Posted on 21 March 2015 by admin
प्रो0 महमूद इलाही की विशेषताओं और सेवाओं वर्णन करने के लिए कई गोष्ठियों का आवश्यकता है। वह अपने विचार एवं रचनात्मक क्षमता से ऐसे यथार्त को प्रकाशमय करते थे, जहाँ इन्सान का चिन्तन बढ़ाता है और आज के इस दौर में जहाँ की जीने की तम्मना सहमी सिसकती, बिलकती है उस चिता के समान दहकते हुए अंगारों में खड़ी है वह चिन्तन रूपी प्रकाश पकट करते थे। वह आम जिन्दगी के यर्थात को उजागर करना चाहते थे, जो आम तौर से मनुष्य के मस्तिष्क में नहीं आती है।
उपरोक्त विचार प्रो0 फजले इमाम ने ने आज यहां आयोजित प्रो0 महमूद इलाही की पहली बरसी के अवसर पर एक साहित्यिक गोष्ठी में व्यक्त कर रहे थे। इस गोष्ठी का आयोजन डा0 सलीम अहमद ने हरदोई रोड, अलमासबाग स्थित अपने आवास पर कर किया। प्रो0 फजले इमाम ने कहा कि गुरू तो बहुत देखे है, लेकिन एक उस्ताद के अन्दर जो खूबी और विशेषता होनी चाहिए, जो इन्सान व मानवीय चिन्तन होना चाहिए वह उस्ताद मोहतरम प्रो0 इलाही के अलावा किसी और में नहीं देखा। उप महादीप के तमाम शिक्षण संस्थाओं में उनके शिष्यों की मौजूदगी इस बात की सुबूत है कि वह किस स्तर के उस्ताद और बुद्विजीवी थे। उन्होंने कहा कि प्रो0 महमूद इलाही को केवल एक मोहक्कि कहा जाता है, लेकिन जो आलोचक चिन्तन उन के अनदर था। वह कम देखने में आता है। यही वजह है कि अनारकली पर लिख गया जैसा लेख प्रो.महमूद इलाही के क़लम से निकला निकला वैसा लेख पूरे उप महादीप में अब तक किसी और के क़लम से नही निकला। अलहलाल का जो मुक़दमा उन्होने ने लिख दिया कि अगर आज मौलाना अबुलकलाम आज़ाद जीवित होते तो उस पर फिदा हो जाते। उन्होने कहा कि सच तो यह है कि मह़मूद इलाही एक शख्स नही एक चिन्तन का नाम है।
इससे पूर्व गोष्ठी का प्रारम्भ़ क़ारी निसार अहमद मीनाई ने किया। मुख्य अतिथि के तौर पर माधव राजकीय डिग्री काॅलेज, उज्जैन से डाॅ0 ग़ुलाम हुसैन और मऊ से आये विशिष्ठ अतिथि डाॅ0 शकील अहमद उपस्थित थे, जबकि उनके शिष्य मुख्यमंत्री मीडिया प्रभारी डाॅ0 वज़ाह़त हुसैन रिज़वी और डाॅ0 अकबर अली ने गोष्ठी को ज़ीनत बख्शी। गोष्ठी का संचालन ़ डाॅ0 हारून रशीद ने किया। डाॅ0 ज़ेबा महमूद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संवेदनशील ढ़ंग ़ में प्रो0 महमूद इलाही के व्यक्तित्व और कृेतत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रो इलाही का जीवन सदैव अध्ययन एवं अध्यापन में गुजरा, लेखनीय कार्यो का क्रियान्वयन ही उनका उद्देश्य था।1958 में उनकी नियुक्ति गोरखपुर विश्वविधालय में प्रवक्ता के रूप में हुई। 1972 में प्रोफेसर नियुक्त हुए। 32 वर्ष अध्यापन एवं लेखन के सेवा के उपरान्त 1990 में सेवानिवृत हुए। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति भी रहे और तीन कार्यकार्ल उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी के चेयरमैन भी रहे। उनकी गवेशणात्मक क्षमता ने शोध़ के स्तर पर उन्हे सदैव क़ायम रखा। उन्होंने ने कहा कि प्रो0 मह़मूद इलाही एक ऐसे बुद्विजीवि थे कि जिनकी दृष्टि वर्तमान और भविष्य के क्षितिज पर सदैव रहती थी। कहना चाहिए कि वातस्व में वह एक दूरस्थ दृष्टि के मालिक थे, जिसका उदाहरण उनकी ेलेखनीय है जो उनके क़लम से निकल कर काग़जों पर रौशन है। डाॅ0 गुलाम हुसैन ने इस अवसर पर कहा कि मह़मूद इलाही ने अपने ेशिष्यों और अपने पुत्रों में कोई फर्क नही रखा। जिस तरह अपने बेटे और बेटियों से प्रेम और स्नेह करते थे उसी प्रकार अपने शिष्यों से भी । डाॅ0 शकील ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इलाही साहब की शिक्षा और दीक्षा इस्लामी वातावरण में हुई थी और ये धार्मिक विचार और इस्लामी बन्धुत्व उनके अन्दर सदैव नीहित रहा। आम तौर पर खिक्षकगण में शिष्यों को संतुष्ट करने का समय नहीं मिलता, पर वह सदैव अपने शिष्यों को संतुष्ट करने के लिए तत्पर रहते थे। उनकी उर्दू दोस्ती के आधार पर ही गोरखपुर में उर्दू विभाग की स्थापना हुई और उनके ही प्रयास रहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 27 महाविद्यालयों में उर्दू विभाग की स्थापना हुई।
