Archive | March, 2015

राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है: मुख्यमंत्री

Posted on 23 March 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि यहां के खिलाड़ी देश व विदेश में राज्य का नाम रौशन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर 13वीं राजीव गांधी स्लम साॅकर नेशनल चैम्पियनशिप की विजेता टीम उत्तर प्रदेश के प्रोत्साहन एवं अलंकरण समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 13वीं राजीव गांधी स्लम साॅकर नेशनल चैम्पियनशिप की विजेता टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को 1 लाख रुपए का चेक व किट तथा तत्व फाउण्डेशन को 5 लाख रुपए का चेक प्रदान किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर नेशनल चैम्पियनशिप की विजेता टीम व मुख्यमंत्री इलेवन के बीच एक प्रदर्शनी फुटबाॅल मैच भी खेला गया। मैच में सीएम इलेवन ने चैम्पियन टीम को 4 के मुकाबले 5 गोलों से हरा दिया। खेल के दौरान मुख्यमंत्री ने शानदार प्रदर्शन किया। इसके लिए उन्हें मैन आॅफ द मैच व बेस्ट प्लेयर का पुरस्कार दिया गया। उदीयमान खिलाड़ी का पुरस्कार सांसद श्री तेज प्रताप सिंह यादव को दिया गया। बेस्ट गोलकीपर का पुरस्कार प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल को तथा बेस्ट डिफेण्डर का पुरस्कार सचिव मुख्यमंत्री श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा को दिया गया।
ज्ञातव्य है कि 13वीं राजीव गांधी स्लम साॅकर नेशनल चैम्पियनशिप का आयोजन नागपुर में 13 से 15 फरवरी, 2015 के बीच किया गया था, जिसमें 16 राज्यों की टीमों ने हिस्सा लिया था। फाइनल मुकाबले में प्रदेश की टीम ने पश्चिम बंगाल की टीम को 5-0 से शिकस्त दी थी। इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ स्कोरर का पुरस्कार श्री सद्दाम हुसैन को दिया गया था, जिन्होंने 32 गोल किए थे।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 की विजेता टीम व सीएम इलेवन की टीम से परिचय प्राप्त किया। सीएम इलेवन की ओर से कप्तान श्री अखिलेश यादव के अलावा श्री तेज प्रताप सिंह यादव, श्री नवनीत सहगल, श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, श्री उमेश गुप्ता, श्री ललित पटेल, श्री सुभाष मिश्रा, श्री भुवनेश कुमार, श्री राजशेखर, श्री आर0पी0 सिंह, श्री रूमी भाई व श्री सैम ने हिस्सा लिया। उ0प्र0 स्लम की ओर से कप्तान श्री सद्दाम हुसैन, श्री सरफराज आलम, श्री नितेश कुमार सैनी, श्री कमरूद्दीन अंसारी, श्री आकाश पासवान, श्री संतोष कुमार, श्री अभिषेक चैहान, श्री वैभव प्रताप सिंह व श्री निशांत सैनी ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी व सांसद श्रीमती डिम्पल यादव उपस्थित थीं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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आचार्य नरेन्द्र देव स्मृति भू-अधिग्रहण बिल 2015 विरोधी पदयात्रा

Posted on 23 March 2015 by admin

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से काशी विद्यापीठ तक छात्रों-प्रोफेसरों-नागरिकों की पदयात्रा
नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अपने विवादास्पद भू-अधिग्रहण अध्यादेश, 2014, में नौ संशोधनों के तथा 13 ऐसे कानूनों को भू-अधिग्रहण बिल के अंतर्गत लाना जिनके तहत भू-अधिग्रहण हो सकता है लेकिन वे पहले बाहर रखे गए थे के बावजूद इस बिल का मूल चरित्र किसान विरोधी ही बना हुआ है। इसलिए हम तमाम जन संगठन, राजनीतिक दल व छात्र, प्रोफेसर व नागरिक इसका विरोध करते हैं और मांग करते हैं निम्न कारणों से इसे अस्वीकृत किया जाए।

ऽ    भले ही सरकार अपने लिए ही भूअर्जन करे किंतु 70 प्रतिशत किसानों की सहमति के प्रावधान को खत्म करना गलत है।
ऽ    बिना सामाजिक प्रभाव आंकलन के भू-अधिग्रहण नहीं होना चाहिए।
ऽ    स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा रहा है कि सिंचित बहुफसली जमीन अधिग्रहित नहीं की जाएगी, जो खाद्य सुरक्षा के लिए जरूरी है।
ऽ    प्रत्येक विस्थापित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात पहले भी रही है किंतु भारत में अभी तक किस परियोजना में ऐसा हुआ है? जो बात कही नहीं जाती वह है कि योग्यता होने पर हीे नौकरी मिलेगी।
ऽ    पांच साल तक भूमि का कोई उपयोग न होने पर वह किसान को लौटा दी जाएगी को संशोधन में शामिल नहीं किया गया है।
ऽ    औद्योगिक गलियारे के नाम सड़क या रेल लाइन के दोनों तरफ 1 कि.मी. भूमि जो कितना भी लम्बा हो सकता है ली जा सकती है।
ऽ    सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश कि मुआवजा न्यायालय में या बैंक खाते में दिया जाए अब अनिवार्य नहीं है।
ऽ    यदि कोई अधिकारी कुछ गलत करता है तो उसके विभाग की अनुमति के बगैर उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो सके इस प्रावधान को भी शामिल नहीं किया गया है।

यानी सरकार ने अधिनियम में सुधार के नाम पर इसे और जन विरोधी बना दिया है। यदि सरकार को जमीन चाहिए ही तो पहले से अधिग्रहित जमीन, विशेष आर्थिक क्षेत्र के नाम पर अधिग्रहित जमीन, बंद पड़े उद्योगों की जमीन, रेल, सेना व अधिकारियों के अंग्रेजों के जमाने में बने बंगलों की अतिरिक्त जमीनें पहले ली जाएं।

किसान विरोधी भू-अधिग्रहण बिल को वापस करवाने की मांग को लेकर आचार्य नरेन्द्र देव, जो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय व काशी विद्यापीठ दोनों के ही कुलपति रहे, की स्मृति में एक पदयात्रा का आयोजन किया गया।

