Archive | March 16th, 2015

भारतीय गौ क्रांति मंच के संस्थापक गोपाल मणि जी महाराज व सीताशरण जी महाराज के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में

Posted on 16 March 2015 by admin

भारतीय गौ क्रांति मंच के संस्थापक गोपाल मणि जी महाराज व सीताशरण जी महाराज के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लोहिया पार्क, चैक में दिनांक 15 मार्च 2014 को आयोजित होने वाली गौवर्धन जन-जागरण सभा की सफलता हेतु लोक परमार्थ सेवा समिति, लखनऊ ने कृष्णा पल्ली, आलमबाग, स्थित गौशाला में एक दर्जन गौमाताओं को चोकर, गाजर, सेब, केले, आदि अर्पण कर गौवर्धन जन-जागरण की सफालता हेतु प्रार्थना की।
इस अवसर पर काशी के गऊ कथाकार पूज्यपाद प्रभाकर दत्त जी महाराज ने गौ भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि गौ माता को सम्मान दिलाने हेतु गोपालमणि जी का यह संकल्प सराहनीय है। हम सब को उनके साथ तन-मन-धन से सहयोग करना चाहिए। उन्होनें गौवर्धन जनजागरण सभा में अधिक से अधिक संख्या में गौंभक्तों से पहंुचने का आह्वान किया।
समिति की प्रवक्ता श्रीश शर्मा ने कहा कि गौ, गंगा स्वर्ग की दो देवियां है। मां गंगा का उद्गम गौमुख से हुआ है। अतः हम कह सकते है कि गौ माता ने हमें गंगा दी। केन्द्र सरकार ने मां गंगा की अविरल धारा हेतु गंगा मंत्रालय अलग बनाने के साथ साथ काफी मात्रा में धनराशि मां गंगा की सफाई हेतु आवंटित की है। समिति गोपाल मणि महाराज जी के संकल्प के साथ पूरी तरह से है और समिति केन्द्र व राज्य सरकार दोेनों से मांग करती ह्रै कि गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के साथ - साथ गऊ माता का अलग से मंत्रालय , चारे पर 50 प्रतिशत सब्स्डिी आदि की मांग करती है।
इस गौ भण्डारे में समिति की उपाध्यक्षा श्रीमती किरन बाला शर्मा के अलावा समिति के उपसचिव जितेन्द्र सिंह, एडवोकेट राकेश कुमार शर्मा, एडवोकेट मनीष यादव, परमान्नद मिश्रा, पवन शर्मा, मोनू आदि शामिल हुए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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उ0प्र0 वन निगम को अन्तर्राष्ट्रीय संस्था एफ0एस0सी0 द्वारा प्रमाणीकरण प्रदान किया गया

Posted on 16 March 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव, जिनके पास वन विभाग का प्रभार भी है, के निर्देशानुसार राज्य में वन प्रबन्धन के बेहतर नतीजे प्राप्त होने लगे हैं। मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में वन प्रबन्धन को मान्यता देते हुए अन्तर्राष्ट्रीय संस्था एफ0एस0सी0 (फाॅरेस्ट स्टुअर्टशिप काउन्सिल) ने उ0प्र0 वन निगम को प्रमाण पत्र प्रदान किया है। वन निगम को यह प्रमाण पत्र राज्य में वनों के कुशल प्रबन्धन के लिए दिया गया है। यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस प्रमाण पत्र से उत्तर प्रदेश के वन उत्पादों की अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में स्वीकार्यता सुनिश्चित होगी। इससे राज्य के वन उत्पादों से निर्मित वस्तुओं का मूल्य बढ़ेगा एवं राजस्व प्राप्ति में वृद्धि होगी। साथ ही, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की साख भी बढ़ेगी।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रमाण पत्र में राज्य के 13 वन प्रभाग शिवालिक, नजीबाबाद, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बिजनौर, दक्षिणी खीरी, उत्तरी खीरी, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, गोरखपुर, कतर्निया घाट एवं सुहेलवा शामिल हैं। इसके तहत इन वन प्रभागों का कुल 3 लाख 49 हजार 296 हेक्टेयर वन क्षेत्र तथा 41 वृक्ष प्रजातियां जैसे सागौन, खैर, साल, शीशम आदि शामिल हैं। उ0प्र0 वन निगम का प्रमाणीकरण एफ0एस0सी0 से मान्यता प्राप्त एस0सी0एस0 ग्लोबल सर्विसेज द्वारा किया गया है।
प्रवक्ता के अनुसार इस प्रमाण पत्र से प्रदेश की वन प्रबन्धन प्रणाली में स्थानीय लोगों के अधिकारों का समावेश होगा एवं वनों की सुरक्षा एवं संरक्षण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित होगी। एफ0एस0सी0 द्वारा प्रमाणित उत्तर प्रदेश का यह वन क्षेत्र सम्पूर्ण दक्षिण एशिया के प्रमाणित वन क्षेत्र का 39.1 प्रतिशत है।
ज्ञातव्य है कि एफ0एस0सी0 एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन विभिन्न देशों के प्रमुख प्रकाष्ठ उपभोक्ताओं, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरोकारों से सम्बन्धित संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा वर्ष 1992 में रियो में हुए अर्थ समिट के पश्चात किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कुशल वन प्रबन्धन को मान्यता प्रदान करना है। प्रवक्ता ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार 10 विश्वव्यापी मानकों, देश के सभी कानूनों तथा अन्तर्राष्ट्रीय सन्धियों/अनुबन्धों का सम्मान, भूमि एवं वन संसाधनों के स्वामित्व, अधिकारों एवं उत्तरदायित्वों को कानूनी रूप से परिभाषित, परिलिखित एवं स्थापित करने, स्वदेशी व्यक्तियों की निजी भूमि, क्षेत्रों एवं संसाधनों के स्वामित्व, उनके प्रयोग, प्रबन्धन एवं पारम्परिक अधिकारों का सम्मान, वन प्रबन्धन संचालन में वन श्रमिकों एवं स्थानीय समुदायों के सामाजिक एवं आर्थिक कल्याण को बनाए रखने, वन उत्पादों के कुशल प्रयोग को प्रोत्साहित कर वन प्रबन्धन को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाना एवं सामाजिक तथा पर्यावरणीय लाभों को सुनिश्चित करने, वन प्रबन्धन से जैव विविधता का संरक्षण कर पारिस्थितकीय सन्तुलन एवं वनों की सम्पूर्णता बनाए रखने, वनों के प्रबन्धन की तात्कालिक एवं दीर्घकालीन आवश्यकताओं की पूर्ति वन प्रबन्ध योजनाए बनाने, वानिकी कार्याें के सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन कर वन प्रबन्धन को सुदृढ़ करने, उच्च संरक्षण मूल्य वाले वनों का चिन्हीकरण एवं संरक्षण करने तथा उन 09 सिद्धान्तों के पृष्ठभूमि में वुक्षारोपण योजनाएं तैयार करने तथा वृक्षारोपण से सामाजिक एवं आर्थिक लाभों को व्यवस्थित रखने के आधार पर यह प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी सरकार प्रदेश के चहुँमुखी विकास के लिए कृतसंकल्प: मुख्यमंत्री

