Archive | April, 2015

जापान की यूनिवर्सिटी द्वारा सी.एम.एस. प्रधानाचार्या आमंत्रित

Posted on 21 April 2015 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती आभा अनंत को  जापान की रित्सुमेकन एशिया पैसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय की शिक्षा पद्धति का अध्ययन् करने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह जानकारी सिटी मोन्टेसरी स्कूल के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी। श्री शर्मा ने बताया कि श्रीमती आभा अनंत देश की 10 उन सर्वश्रेष्ठ प्रधानाचार्याओं में शामिल है जिन्हें रित्सुमेकन एशिया पैसिफिक विश्वविद्यालय ने 7 जुलाई से 11 जुलाई, 2015 तक अपनी शिक्षा पद्धति का अध्ययन करने हेतु जापान आमंत्रित किया है। श्रीमती अनंत की इस शैक्षिक यात्रा पर आने वाला समस्त खर्च रित्सुमेकन एशिया पैसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है।
श्री शर्मा ने बताया कि शिक्षा में गुणात्मकता को बढ़ाने के लिए सी.एम.एस. की प्रधानाचार्याओं को समय-समय पर अनेक देशों के स्कूलों एवं विश्वविद्यालय द्वारा आमंत्रित किया जाता रहा है। इसके साथ ही साथ अनेक देशों के प्रतिष्ठित स्कूलों की प्रधानाचार्या, शिक्षक एवं बच्चे समय-समय पर सिटी मोन्टेसरी स्कूल आकर भी सी.एम.एस. की विस्तृत एवं अनूठी शिक्षा पद्धति का अध्ययन करने के लिए आते रहते हैं। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि वर्ष 2008 से ही सी.एम.एस. की विभिन्न शाखाओं के बच्चे रित्सुमेकन एशिया पैसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किये जाने वाले जापान सुपर साइंस फेयर में प्रतिभाग करने हेतु जापान जाते रहे हैं।
श्री शर्मा ने बताया कि जानी मानी सर्वे एजंेसी सी-फोर ने 14 मानकों के आधार पर किये गये एक सर्वे के आधार पर सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर को उत्तर प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ स्कूल घोषित किया गया था। सिटी मोन्टेसरी स्कूल की इस ऐतिहासिक सफलता के लिए अंग्रेजी की जानी मानी पत्रिका ‘एजुकेशन वल्र्ड’ द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य सार्वजनिक समारोह में स्कूल की वरिष्ठ प्रधानाचार्या सुश्री मंजीत बत्रा तथा प्रधानाचार्या श्रीमती आभा अनन्त को सम्मानित किया गया था। ‘एजुकेशन वल्र्ड’ द्वारा 14 मानकों के आधार पर सी-फोर एजेंसी के माध्यम से देश के 25 बड़े शहरों में संचालित 851 नामचीन स्कूलों के बीच करायें गये इस सर्वे में सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ने 1107 प्वांइट्स हासिल करके सर्वोच्च स्थान हासिल किया था। इसके साथ ही आई.एस.सी. बोर्ड परीक्षा में शामिल पूरे देश के स्कूलों में से सर्वाधिक 433 छात्र सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर के ही थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सी.एम.एस. अलीगंज शाखा द्वारा अन्तर्हाउस बास्केटबाल प्रतियोगिता का आयोजन

Posted on 21 April 2015 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज ;कैम्पस प्द्ध के बास्केटबाल मैदान में बालक और बालिका के सीनियर एवं जूनियर दोनो वर्गो के लिए अन्तर्हाउस बास्केटबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आज बालक सीनियर वर्ग का मुकाबला पीस हाउस एवं होप हाउस के मध्य हुआ। होप हाउस ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए पीस हाउस को 22-12 अंकों के अंतर से हराकर बालक वर्ग की चैम्पियनशिप जीत ली। वहीं बालिका वर्ग का फाइनल मुकाबला यूनिटी हाउस तथा होप हाउस के बीच हुआ जिसमें यूनिटी हाउस ने होप हाउस को 30-10 अंकों के अंतर से हरा दिया। यूनिटी हाउस की मुस्कान पटेल ने सर्वाधिक 16 अंक तथा प्राप्ति पाण्डेय ने 14 अंक बनाये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राहत कार्याें में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता क्षम्य नहीं: मुख्यमंत्री

Posted on 21 April 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के क्रम में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित 12 लाख 38 हजार किसानों को राज्य सरकार द्वारा अब तक को 550 करोड़ रुपए की धनराशि का वितरण किया जा चुका है। साथ ही, ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत वितरण किए जाने हेतु 1,134 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की जा चुकी है। ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित 33 प्रतिशत या इससे अधिक की कृषि क्षति वाले 65 जनपदों में 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कृषि क्षति होने की सम्भावना है।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में अतिवृष्टि को आपदा घोषित किए जाने के फलस्वरूप राहत कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राहत कार्याें का पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जाए और जिलाधिकारियों के नेतृत्व में राहत वितरण पूरी पादर्शिता व सावधानी के साथ किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
प्रवक्ता ने कहा कि व्यापक कृषि क्षति के दृष्टिगत कृषि निवेश अनुदान हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक दर के समतुल्य धनराशि पीडि़त/प्रभावित किसानों को राज्य सरकार द्वारा भी अतिरिक्त रूप में दी जा रही है। कृषकों के मुख्य देयों की वसूली स्थगित करने व उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न किए जाने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को पूर्व में ही दिए जा चुके हैं। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि कृषि क्षति के सापेक्ष प्रत्येक किसान को न्यूनतम 01 हजार 500 रुपए की धनराशि प्रदान की जाए। मण्डलायुक्तों को कृषि फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को बीमा क्लेम दिलाए जाने हेतु विशेष प्रयास करने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं। शासन द्वारा आपदा के मद्देनजर बैंकों को किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को रीशेड्यूल करने के निर्देश भी दिये गए हैं।
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित ऐसे जनपद जहां कृषि क्षति 33 प्रतिशत या इससे अधिक है, वे इस प्रकार हैं - महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, पीलीभीत, बांदा, कन्नौज, मिर्जापुर, इलाहाबाद, सहारनपुर, बदायूं, आजमगढ़, सोनभद्र, उन्नाव, आगरा, कानपुर नगर, अमेठी, इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, झांसी, ललितपुर, औरैया, मुजफ्फरनगर, लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, फैजाबाद, मुरादाबाद, कानपुर देहात, रामपुर, फर्रूखाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, मथुरा, कुशीनगर, एटा, बुलन्दशहर, बलिया, गोरखपुर, सम्भल, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, हाथरस, शामली, मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, कौशाम्बी, बहराइच, बाराबंकी, सुलतानपुर, बागपत, लखनऊ, गाजीपुर, गाजियाबाद, रायबरेली, जौनपुर, वाराणसी, अमरोहा, भदोही, अम्बेडकर नगर, मऊ, मेरठ, सीतापुर तथा हरदोई।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि उत्तर प्रदेश का विकास सीधे तौर पर गांवो के विकास से जुड़ा है।