मासिक पत्रिया नया दौर के एडिटर डाॅ0 वजाहत हुसैन रिज़वी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो0 महमूद इलाही एक अच्छे उस्ताद ही नहीं, बल्कि कई खूबियों के मालिक थे। उन्होंने कहा कि उर्दू विषय से एम0ए0 इलाही साहब के कहने पर ही मैंने किया। साथ ही, यह भी प्रण किया कि उर्दू के हवाले से ही नौकरी तलाश करूंगा। आदरणीय इलाही साहब के मशवरे पर ही डाॅ0 अफगानुल्लाह के प्रवेक्षण में उर्दू नाॅवलेट पर अपना शोध ग्रन्थ तैयार किया। वह जिस प्रकार अपने शिष्यों का नेतृत्व करते थे, वह स्नेह और प्रेम आज के शिक्षकगण में कम ही नजर आता है। सम्पादक नया दौर ने इस मौके पर यह घोषणा की कि पत्रिका नया दौर का मार्च अंक प्रो0 महमूद इलाही पर ही केन्द्रित होगा। उन्होंने ये भी कहा कि इस विशेषांक में अप्रकाशित लेखों का ही समावेश किया जाएगा। डाॅ0 अकबर अली ने अपने ख्यालात का इजहार करते हुए महमूद इलाही को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर डाॅ0 शकील अहमद के खाकों पर आधारित पुस्तक ‘सिमटता सायबान’ का विमोचन भी किया गया। डाॅ0 मखमूर काकोरवी, शाहिद कमाल, सलीम ताबिश और मोईद रहबर ने अपनी कविताओं के द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस समारोह में प्रो0 महमूद इलाही की धर्मपत्नी श्रीमती वरकतुन्निशा के अतिरिक्त डाॅ0 कुदशिया बानो, डाॅ0 बुशरा बानो, डाॅ0 अज़रा बानो, मशहूद इलाही, डाॅ0 अहमद अब्बास रूदौलवी के साथ बड़ी संख्या में उर्दू प्रेमी मौजूद थे। समारोह के संयोजक डाॅ0 सलीम अहमद ने मेहमानों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 March 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूं खरीद योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों पर अपनी उपज लाने वाले किसानों से छनाई, ढुलाई आदि के नाम पर किसी भी प्रकार की वसूली कतई न की जाए, यह सभी व्यय मण्डी परिषद द्वारा किए जाएंगे। उन्होंने आगाह किया कि इस कार्य में ढिलाई बरतने वाली एजेन्सियों एवं केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री आज शास्त्री भवन में रबी विपणन वर्ष 2015-16 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत गेहूं खरीद योजना की उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने 02 अप्रैल से 15 जून, 2015 तक मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से गेहूं खरीद करने का निर्देश देते हुए कहा कि क्रय केन्द्रों पर कम से कम एक सप्ताह की अग्रिम धनराशि, पर्याप्त बोरों तथा किसानों के लिए पेयजल आदि की व्यवस्था की जाए, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों की शिकायतों एवं समस्याओं के लिए 1800-1800-150 टोल-फ्री नम्बर की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए उन्हांेने कहा कि इस व्यवस्था को चैबीस घण्टे चालू रखा जाए और इस पर आने वाली समस्याओं एवं शिकायतों का अंकन कर उनका तत्काल निराकरण किया जाए।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2015-16 को किसान वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसलिए अधिकारी किसानों की समस्याओं एवं कठिनाईयों के समाधान के लिए पूरी गम्भीरता से काम करें। उन्होंने कहा कि 1450 रुपये प्रति कुन्तल की दर से लगभग 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का कार्यकारी लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को 09 एजेन्सियों के माध्यम से लगभग 05 हजार केन्द्रों द्वारा प्राप्त किया जाएगा।
