस्तदुरूस्त व्यवस्था की गई थी।
लखनऊ से रायपुर की यात्रा में श्री अखिलेश यादव के साथ वायुयान में हिंदी संस्थान उ0प्र0 के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री उदय प्रताप सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री राजेंद्र चौधरी भी थे। परस्पर चर्चा में साहित्य, संस्कृति से लेकर राजनैतिक मुद्दों पर खुलकर चर्चाएं हुई। श्री यादव को छŸाीसगढ़ के किसानों की चिंता खासतौर पर सता रही थी। उनका मानना है कि किसान की खुशहाली से ही देश-प्रदेश खुशहाल बनेंगे। उनका कहना था कि सरकारी योजनाओं में प्राथमिकताएं तय होती है। इस संबंध में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। छŸाीसगढ़ में खनिज और वन सम्पदा प्रचुर मात्रा में है तो फिर उसके आर्थिक विकास में गतिरोध क्यों हो रहा है? प्राथमिकता निर्धारित नहीं है, इससे विकास विकेन्द्रित नहीं है।
श्री यादव का कहना था कि आर्थिक नीति के केन्द्र में किसान होना चाहिए। जब तक बेकारी दूर नहीं होगी तब तक गरीबी नहीं मिट सकती हैं। उन्होंने कहा सामाजिक सद्भाव से ही समाज स्वस्थ रह सकता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों की रक्षा हर स्थिति में होनी चाहिए।
वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन के आदर्शो का भी जिक्र आया और नैतिक मूल्यों के ह्नास पर विशेष चिंता जताई गई। यह बात सामने आई कि विचारपरक राजनीति को ताकत मिले बिना लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होती जाएगी। सरकारों की जिम्मेदारी है कि भारतीय संविधान का ईमानदारी से पालन हो और समाज के कमजोर से कमजोर व्यक्ति को यह विश्वास हो कि उसकी गरिमा कायम है।
बस्तर के आदिवासियों द्वारा बड़ी संख्या में रायपुर में आकर परम्परागत तरीके से श्री अखिलेश यादव का स्वागत किया गया। आदिवासी क्षेत्र में आर्थिक तरक्की छू तक नहीं पायी है। न कपड़ा ना रोटी, ना घर ना रोजगार। उनका फटे हाल जीवन भाजपा सरकार की नीतियों का नंगा सच है। इसी न्यू इण्डिया की बात भाजपा कर रही है?
छŸाीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी सरकार की नीतियों में जनता नहीं है। राज्य में लोग घोर गरीबी में फंसे है। बावजूद इसके सरकार एक नया रायपुर शहर बसाने पर तुली हुई है। नक्सलवाद, गरीबी, बेकारी के दुष्चक्र में जनता फंसी हुयी है। विकास के लिये मूलभूत आवष्यकता बिजली है जिसकी राज्य में पर्याप्त आपूर्ति न करके उसे दूसरे राज्यों में बेचा जा रहा हैं। सिंचाई की सुविधा भी खस्ताहाल है। राज्य में सूखे के हालात है। तीन साल में दिल्ली और तेरह साल से भाजपा की राज्य में सरकार के कार्यकाल में जनता का भला नहीं हो पाया। रायपुर में छŸाीसगढ़ के लोग अखिलेश जी की प्रषंसा करते कहते रहे कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसी कोई सड़क छŸाीसगढ़ में क्यों नहीं बन सकती है? राज्य में अब प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त हैं तब राज्य की समृद्धि में बाधा कहां से आ रही हैं उत्तर प्रदेश में श्री अखिलेश यादव ने अपने संसाधनों से जो विकास किया है उससे सभी प्रभावित हैं और वे चाहते हैं उसका अनुकरण छŸाीसगढ़ में भी हो।
तीन नये राज्यों के गठन के बाद छŸाीसगढ़ 17 नवम्बर 2000 में नया राज्य बना। 2.5 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में 90 सदस्यों की विधानसभा है। धान का कटोरा कहे जाने वाले इस राज्य में इन दिनों 80 प्रतिशत फसले सूखे की शिकार हो गई हैं। यहां बस्तर क्षेत्र में जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कुंडागांव, राजनंदगांव नक्सली गतिविधियों के क्षेत्र है। नक्सलियों द्वारा जनपद सुकमा में जीरम घाटी में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री विद्याचरण शुक्ल की 5 वर्ष पूर्व हत्या हुई थी।
महासभा के सम्मेलन में मुख्य अतिथि श्री अखिलेश यादव ने कहा कि दूसरे राज्यों में आने जाने से परस्पर संवाद स्थापित होता है। इसलिए भी छŸाीसगढ़ की यात्रा की हैं कि यहां से राजनीति में भविष्य का इतिहास बनाने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में छŸाीसगढ़ से भी प्रत्याशी उतारेगी। मध्य प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी मजबूती से भाजपा को चुनौंती देगी।
श्री यादव ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को चैपट कर दिया है। जनता को बुलेट टेªन लाने के नाम से गुमराह किया जा रहा है पहले भारतीय रेल तो ठीकठाक हो जाए। आये दिन रेल दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कालाधन विदेश से तो आया नहीं, उल्टे गरीब की छोटी मोटी बचत भी बैंक में जमा हो गई। रूपया काला-सफेद नहीं होता है। लेनदेन काला-सफेद बनता है। उन्होंने कहा कि भले हम बैकवर्ड हैं किन्तु काम में हम फारवर्ड हैं। फारवर्ड वही है जो दूसरों को भी अपने समाज के साथ जोड़कर विकास का व्यापक आधार बनाता है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण में सबके साथ न्याय होना चाहिए। आबादी की संख्या के हिसाब से राजनीति में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। सबको सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने नौजवानों का आवह्ान किया कि हमें साजिश करने वालों से सावधान रहना होगा। लड़ाई बड़ी है, इसे कमजोर मत होने देना। नौजवानों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।