उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि बाहर आयोजित होने वाली गोष्ठियों एवं सेमिनारों से चिकित्सकों को काफी लाभ मिलता है। इससे इलाज के क्षेत्र में होने वाले नये अनुभवों की जानकारी मिलती है, जिससे मरीजों को लाभ मिलता है। इसलिए राज्य सरकार प्रान्तीय चिकित्सा सेवा के चिकित्सकों को ऐसे सेमिनारों एवं गोष्ठियों में शामिल होने हेतु बाहर जाने की अनुमति प्रदान करने पर गम्भीरता से विचार करेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ के महाधिवेशन का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
चिकित्सकों द्वारा जनता की सेवा के लिए किए जा रहे कार्याें की सराहना करते हुए श्री यादव ने कहा कि लोगों को चिकित्सकों पर बहुत भरोसा है। चिकित्सक कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। स्वाइन फ्लू जैसे संक्रामक रोगों से जब लोग भयभीत होते हैं, डाॅक्टर ऐसे रोगों से पीडि़त लोगों के इलाज के लिए अपनी परवाह न करते हुए मरीजों के इलाज के हरसम्भव प्रयास करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सीधे जनता से जुड़ा विभाग है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों में उपलब्ध करायी गई सुविधाओं और चिकित्सकों के सहयोग से जनता का विश्वास राजकीय चिकित्सालयों के प्रति बढ़ा है। पिछले एक साल में राजकीय चिकित्सालयों में पहले के मुकाबले लगभग एक करोड़ अधिक रोगियों के इलाज से यह स्पष्ट है कि सरकार द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में उपलब्ध करायी जा रही सुविधाआंे का लाभ जनता तक पहुंच रहा है।
श्री यादव ने कहा कि गांवों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में बेहतर बुनियादी सुविधाओं के लिए काम कर रही है। सरकार द्वारा दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराकर स्थिति को और बेहतर बनाने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद चिकित्सा सेवाओं में और अधिक सुधार किया जाएगा, जिससे जनता को अधिक से अधिक राहत मिल सके। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन द्वारा विभाग में किए गए कार्याें की प्रशंसा करते हुए कहा कि विभाग को पटरी पर लाने के लिए उन्होंने काफी काम किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में जनसंख्या के अनुपात में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की अभी भी काफी कमी है। लेकिन प्रदेश सरकार इसमें सुधार करने के लिए नये मेडिकल तथा पैरामेडिकल काॅलेजों की स्थापना के साथ-साथ अन्य उपायों पर भी काम कर रही है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा कि कई साल के बाद कोई मुख्यमंत्री प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ के अधिवेशन में शामिल हुआ है। मेट्रो रेल के शुभारम्भ और निःशुल्क दवा, पैथालाॅजी जांच एवं एक्स-रे आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विकास को नया आयाम दिया है। पिछले तीन साल में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में जिस पैमाने पर काम कराया है इतने बड़े पैमाने पर इससे पूर्व किसी राज्य सरकार ने नहीं कराया। उन्होंने कहा कि इस अधिवेशन से आए सुझावों से सरकार एवं जनता दोनों को लाभ मिलेगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री शंखलाल माझी ने कहा कि विगत तीन वर्षाें में नये डाॅक्टरों की भर्ती एवं विषय विशेषज्ञ डाॅक्टरों की पुनर्नियुक्ति से प्रदेश में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा बेहतर हुई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं मुहैय्या कराने के लिए विभाग में पिछले तीन सालों में जो कदम उठाए हैं, उससे लोगों का राजकीय अस्पतालों में इलाज के प्रति विश्वास और रूझान दोनों बढ़ा है।
कार्यक्रम के अन्त में मुख्यमंत्री ने संघ की स्मारिका ‘संकल्प’ का विमोचन किया। संघ के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार यादव एवं सचिव श्री सचिन वैश्य ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार, एन.आर.एच.एम. के निदेशक श्री अमित कुमार घोष, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ0 विजय लक्ष्मी सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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