Posted on 21 April 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि उत्तर प्रदेश का विकास सीधे तौर पर गांवो के विकास से जुड़ा है। इसके लिए गांवो में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ-साथ गांवो में रोजगार के अवसर सृजित करने तथा ग्रामीण जनता के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता है। समाजवादी सरकार और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का भी दृढ़ मत है कि गांधीजी के ग्राम स्वराज और चैधरी चरण सिंह तथा श्री मुलायम सिंह यादव के रास्ते पर ही चलकर गांवो के साथ प्रदेश के विकास के एजेण्डा को गति दी जा सकती है। इसलिए  उन्होने बजट की 75 प्रतिशत धनराशि कृषि क्षेत्र के लिए निर्धारित की है और वर्ष 2015-16 को “किसान वर्ष“ भी घोषित किया है।
समाजवादी सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना एवं कृषि नीति 2013 के अंतर्गत कृषि क्षेत्र की विकास दर 5Û1 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 16 घंटे तथा कृषि क्षेत्र को कम से कम 8 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने फीडर सेपरेशन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए लगभग 7000 करोड़ रूपए की योजना तैयार की जा रही है।
डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-16 के लिए 2100 राजस्व ग्रामों में सीसी रोड व केसी ड्रेन और इंटरलाकिंग टाइल्स की व्यवस्था हेतु 550 करोड़ रूपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। लोहिया ग्रामीण आवास योजना राज्य सरकार द्वारा शत प्रतिशत अपने संसाधनों से क्रियान्वित की जा रही है। इसके लिए बजट में 1000 करोड़ रूपए की व्यवस्था है। प्रेरणा मिशन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों की महिलाओं की सशक्त एवं स्थाई संस्थाएं बनाकर लाभदायक स्वरोजगार एवं कुशल मजदूरी वाले रोजगार के अवसर प्राप्त करने में उन्हें समर्थ बनाना है जिससे गरीबी से निजात पाकर वे अपनी आजीविका तथा जीवन शैली में निरंतर उल्लेखनीय सुधार कर सके।
ग्रामीण क्षेत्रो में पायलट आधार पर शौचालयों के साथ-साथ स्नानगृह के निर्माण हेतु 16 करोड़ रूपए की बजट में व्यवस्था है। स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय की लागत 10,000 रूपए के स्थान पर 12,000 रूपए की गई है। इस योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 में लगभग 1,533 करोड़ रूपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। मनरेगा योजना के अंतर्गत लगभग 51 लाख परिवारों को 25,00 लाख मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराये जाने का अनुमान है।
जब से समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की यह प्रतिबद्धता रही है कि जनता से जो भी वादे किए गए थे उनको पूरा किया जाए और लगभग सभी वादे पूरे भी कर दिए गए है। सरकार की मंशा प्रदेश के समग्र विकास की है जिसमें गांव और नगर क्षेत्रों का सम्यक विकास समाहित है। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में चूंकि गांव और किसान हैं इसलिए इस क्षेत्र के विकास पर उसका विशेष ध्यान है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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श्री शिवपाल सिंह यादव ने मंत्रियों, विधायको एवं सांसदो से एक माह का वेतन देने की अपील की दैवीय आपदा से प्रभावित किसानों की मदद मे सभी लोग

Posted on 21 April 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, राजस्व एवं सहकारिता मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने सभी मंत्रियों एवं विधायकों एवं सांसदो से निवेदन किया है कि पिछले दिनों हुई बारिस, ओलावृष्टि तथा आँधी से प्रदेश के किसान बुरी तरह से प्रभावित हुए इसलिए सभी लोग पूरी संवेदनशीतला दिखायें और इस दैवीय आपदा की घड़ी में किसानों की मदद के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक माह का वेतन देकर सहयोग करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में जिलो को आपदाग्रस्त घोषित कर किसानों के लिए बड़े पैमाने पर राहत देने का हर-सम्भव प्रयास कर रही है तथा जिलो में सर्वे का काम लगातार कराया जा रहा है।
राजस्व मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की मदद करने के लिए हर तरह  प्रयासरत है जबकि केन्द्र सरकार ने मदद देने का आश्वासन देकर भी अभी तक एक पैसा नही दिया है। उन्होंने कहा कि दैवीय आपदा से जिन किसानों की सदमे से मौत हुई है उन्हें राज्य सरकार ने पांच लाख रूपये देकर सहायता प्रदान कर रही परन्तु केन्द्र ने अपने हिस्से का डेढ़ लाख रूपया अभी तक नही दिया है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रभावित  किसानों को मदद देने के लिए रूपया 1135 करोड़ जिलों में भेज दिये है और अब तक किसानों में रू0 439 करोड़ की धनराशि बाॅटी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कभी भी समय से मदद नही की है। पिछले वर्ष फसलों को हुए नुकसान पर उत्तर प्रदेश सरकार ने 365 करोड़ मांगे थे जिसमे से 32 करोड़ जनवरी 2015 में मिला तथा सूखे के लिए 4794 करोड़ रूपये मांगे तो सिर्फ 490 करोड़ रूपये मिले तथा बाढ़ के लिए रू0 768 करोड़ मांगने पर 58 करोड़ रूपये मिले हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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किसान मंच उत्तर प्रदेष के तत्वाधान में जनपद हरदोई के छावन बाजार, ब्लाक भरावन में आज किसानों की एक सभा आहुत की गयी,

