Archive | April 9th, 2015

सिंचाई संघ हजारों कर्मिकों ने घेरा सिंचाई भवन

Posted on 09 April 2015 by admin

एक माह में समस्याएं न निपटने में दी भूख हड़ताल की चेतावनी
सिंचाई विभाग में प्रमुख अभियंता का घेराव एवं प्रदर्शन
बीस सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे सिंचाई संघ ने प्रदेश भर से आए हजारों संवर्ग कर्मिकों के साथ प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष ओर प्रमुख अभियंता याॅत्रिक का घेराव कर ज्ञापन सौपा । धरने की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह तथा संचालन महामंत्री विनोद कुमार पाण्डेय ने की। इस दौरान उक्त नेताओं ने अपने भाषण में कहा कि अगर एक माह के अन्दर समस्याओं का निस्तारण न किया गया तो तीसरे चरण में भूख हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। इस कार्यक्रम में राज्य कम्रचारी संयुक्त परिषद एकीकृत के मनोनीत अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने सम्बोधित करते हुए कहा शासन की अनदेखी से ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। हमें हार नही माननी है। संयुक्त परिषद आपके साथ हर संघर्ष में एक साथ नजर आएगा। धरने को पूर्व अध्यक्ष रामजी अवस्थी ने भी सम्बोधित किया।
धरने को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष अवधेश सिंह ने कहा कि सीचपालों को विनियमति करण होने से पूर्व सेवा जोड़ सभी लाभ दिये जाए। सींचपालों का ग्रेड पे 1900 से 2400,सींच पर्यवेक्षकों का ग्रेड पे 2400 से 2800, पुरानी पेंशन की बहाली की जाए। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में अंशकालीन नलकूप चालकों को 15  जुलाई 88 से नियमित मानते हुए सभी सेवा लाभ दिये जाए। रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती शुरू कराई जाए। इस तरह बीसों मांगों को विस्तार से रखते हुए उन्होंने कहा कि अब आन्दोलन रूकने वाला नही है। इस धरने को  संयुक्त परिषद के नेता भूपेश अवस्थी,ब्रजेश यादव, संजय यादव, इं. बी.के. कुशवाहा, प्रमोद कुमार नेगी, अजीत मिश्रा, शोभनाथ सिंह, योगेश शर्मा दानिश अहमद आदि ने सम्बोधित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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नियुक्ति और कार्मिक विभाग को अलग-अलग किया जाएःपरिषद

Posted on 09 April 2015 by admin

कर्मचारियों के मामले लम्बित होने से भड़की एकीकृत राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषदआन्दोलन को बाध्य न करें सरकार
लखनऊ,8 अप्रैल। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एकीकृत के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की मनमानी और कर्मचारियों की प्रति अनदेखी के चलते निर्णित मामलों का भी निस्तारण नही हो पा रहा हैं। उन्होंन मांग की है कि इन दोनों विभागों को अलग अलग कर दिया जाए ताकि समस्याओं का समय से निस्तारण हो सके। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नही किया गया तो एकीकृत परिषद को आन्दोलन पर विचार करना पड़ेगा। उनहोंने बताया कि लगभग 17 माह पूर्व कर्मचारियों ने मिलकर एक वृहद महाहड़ताल की थी। अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं, छोटी-छोटी समस्या का समाधान नहीं, सहमतियों के बाद आदेष नहीं। अधिकारी द्वारा मुख्य सचिव के कड़े आदेषों को न मानने का शौक बढ़ता जा रहा है। प्रदेष के कुछ षीर्श अधिकारी जैसे दीपक सिंघल प्रमुख सचिव सिंचाई अपने को सरकार का खास बताकर कोई भी नीतिगत प्रस्ताव/सुझाव मानने को तैयार नहीं है।  इसकी परिषद द्वारा षिकायत भी मुख्य सचिव  से की गई, परन्तु वे मुख्य सचिव केे वष में भी नहीं दिखते है।
परिषद के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में श्री तिवारी ने कहा कि शासन में एक विभाग ’’नियुक्ति एवं कार्मिक’’  है इसका एक पार्ट नियुक्ति काफी ताकतवर है तत्काल निर्णय करके आदेष जारी करने वाला है। इसी के तहत जिलाधिकारियों सहित प्रदेष के बड़े प्रषासनिक अधिकारियों के स्थानान्तरण मात्र 2-3 घण्टों में हो जाते है।वही दूसरे पार्ट में ’’कार्मिक’’ की यदि समीक्षा की जाये तो संगठनों से  पूरे प्रदेष में बैठके न होना, लिखित समझौतों का पालन न होना, कार्यवष्त्तियों की समीक्षा कार्यवाही न होना, आदि समस्या वर्षों तक लम्बित रहती है। यही कारण है कि आलोक रंजन की अध्यक्षता में गठित समिति दिसम्बर 2013 के 15 माह व्यतीत हो जाने  तथा उच्च न्यायालय के आदेषों के बाद भी छोटी छोटी समस्याओं का समाधान न हो सका।
उन्होंने कहा कि परिषद की मांग है कि ’’कार्मिक’’ विभाग को कर्मचारियों/अधिकारियों से और अधिक सुदष्ढ़ करते हुये ’’नियुक्ति एवं कार्मिक’’ विभाग से अलग करके स्वयं के अस्तित्व का विभाग बनाया जाये ताकि उसमें समय देते हुये सभी अधिकारियों/कर्मचारियों की समस्याओं की तत्काल समीक्षा करते हुये आदेष जारी कर सके। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव द्वारा भी सहमति व्यक्त की गयी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बतमाया कि     कुछ न्यायांेचित मांगें कार्मिक विभाग ,उ.प्र. शासन के द्वारा लटकायें रहने की प्रवृत्ति के कारण आदेष जारी नहीं किये जा रहें है, जैसे कि एसीपी के प्रत्येक संवर्ग हेतु अगला ग्रेड पे इग्नोर किया जाये।सभी विभागों की लम्बित वेतन विसंगतियाॅ 7वें आयोग के आने के पूर्व दूर की  जाये।केन्द्र के समान राज्य कर्मचारियों को भी समस्त भत्ते दिये जायें।
एस.जी.पी.जी.आई. में प्रदेष के समस्त कर्मचारियों की ’कैषलेस’ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाये।प्रदेष के विभिन्न विभागों में 1991 के पूर्व के वर्कचार्ज/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का विनियमितीकरण अभी तक नहीं हुआ है। शासनादेष के अनुरूप इनका विनियमितीकरण सुनिष्चित किया जाये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की निरंतर बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर फिर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।

