Archive | January 23rd, 2015

गणतंत्र दिवस 2015. फ्लाई पास्ट के लिए भारतीय वायु सेना की अपील

Posted on 23 January 2015 by admin

गणतंत्र दिवस पर भारतीय वायु सेना के विमान 60 से 500 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरेंगे। पक्षिओं से उड़ानों की सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय वायु सेना ने नागरिकों से अपील की है कि वो 26 जनवरी तक अपने आसपास के क्षेत्र को साफ रखें। खुले में खाने की चीजेंए कूड़ाए मृत पशु आदि ना फेंके।

नागरिकों से यह भी आग्रह किया गया है कि यदि वह अपने आस.पास कोई मृत पशु.पक्षी को देखते हैं तो तुरंत इसकी सूचना नजदीकी वायु सेना यूनिट या पुलिस स्टेशन को दें।

उड़ानों के मार्ग में संवेदनशील क्षेत्र हैं दृ पालमए नजफगढ़ नालाए तिहाड़ जेलए युद्ध स्मारक और राष्ट्रपति भवन से सटे इलाके।

दरअसल कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले विमानों के लिए पक्षी बड़ा खतरा होते हैं। खुले में खाने.पीने की चीजें या मांस आदि दिखने पर पक्षी बड़ी संख्या में उसके आसपास मंडराने लगते हैं। ऐसी स्थिति ना पैदा होए इसके लिए भारतीय वायु सेना ने लोगों से खुले में कूड़ा और खाने.पाने की चीजें ना फेंकने की अपील की है। साथ ही आसपास किसी मृत पशु के नजर आने पर तुरंत वायु सेना यूनिट या पुलिस स्टेशन को सूचित करने का अनुरोध किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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गृह मंत्रालय सुरक्षा वेब पोर्टल शुरू करेगा

Posted on 23 January 2015 by admin

केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने वेब पोर्टल श्माई सिक्योीरिटी डॉट इनश् शुरू करने का फैसला किया है जो सुरक्षा के क्षेत्र से संबंधित वेब अनुप्रयोगों में नवाचार के लिए मंच होगा। कोई भी व्यहक्तिए कंपनीए छात्रए एनजीओ आदि लोगों के लिए उपयोगी सुरक्षा अनुप्रयोगों को तैयार कर सकता है और इस पोर्टल पर डाल सकता है। इससे आम जनता को सुरक्षा से संबंधित अनुप्रयोग बड़ी मात्रा में उपलब्धह हो जाएंगे।

वेब पोर्टल श्माई सिक्योअरिटी डॉट इनश् को शुरू करने का मुख्यग उद्देश्य  सुरक्षा संबंधी अनुप्रयोगों को विकसित करने में नवाचार को बढ़ावा देने के साथ.साथ लोगों को उनकी सुरक्षा जरूरतों के लिए सुरक्षित और विश्ववसनीय अनुप्रयोग प्रदान करना है। लोगों के पास अपनी आवश्य कता के लिए सबसे बेहतर अनुप्रयोग का चयन करने का विकल्पक होगा।

मंत्रालय इस वेबसाइट पर महिलाओंए बच्चोंेए वरिष्ठा नागरिकों और अन्यो कमजोर वर्गों के लिए आपात स्थिति में सुरक्षा उपलब्ध  कराने के अनुप्रयोगों को प्राथमिकता देगा। इंटरनेट पर आपत्तिजनक सामग्री की निगरानी और साइबर अपराध रोकनेए उसकी निगरानी और पहचान के अन्यग अनुप्रयोगों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। लोगों में सुरक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ाने और उन्हें  कानूनी प्रावधानों के बारे में शिक्षित करने तथा जरूरतमंद लोगों को कानूनी सेवा सुविधाएं उपलब्धन कराने के अनुप्रयोगों पर भी जोर दिया जाएगा।

आधारभूत जांच के मानदंड के अनुसार अनुप्रयोग विकसित करने वालों को क्लााउड आधारित वातावरण में उनके अनुप्रयोग लगाने के लिए हार्ड वेयर और मिडिल वेयर संशाधन की अनुमति दी जाएगी। मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ दल उपयोगिताए नवाचारए जन स्वीमकृतिए प्रयुक्ति तकनीकए प्रबंधनए उन्नजयनए प्रतिक्रिया प्रक्रिया आदि जैसे मानदंडों पर अनुप्रयोगों का मूल्यां कन करेगा।

