Archive | March 19th, 2015

बाल सुलभ प्रतिभा का अद्भुत नजारा दिखा ‘ओपेन डे समारोह’ में

Posted on 19 March 2015 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) द्वारा ‘ओपेन डे समारोह - फिएस्टा-2015’ का भव्य आयोजन बड़े ही उल्लासपूर्ण माहौल में आज विद्यालय प्रांगण में आयोजित हुआ। इस अवसर पर नन्हें-मुन्हें बच्चों ने अपनी बाल सुलभ प्रतिभा का अद्भुद नजारा पेश कर दर्शकों के रूप में उपस्थित अभिभावकों को गदगद कर दिया। समारोह की खास बात रही कि इसमें बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों ने भी जोरदार भागीदारी की और विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपने हुनर का प्रदर्शन किया। जहाँ एक ओर छात्रों ने फैन्सी ड्रेस, शो एण्ड टेल, बेस्ट आउट आॅफ वेस्ट, पेन्टिंग आदि प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरा तो वहीं छात्रों की माताओं ने ‘पेन्ट योर ड्रीम’ एवं ‘दिया डेकोरेशन’ में अपना हुनर दिखाया, साथ ही साथ छात्रों के पिताजी ने ‘फूड विदआउट फ्यूल’ प्रतियोगिता में अपने हाथ आजमाए। इससे पहले, कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शांति प्रार्थना से हुआ। छात्रों ने विभिन्न धर्मों में दिए आदर्श विचारों को अभिभावकों के समक्ष रखा और दिखाया कि सभी धर्म एक ही ईश्वर के पास पहुंचने के अलग-अलग रास्ते हैं। छात्रों की प्रतिभा व प्रवाहपूर्ण अभिव्यक्ति से अभिभावक गदगद नजर आये।  इस अवसर पर नन्हें-मुन्हें छात्रों ने बड़े उत्साह से विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सबका मन मोह लिया।
‘ओपेन डे समारोह’ के इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत हस्तनिर्मित अनेक कलाकृतियों ने दर्शकों को दातों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया। दर्शकों एवं अभिभावकों ने बच्चों से उनकी कलाकृतियों के बारे में रोचक प्रश्न पूछकर उनके मनमोहक उत्तरों का खूब आनन्द लिया तथापि बच्चों ने बड़े ही आत्मविश्वास एवं प्रभावशाली ढंग से अभिभावकों के प्रश्नों के उत्तर दिये। इस अवसर पर छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह में चार-चांद लगा दिये। समारोह में प्रतिभाग हेतु नन्हें-मुन्हें छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था जिसके माध्यम से इन छोटे-छोटे बच्चों की बहुमुखी प्रतिभा निखर कर सामने आयी।
सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती जयश्री कृष्णन ने इस अवसर पर कहा कि ”ओपेन डे समारोह“ आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों की बहुमुखी प्रतिभा को विकसित करना है। इस तरह के समारोह शिक्षण पद्धति को और अधिक रोचक एवं अभिनव बनाते हैै, साथ ही छात्रों में निहित प्रतिभा को उभारने में सहायक होते है। उन्होंने आगे कहा कि जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा छात्रों का जीवन पर्यन्त साथ देती है। हमें बालक को जड़ से मजबूत बनाना है और इसके लिए जीवन मूल्यों की शिक्षा देनी होगी। श्रीमती कृष्णन ने विद्यालय की वर्ष भर की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए अभिभावकों के सहयोग के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चा परमात्मा का उपहार है और हमारा पूर्ण प्रयास है कि हर बच्चा समाज का प्रकाश बनें। सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने छात्रों एवं शिक्षकों को अपनी हार्दिक शुभकामनायें देते हुए अतिथियों व अभिभावकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव सहित 3022 छात्र-छात्राओं को पदक/उपाधि वितरित की गयी।