इस यात्रा में गुमटी व्यवसायी कल्याण समिति, साझा संस्कृति मंच, जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय, लोक समिति, प्राकृतिक कृषि अभियान, इंडियन पीपुल्स फ्रंट, भगत सिंह छात्र मोर्चा, समाजवादी जन परिषद, सोशलिस्ट छात्र सभा, सोशलिस्ट किसान सभा व सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के सदस्यों और आम छात्र, प्रोफेसरों व नागरिकों ने भाग लिया। उन्नाव जिले से सोशलिस्ट किसान सभा के प्रदेष संयोजक अनिल मिश्र विषेष रूप से इस यात्रा में भाग लेने आए थे।

अनिल मिश्र ने कहा कि किसान की जिदंगी बद से बदत्तर होती जा रही है। उसकी जमीन को छीनना उसकी आजादी के साथ खिलवाड़ है। वर्तमान सरकार अंग्रजों के जुल्म को भी पीछे छोड़ना चाहती है। किसान तो पहले से ही पीडि़त है। उसको अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलता, खाद, पानी मिलने में दिक्क्त आती है, प्रकृति के प्रकोप का शिकार बनता है और कर्ज न चुका पाने पर आत्महत्या भी कर लेता है। जिस विकास में किसान की भागीदारी होनी चाहिए वह उसकी कीमत पर क्यों किया जाना जरूरी है?

काषी विद्यापीठ के प्रोफेसरों राम प्रकाष द्विवेदी, अनिल उपाध्याय, संजय, रमन पंत व काषी हिन्दू विष्वविद्यालय से डाॅ. संदीप पाण्डेय ने इस आयोजन में भाग लिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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जल संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन ;अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी ने यमुना मुक्तीकरण अभियान के आंदोलन का समर्थन कियाद्ध

Posted on 23 March 2015 by admin

मार्च विश्व जल दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के तत्वाधान मैं पश्चिमपुरी में जल संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे समाज के जल प्रेमियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी ने यमुना मुक्तीकरण अभियान के तहत यमुना नदी की सफाई व इसमें अविरल जल प्रवाह की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन का समर्थन किया। और केन्द्र सरकार से हथिनीकुंड बैराज से यमुना जल की एक अविरल धारा छोड़ने की मांग की।
जल संरक्षण संगोष्ठी मैं अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के सम्पादक मानसिंह राजपूत विचार व्यक्त करते हुये कहा कि सृष्टि की रचना के साथ ही प्रकृति ने हमें निर्बाध रूप से हवा, पानी व प्रकाश प्रचुरता में उपलब्ध कराया है। प्राणी मात्र के लिए प्रकृति प्रदत्त पंचतत्व अमूल्य हैं। सृष्टि रचना में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। अतः प्रकृति के नियमों के तहत ही हमें इनका उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा की देश में पानी की कमी नही है, बल्कि इसके संरक्षण एवं रखरखाव के लिये पारम्परिक तरीके जैसे तालाब, बावडिया आदि को पुनर्जीवित कर तथा शहरों के अन्धाधुन्द विकास पर नियन्त्रण करते हुये ग्रामीण विकास की नीति को अपनाते हुए इसके संरक्षण सम्वर्धन की नीति समग्र बनायी जाए।
अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसम्पादक ब्रहमानंद राजपूत ने कहा की विश्व जल दिवस दिन है पानी बचाने के संकल्प का दिन। पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन। आँकड़े बताते हैं कि विश्व के 1.5 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नही मिल रहा है। प्रकृति जीवनदायी संपदा जल हमें एक चक्र के रूप में प्रदान करती है, हम भी इस चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। चक्र को गतिमान रखना हमारी जिम्मेदारी है, चक्र के थमने का अर्थ है, हमारे जीवन का थम जाना। प्रकृति के खजाने से हम जितना पानी लेते हैं, उसे वापस भी हमें ही लौटाना है। हम स्वयं पानी का निर्माण नहीं कर सकते अतः प्राकृतिक संसाधनों जैसे हमारी प्रमुख नदिया गंगा, यमुना को दूषित न होने दें और पानी को व्यर्थ न गँवाएँ यह प्रण लेना आज के दिन बहुत आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने भूमिगत जल स्तर की निरन्तर कमी पर भी चिंता व्यक्त की।
ब्रहमानंद राजपूत ने कहा कि आगरा में यमुना को स्वच्छ बनाए रखने और उसके संरक्षण के लिए जरूरत है एक दृढ संकल्प की। यमुना का आधार धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक है। इस नदी का गौरवशाली इतिहास रहा है, इसलिए यमुना को प्रदूषण मुक्त कर उसकी गरिमा लौटने की मुहिम यमुना किनारे बसे हुये लोगों को चलानी चाहिये जिससे की देश की अंधी सरकारों का इस ओर ध्यान आकर्षित हो सके। उन्होंने देशभर के सभी बुध्दजीवियों से कहा है कि वे यमुनातट पर बसे लोगों को यमुना की दुर्दशा के बारे में बताएं और उन्हें जागरूक करें। बडे उद्योगों और शहरों की गंदगी और प्रवाह पथ में गतिरोध यमुना प्रदूषण का बडा कारण है। यमुना की धारा को अविरल, निर्मल तथा आचमन लायक बनाने का जिन संतों ने बीडा उठाया है उनका सभी ब्रजवासियो को तन मन धन से समर्थन करना चाहिए। यमुना करोडों लोगों की प्यास बुझाती है और लाखों लोगो को रोजगार देती है आज जल दिवस के दिन सभी लोगों को जल संरक्षण के साथ-साथ यमुना संरक्षण का संकल्प लेना चाहिये।
पवन राजपूत ने जोर देते हुए कहा की समय आ गया है जब हम वर्षा का पानी अधिक से अधिक बचाने की कोशिश करें। बारिश की एक-एक बूँद कीमती है। इन्हें सहेजना बहुत ही आवश्यक है। यदि अभी पानी नहीं सहेजा गया, तो संभव है पानी केवल हमारी आँखों में ही बच पाएगा। पहले कहा गया था कि हमारा देश वह देश है जिसकी गोदी में हजारों नदियाँ खेलती थी, आज वे नदियाँ हजारों में से केवल सैकडों में ही बची हैं। कहाँ गई वे नदियाँ, कोई नहीं बता सकता। नदियों की बात छोड दो, हमारे गाँव-मोहल्लों से तालाब आज गायब हो गए हैं, इनके रख-रखाव और संरक्षण के विषय में बहुत कम कार्य किया गया है।
समाज सेवी बाबा दौलत राम ने कहा की पानी का महत्व भारत के लिए कितना है यह हम इसी बात से जान सकते हैं कि हमारी भाषा में पानी के कितने अधिक मुहावरे हैं। आज पानी की स्थिति देखकर हमारे चेहरों का पानी तो उतर ही गया है, मरने के लिए भी अब चुल्लू भर पानी भी नहीं बचा, अब तो शर्म से चेहरा भी पानी-पानी नहीं होता, हमने बहुतों को पानी पिलाया, पर अब पानी हमें रुलाएगा, यह तय है। सोचो तो वह रोना कैसा होगा, जब हमारी आँखों में ही पानी नहीं रहेगा? वह दिन दूर नहीं, जब सारा पानी हमारी आँखों के सामने से बह जाएगा और हम कुछ नहीं कर पाएँगे।
इसके साथ ही सभा मैं उपस्थित सभी लोगों से जल संरक्षण के लिए शपथ दिलाई गयी। संगोष्ठी मैं समाज के प्रमुख गण्मान्य व्यक्तियों सहित महिलाओं, बच्चों ने बडी तादाद मैं हिस्सा लिया। संगोष्ठी मैं अरबसिंह राजपूत, प्रभावसिंह, लवली लोधी, दुष्यंत राजपूत, मोरध्वज, लोकेश राजपूत, विष्णु लोधी, नीतेश लोधी, जीतेन्द्र, दीपक, राजवीर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

