उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जनता से प्राकृतिक संतुलन और पर्यावरण हित के लिए कार्य करने तथा इन मुद्दों पर खासतौर पर बच्चों और नौजवानों को प्रेरित करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि गौरैया की संख्या पर्यावरण के संतुलन का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। गौरैया को लुप्त होने से बचाने में समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
श्री यादव आज विश्व गौरैया दिवस पर अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री आवास पर ‘गौरैया के घर’ (स्पैरो नेस्ट) लगवाए तथा पर्यावरण संरक्षण में सराहनीय कार्य करने वाले दो स्कूली बच्चों को पुरस्कृत भी किया।
भारत से ही विश्व गौरैया दिवस की परिकल्पना के साकार होने पर खुशी जताते हुए श्री यादव ने कहा कि इस दिवस पर अनेक सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोग व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से इस पक्षी के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हो रहे हैं। पहले हमारे घर-आंगन में गौरैया दिखाई पड़ती थी। लेकिन रहन-सहन और जीवनशैली में हुए बदलाव, कंक्रीट के भवनों और मोबाइल टावर इत्यादि की वजह से गौरैया की संख्या में कमी हो रही है। उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम आने वाला है, ऐसे में अपने घर-आंगन मंे ‘थोड़ा पानी और थोड़ा दाना’ रखने से न केवल गौरैया और अन्य पक्षियों का भला होगा बल्कि बच्चों और युवाआंे मंे एक संवेदनशीलता भी विकसित होगी, जो एक स्वस्थ समाज के लिए जरूरी है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रशंसनीय कार्य करने वाले एक छात्र एवं एक छात्रा को मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पुरस्कृत किया। ला मार्टिनियर गल्र्स काॅलेज की कक्षा-09 की छात्रा प्रभलीन भाटिया ने पाॅलीथीन के दुष्प्रभाव के सम्बन्ध में जागरूकता लाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इसी प्रकार केन्द्रीय विद्यालय के कक्षा-09 के छात्र अभिनव मिश्रा ने जल संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया। मुख्यमंत्री ने इन बच्चों से उनके कार्यांे के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए उम्मीद जतायी कि इनके प्रयास अन्य बच्चों के लिए भी प्रेरक सिद्ध होंगे। पुरस्कार हेतु इन विद्यार्थियों का चयन पर्यावरण शिक्षण केन्द्र द्वारा किया गया।
इस मौके पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सचिव मुख्यमंत्री श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख वन संरक्षक श्री रूपक डे, सचिव वन श्री सुनील पाण्डेय, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री जी0एस0 नवीन कुमार एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि पर्यावरण संरक्षण में गौरैया के महत्व तथा इस पक्षी के संरक्षण के प्रति जनजागरूकता उत्पन्न करने के मकसद से सम्पूर्ण विश्व में वर्ष 2010 से प्रत्येक साल 20 मार्च को ‘विश्व गौरैया दिवस’ आयोजित किया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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