Posted on 19 March 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, सहकारिता एवं राजस्व मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव कृषि विश्वविद्यालय नैनी, इलाहाबाद में आयोजित दसवें दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुये। आयोजित भव्य समारोह में मा0 राज्यपाल श्री रामनाईक के द्वारा मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव को पी0एच0डी0 की उपाधि देकर सम्मानित किया गया। समारोह में कुल 3022 छात्र-छात्राओं को पी0एच0डी0, डिग्री की उपाधि तथा पदक से नवाजा गया। जिसमें से 102 छात्र-छात्राआंे को पी0एच0डी0 की उपाधि इसके अलावा स्नातक में 1561 तथा परास्नातक में 1257 छात्र-छात्राओं को डिग्री तथा पदक प्रदान किया गया। 126 मेघावी विद्यार्थियों को स्वर्ण एवं रजत पदक प्रदान किया गया जिसमें से 105 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण तथा 21 छात्र-छात्राओं को रजत पदक प्रदान किया गया।
आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री यादव नें कहा कि जीवन के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले छात्र-छात्राआंे को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं है। वे सफलता की ऊचाईयों को भावी जीवन में छुएंगे ऐसी आशा करते हैं। उन्होने कहा कि वे अपनी विरासत तथा इतिहास को सुरक्षित रखें तथा उसे कभी न भुलायें। अपने जीवन में महान लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ें तथा बड़ों का सम्मान करें। जिस तरह इस कृषि विश्वविद्यालय नें शिक्षा के क्षेत्र में ख्याति अर्जित की है उसी तरह छात्र-छात्राएं डिग्री हासिल करके अपनी योग्यता से देश-विदेश में अपना तथा विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आता रहता है उससे निराश होने की जरूरत नही है। जीवन में जिस भी क्षेत्र को चुनें उसमें सर्वोच्च शिखर के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करें।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आर0बी0 लाल ने सभी महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त करते हुये उनके सुखमय जीवन की कामना व्यक्त की। समारोह मेें मण्डलायुक्त श्री बी0के0 सिंह, आई जी श्री बृजभूषण, डीआईजी श्री भगवानस्वरूप, जिलाधिकारी श्री भवनाथ सिंह, डा0 जे0ए0 ओलिवर, प्रो0 राॅबिन एल0 प्रसाद, प्रो0 ए0के0ए0 लाॅरेन्स, प्रो0 वरसाक कनोक नकुलचाई, बिशप फिल डिलसाॅट सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा छात्र-छात्रएं उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जाट आरक्षण रद्द करने का मुद्दा

Posted on 19 March 2015 by admin

आज दिनांक 18 मार्च, 2015 को उत्तर प्रदेष कांग्रेस विधान मण्डल दल श्री प्रदीप माथुर जी द्वारा नियम-311 के द्वारा अविलम्बनीय एवं तात्कालिक विशय जो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा केन्द्र की मोदी सरकार के फैसले को पलटते हुए जाट आरक्षण रद्द किये जाने तथा केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा प्रभावी पैरवी न करने से उत्पन्न स्थिति के संबंध में सूचना दी गयी। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार की लचर पैरोकारी की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने जाट आरक्षण कोटा खत्म कर दिया है। वर्तमान केन्द्र की मोदी सरकार के कथनी और करनी में बहुत बड़ा अन्तर है, जिस कारण ऐसा हुआ है। जाट आरक्षण कोटा रद्द होने से उत्तर प्रदेष समेत भारत देष के 13 राज्यों के जाट समुदायों को जो कि पिछड़े वर्ग में सम्मिलित हैं, के लाखों युवाओं को गहरा धक्का लगा है। इन 13 राज्यों में पिछड़े वर्ग के पिछड़े वर्ग के जाटों की आबादी करोड़ों में है, जिसमें उत्तर प्रदेष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उक्त आरक्षण कोटा खत्म होने से उत्तर प्रदेष के लाखों ओ0बी0सी0 आरक्षित वर्ग के युवाओं को भारी नुकसान होगा तथा वह समाज की मुख्य धारा से नहीं जुड़ सकेंगे। पूर्ववर्ती केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार के कार्यकाल में जाटों द्वारा प्रदेष एवं देष के अन्य प्रांतों में कई वर्ष से लगातार आंदोलन करने, अनवरत धरना-प्रदर्षन करने, बार-बार रेल रोकने आदि तथा उनके पिछड़ेपन को दृष्टिगत रखते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राश्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी एवं राश्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी के सतत् प्रयासों के उपरान्त पिछले साल 04 मार्च, 2014 को जाटों को ओ0बी0सी0 आरक्षण दिलवाया था जो कि उ0प्र0 समेत देष के 09 राज्यों में वर्तमान में लागू था। जिसे वर्तमान केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा राजनैतिक द्वेषवष प्रभावी पैरवी न करने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने जाट कोटा रद्द कर दिया है। वर्तमान केन्द्र सरकार राजनीति से प्रेरित होकर ऐसे कई कदम उठा रही है जो कि जन विरोधी है। इसलिए ऐसे मुद्दे पर जो कि व्यापक जनहित से जुड़ा हुआ है, पर केन्द्र सरकार को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए। जनहित एवं लोक महत्व के उक्त प्रकरण पर प्रदेष सरकार द्वारा केन्द्र सरकार से प्रभावी पैरवी करने तथा उन्हें पूर्ववत् ओ0बी0सी0 आरक्षण का लाभ दिलाये जाने हेतु शीघ्र अनुरोध किया जाना आवष्यक है। जाट आरक्षण खत्म किये जाने से उत्तर प्रदेष के करोड़ों जाट परिवारों समेत भारत देष के अन्य प्रांतों के जाटों में केन्द्र सरकार की नीतियों के प्रति व्यापक रोश एवं आक्रोष व्याप्त है। वह कभी भी इसका भारी विरोध करने को उतारू हो सकते हैं तथा सड़क पर उतर सकते हैं, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