Posted on 09 April 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की निरंतर बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर फिर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। भाजपा प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण अपराधियों का दुःसाहस निरंतर बढ़ती जा रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जिस तरह रामपुर में एक महिला द्वारा थाने में तहरीर देने के बावजूद पुलिस की निष्कियता के कारण अपराधियों ने महिला के साथ बलात्कार किया और बदहवासी की हालत में मुरादाबाद में फेंक कर भाग गए। वह प्रदेश के गैर जिम्मेदार पुलिस प्रशासन और ध्वस्त कानून व्यवस्था की हालत बयां करता हैं। कानून व्यवस्था पर सीएम की लाचारगी इससे भी बयां होती है जब सीएम ने कहा क्या कानून व्यवस्था सुधारने के लिए मैं खुद वर्दी पहन लूँ।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पीडि़ता द्वारा 02 अप्रैल को रामपुर के थाना गंज में गैंगरेप किये जाने की धमकी की रिर्पोट दर्ज कराने तथा पुलिस अधीक्षक को मामले की जानकारी देने के बावजूद पुलिस प्रशासन मामले के तरफ पूरी तरह निष्क्रिय बना रहा जिसके कारण पीडि़ता को जो लोग गैंगरेप की धमकी दे रहे थे उन्होंने दुःसाहस पूर्ण ढ़ग से गैंगरेप किया वह पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता व निष्क्रियता का ही परिणाम है। हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा जिस सरकार में स्थानान्तरण उद्योग का रूप ले लेगा कानून व्यवस्था पर नियंत्रण कैसे सम्भव है ?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पीडि़ता को यदि सुरक्षा मुहैया कराई गई होती और धमकी दे रहे लोगों के खिलाफ कार्यवाही हुई होती तो इस तरह की घटना न घटती। हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा पूरे प्रदेश में आये दिन महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध की खबरे भयावह है और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता के कारण यदि अपराध घटित होता है तो यह और भी भयावह है, क्यों कि इससे जहां एक तरफ अपराधियों का मनोबल बढ़ता है वही दूसरी तरफ जनता में अपराधियों की दहसत बढ़ती हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने सरकार से पीडि़ता की शिकायत के बावजूद उसे सुरक्षा उपलब्ध न कराना तथा अपराधियों के खिलाफ शिकायत के बावजूद कदम न उठाना शर्मनाक है और सरकार ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करें।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री यह कह कर कि कानून व्यवस्था ठीक करने के लिए ‘‘क्या मैं स्वयं पुलिस की वर्दी पहन लूं’’ कानून व्यवस्था पर उनका यह बयान लाचारी जाहिर करता है तो दूसरी तरफ सपा सुप्रीमों यह कह चुके है कि यदि वह मुख्यमंत्री होते तो 15 दिनों में प्रदेश की कानून व्यवस्था को ठीक कर देते। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि आखिर सपा सुप्रीमों व प्रदेश के मुखिया प्रदेश के साथ कानून व्यवस्था पर जनता को क्यों धोखा दे रहे है ?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार ने प्रदेश की जनता के साथ कानून व्यवस्था भ्रष्टाचार किसानों तथा बेरोजगारों के मुद्दे पर छल किया है जिसे जनता क्षमा नहीं करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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राज्यपाल से मिले बेल्जियम के राजदूत विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा

Posted on 09 April 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक से आज राजभवन में बेल्जियम के राजदूत, श्री जैन ल्यूक्स ने शिष्टाचारिक भेंट की। इस अवसर पर राजदूत, श्री जैन ल्यूक्स की पत्नी, श्रीमती राका सिंह व राज्यपाल की प्रमुख सचिव, सुश्री जूथिका पाटणकर भी उपस्थित थीं।
राज्यपाल ने अपनी भेंट वार्ता में कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि यूरोपियन संघ में व्यापार के क्षेत्र में बेल्जियम, भारत का दूसरा बड़ा सहभागी हैं। बेल्जियम की अर्थव्यवस्था, विशेषकर हीरे के व्यापार में भारतीय समुदाय का विशेष योगदान है। भारत लगभग 83.2 प्रतिशत कच्चा हीरा बेल्जियम से आयात करता है जिसकी पालिश भारत में होती है। इसी तरह भारत, देश में बने हुए आभूषण एवं जवाहरात जैसे कीमती पत्थर बेल्जियम को निर्यात करता है। भारत और बेल्जियम का पुराना रिश्ता है। शीशे से बने सजावटी उत्पाद जैसे झाड़फानूस आदि, जो भारत में बेल्जियम ग्लास के नाम से मशहूर हैं, आज भी लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर इस क्षेत्र में व्यापार की अच्छी संभावनाएं तलाश सकते हैं।
श्री नाईक ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार ने विदेशी निवेश के संबंध में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है। निवेश के क्षेत्र में बेल्जियम और भारत के बीच एक अच्छा और सौहाद्रपूर्ण वातावरण का निर्माण हो सकता है जो दोनों देश की जनता के हित में होगा। बेल्जियम एवं भारत के बीच सूचना प्रौद्योगिकी, अवस्थापना विकास, निर्माण, नवीनीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, कौशल विकास व अन्य क्षेत्रों में निवेश की अच्छी संभावनाएं हैं। भारत और बेल्जियम में अनेक विख्यात उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थान हैं। बेल्जियम के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में भारत के 600 से 800 तक छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। दोनों देशों के विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लाभ मिल सकता है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि निवेश के माध्यम से दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध और मजबूत होंगे।
बेल्जियम के राजदूत, श्री जैन ल्यूक्स ने राज्यपाल की बातों का समर्थन करते हुए पूरे सहयोग का भरोसा जताया। राज्यपाल ने श्री जैन ल्यूक्स को ऐतिहासिक रूमी गेट का चित्र व राजभवन की काफी टेबल बुक तोहफे के तौर पर भेंट की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2015) का दूसरा दिन पं ख्यात हास्य अभिनेता राजन श्रीवास्तव, मिस इण्डिया रनरअप वर्तिका सिंह व अन्य जानी-मानी हस्तियों की उपस्थिति से गुलजार हुआ बाल फिल्मोत्सव जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का कारगर तरीका है बाल फिल्मोत्सव — डा. दिनेश शर्मा, महापौर,