Posted on 16 March 2015 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी सरकार राज्य के चहुँमुखी विकास के लिए कृतसंकल्प है। विगत तीन वर्षाें में राज्य को विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश सरकार डाॅ0 राम मनोहर लोहिया और जनेश्वर मिश्र जैसे समाजवादी चिंतकांे व नेताओं के विचारों और समाजवादी सिद्धान्तों पर काम करने वाली सरकार है। इसलिए राज्य सरकार ने अपनी नीतियों, कार्यक्रमों तथा योजनाओं से गांव, गरीब, किसान, वंचित वर्गांे, अल्पसंख्यकों, नौजवानों, छात्रों, महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गाें एवं जातियों को बिना किसी भेदभाव के लाभान्वित किया है।
मुख्यमंत्री आज यहां ‘जनेश्वर मिश्र हाॅर्टीफेयर-2015’ के समापन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। गोमती नगर विस्तार स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित हाॅर्टीफेयर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के क्लीन, ग्रीन और प्रास्परस लखनऊ के विजन को ध्यान में रखते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा सूचना विभाग, पर्यटन विभाग एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया था। विभिन्न राज्यों के पवेलियन, आयातित पौधों का प्रदर्शन, बोनसाई शो, शादी मण्डप आदि हाॅर्टीफेयर के मुख्य आकर्षण थे। उद्यान विभाग, पुलिस अभिसूचना, पी0ए0सी0 महानगर, लखनऊ नगर निगम सहित एन0बी0आर0आई0, सीमैप, सेन्ट्रल कमाॅण्ड आदि संस्थाओं ने हाॅर्टीफेयर में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने हाॅर्टीफेयर के दौरान आयोजित विभिन्न प्रदर्शनियों एवं प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए तथा स्मारिका ‘जनेश्वर मिश्र हाॅर्टीफेयर-2015’ का विमोचन भी किया। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे समाजवाद के सिद्धान्तों एवं डाॅ0 राम मनोहर लोहिया और जनेश्वर मिश्र जैसे समाजवादी चिंतकों की विचारधारा से परिचित हों और उसे आगे बढ़ाएं।
वर्तमान में देश मंे भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रही चर्चा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका अनुभव है कि किसान विकास के खिलाफ नहीं है। लेकिन विकास उनकी आजीविका का साधन छीनकर नहीं होना चाहिए। भूमि अधिग्रहण में किसान की सहमति जरूरी है। उन्होंने कहा कि 300 किमी0 लम्बा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे है। राज्य सरकार को इसके लिए भूमि अधिग्रहण में कोई दिक्कत पेश नहीं आयी बल्कि किसानों को सहयोग मिला। क्योंकि सरकार ने सहमति और सहूलियत से भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की। एक्सप्रेस-वे के दो साल में तैयार होने का भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरे हो जाने पर न केवल यात्रा समय में कमी आएगी, बल्कि इसके इर्द-गिर्द मण्डियां तथा उद्योग भी विकसित किए जाएंगे, जिनसे रोजगार भी पैदा होंगे।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं जैसे सड़क, पुल, आर0ओ0बी0 इत्यादि के निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, लखनऊ मेट्रो रेल, नया हाईकोर्ट परिसर, लखनऊ हाट, सी0जी0 सिटी, गोमती नदी की सफाई एवं रिवरफ्रण्ट का विकास, अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, कैंसर अस्पताल, साइकिल टैªक, जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र आदि परियोजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं लखनऊ जनपद से सम्बन्धित हैं, जिनका विकास प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की निःशुल्क लैपटाॅप वितरण योजना की आलोचना करने वाले लोग अब मुफ्त वाई-फाई दे रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि बिना लैपटाॅप के वाई-फाई क्या करेगा। उन्होंने कहा कि ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा तथा ‘102’ नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस का लाभ गरीबों को मिल रहा है। इन सेवाओं की सफलता को देखते हुए राज्य में 500 और नई एम्बुलेन्स चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन एम्बुलेन्स सेवाओं की भांति ही कम समय में रिस्पाॅन्स देने वाली पुलिस की प्रभावी सेवा भी प्रदेशवासियों को शीघ्र ही मुहैया कराई जाएगी।
इससे पूर्व प्रमुख सचिव आवास श्री सदाकान्त एवं एल0डी0ए0 उपाध्यक्ष श्री सतेन्द्र सिंह ने पुष्पगुच्छ से मुख्यमंत्री का स्वागत किया।  कार्यक्रम के अन्त में मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनन्द लिया।
इस अवसर पर राजनैतिक पंेशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन सहित जनप्रतिनिधिगण प्रमुख सचिव उद्यान श्री दीपक त्रिवेदी एवं शासन प्रशासन के अधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मानसिक रोगियों के लिये रोजगार एवं सामाजीकरण की सुविधायें हो। 10 प्रतिषत मानसिक रोगी कार्य करने में सक्षम होते है।