हाल ही में बेमौसम बरसात एवं ओलावृष्टि से हुई क्षति की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों की इस दैवीय आपदा के फलस्वरूप मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत 05 लाख रुपये के अतिरिक्त 05 लाख रुपये आर्थिक सहायता के रूप में, इस प्रकार प्रत्येक मृतक किसान के परिवार को 10 लाख रुपये की मदद उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवार आवश्यकतानुसार वैकल्पिक फसल प्राप्त करने के लिए अच्छे किस्म के बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचकर क्रय केन्द्रों के संचालन एवं किसानों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लें। उन्हांेने योजना के तहत खरीदे गए गेहूं के भण्डारण के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि गेहूं भण्डारण के लिए साइलोस भण्डारण की व्यवस्था करने पर भी विचार किया जाए।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, खाद्य एवं रसद मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया’, मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव वित्त श्री राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री शैलेष कृष्ण, प्रमुख सचिव खाद्य श्री बी0एम0 मीना, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती अनीता सिंह, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सचिव मुख्यमंत्री श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, निदेशक मण्डी डाॅ0 अनूप यादव, खाद्य एवं रसद आयुक्त श्री अजय चैहान आदि अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 March 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जनता से प्राकृतिक संतुलन और पर्यावरण हित के लिए कार्य करने तथा इन मुद्दों पर खासतौर पर बच्चों और नौजवानों को प्रेरित करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि गौरैया की संख्या पर्यावरण के संतुलन का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। गौरैया को लुप्त होने से बचाने में समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
श्री यादव आज विश्व गौरैया दिवस पर अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री आवास पर ‘गौरैया के घर’ (स्पैरो नेस्ट) लगवाए तथा पर्यावरण संरक्षण में सराहनीय कार्य करने वाले दो स्कूली बच्चों को पुरस्कृत भी किया।
भारत से ही विश्व गौरैया दिवस की परिकल्पना के साकार होने पर खुशी जताते हुए श्री यादव ने कहा कि इस दिवस पर अनेक सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोग व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से इस पक्षी के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हो रहे हैं। पहले हमारे घर-आंगन में गौरैया दिखाई पड़ती थी। लेकिन रहन-सहन और जीवनशैली में हुए बदलाव, कंक्रीट के भवनों और मोबाइल टावर इत्यादि की वजह से गौरैया की संख्या में कमी हो रही है। उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम आने वाला है, ऐसे में अपने घर-आंगन मंे ‘थोड़ा पानी और थोड़ा दाना’ रखने से न केवल गौरैया और अन्य पक्षियों का भला होगा बल्कि बच्चों और युवाआंे मंे एक संवेदनशीलता भी विकसित होगी, जो एक स्वस्थ समाज के लिए जरूरी है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रशंसनीय