Archive | April 6th, 2015

सरकार को जागने प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कार्मिकांें की दस को रैली बाइस सूत्रीय मांगों के निस्तारण के लिए 25 मार्च से जारी महासंघ का क्रमिक आन्दोल

Posted on 06 April 2015 by admin

प्रदेष के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सरकार की उपेक्षा से नाराज है अपनी 22 सूत्रीय मांग पत्र 25 मार्च से प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ का क्रामिक आन्दोलन जारी है। अब तक सरकार की तरफ से कोई जबाब न आने से नाराज प्रदेश का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 10 अप्रैल को राजधानी प्रान्तीय रैली करेगा। उत्तर प्रदेषीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे और महामंत्री जगदीष सिंह बताया कि चतुर्थ श्रेणी संवर्ग की वर्षों से लम्बित 22 सूत्रीय मांग पत्र पर विस्तार से चर्चा के उपरान्त क्रमिक एवं वृहद आन्दोलन का निर्णय लिया गया था। क्रमिक आन्दोलन के रूप में 25 फरवरी से पूरे प्रदेष में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने काला फीता बाॅधकर विरोध प्रदर्षन किया जा चुका है। 9 मार्च से 20 मार्च तक सभी जिला एवं मण्डल मुख्यालयों पर गेट सभा तथा राजधानी स्तर पर समस्त विभागों के समक्ष आमसभा कर विरोध प्रदर्षन और 23 मार्च को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्षन तथा जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को 22 सूत्रीय ज्ञापन/मांग पत्र भेजा जा चुका है इसके उपरान्त 27 मार्च को मण्डलायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना एवं ज्ञापन दिया गया। इसके पष््चात भी समस्याओं का निदान न होने पर 10 अप्रैल को राजधानी में विषाल प्रदर्षन का निर्णय लिया गया।
बैठक की जानकारी देते हुए कार्यवाहक अध्यक्ष महेन्द्र पाण्डेय ने बताया  कि प्रदेष के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सबसे ज्वलंत समस्या यह है कि वर्शों से इस संवर्ग में भर्ती न करके करके सरकार संविदा प्रणाली को बढ़ावा देकर इस संवर्ग को समाप्त करने का कुचक्र रच रही है। चतुर्थ श्रेणी समूह घ के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती कराई जाए तथा संविदा प्रणाली को समाप्त किया जाए। प्रदेष के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन संषोधन/उच्चीकरण का लाभ बैण्ड एक रुपये 5200-20200 एवं ग्रेड वेतन 1800 वर्ष 2006 काल्पनिक रूप से अनुमन्य कराते हुए वास्तविक लाभ 8 सितम्बर 2010 से दिया गया है इसे केन्द्र सरकार की भाॅति एक जनवरी 2006 से वास्तविक लाभ दिया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एक जनवरी 2006से ग्रेड वेतन 1800 रुपये अनुमन्य होने पर 30 नवम्बर 08 से पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत षासनादेष संख्या वे.आ.-2-627/10-2007-44/2001टी.सी. 21 जून 2007में दी गयी समयमान वेतनमान देने की व्यवस्था के अन्तर्गत एक जनवरी 06 को मूल ग्रेड वेतन 1800 होने पर प्रथम प्रोन्नति वेतनमान/ग्रेड वेतन 1900(इग्नोर कर) अगला वेतनमान/ग्रेड वेतन 2000 एवं द्वितीय प्रोन्नति/ग्रेड वेतन 2400 (इग्नोर कर) को छोडकर 2800 वेतनमान ग्रेड वेतन दिया जाए। एक दिसम्बर 2008 से लागू सुनिष्चित कैरियर प्रोन्नयन (एसीपी) का तृतीय लाभ ग्रेड वेतन 4200 दिया जाए। पंचायती राज विभाग के अधीन कार्यरत सफाईकर्मिकों को ग्राम प्रधानों के नियंत्रण से मुक्त किया जाए। इनके कार्य के धन्टे निर्धारित किए जाए। 29 जुलाई 91 के पष््चात के समस्त विभागों में कार्यरत दैनिक वेतन/वर्कचार्ज कर्मिकों को नियमित कर पेंषन, ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए।वर्दी भत्ते को लेकर किए गए वर्गीकरण को समाप्त करते हुए प्रदेष के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों को वर्दी भत्ता दिया जाए।  बेसिक षिक्षा परिषद द्वारा संचालित पूर्व माध्यमिक परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत स्नातक/परास्नातक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सेवारत प्रषिक्षण दिलाकर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर पदोन्नति दी जाए। इन कर्मचारियों की सेवानियमावली बनाकर पदोन्नति का प्राविधान एवं मृतक आश्रित नियमवली 1974 का लाभ दिया जाए। प्रान्तीय रैली की समीक्षा बैठक में भारत सिंह यादव,जगदीष सिंह, रामसुरेष, रामयष, अमित यादव, दूधनाथ, ऊदल यादव, मायादेवी, नौरिषपाॅल, रामजी तिवारी, सत्यदेव वर्मा, दयाषंकर दीक्षित, सनंत मिश्रा, कृष्ण बहादूर गोकुल तिवारी, ओमप्रकाष, जगन्नाथ सिंह, धंनजंय मौर्या, गणेष यादव, हैदर हसन,षलीमुद्दीन, वरूण, अमृत लाल, रामबदल दुबे, सुनील कुमार जितेन्द्र नाथ, दीनानाथ वर्मा, अंजनी शुक्ला, जय प्रकाष, रामेन्द्र श्रीवास्तव, मालती कष्यप, जीतेन्द्र नेगी, मितुल सोनकर, षिवपूजन, हरिषचन्द्र उपस्थित थे। बैठक में विषेष रूप से आमंत्रित इन्दिरा भवन जवाहर भवन क अध्यक्ष सतीष कुमार पाण्डेय एवं राजकीय वाहन चालक संघ लोनिवि के अध्यक्ष त्रिलोक सिंह ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के आन्दोलन को समर्थन देने की घोषणा की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 05.04.2015