Posted on 16 March 2015 by admin

लखनऊ जैसे शहर में यह प्रस्तावित किया जाता है कि ष्षारीरिक विकलांगता की ही भांति, मानसिक रोगियों को भी रोजगार के अवसर प्रदान किये जाये। मानसिक रोगियों के प्रति नकारात्मक सोच छोड़ना जरूरी है क्योकि यह भी देखा गया हेै कि कभी कभी तो सामान्य समाज की अपेक्षा इन व्यकितयों की कार्यक्षमता और कार्यकुषलता अधिक सराहनीय होती है। इन रोगियों में सभी गंभीर रोगी नहीं होते है तथा इनमें से 70 से 80 प्रतिषत को कार्य में लगाया जा सकता है। मदद और पुनर्वास इन्हें रोजगार में लगाने में बहुत सहायक होता है। अनुमानतः उत्तर प्रदेष में 12 प्रतिषत मानसिक रोगी है जिनमें 2 प्रतिषत गंभीर रूप से पीडि़त है। परिणाम यह है कि प्रायः 60 से  70 लाख व्यक्ति या तो असहाय जीवन बिताते है या आत्महतया करने पर मजबूर हो जाते है। अथवा विक्षप्ता अवस्था में भिखारी का जीवन व्यतीत करते है। भारत जैसे कल्याण कारी राष्ट्र के लिए यह अतयन्त षर्मनाक है।