Posted on 21 April 2015 by admin

किसान मंच उत्तर प्रदेष के तत्वाधान में जनपद हरदोई के छावन बाजार, ब्लाक भरावन में आज किसानों की एक सभा आहुत की गयी, जिसमें बेमौसम वर्षा एवं ओलावृष्टि से हुए नुकसान एवं मुआवजे के लिए किसान नेताओं ने अपने विचार रखे, किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष श्री शेखर दीक्षित ने कहा गत 15 अप्रैल को किसान मंच ने मुआवजे के लिए स्थानीय एस0डी0एम0 से मुलाकात करनी चाही, तो वह किसानों से मिलने के पक्ष में नहीं थे, इसी से नाराज होकर कुछ किसानों ने पुलिस प्रशासन के मुर्दा बाद के नारे लगा दिये, इससे नाराज होकर स्थानीय प्रशासन ने मेरे करीब 250 किसानों के खिलाफ मुकदमा सण्डीला थाने में कायम करवा दिया।
श्री शेखर दीक्षित ने कहा कि हरदोई जनपद में मुआवजे को लेकर किसान परेशान स्थानीय अधिकारी कार्यों में दिलचस्पी नहीं ले रहे है ना ही सर्वे का कार्य ठीक ढंग से हो रहा है, लेखपाल कमरों में बैठकर क्षतिपूर्ति की रिपोर्ट तैयार कर रहे है, जिससे किसानों में भारी असंतोष एक ओर तो प्रदेश के मुखिया किसानों की हरसम्भव मदद करने की बात कर रहे है वहीं स्थानीय प्रशासन के लोग किसानों की समस्याओं से किनारा किये हुए है।  सैकड़ों के किसान एस0डी0एम0 से मिलना चाहते थे, लेकिन तीन घंटे बाद एस0डी0एम0 किसानों से मिलने आये, यह किसानों के साथ दोहरा मापदण्ड नही ंतो और क्या है।
किसान मंच फर्जी मुकदमों की कड़ी निन्दा करता है, किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिलने से वे आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने के  लिए मजबूर है, लेकिन प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता।  वहीं किसान मंच के जिला अध्यक्ष श्री योगेश त्रिपाठी ने कहा कि शीघ्र से शीघ्र किसानों को मुआवजा दिलवाया जाये, अन्यथा किसान मंच आन्दोलन तेज करने पर मजबूर हुआ। वहीं स्वामी विधाचेतन्य ने कहा कि केन्द्र सरकार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लागू करके देश के किसान को मुसीबत में डाल दिया। किसानों के लाशो पर ही क्या भाजपा अपनी राजनीति करनी चाहती है, और इसे विकास का रास्ता बताती है, अपने आप को देश का प्रधान बताने वाले प्रधानमंत्री भूमिअधिग्रहण अध्यादेश लाकर किसानों की भावनाओं से खेला है। देश का मजदूर किसान बेरोजगार कभी प्रधानमंत्री को माफ नहीं करेगा, वहीं कार्यक्रम में प्रमुख रूप से किसान मंच के जिला संयोजक सीतापुर  श्री निर्मल बाबा ने भी मुआवजे के मुद्दे को जोर दार तरीके से उठाया। सभा में हरदोई जनपद को सैकड़ो किसान उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मृतक आश्रितो को तत्काल नियुक्त किया जाये-विजय कुमार