मंत्रालयए केवल सुरक्षा परीक्षण में सफल अनुप्रयोगों को ही अपनी वेबसाइट पर डालने की अनुमति देगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ओबामा अपने विचार आकाशवाणी पर मन की बात में साझा करेंगे

Posted on 23 January 2015 by admin

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा 27 जनवरी 2015 को आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ष्मन की बातष् की अगली कड़ी में अपने विचार साझा करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा. ष्इस महीने की श्मन की बातश् की कड़ी विशेष होगी क्यों कि हमारे गणतंत्र दिवस के अतिथि राष्ट्रपति बराक ओबामा और मैं एक साथ हमारे विचार साझा करेंगे।

मैं राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ विशेष ष्मन की बातष् कार्यक्रम का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूंए जिसका प्रसारण 27 जनवरी को होगा ।

राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ ष्मन की बातष् आपकी भागीदारी के बिना पूरी नहीं होगी। 25 जनवरी तक रु।ेाव्इंउंडवकप का उपयोग कर अपने प्रश्नी भेजें।

इसके अतिरिक्तए डलळवअ ;मेरी सरकारद्ध पर भी प्रश्न भेज सकते है। विशेष रूप से तैयार किया गया ओपन फोरम ीजजचरूध्ध्उलहवअण्पदध्हतवनचपेेनमध्ुनमेजपवदे.वित.ेचमबपंस.उंदद.ाप.इंज.चतवहतंउउम.ूपजी.चउ.उवकप.ंदक.चतमेपकमदज.वइंउंध्ेीवू  ष् पर आप अपने सवाल भेजें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उपराष्ट्ररपति ने राष्ट्रीिय बहादुरी पुरस्का्र2014 विजेता बच्चों् के साथ बातचीत की

Posted on 23 January 2015 by admin

उपराष्ट्ररपति श्री एमण् हामिद अंसारी ने आज यहां एक समारोह में राष्ट्रीठय बहादुरी पुरस्का्र.2014 विजेता बच्चों  के साथ बातचीत की। उन्हों ने बहादुर बच्चोंर तथा उनके अभिभावकों के साथ बातचीत की और उन्हें  उनके बहादुरी के कारनामों के लिए प्रोत्सांहित किया। बच्चोंि ने उन्हेंु अपनी बहादुरी के कारनामे बताएं। उपराष्ट्र पति ने बहादुर बच्चोंस को उनके करियर में सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस वर्ष 24 बच्चोंे को राष्ट्रीतय बहादुरी पुरस्काकर दिया गया हैए इनमें 4 बच्चोंह को मरणोपरांत पुरस्काार दिया गया। विजेताओं को पदकए प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कायर दिया गया। वे गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेंगे।

भारतीय बाल कल्‍याण परिषद ;आईसीसीडब्यूे   द्ध द्वारा 1957 में इन पुरस्कांरों की शुरुआत की गई। परिषद के प्रायोजित कार्यक्रम के तहत पुरस्का र प्राप्त  करने वालों को उनकी स्कू।ली शिक्षा पूर्ण करने तक वित्तीरय सहायता प्रदान की जाएगी। कुछ राज्यक सरकारें भी वित्ती य सहायता मुहैया कराती हैं। ष्इंदिरा गांधी छात्रवृत्तिय योजनाष् के तहत आईसीसीडब्यूरे   वित्तीाय सहायता ऐसे बालकों को मुहैया कराती है जो इंजीनियरिंग और चिकित्साी जैसे पेशेवर पाठ्यक्रम अपनाते हैं। अन्यल बालकों के लिए यह सहायता उनके स्नाततक तक दी जाती है।

भारत सरकार ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा पॉलिटेकनिकों में कुछ सीटें पुरस्काकर प्राप्ती बच्चों  के लिए सुरक्षित की हैं। बहादुरी पुरस्का रों के लिए चयन उच्चत अधिकार प्राप्तर समिति द्वारा किया जाता है और इसमें विभिन्नक मंत्रालयोंध्विभागोंए गैर.सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि तथा भारतीय बाल कल्याकण परिषद के वरिष्ठ  सदस्यर होते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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म्यांमार के उप राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति से भेंट की