Posted on 09 April 2015 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में चल रहे सातवें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव
(आई.सी.एफ.एफ.-2015) के दूसरे दिन का आज पं्रख्यात हास्य अभिनेता राजन श्रीवास्तव एवं मिस इण्डिया रनरअप वर्तिका सिंह समेत कई अन्य जानी-मानी हस्तियों की उपस्थिति से गुलजार रहा और लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों से पधारे लगभग 10,000 से अधिक बच्चों ने 80 देशों की शानदार बाल फिल्मों का खूब आनन्द उठाया एवं जीवन मूल्यों की शिक्षा ग्रहण की। बाल फिल्मोत्सव के दूसरे दिन का भव्य उद्घाटन आज प्रातः सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में बड़े ही उल्लासपूर्ण माहौल में हुआ। इस अवसर पर पं्रख्यात हास्य अभिनेता राजन श्रीवास्तव एवं मिस इण्डिया  रनरअप वर्तिका सिंह की उपस्थिति ने बाल फिल्मोत्सव की रौनक में चार चाँद लगा दिये। सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में शैक्षिक फिल्मों से प्रेरणा ग्रहण करने पधारे हजारों छात्रों ने तालियां बजाकर श्री श्रीवास्तव एवं वर्तिका सिंह का भरपूर स्वागत किया। किशोर व युवा छात्रों में इन हस्तियों से मिलने व उनसे हाथ मिलाने का सहज उल्लास देखा जा सकता था। इस अवसर पर श्री राजन श्रीवास्तव ने अपने चिर-परिचत अंदाज में बच्चों का खूब मनोरंजन किया और बच्चों ने भी ‘लकड़ी की काठी’, ‘पापा कहते हैं’ जैसे गीत गाकर उनका खूब साथ दिया। विदित हो कि सी.एम.एस. फिल्म्स डिवीजन द्वारा संयुक्त राष्ट्र सूचना केन्द्र, नई दिल्ली के सहयोग से सातवें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव का आयोजन 7 से 15 अप्रैल तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 80 देशों की बेहतरीन शैक्षिक बाल फिल्में निःशुल्क प्रदर्शित की जा रही हैं।
इससे पहले, बाल फिल्मोत्सव में छात्रों की हौसलाअफजाई करने पधारे लखनऊ के मेयर डा. दिनेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि सी.एम.एस. का यह बाल फिल्मोत्सव अपने आप में अद्वितीय है जहाँ छात्रों को मनोरंजन के साथ ही साथ जीवन मूल्यों की शिक्षा प्राप्त हो रही है। डा. शर्मा ने कहा कि पढ़ने से अच्छा समझना होता है, जीवन व्यवहार की ऐसी बहुत सारी बातें होती हैं जो किताबों से नहीं सीखी जा सकती। बच्चे उन चीजों का ज्यादा याद रख पाते हैं जिसे वे स्वयं देखते हैं, ऐसे में बाल फिल्मों का यह खजाना बच्चों के चारित्रिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सी.एम.एस. को धन्यवाद दिया कि वह बच्चों को स्वस्थ मनोरंजन के साथ साथ उपयुक्त शिक्षा भी दे रहा है।
शिक्षात्मक फिल्मों की कड़ी में आज फिल्मों का प्रदर्शन एनीमेशन बाल फिल्म ‘‘प्रिंसेज मिस्ट्री’’ से हुआ। इसके अलावा मनोरंजन से भरपूर अनेक शिक्षात्मक फिल्में सी.एम.एस. के कानपुर रोड के विभिन्न आॅडिटोरियम में प्रदर्शित हुई, जिनमें द एडवेन्चर आॅफ स्पाइकी, अनलकी बर्ड, ट्विन्स इन बेकरी, मीठी नींद, लिटिल हीरोज, प्रगति, द सर्किल, द सिंगिंग पाॅण्ड, टू घोस्ट्स, बापू के साथ, मैं भी चलना चाहती हूँ, मिस्ट्री आॅफ गिफ्ट, आई एम रघु, एक यात्रा, बीअर्स आॅन द रोड, द स्मेल आॅफ नाइट्स, डांस विद रैट, ड्रीम आॅफ बर्ड, आओ दोस्ती करंें, ड्रीम, प्ले विद मी, ए लाइफ स्टोरी, घर किसका है, गुड एण्ड स्मार्ट, ए मदर, आॅवर वीपन इज आॅवर टंग, द साइलेन्ट हीरोज आदि प्रमुख हैं। इन शिक्षात्मक बाल फिल्मों को देखने एवं इनसे प्रेरणा लेने हेतु भारी संख्या में छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों की गहमागहमी देखने को मिली। खास बात यह है कि इस अन्तर्राष्ट्रीय चिल्ड्रेन्स फिल्म फेस्टिवल के दौरान लखनऊ के गरीब, अनाथ व पिछड़े तबके के बच्चों को भी मुफ्त में फिल्में देखने का मौका मिल रहा है और वे बच्चे जो कि आर्थिक अभाव में स्कूल तक नहीं जा सकते वे भी नैतिक शिक्षा का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। कुल मिलाकर लगभग 10,000 से अधिक बच्चों ने शिक्षात्मक बाल फिल्मों का खूब आनन्द उठाया, जिसमें हार्नर कालेज, आर्मी पब्लिक स्कूल, एस.डी. मान्टेसरी स्कूल, लारेटो कान्वेन्ट, केन्द्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, अवध स्कूल, सेंट जोसेफ इण्टर कालेज, प्ले वे स्कूल, यू.पी. सैनिक स्कूल, जनता जूनियर हाई स्कूल, आशियाना कान्वेन्ट स्कूल, आदि प्रमुख हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में पधारे हास्य अभिनेता श्री राजन श्रीवास्तव व मिस इण्डिया रनरअप वर्तिका सिंह आज अपरान्हः सत्र में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से रूबरू हुए एवं इस भव्य आयोजन पर दिल खोलकर पत्रकारों से चर्चा की। श्री राजन श्रीवास्तव ने कहा कि मेरे लिए अत्यन्त प्रसन्नता की बात है कि मुझे इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में आने का अवसर मिला। बच्चों को प्रेरणा देने वाले इस पुनीत कार्य में जो भी योगदान दे सकें, वह थोड़ा है। उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि अपने अन्दर छिपी प्रतिभा का भरपूर इस्तेमाल करें तो सफलता आपके कदमों में होगी। इस बाल फिल्मोत्सव की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि सचमुच सी.एम.एस. का यह बाल फिल्मोत्सव अपने आप में अनूठा है। इस प्रेरणादायी महोत्सव में पूरे विश्व की एक से बढ़कर एक शिक्षात्मक फिल्में दिखाई जा रही हैं। मिस इण्डिया रनरअप वर्तिका सिंह ने कहा कि मुझे इस बाल फिल्मोत्सव में आकर बहुत अच्छा लग रहा है खासकर इन छोटे-छोटे बच्चों के बीच स्वयं को पाकर मैं अभिभूत हूँ। सी.एम.एस. की बदौलत ही आज मुझे बच्चों के बीच आने का सुअवसर मिला है।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के चेयरमैन व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी, संस्थापक, सी.एम.एस. ने कहा कि इस महोत्सव की सबसे अच्छी बात यह है कि जीवन के जिन नैतिक सिद्वान्तो के बारे में हम बच्चों को पढ़ाते रहे हैं उन्हें बाल फिल्मों के माध्यम से जीवन्त रूप से बच्चों को दिखाना व उससे प्रेरणा देना अनूठा अहसास है। उन्होंने कहा कि यहाँ दिखाई जाने वाली फिल्में खासतौर पर बच्चों के लिए बनाई गई हैं लेकिन फिर भी उनमें माता-पिता, अभिभावकों व शिक्षकों के लिए सीखने को बहुत कुछ है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बच्चों के साथ ही माता-पिता को भी इन फिल्मों से संदेश ग्रहण करना चाहिए। डा. गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. का विश्वास है कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो वर्तमान युग के प्रश्नों के उत्तर दे सके। आज हमारे विद्यालयों के साथ ही माता-पिता को यह प्रश्न विचलित कर रहा है कि घरों में और बच्चों की पढ़ाई के कमरों तक में घुस आयी अश्लीलता की इस महामारी से हम अपने बच्चों को कैसे बचायें? इस प्रश्न का उत्तर ढूढ़ने के लिए ‘चिल्ड्रेन्स फिल्म फेस्टिवल’ की आवश्यकता महसूस की गयी है।
फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर श्री वर्गीस कुरियन ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव सभी के लिए पूर्णतया निःशुल्क है एवं लखनऊ के सभी स्कूलों के बच्चे, युवक, माता-पिता, अभिभावक व शिक्षक ‘प्रथम आगत प्रथम स्वागत’ के आधार पर बाल फिल्में देखने के लिए आमंत्रित हैं। उन्होंने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में रोजाना दो शो आयोजित किये जा रहे हैं जिसमें प्रथम शो प्रातः 9.00 बजे से एवं दूसरा शो दोपहर 12.00 बजे से प्रारम्भ होता है। श्री कुरियन ने कहा कि विश्व शान्ति व विश्व एकता को समर्पित सी.एम.एस. के इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक बाल फिल्मों के माध्यम से छात्रों व युवाओं के नैतिक, चारित्रिक व आध्यात्मिक गुणों को विकसित कर समाज का आदर्श नागरिक बनाना है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने कहा कि सी.एम.एस. सभी संभव माध्यमों से बच्चों के चारित्रिक व नैतिक उत्थान में संलग्न है एवं हमारा प्रयास छात्रों को सर्वांगीण शिक्षा उपलब्ध कराकर समाज का आदर्श नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में बच्चों के चरित्र निर्माण एवं जीवन मूल्यों की शिक्षा देने हेतु यह अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। श्री शर्मा ने बताया कि आई.सी.एफ.एफ.-2015 के तीसरे दिन का उद्घाटन कल 9 अप्रैल, वृहस्पतिवार को प्रातः 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में होगा। भारत में बेल्जियम के राजदूत श्री यान लुइक्सि एवं उनकी पत्नी श्रीमती राका सिंह इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे जबकि फिल्म ‘तारे जमीं पर’ के बाल कलाकार दर्शील सफारी एवं बाल नृत्यांगना अवनीत कौर अपनी उपस्थिति से बाल फिल्मोत्सव की रौनक बढ़ायेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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शिक्षकों को धन्यवाद