जल संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन ;अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी ने यमुना मुक्तीकरण अभियान के आंदोलन का समर्थन कियाद्ध
आगरा। 22 मार्च विश्व जल दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के तत्वाधान मैं पश्चिमपुरी में जल संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे समाज के जल प्रेमियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी ने यमुना मुक्तीकरण अभियान के तहत यमुना नदी की सफाई व इसमें अविरल जल प्रवाह की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन का समर्थन किया। और केन्द्र सरकार से हथिनीकुंड बैराज से यमुना जल की एक अविरल धारा छोड़ने की मांग की।
जल संरक्षण संगोष्ठी मैं अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के सम्पादक मानसिंह राजपूत विचार व्यक्त करते हुये कहा कि सृष्टि की रचना के साथ ही प्रकृति ने हमें निर्बाध रूप से हवाए पानी व प्रकाश प्रचुरता में उपलब्ध कराया है। प्राणी मात्र के लिए प्रकृति प्रदत्त पंचतत्व अमूल्य हैं। सृष्टि रचना में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। अतः प्रकृति के नियमों के तहत ही हमें इनका उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा की देश में पानी की कमी नही हैए बल्कि इसके संरक्षण एवं रखरखाव के लिये पारम्परिक तरीके जैसे तालाबए बावडिया आदि को पुनर्जीवित कर तथा शहरों के अन्धाधुन्द विकास पर नियन्त्रण करते हुये ग्रामीण विकास की नीति को अपनाते हुए इसके संरक्षण सम्वर्धन की नीति समग्र बनायी जाए।
अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसम्पादक ब्रहमानंद राजपूत ने कहा की विश्व जल दिवस दिन है पानी बचाने के संकल्प का दिन। पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन। आँकड़े बताते हैं कि विश्व के 1ण्5 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नही मिल रहा है। प्रकृति जीवनदायी संपदा जल हमें एक चक्र के रूप में प्रदान करती हैए हम भी इस चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। चक्र को गतिमान रखना हमारी जिम्मेदारी हैए चक्र के थमने का अर्थ हैए हमारे जीवन का थम जाना। प्रकृति के खजाने से हम जितना पानी लेते हैंए उसे वापस भी हमें ही लौटाना है। हम स्वयं पानी का निर्माण नहीं कर सकते अतः प्राकृतिक संसाधनों जैसे हमारी प्रमुख नदिया गंगाए यमुना को दूषित न होने दें और पानी को व्यर्थ न गँवाएँ यह प्रण लेना आज के दिन बहुत आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने भूमिगत जल स्तर की निरन्तर कमी पर भी चिंता व्यक्त की।
ब्रहमानंद राजपूत ने कहा कि आगरा में यमुना को स्वच्छ बनाए रखने और उसके संरक्षण के लिए जरूरत है एक दृढ संकल्प की। यमुना का आधार धार्मिकए आर्थिक और सांस्कृतिक है। इस नदी का गौरवशाली इतिहास रहा हैए इसलिए यमुना को प्रदूषण मुक्त कर उसकी गरिमा लौटने की मुहिम यमुना किनारे बसे हुये लोगों को चलानी चाहिये जिससे की देश की अंधी सरकारों का इस ओर ध्यान आकर्षित हो सके। उन्होंने देशभर के सभी बुध्दजीवियों से कहा है कि वे यमुनातट पर बसे लोगों को यमुना की दुर्दशा के बारे में बताएं और उन्हें जागरूक करें। बडे उद्योगों और शहरों की गंदगी और प्रवाह पथ में गतिरोध यमुना प्रदूषण का बडा कारण है। यमुना की धारा को अविरलए निर्मल तथा आचमन लायक बनाने का जिन संतों ने बीडा उठाया है उनका सभी ब्रजवासियो को तन मन धन से समर्थन करना चाहिए। यमुना करोडों लोगों की प्यास बुझाती है और लाखों लोगो को रोजगार देती है आज जल दिवस के दिन सभी लोगों को जल संरक्षण के साथ.साथ यमुना संरक्षण का संकल्प लेना चाहिये।
पवन राजपूत ने जोर देते हुए कहा की समय आ गया है जब हम वर्षा का पानी अधिक से अधिक बचाने की कोशिश करें। बारिश की एक.एक बूँद कीमती है। इन्हें सहेजना बहुत ही आवश्यक है। यदि अभी पानी नहीं सहेजा गयाए तो संभव है पानी केवल हमारी आँखों में ही बच पाएगा। पहले कहा गया था कि हमारा देश वह देश है जिसकी गोदी में हजारों नदियाँ खेलती थीए आज वे नदियाँ हजारों में से केवल सैकडों में ही बची हैं। कहाँ गई वे नदियाँए कोई नहीं बता सकता। नदियों की बात छोड दोए हमारे गाँव.मोहल्लों से तालाब आज गायब हो गए हैंए इनके रख.रखाव और संरक्षण के विषय में बहुत कम कार्य किया गया है।
समाज सेवी बाबा दौलत राम ने कहा की पानी का महत्व भारत के लिए कितना है यह हम इसी बात से जान सकते हैं कि हमारी भाषा में पानी के कितने अधिक मुहावरे हैं। आज पानी की स्थिति देखकर हमारे चेहरों का पानी तो उतर ही गया हैए मरने के लिए भी अब चुल्लू भर पानी भी नहीं बचाए अब तो शर्म से चेहरा भी पानी.पानी नहीं होताए हमने बहुतों को पानी पिलायाए पर अब पानी हमें रुलाएगाए यह तय है। सोचो तो वह रोना कैसा होगाए जब हमारी आँखों में ही पानी नहीं रहेगाघ् वह दिन दूर नहींए जब सारा पानी हमारी आँखों के सामने से बह जाएगा और हम कुछ नहीं कर पाएँगे।
इसके साथ ही सभा मैं उपस्थित सभी लोगों से जल संरक्षण के लिए शपथ दिलाई गयी। संगोष्ठी मैं समाज के प्रमुख गण्मान्य व्यक्तियों सहित महिलाओंए बच्चों ने बडी तादाद मैं हिस्सा लिया। संगोष्ठी मैं अरबसिंह राजपूतए प्रभावसिंहए लवली लोधीए दुष्यंत राजपूतए मोरध्वजए लोकेश राजपूतए विष्णु लोधीए नीतेश लोधीए जीतेन्द्रए दीपकए राजवीर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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मुख्यमंत्री ने मेरठ में 59634.872 लाख रु0 की परियोजनाओ का लोकार्पण व शिलान्यास किया