Posted on 23 January 2015 by admin

म्यांमार के उप राष्ट्रपति डॉण् साई मौक खाम ने कल ;21 जनवरीए 2015द्ध राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।

डॉण् खाम के साथ बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भारत म्यामांर के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। भारत और म्यांमार एक समान धार्मिकए भाषाई और जातीय संबंधों की विरासत को साझा करते हैं। म्यांमार अकेला आसियान देश है जिसकी सीमा भारत से लगती है। यह दक्षिण पूर्वी एशिया का प्रवेश द्वार भी है जहां भारत और बेहतर आर्थिक संबंध विकसित करने का इच्छुक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में काफी वृद्धि और विस्तार हुआ है। भारत म्यांमार के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है। क्षेत्र में समग्र विकास और खुशहाली के लिए पड़ोसी देशों से शांतिपूर्णए स्थायी और मजबूत आर्थिक संबंध बनाने को लेकर भारत प्रतिबद्ध है। म्यांमार द्वारा क्षेत्र में और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बड़ी और अहम भूमिका निभाए जाने का भारत स्वागत करता है। उन्होंने म्यांमार सरकार को आसियान और पूर्वी एशिया सम्मेलनों की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई भी दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का हमेशा से विश्वास रहा है कि उसका विकास तब तक पूरा और स्थायी नहीं हो सकता जब तक उसके पड़ोसी देशों के साथ उपयोगी संबंध स्थापित ना हों। भारत सीमाई क्षेत्र के विकास के लिए एमओयू के तहत पांच सालों के लिए सालाना 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि की सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत पहले ही म्यांमार को 4ण्5 मिलियन अमेरिकी डॉलर जारी कर चुका है। राष्ट्रपति ने कहा कि कलादान परियोजना और कनेक्टिविटी प्रोजक्टों समेत सभी द्विपक्षीय विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए प्रयास जारी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत.म्यांमार द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हो रहे हैं तथा भारत वर्तमान में म्यांमार का चौथा सबसे बड़ा साझेदार है। व्यापारिक संतुलन भी म्यांमार के पक्ष में है। लेकिन इन व्यापारिक संबंधों में दोनों देशों की नजदीकियां उम्मीद के मुताबिक नहीं दिखतीं। भारतीय कंपनियां म्यांमार में ऊर्जाए बिजलीए विनिर्माणए बैंकिंग और बीमा आदि क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों का निवेश करने के लिए उत्सुक हैं।

राष्ट्रपति के बयान की प्रतिक्रिया में म्यांमार के राष्ट्रपति ने कहा कि वह बहुत लंबे समय से भारत आना चाह रहे थे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच हमेशा से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं और दोनों ने स्वतंत्रता संग्राम के समय एक.दूसरे का साथ दिया है। म्यांमार सरकार विभिन्न क्षेत्रोंए विशेषतौर पर क्षमता निर्माणए स्वास्थ्य और विभिन्न परियोजनाओं के लिए कर्ज देनेए में भारत के सहयोग की आभारी है। उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह भारतीय कारोबारियों को म्यामांर में अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष् अब बनेगा एक आंदोलन