Posted on 09 April 2015 by admin

उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवम् प्रवक्ता डा0 महेन्द्र नाथ राय ने मुख्यमंत्री के वादों का स्वागत करते हुए आशा जताई है कि शिक्षकों की समस्त समस्याओं को जल्द ही दूर कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री के साथ समझौता वार्ता जिसमें हाई स्कूल की कापियां के मूल्यांकन की पारिश्रमिक दर 2 रूपये और इण्टरमीडिएट की कापियां के मूल्यांकन की पारिश्रमिक दर 3 रूप्ये बढ़ाने और तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण का अगली बैठक में रखकर उसको विनियमितीकरण कर दिया जायेगा तथा 6 महीने के अंदर वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देने की घोषणा तथा एल0टी0 ग्रेड से प्रोन्नत वेतनमान पाने की स्नातकोत्तर उपाधि की बाध्यता समाप्त  भी कर दी जायेगी एवम् सी0टी0 एल0टी0 ग्रेड की विसंगतियों को दूर किया जायेगा, इनका स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री की सकारात्मक वार्ता से संगठन के उत्साहित ह¨ने की बात कही और यह उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री की इस घोषणा से मांगों को सरकार पूरा करेगी।
शिक्षकों के संघर्ष के लिए समस्त शिक्षक भाइयों को बधाई देते हुए उनका आभार व्यक्त  किया कि उन्होंने पूरी ताकत के साथ उपलब्धियों को अर्जित किया है। लखनऊ के सभी मूल्यांकन केन्द्र®ं पर उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा0 महेन्द्र नाथ राॅय, जिला अध्यक्ष श्री निर्मल श्रीवास्तव जिला मंत्री श्री आर0 एस0 विष्वकर्मा, संयुक्त षिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक तेज नारायण पाण्डेय तेजेष आदि के नेतृत्व में संघ ने द©रा कर के सभी शिक्षक बन्धुओं से अनुरोध किया कि पूरी ताकत से मूल्यांकन कार्य प्रारम्भ कर दें और समय के अन्दर ही कापियों को जांचने का कार्य पूरा करने की कोशिश करें।    उन्होंने शिक्षकों से भी धन्यवाद ज्ञापित किया है कि उन्होंने मूल्यांकन बहिष्कार में संगठन का साथ देते हुए जिस तरह प्रभावी ढंग से अपनी उपलब्धियों को हासिल किया है वह प्रशंसनीय है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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राष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कार प्रदान किए

Posted on 09 April 2015 by admin

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज ;08 अप्रैलए 2015द्ध राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक नागरिक अलंकरण समारोह में पद्म विभूषणए पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मुद्रा बैंक रोजगार चाहने वाले युवाओं से लेकर रोजगार सृजकों तक

Posted on 09 April 2015 by admin

भारत दुनिया के उन सबसे युवा देशों में से है जहां 25 वर्ष से कम लोगों की कुल आबादी 54 प्रतिशत से अधिक है। हमारे युवाओं को इक्क2सवीं शताब्दीग की नौकरियों के लिए शिक्षित और नौकरियों के लायक बनना चाहिए। हमारे यहां काम करने लायक 5 प्रतिशत से भी कम लोगों को औपचारिक कौशल प्रशिक्षण मिलता है जिससे वे नौकरी के लायक बन सकें और नौकरियां कर सकें। भारत की आबादी का करीब 70 प्रतिशत गांवों में रहता है जिसके कारण नौकरी करने लायक इन युवाओं की संख्या  बढ़ रही है।

वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सैव होगा। राज्यों  के नेतृत्वर और केंद्र सरकार के निर्देशन में टीम इंडिया के बारे में प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता में अन्यक उद्देश्यों2 के अलावा युवाओं को शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण देना शामिल है ताकि उन्हेंत रोजगार मिल सके। इस उद्देश्य से स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया कार्यक्रम शुरू किए गए हैं और हमें भी भारत में उद्ममिता की भावना को प्रोत्सााहित करना चाहिए और नए उद्ममों को शुरू करने के लिए सहयोग करना चाहिए तभी हमारी युवा रोजगार ढूंढने वालों से रोजगार सृजक बन सकते हैं।

हालांकि कारपोरेट और व्याावसायिक संस्थागओं की भी भूमिका हैए अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा इसकी सराहना की जानी चाहिए जिससे अधिक से अधिक संख्याृ में लोगों को रोजगार मिलेगा। कुल मिलाकर 5ण्77 करोड़ लघु व्यािवसायिक इकाईयां हैंए जिनमें से अधिकतर एकल स्वािमित्वक वाली हैं जो लघु निर्माणए ट्रेडिंग या सेवा व्यएवसाय चलाती हैं। इनमें से 62 प्रतिशत का स्वाकमित्वक अनुसूचित जातिध् अनुसूचित जनजातिध्ओबीसी के पास है। निचले स्तनर के कठोर परिश्रम करने वाले उद्यमियों की ऋण तक औपचारिक पहुंच कठिन हो गई है। इस दिशा में हाल के बजट में एक प्रमुख पहल करने की घोषणा की गई है‍जिसका नाम मुद्रा बैंक है।
माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाईनेंस एजेंसी ;मुद्राद्ध बैंक की घोषणा 2015 के बजट में की गई है जिसके लिए 20ए000 करोड़ रुपये का कोष निर्धारित किया गया है और इसमें 3ए000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी राशि की घोषणा की गई है। मु्द्रा बैंक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिए सूक्ष्मक वित्तश संस्था नों का पुनर्वित्तीरयन करेगा। कर्ज देते समय अनुसूचित जातिध्जनजाति उद्ममों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन उपायों से युवाओंए शिक्षित अथवा कौशल प्राप्तन श्रमिकों का आत्म विश्वाीस बढ़ेगा जो पहली पीढ़ी के उद्यमी बनने की आकांक्षा रखते हैंय साथ ही इसमें वर्तमान लघु उद्यमी भी शामिल हैं जो अपनी गतिविधियों का विस्ताीर कर सकेंगे।
केंद्रीय वित्त् मंत्री श्री अरुण जेटली ने अपने 2015.16 के बजट भाषण में कहा कि उनकी सरकार का दृढ़ मत है कि समग्र विकास होना चाहिए़। सरकार का एक वैधानिक अध्याादेश के जरिए मुद्रा बैंक बनाने का प्रस्तासव है। यह बैंक निर्माणए ट्रे‍डिंग और सेवा गतिविधियों में लगे सूक्ष्मदध्लघु व्याावसायिक संस्था ओं को ऋण देने के कार्य में लगे सभी सूक्ष्म  वित्तीलय संस्था नों के नियमन और पुनर्वित्तीध्यन के लिए जिम्मेिदार होगा।
मुद्रा बैंक प्रमुख रूप से निम्नन बातों के लिए जिम्मेादार होगारू.
1द्ध सूक्ष्मरध् लघु संस्था ओं वित्ती य व्यकवसाय के लिए नीति.निर्देश तैयार करना
2द्ध एमएफआई संस्था ओं का पंजीकरण
3द्ध एमएफआई संस्था ओं का नियमन
4द्ध एमएफआई संस्था ओं को मान्यरताध्रेटिंग
5द्ध ऋणग्रस्तंता से बचने और ग्राहक के उचित संरक्षण सिद्धांतों और वसूली के तरीके सुनिश्चित करने के लिए जिम्मे दार वित्ती य व्यिवस्थाू तैयार करना
6द्ध सभी सूक्ष्म ध्लघु उद्यमों को अनुबंध के साथ ऋण
7द्ध ऋण के लिए सही प्रौद्योगिकी समाधान को बढ़ावा
8द्ध सूक्ष्मि उद्यमों को दिए जाने वाले ऋणों के लिए गारंटी प्रदान करने के उद्देश्यक से ऋण गारंटी योजना की व्यिवस्थाम और संचालन करना
9द्ध प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत सूक्ष्मा व्यरवसायों तक ऋण पहुंचाने के लिए संरचना तैयार करना।
ऊपर बताये गए उपायों से न केवल उन लोगों को कर्ज मिल सकेगा जिनकी पहुंच बैंकों तक नहीं है साथ ही अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े अधिकतर सूक्ष्मपध्लघु उद्यमों को निचले स्तएर तक कर्ज वितरित किया जा सकेगा।
इस बैंक के जरिए दलितों और आदिवासी उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी जिससे सामाजिक न्यारय को बढ़ावा मिले। उद्योग में अधिकतर कुशल श्रमिक दलित समुदायों से हैं। उनमें अपनी सूक्ष्मि इकाइयां शुरू करने की संभावना है बशर्तों उन्हें  आसान शर्तों पर कर्ज मिल सके। हालांकि अधिकतर कौशल प्राप्तं हैं और अपने काम की तकनीकी बारीकियों को समझते हैंए लेकिन बहुत कम धन अथवा संपत्ति नहीं होने के कारण उनकी पहुंच वित्तीसय सुविधाओं तक नहीं है। ऐसे में जब अनुसूचित जाति के छात्रों के बीच शिक्षा का प्रसार हो रहा है सूक्ष्मस इकाइयों की पुनर्वित्तीुयन सेवा उनके लिए उत्साेहवर्द्धक हो सकती है।