Posted on 23 March 2015 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की समृद्धि और विकास के प्रति समाजवादी सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए आज मेरठ में 59634.872 लाख रुपए की 60 परियोजनाओं का बटन दबाकर लोकार्पण व शिलान्यास किया। इसमें 15239.982 लाख रुपए की 35 योजनाओं का लोकार्पण तथा 44394.890 लाख रुपए की 25 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इन विकास योजनाओं से मेरठ जनपद सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश का विकास सम्भव होगा। उल्लेखनीय है कि ऐसी ही विकासपरक योजनाएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में भी संचालित की जा रही हैं, जिनसे इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित सद्भावना रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेरठ का पुराना इतिहास रहा है। 1857 की क्रान्ति की प्रथम ज्योति इसी पावन धरा से प्रज्ज्वलित हुई थी। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई सभी धर्मों के लोगों ने एक साथ मिलकर लड़ी है, इसी सद्भावना के चलते भारत को आजादी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि सद्भावना व भाईचारा ही हमारे देश की ताकत है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी एकता और भाईचारा व सद्भावना को हर कीमत पर बनाए रखना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का संविधान हमारी ताकत है और हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि आज देश में कुछ ताकतें समाज में भेदभाव कर लाभ उठाने का काम कर रही है, लेकिन समाजवादी सरकार ऐसी ताकतों को करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि जनता खुशहाली चाहती है और राज्य सरकार प्रदेश को खुशहाली की तरफ ले जा रही है। समाजवादी सरकार ने हर वर्ग और जाति के लिये उनके बीच में जाकर काम किए हैं और कर रही है। उन्होंने कहा कि नौजवान इस देश और प्रदेश की ताकत है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय युवाओं का होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में युवाओं की संख्या अधिक है। हमें उनके लिये काम करना होगा, उनको जोड़ना होगा, ताकि हमारे युवा सही दिशा में चल सके।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने लैपटाॅप बांटकर ग्रामों की युवा पीढ़ी को नई तकनीकी से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने हमेशा किसानों के हित मे कार्य किए हैं। वह सोचती है कि किसानों को और अधिक सुविधा मिलें, जिससे हमारे किसान और अधिक खुशहाल बन सके। उन्होंने कहा कि इस वर्ष को हम ‘किसान वर्ष’ के रूप में मना रहे हैं और हम हर फैसला किसानों के हक में लेंगे। उन्होंने कहा कि हम किसानों की पूरी मदद करेंगे पूरी सुविधा देंगे।
श्री यादव ने कहा कि वर्षा और ओलावृष्टि से प्रदेश में किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के गन्ने मूल्य के भुगतान की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि गन्ना किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान हो, चीनी मिलें चलें और चीनी के दाम भी न बढें़। उन्होंने कहा कि गत वर्ष भी उन्होंने बजट में 700 करोड़ रुपए की व्यवस्था कर गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान किया था और इस वर्ष भी बजट में गन्ने मूल्य के भुगतान की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में युवा व किसान को कैसे खुशहाल बनाया जाए, ये सबसे बड़ी चुनौती होगी। हम लगातार किसानों के हक में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने नीतियां बनाकर प्रदेश में विद्युत का उत्पादन बढ़ाने के लिये प्लाण्ट लगाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है तथा वर्ष 2016 में ग्रामों में 16 घण्टे व शहरों में 22 से 24 घण्टे की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं और इसके लिये हम सब स्टेशन बनाने के कार्य में जुटे हुए है। श्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर भी काफी कार्य किया है और इससे जनता को काफी लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी एम्बुलेंस सेवा की तर्ज पर ही पुलिस भी सूचना मिलने पर 15 मिनट के अन्दर घटनास्थल पर पहुंचे, ऐसी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिये वह पुलिस को संसाधन युक्त बनाया जा रहा है, जिसमें उनके लिये मोटर साइकिल व आधुनिक गाडि़यों को क्रय किया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार गरीबों के लिये भी हर सम्भव कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 40 लाख गरीब परिवारों को 500 रुपए प्रतिमाह की दर से समाजवादी पेंशन प्रदान करन का कार्य किया है, जिससे जहां गरीब परिवारों को आर्थिक सहयोग मिलेगा तथा वहीं उनका मान सम्मान भी बढ़ेगा। उन्होंने प्रदेश में बुनकरों की चर्चा करते हुए कहा कि वह प्रदेश के बुनकरों के लिये भी तेजी से कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि बुनकरों के लिये प्रदेश के तीन बड़े शहरों लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद में 600 करोड़ रुपए की लागत से बुनकर बाजार बनाए जाएंगे, जिसमें बुनकरों को मुफ्त में स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि उनको बाजार की एक अच्छी सुविधा प्राप्त हो सके। उन्होंने दुग्ध उत्पादन पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार दूध का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में भी कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अमूल द्वारा भी प्रदेश में तीन प्लाण्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि कामधेनु व मिनी कामधेनु योजना के तहत प्रदेश के लोगों को ब्याज रहित ऋण प्रदान किया जा रहा है, जो दुग्ध उत्पादन की दिशा में एक अच्छा कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सड़कों में सुधार ला रही है। दिल्ली को जोड़ने वाले दिल्ली-सहारनपुर मार्ग को शीघ्र पूरा कराया जाएगा। इसी प्रकार लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर भी तेजी से कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सहित्यकारों, खिलाडि़यों, पहलवानों व हुनरमन्दों का सम्मान कर रही है। उन्होंने बताया कि एक बच्चे ने लकड़ी की मेट्रो तैयार की है, उनको सम्मानित करते हुए उसको प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार युवाओं को प्रोत्साहित कर रही है, जिसके तहत प्रदेश में बड़ी संख्या में पुलिस में भर्तियां की गई हैं तथा आगे भी भर्ती की प्रक्रिया चलती रहेगी। साथ ही जिन विभागों में भर्ती पर रोक लगी लगी थी, वह रोक हटा दी गयी है तथा वहां भी युवाओं को नौकरी प्रदान की जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार हर वर्ग और हर व्यक्ति को सम्मान प्रदान कर रही है और इसी दिशा में प्रदेश सरकार ने श्रवण यात्रा शुरू की है। उन्हांेने कहा कि हस्तिनापुर में नैनसिंह व हातमसिंह के नाम से शीघ्र ही पार्क व स्मारक बनवाएगी। मुख्यमंत्री ने शानदार सद्भावना रैली के आयोजन के लिये श्री अतुल प्रधान को बधाई दी।
इस अवसर पर मंत्रिगण, विधायकगण व अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि

Posted on 23 March 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि प्रदेश के जन सामान्य के स्वस्थ जीवन के लिए शुद्ध वातावरण का सृजन आवश्यक है। इसके लिए जहां पर्यावरणीय प्रदूषण का त्वरित गति से नियंत्रण आवश्यक हैं वहीं पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से वन और पौधारोपण भी अपरिहार्य हैं। यह इसलिए भी आवश्यक है कि पर्यावरण असंतुलन से मानवजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहे है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव स्वयं पर्यावरण विशेषज्ञ हैं, इसलिए उनकी ओर से प्रदेश में पर्यावरण सुधार की अनेक योजनाएं चलाई गई हैं।
पर्यावरण प्रदूषण की समस्याएं जटिल चुनौतियां बनकर खड़ी हो रही हैं। वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे दमा, खांसी, एलर्जी, क्षयरोग, कैंसर आदि में वृद्धि हो रही है। वायु प्रदूषण से तापमान और घातक विकरण में वृद्धि हो रही है। औद्योगिक उत्प्रवाह और नगरीय सीवेज के कारण जल प्रदूषण की गम्भीर समस्या होती है। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के असंतुलित प्रयोग से खाद्य पदार्थो में जहर का असर होने लगता है।
प्रदेश में पूर्व से स्थापित कारखानों से निकलनेवाले औद्योगिक स्राव के शुद्धिकरण हेतु ईटीपी संयत्र की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में नए उद्योगों के संचालन से पूर्व परिसर में हरित पट्टिका का विकास सुनिश्चित कराया जा रहा है। प्रदेश के समस्त जनपदो में हरित पट्टिका के विकास हेतु  पौधारोपण करके सिंचाई और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। इस कार्य में वन क्षेत्रों और उसके आसपास रहनेवाले व्यक्तियों का सहयोग भी हासिल किया जा रहा है।
लखनऊ में गोमती नदी को साफ सुथरा और आसपास के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2015-16 के बजट में 400 करोड़ रूपए की व्यवस्था की है। वे स्वयं भी इस योजना में गहरी रूचि ले रहे हैं। नगरीय क्षेत्रों में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट तथा सीवेज ट्रीटमेंट की योजनाओं के लिए 100 करोड़ रूपए बजट में रखे गए है। जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या के निराकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण का गठन किया गया है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों, विशेषकर वनों पर जैविक दबाव में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। वनों के विनाश के कारण सूखा एवं बाढ़ की विभीषिका बढ़ती जा रही है। अनेक वनस्पतियों एवं जंतु प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा उत्पन्न हो रहा है। पर्यावरणीय समस्या प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जनजीवन को प्रभावित कर रही है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव इस संबंध में विशेष रूप से सचेष्ट हैं कि पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के योजनाबद्ध ढंग से प्रभावी उपाय किए जाएं ताकि प्रदेश में वांछित विकास के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण एवं परिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। प्रदेश के समग्र विकास से ही आदर्श प्रदेश बन सकेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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महान समाजवादी चिंतक डा0 राममनोहर लोहिया का 105वाॅ जन्मदिवस 23 मार्च, 2015 को समारोहपूर्वक मनाया जाएगा।