Posted on 21 April 2015 by admin

मा0सदस्य राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग भारत सरकार श्री विजय कुमार ने कहा है कि सफाई कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रित को तत्काल नियुक्त किया जाये क्योकि उनके परिवार के सदस्यो की हालत ठीक नही होती है उन्हे तत्काल नियुक्त की आवश्यकता होती है। उन्होने कहा कि स्वच्छ भारत बनाने के लिए सफाई कर्मचारियो को सुविधाए दी जाये जिस प्रकार विदेशो में कर्मचारियो की सुविधा प्रदान की जाती है उसी प्रकार यदि हमारे देश मे भी सुविधाए प्रदान की जाये तो हमारा देश भी स्वच्छ भारत बन जायेगा।
मा0श्री विजय कुमार सदस्य सफाई कर्मचारी आयोग भारत सरकार ने आज कलेक्टेªेट स्थित सभागार में सफाई कर्मचारियों के हित में भारत सरकार द्वारा चलायी  जा रही योजनाओं के सम्बन्ध में  विस्तृत रूप से वार्ता कर रहे थे। उन्होने कहा कि  उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों के लिए क्या किया जा रहा है। इसकी जानकारी प्राप्त की। उन्होने बताया कि सफाई कर्मचारियो के पदो  पर अन्य जाति के लोगो की नियुक्त तो कर ली जाती है परन्तु उनके द्वारा काम न करके उन्ही जाति के लोगो को कम पैसो पर रखकर काम कराया जाता है। सफाई कर्मचारियों द्वारा मा0सदस्य को अवगत कराया गया कि  निर्धारित मानको के अनुसार पारिश्रमिक नही दिया जाता है ठेकेदारी पद्धति निभाई जाती है। इस पर माननीय सदस्य द्वारा निर्देश दिये गये ठेकेदारी प्रथा तत्काल खत्म की जाये सफाई का ठेका बाल्मीकी समाज के व्यक्ति को ही दिया जाये चाहे बाल्मीकी समाज का वेटा हो पत्नी हो या उसका आश्रित हो।
उन्होने कहा कि सफाई कर्मचारियों को वर्ष मे दो बार वर्दी बूट मिलना चाहिए मेडिकल की पूरी सुविधा होनी चाहिए उन्होने कहा कि वर्ष मे दो बार मेडिकल चेकअप कराया जाये। उन्होने कहा कि कोई भी सफाई कर्मचारी सीवर मे काम करते समय मृत्यु हो जाती है तो उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार उसे तत्काल 10 लाख रूपसे दिये जाये तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये। उन्होने कहा कि यदि किसी व्यक्ति से सर पर मैला ढुलाया जाता है तो सम्बन्धित  अधिकारी को पांच लाख जुर्माना तथा दो साल की सजा का प्राविधान है
उन्होने बताया कि भारत सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों के हितो मे चलाई जा रही योजनाओं से सफाई कर्मचारी के आश्रित बच्चो को परचून की दुकान, टैम्पो के लिए लोन, तथा पढाई के लिए दो लाख से 25 लाख तक का लोन दिया जाये, समाज की कोई बेटी बहन सिलाई कढाई की ट्रेनिंग करना चाहती है तो उसे टेªनिंग दी जाये भारत सरकार द्वारा उसे नौकरी दी जाने का प्राविधान है।   उन्होने कहा कि सफाई कर्मचारियों का व परिवार के प्रत्येक सदस्य का प्रत्येक माह शिविर लगाकर हेल्थ चेकअप किया जाये। उन्होने प्रत्येक थाने मे कितने सफाई कर्मचारी नियुक्त है उसकी सूची उपलब्ध करायी जाये  यदि कर्मचारी नियुक्त नही है तो उन थानों में सफाई कर्मचारी नियुक्त किया जाये।
इस अवसर पर नगर आयुक्त श्री आर0के0सिंह ने अवगत कराया कि खाली पडे पदों के नियुक्त हेतु शासन को लिखा गया है शासन से स्वीकृति मिलते ही खाली पडे पदो पर नियुक्त कर लिया जायेगा। उन्होने बताया कि वर्तमान मे कुल 3448 पद स्वीकृत है जिनमे 2738 सफाई कर्मचारी कार्यरत है लखनऊ नगर की जनसंख्या 30 लाख है जिस पर 10 हजार पर 28 कर्मचारी नियुक्त करने का प्राविधान है।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी टी0जी0 श्री अशोक कुमार, नगर आयुक्त, समाज कल्याण अधिकारी श्री के0सी0मिश्र, सहायक श्रमायुक्त, परियोजना अधिकारी डूडा  आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जिलाधिकारी की अध्यक्षता मे 21 अप्रैल को सदर मे तहसील दिवस-

Posted on 21 April 2015 by admin

जन सामान्य की शिकायतों का स्थानीय स्तर पर समाधान किया जाना ही सरकार की प्राथमिकता है। इसी क्रम में अप्रैल माह के तृतीय मंगलवार 21 अप्रैल 2015 को तहसील सदर में जिलाधिकारी श्री राज शेखर, तहसील दिवस की अध्यक्षता करेगें। जनपद की चारों तहसील मुख्यालयों पर तहसील दिवस का आयोजन प्रातः 10.00 बजे से किया जा रहा है।
अपर जिलाधिकारी(प्रशासन)श्री आर0के0पाण्डेय  ने बताया कि  जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले तहसील दिवस में मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) तथा अन्य समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य है यदि अपरिहार्य कारण से जिला स्तरीय अधिकारी का भाग लेना सम्भव न हो, तो जिलाधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त कर अपने से ठीक नीचे के अधिकारी को तहसील दिवस में भेजना सुनिश्चित करें। उन्होने बताया कि इसके अतिरिक्त अन्य तहसीलों में आयोजित होने वाले तहसील दिवस की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी द्वारा की जायेगी, जिसमें समस्त विभागों के क्षेत्रीय अधिकारियों/नामित अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) श्री राजेश कुमार पाण्डेय ने इस आशय की जानकारी आज यहां दी। उन्होने बताया कि जिलाधिकारी श्री राज शेखर ने जन समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किये जाने हेतु चारो तहसीलों के तहसील दिवस के लिए अपर जिलाधिकारियों को नामित किया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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(बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने आज दिनांक 15 अप्रैल सन् 2015 को बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश राज्य कार्यालय, 12 माल एवेन्यू लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेस को सम्बोधित किया, जिसका मुख्य अंश इस प्रकार से है):