Posted on 23 January 2015 by admin

वीएनआईद्ध दृश्य एक .  चहल.पहल भरी महानगर की एक सुबह। घर में गजल गायक जगजीत सिंह की गायी गजल का रिकार्ड बज रहा हैए ष्सूरज ठेकेदार सा सबको बांटे कामष् भाई को कॉलेज के लिये तैयार होते देख निशा लगातार सोच रही हैए आखिर मैं क्यों नही जाती कॉलेजघ् मां उसे जल्दी से भाई का कॉलेज बैग लाने के लिये कहती हैए अनमनी सी वह थके कदमों से जाती है और एक फीकी सी मुस्कान के साथ बैग भाई को थमा देती हैए और इस सारे मंजर को झाड़ू लगाते.लगाते ध्यान से देख रही हैए घर में सफाई का काम करने वाली छोटीए यह सब देख उसे अपने घर की सुबह याद आ रही है जब मां ने छोटे भाई को तो तैयार हो स्कूल जाने के लिये कहा और उसे जल्दी से घर का काम निबटा कर मेम साब के यहां सफाई के लिये भेज दिया। निशा और छोटी दोनों समाज के अलग.अलग तबकों की बेटियांए लेकिन दोनों के मन में सवाल एक से. इस सूरज ने उन्हें अपने भाईयों के तरह पढ़ने का काम क्यों नही दिया। निशा को कॉलेज की पढाई की इजाजत नहीं दी गयी और छोटी के नन्हे कदमों को स्कूल की तरफ कदम बढाने ही नही दिये गये और वो लाचार और वह बस लालची नजरों से आते.जाते स्कूल जाते बच्चों को देखती रहीण्ण्ण्
दृश्य. दोए हरियाणा का एक छोटा सा गांवए दूर केरल से इस गांव मे ष्ब्याहष् के नाम पर लाई गई उषा अपनी अजन्मी बिटिया की जिंदगी को लेकर पथराई सी आखों से काम तो खेत में कर रही है लेकिन मन में बंवडर मचा हुआ हैए सास और पति ने धमकी दी है अगर इस बार भी लड़की हुई तो इस बार  भी वही हश्र होगा जो पिछली बार हुआ था। उस वक्त एक टेस्ट में उसके गर्भ में बिटिया का पता लगते ही सास और पति ने उसे गर्भ में ही मरवा दिया थाए लेकिन उषा इस बार किसी भी कीमत पर अजन्मी बिटिया की जान बचाना चाहती हैए चाहती हैए सास और पति से चीख.चीख कर पूछना कि इस बार तो ष्शादीष् के नाम पर लड़की लाने केरल जाना पड़ाए लेकिन अगर लड़कियों की जिदंगियों को यूं ही खतम करते रहे तो कहीं भी लड़की नहीं मिलेगीए लड़की नहीं रही तो संसार कैसे चलेगाए लेकिन सवालों का बंवंडर उसके मन में ही उमड़.घुमड़ रहा हैए हिरणी सी भयभीत वह लगातर सोच तो रही है लेकिन शब्द जबान पर आ ही नहीं पा रहे हैंण्ण्ण्
जीए ये भद्दी और घृणित सच्चाई आज की हैए और हमारे आस पास की ही है। भले ही हम सब यह सुनते हुए बड़े हुए हों कि स्त्री देवी हैए बेटियां पूजनीय हैंए लेकिन अब भी काफी जगह चाहे महानगर हो या सुदूरवर्ती गांवए सच्चाई कुछ और ही है। बेटियों को पूजने की बात कहने वाले हमारे समाज में आज भी बड़ी संख्या में बेटियां मां के गर्भ में ही मारी जाने लगीं हैं। कितने ही लड़कियां स्कूल जाने को तरसती हैंए स्कूल की इमारत में जाना उनकी हसरत ही रह जाती है। अब केन्द्र सरकार ने इस बदनुमा दाग से अधिक आक्रमकता से निबटने का फैसला करते हुए ष्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष्  को एक आंदोलन की तरह चलाने का मन बनाते हुए इसे अपने अन्य महत्वाकांक्षी अभियान के तरह चलाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22जनवरी को हरियाणा के पानीपत से इस अभियान या यूं कहें इस आंदोलन का शंखनाद होगा। यह योजना प्रारंभ में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऐसे 100 चुनिंदा जिलों में एक राष्ट्रीय अभियान के जरिए कार्यान्वित की जाएगीए जहां बालक.बालिकाओं का अनुपात बेहद कम है। खास बात यह है कि ष्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष् योजना का शुभारंभ हरियाणा से ही इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इसी राज्य में बालक.बालिका अनुपात सबसे कम यानी सर्वाधि‍क खराब है। ष्कन्या भ्रूण हत्याष् जैसी घटनाएं  बदस्तूर जारी हैं और इस पाप के लिये कोई और नहींए बल्कि‍ इन अजन्मी बेटियों के नासमझ माता.पिताए इनके अपने ही जिम्मेदार हैं। कुछ चंद सिक्कों की खातिर डॉक्टरी के नाम पर कसाई का काम कर रहे शिक्षितए झोला छाप डॉक्टरए घरेलू तरीकों से इन अजन्मी बच्चियों की जान ली जा रही है। कानून के बावजूद गांवए देहात और छोटे कस्बोंए जगह.जगह ऐसे विज्ञापन आम नजर आते हैं कि हमारी मशीनें फट से बता देंगी कि गर्भ में लड़का है या लड़की और हम सब जानते ही हैं कि गर्भ में बिटिया का पता लगने पर उस काम.तमाम करने के इंतजाम भी वहां हैं।