श्री प्रदीप माथुर जी द्वारा उक्त सूचना पर सदन की सारी कार्यवाही रोककर चर्चा कराये जाने की मांग की गयी। उक्त प्रकरण पर सरकार के जवाब से संतुश्ट न होने पर श्री प्रदीप माथुर जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के सभी  मा0 विधायकगण विरोध स्वरूप सदन का बहिर्गमन कर गये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा, उ0प्र0 का पुनर्गठन। - श्री वी0पी0मिश्र, अध्यक्ष एवं श्री हरि किशोर तिवारी संयोजक बने।

Posted on 19 March 2015 by admin

कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा, उ0प्र0 के सम्बद्ध संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक आज श्री श्री वी0पी0मिश्र की अध्यक्षता में कार्यालय- बी 32, दारूलशफा, लखनऊ में सम्पन्न हुयी। जिसमें कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोेर्चा का पुनर्गठन किया गया।
पुनर्गठन में श्री वी0पी0मिश्र को अध्यक्ष, एवं श्री हरि किशोर तिवारी को संयोजक तथा श्री सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी महासंघ (इन्दिरा भवन व जवाहर भवन), श्री शशि कुमार मिश्र अध्यक्ष,स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, श्री राम राज दूबे अध्यक्ष, उ0प्र0 राज्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ को वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया। उपस्थित पदाधिकारियेां ने शिक्षक संघ के श्री अमरनाथ सिंह, कलेक्ट्रेट मिनि0 कर्मचारी संघ के श्री सुशील कुमार त्रिपाठी, राजकीय शिक्षक संघ के श्री वलीउल्ला खान, महाविद्यालय कर्मचारी परिषद के श्री मुदित मिश्रा, जवाहर भवन एवं इन्दिरा भवन कर्मचारी संघ के श्री सुशील कुमार बच्चा, डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसो0 के श्री के0के0सचान एवं श्री सुनील यादव, विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के श्री संजय शुक्ला, मिनि0 फेडरेशन के सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को उपाध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया।
श्री भारत सिंह यादव अध्यक्ष नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ को कोषाध्यक्ष  पद पर एवं श्री शिवबरन सिंह यादव राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उ0प्र0 को प्रवक्ता के पद पर मनोनीत किये गये। श्री प्रेमानन्द चतुर्वेदी संरक्षक सिंचाई राजस्व अधिकारी संघ, श्री आदर्श श्रीवास्तव के0जी0एम0यू0 कर्मचारी परिषद, श्री अवधेश प्रताप सिंह एल0डी0ए0 कर्मचारी संयुक्त संगठन, श्री मनोज मिश्रा निगम कर्मचारी महासंघ, श्री गिरीश मिश्र रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, श्री राजेन्द्र वाल्मीकि सफाई कर्मचारी संघ, श्री ओ0पी0त्रिपाठी माध्यमिक शिक्षक संघ, श्री महेन्द्र पाण्डेय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, श्री जगदीश सिंह कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, श्री अतुल मिश्र, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उ0प्र0, श्री अमित कुमार यादव आई0टी0आई0 कर्मचारी संघ, श्री सै0 कैसर रजा नगर निगम, श्री राजेन्द्र तिवारी सिंचाई संघ, श्री राधेश्याम शर्मा मलेरिया कर्मचारी संघ, श्री राजेश पाण्डेय आई0ई0टी0 कर्मचारी संघ  को सहसंयोजक तथा डाॅ0 पी0के0 सिंह एवं श्री आशीष पाण्डेय वन विभाग को सचिव नामित किया गया।
पुनर्गठन के उपरानत मोर्चा द्वारा यह निर्णय लिया गया कि जल्द ही मोर्चे के सभी घटकों की बैठककर मांगों की पूर्ति हेतु आन्दोलन कार्यक्रम तय किये जायेंगे। मोर्चे  के अध्यक्ष श्री वी0पी0मिश्र एवं संयोजक श्री हरि किशोर तिवारी ने सभी मनोनीत पदाधिकारियों को बधाई  दी तथा सभी पदाधिकारियों आह्वान किया कि प्रदेश की कर्मचारियों एवं शिक्षकों की मांगों की पूर्ति हेतु प्रदेश मंें एकत्रित होकर आन्दोलन के लिये कमर कस लें। आशा व्यक्त कि इस पुनर्गठन के उपरान्त मोर्चा अधिक मजबूत होकर कर्मचारी एवं शिक्षक की समस्याओं की लड़ाई लड़ सकेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुस्लिम समस्याऐं सरकार तक नहीं पहुंचती हैं: रज़्ज़ाकी