Posted on 16 April 2015 by admin

मीडिया बन्धुओं, मैंने आज की यह प्रेस कान्फ्रेंस केन्द्र में बीजेपी के नेतृत्व में चल रही एन.डी.ए. सरकार की, खासकर ‘‘भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित किसान विरोधी नीतियों’’ और साथ ही उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य और राज्यों में भी हुई बेमौसम बरसात व ओले आदि पड़ने की मार से पीडि़त किसानों की आर्थिक मदद करने के मामले में केन्द्र के साथ-साथ राज्य सरकारों द्वारा भी उनकी की जा रही उपेक्षा तथा केन्द्र व राज्य सरकारों की भी अधिकांश चल रही उनकी ‘‘जन-विरोधी नीतियों व कार्य-प्रणाली’’ आदि के विरोध में बहुजन समाज पार्टी द्वारा आज घोषित किये जा रहे ‘‘देश-व्यापी आन्दोलन’’ के सम्बन्ध में जानकारी देने के लिये बुलायी है।
और अब सर्वप्रथम ‘‘भूमि अधिग्रहण कानून’’ की पृष्ठभूमि के सम्बन्ध में यह कहना चाहूँगी कि अपने भारत देश में अंगे्रजों की सरकार द्वारा यहाँ सन् 1894 में भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित पहला कानून बनाया गया था, जो आजादी के बाद भी काफी लम्बे अर्सें तक लगातार यहाँ लागू होता रहा है और इस कानून में ना केवल काफी ज्यादा कमियाँ थीं बल्कि उसमें किसानों के ‘‘शोषण’’ की भी बहुत ज्यादा गुंजाइश थी, जिसको लेकर देश के किसी ना किसी राज्य में वहाँ की राज्य सरकार व किसानों के बीच में आयेदिन ’’टकराव’’ की स्थिति पैदा होती रही है, उससे यहाँ अधिकांश राज्य सरकारों को किसानों के असन्तोष का भी सामना करना पड़ा है, जिसका काफी बुरा असर सम्बन्धित क्षेत्र की ‘‘कानून-व्यवस्था’‘ पर भी पड़ा है और इस मामले में इस ख़राब दौर से उत्तर प्रदेश में हमारी पार्टी की सरकार को भी गुजरना पड़ा है। इसलिये ऐसी स्थिति में उस वर्षों पुराने भूमि अधिग्रहण कानून-1894 में बदलाव करके, व उसमें आवश्यक सुधार लाने के लिये, हमारी पार्टी व सरकार ने कई बार केन्द्र की सरकार से एक ’नई राष्ट्रीय भूमि अधिग्रहण नीति’ बनाने का भी लिखित अनुरोध किया। लेकिन इस मामले में जब केन्द्र की पिछली कांग्रेसी सरकार ने हमारी इस बात पर ध्यान नहीं दिया तब फिर यहाँ प्रदेश में हमारी पार्टी की सरकार ने अपने अनुभव के आधार पर यह निर्णय लिया कि किसानों की समस्याओं का सही समाधान तभी सम्भव हो सकता है जब उनसे सीधे बातचीत करके उनकी सहमति से कोई उचित सुधारवादी निर्णय लिया जाये और फिर इस सम्बन्ध में ’’एक नई सकारात्मक पहल’’ करते हुये, उत्तर प्रदेश में, हमारी पार्टी की पहली बार बनी, पिछली पूर्ण बहुमत की सरकार ने ’’दिनाँक 02 जून सन् 2011’ को देश के इतिहास में, पहली बार किसान प्रतिनिधियों की ऐतिहासिक किसान पंचायत आयोजित करके व इनके हितों के संरक्षण के लिये एक किसान-हितैषी ’’नई प्रगतिशील भूमि अधिग्रहण नीति’’ बनाकर, उसे फिर उत्तर प्रदेश में यहाँ तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया, और हमारी सरकार की इस ‘‘नई प्रगतिशील भूमि अधिग्रहण नीति’’ में किसानों के हितों को लेकर, जिन मुख्य बातों को शामिल किया गया है। उसकी काफी कुछ जानकारी, आज हमारी पार्टी द्वारा जारी किये जा रहे इस लिखित ‘‘फोल्डर’’ के जरिये, आज ही आप लोगों को भी जरूर दे दी जायेगी। यह फोल्डर पूरे देश में पार्टी के लोगों को भी आन्दोलन के दौरान् दिया जायेगा, ताकि उन्हें इस मामले में सही तथ्यों की जानकारी प्राप्त हो सके।
इतना ही नहीं बल्कि उस समय हमारी पार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश की इस नई प्रगतिशील भूमि अधिग्रहण नीति की ही तरह एक ’’नई राष्ट्रीय भूमि अधिग्रहण नीति’’ बनाने का भी लिखित अनुरोध केन्द्र की सरकार से किया था ताकि उत्तर प्रदेश की तरह देश के अन्य राज्यों में भी भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित समस्या का समाधान हो जाये, और फिर आगे चलकर ‘‘सन् 2013’’ में केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार ने सभी मुख्यमंत्रियों व सभी दलों एवं विभिन्न किसान संगठनों आदि की आम सहमति से यहाँ वर्षों पहले सन् 1894 में, अंग्रेजों द्वारा भूमि अधिग्रहण के निर्मित किये गये कानून के स्थान पर एक ‘‘नया राष्ट्रीय भूमि अधिग्रहण’’ कानून बना दिया और इसके साथ ही, इस कानून में, हमारी सरकार की भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित काफी कुछ नीतियों को भी इसमें शामिल कर लिया गया जिसमें 70 (सŸार) प्रतिशत किसानों की सहमति व भूमि अधिग्रहण के बाद पाँच साल तक उद्योग स्थापित नहीं करने पर भूमि स्वामित्व की समाप्ति का प्रावधान भी शामिल था। परन्तु अब भाजपा के नेतृत्व की मौजूदा केन्द्र की एन.डी.ए. सरकार ने इन सब बातों की बिल्कुल भी परवाह नहीं करते हुये, केवल यहाँ ‘‘कुछ मुट्ठी भर बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों आदि के हितों के समर्थन में व उन्हें अनुचित लाभ’’ पहुँचाने के लिये ही ‘‘सन् 2013’’ में बने इस नये भूमि अधिग्रहण कानून में, घोर किसान-विरोधी संशोधन लाने का अपना ‘मनमाना व एकतरफा‘ फैसला ले लिया और इसके लिये इन्होंने केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में दिनांक 29 दिसम्बर सन् 2014 को ’’भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास, पुनस्र्थापना में पारदर्शिता और उचित मुआवज़े का अधिकार कानून-2013 में संशोधन को मंजूरी देकर’’ उसे संसद में ’’विधेयक’’ के रूप में लाकर क़ानून बनाने के बजाये, ‘’अध्यादेश’‘ लाने के अन्तिम विकल्प को ही आनन-फ़ानन में इस्तेमाल करने की जल्दबाजी भी कर डाली।