Posted on 06 April 2015 by admin

मीडिया बन्धुओं, आज की यह प्रेस कान्फ्रेेंस खासतौर से उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर और साथ ही केन्द्र में बीजेपी व श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही एन.डी.ए. सरकार के भी लगभग दस महीने पूरे होने पर इनकी अब तक रही ‘‘नीतियों व कार्यकलापों’‘ के सम्बन्ध में अपनी पार्टी की प्रतिक्रिया ज़ाहिर करने के लिए बुलायी गई है और इस सम्बन्ध में सबसे पहले मैं उत्तर प्रदेश के बारे में यह कहना चाहूँगी कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार ने अभी पिछले महीने ही अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे किये हैं और इस मौक़े पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में सपा सरकार के मुखिया ने अपनी घोर ‘‘विफलताओं’’ को छिपाने की कोशिश में एक हवाई दावा यह किया है कि सपा सरकार द्वारा सारी की सारी चुनावी घोषणायें तीन वर्ष में ही पूरी कर ली गयी हैं जबकि इस मामले में हकीकत यह है कि ’’उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के पिछले 3 वर्षों का कार्यकाल हर मामले में व हर स्तर पर बहुत ही ज्यादा खराब, दुःखदायक व कष्टदायक एवं अति चिन्ताजनक’’ रहा है और खासतौर से प्रदेश में अपराध नियन्त्रण एवं कानून-व्यवस्था के मामले में वर्तमान सपा सरकार अपने सभी पुराने रिकार्ड को तोड़ते हुये इस बार इतनी ज्यादा ‘‘लचर सरकार‘‘ साबित हो रही है कि अब यहाँ आम लोगों का विश्वास ‘‘कानून-व्यवस्था एवं इस सरकार‘‘ से काफी हद तक उठ चुका है।
इसके साथ ही, प्रदेश में ‘‘शासन-प्रशासन‘‘ व्यवस्था लगभग यहाँ ध्वस्त हो चुकी है। प्रदेश में हर तरफ सपा के ‘‘गुण्डों, बदमाशों, माफियाओं एवं अराजक व भ्रष्ट‘‘ तत्वों का बोलबाला है। साथ ही यहाँ ‘‘कानून-व्यवस्था व अपराध नियन्त्रण‘‘ के मामले में इस सरकार के मुखिया की ‘‘लाचारी‘‘ इस बात से भी साफ झलकती है कि जब प्रदेश का मुख्यमंत्री यह कहे कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था को ठीक करने के लिए क्या मैं खुद पुलिस की वर्दी पहन लूँ। इस प्रकार से कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश केे मुख्यमंत्री के मुँह से दिया गया यह बयान यहाँ प्रदेश की ‘‘शर्मनाक‘‘ कानून-व्यवस्था की स्थिति को स्वयं दर्शाता है और साथ ही यह बयान सरकार की ‘‘लाचारी‘‘ को भी दर्शाता है, जो कि अत्यन्त ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इतना ही नहीं बल्कि पिछले 3 वर्षों में पूरे प्रदेश में चोरी, डकैती, हत्या, लूटमार, फिरौती, अपहरण, बलात्कार, साम्प्रदायिक दंगे व तनाव आदि की वारदातें भी यहाँ काफी ज्यादा चरमसीमा पर पहुँच चुकी है। इसलिए अधिकांश लोग अब यहाँ इस प्रदेश को उत्तर प्रदेश नहीं बल्कि ‘‘क्राईम प्रदेश‘‘ ही कहने लगे हैं।
इसके साथ-साथ इस सरकार में विकास के कार्य जमीन पर बहुत कम और मीडिया में ही ज्यादा प्रचारित किये जा रहे हैं। इसके अलावा इस सरकार के मुखिया ने अभी तक प्रदेश में ‘‘विकास व जनहित’’ के जिन भी कार्याें के ‘उद्घाटन’ आदि किये है, तो उनमें से ज्यादातर कार्य ‘‘बी.एस.पी.‘‘ की सरकार में ही शुरू कर दिये गये थे। इसी क्रम में नोएडा व गाजियाबाद में ‘‘मेट्रो-ट्रेन’’ चलाने के बाद, राजधानी लखनऊ में भी ‘‘मेट्रो-ट्रेन व मोनो रेल’’ के संचालन हेतु अन्तिम रूपरेखा भी बी.एस.पी. की ही सरकार में तैयार कर दी गयी थी। इसके साथ ही कुछ और भी ऐसे कार्य हैं, जिनकी भी शुरूवात बी.एस.पी. की ही सरकार में की गयी थी। जिनका पूरा ‘‘श्रेय‘‘ अब यह सपा सरकार खुद ही लेने की कोशिश में लगी हुई है। लेकिन प्रदेश की जनता इससे पूरी तरह से वाकिफ है। इतना ही नहीं बल्कि यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि वर्तमान सपा सरकार प्रदेश की आमजनता के ‘‘हित व कल्याण‘‘ पर बराबर ध्यान देने के बजाये, अपना ज़्यादातर ‘‘ध्यान व धन’’ अपने पैतृक गांव सैफई पर ही लगाने की इस गलत परम्परा को अभी तक भी लगातार जारी रखे हुये हैं। इस प्रकार की अनेकों और गलत ‘‘कार्य-प्रणाली‘‘ का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में सभी वर्गों एवं विभिन्न क्षेत्रों में लगे लोग और उसमें भी इस समय सबसे ज्यादा यहाँ ‘‘लाखों गन्ना किसान’’ अभी तक भी, काफी ज्यादा बदहाल व परेशान हैं।
साथ ही प्रदेश में अभी हाल की हुई ‘‘बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि’’ आदि से काफी भयानक तरीके से संकट में फंसे लाखों किसानों की आर्थिक मदद की मांग का भी इस सरकार पर फिलहाल अभी तक भी कोई खास असर नहीं पड़ रहा है। इनके साथ-साथ इस सरकार में खासकर दलित वर्ग के लोगों का और उसमें भी विशेषतौर से सरकारी कर्मचारियों का ‘‘जातिगत व राजनैतिक द्वेष‘‘ की भावना से इनका काफी ज्यादा शोषण किया जा रहा है। और इसी ही मानसिकता के तहत् चलकर अभी हाल ही में इस सरकार ने सिंचाई विभाग के दलित कर्मचारियों को बड़े-पैमाने पर ‘‘रिवर्ट‘‘ ;त्मअमतजद्ध करने का भी फैसला लिया है। जिसकी हमारी पार्टी कड़े शब्दों में निन्दा भी करती है। हालांकि लगभग यही रवैया इस सरकार में अति पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ भी अपनाया जा रहा है। इनके इलावा इस सरकार में ‘‘धार्मिक अल्पसंख्यक‘‘ समाज में से खासकर मुसलमानों व अपरकास्ट समाज में से गरीब लोगों की भी कोई खास अच्छी हालत नहीं रही है। और इन सब कारणों से ही पूरे प्रदेश की आमजनता में हर स्तर पर काफी ज़्यादा निराशा व्याप्त है। जिनकी तरफ से ध्यान हटाने के लिए ही अब यह सपा सरकार ‘‘अधिकांश विज्ञापनों व होर्डिंगों’’ आदि पर करोड़ों रूपये ख़र्च करके, कोरी हवाई, प्रचार-प्रसार का ही सहारा लेने का प्रयास कर रही है। ऐसी स्थिति में अब यहाँ सपा सरकार की ‘‘इमेज’‘ लगातार गिरती जा रही है।
किन्तु इसके बावजूद भी यदि सपा सरकार का यह विश्वास व दावा है कि उसने अपने सभी चुनावी वायदांे को अब पूरा करके दिखा दिया है, तो निश्चय ही इसकी अच्छी फसल काटने के लिए फिर समाजवादी पार्टी को बिना कोई देरी किये हुये तत्काल ही इन्हें विधानसभा भंग करके, व मध्यावधि चुनाव कराकर, यहाँ नया जनादेश प्राप्त कर लेने की घोषणा कर देनी चाहिए। परन्तु हवाई बातें करने वाली यह पार्टी कदापि ऐसा कुछ करने वाली नहीं है।
और अब मैं केन्द्र सरकार की ‘‘नीतियों व कार्य-कलापों’’ के बारे में भी यह कहना चाहूँगी कि केन्द्र में बीजेपी व श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. की सरकार को भी बने हुये  अब ‘‘लगभग दस महीने’’ पूरे हो चुके हैं। और इस अवधि में इन्होंने ‘देश व जनहित’ में किये गये, अपने चुनावी वायदों को निभाने की तरफ बहुत कम और यहाँ ‘‘बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों’’ आदि के हितों को ही साधने की तरफ ज्यादा अपना ध्यान दिया है। इसके साथ ही इन ‘‘दस महीनों’’ के अन्दर इनको ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुँचाने के लिये इस सरकार ने अभी तक अनेकों ‘‘नियम व कानूनों’ में काफी ज्यादा संशोधन भी कर दिये हैं। और खासकर ‘‘भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून’’ इस बात का जीता-जागता उदाहरण है। जिसको लेकर, पूरे देश के ‘‘किसान लोग’’ काफी ज्यादा ‘‘गुस्से‘‘ में हैं व ‘‘आन्दोलित‘‘ भी हैं। इसके साथ ही बी.एस.पी. सहित, लगभग सभी विपक्ष की पार्टियाँ भी, इस ‘‘भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक‘‘ के खुलकर विरोध में हैं। हालांकि इसके विरोध में अभी कुछ दिन पहले ‘‘संसद सत्र’’ के दौरान् ही जब विपक्ष ने मिलकर कांग्रेस पार्टी की ‘‘अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गाँधी’‘ की अगुवाई में माननीय राष्ट्रपति जी से मिलने के लिये एक ‘‘पैदल-मार्च’’ निकालने का कार्यक्रम आयोजित किया था तब उसमें हमारी पार्टी के सांसदों ने अपने पूर्व के कई खराब अनुभवों को ध्यान में रखकर व पार्टी हित में, इस मार्च में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था। और इस सन्दर्भ में, वैसे आप लोगों को भी यह मालूम है कि जब आज से कुछ वर्ष पहले ‘‘श्रीमती सोनिया गाँधी‘‘ मेरे खुद के जन्म-दिन के मौके पर, मुझे जन्म-दिन की बधाई देने के लिये, दिल्ली के बी.एस.पी. केन्द्रीय कार्यालय में पहुँची थी तो तब उसके बाद, इसकी आड़ में खासकर, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लोगों ने, इसका यहाँ कुछ समय के बाद होने वाले विधानसभा के आमचुनाव में बी.एस.पी. के साथ मिलकर, चुनाव लड़ने का जानबूझ कर यह गलत प्रचार करके, फिर इसका राजनैतिक लाभ उठाने का भी पूरा-पूरा प्रयास किया था और इनका यह गलत प्रचार, उस समय तब थमा था, जब हमारी पार्टी के उम्मीदवारों को, सभी सीटों पर पार्टी का चुनाव-चिन्ह आवंटित हो गया था। लेकिन फिर भी उस चुनाव में हमारी पार्टी को इसका काफी कुछ नुकसान हुआ था, जिसे मध्यनजर रखते हुये अब हमारी पार्टी आगे ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहती है जिससे पूर्व की तरह, फिर से हमारी पार्टी को खासकर यहाँ उत्तर प्रदेश में राजनैतिक नुकसान पहुँचे। इसीलिये हमने खासतौर से उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के हित को ध्यान में रखकर इनके इस पैदल मार्च में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारी पार्टी, वर्तमान केन्द्र की सरकार के ‘‘भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक‘‘ के खिलाफ नहीं है, अर्थात हमारी पार्टी इसके पूरेतौर से विरोध में है। जबकि किसानों के हित में मैंने ‘‘दिनांक 19 मार्च’’ को राज्यसभा के अन्दर स्पष्टतौर से यह कहा था कि वर्तमान केन्द्र की भाजपा की एन.डी.ए. सरकार का भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक किसानों के हित में नहीं है बल्किी यह पूर्णरूप से किसान विरोधी है। ऐसी स्थिति में केन्द्र की वर्तमान सरकार को इस संशोधित विधेयक को वापिस लेकर व इसके स्थान पर ‘‘सन् 2013’’ में बने भूमि अधिग्रहण कानून को ही लागू कर देना चाहिये।
हालांकि इसके साथ ही, उसी ही दिन मैंने उत्तर प्रदेश सहित देश के अधिकांश राज्यों में, पिछले कुछ समय से ‘‘बेमौसमी बारिश (बरसात) व ओलावृष्टि’’ आदि की हुई  इस कुदरती मार से पीडि़त किसानों को भी, राज्यों के साथ-साथ केन्द्र की सरकार से भी समय से उन्हें ‘‘उचित मुआवजा’’ देने की भी जबरदस्त गुजारिश की थी। लेकिन अभी तक भी ऐसा नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा आज पूरे देश में, इस सच्चाई से भी कौन इन्कार कर सकता है कि भारतीय जनता पार्टी व श्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा आमचुनाव के दौरान् देश के ‘‘सभी वर्गों व धर्मांे’’ के खासकर गरीब एवं बेरोजगार लोगों के हितों में और साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में लगे लोगों के हितों में भी जो इन्हें किस्म-किस्म के अनेकों ‘‘प्रलोभन-भरे’‘ चुनावी वायदे किये थे उन्हें पूरा करने के मामले में अब यह सरकार अपने लगभग दस महीने के कार्यकाल में हमें कभी भी गम्भीर प्रयास करती हुई नजर नहीं आयी है।बल्किी इसके ठीक विपरीत इस सरकार की ‘‘कार्यशैली व सोच एवं तत्परता‘‘ केवल उन मुठ्ठी भर बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों आदि को ही अधिकांश फ़ायदा पहुँचाने में ही लगी रही है। जिनके ‘‘धन-बल’’ के सहयोग से यह पार्टी केन्द्र की सत्ता में आयी है और अब इस सरकार की निगाह में ‘‘पूँजीपतियों का विकास‘‘ ही देश का विकास है। गरीब जनता चाहे भूखी मरते रहे, किसान चाहे आत्महत्या करते रहें, या हजारों लोग स्वाइन फ्लू जैसे रोग से मरते रहें। या फिर हमारे सैनिक अपने देश की रक्षा के लिये आयेदिन यहाँ सीमाओं पर शहीद होते रहे। किन्तु फिर भी केन्द्र की मौजूदा सरकार इस प्रकार की ‘‘राष्ट्रीय चिन्ताओं‘‘ से अधिकांश हमें मुक्त ही नज़र आती है।