झांसी की रानीए इंदिरा गांधीए कल्पना चावलाए किरण बेदीए  बच्छेन्द्री पॉलए महादेवी वर्माए इसरो की महिला वैज्ञानिकए ऐश्वर्या रॉय बच्चनए किरण शॉ मज़ुमदारए फातिमा बीबीए सानिया मिर्जाएसानिया नेहवालए चंदा कोचर और लता मंगेशकर जैसी भारतीय समाज को गर्व से भर देने वाली महिलाओं के बावजूद यह स्थिति बेहद दुखदण्ण्ण् इस बात को शायद लोग भूल जाते हैं कि बेटियां भी अपने माता.पिता का नाम रोशन करती हैं और वक्त आने परए खासकर बुढ़ापे में उनका सहारा भी बन सकती हैं। निष्ठुर सोच वाले ये भी नहीं समझ पा रहे हैं कि अगर बेटियां कम हो गईं तो वे अपने बेटों के लिए बहनें और बहुएं कहां से लाएंगे। सरकारीए गैर सरकारी तौर पर इस घृणित बुराई को रोकने के प्रयासो के बावजूद कन्या भ्रूण हत्याएं हो रही हैं। अब केन्द्र सरकार ने इस बदनुमा दाग से अधिक आक्रमकता से निबटने का फैसला करते हुए ष्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष्  को अपने अन्य महत्वाकांक्षी अभियान के तरह चलाने की घोषणा की है। जिसका आगाज खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को हरियाणा के पानीपत से करेंगे। यह योजना प्रारंभ में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऐसे 100 चुनिंदा जिलों में एक राष्ट्रीय अभियान के जरिए कार्यान्वित की जाएगीए जहां बालक.बालिकाओं का अनुपात बेहद कम है। खास बात यह है कि ष्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष् योजना का शुभारंभ हरियाणा से ही इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इसी राज्य में बालक.बालिका अनुपात सबसे कम यानी सर्वाधि‍क खराब है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ष्बालक.बालिकाष् अनुपात बढ़ाना है। बालक.बालिका अनुपात ;सीएसआरद्ध से यह पता चलता है कि किसी भी राज्य या शहर अथवा देश में हर 1000 बालकों के अनुपात में कितनी बालिकाएं हैं। एक दुखद सच यह है कि कन्या भ्रूण हत्या की निर्मम घटनाओं के चलते भारत में यह अनुपात लगातार घटता जा रहा है। वर्ष 1991 में हर 1000 बालकों पर 945 बालिकाएं थींए लेकिन वर्ष 2011 में हर 1000 बालकों पर 918 बालिकाएं ही थीं।  आंकड़े बयान करते है कि इस दौरान हरियाणा में सबसे कम  यानि 877 महिलायें जबकि केरल में सर्वाधिक यानि 1000 के पीछे 1084 महिलायें हैं। आधिकारिक सूत्रो के अनुसार इस स्थिति में सुधार लाने के लिये मोदी सरकार के अन्य महत्वाकांक्षी कार्यक्रम . ष्स्वच्छता अभियानष्ए ष्नमामि गंगेष् और ष्मेक इन इंडियाष् अभियान की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटियों को उनका हक दिलाने के लिए यह अभियान शुरू कर रहे हैं ताकि उन के साथ भेदभाव खत्म करने और कन्या भ्रूण हत्या रोकने का ठीक दिशा में तेजी तथा प्रभावी कदम उठा कर बेहतर आज और कल बनाया जा सके। सूत्र बताते है कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर उन्होनें बेटियों के साथ भेदभाव खत्म करने और समानता का माहौल बनाने की अपील करते हुए इस बारे में लोगों से सुझाव मांगे थे। इन सुझावों के आधार पर सरकार ने ष्बेटी बचाओ.बेटी बढ़ाओष्अभियान को अंतिम रूप दिया है। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालयए मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त पहल है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार यह योजना लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने और उन्हें सुरक्षा मयस्सर करने पर भी केंद्रित होगी। इस दुनिया में अपना पहला कदम रखने के लिए तैयार बच्चि‍यों के जीवन की रक्षा करना और उन्हें शिक्षि‍त कर अपनी जिंदगी में आने वाली तमाम चुनौतियों का सामना करने लायक बनाना ष्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष् योजना इस योजना का उद्देश्य है। देश भर में जन अभियान के माध्यम से सामाजिक मानसिकता को बदल कर और इस विषम विषय पर जागरूकता पैदा करके इस योजना को सफल बनाने की कोशि‍श की जाएगी। इसमें लड़कियों एवं महिलाओं से किए जा रहे भेदभाव को समाप्त करने पर भी जोर दिया जाएगा। बालक.