Posted on 19 March 2015 by admin

आॅल इंडीया उलेमा काउंसिल जि़ला गाजि़याबाद की एक बैठक जलालपूर में मौलाना इसलाूुद्वीन कासमी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें मुख्य अतिथ के रूप में उलेमा काउंसिल के रा0 अध्यक्ष मौलाना एजाज़ अहमद खान रज़्ज़ाकी उपस्थित थे, बैठक को संबोधित करते हुये मौलाना एजाज़ अहमद खान रज़्ज़ाकी ने कहा की मुस्लिम समस्याओं के समाधान के लिये प्रदेश सरकार चिंतित है,पर सरकार तक मुस्लिम समस्याऐं नहीं पहुचती हैं, मौलाना एजाज़ अहमद खान रज़्ज़ाकी ने आगे कहा की वक़्फ़ बोर्ड  की भूमी की हिफ़ाज़त , मुस्लिम बाहुल क्षेत्रों के लिये कब्रीस्तान की वयवस्था , दंगा रोकने के लिये ठोस संविंधान , 18 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण आदी, विषय को लेकर उलेमा काउंसिल एक सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है, जिसमें सरकार के रूबरू मुस्लिम समुदाय की परेशानियों को विस्तार से रखा जायेगा बैठक में मौलाना गैय्यूर अहमद कासमी ,मौलाना मो0 ज़करिया, मौलाना मो0 आबिद कासमी, मौलाना मो0  फारूक, सलीम गाज़ी, इरफान सैफी, एराज़ कुरैशी, इरफान अब्बासी, कारी मो0 हनीफ, हकीम महबूब खान, मुफति मेहताब आलम कासमी, आदी ने मुख्य रूप से भाग लिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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किसानों को तकनीकी और वित्तीय सहायता

Posted on 19 March 2015 by admin

कृषि मंत्रालय में राज्यमंत्री श्री मोहनभाई कुंडरिया ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि कृषि विभाग की वर्तमान योजना जिसे राज्य सरकार सहित विभिन्न पणधारियों से विस्तृत विचार.विर्मश के पश्चात तैयार किया गया हैए के तहत देश में किसानों को रियायती दरों पर बीजए पौध संरक्षण रसायनएद्वितीयकए गौण और जैव.पौषक तत्वोंए कृषि मशीनरी एवं उपकरणों की आपूर्ति का प्रावधान है। पिछले एक वर्ष और वर्तमान वर्ष के दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत विभिन्न राज्यों को निर्मुक्त निधियों का ब्यौरा अनुबंध.1 पर दिया गया हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ने देश में जिला.वार 641 कृषि विज्ञान केंद्र ;केवीकेद्ध नेटर्वक की स्थापना की है जिसका उद्देश्य प्रौद्योगिकियोंध्उत्पादों के मूल्यांकन एवं प्रदर्शन करना है और किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने सहित कई विस्तार कार्यक्रमों के माध्यम से इनका प्रचार करना है। वर्तमान वर्ष ;2014.15द्ध के दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए आवंटिक निधियों और किसानों को प्रदत्त क्षमता निर्माण प्रशिक्षण की संख्या अनुबंध.11 पर है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रधानमंत्री ने 13 गुजराती पत्रकारों को प्रदान किए बतुकभाई दीक्षित पुरस्कार