Posted on 23 March 2015 by admin

महान समाजवादी चिंतक डा0 राममनोहर लोहिया का 105वाॅ जन्मदिवस 23 मार्च, 2015 को समारोहपूर्वक मनाया जाएगा। लोहिया ट्रस्ट और समाजवादी पार्टी के संयुक्त तत्वावधान में लोहिया पार्क, गोमतीनगर, लखनऊ में मुख्य समारोह 10 बजे होगा जिसमें मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव होंगे। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव इसमें विशिष्ट अतिथि होंगे।
लोहिया पार्क में आयेाजित समारेाह में वरिष्ठ समाजवादी नेता, विचारक तथा डा0 लोहिया के अनुयायी उनके जीवन-दर्शन पर विचार रखंेंगे। इस अवसर पर प्रो0 रामगोपाल यादव, सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव द्वारा लिखित ‘‘डा0 लोहिया और उनका समाजवाद’’ पुस्तक का विमोचन श्री मुलायम सिंह यादव करेंगे। पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।
कल लखनऊ में लोहिया अस्पताल, गोमतीनगर, लोहिया पार्क, चोैक, लोहिया ट्रस्ट, विक्रमादित्य मार्ग स्थित डा0 लोहिया की मूर्तियों पर भी माल्यार्पण होगा। इसके अलावा डा0 राममनोहर लोहिया जयंती के अवसर पर समाजवादी पार्टी, उत्तर प्रदेश के 19, विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ स्थित कार्यालय में नवनिर्मित डा0 लोहिया सभागार का लोकार्पण श्री मुलायम ंिसंह यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के द्वारा दिनंाक 23 मार्च, 2015 को सायंकाल 5Û30 बजे सम्पन्न होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि

Posted on 23 March 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि भाजपा के प्रदेश नेतृत्व को बिना किसी मुद्दे के बात का बतंगड बनाने का रोग हो गया है। उनकी यह सोच है कि झूठ के सहारे वे प्रदेश वासियों को भ्रमित कर सकेंगे। जबकि सच तो यह है कि झूठ के पैर नहीं होते हैं। उनकी राज्य सरकार के खिलाफ आन्दोलन की धमकी बेमानी है। जनता सब जानती है। उसे पता है कि किसानों के लिए घडि़याली आंसू बहाने वाले वे लोग हैं जिन्होंने कभी किसानों और गाॅवों को महत्व नहीं दिया। वे पूंजी घरानों के हित में ही नीतियां बनाते रहे।
मौसम की मार से किसान परेशान हुए हैं पर संकट के इस समय में उनके दर्द की राजनीतिक रोटी सेंकना नितांत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। गन्ना किसानों के बीच भड़काऊ बयानबाजी करने वालों के चेहरों से जनता परिचित है जो हमेशा मिल मालिकों के पक्ष में खड़े दिखाई देते रहे हैं। विडम्बना है कि किसानों के बेहतरी के लिए समाजवादी पार्टी प्रारम्भ से ही संघर्ष करती रही है। उसकी प्राथमिकता मेें किसान और गाॅव रहे हैं, जिनके लिए उत्तर प्रदेश के वर्ष 2015-16 के बजट में 75 प्रतिशत धनराशि का प्राविधान किया गया है।
यह समझ में नहीं आता है कि विपक्षी किस माॅग को लेकर किसानों के नाम पर आंदोलन करने का स्वांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त किसानों के लिए तत्काल राहत की घोषणा की। वर्षा और ओलावृष्टि से हुई क्षति की भरपाई के लिए किसानों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रूपए की व्यवस्था की है। ढाई करोड़ किसानों को 05 लाख रूपए किसान बीमा का लाभ दिया है। समाजवादी सरकार ने 7,57,000 किसानों को 1779 करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया है।
गन्ना किसानों के हितों की समाजवादी सरकार को हमेशा चिंता रही है। मुख्यमंत्री जी ने गन्ना किसानों को समर्थन मूल्य में 40 रूपए पहले से बढ़ाकर दिया। गत वर्ष समाजवादी सरकार के बजट में 700 करोड़ रूपए की व्यवस्था कर गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया था। वर्ष 2015-16 के बजट में गन्ना बकाया के भुगतान हेतु 125 करोड़ रूपए तथा गन्ना समितियांे को सोसायटी कमीशन की प्रतिपूर्ति हेतु 442 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है।
उत्तम कोटि के गन्ना बीज परिवर्तन का एक वृहत कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसके परिणाम आने शुरू हो गये हैं। वर्ष 1975-76 में स्थापित तथा 2007-08 से बंद सहकारी चीनी मिल सठियांव के स्थान पर 3500 टी0सी0डी0 क्षमता की नई चीनी मिल में कोजनरेशन एवं आसवनी प्लांट की स्थापना हेतु 250 करोड़ रूपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है, जिससे वहाॅ के गन्ना किसान समृद्ध हो सकें तथा क्षेत्र का आर्थिक विकास हो।
समाजवादी सरकार की प्राथमिकता में चूंकि किसान हैं, इसलिए उन्हें हर तरह की सुविधा दिलाने का प्रयास हो रहा है। श्री अखिलेश यादव ने वर्ष 2015-16 को ‘‘किसान वर्ष’’ घोषित किया गया है। किसानों को कम व्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए 150 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है। भूमि सेना योजना हेतु 114 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है। चीनी के भावों में लगातार गिरावट आने के बावजूद सरकार ने गन्ना किसानों के हितों की रक्षा की है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के इन किसान कल्याणकारी कदमों के बावजूद भी जो आंदोलन की बातें कर रहे हैं वे किसानों के शुभचिंतक कैसे हो सकते हैं ?

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उ0प्र0 कंाग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के सलाहकार परिषद की बैठक

Posted on 23 March 2015 by admin

उ0प्र0 कंाग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के सलाहकार परिषद की बैठक कल दिनांक 23मार्च,2015 को प्रदेश कंाग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन हाजी सिराज मेंहदी, पूर्व एमएलसी द्वारा उ0प्र0 कंाग्रेस मुख्यालय में आहूत की गयी है। बैठक को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री, पूर्व सांसद सम्बोधित करेंगे। बैठक में अ0भा0 कंाग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन श्री खुर्शीद अहमद सैय्यद भी मौजूद रहेंगे।
आपसे सादर अनुरोध है कि उपरोक्त बैठक के कवरेज हेतु आप अपने समाचारपत्र/विभाग की ओर से अपना सम्मानित छायाकार/कैमराटीम भेजने की कृपा करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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विस्तार की बड़ी अतंर्राश्ट्रीय एससीआई-एफआई फिल्म ’जेनेसिस’ लगभग पूरी