और अब इस भूमि अधिग्रहण के संशोधन के सम्बन्ध में भाजपा व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘तर्क’’ सभी को काफी गलत लग रहे हैं। अर्थात् इनके सभी तर्क पहली नज़र में ही ‘‘किसान-विरोधी व पूँजीपतियों के हित में उठाये गये घोर अनुचित कदम लगते हैं।’’ जैसेकि भूमि अधिग्रहण होने पर, इसके असर से होने वाले सामाजिक प्रभाव के आंकलन, भूमि अधिग्रहण के बाद पाँच साल तक उद्योग स्थापित नहीं करने पर भूमि स्वामित्व की समाप्ति, अधिग्रहण से पहले 70 प्रतिशत किसानों की मंजूरी लेना, क़ानून का सही अनुपालन नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही आदि के इन जरूरी प्रावधानों को इस संशोधित कानून से पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। साथ ही, अब भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले परिवार की परिभाषा को भी बदला जा रहा है, जो कि उचित नहीं है।
इसके साथ-साथ जहाँ तक ‘‘बड़े-बड़े औद्यौगिक घरानों व पूँजीपतियों‘‘ आदि को उनकी आवश्यकता से कहीं अधिक ज़मीन उपलब्ध कराने व उसका सही इस्तेमाल नहीं करके केवल ’’बैंकों‘‘ से कर्जा आदि लेकर उस धन का दूसरे कार्याें में इस्तेमाल करके अनुचित लाभ कमाने का जो आरोप है। तो यह आरोप बिल्कुल 100 फीसदी सही है और इससे हमारी पार्टी पूर्णतयाः सहमत है और इस सन्दर्भ में वैसे आप लोगों को भी यह मालूम है कि पहले केन्द्र की कांग्रेसी यू.पी.ए. सरकार ने किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण करके, कम्पनियों को देने के लिये हर हथकण्डे का इस्तेमाल किया है जिसके तहत् ही इस सरकार के दस सालों के कार्यकाल में एस.ई.जेड. (स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन) के नाम पर, किसानों की हज़ारों हेक्टेयर ज़मीन अधिग्रहन कर उद्योगों को दे दी गई है और इसके सम्बन्ध में संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट ने और सी.ए.जी. ने भी इस बात का यह ख़ुलासा किया है कि एस.ई.जेड. के नाम पर किसानों की जो अत्यन्त कीमती ज़मीन केन्द्र में कांग्रेस की यू.पी.ए. सरकार के समय में अधिग्रहन की गयी है, उसमें से लगभग आधी ज़मीन का ही इस्तेमाल हुआ है, जबकि आधी ज़मीन उद्योग जगत दबाकर ही बैठ गये हंै।
वास्तव में इसी ही प्रकार की अनेकों और ‘‘किसान-विरोधी साजि़शों व बड़े-बड़े पूँजीपतियों की घोर समर्थक मंसूबो’’ के परिणामस्वरूप ही, फिर ‘‘सन् 2013’’ में, लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने व सभी राजनैतिक दलों एवं किसान संगठनों आदि ने भी कांग्रेस पार्टी की यू.पी.ए. सरकार को ‘‘नया सख़्त भूमि अधिग्रहण क़ानून’’ बनाने के लिये मजबूर किया जिसको अधिकांश मिले समर्थन को देखते हुये फिर उस समय भाजपा ने भी अपना पाला बदलकर, संसद में इस विधेयक को अपना पूरा समर्थन दे दिया था। और तब इनके कुछ संशोधनों को मंजूर भी कर लिया गया था। परन्तु आज जब भाजपा के नेतृत्व में एन.डी.ए. की केन्द्र में सरकार है, तो उसे अब उसी भूमि अधिग्रहण क़ानून में काफी ज्यादा ‘‘ख़राबी व कमियाँ’’ नज़र आने लगी  है। और अब उसमें वर्तमान केन्द्र की सरकार ने ‘‘राज्यों के मुख्यमंत्रियों व सभी राजनैतिक दलों एवं किसान संगठनों आदि से विचार-विमर्श‘‘ किये बिना ही अर्थात इनकी बिना ¬आम सहमति के ही ‘‘सन् 2013’’ के बने ‘‘राष्ट्रीय भूमि अधिग्रहण कानून’’ में, अनेकों किसान विरोधी संशोधन कर दिये हैं, जिसको लेकर पूरे देश का किसान इस समय ‘‘काफी ज्यादा गुस्से में है व आन्दोलित भी है’’ जिसकी वजह से अब श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार, इस व्यापक जन-दबाव में आकर, जिन ‘‘9 संशोधनों’’ की बात करने लगी है वे बहुत ही मामूली व कम प्रभाव वाले संशोधन है। ऐसी स्थिति में इनके इस तानाशाही वाले रवैये से दुःखी होकर अब देश के कई बड़े किसान संगठनों को अपने इन्साफ के लिए ‘‘माननीय सुप्रीम कोर्ट‘‘ में भी जाना पड़ा है।
इसके अलावा पिछले महीने ‘‘दिनांक 22 मार्च सन् 2015‘‘ को, अपनी ‘‘मन की बात‘‘ के कार्यक्रम में किसानों की समस्याओं व खासकर ‘भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक’’ को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने, अपनी ‘‘मन की बात‘‘ तो एकतरफा जरूर कह दी है। लेकिन इसके साथ-साथ श्री मोदी को विशेषतौर से भूमि अधिग्रहण के मामले में ‘‘किसानों के मन‘‘ की भी बात को समझकर उस पर भी इनको जरूर अमल करना चाहिये। अर्थात ‘‘भूमि-अधिग्रहण’’ के मामले में यहाँ देश का किसान अपने मन से क्या चाहता है? उसे भी इनको जरूर स्वीकार कर लेना चाहिये। वर्ना इनका यह ‘‘मन की बात’’ का कार्यक्रम फिर यह केवल इनकी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का व साथ ही, देश की जनता को भी गुमराह आदि करने का ही यह एक माध्यम माना जायेगा।