Posted on 19 March 2015 by admin

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में 13 गुजराती पत्रकारों को सूरत शहर पत्रकार कल्याण निधि का वार्षिक बतुकभाई दीक्षित पुरस्कार प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने पुरस्कार पाने वाले सभी विजेताओं को बधाई दी।
इस अवसर पर श्री सीआर पाटिल समेत संसद के कुछ सदस्य मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रधानमंत्री 22 मार्च को श्मन की बातश् में किसानों को संबोधित करेंगे

Posted on 19 March 2015 by admin

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी श्मन की बातश् कार्यक्रम की अगली कड़ी में देश के किसानों को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम आकाशवाणी पर 22 मार्च को सुबह 11 बजे प्रसारित किया जाएगा। श्मन की बातश् कार्यक्रम की यह छठी कड़ी होगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री देश के नागरिकों से अपने विचार साझा करते हैं। इस बार प्रधानमंत्री किसानों व उनसे जुड़ें मुद्दों पर बात करेंगे। इस संबंध में उन्होंने लोगों से विचार और सुझाव भी मांगे हैं। लोग इस विषय पर अपने विचार और सुझाव डलळवअण्पद पर साझा कर सकते हैं।

इससे पहले श्मन की बातश् कार्यक्रम की पांच कड़ियां प्रसारित हुई हैं जिनमें प्रधानमंत्री ने विभिन्न विषयों पर लोगों से सीधे बातचीत की। उन्होंने लोगों के दिल के करीब के मुद्दों जैसे स्वच्छ भारत अभियानए खादी को प्रोत्साहनए कौशल विकासए विकलांग बच्चों के लिए छात्रवृत्तिए शिक्षण संस्थानों के लिए बुनियादी सुविधाएं और नशे की समस्या पर अधिक जोर दिया है। मन की बात की पिछली कड़ी 22 फरवरी को प्रसारित की गई थी जिसमें प्रधानमंत्री ने परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों से तनाव व चिंता त्यागकर सकारात्मक रुख रखने के लिए कहा था।
कार्यक्रम को देश भर की जनता से उत्साहजनक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर इसका सीधा प्रसारण होता है। इसके अलावा इस कार्यक्रम को रेडियो पर विविध भारतीए एफएम गोल्ड और एफएम रेन्बो पर भी सुना जा सकता है। प्रधानमंत्री का आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसकी लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राष्ट्रपति श्इंडियन पार्लियामेंटेरी डिप्लोमेसी . स्पीकर्स पर्सपेक्टिवश् की पहली प्रति प्राप्त करेंगे

Posted on 19 March 2015 by admin

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी कल ;19 मार्चए 2015द्ध राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में श्इंडियन पार्लियामेंटेरी डिप्लोमेसी . स्पीकर्स पर्सपेक्टिवश् की पहली प्रति प्राप्त करेंगे।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार द्वारा लिखित इस पुस्तक का प्रकाशन लोकसभा सचिवालय ने किया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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कन्याी बचाओ वह एक धन न कि एक बोझ!!