Posted on 23 March 2015 by admin

आकर्शण की ऊँचाइयों को छूने का मतलब विस्तार फिल्म फंड़ के मैनेजिंग ड़ायरेक्टर षीतल तलवार बखूबी जानते हैं जैसा कि वो अपनी एससीआई-एफआई फिल्म ’जेनेसिस’ के द्वारा सिद्ध करने जा रहा हैं। ये फिल्म बर्त रूस्पाॅली और फ्रेड़ी हुटन-मिल्स द्वारा निदेषित है।
फिल्म में द मम्मी ट्रायोलाॅजी, फोर वेडि़ंग और ए फ्यूनेरल के जाॅन हन्ना, स्टारड़स्ट और मि. नाइस की आॅलिविया ग्रेन्ट, क्रिप्टिक और ड़ेविल्स ड़बल के बेन षाटिक, अम्रता आचार्या (जिन्हें गेम्स आॅफ थ्रोन्स में देखा जा सकता हैं) और द पियानिस्ट और जाॅय डि़विजन के एड़ स्टाॅपडऱ् जैसे कलाकार है।
जेनेसिस दोनों ड़ायरेक्टरों की दूसरी फीचर फिल्म है। उनकी पहली फिल्म 2014 की हिट काॅमेड़ी-हाॅरर फिल्म क्रिप्टिक थी।
ड़ायरेक्टर फ्रेड़ी हुटन-मिल ने कहा-’’ये बर्ट और मेरे लिए ड्रीम प्रोजेक्ट है। हम विस्तार, षीतल और भावना के साथ काम करके बहुत खुष हैं और हमें पूरा भरोसा है कि हमारी ये फिल्म एससीआई-एफआई फिल्मों के लिए एक नया मुकाम कायम करेगी।’’
ड़ायरेक्टर बर्ट रूस्पाॅली ने कहा -’’हमारे जितना ही इस फिल्म में विष्वास रखने वाले लोगों के साथ काम करके मुझे बहुत अच्छा लगा। षीतल, भावना, मार्टिन और किस्र्टी के साथ ये सफर बहुत अच्छा कटा।’’
विस्तार फिल्म फंड़ की प्रोड्यूसर और मैनेजिंग ड़ायरेक्टर, षीतल तलवार ने कहा, ’’जेनेसिस बाकी फिल्मों से बिल्कुल अलग है। इंड़स्ट्री से उम्दा कलाकारों और प्रतिभाओं के साथ हमें काम करने का अवसर मिला और बर्ट और फ्रेड़ी दोनों इस फिल्म के लिए ड़ायरेक्टर के तौर पर एकदम सही हैं।’’
जेनेसिस अभी से ही अपने अभिनेता वर्ग और के लिए हलचल मचा रही है और अंतर्राश्ट्रीय फिल्मों में इसका बेसबरी से इंतजार हो रहा है। जेनेसिस की एक्जक्यूटिव प्रोड्यूसर भावना तलवार, जो कि खुद एक जानी-मानी फिल्म निर्देषक हैं, ने कहा-’’ये पूरी तरह से एक एससीआई-एफआई फिल्म है। जब षीतल ने मेरे साथ स्क्रिप्ट पर चर्चा की तो हमें लगा कि ये फिल्म हमें जरूर करनी चाहिए। इसे एससीआई-एफआई फिल्मों को देखने का लोगों का नजरिया बदल सकता है जो कि काफी उत्तेजक है।’’
फिल्म का निर्माण षीतल तलवार की विस्तार फिल्म फंड़ और रूस्पाॅली और हुटन-मिल की नेक्स्ट लेवल फिल्म्स द्वारा किया जा रहा है, निदेषक - निर्माता भावना तलवार (ड़ब्ल्यूएसजी पिक्चर्स) और किस्र्टी बेल (गोल्डफिन्च) इस फिल्म की एक्जक्यूटिव प्रोड्यूसर हैं। गोल्ड़फिन्च, यूके की किस्र्टी बेल इस फिल्म का आयोजन करने की जिम्मेदार हैं।
षीतल तलवार (विस्तार फिल्म फंड़) और भावना तलवार (ड़ब्ल्यूएसजी फिल्म्स) की ’जेनेसिस’ इस साल की उनकी दूसरी प्रमुख अंतर्राश्ट्रीय फिल्म है। उनकी इस साल की पहली सफल फिल्म ’द इचमान षो’ में मार्टिन फ्रीमैन है और ये फिल्म हाल ही में वींन्सटींन कंपनी द्वारा अर्जित की गयी है।
अंत में निर्देषक-निर्माता भावना तलवार (ड़ब्ल्यूएसजी पिक्चर्स) ने कहा, ’’हमारा उद्देष्य अच्छी फिल्मों को समर्थन देना है चाहे उनकी कोई भी भाशा हो या फिर वो किसी भी देष से हो।’’

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रो0 महमूद इलाही एक शख्स ही नहीं एक चिन्तन का नाम है: प्रो0 फजले इमाम