इसके साथ ही वर्तमान केन्द्र की सरकार की कार्यशैली व सोच जनहित के खास मुद्दों व सामाजिक न्याय एवं सामाजिक सुरक्षा जैसे मामलों के प्रति भी अधिकांश ठीक नहीं है और खासकर ‘‘दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्गांे‘‘ को मिलने वाली ‘‘आरक्षण‘‘ की सुविधा को भी इस सरकार में जिस प्रकार से एकदम ‘‘निष्प्रभावी‘‘ बना दिया गया है। उससे यह भी साबित होता है कि यह सरकार अपनी वास्तविक संवैधानिक जिम्मेदारियों से मुँह मोड़कर अब पूँजीपतियों के हाथों में ही खेलती हुई एक लाचार व मजबूर सरकार बन गयी है। इतना ही नहीं बल्कि इन वर्गों के अर्थात् दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के ‘‘सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों‘‘ को आदर-सम्मान देने के मामले में भी मौजूदा केन्द्र की सरकार का भी रवैया अधिकांश हमें जातिगत द्वेष की भावना से ‘‘पक्षपात‘‘ वाला ही नजर आया है। और इस मामले में वैसे आप लोगों को यह मालूम है कि अभी हाल ही में केन्द्र की सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री ‘‘श्री अटल बिहारी वाजपेयी व पण्डित मदन मोहन मालवीय‘‘ को जो ‘‘भारत रत्न‘‘ की उपाधि से सम्मानित किया गया हैे, इसके हमारी पार्टी कतई भी खिलाफ नहीं है अर्थात् इसका हमारी पार्टी स्वागत भी करती है, किन्तु इनके साथ-साथ यहाँ हमारी पार्टी का यह भी कहना है कि बहुजन नायक ‘‘मान्यवर श्री कांशीराम जी व अन्य और हमारे महापुरूषों‘‘ का भी खासकर यहाँ ‘‘सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति‘‘ के लिए, किये गये उनके कार्यों का, कोई कम योगदान नहीं रहा है। लेकिन दुःख की बात यह है कि पूर्व की कांग्रेसी सरकार की तरह ही अब वर्तमान केन्द्र की भाजपा सरकार भी हमारे इन महापुरूषों को ‘‘भारत रत्न‘‘ की उपाधि से सम्मानित करने के मामले में अभी तक भी पूरेतौर से चुप्पी साधे हुये हैं। इससे इनकी इन वर्गों के प्रति आज भी ‘‘हीन व जातिवादी मानसिकता‘‘ साफ झलकती है।
इसके साथ ही देशहित के सबसे बड़े मुद्दे अर्थात ‘‘भ्रष्टाचार के अभिशाप से मुक्ति‘‘ के मामले में भी देश की आमजनता को अब तक केवल ‘‘उपदेश व कोरी बयानबाज़ी‘‘ ही सुनने को मिली है। और इस सम्बन्ध में देश की जनता को ठोस व गम्भीर प्रयास कुछ भी होते हुये अभी तक भी नज़र नहीं आ रहे हंै। इसके अलावा, केन्द्र की वर्तमान सरकार द्वारा अभी हाल ही में पेश किया गया पहला पूर्ण ’’बजट’’ भी यह साबित करता है कि सामाजिक सुरक्षा से सम्बन्धित मामलों में यह सरकार काफी ज्यादा उदासीन है। और इससे जुड़े बजट में इस बार बीस प्रतिशत अर्थात् 2,200 करोड़ रूपयों की कटौती कर दी गयी है, जिससे अब शिक्षा, स्वास्थ्य व महिला उत्थान (सशक्तीकरण) आदि से सम्बन्धित क्षेत्र की कल्याणकारी योजनायें प्रभावित होंगी। और लाखों लोगों को इसका नुकसान भी होगा।    इसके साथ ही इस सरकार द्वारा ’’खाद्यान्न, खाद व पेट्रोलियम पदार्थों’’ आदि पर मिलने वाली रियायत (सब्सिडी-छूट) को भी घटाकर ग़रीब व आमजनता के हितों के खि़लाफ काम किया गया है। जबकि ‘‘धन्नासेठों व कारपोरेट जगत’’ के लाभ के लिये कारपोरेट टैक्स पाँच प्रतिशत घटाकर अब इसे 25 प्रतिशत कर दिया गया है। इस प्रकार केन्द्र सरकार के इस पहले बजट से ही ‘‘पूँजीपतियों व कारपोरेट, जगत‘‘ को हर प्रकार से ख़ुश करने का प्रयास किया गया है। कुल मिलाकर वर्तमान केन्द्र की सरकार का बजट भी, उनकी जनविरोधी गलत सोच को, पक्का करके, गरीबों और अमीरों के बीच की गैर-बराबरी को और ज्यादा बढ़ाने वाला प्रतीत होता है।
जहाँ तक देश के खासकर ‘‘दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्गों‘‘ की स्थिति का मामला है तो इन वर्गों के लोगों के प्रति भी श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार का रवैया प्रारम्भ से ही हर मामले में उन्हें मायूस करने वाला रहा है। और इन दबे-कुचले लोगों के ‘‘हित व कल्याण’’ में कुछ ठोस काम करना तो बहुत दूर की बात है, बल्कि इस सम्बन्ध में कुछ सही व सहानुभूतिपूर्ण बोलना भी यह सरकार उचित नहीं समझती है। और इतना ही नहीं बल्किी राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान् जब हमारी पार्टी ने इन वर्गों के हितों को लेकर राज्यसभा में बोलते हुये केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित कराया तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व इनकी सरकार ने इस मामले में कुछ भी कहना मुनासिब नहीं समझा, इससे इनकी इन वर्गों के प्रति ‘‘हीन व जातिवादी’’ मानसिकता साफ झलकती है। और इसी ही प्रकार जबसे केन्द्र में बीजेपी के नेतृत्व में एन.डी.ए. की सरकार बनी है तबसे लेकर अभी तक भी, पूरे देश में ‘‘धार्मिक-अल्पसंख्यक’’ समाज के लोग और उसमें भी खासकर मुस्लिम व ईसाई समुदाय के लोग, हमें हर मामले में काफी ज्यादा ‘‘दुःखी व असुरक्षित’‘ नजर आते हैं। क्योंकि आयेदिन बीजेपी व इनके सभी हिन्दूवादी संगठन, किसी ना किसी मुद्दे की आड़ में, अक्सर इन पर हमला ही बोलते रहते हैं। साथ ही, देश में साम्प्रदायिक सौहार्द को भी बिगाड़ने का हर सम्भव प्रयास करते रहते हैं जिससे बचने के लिये, पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने और अब सुप्रीम-कोर्ट के एक जज ने भी, श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को इसकी हिदायत दी है। लेकिन दुःख की बात यह है कि, इनका इस सरकार पर, अभी तक भी कोई खास ’’असर’’ होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। यह भी अपने देश के लिए बहुत ही चिन्ता की बात है। और इसके साथ ही इससे इस सरकार के मूलमन्त्र अर्थात् ‘‘सबका साथ, सबका विकास‘‘ की भी हवा निकलती है।
इसके साथ ही, बीजेपी व इनके सहयोगी संगठनों द्वारा अपने विरोधी दलों के नेताओं के ऊपर भी अब आयेदिन ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी की जा रही है जिससे देश में ‘‘कानून-व्यवस्था‘‘ की स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है इसके अलावा लोगांे को ‘‘बेहतर शासन-व्यवस्था व विकास‘‘ के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, देश के बड़े राज्यों ख़ासकर ’उत्तर प्रदेश का विभाजन’ करने व लोगों को सस्ता एवं सुगम न्याय उपलब्ध कराने हेतु ’’पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की एक बेंच’’ स्थापित करने की जनहित से जुड़ी इन जरूरी मांगों पर भी केन्द्र की यह सरकार अभी तक भी कोई कदम नहीं उठा पा रही है।
जहाँ तक देश को खाद्यान्न के मामले में आत्म-निर्भर बनाने वाले ’किसान समाज’ की बात है। तो यह सरकार देश के ‘‘सकल घरेलू उत्पाद’’ अर्थात् जी.डी.पी. में 18 प्रतिशत अंशदान करने वाले किसानों के हितों पर  भी कुठाराघात करती हुई, नजर आती है। साथ ही किसानों की ज़मीन एक प्रकार से उनकी मजऱ्ी के खि़लाफ, उनसे छीनकर बड़े-बड़े पूँजीपतियों को देने की ग़लत नीति अपनाने के मामले में भी यह सरकार हमें एक नया रिकार्ड बनाती हुई प्रतीत होती है। इस प्रकार से हर मामले में व हर स्तर पर ‘‘बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठांे‘‘ को लाभ पहुँचाने के मामले में वर्तमान केन्द्र की यह सरकार कांग्रेस पार्टी की सरकारों से भी चार क़दम आगे निकल जाने का अनुचित प्रयास कर रही है, जिसके खि़लाफ आज अकेले बी.एस.पी. ही नहीं बल्किी पूरा देश खड़ा नज़र आ रहा है, और इन सब कारणों से ही अपने खिसकते हुये जनाधार को देखकर अब इस पार्टी को कर्नाटक स्टेट के बैंगलोर में हुई ‘‘अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी‘‘ की बैठक में भी इन सब मामलों को लेकर ‘‘मंथन‘‘ करने के लिए कुछ हद तक जरूर मजबूर होना पड़ा है। संक्षेप में अब मेरा यही कहना है कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार का पिछले 3 वर्षों का कार्यकाल व केन्द्र की वर्तमान सरकार का भी लगभग 10 महीनों का कार्यकाल ज्यादातर मामलों में ‘‘विफल व निराशाजनक‘‘ ही रहा है।
एक सवाल के जवाब में सुश्री मायावती जी ने कहाकि दलितों का वोट हासिल करने के इरादे से विभिन्न विरोधी पार्टियां हमेशा ही अनेकों प्रकार की नाटकबाजी करती रहती हैं, परन्तु दलित समाज के लोग ना तो पहले कभी इनके बहकावे में आये हैं और नहीं आगे आने वाले हैं, क्यांेकि दलित समाज के लोगों को मालूम है कि उनकी असली हितैषी कौन है और किस पार्टी ने बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के कारवां को मुस्तैदी से आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहाकि भाजपा का ढोंग दलितों को गुमराह नहीं कर सकता है। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी की हवा में भी दलित समाज अपने बी.एसपी. से तिल भर नहीं खिसका और ना केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में मजबूत पत्थर की तरह बी.एस.पी. मूवमेन्ट से जुड़ा रहा है।
उन्होंनें कहाकि दिनांक 6 दिसम्बर सन् 1956 को बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के देहान्त के बाद लम्बे समय तक केन्द्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार रही, जिस दौरान बाबा साहेब को आदर-सम्मान देते हुये ’भारतरत्न’ देने की मांग लगातार की जाती रही, परन्तु कांग्रेस ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद सन् 1977 में गैर-कांग्रेसी सरकार केन्द्र में बनी, जिसके मुख्य घटक में भाजपा (तब जनसंघ) के लोग भी थे। तब भी बाबा साहेब को आदर-सम्मान देने के मामले केन्द्र सरकार का रवैया नकारात्मक बना रहा। अन्ततः सन 1989 में जब श्री वी.पी. सिंह के नेतृत्व में केन्द्र में जनता दल की सरकार बनी तो बी.एस.पी. ने तीन शर्तों के आधार पर उसे अपना बाहर से समर्थन दिया। पहली शर्त भी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को भारतरत्न से सम्मानित करना। दूसरी शर्त थी मण्डल आयोग की सिफारिश को लागू करना व तीसरी शर्त थी श्री आडवाणी की रथयात्रा को उत्तर प्रदेश में आने से पहले रोकना। बी.एस.पी. की इन तीनों शर्तों को श्री वी.पी. सिंह की सरकार ने मान लिया, परन्तु भाजपा ने इनका विरोध किया और अपना समर्थन वापस लेकर श्री वीपी. सिंह की सरकार को गिरा दिया। इसके बाद सन् 1996 से 2004 तक श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्र में भाजपा की सरकार रही। परन्तु इस दौरान भी बार-बार मांग करने के बावजूद भी दिल्ली के अलीपुर रोड स्थित उस मकान को जहाँ बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने आखिरी सांस ली थी, ’’राष्ट्रीय स्मारक’’ घोषित नहीं किया गया और ना ही बाबा साहेब के अनुयायी मान्यवर श्री कांशीराम जी को पहले कांग्रेस व अब भाजपा द्वारा जातिवादी मानसिकता के तहत चलते हुये मरणोपरान्त भी ’’भारतरत्न’’ से सम्मानित किया गया है।
इस प्रकार, खासकर भाजपा द्वारा 14 अप्रैल को बाबा साहेब डा. अम्बेडकर जयन्ती मनाने की घोषणा से दलित समाज के लोग गुमराह होने वाले नहीं हैं। वे जानते है कि कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियां इस प्रकार की नाटकबाजी पहले भी करती रही हैं व साथ ही साथ वे यह भी जानते है कि खासकर उनके मसीहा परमपूज्य डा. भीमराव अम्बेडकर व उनके कारवां को आगे बढ़ाने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी को आदर-सम्मान देने के मामले में कांग्रेस व भाजपा दोनों का ही रवैया हमेशा ही ’’कितना अधिक नकारात्मक व विषैला’’ रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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सी.एम.एस. गोमती नगर आॅडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग युद्ध बंद होंगे तो वह धन शिक्षा पर व्यय होगा– डा. (श्रीमती) भारती गाँधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापिका-निदेशिका, सी.एम.एस.