कार्य करने वाले एक छात्र एवं एक छात्रा को मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पुरस्कृत किया। ला मार्टिनियर गल्र्स काॅलेज की कक्षा-09 की छात्रा प्रभलीन भाटिया ने पाॅलीथीन के दुष्प्रभाव के सम्बन्ध में जागरूकता लाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इसी प्रकार केन्द्रीय विद्यालय के कक्षा-09 के छात्र अभिनव मिश्रा ने जल संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया। मुख्यमंत्री ने इन बच्चों से उनके कार्यांे के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए उम्मीद जतायी कि इनके प्रयास अन्य बच्चों के लिए भी प्रेरक सिद्ध होंगे। पुरस्कार हेतु इन विद्यार्थियों का चयन पर्यावरण शिक्षण केन्द्र द्वारा किया गया।
इस मौके पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सचिव मुख्यमंत्री श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख वन संरक्षक श्री रूपक डे, सचिव वन श्री सुनील पाण्डेय, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री जी0एस0 नवीन कुमार एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि पर्यावरण संरक्षण में गौरैया के महत्व तथा इस पक्षी के संरक्षण के प्रति जनजागरूकता उत्पन्न करने के मकसद से सम्पूर्ण विश्व में वर्ष 2010 से प्रत्येक साल 20 मार्च को ‘विश्व गौरैया दिवस’ आयोजित किया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 March 2015 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि आज के युग में कोई भी लोकतांत्रिक सरकार युवाओं की आकांक्षाओं को नजर अंदाज नहीं कर सकती है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव स्वयं युवा हैं और वे युवाओं की आशा के केन्द्र भी हैं। वे युवाओं की बेहतरी और उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृतसंकल्प है। राज्य सरकार ने युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने और रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर सृजित करके उन्हें रोजगार देने के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं।
इस वर्ष सरकारी क्षेत्र में काफी संख्या में नौकरियां दी जानी हैं। औद्योगिक और निजी क्षेत्र में युवाओं को रेाजगार के लिए उनका प्रशिक्षित होना भी जरूरी है इसलिए राज्य सरकार ने कौशल विकास मिशन का भी गठन किया है। इस मिशन में प्रशिक्षित हजारों युवाओं को बड़ी-बड़ी कम्पनियों में नौकरियां मिल चुकी है। राज्य सरकार ने इसके लिए देश की कई प्रतिष्ठित कम्पनियों के साथ अनुबंध किया है।
विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करने के लिए छात्र-छात्राओं को निःशुल्क लैपटाप वितरित किए गए हैं। इससे अब गांव और गरीब के युवा भी नई-नई जानकारियों से लैस हो सकते है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में भर्ती की सीटें बढ़ाई गई है। अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को आईएएस एवं पीसीएस की प्रतियोगी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी के लिए लखनऊ में कोचिंग संस्थान की स्थापना की गई है।
अधिक से अधिक युवाओं को तकनीकी, वैज्ञानिक, प्राविधिक, कृषि एवं उच्च शिक्षा के अधिक अवसर प्रदान किए जाने के उद्देश्य ने नए संस्थानों की स्थापना करने के साथ पुराने संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में उपलब्ध सीटों में वृद्धि की गई है। प्रदेश में युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए स्नातक एवं परास्नातक सीटों में भी बढ़ोत्तरी की गई है।