इतना ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश सहित देश के कुछ अन्य और राज्यों में भी ‘‘बेमौसमी बरसात व ओले आदि पड़ने‘‘ की मार से पीडि़त किसानों की आर्थिक मदद करने के मामले में भी केन्द्र के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी अभी तक जो भी ‘‘घोषणायें‘‘ की है तो उनके जल्दी व समय से लागू कराने की तरफ भी इन्होंने पूरे ठीक ढंग से ध्यान नहीं दिया है। जबकि इस मामले में हमारी पार्टी का यह कहना है कि इसके लिए सबसे पहले केन्द्र व राज्य सरकारों को, वर्तमान में ‘‘मुआवजा‘‘ तय करने की जो इस समय प्रक्रिया व सिस्टम चल रहा है तो उसे इनको तुरन्त ही बदलना होगा। वरना यहाँ पीडि़त किसानों को, इनकी आयेदिन नई-नई घोषित की जा रही योजनाओं व घोषणाओं आदि का कोई विशेष आर्थिक लाभ मिलने वाला नहीं है। और खासकर उत्तर प्रदेश में तो सपा सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक मदद को लेकर अभी तक अधिकांश यहाँ ‘‘कोरी कागजी घोषणायें‘‘ ही की जा रही हैं जिसके कारण प्रदेश का किसान काफी ज्यादा दुःखी व परेशान भी हैं और इससे अब यहाँ काफी किसानों की मृत्यु तक भी हो गई है।
इसके साथ ही हमारी पार्टी का यह भी कहना है कि देश के प्रभावित राज्यांे में जिन किसानों ने अपनी खेती के लिए, ‘‘बैंकों व साहूकारों‘‘ आदि से कर्जा लिया है तो उसे माफ करने के लिए भी केन्द्र व राज्य सरकारों को अलग से कुछ ना कुछ ठोस कदम जरूर उठाने होंगे। और इस मामले में यहाँ उत्तर प्रदेश सपा सरकार को भी इनकी मदद के लिए जरूर आगे आना चाहिये। इसके साथ-साथ यहाँ हमारी पार्टी का यह भी कहना है कि इस संकट की घड़ी में पीडि़त किसानों के साथ में केन्द्र व राज्य सरकारों को, किसी भी प्रकार से ‘‘जातिगत व राजनैतिक द्वेष‘‘ की भावना से कार्य नहीं करना चाहिये।
संक्षेप में अब हमारी पार्टी का खासकर केन्द्र की भाजपा के नेतृत्व में चल रही एन.डी.ए. सरकार के बारे में यही मानना है कि वर्तमान में केन्द्र में कुल मिलाकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार व उनकी पार्टी का जो चाल चरित्र व चेहरा है, अर्थात् नीतियां व कार्यशैली है, वह कहीं से भी गरीब व किसान-हितैषी नहीं लगता है, बल्कि यह पूर्ण रुप से गरीब व किसान एवं आमजन-विरोधी तथा हर प्रकार से बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों आदि का ही हितैषी लगता है, जिनका ’’पर्दाफाश’’ करने के लिये ही अब हमारी पार्टी ने पूरे देशभर में देश-व्यापी आन्दोलन करने का फैसला लिया हैं, और इस देश-व्यापी आन्दोलन के पहले चरण के तहत् सर्वप्रथम हमारी पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर दिनांक 27 अप्रैल सन् 2015 को, प्रातः 11 बजे से विशाल धरना-प्रदर्शन किया जायेगा। इस धरना-प्रदर्शन के तीन मुख्य मुद्दे होंगे। पहला मुद्दा-केन्द्र की वर्तमान सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून में किसानों के हितों की अनदेखी करके, किये गये संशोधन व दूसरा मुद्दा-उत्तर प्रदेश में ‘‘बेमौसमी बरसात एवं ओले‘‘ आदि पड़ने की हुई इस कुदरती मार से पीडि़त किसानों की आर्थिक मदद करने के मामले में केन्द्र के साथ-साथ यहाँ उत्तर प्रदेश की सपा सरकार द्वारा भी इनकी अधिकांश की जा रही उपेक्षा तथा तीसरा मुद्दा-पिछले 3 वर्षों से यहाँ उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में आयेदिन ‘‘खराब व दयनीय‘‘ होती जा रही ‘‘कानून-व्यवस्था‘‘ एवं विकास के नाम पर अधिकांश की जा रही ‘‘हवाई घोषणायें‘‘ आदि के विरोध में यह ‘‘विशाल धरना-प्रदर्शन‘‘ आयोजित किया जायेगा।
इसके साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में भी, इस आन्दोलन के प्रथम चरण में इसी ही पैटर्न पर चलकर दिनांक 02 मई सन् 2015 को प्रातः 11 बजे से विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया जायेगा। इसके बाद फिर इस देशव्यापी आन्दोलन के दूसरे चरण की ‘‘रूपरेखा‘‘ इसी ही महीने 20 अप्रैल से फिर से शुरू हो रहे ‘‘संसद सत्र‘‘ के दौरान खासकर भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल पर केन्द्र की सरकार के ‘‘स्टैण्ड व रूख‘‘ को देखकर ही तैयार की जायेगी। और अब मैं पूरे देश में व खासकर उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के लोगांे से यह पुरजोर अपील है कि वे किसान हित में व साथ ही अपने प्रदेश के लोगांे के हितों में भी अपनी पार्टी के प्रथम चरण के इस ‘‘देश-व्यापी आन्दोलन‘‘ को तन, मन, धन से सहयोग देकर, इसे जरूर सफल बनायें। इसके साथ ही, इस आन्दोलन की विस्तार से जानकारी देने व इसकी तैयारी एवं इसे पूर्णरूप से कामयाब बनाने के लिए आज ही मैंने उत्तर प्रदेश के पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों की, पार्टी प्रदेश कार्यालय लखनऊ में सायं 3 बजे से, एक अति महत्वपूर्ण बैठक भी बुलायी हुई हूँ और इसके बाद फिर मैंने कल 16 अप्रैल को भी उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी अन्य सभी राज्यों के पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों की भी लखनऊ में ही पार्टी प्रदेश कार्यालय में प्रातः 11 बजे से बैठक बुलायी हुई हूँ और इन दोनों खास बैठकों को मैं खुद ही लेने वाली हूँ, ताकि इस आन्दोलन की जरूरत व इसके महत्व को भी हमारी पार्टी के लोग ठीक ढंग से समझ सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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घूम धाम से मनाया गया बाबा साहब का 125 वां जन्म दिन