Posted on 06 April 2015 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर आॅडिटोरियम में आयोजित ‘विश्व एकता सत्संग’ में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं बहाई धर्मानुयायी डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने कहा कि देशों का जितना धन युद्व व शष्त्रों पर खर्च होता है, वही धन यदि शिक्षा, पोषण, गरीबी आदि पर खर्च हो तो दुनिया की तस्वीर ही बदल जायेगी। जब विश्व में एकता व शान्ति का राज कायम होगा तो युद्ध की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी, यही कारण है कि सी.एम.एस. में बच्चों को भौतिक शिक्षा के साथ ही साथ नैतिक एवं सामाजिक शिक्षा का पाठ भी पढ़ाया जाता है क्योंकि यही पीढ़ी आगे चलकर विश्व का नेतृत्व करेगी और दुनिया में शान्ति कायम करेगी। डा. गाँधी ने आगे कहा कि हमारा मानना है कि आध्यात्मिक विचार जीवन के लक्ष्य निर्धारित कर नैतिक जीवन मूल्यों जैसे सत्य, परहित तथा सहानुभूति पर्वूक व्यवहार इत्यादि में वृद्धि करते हैं।
इससे पहले, विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस के प्राइमरी सेक्शन के छात्रों ने शिक्षात्मक-आध्यात्मिक कार्यक्रमों का अनूठा समां बांधा तथापि स्कूल प्रार्थना, सुविचार, प्रार्थना गीत, लघु नाटिका आदि के माध्यम से एकता व शान्ति का संदेश प्रवाहित किया। जहाँ एक ओर प्रार्थना गीत ‘हरि मेरे घर को ये वर दो’ ने वातावरण में आध्यात्मिक आलोक प्रवाहित किया तो वहीं दूसरी ओर सूर्यांश वैभव ने प्रतिज्ञा, सुप्रिया श्रीवास्तव ने सुविचार, रितभ्य सिंह ने सच्चाई तथा अदिति दीक्षित एवं यशवर्धन सिंह ने जर्मन भाषा पर प्रस्तुति देकर उपस्थित जनसमुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के छात्र-छात्राओं शिवांगी सिंह, तमन्ना शाह एवं अंश जिन्दल ने किया। इस अवसर पर उनके शिक्षकगण श्रीमती दुर्गेश सिंह तथा श्री संजय सक्सेना भी उपस्थित थे।
विश्व एकता सत्संग में विभिन्न धर्मानुयाइयों एवं प्रख्यात विद्वजनों ने अपने सारगर्भित विचारों से ईश्वर की महिमा को उजागर किया। सत्संग में बोलते हुए बहाई धर्मानुयायी श्रीमती बी. मोहाजिर ने कहा कि आध्यात्मिक विचार शान्ति के मूल्यों में वृद्धि करते हैं। आध्यात्मिक होने का तात्पर्य है बिना जाति एवं धर्म के भेदभाव के सबसे प्रेमपूर्वक व्यवहार करना। हम सभी आत्मा एवं शरीर से निर्मित है। शरीर मरता है पर आत्मा अजर-अमर है। दूसरों को कष्ट या हानि नहीं पहुंचाना चाहिए। श्री उदय बहादुर सिंह ने कहा कि संसार परमपिता परमात्मा द्वारा निर्मित है। सत्य शाश्वत है तथा ईश्वर ही सत्य है। श्री अजय नाराण सिंह ने कहा कि ईश्वर ही सच्चिदानंद है। कबीर शान्ति मिशन के संयोजक श्री आर के मित्तल, पूर्व आई.ए.एस. ने कहा कि सत्य बोलना, सेवा करना इत्यादि ही मानव जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। इसी प्रकार अन्य वक्ताओं ने भी विचार प्रस्तुत किये। सत्संग के अन्त में सी.एम.एस. की डा. भारती गाँधी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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‘बाल कलारत्न अवार्ड’ सी.एम.एस. छात्राओं को