बालिका अनुपात में बेहतरी को सुशासन के एक प्रमुख विकास संकेतक के तौर पर शामिल करना भी इसका एक उद्देश्य है। इस योजना की मुख्य रणनीतियों में सामाजिक लामबंदी एवं संवाद अभियान को बढ़ावा देना भी शामिल है ताकि सामाजिक मानदंडों में बदलाव लाने के साथ.साथ बालिकाओं को समान महत्व दिलाया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि हरियाणा के पानीपत से शुरू होने वाले इस अभियान में सभी प्रदेश और केंद्र शासित राज्यों के चुनिंदा शहरों को शामिल किया जाएगा। ष्बेटी बचाओ.बेटी बढ़ाओष्अभियान की शुरुआत से पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रलय ने पानीपत में इस विषय पर दो दिन की कार्यशाला भी आयोजित की है। इस कार्यशाला में हिस्सा लेने के लिए गुजरातए राजस्थान और पश्चिम बंगाल की महिला मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। कार्यशाला में प्रधानमंत्री कार्यालय अभियान से जुड़े तीनो  केन्द्रीय मंत्रालयो के केन्द्रीय मंत्रीएहरियाणा के मुख्य मंत्री सहित और नीति आयोग के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे।
महिला पुरूष अनुपात दर की निराशाजनक तस्वीर के बाद अब जरा जानें महिला साक्षरता की तस्वीरए वहां भी तस्वीर निराशाजनक है। 2011 मे महिला साक्षरता दर 65ण्46ः तथा पुरुष साक्षरता दर 82ण्14ः दर्ज की गयी है। बिहार में यह दर सबसे कम यानि 46ण्40ः उत्तर प्रदेश में 51ण्36ःए हरियाणा में 56ण्91ः तथा राजस्थान में 47ण्76ः है। खुशी की बात यह है कि केरल में महिला साक्षरता दर 100 यानि शत प्रतिशत है। सूत्रों के अनुसार इस योजना की मुख्य रणनीतियों में सामाजिक लामबंदी एवं संवाद अभियान को बढ़ावा देना भी शामिल है ताकि सामाजिक मानदंडों में बदलाव लाने के साथ.साथ बालिकाओं को समान महत्व दिलाया जा सके।
ष्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष् अभि‍यान के  मुख्य बिंदु रू
ऽ        सभी ग्राम पंचायतों में गुड्डा.गुड्डी बोर्ड लगाए जाएंगे। हर महीने इस बोर्ड में संबं‍धि‍त गांव के बालक.बालिका अनुपात को दर्शाया जाएगा।
ऽ        ग्राम पंचायत हर लड़की का जन्म होने पर उसके परिवार को तोहफा भेजेगी।
ऽ        ग्राम पंचायत साल में कम.से.कम एक दर्जन लड़कियों का जन्मदिन मनाएगी।
ऽ        सभी ग्राम पंचायतों में लोगों को ष्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष् की शपथ दिलाई जाएगी।
ऽ        किसी गांव में अगर बालक.बालिका अनुपात बढ़ता हैए तो वहां की ग्राम पंचायत को सम्मानित किया जाएगा।
ऽ        बाल विवाह के लिए ग्राम प्रधान को जिम्मेदार माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
ऽ        कन्या भ्रूण हत्या रोकने के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों को अभियान में शामिल किया जाएगा।
ष्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष् कार्यक्रम के तहत 100 जिलों के चयनध्पहचान का तरीकाध्नियम कुछ इस तरह से किया जाएगा रू
कद्धण्  23 राज्यों ध्केंद्र शासित प्रदेशों में 918 के राष्ट्रीय औसत बालक.बालिका अनुपात वाले 87 जिले चुने जाएंगे।
खद्धण् 918 के राष्ट्रीय औसत बालक.बालिका अनुपात से ज्यादाए लेकिन गिरावट का रूझान दर्शा रहे 8 जिले चुने जाएंगे।
गद्धण् इसी तरह 918 के राष्ट्रीय औसत बालक.बालिका अनुपात से ज्यादाए लेकिन इसमें बढ़ोतरी का रूझान वाले 5 जिले चुने जाएंगे। माना यह जा रहा है कि इससे देश के अन्य भागों में स्थि‍त जिले भी इन चुनिंदा जिलों से सीख ले सकेंगे।
इस अभियान के तहत सम्बद्ध तीनो मंत्रालयो की भूमिका भी तय की गयी है.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय रू आंगनवाड़ी केंद्रों पर गर्भावस्था के पंजीकरण को प्रोत्साहित करनाए भागीदारों को प्रशिक्षित करनाए सामुदायिक लामबंदी और आपसी संवाद को बढ़ावा देनाएबालक.बालिका अनुपात को कम करने के अभियान में जुटे  ष्चैंपियनोंष् को शामिल करनाए अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं एवं संस्थानों को मान्यता और पुरस्कार देना।