Posted on 19 March 2015 by admin

हमारी सभ्याता की नियति को संवारने में महिलाओं की भूमिका अहम है। फिर भी ज्याीदातर महिलाओं की अनदेखी होती है और उन्हें  असमानता व अभाव से भी जूझना पड़ता है। यदा.कदा उन्हें  क्रूर हिंसाध्अपराध का सामना करना पड़ता है। भारत में परंपराएंध्रीति.रिवाज बेटियों के अस्तिकत्व  को नकारते रहे हैं। महिलाओं को बराबरी देने के तमाम दावों और इस उद्देश्यक के लिए बनाए गए कानूनों के बावजूद आज भी बड़ी संख्याब में नवजात बच्चि यों को कूड़ेदान में फेंक दिया जाता हैए गर्भ में पल रही बच्च्यिों के लिए भी उनकी माताओं को दुत्काकर दिया जाता है। पक्षपात और भेदभाव के साथ हमारा समाज कन्या ओंध्महिलाओं के साथ दुर्व्यतवहार करता है और इसकी शुरूआत उनके जन्मा से पहले ही हो जाती है। इस पक्षपातपूर्ण रवैये व दुर्व्यकवहार का सामना उन्हेंउ बचपनए किशोरावस्था। और वयस्कण ;गर्भावस्थाबद्ध से लेकर पूरी जिन्द गी करना पड़ता है।
यद्यपि सतीए जौहर और देवदासी जैसी पुरातन कुरितियां अब प्रतिबंधित हैं और आधुनिक भारत में इनके लिए कोई जगह नहीं हैए फिर भी देश के दूरदराज इलाकों से आज भी कुछेक घटनाएं सामने आती हैं। इसी प्रकारए पर्दा प्रथा का प्रचलन शहरों और अभिजात्यं वर्ग में कम हो रहा हैए परंतु ग्रामीण परिवारों में यह आज भी प्रचलित है। घरेलू हिंसाए दहेजए बलात्काहरए छेड़खानीए यौन शोषण और देहव्या पार आदि चिन्ताा के अन्यु विषय हैं। भारत में घरेलू हिंसा सर्वव्याएपी हो गई है और यह तब है जबकि महिलाओं को घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत कानूनी तौर पर सुरक्षा प्रदान की गई है।
कन्यााओं के प्रति पक्षपात के कई रूप हैं दृ अपर्याप्तल स्तननपान व भोजन और स्वायस्य्रत  स्वाास्य्े   सेवाओं में देरी उन्हें  कुपोषण का शिकार बनाती हैंए जबकि देखभाल में कमी और अनदेखी उन्हेंा भावनात्म‍क रूप से कमजोर कर देती है। परिवार में कन्याबओं के लिए स्वा स्य्ी  ए पोषणए व्य क्ति त्वप विकास और शिक्षा आदि के लिए पर्याप्ता संसाधन नहीं रखे जाते हैं। ये सभी महिलाओं में उच्चव मृत्युिदर के कारण हैं। भ्रूणहत्याि संभवतरू महिलाओं के प्रति हिंसा का क्रूरतम रूप हैए जो उन्हें् एक आधारभूत और मौलिक अधिकार से वंचित करता हैए जो है दृश्जीने का अधिकारश्। पुराने जमाने में अवांछित कन्याम शिशु को जहर देकरए गला घोंटकर व अन्यर विधियों से मार दिया जाता था।
हमारे समाज में कन्याज शिशु हत्याअ का प्रचलन पुराने समय से हैए लेकिन चिकित्सा  विज्ञान की प्रगति के साथ ही कन्याश भ्रूण हत्याप में लगातार वृद्धि होती चली गई। तकनीकी प्रगति की वजह से जन्मस.पूर्व ;प्री नेटलद्ध लिंग निर्धारण संभव होने लगा और इससे कन्याक भ्रूण हत्याि के मामले बढ़ते चले गए। बेटों को प्राथमिकता या पुत्र मोह की सदियों से चली आ रही परंपराए चिकित्साे तकनीकों के साथ मिलकर भारतीय परिवार को विकल्प  उपलब्धऔ कराता है कि वे बेटियों के लिए भारी दहेज देने के लिए तैयार रहे या फिर जन्मी से पहले ही उन्हेंह खत्म‍ कर दे। परिणामस्व रूपए अभिनव चिकित्साा प्रौद्योगिकी और अधुनातन लिंग निर्धारण तकनीक ;सेल फ्री फोएटल डीएनए टेस्टिं गए अल्ट्रा साउंड स्कै नए एमीनोसेंटेसिस और कोरियोनिक विलस सैम्पेलिंगद्ध का उपयोग या दुरूपयोग कन्या्ओं के जन्मड से पूर्व ही उनसे छुटकारा पाने के लिए किया जाने लगा ।
भारत में जन्म  से ही कन्याय को एक भार.भोजन के लिए अतिरिक्तम मुंह. माना जाता है। कुल मिलाकर कन्यामओं को बोझ और पराया धन समझा जाता है। दूसरी तरफ बेटों का जन्मक वंश का नाम आगे बढ़ाने के लिए आवश्य क माना जाता है। इसलिए बेटों के जन्मन के लिए मनौतियां मांगी जाती हैं। कन्याेओं को सदैव वित्तीमय बोझ के रूप में देखने वाला हमारे घोर पैतृक समाज में इन रूढ़ीवादी कुरितियों की वजह से निम्नत लिंगानुपात वाले ग्रामीण इलाकों में बलात्का रए देहव्याहपार और श्पत्नीप साझा करनाश् समेत महिलाओं के प्रति अन्यव अपराधों में वृद्धि हो रही है।
थॉमसन रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के लिए भारत विश्व  में श्चौथा सर्वाधिक खतरनाक देशश् है।
कुछ क्रूर हाथों ने हमसे साहसी और आने वाले समय में फिजियोथेरेपिस्टव बनने वाली श्निर्भयाश् को छीन लिया। निर्भया के माता.पिता को उसे जन्म‍ देने के लिए बधाई दी जानी चाहिए। सभी की सहानुभूति उनके साथ है। बेटा जो आगे चलकर बलात्कािरी बनता हैए उसकी निन्दाक उचित है। यहां वह कन्या  ;निर्भयाद्ध ही प्रशंसा की हकदार है।
हमें ना‍गरिकोंए विशेषकर पुरूषोंए की मानसिकता और सोच बदलने की जरूरत है। पुरूषों को यह समझाने की जरूरत है कि उन्हेंं सभी उम्र की महिलाओं की इज्जमत करनी चाहिए और इन मूल्योंक को बचपन से ही उनकी मानसिकता में मजबूती से ढालने की जरूरत है। एक बालक को यह समझाने की जरूरत है कि वह न केवल अपनी माताए बहनों और सगे संबंधियों का सम्माान करे बल्कि सम्पकर्क में आने वाली सभी कन्यारओंध्महिलाओं का आदर करे। तभी हमारा समाज शांतिपूर्ण ढंग से रहने के लिए एक सुरक्षित स्थासन होगा।

पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की जनसंख्याे को मापने के लिए लिंगानुपात एक कारगर मानदण्ड  है। जनगणना 2011 के अनुसारए हमारी जनसंख्याग में 1000 पुरूषों पर केवल 940 महिलायें हैं और यह निम्नग लिंगानुपात को दर्शाता है। घटता बाल लिंगानुपात ;0.6 वर्षद्ध गहरी चिंता का विषय है। देश के प्रख्यानत जनसंख्याा विशेषज्ञ प्रोफेसर आशीष बोस ने लुप्तं होती कन्या यें ;मिसिंग गर्ल्साद्ध को लेकर खतरे की घंटी बजाई है और 6 वर्ष से कम उम्र की जनगणना आंकड़ों का अलग से मूल्यां कन करने पर जोर दिया है। जनगणना 2011 के मुताबिक बाल लिंगानुपात घटकर 919 बालिका प्रति 1000 बालक हो गया है। हरियाणाए पंजाबए दिल्ली ए महाराष्ट्रद और गुजरात जैसे विकसित राज्यब भी राष्ट्री य औसत से काफी पीछे हैं। दिल्ली  में बाल लिंगानुपात ;871 बालिकायेंध्1000 बालकद्ध सर्वाधिक कम है। यपिय     राष्ट्रीीय स्त।र पर लिंगानुपात एक सकारात्मबक ट्रेंड को दर्शाता हैए पर बाल लिंगानुपात का गिरना गहरी चिंता का विषय है। महिला जन्म दर के गिरने का एक बड़ा कारण जन्मह के समय कन्याबओं के प्रति हिंसात्महक व्य्वहार भी माना जाता है।
एक ताजा अध्य्यन ;2011द्ध से पता चला है कि 1980 से लेकर 2010 के दौरान करीब 1ण्2 करोड़ कन्या  भ्रूण को गर्भपात के जरिए समाप्त् किया गया। मेक फर्सन ;2007द्ध ने भी पाया था कि प्रत्येकक वर्ष भारी संख्याा में गर्भपात सिर्फ इस वजह से कराया जाता है कि वे कन्याथ भ्रूण हैं। यह भी उल्ले खित किया गया है कि सम्परन्नस और शिक्षित परिवारों में भी लिंग को लेकर गर्भपात कराने की प्रवृत्ति पाई जाती है। यदि पहले से कन्या‍ है तो दूसरे और तीसरे जन्मे में कन्याी भ्रूण की वजह से गर्भपात ज्यापदा होते हैं। महिलायें और बच्चेर अच्छें तादाद के साथ जनसंख्याम का महत्वभपूर्ण हिस्सात हैं और वे राष्ट्र  निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी महिलायें और कन्यामयें असमानता और बहुअयामी अभाव का सामना कर रही है और जब तक भेदभाव का यह कुचक्र समाप्तय नहीं होता तब तक  समावेशी विकास संभव नहीं है। किसी ने सच कहा है कि श्जब हम एक पुरूष को शिक्षित करते हैं तो हम एक व्यनक्ति को शिक्षित कर रहे होते हैंय परन्तुए जब हम एक कन्याेध्महिला को शिक्षित करते हैंए हम पूरे परिवार या कहें तो पूरे राष्ट्रक और मानवता को शिक्षित कर रहे होते हैं।श्
कई महिलाओं ने विभिन्ने क्षेत्रों में राष्ट्री य और अंतर्राष्ट्रीहय स्त रों पर ऊंचाइयों को छुआ है। यदि उनके माता.पिता भी कन्याम भ्रूण हत्याऔ को अपनाते तो समाज के विकास में हम उनके योगदान से वंचित रहते।
कन्यान और महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए किए गए उपाय और पहल निम्ना हैं रू
ऽ        बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ. श्श् प्रधानमंत्री ने हाल में ही इस योजना का शुभारम्भक किया। योजना का एक उद्देश्ये निम्ने बाल लिंगानुपात वाले 100 जिलों में स्थिति को सुधारना है और यह माना जा रहा है कि यदि इसे सही ढंग से क्रियान्वित किया गया तो यह भारत को एक आधुनिक लोकतंत्र बनाने में बेहद कारगर होगा।
ऽ        सेव द गर्ल चाइल्डं का उद्देश्य लिंग के आधार पर गर्भपात को समाप्तं करना है ताकि कन्या  भ्रूण हत्या  से निजात मिले।
ऽ        भारत सरकार ने 2001 को श्महिला सशक्तिकरण ;स्वकशक्तिद्ध वर्षश् घोषित किया थाय राष्ट्री य महिला सशक्तिकरण नीति लागू की गई।
ऽ        कन्यासओं को जीवन के विभिन्नल चरणों में सशर्त नकद प्रोत्‍साहन और छात्रवृत्तियां दी जाती हैं और एकध्दो कन्यावओं के माता.पिता के लिए उच्चो पेंशन लाभ का भी प्रावधान है।
ऽ        बालिकाओं को सशक्तिकरण के लिए लाडली योजना शुरू की गई है और राज्यों् में भी इस तरह की योजनायें चलाई जा रही हैं।
ऽ        सुकन्याल समृद्धि योजनाए बालिका समृद्धि योजना और किशोरी शक्ति योजना