Posted on 06 April 2015 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, आनन्द नगर कैम्पस की तीन प्रतिभाशाली छात्राओं श्रीजा शुक्ला (कक्षा-3), अंशिका यथार्थ (कक्षा-5) एवं गुरलीन कौर (कक्षा-5) को कलाभारती चाइल्ड आर्ट इन्स्टीट्यूट, औरंगाबाद, महाराष्ट्र के तत्वावधान में आयोजित नेशनल कलरिंग प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन हेतु ‘बाल कलारत्न अवार्ड’ से नवाजा गया है। इस प्रकार सी.एम.एस. की इन मेधावी छात्राओं ने राष्ट्रीय पटल पर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में देश भर के प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभाग किया तथापि सी.एम.एस. आनन्द नगर कैम्पस की इन प्रतिभाशाली छात्राओं ने रंग व ब्रुश के माध्यम से अपनी रचनात्मकता व कलात्मकता का प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता के आयोजकों ने सी.एम.एस. छात्राओं की प्रतिभा की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए प्रशस्ति पत्र व अन्य आकर्षक उपहारों से पुरस्कृत कर सम्मानित किया।
श्री शर्मा ने बताया कि इस प्रकार की रचनात्मक व सृजनात्मक प्रतियोगिताओं के माध्यम से सी.एम.एस. अपने छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा को निखारने एवं उन्हें जीवन में आगे ही आगे बढ़ने हेतु सदैव प्रोत्साहित करता रहता है। सी.एम.एस. का लक्ष्य बच्चों को वल्र्ड लीडर के रूप में तैयार करने वाली शिक्षा उपलब्ध कराना है, ताकि वे कल के विश्वव्यापी समाज का नेतृत्व अपने विकसित मानवीय दृष्टिकोण से कर सके। सी.एम.एस. की इसी अनूठी शिक्षा पद्धति के फलस्वरूप विद्यालय के छात्र राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी पुरस्कार अर्जित कर विद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जनपद फतेहपुर के विकास खण्ड भिठौरा के परियेाजना कार्यों का औचक निरीक्षण करते हुए मुख्य सचिव द्वारा अधिकारियों को निर्देश, विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी

Posted on 06 April 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने जनपद फतेहपुर के विकास खण्ड भिठौरा के परियेाजना कार्यों का औचक निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को आम नागरिकों की समस्याओं को सुनने हेतु कार्यालय में निर्धारित अवधि में उपलब्ध रहने के साथ-साथ आम जनता के मध्य  अवश्य जाना होगा। उन्होंने सड़क निर्माण भिठौरा पम्प कैनाल पानी के बहाव द्वारा हो रहे कटान को रोकने के लिए नाव द्वारा जाकर निरीक्षण कर आवश्यक कार्य तत्काल कराने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि ब्लाक स्तर पर यह सुनिश्चित कराया जाय कि सम्बन्धित अधिकारी आम नागरिकों की समस्याओं के समाधान हेतु अवश्य कार्यालय में उपलब्ध रहें। उन्होंने कहा कि मण्डल एवं जनपद के अधिकारियों को अपने क्षेत्र के विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने एवं आम नागरिकों से फीडबैक लेने हेतु फील्ड में अवश्य जाना होगा। उन्होंने कहा कि शासन  स्तर पर यदि किसी अधिकारी की सप्रमाण शिकायत प्राप्त हुई तो उसे बख्शा नहीं जायेगा।
मुख्य सचिव आज जनपद फतेहपुर में विकास कार्यों का औचक निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन में ओलावृष्टि, अतिवर्षा से हुई फसल के नुकसान के परिपेक्ष्य में किसानों को राहत देने हेतु आवश्यक धनराशि उनके खातों में तत्काल स्थानान्तरित कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को दी जाने वाली राहत राशि को भी मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा दुगुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि आम नागरिक शासकीय योजनाओं से अधिक से अधिक लाभान्वित कराया जाय, जिसके लिए जनपदीय अधिकारियों का दायित्व है कि अपने कार्यों को और बेहतर ढ़ंग से क्रियान्वित कर जनता को योजनाओं से लाभ दिलाने में कोई कसर न छोड़ें।
श्री रंजन ने कहा कि प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी समाजवादी पेंशन योजना से पात्र व्यक्तियों को सीधे उनके खाते में पेंशन धनराशि स्थानान्तरित कराने के लक्ष्य को और बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्तियों को सोलर लाइट युक्त आवास उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनपद फतेहपुर में विद्युत चोरी रोकने के अभियान के तहत 21 करोड़ रूपये राजस्व की वसूली की गई है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि खराब ट्रान्सफार्मर को 72 घन्टे के अन्दर अवश्य बदला दिया जाय। उन्होंने कहा कि गरीब नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा समय से उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराई गई हैं जिसका क्रियान्वयन जनपद स्तर पर पारदर्शिता के साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 102 एवं 108 एम्बुलेन्स स्थल पर समय से अवश्य उपलब्ध हो ताकि पीडि़त व्यक्ति को तत्काल राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि ससुर खदेरी नदी  के अधूरे लगभग 08 किलोमीटर कार्य को तत्काल पूरा कराने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के समय मण्डलायुक्त इलाहाबाद श्री वी0के0 सिंह सहित जनपद के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अब होगी आर-पार की लड़ाई

