उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा संघ (चेतनारायण गुट) के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डाॅ0 महेन्द्र नाथ राय ने सरकार के दण्डात्मक रवैये की भत्र्सना करते हुये कहा है कि तलवार के नीचे किसी प्रकार के समझौते का मंसूबा सरकार न पाले एक तरफ सरकार वार्ता करने के लिए आमंत्रित कर रही है दूसरी तरफ हमारे षिक्षक नेताओं वित्तविहीन षिक्षक महासभा के प्रधान महासचिव श्री अषोक राठौर उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा संघ (चेतनारायण गुट) के महामंत्री श्री लवकुष कुमार मिश्र वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री देवेन्द्र कुषवाहा सहित 200 से ज्यादा षिक्षकों की उरई में गिरफ्तारी यह सिद्ध करती है कि सरकार प्रदेष में षिक्षकों के अन्दर भय का वातावरण व्याप्त कर हमें समझौतों के लिए बाध्य करना चाहती है। जिस तरह से विगत तीन वर्ष से झूठा आष्वासन देकर हमारे षिक्षकों के साथ छल कर रही है उसी तरीके से दण्डात्मक रवैया और पुलिस बल के भरोसे कापियों का मूल्याकंन कराकर हमारे आन्दोलन को जबरदस्ती कुचलने का मंसूबा पाले हुये है। हम उस मंसूबे को पूरा नहीं होने देगें। हम षिक्षक साथी इस गिरफ्तारी की भत्र्सना करते है तथा हमारे सभी षिक्षक संगठनों के नेता चाहे वह वित्तविहीन महासभा के कार्यवाहक अध्यक्ष और षिक्षक विधायक उमेष द्विवेदी हो या उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा संघ के संरक्षक श्री राजबहादुर सिंह चन्देल हो चाहे वे उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा संघ के अध्यक्ष श्री चेतनारायण सिंह हो यह सारे नेता गिरफ्तारी को बाध्य होंगे तथा उनके साथ ही साथ प्रदेष के लगभग 4लाख षिक्षक अपनी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हो जायेंगे और इस परिस्थिति में सरकार को बहुत बड़ी समस्या का सामाना करना पड़ेगा और यदि ऐसी परिस्थितियों में मूल्याकंन कार्य वाधित होता है और प्रदेष के लाखों छात्रों का भविष्य अधर में पड़ता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी इस अविवेकपूर्ण निर्णय करने वाली सरकार की होगी न कि षिक्षकों की। हम वार्ता के तैयार है बशर्ते सरकार सकारात्मक रवैया अपनाये और अपने बड़प्पन का प्रमाण प्रस्तुत करते हुये सभी षिक्षक नेताओं को गिरफ्तारी से अविलम्ब रिहा करें। और सभी संगठनों के नेताओं को बुलाकर सम्मानजनक वार्ता करते हुये मूल्याकंन बहिष्कार के गतिरोध को समाप्त करें। अन्यथा यदि मूल्याकंन प्रभावित होता है तो जिम्मेदारी सरकार की होगी। अगर हम प्रदेष के समस्त षिक्षकांे से भी अनुरोध करते है कि षिक्षक नेताओं की गिरफ्तारी की निन्दा प्रस्ताव पारित कर विभिन्न जनपदों में भेजे तथा सरकार से लड़ने और संघर्ष करने के लिए खड़े हों। अब तो मूल्यांकन बहिष्कार पूरी ताकत से तब तक जारी रहेगा जब तक षिक्षक नेताओं की सम्मानजनक रिहाई नहीं हो जाती। वित्तविहीन षिक्षक महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष एवं षिक्षक विधायक श्री उमेष द्विवेदी ने सरकार को चेतावनी दी है सभी षिक्षकों और नेताओं को अविलम्ब रिहा किया जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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