दि रिचमण्ड फैलोषिप सोसाइटी ;इण्डियाद्ध की लखनऊ षाखा ;नव उदय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, विराज खण्ड-5, गोमती नगर, लखनऊद्ध ने षनिवार 14 मार्च 2015 को ;दोहपर 2.30 से 5.30 बजेद्ध अपना वार्षिकोत्सव मनाया और 10 वर्ष पूरे करने के उपलक्ष्य में एक कार्यषाला श्उŸार प्रदेष में मनोरोगियों के पुनर्वास की चुनौतियाँश् का आयोजन किया।
माननीय डाॅ0 दिनेश शर्मा, महापौर, लखनऊ और श्री आषुतोष टण्डन ‘गोपाल जी’ विधायक लखनऊ पूर्व, विषिष्ट अतिथि थेे। इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन किया गया जिसमें सोसाइटी के विजन, मिषन एवं मनोरोगियों के उपचार, कल्याण तथा पुनर्वास और इस दिषा में हमारी उलब्धियों की जानकारी दी गयी।
दि रिचमण्ड फैलोषिप सोसाइटी ;इण्डियाद्ध की लखनऊ षाखा का आरम्भ 10 वर्ष पूर्व मार्च 2005 में मनोरोग से ग्रसित व्यक्तियों को राहत देने एवं उनके परिवारजनों की व्यथा को कम करने के उद्देष्य से एक किराये के भवन से किया गया था और 2006 से डे केयर सुविधा की षुरूआत की गयी। मुख्य उद्देष्य था जन साधारण को मानसिक स्वास्थ्य और मनोरोगों के बारे में जागरूक करना, इस सन्देष का प्रसार करना कि मानसिक रोग अभिषाप नहीं है, अन्य रोगों की भाँति इनका भी इलाज सम्भव है, समुचित उपचार एवं पुनर्वास द्वारा एक स्वावलम्बी और सम्मानित जीवन प्राप्त कर पाना भी सम्भव है। अभिभावकों ने दि रिचमण्ड फैलोषिप सोसाइटी से प्रेरित होकर 2009 में एक संगठन मनोरोगी कल्याण संस्थान बनाकर सोसाइटी के कार्यक्रमों को भरपूर सहयोग देने की पहल की। हम धीरे-धीरे अनेक बाधाओं का सामना करते हुए आगे बढ़ते ही रहे। अपने षुभचिन्Ÿाकों व सहयोेगियों की मद्द और षुभकामनाओं के साथ हमने सफलतापूर्वक 10 वर्ष पूरे कर लिए। हमारी सेवाओं और प्रषिक्षण से लाभान्वित प्रषिक्षणार्थियों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग कार्यक्रम और उनके द्वारा निर्मित विभिन्न वस्तुओं, कलाकृतियों की प्रदर्षनी से लोगों को इसका आभास हो गया।
यह बतलाते हुए खुषी हो रही है कि अब हमारे पास गोमती नगर में अपना भवन है जहाँ पर निम्नलिखित सुविधाएँ उपलब्ध हैं:
    बाह्यरोगी परामर्ष
    दिवा-परिचर्या तथा व्यावसायिक प्रषिक्षण
    अल्पकालिक आवासीय सुविधा
    जन जागरूकता एवं प्रसार कार्यक्रम
    सूचना प्रकाषन, प्रषिक्षण एवं षोध
‘नव उदय’ की सोच एवं कार्यषैली पारम्परिक मानसिक अस्पतालों से एकदम अलग है। मानसिक अस्पताल का कार्य प्रायः रोगी को उपचार द्वारा ठीक करने तक सीमित रहता है। नव उदय में उपचार के साथ-साथ रोगी के पुनर्वास पर भी ध्यान दिया जाता है। नव उदय में अस्पताल के स्थान पर एक घर जैसा परिवेष देने का प्रयत्न किया जाता है। यहाँ पर रोगी को एक सौहार्दपूर्ण वातावरण में अपने खोई हुई क्षमताओं को समझने और निखारने का अवसर मिलता है। हमारा मुख्य उद्देष्य मनोरोगियों को उपचार एवं पुनर्वास द्वारा एक स्वावलम्बी सम्मानपूर्ण जीवन के लिए प्रेरित कर उन्हे परिवार एवं समाज से जोड़ना है। हमारी योजना संस्थान को एक ऐसे आदर्ष केन्द्र के रूप में विकसित करने की है जहाँ से अन्य स्थानों में पुनर्वास कार्य आरम्भ करने के लिए लोगों को समुचित प्रषिक्षण, प्रषिक्षित कार्यकर्ता एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त हो सके। प्रत्येक जनपद में  सामुदायिक पुनर्वास की सुविधाओं वाला एक पुनर्वास केन्द्र का होना अनिवार्य हो और मानसिक स्वास्थ्य स्वयं-सेवक उपलब्ध हो। इस कार्य के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता जुटाना कठिन समस्या है। इसके लिए राज्य एवं प्रदेष सरकार को ध्यान देना और समुचित आर्थिक सहायता उपलब्ध करना बहुत जरूरी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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उत्तर प्रदेष राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान’, का ‘पुरस्कार एवं सम्मान समारोह-2014-15 सम्पन्न राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के मंच पर सम्मानित हुए पद्मश्री अनूप जलोटा