कन्या ओं से संबंधित कुछ मुद्दों को राष्ट्रीनय बाल नीतियों में समाहित किया गया है और निम्न  कार्यक्रमों के तहत उन पर ध्यारन दिया जाता है रू
ऽ        राष्ट्री य बाल नीतिए 1974
ऽ        राष्ट्री य बाल कार्य योजनाए 2005
ऽ        प्री.नेटल डेग्नोास्टिक टेक्नी7क्सा.रेगूलेशन एण्ड  प्रीवेन्शजन ऑफ मिसयूज ;पीएनडीटीद्ध एक्ट.ए 1994
ऽ        प्री. कॉन्सेोप्शिनए प्री.नेटल डेग्नो्स्टिक टेक्नीशक्सन.रेगूलेशन एण्ड  प्रीवेन्शकन ऑफ मिसयूज ;पीसीपीएनडीटीद्ध एक्ट‍ए 2004
ऽ        देह व्याकपार ;इमोरल ट्रेफिकद्ध रोकथाम अधिनियमए 1986
      चूंकि बाल लिंगानुपात तेजी से घट रहा है। सर्वोच्चल न्यारयालय ने कन्या् भ्रूण हत्याश जैसी सामाजिक बुराई की रोकथाम के लिए राज्योंे को उन परिवारों को प्रोत्सानहित व लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं जो कन्‍याओं का श्सम्माान और आदरश् करते हैं।
      समाज में कन्याहध्महिला के सकारात्म क छवि स्था पित करने के लिए नीति निर्धारकोंए योजनाकारोंए प्रशासकोंए प्रशासनिक एजेंसियों और मुख्यम रूप से समुदायों को लिंग भेदी मानसिकता के खिलाफ जागरूक करना बेहद जरूरी है।
      ग्रामीण व कमजोर वर्ग समेत सभी महिलाओं को तत्कांल शिक्षित और सशक्त  करना जरूरी है। इससे परिवार और समुदाय में उनकी स्थिति सुधरेगी। महिला सशक्तिकरण से ही बहुअयामी प्रगति होगीए साथ ही रूढ़ीवादी मान्य ताओं व गैरवैज्ञानिक प्रचलनों से निजात मिलेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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