स्वास्थय एवं परिवार कल्या‍ण मंत्रालय रू गर्भधारण पूर्व और जन्म पूर्व जांच तकनीकों पर कड़ी नजर रखनाए अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा देनाए जन्म पंजीकरणए निगरानी समितियों का गठन करना।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय रू लड़कियों का पंजीकरणए स्कूलों में लड़कियों की ड्रॉप आउट दर में कमी लानाए विद्यालयों में लड़कियों के अनुरूप मानक बनानाए शिक्षा के अधिकार अधिनियम पर सख्ती से अमल करनाए स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय बनाने पर विशेष ध्यान देना।
ष्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओष् यानी बेटियों का उनका हक दिलाने वाला अभि‍यान निश्चि‍त रूप से एक जनहित और राष्ट्रहित क्रांति है। सरकारी सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बालिकाओं के साथ भेदभाव खत्म करने और कन्या भ्रूण हत्या रोकने का आह्वान कर चुके हैं। प्रधानमंत्री का यह भी कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर हमें अपनी बेटियों की उपलब्धियों का जश्न मनाना चाहिए क्योंकि वे पढ़ाई से लेकर खेल के मैदान तक बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करने पर बल देते हुए कहा कि इसे बहुत ही शर्मनाक और गंभीर चिंता का विषय बताया तथा इस बुराई को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करने की अपील की है।
बालिका के सशक्तिकरण पर केंद्रित महत्वपूर्ण योजना श्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओश् पर केंद्र सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसका उल्लेख वित्त वर्ष 2014.15 के बजट में किया गया है।
हालांकिए  श्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओश्  योजना के आलोचकों की भी कोई कमी नहीं है। इन लोगों का कहना है कि इस योजना को सफल बनाने के लिए मामूली रकम के बजाय भारी.भरकम धन का आवंटन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कन्या भ्रूण हत्या करने वालों पर ज्यादा.से.ज्यादा सख्ती बरतने की भी जरूरत हैए ताकि अन्य लोगों के मन में भय पैदा हो। जाहिर हैएइसके लिए एक कड़ा कानून बनाना होगा। इसी तरह गर्भधारण पूर्व और जन्म पूर्व जांच तकनीकों का धड़ल्ले से इस्तेमाल करने वाले डॉक्टरों पर भी कड़ाई से लगाम कसने की जरूरत है। इसके अलावा स्कूली शि‍क्षा के दौरान ही बालिकाओं के साथ समानता का भाव बालकों के जेहन में पैदा करने की कोशि‍श की जानी चाहिएए तभी आगे चलकर वे उनके साथ भेदभाव करने से बच सकेंगे। यही नहींए इसका फायदा उनकी नई पीढ़ी को भी मिलेगा।
इनका कहना है कि बालिकाओं के खि‍लाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर निश्चि‍त तौर पर सुनियोजित तरीके से कदम उठाने पड़ेंगे। पैसे की भारी किल्लत के साथ अन्य कष्ट उठाकर भी अपनी बेटियों की पढ़ाई के साथ.साथ उन्हें आर्थि‍क दृष्टि‍ से सक्षम बनाने वाले माता.पिता को सार्वजनिक तौर पर सम्मानित करने की भी आवश्यकता हैए ताकि वे समाज के अन्य लोगों के लिए नजीर बन सकें और संकुचित सोच वाले लोग उनसे प्रेरणा ले सकें। इसके साथ ही बहादुरी के कारनामे दिखाने वाली लड़कियों को भी सार्वजनिक तौर पर सम्मानित करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही बालिकाओं एवं महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर गौर करने और उनके लिए विशेष सरकारी एवं निजी अस्पताल खोले जाने की भी जरूरत है। इसी तरह नई पीढ़ी का मार्गदर्शन भी अभी से ही करना जरूरी है। इन सब का भी सकारात्मक असर हमारे समाज पर अवश्य पड़ेगा और आगे चलकर लड़कियों एवं महिलाओं के साथ समानता का भाव लोगों के मन में पैदा होगा। उम्मीद की जानी चाहिये कि श्बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओश् के प्रभावी अभियान से सूरज ठेकेदार सा निशा और छोटी को भी पढ़ने का काम सौंपेगा और उषा की अजन्मी बिटिया सूरज की रोशनी देखने इस दुनिया में कदम रखेगी और पढ़.लिख कर सूरज ठेकेदार उसे भी कोई अच्छा काम काज सौंपेगा। आमीनण्ण्ण्
’शोभना जैन ऑनलाइन हिंदी न्यूज़ एंड फीचर सर्विसेजए विज़न न्यूज़ ऑफ़ इंडिया की एडिटर.इन.चीफ हैं