Posted on 06 April 2015 by admin

उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा संघ (चेतनारायण गुट) के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डाॅ0 महेन्द्र नाथ राय ने सरकार के दण्डात्मक रवैये की भत्र्सना करते हुये कहा है कि तलवार के नीचे किसी प्रकार के समझौते का मंसूबा सरकार न पाले एक तरफ सरकार वार्ता करने के लिए आमंत्रित कर रही  है दूसरी तरफ हमारे षिक्षक नेताओं वित्तविहीन षिक्षक महासभा के प्रधान महासचिव श्री अषोक राठौर उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा संघ (चेतनारायण गुट) के महामंत्री श्री लवकुष कुमार मिश्र वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री देवेन्द्र कुषवाहा सहित 200 से ज्यादा षिक्षकों की उरई में गिरफ्तारी यह सिद्ध करती है कि सरकार प्रदेष में षिक्षकों के अन्दर भय का वातावरण व्याप्त कर हमें समझौतों के लिए बाध्य करना चाहती है। जिस तरह से विगत तीन वर्ष से झूठा आष्वासन देकर हमारे षिक्षकों के साथ छल कर रही है उसी तरीके से दण्डात्मक रवैया और पुलिस बल के भरोसे कापियों का मूल्याकंन कराकर हमारे आन्दोलन को जबरदस्ती कुचलने का मंसूबा पाले हुये है। हम उस मंसूबे को पूरा नहीं होने देगें। हम षिक्षक साथी इस गिरफ्तारी की भत्र्सना करते है तथा हमारे सभी षिक्षक संगठनों के नेता चाहे वह वित्तविहीन महासभा के कार्यवाहक अध्यक्ष और षिक्षक विधायक उमेष द्विवेदी हो या उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा संघ के संरक्षक श्री राजबहादुर सिंह चन्देल हो चाहे वे उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा संघ के अध्यक्ष श्री चेतनारायण सिंह हो यह सारे नेता गिरफ्तारी को बाध्य होंगे तथा उनके साथ ही साथ प्रदेष के लगभग 4लाख षिक्षक अपनी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हो जायेंगे और इस परिस्थिति में सरकार को बहुत बड़ी समस्या का सामाना करना पड़ेगा और यदि ऐसी परिस्थितियों में मूल्याकंन कार्य वाधित होता है और प्रदेष के लाखों छात्रों का भविष्य अधर में पड़ता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी इस अविवेकपूर्ण निर्णय करने वाली सरकार की होगी न कि षिक्षकों की। हम वार्ता के तैयार है बशर्ते सरकार सकारात्मक रवैया अपनाये और अपने बड़प्पन का प्रमाण प्रस्तुत करते हुये सभी षिक्षक नेताओं को गिरफ्तारी से अविलम्ब रिहा करें। और सभी संगठनों के नेताओं को बुलाकर सम्मानजनक वार्ता करते हुये मूल्याकंन बहिष्कार के गतिरोध को समाप्त करें।  अन्यथा यदि मूल्याकंन प्रभावित होता है तो जिम्मेदारी सरकार की होगी। अगर हम प्रदेष के समस्त षिक्षकांे से भी अनुरोध करते है कि षिक्षक नेताओं की गिरफ्तारी की निन्दा प्रस्ताव पारित कर विभिन्न जनपदों में भेजे तथा सरकार से लड़ने और संघर्ष करने के लिए खड़े हों। अब तो मूल्यांकन  बहिष्कार पूरी ताकत से तब तक जारी रहेगा जब तक षिक्षक नेताओं की सम्मानजनक रिहाई नहीं हो जाती। वित्तविहीन षिक्षक महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष एवं षिक्षक विधायक श्री उमेष द्विवेदी ने सरकार को चेतावनी दी है सभी षिक्षकों और नेताओं को अविलम्ब रिहा किया जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं प्रिंट मीडिया सम्मानित संवाददाता से समाचार हेतु कवरेज कराने की कृपा करें।

Posted on 06 April 2015 by admin

दलित अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रदेश सरकार द्वारा पदावनति किए जाने पर आगामी 06 अप्रैल 2015 समय 6.30 बजे रायल होटल चैराहे से हजरतगंज स्थित डा0 बी0आर0 अम्बेडकर की प्रतिमा तक कैण्डिल मार्च निकाला जाएगा।
उक्त की जानकारी देते हुए सामाजिक परिवर्तन मंच के मीडिया प्रभारी विजय कुमार बाजपेयी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा दलित अधिकारियों की पदावनति के विरोध में दिनांक 06 अप्रैल 2015 ‘सामाजिक परिवर्तन मंच’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व मंत्री मा0 दद्दू प्रसाद जी के आवाहन पर जिला इकाई द्वारा कैण्डल मार्च निकाला जाएगा। उक्त कैण्डल मार्च में प्रदेश संयोजक श्री अखिलेश गौतम जी, जिला संयोजक ओम प्रकाश यादव जी, महासचिव दीपक सिंह जी, श्री जगत नारायण, डा0 एस0 दोहरे, रामचन्द्र पटेल, रामशंकर आदित्य, सी0एल0 कुरील, सावित्री दोहरे, मेडिकल की छात्रा मोनिका सिंह, डा0 प्रतिभा सिंह आदि सैकड़ों लोग कैण्डिल मार्च में भाग लेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कुम्भकर्णी नींद से जाग जाये सरकार

Posted on 06 April 2015 by admin

संयुक्त षिक्षक संघर्ष मोर्चा ने आज मुख्यमंत्री को पुनः पत्र भेजकर उनसे षिक्षकों पर लाठी डन्डा न चलवाकर उनकी समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया है वरिष्ठ षिक्षक नेता एवं मोर्चा के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री पीताम्बर भट्ट के अनुसार संगठन के संयोजक एवं समाजवादी विचारक तेज नारायण पाण्डेय तेजेष मुख्य मंत्री को पत्र भेजकर षिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए एजेण्डा लागू करने के लिए कहा है। श्री भट्ट ने बताया कि चुनावी घोषणा-पत्र के प्रथम तीन बिन्दु सेवानिवृत्तिक आयु 65 वर्श करने, तदर्थ षिक्षकों का विनियमितीकरण तथा पुरानी पेंषन योजना लागू करने, में अतिरिक्त कोई व्ययभार नहीं बढ़ेगा। जबकि व्यवसायिक षिक्षकों को पूर्ण षिक्षक का दर्जा देने तथा वितविहीन षिक्षकों का सत्यापन होने के बाद भी मानदेय दिया जाय। श्री
भट्ट ने बताया मायावती सरकार से उबे षिक्षकों ने समाजवादी सरकार बनवायी है उनपर लाठी चार्ज नहीं बल्कि उनके दिल जीतने की आवष्यकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमंत्री ने नेशनल साइक्लिंग-2015 प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया मुख्यमंत्री ने झण्डी दिखाकर ग्रीन राइड प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया

Posted on 06 April 2015 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि साइकिल जीवन में बेहतर संतुलन बनाकर चलने की सीख देती है। उन्होंने कहा कि गरीब, किसान, मेहनतकश, नौजवान और छात्र के लिए यह आवागमन का सबसे सस्ता साधन है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने निर्धारित मूल्य तक की साइकिलों को वैट मुक्त कर दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग साइकिल का इस्तेमाल कर सकें।
मुख्यमंत्री आज यहां के0डी0 सिंह बाबू स्टेडियम में नेशनल साइक्लिंग-2015 प्रतियोगिता के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साइकिल एकता, स्वास्थ्य व पर्यावरण का प्रतीक है। उन्होंने लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार साइकिल को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसके तहत गुरूगोविन्द सिंह स्पोटर््स काॅलेज, लखनऊ में एक वेलोड्रोम का निर्माण कराया जा रहा है। इसके बन जाने से प्रदेश के साइकिलिस्ट भी देश-विदेश में अपनी प्रतिभा दिखा सकेंगे।
श्री यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने लखनऊ और आगरा को साइकिल फ्रैण्डली नगर के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया है। इसी के साथ लखनऊ में साइकिल टैªक का निर्माण भी कराया जा रहा है, जिससे आमजन को काफी सुविधा मिलेगी व इसके प्रति आकर्षित होंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नेशनल साइक्लिंग-2015 प्रतियोगिता के 60 कि0मी0 की प्रोफेशनल राइडिंग के विजेताओं को पुरस्कृत किया। प्रतियोगिता में श्री अमर जीत सिंह प्रथम स्थान पर रहे, जिन्हंे 01 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। श्री मनजीत सिंह दूसरे स्थान पर रहे, जिन्हें 60 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया, जबकि दिलावर सिंह तीसरे स्थान पर रहे, जिन्हें 30 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर एक साइकिल स्टंट का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्री फरहान व श्री वाजिद ने शानदार कलाबाजी दिखायी। मुख्यमंत्री ने इन्हें 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। इस मौके पर श्री यादव ने ग्रीन राइड प्रतियोगिता का झण्डी दिखाकर शुभारम्भ किया। यह प्रतियोगिता 05 कि0मी0 की थी। इसमें आम लोगों के साथ-साथ निःशक्तजनों ने भी प्रतिभाग किया।
ज्ञातव्य है कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार व साइक्लिंग फेडरेशन आॅफ इण्डिया के सहयोग से स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया व उत्तर प्रदेश टूरिज्म द्वारा प्रायोजित की गई थी।
कार्यक्रम में राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, नेशनल साइक्लिंग क्लब के चेयरमैन श्री कालीशंकर, सचिव खेल श्री भुवनेशन कुमार, मुख्य महाप्रबन्धक भारतीय स्टेट बैंक श्री कर्नम शेखर, उ0प्र0 ओलम्पिक संघ के सचिव श्री आनन्देश्वर पाण्डेय, सेक्रेटरी जनरल साइक्लिंग फेडरेशन आॅफ इण्डिया श्री ओंकार सिंह सहित बड़ी संख्या में खेल प्रेमी उपस्थित थे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पिछले एक साल में राजकीय चिकित्सालयों में पहले के मुकाबले लगभग एक करोड़ अधिक रोगियों का इलाज किया गया: मुख्यमंत्री

Posted on 06 April 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि बाहर आयोजित होने वाली गोष्ठियों एवं सेमिनारों से चिकित्सकों को काफी लाभ मिलता है। इससे इलाज के क्षेत्र में होने वाले नये अनुभवों की जानकारी मिलती है, जिससे मरीजों को लाभ मिलता है। इसलिए राज्य सरकार प्रान्तीय चिकित्सा सेवा के चिकित्सकों को ऐसे सेमिनारों एवं गोष्ठियों में शामिल होने हेतु बाहर जाने की अनुमति प्रदान करने पर गम्भीरता से विचार करेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ के महाधिवेशन का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
चिकित्सकों द्वारा जनता की सेवा के लिए किए जा रहे कार्याें की  सराहना करते हुए श्री यादव ने कहा कि लोगों को चिकित्सकों पर बहुत भरोसा है। चिकित्सक कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। स्वाइन फ्लू जैसे संक्रामक रोगों से जब लोग भयभीत होते हैं, डाॅक्टर ऐसे रोगों से पीडि़त लोगों के इलाज के लिए अपनी परवाह न करते हुए मरीजों के इलाज के हरसम्भव प्रयास करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सीधे जनता से जुड़ा विभाग है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों में उपलब्ध करायी गई सुविधाओं और चिकित्सकों के सहयोग से जनता का विश्वास राजकीय चिकित्सालयों के प्रति बढ़ा है। पिछले एक साल में राजकीय चिकित्सालयों में पहले के मुकाबले लगभग एक करोड़ अधिक रोगियों के इलाज से यह स्पष्ट है कि सरकार द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में उपलब्ध करायी जा रही सुविधाआंे का लाभ जनता तक पहुंच रहा है।
श्री यादव ने कहा कि गांवों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में बेहतर बुनियादी सुविधाओं के लिए काम कर रही है। सरकार द्वारा दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराकर स्थिति को और बेहतर बनाने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद चिकित्सा सेवाओं में और अधिक सुधार किया जाएगा, जिससे जनता को अधिक से अधिक राहत मिल सके। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन द्वारा विभाग में किए गए कार्याें की प्रशंसा करते हुए कहा कि विभाग को पटरी पर लाने के लिए उन्होंने काफी काम किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में जनसंख्या के अनुपात में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की अभी भी काफी कमी है। लेकिन प्रदेश सरकार इसमें सुधार करने के लिए नये मेडिकल तथा पैरामेडिकल काॅलेजों की स्थापना के साथ-साथ अन्य उपायों पर भी काम कर रही है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा कि कई साल के बाद कोई मुख्यमंत्री प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ के अधिवेशन में शामिल हुआ है। मेट्रो रेल के शुभारम्भ और निःशुल्क दवा, पैथालाॅजी जांच एवं एक्स-रे आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विकास को नया आयाम दिया है। पिछले तीन साल में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में जिस पैमाने पर काम कराया है इतने बड़े पैमाने पर इससे पूर्व किसी राज्य सरकार ने नहीं कराया। उन्होंने कहा कि इस अधिवेशन से आए सुझावों से सरकार एवं जनता दोनों को लाभ मिलेगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री शंखलाल माझी ने कहा कि विगत तीन वर्षाें में नये डाॅक्टरों की भर्ती एवं विषय विशेषज्ञ डाॅक्टरों की पुनर्नियुक्ति से प्रदेश में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा बेहतर हुई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं मुहैय्या कराने के लिए विभाग में पिछले तीन सालों में जो कदम उठाए हैं, उससे लोगों का राजकीय अस्पतालों में इलाज के प्रति विश्वास और रूझान दोनों बढ़ा है।
कार्यक्रम के अन्त में मुख्यमंत्री ने संघ की स्मारिका ‘संकल्प’ का विमोचन किया। संघ के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार यादव एवं सचिव श्री सचिन वैश्य ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार, एन.आर.एच.एम. के निदेशक श्री अमित कुमार घोष, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ0 विजय लक्ष्मी सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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