सरकार के मुद्रा बैंक प्रस्तातव से इन संस्थाेओं के लिए समान नियामक और आचरण संहित स्थारपित हो सकेगी जिससे सभी कर्जदाताओं को जिम्मे दार कर्ज सिद्धान्तआ अपनाने होंगे और बदले में कर्जदारों के फायदा उठाने के मुद्दों से बचा जा सकेगा। यह गैर बैंकिंग वित्तीाय कम्प नियों.सूक्ष्मे वित्तीजय संस्थाैओं और इस क्षेत्र से जुड़े अन्यो उद्यमियों को आर्थिक मदद और नगदी का प्रमुख स्रोत हो सकता है। 3000 करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कोष सूक्ष्मइए लघु और मध्य म उद्यम  क्षेत्र को बढ़ावा दे सकता है। एमएसएमई क्षेत्र ने मुद्रा बैंक की स्थाजपना की सराहना की है। एमएसएमई क्षेत्र के प्रतिनिधियों का मानना है कि यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया तो एनडीए सरकार की पहल से दोहरे अंकों में विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी और हम चीन से भी आगे निकल जाएंगे।
जन.धन से जन सुरक्षा के जरिए वित्तीोय समावेशन
वित्ती य समावेशन सरकार की सर्वोच्चत प्राथमिकताओं में से एक है क्यों कि वित्ती‍य सेवाओं तक बड़ी संख्याय में लोगों की पहुंच नहीं होने के कारण देश के विकास में बाधा पड़ती है। दुनिया में वित्तीखय समावेशन की सबसे बड़ी पहलए प्रधानमंत्री जन.धन योजना के अंतर्गत 26 जनवरीए 2015 तक देश में 7ण्5 करोड़ परिवारों के बैंक खाते खोलने का लक्ष्य  रखा गया था जबकि इससे आगे बढ़ते हुए 17 जनवरीए 2015 तक 11ण्50 करोड़ खाते खुल चुके थे। अब तक खोले गए खातों में 60 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में और 40 प्रतिशत शहरी इलाकों में हैं। महिला खाताधारकों की हिस्सेहदारी करीब 51 प्रतिशत है। रूपे कार्ड 10 करोड़ से ज्याैदा लाभार्थियों को जारी किए जा चुके हैं जिन्हें  योजना के अंतर्गत एक लाख रुपये के व्यडक्तिगत दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा साथ ही पात्र लाभार्थियों के लिए 30ए000 रुपये के जीवन बीमा की भी व्यदवस्थाक है।
इस बात को ध्या न में रखते हुए भारत की आबादी के अधिकांश हिस्सेे के पास स्वाास्य्पा ए दुर्घटना अथवा जीवन बीमा जैसी कोई सुविधा नहीं है। प्रधानमंत्री जन.धन योजना की सफलता से प्रोत्सा हित होकर सरकार सभी भारतीयोंए खासतौर से गरीबों और सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए समान सामाजिक सुरक्षा व्यकवस्थाय कर रही है। जल्दीर ही शुरू की जाने वाली प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत हर वर्ष 12 रुपये का प्रीमियम देकर 2 लाख रुपये का दुर्घटना मृत्युष जोखिम कवर मिलेगा। इसी तरह अटल पेंशन योजना के अंतर्गत एक निश्चित पेंशन दी जाएगी लेकिन यह योगदान और पेंशन की अवधि पर निर्भर करेगा। लोगों को इस योजना में शामिल होने के लिए प्रोत्सापहित करने के उद्देश्यल से सरकार लाभान्वित होने वालों के लिए 50 प्रतिशत योगदान देगी। इसके लिए प्रीमियम की सीमा 5 वर्ष तक हर वर्ष के लिए 1000 रुपये तय की गई है जो नए खाते 2015 से पहले खोले जाएंगे। तीसरी सामाजिक सुरक्षा योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्योैति बीमा योजना है जिसमें स्वालभाविक और दुर्घटना के कारण मृत्युन के लिए जोखिम की राशि 2 लाख रुपये होगी। इसके लिए 18.50 आयु वर्ग के लिए प्रीमियम की राशि हर वर्ष 330 रुपये अथवा प्रतिदिन 1 रुपये से भी कम होगी।
इसके अलावा बजट में पीपीएफ में करीब 3000 करोड़ रुपये और ईपीएफ कोष में पड़ी 6000 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली जमा राशि का उपयोग करते हुए वरिष्ठ़ नागरिक कल्याअण कोष बनाने का भी प्रस्ताेव किया गया है जिसका इस्तेएमाल बुजुर्ग पेंशनरोंए बीपीएल कार्ड धारकोंए लघु और सीमान्ता किसानों और अन्यि कमजोर समूहों के प्रीमियम के लिए आर्थिक सहायता देने के लिए किया जाएगा।
देश में करीब 10ण्5 करोड़ वरिष्ठ‍ नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नई योजना शुरू की गई है जिसके अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वरिष्ठर नागरिकों को विभिन्नय सहायता यंत्रों के लिए सहायता दी जाएगी। इनमें से करीब एक करोड़ वरिष्ठ‍ नागरिक 80 वर्ष से अधिक उम्र मे हैं जिनमें 70 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों से और अधिकतर बीपीएल श्रेणी के हैं।
सामाजिक सुरक्षा की ये योजनाएं सरकार की जन.धन मंच का इस्तेसमाल करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं ताकि कोई भी भारतीय नागरिक बीमारीए दुर्घटना अथवा बुढ़ापे में अभाव को लेकर चिंतित न हो। गरीबोंए सुविधाओं से वंचित लोगों और शोषितों की जरूरतों को लेकर संवेदनशील सरकार अनुसूचित जातिए अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए वर्तमान कल्याणकारी योजनाओं को लेकर प्रतिबद्ध है।
सुकन्या समृद्धि योजना युवा महिलाओं के विवाह और शिक्षा के लिए सहायता प्रदान करेगी।
अल्प्संख्यजक युवाओं के लिए समेकित शिक्षा और आजीविका योजना नई मंजिल इस वर्ष शुरू की जाएगी।
अंत में संस्कृंत में प्रधानमंत्री के इस श्लो्क .सुहास्यम मूलम धर्मए धर्मस्यी मूलम अर्थए अर्थस्य  मूलम राज्यसम. के अनुसार सरकार का दायित्वव है कि आर्थिक गतिविधियों में लोगों को शामिल किया जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव की अनुमति से जनपद