Posted on 15 April 2015 by admin

स्थानीय दीवानी कचहरी में दलित चेतना के मसीहा और भारतीय सम्विधान के प्रमुख शिल्पी बाबा साहब भाीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयन्ती धूम धाम से मनाई गई जिसमें अधिवक्ताओं के अलावा कई समाजसेवी व बुद्धिजीवी भी शामिल हुए। इस अवसर पर कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए सिविल जज जूनियर डिवीजन फरेन्दा डाक्टर सुनील कुमार सिंह ने कहा कि बाबा साहब एक महान विधि वेत्ता , बौद्ध पुनरुत्थानवादी होने के साथ ही भारतीय सम्विधान के प्रमुख वास्तुकार भी रहे।एक दलित परिवार में जन्म लेकर विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए भी उन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर न केवल विदेश में शिक्षा ग्रहण किया वल्कि राजनीति , अर्थशास्त्र और कानून में डाक्टरेट की डिग्री हासिल किया।
उन्होंने कहा कि इवाल्युशन आफ प्राविन्शियल फाइनेन्स इन ब्रिटिश इन्डिया ,प्राब्लेम्स आफ द रूपी तथा थाट्स आन  पाकिस्तान आदि बाबा साहब के द्वारा लिखी प्रमुख पुस्तकें हैं जो बाबा साहब के बहु आयामी व्यक्तित्व की परिचायक हैं। वे हिन्दू समुदाय में प्रचलित अस्पृश्यता और दलितों के साथ अमानवीय व्यवहार के ही धुर विरोधी नहीं रहे वल्कि इस्लाम और दक्षिण एशिया में उसकी रीतियों खासकर बाल विवाह और बहु विवाह के कारण महिलाओं के साथ होने वाले दुव्र्यवहार के मुखर आलोचक रहे। बाबा साहब की विद्वत्ता के कारण ही उन्हें सम्विधान निर्मात्री समिति का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने भारतीय सम्विधान के निर्माण में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई। श्री सिंह ने कहा कि बाबा साहब ने पाकिस्तान की मांग का ही विरोध नहीं किया था वल्कि वे भारतीय सम्विधान में धारा 370 के जरिए कश्मीर को विशोष दर्जा दिए जाने के भी खिलाफ रहे।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि भन्ते धम्म प्रिय ने लोगों को सम्बोधत करते हुए भगवान बुद्ध के पंचशील सिद्धान्त पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि ए सभी के लिए हें और इन नियमों का पालन करके कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है।  उन्होंने बाबा साहब को महामानव की संज्ञा दिया और उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर ही उन्हें सही मायने में श्रद्धा सुमन अर्पित किया जा सकता है। अधिवक्ता डी एन चतुर्वेदी ने कहा कि उन्नीसवीं सदी का उत्तरार्ध कई महान विभूतियों के जन्म का साक्षी रहा। इन्हीं में एक बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर भी रहे।  हिन्दू समाज में दलितों के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार से दुखी बाबा साहब ने दलितों को अपने हक के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए दलित चमतना को जागृत करने में उनकी भूमिका उन्हें सही मायने में दलितों का मसीहा बना दिया।
अधिवक्ता ओ पी पाण्डेय , रवीन्द्रनाथ उपाध्याय , मुकेश सिन्हा , जदयू नेता विजय सिंह एडवोकेट , प्रेम सिंह , अशोक कुमार पाण्डेय , मुहम्मद हई , श्रीपति प्रसाद , संग्राम प्रसाद , बन क्षेत्राधिकारी फरेन्दा रामदेव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए और बाबा साहब के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। इससे पूर्व बौद्ध भिक्षु भन्ते धम्म प्रिय की अगुआई में भगवान बुद्ध और बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण के बाद केक काटकर बाबा साहब का 125वां जन्म दिन मनाया गया। इस अवसर पर सुधेश मोहन श्रीवास्तव,शैलेन्द्र श्रीवास्तव , सुधाकर पाण्डेय,रामजीत प्रसाद , प्रदीप मौर्य, शम्भू , अनिल कुमार , राजेश यादव, अरविन्द उपाध्याय सहित भारी संख्या में अधिवक्ता व न्यायस कर्मी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शम्भू यादव के द्वारा किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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