प्रदेश के अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा में प्रोत्साहन के लिए निःशुल्क आवासीय सुविधा प्रदान की जाती है। अनुसूचित जाति/जनजाति तथा सामान्य वर्ग के दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत 2Û00 लाख रूपए की आय सीमा तक के माता-पिता अभिभावकों के आश्रित छात्रो के लिए छात्रवृत्ति शुल्क प्रतिपूर्ति की नियमावली जारी कर दी गई है।
इसमें दो राय नहीं कि तमाम तरह की चुनौतियों और विपक्ष के अवरोधों के बावजूद मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश को विकास के नए एजेण्डों पर आगे बढ़ाने का काम किया है। प्रदेश की सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी उतरी है। युवा पीढ़ी को उनसे से बहुत उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री जी युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 21 March 2015 by admin
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का उ0प्र0 राज्य सचिव मण्डल पिछले दिन हिमाचल विधान सभा पर एस एफ आई के छात्रों के प्रदर्शन पर हिमाचल सरकार द्वारा करवाए गये क्रूर लाठी चार्ज और इसी कड़ी में हिमाचल सरकार द्वारा सी पी आई (एम) के कार्यालय मे पुलिस द्वारा करवाई गई तोड़फोड़ और कार्यालय में उपस्थित कार्यकर्ताओ की निर्मम पिटाई की कड़े शब्दों में निंदा करता है ।
ज्ञातव्य है कि हिमाचल पार्टी कार्यालय में उपस्थित कार्यकर्ताओं को घसीटा गया और निर्मम पिटाई करते हुए बालुगंज पुलिस स्टेशन ले जाया गया, इतना ही नही वहाँ भी कार्यकर्ताओं को नही बक्शा गया और अलग कमरों में ले जा कर लाइट बंद कर कार्यकर्ताओं को निर्ममता से पिटा गया, पार्टी कार्यालया पर इस तरह का हमला वीरभद्र सरकार के अधीनस्त प्रशासन द्वारा लोकतांत्रिक मानडंडों की अवहेलना और उसकी निरंकुशता को सिद्ध करता है
इस पर विश्वास करना वाकई मुश्किल लगता है कि हिमाचल पुलिस जो दंगा विरोधी साज-ओ-समान से लैस थे ना सिर्फ अकारण ही प्रदर्शन कर रहे छात्रों को डरा रहे थे बल्कि उन्होने इन छात्रों को बे-रहमी से पीछा करते हुए पिटा जैसे पुलिस युध के मैदान पर लड़ रही हो, यह तक कि लड़कियो को भी नही बक्शा गया और उनके मान का ध्यान ना रखते हुए उन्हे निर्मम तरीके से पिटा गया
हिमाचल प्रदेश की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्कसवादी) पार्टी के राज्य मुख्यालय पर सरकार द्वारा किए हमले की हिमाचल उच्च न्यायालय के जज से नाययिक जाँच की माँग करता है, पार्टी कार्यालय में कार्यालया का मुख्य दरवाजा तोड़ा गया, फर्नीचर बर्बाद किया गया यहाँ तक कि पार्टी के कोषाध्यक्ष और कार्यालय सचिव ६२ वर्षीय दिल के मरीज रमाकांत मिश्रा को भी निर्दयता से पिटा गया और एस एफ आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवदासन को भी निर्दयता से घसीटा गया और उनकी भी निर्मम पीटाई की,
पार्टी ने कहा है कि पार्टी कार्यालय पर इस तरह का हमला एमर्जेन्सी के दौरान भी नही हुआ, और ये हमला वीरभद्र सरकार के प्रति मतभेद पर उनकी अलोकतांत्रिक्ता और असहिष्णुता को दिखता है पार्टी पहले ही पुलिस स्टेशन बालुगंज को पुलिस उपाधीक्षक शिमला राम लाल बंसल, निरीक्षक बिरी सिंह और सहायक उप निरीक्षक शिव कुमार के विरुध एफ आई आर दर्ज करवाने के लिए प्रार्थनापत्र दे चुकी है जो पार्टी कार्यालय में घुस कर तोड़फोड़ करने के लिए दोषी है
वीरभद्र सरकार का लंबे वक्त से लोकतांत्रिक आंदोलनो के प्रति इस तरह का रवैया रहा है, हिमाचल प्रदेश की जनता जनवादी मूल्यों के प्रति इस तरह की तानाशाही और सत्तावादी रवैया कभी बर्दाशत नही करेगी। पार्टी ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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