Posted on 09 April 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव की अनुमति से जनपद गाजियाबाद महानगर कार्यकारिणी महानगर अध्यक्ष श्री धर्मवीर ढवास सहित तथा समस्त महानगर प्रकोष्ठो के महानगर अध्यक्ष उनकी महानगर कार्यकारिणी सहित तत्काल प्रभाव से भंग करते हुये महानगर अध्यक्ष पद पर श्री संजय यादव, ए-4/एफ ब्लाक कवीनगर गाजियाबाद को महानगर अध्यक्ष नामित किया है।
जनपद बागपत की जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष श्री ओमकार सिंह यादव तथा समस्त जिला प्रकोष्ठो के जिलाध्यक्ष उनकी जिला कार्यकारिणी सहित तत्काल प्रभाव से भंग करते हुये जिलाध्यक्ष पद पर डा0 सूरज पाल सिंह यादव, देवभूमि नर्सिग होम बालौनी बागपत को जिलाध्यक्ष नामित किया  है।
नवनियुक्त अध्यक्षो से अपेक्षा है कि वह प्रस्तावित कार्यकारिणी प्रकोष्ठो के अध्यक्षो की सूची 10 दिन के अन्दर अनुमोदन हेतु प्रदेश कार्यालय में प्रस्तुत करने का कष्ट करे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि

Posted on 09 April 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि प्रकृति की मार से बेहाल किसान को भी कुछ विपक्षी दल अपनी घटिया राजनीति का मोहरा बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं। संकट की इस घड़ी में जहां विपक्ष को सरकार के साथ रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए थी, वह इस आपदा को और बढ़ाने में लगा है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव स्वयं किसान परिवार से हैं और वे इस विषम स्थिति से निबटने तथा किसानों को भरपूर राहत देने के लिए स्वयं कई कदम उठा रहे हैं।
वे मौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत पहुॅचाने के लिए 300 करोड़ रूपए का अतिरिक्त धन देने का निर्णय लिया है। इससे पूर्व 200 करोड़ रूपए की राशि जारी की जा चुकी है। इस तरह कुल 500 करोड़ रूपए राज्य सरकार आवंटित कर जारी कर चुकी है। इसके अतिरिक्त राहत कार्य के त्वरित वितरण के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे टीआर 27 के तहत 370 करोड़ रूपए आकस्मिक आहरण कर किसानों को प्राथमिकता पर मदद पहुॅचाएं।
किसानों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मुख्य देयों की वसूली स्थगित कर दी है और अन्य मदों में वसूली में किसी भी प्रकार की उत्पीड़न की कार्यवाही में रोक लगाई जा चुकी है। केन्द्र सरकार द्वारा नुकसान के संबंध में दी जानेवाली दैवीय आपदा राहत राशि से दो गुनी अधिक राशि राज्य सरकार अपने संसाधनों से किसानों को उपलब्ध करा रही है। किसी भी किसान की मृत्यु होने पर जिलाधिकारियों को तत्काल मौके पर जाकर तथ्यों को पता लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार से किसानों को हुई भारी क्षति को ध्यान में रखते हुए 25 से 50 प्रतिशत नुकसान वालों को भी सहायता देने और 744 करोड़ रूपए का राहत पैकेज स्वीकृत करने की भी मांग की है। उत्तर प्रदेश से निर्वाचित केन्द्र में भाजपा के एक दर्जन मंत्री और 71 सांसद है इनका फर्ज प्रदेश की जनता के प्रति भी बनता है कि वे केन्द्र सरकार पर दबाव डालकर प्रदेश के किसानों को ज्यादा से ज्यादा मदद दिलाएं।
लेकिन बिडंबना है कि भाजपा के प्रदेशीय नेता उल्टे अनर्गल बयानबाजी करके किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। सरकारी राहत कामों में सहयेाग के बजाय कुछ विपक्षी नेता महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देकर फोटो खिंचाने में ही लगे है। किसान इतना समझदार है कि वह जानता है कि इस विपत्ति में कौन वास्तव में मददगार है और कौन सिर्फ घडि़याली आंसू बहा रहा है। मुख्यमंत्री जी की नेकनीयती पर प्रदेश की जनता को पूर्ण विश्वास है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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