Posted on 16 March 2015 by admin

आज दिन रविवार, दिनांक 15 मार्च, 2015 को ‘राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान’, उ0प्र0 के तत्वावधान में ‘पुरस्कार एवं सम्मान समारोह’ वर्ष 2014-15 का आयोजन ’विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह, लोक निर्माण विभाग (राजभवन के सामने), महात्मागाँधी मार्ग, लखनऊ, में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो0 अभिषेक मिश्र, मा0 राज्य मंत्री, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उ0प्र0 थे। समारोह के अति विशिष्ट अतिथि जाने माने गायक पद्मश्री श्री अनूप जलोटा जी, श्री जयशंकर मिश्र, सेवानिवृत्त अधिकारी, भारतीय प्रशासनिक सेवा, विशिष्ट अतिथि श्री नरेन्द्र कुमार चैबे, प्रमुख सचिव, उ0प्र0 विधान परिषद एवं श्री हर्षवर्धन, अग्रवाल, फाउन्डर ट्रस्टी, हेल्प यू ट्रस्ट, हजरतगंज, लखनऊ थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा0 हरशरण दास, प्रमुख सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उ0प्र0 शासन द्वारा की गयी। कार्यक्रम में संस्थान के सह संरक्षक श्री अनीस अंसारी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मा0 अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि/विशिष्ट अतिथिगण द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात श्री घनानन्द पाण्डेय ‘मेघ’ द्वारा वाणी वन्दना प्रस्तुत की गयी। संस्थान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विनोद चन्द्र पाण्डेय ‘विनोद’ द्वारा साहित्यकारों एवं अतिथियों का स्वागत किया गया। इसके पश्चात संस्थान की गतिविधियों के साथ प्रगति आख्या डाॅ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी, महामंत्री द्वारा प्रस्तुत की गयी।
इस अवसर पर मा0 राज्य मंत्री प्रो0 अभिषेक मिश्र ने कहा कि हमारे समाज में साहित्य का प्रभाव सदैव से रहा है साहित्य समाज को दिशा व सोच देता है। वन्दे मातरम के माध्यम से साहित्यकारों ने देश को एक साथ खड़ा किया था। साहित्य सवाल उठाता है एवं समाधान भी प्रस्तुत करता हैं साहित्य वैचारिक क्रान्ति का बीज बोता है।
प्रमुख गायक कलाकार पद्मश्री श्री अनूप जलोटा जी ने संस्थान के कार्यों की प्रशंसा करते हुए भजन सुनाया: मिल जाते हैं राम कोई बुला कर देख ले।
डाॅ0 जयशंकर मिश्र, से0नि0 अधिकारी, भारतीय प्रशासनिक सेवा ने कहा कि राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है साहित्य का कार्य समाज को स्थापित करने का कार्य है। समाज की आवाज को साहित्य उठाता है और जीवन जीना भी सिखाता है।
संस्थान के सह संरक्षक डाॅ0 अनीस अंसारी ने कहा कि साहित्य और समाज का बहुत करीबी रिश्ता है। साहित्यकारों को समाज को जोड़ने में साहित्य का उपयोग करना चाहिए।
प्रमुख सचिव विधान परिषद श्री नरेन्द्र कुमार चैबे ने कहा कि साहित्य समाज की आत्मा, शक्ति और मनोरंजन के साथ भक्ति है। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर ने पुस्तकों को अलमारी तक सीमित कर दिया है।
संस्थान के अध्यक्ष डा0 हरशरण दास ने कहा कि संस्थान बहुत अच्छा कार्य कर रहा है यह न केवल राज्य कर्मचारियों को प्रोत्साहित करता है वरन साहित्य का उद्देश्य साहित्य के माध्यम से समाज की सेवा करना है। उन्होंने ंस्थानस के 51-51 हजार के 8 पुरस्कारों को बढ़ाकर 24 किये जाने हेतु शासन को धन्यवाद ज्ञापित किया। संस्थान के महामंत्री डाॅ0 दिनेष चन्द्र अवस्थी ने कहा कि हमें बेहद खुषी होती है कि हम शासकीय सेवाओं के साथ साथ साहित्य की सेवा उत्तम सेवा है। इसके लिए साहित्य से जुड़े अधिकारी एवं राज्यकर्मचारी लगातार आदर एवं बधाई के पात्र हैं। उन्होंने संस्थान की प्रगति के सम्बन्ध में आरम्भ से लेकर अबतक की जानकारियाँ प्रदान कीं।
हेल्प यू ट्रस्ट के फाउन्डर ट्रस्टी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल जी ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है समाज को दिशा देता है और समाज की बेचैनी को व्यक्त करता है। साहित्यकारों को धन्यवाद एवं बधाई।
मुख्य अतिथि द्वारा संस्थान की पत्रिका ‘अपरिहार्य’ के ‘पुरस्कार एवं सम्मान विशेषाँक’, श्रीमती शोभा दीक्षित ‘भावना’ के ग़ज़ल संग्रह ‘जि़न्दगी तेरे लिए’, डाॅ0 कैलाश निगम की कृति ‘दीवान-ए-कैलाश निगम’, श्री दयानन्द जडि़या ‘अबोध’ की कृति ‘ये हैं अबोध के नवीन छन्द’, श्री सत्य प्रकाश सक्सेना की कृति ‘मदशाला’ एवं डाॅ0 रश्मिशील द्वारा सम्पादित कृति ‘अनुभव की सीढ़ी’ (डाॅ0 भारतेन्दु मिश्र की कविताओं का संकलन) का लोकार्पण भी किया गया।
इसके पश्चात इस आयोजन का मुख्य पुरस्कार एवं सम्मान का सत्र प्रारम्भ हुआ। अतिथिगण द्वारा साहित्यकारों को पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किये गये:-

मा0 राज्य मंत्री प्रो0 अभिषेक मिश्रजी द्वारा पुरस्कृत किये गये साहित्यकारों की सूची