Posted on 21 March 2015 by admin

प्रो0 महमूद इलाही की विशेषताओं और सेवाओं वर्णन करने के लिए कई गोष्ठियों का आवश्यकता है। वह अपने विचार एवं रचनात्मक क्षमता से ऐसे यथार्त को प्रकाशमय करते थे, जहाँ इन्सान का चिन्तन बढ़ाता है और आज के इस दौर में जहाँ की जीने की तम्मना सहमी सिसकती, बिलकती है उस चिता के समान दहकते हुए अंगारों में खड़ी है वह चिन्तन रूपी प्रकाश पकट करते थे। वह आम जिन्दगी के यर्थात को उजागर करना चाहते थे, जो आम तौर से मनुष्य के मस्तिष्क में नहीं आती है।
उपरोक्त विचार प्रो0 फजले इमाम ने ने आज यहां आयोजित प्रो0 महमूद इलाही की पहली बरसी के अवसर पर एक साहित्यिक गोष्ठी में व्यक्त कर रहे थे। इस गोष्ठी का आयोजन डा0 सलीम अहमद ने हरदोई रोड, अलमासबाग स्थित अपने आवास पर कर किया। प्रो0 फजले इमाम ने कहा कि गुरू तो बहुत देखे है, लेकिन एक उस्ताद के अन्दर जो खूबी और विशेषता होनी चाहिए, जो इन्सान व मानवीय चिन्तन होना चाहिए वह उस्ताद मोहतरम प्रो0 इलाही के अलावा किसी और में नहीं देखा। उप महादीप के तमाम शिक्षण संस्थाओं में उनके शिष्यों की मौजूदगी इस बात की सुबूत है कि वह किस स्तर के उस्ताद और बुद्विजीवी थे। उन्होंने कहा कि प्रो0 महमूद इलाही को केवल एक मोहक्कि कहा जाता है, लेकिन जो आलोचक चिन्तन उन के अनदर था। वह कम देखने में आता है। यही वजह है कि अनारकली पर लिख गया जैसा लेख प्रो.महमूद इलाही के क़लम से निकला निकला वैसा लेख पूरे उप महादीप में अब तक किसी और के क़लम से नही निकला। अलहलाल का जो मुक़दमा उन्होने ने लिख दिया कि अगर आज मौलाना अबुलकलाम आज़ाद जीवित होते तो उस पर फिदा हो जाते। उन्होने कहा कि सच तो यह है कि मह़मूद इलाही एक शख्स नही एक चिन्तन का नाम है।
इससे पूर्व गोष्ठी का प्रारम्भ़ क़ारी निसार अहमद मीनाई ने किया। मुख्य अतिथि के तौर पर माधव राजकीय डिग्री काॅलेज, उज्जैन से डाॅ0 ग़ुलाम हुसैन और मऊ से आये विशिष्ठ अतिथि डाॅ0 शकील अहमद उपस्थित थे, जबकि उनके शिष्य मुख्यमंत्री मीडिया प्रभारी डाॅ0 वज़ाह़त हुसैन रिज़वी और डाॅ0 अकबर अली ने गोष्ठी को ज़ीनत बख्शी। गोष्ठी का संचालन ़ डाॅ0 हारून रशीद ने किया। डाॅ0 ज़ेबा महमूद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संवेदनशील ढ़ंग ़ में प्रो0 महमूद इलाही के व्यक्तित्व और कृेतत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रो इलाही का जीवन सदैव अध्ययन एवं अध्यापन में गुजरा, लेखनीय कार्यो का क्रियान्वयन ही उनका उद्देश्य था।1958 में उनकी नियुक्ति गोरखपुर विश्वविधालय में प्रवक्ता के रूप में हुई। 1972 में प्रोफेसर नियुक्त हुए। 32 वर्ष अध्यापन एवं लेखन के सेवा के उपरान्त 1990 में सेवानिवृत हुए। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति भी रहे और तीन कार्यकार्ल उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी के चेयरमैन भी रहे। उनकी गवेशणात्मक क्षमता ने शोध़ के स्तर पर उन्हे सदैव क़ायम रखा। उन्होंने ने कहा कि प्रो0 मह़मूद इलाही एक ऐसे बुद्विजीवि थे कि जिनकी दृष्टि वर्तमान और भविष्य के क्षितिज पर सदैव रहती थी। कहना चाहिए कि वातस्व में वह एक दूरस्थ दृष्टि के मालिक थे, जिसका उदाहरण उनकी ेलेखनीय है जो उनके क़लम से निकल कर काग़जों पर रौशन है। डाॅ0 गुलाम हुसैन ने इस अवसर पर कहा कि मह़मूद इलाही ने अपने ेशिष्यों और अपने पुत्रों में कोई फर्क नही रखा। जिस तरह अपने बेटे और बेटियों से प्रेम और स्नेह करते थे उसी प्रकार अपने शिष्यों से भी । डाॅ0 शकील ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इलाही साहब की शिक्षा और दीक्षा इस्लामी वातावरण में हुई थी और ये धार्मिक विचार और इस्लामी बन्धुत्व उनके अन्दर सदैव नीहित रहा। आम तौर पर खिक्षकगण में शिष्यों को संतुष्ट करने का समय नहीं मिलता, पर वह सदैव अपने शिष्यों को संतुष्ट करने के लिए तत्पर रहते थे। उनकी उर्दू दोस्ती के आधार पर ही गोरखपुर में उर्दू विभाग की स्थापना हुई और उनके ही प्रयास रहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 27 महाविद्यालयों में उर्दू विभाग की स्थापना हुई।
मासिक पत्रिया नया दौर के एडिटर डाॅ0 वजाहत हुसैन रिज़वी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो0 महमूद इलाही एक अच्छे उस्ताद ही नहीं, बल्कि कई खूबियों के मालिक थे। उन्होंने कहा कि उर्दू विषय से एम0ए0 इलाही साहब के कहने पर ही मैंने किया। साथ ही, यह भी प्रण किया कि उर्दू के हवाले से ही नौकरी तलाश करूंगा। आदरणीय इलाही साहब के मशवरे पर ही डाॅ0 अफगानुल्लाह के प्रवेक्षण में उर्दू नाॅवलेट पर अपना शोध ग्रन्थ तैयार किया। वह जिस प्रकार अपने शिष्यों का नेतृत्व करते थे, वह स्नेह और प्रेम आज के शिक्षकगण में कम ही नजर आता है। सम्पादक नया दौर ने इस मौके पर यह घोषणा की कि पत्रिका नया दौर का मार्च अंक प्रो0 महमूद इलाही पर ही केन्द्रित होगा। उन्होंने ये भी कहा कि इस विशेषांक में अप्रकाशित लेखों का ही समावेश किया जाएगा। डाॅ0 अकबर अली ने अपने ख्यालात का इजहार करते हुए महमूद इलाही को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर डाॅ0 शकील अहमद के खाकों पर आधारित पुस्तक ‘सिमटता सायबान’ का विमोचन भी किया गया। डाॅ0 मखमूर काकोरवी, शाहिद कमाल, सलीम ताबिश और मोईद रहबर ने अपनी कविताओं के द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस समारोह में प्रो0 महमूद इलाही की धर्मपत्नी श्रीमती वरकतुन्निशा के अतिरिक्त डाॅ0 कुदशिया बानो, डाॅ0 बुशरा बानो, डाॅ0 अज़रा बानो, मशहूद इलाही, डाॅ0 अहमद अब्बास रूदौलवी के साथ बड़ी संख्या में उर्दू प्रेमी मौजूद थे। समारोह के संयोजक डाॅ0 सलीम अहमद ने मेहमानों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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