1. पं0 महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार         ः डाॅ0 जटाशंकर त्रिपाठी,
दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा-हिन्दी गद्य        अनुसचिव, चिकित्सा विभाग,
रु0 51,000/-(रुपये इक्यावन हजार मात्र)        उ0प्र0 सचिवालय।
तथा प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र
2. सुमित्रा नन्दन पंत पुरस्कार            ः डाॅ0 अशोक अज्ञानी
दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा-हिन्दी पद्य        प्रवक्ता, हिन्दी, हुसैनाबाद
रु0 51,000/-(रुपये इक्यावन हजार मात्र)         राजकीय इण्टर कालेज,लखनऊ
तथा प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र
3. अमृतलाल नागर पुरस्कार            ः डाॅ0 सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय,
हिन्दी गद्य की मौलिक कृति ‘योग और अध्यात्म’    जिलाधिकारी, सिद्धार्थनगर,
रु0 51,000/-(रुपये इक्यावन हजार मात्र)    उ0प्र0।
तथा प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र
4. जय शंकर प्रसाद पुरस्कार            ः श्री ओम धीरज
हिन्दी पद्य की मौलिक कृति ‘सावन सूखे पाँव’    अपर जिलाधिकारी,
रु0 51,000/-    (रुपये इक्यावन हजार मात्र)    वाराणसी, उ0प्र0।
तथा प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र
5. डाॅ0 विद्यानिवास मिश्र पुरस्कार            ः श्री अमिताभ पाण्डेय,
हिन्दी गद्य की मौलिक कृति ‘इतिहास और साहित्य’     प्राविधिक सहायक ‘इतिहास’
रु0 51,000/-(रुपये इक्यावन हजार मात्र)      राजकीय अभिलेखागार, महानगर,
तथा प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र        लखनऊ।
6. डाॅ0 शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ पुरस्कार         ः श्री उमाशंकर यादव ‘निशंक’
हिन्दी पद्य की मौलिक कृति ‘चेतना के स्वर        वरिष्ठ लिपिक, कलेक्ट्रेट,पेशकार
रु0 51,000/-(रुपये इक्यावन हजार मात्र)         सदर, उन्नाव, उ0प्र0।
तथा प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र
7. मिर्जा असदउल्ला खाँ ‘गालिब’ पुरस्कार         ः श्री मोहम्मद अशरफ़
उर्दू भाषा गद्य में दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा,    उर्दू, सहायक आयुक्त एवं
रु0 51,000/-(रुपये इक्यावन हजार मात्र)         सहायक निबंधक
तथा प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र         सहकारिता कार्यालय, विकास
भवन, गोरखपुर, उ0प्र0।
8. फिराक़ गोरखपुरी पुरस्कार            ः श्री मोहम्मद फारूक़,
उर्दू भाषा पद्य की मौलिक कृति ‘अकसे हयात्’    उर्दू अनुवादक, कार्यालय
रु0 51,000/-(रुपये इक्यावन हजार मात्र)         निबंधक एवं सहकारिता, लखनऊ
तथा प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र        उ0प्र0।
संस्थान की पत्रिका ‘अपरिहार्य’ एवं संस्थान को अमूल्य योगदान देने हेतु

‘साहित्य गौरव सम्मान’

श्री रवीन्द्र नाथ तिवारी,
श्रीयुत् श्रीकृष्ण सिंह ‘अखिलेश’
श्री राम प्रकाश त्रिपाठी प्रकाश
डाॅ0 सुरेश पति त्रिपाठी
श्री शाहनवाज़ कुरैशी
श्री शिव कुमार बिलगरामी
श्री ओम प्रकाश गुप्त ‘मधुर’
डाॅ0 गणेश नारायण शुक्ल (उन्नाव)
डाॅ0 कृष्णा जी श्रीवास्तव
श्री मयंक किशोर शुक्ल ‘मयंक’
श्री सुरेन्द्र कुमार अग्निहोत्री
श्री कमलेश मौर्य ‘मृदु’
श्री धन सिंह मेहता ‘अनजान’
श्री सुरेश पंजम
श्री रमेश गुप्त
श्री बजरंगबली
डा0 आनन्द ओझा
श्री हरि मोहन बाजपेयी ‘माधव’
श्रीमती इन्द्रासन सिंह ‘इंदु’
श्री मनीष कुमार

उक्त सभी साहित्यकारों को प्रशस्ति-पत्र, अंग-वस्त्र एवं स्मृति-चिन्ह प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त संस्थान की त्रैमासिक पत्रिका की सम्पादक श्रीमती शोभा दीक्षित ‘भावना’ एवं संयुक्त सम्पादक डाॅ0 रश्मिशील को संस्थान को सराहनीय सहयोग देने हेतु प्रशंसा-पत्र भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डाॅ0 रश्मिशील एवं श्री सुनील कुमार बाजपेयी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों/साहित्यकारों/श्रोताओं एवं अन्य उपस्थित महानुभावों के प्रति संस्थान के उपाध्यक्ष श्री विजय प्रसाद त्रिपाठी ने आभार/धन्यवाद व्यक्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ0प्र0 का वार्षिक पुरस्कार एवं सम्मान समारोह,विश्वेश्वरैया प्रेक्षा ग्रह’, लोक निर्माण विभाग का सभागार, राज भवन के सामने,

Posted on 16 March 2015 by admin

राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ0प्र0 का वार्षिक पुरस्कार एवं सम्मान समारोह,विश्वेश्वरैया प्रेक्षा ग्रह’, लोक निर्माण विभाग का सभागार, राज भवन के सामने, महात्मागाँधी मार्ग, लखनऊ मेंमुख्य अतिथि प्रो0 अभिषेक मिश्र, मा0 राज्यमंत्री, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उ0प्र0 होंगे एवं समारोह की अध्यक्षता डा0 हरशरण दास, प्रमुख सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उ0प्र0 शासन तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री नरेन्द्र कुमार चैबे, प्रमुख सचिव, उ0प्र0 विधान परिषद एवं श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, फाउन्डर ट्रस्टी, हेल्प यू ट्रस्ट, की गरिमामयी उपस्थिति में सुरेन्द्र अग्निहोत्री को साहित्य गौरव से सम्मानित किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि

Posted on 16 March 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि सन् 2012 के विधानसभा चुनावों मंे प्रबल बहुमत पाकर समाजवादी पार्टी की सरकार ने 15 मार्च 2012 को सत्ता सम्हाली थी। कल मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के कुशल नेतृत्व मंे समाजवादी सरकार के तीन वर्ष पूरे हो रहे हेैं। पार्टी के जिला मुख्यालयों में इस उपलक्ष्य में विशेष समारोहों का आयोजन होगा और समाजवादी सरकार की उपलब्धियों का भी प्रचार प्रसार किया जायगा। नौजवान इसे “विकास दिवस“ के रूप से मनाएगें।
समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल के तीन वर्षाे में प्रदेश में विकास को नई गति दी है। पाॅच साल के लिए किए गये अधिकांश चुनावी वायदों को अल्प अवधि मंे ही पूरा कर दिया गया है। किसान, नौजवान, गरीब, पिछड़े और अल्पसंख्यक सहित समाज के सभी वर्गो के हित में तमाम कल्याणकारी योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा चुका है। मुख्यमंत्री जी ने अपने बजट की 75 प्रतिशत धनराशि गाॅव-गरीब पर खर्च करने का निर्णय लेकर चैधरी चरण सिंह, डा0 लोहिया और श्री मुलायम सिंह यादव के कार्यक्रम को ही आगे बढ़ाने का सराहनीय काम किया है। इसी क्रम में मौजूदा वर्ष को “किसान वर्ष“ के रूप मंे मनाने का भी निर्णय लिया गया है।
‘‘बन रहा है आज, संवर रहा है कल’’ के नारे को चरितार्थ करते हुये प्रदेश के चहुंमुखी विकास का व्यापक एजेंडा  समाजवादी सरकार ने तैयार किया है। लखनऊ, आगरा, कानपुर, वाराणसी और मेरठ के लिए मेट्रो परियोजना बन चुकी है। लखनऊ में इसका काम तेजी से चल रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सपे्रस वे के निर्माण से लखनऊ-आगरा के बीच छह घंटे की यात्रा 4 घंटे में हो जाएगी। एक्सपे्रस वे के किनारे मंडिया स्थापित होगी। ऐसा पहली बार हुआ है जबकि किसानों ने भू अधिग्रहण का विरोध नहीं किया। पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, वन विकास की नई योजनाएं बनी है। “साइकिल टैªक“ का निर्माण किया गया है।
किसानों के लिए सरकार बनते ही मुख्यमंत्री जी ने किसानों का 50 हजार रूपए तक का कर्ज माफ कर दिया। बंधक जमीन की नीलामी पर रोक लगा दी। किसान दुर्घटना बीमा राशि एक लाख से बढ़ाकर 05 लाख रूपए कर दी। किसानों की सिंचाई मुफ्त कर दी। गरीबों के लिए इंदिरा आवास योजना के साथ ही लोहिया आवास योजना चालू की। 45 लाख गरीब परिवारों को समाजवादी पेंशन योजना का लाभ मिला है। लोकतंत्र सेनानियों को 10 हजार रू0 प्रतिमाह की पेंशन दी जा रही है। लखनऊ में आईटी हब और कैंसर अस्पताल की स्थापना की जा रही है। अल्पसंख्यकों के कब्रिस्तानों की चहारदीवारी बनाने के साथ उन्हें विकास योजनाओं में 20 प्रतिशत भागीदारी दी जा रही है। बुनकरों को कई राहतें दी गई हैं।
समाजवादी डा0 लोहिया के समय से यह नारा दुहराते थे ‘‘रोटी कपड़ा सस्ती हो, दवा पढ़ाई मुफ्ती हो’’। समाजवादी सरकार ने इंटर-स्नातक स्तर तक मुफ्त पढ़ाई, कन्या विद्या धन, यूनीफार्म वितरण और कोचिंग की सुविधा दी। अस्पतालों में इलाज मुफ्त किया। गंभीर बीमारियों जैसे लिवर, हार्ट, किडनी और कंैसर का इलाज भी अब मुफ्त हो गया है। घायल रोगियों को अस्पताल लाने-लेजाने के लिए 1080 समाजवादी एम्बूलेन्स सेवा, प्रसूताओं को अस्पताल पहुॅचाने के लिए 102 नं0 एम्बूलेन्स सेवा और महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 सेवा की सर्वत्र सराहना हो रही है।
बिजली, पानी, सड़क के साथ अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार पर भी समाजवादी सरकार ने पूरा ध्यान दिया है। ईद और होली पर अनवरत बिजली आपूर्ति के लिए सभी मुख्यमंत्री जी को बधाई दे रहे हैं। प्रदेश में नए बिजलीघरों की स्थापना के साथ सौर उर्जा के पावर प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं। शीघ्र ही ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 16 घंटे तथा शहरी क्षेत्रों में 22 घंटे तक विद्युत आपूर्ति हो सकेगी। सभी जिला मुख्यालयों को 4 लेन मार्गो से जोड़ा जा रहा है। छात्र-छात्राओं को लैपटाप वितरित किए गये हैं।
समाजवादी पार्टी नौजवानों को आगे बढ़ाती रही है। उनको रोजगार देने के लिए नौकरियों में भर्ती शुरू हो गई है। हज यात्रियों की तरह मानसरोवर यात्रियों केा भी अनुदान दिया गया है। बुजुर्गो को हरिद्वार-ऋशिकेश की यात्रा निःशुल्क कराने के लिए समाजवादी श्रवण यात्रा शुरू की गई है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री जी के सख्त निर्देश हैं कि अपराधी जेल में रहेंगे।
इसमें दो राय नहीं कि तीन वर्ष के कार्यकाल में समाजवादी सरकार जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरी है। मुख्यमंत्री जी के प्रति लोगों का विश्वास गहरा हुआ है। उनकी बेदाग छवि के चलते विपक्षी भी उनकी शालीनता और लोकप्रियता के कायल है। श्री अखिलेश यादव नेताजी के सपनों के उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। तीन साल की उनकी उपलब्धियों का कोई सानी नहीं है। अब तो दूसरे राज्य भी उत्तर प्रदेश की योजनाओं का अनुसरण कर रहे हैं।
विडंबना है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव प्रदेश में विकास को गति देने के लिए जितना श्रम कर रहे हैं केन्द्र सरकार से उतना अपेक्षित व्यवहार नहीं मिल रहा है। विपक्ष की भूमिका यहां प्रगति विरोधी है। भाजपा की केन्द्र में सरकार है पर उसके मंत्री और साॅसद प्रदेश की विकास योजनाओं पर मदद करने की जगह चुप्पी साधे हैं। सांप्रदायिकता और व्यर्थ के विवादों से प्रदेश में सामाजिक सद्भाव के माहौल को बिगाड़ने की साजिशें कई बार विपक्षियों ने की किन्तु मुख्यमंत्री के कड़े रूख के कारण वे सफल नहीं हो सके। समाजवादी पार्टी और सरकार धर्मनिपरेक्षता की पक्षधर है और सबको सामाजिक न्याय का लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार के तीन वर्ष के शासनकाल में प्रदेश की जनता अपने को ठगा हुआ सा महसूस कर रही है।

Posted on 16 March 2015 by admin

प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार के तीन वर्ष के शासनकाल में प्रदेश की जनता अपने को ठगा हुआ सा महसूस कर रही है। जिन मुद्दों और वादों पर समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी उन सभी पर यह सरकार विफल साबित हुई है। प्रदेश सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल के पूरा होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस शासनकाल के बाद से जो भी सरकारें आयी हैं उन्होने ‘लूटो और ऐश करो’ का रास्ता अख्तियार किया है। वर्तमान सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है।
डाॅ0 खत्री ने कहा कि प्रदेश में शासन नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। महिलाएं असुरक्षित हैं। कत्ल, डकैती, राहजनी आम बात हो गयी है। सरकार की नाकामी का इससे बड़ा सबूत क्या होगा कि कानून व्यवस्था संभालने वाले ही हत्या और डकैतियां डाल रहे हैं। प्रदेश की राजधानी सहित कई जिलों में हत्याएं करके बड़ी-बड़ी डकैतियां हो रही हैं, अपराधी एवं माफिया तथा खनन माफिया बेखौफ हो गये हैं। दुर्भाग्य है कि प्रदेश सरकार द्वारा अपराधिक घटनाओं वाले जिलों में शासन और प्रशासन को जाति के आधार पर दण्डित किया जाता है। इस सरकार का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है।
डाॅ0 खत्री ने कहा कि इस सरकार ने अपने चुनावी वादों में  प्रदेश के नौजवान छात्र एवं छात्राओं को बेरोजगारी भत्ते के नाम पर, आर्थिक मदद, लैपटाप, टैबलेट के नाम पर सभी वर्गों को छलने का काम किया है।
डाॅ0 खत्री ने कहा कि अपने को किसान हितैषी बताने वाली सरकार के राज में किसान दर-दर भटककर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुआ है चाहे वह गन्ना मूल्य भुगतान का मामला हो, धान क्रय केन्द्र की बात हो, फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग का मामला हो, यूरिया खाद की किल्लत हो एवं बेमौसम बरसात एवं ओला वृष्टि से नष्ट हुई फसल के मुआवजे का मामला हो, सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।
डाॅ0 खत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास को बेहतर बनाने का दम्भ भरने वाली सरकार उससे जुड़ी सहूलियतें जैसे सड़कों को बेहतर करना, विद्युत उत्पादन को आगे बढ़ाकर चैबीस घण्टे बिजली आपूर्ति, कानून व्यवस्था बेहतर कर बेहतर माहौल देने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। बेहतर प्रशासन के नाम पर लगभग प्रतिमाह सैंकड़ों की तादाद में प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रान्सफर-पोस्टिंग की इण्डस्ट्री चलाकर धन उगाही कर पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर उनसे नाजायज काम कराना ही इस सरकार का विगत तीन वर्षों से ध्येय रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री, पूर्व सांसद ने एक प्रेस वक्तव्य में

Posted on 16 March 2015 by admin

उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री, पूर्व सांसद ने एक प्रेस वक्तव्य में कंाग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी के कार्यालय पर दिल्ली पुलिस मुख्यालय से भेजे गये पुलिसकर्मियों और उनके द्वारा श्री गांधी के सम्बन्ध में पूछे गये अजीब सवालों की घटना की घोर निन्दा करते हुए कहा है कि भारत सरकार को राजनैतिक विरोधियों के विरूद्ध इस तरह का आचरण नहीं करना चाहिए, क्योंकि भारत एक स्वतंत्र एवं लोकतांत्रिक देश है और व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन सबसे बड़ा अपराध है।
डाॅ0 खत्री ने कहा कि विडम्बना यह है, कि श्री नरेन्द्र मोदी भारत को भी एक पुलिस स्टेट बनाना चाहते हैं, जिसका हर स्तर पर विरोध किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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