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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यूपी को है बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओ योजना की जरूरत

Posted on 23 January 2015 by admin

मदर टेरेसा ने कहा था कि हम ममता के तोहफे को मिटा नहीं सकते। मदर टेरेसा ने बात कई सालों पहले कही थी लेकिन तब से लेकर अब तक ममता के तोहफे को मिटाने की समाज की क्रूर प्रथा अब तक खत्म नहीं हुई। लेकिन आज केन्द्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ममता के इन तोहफों को बचाने संभालने और संवारने की सबसे बड़ी मुहिम बनने जा रही है जिसकी उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा आज जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की है और इस योजना को 100 जिलों में लागू किया जायेगा। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के भी वो दस जिले शामिल हैं जहां लिंगानुपात सबसे कम है।
ये जिले हैं
1.बागपत..यहां लिंगानुपात 2001 के 850 से 2011 में घटकर 841 रह गया
2.गौतम बुद्ध नगर.. यहां लिंगानुपात 2001 के 854 से 2011 में घटकर 843 रह गया
3.बुलंदशहर… यहां लिंगानुपात 2001 के  से 2011 में घटकर  रह गया
4.गाजियाबाद… यहां लिंगानुपात 2001 के 854 से 2011 में घटकर 850 रह गया
5.मेरठ… यहां लिंगानुपात 2001 के 857 से 2011 में घटकर 852 रह गया
6.आगरा.. यहां लिंगानुपात 2001 के 866 से 2011 में घटकर 861 रह गया
7.मथुरा.. यहां लिंगानुपात 2001 के 872 से 2011 में घटकर 870 रह गया
8.झांसी… यहां लिंगानुपात 2001 के 886 से 2011 में घटकर 866 रह गया
9.मुजफ्फरनगर… यहां लिंगानुपात 2001 के 859 से 2011 में 863 हो गया
10.महामाया नगर.. यहां लिंगानुपात 2001 के 886 से 2011 में घटकर 865 रह गया
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि ये जिले यूपी में सबसे कम लिंगानुपात वाले जिले हैं जहां पिछले एक दशक में बेटियों की संख्या लगातार गिरती ही जा रही है।
प्रधानमंत्री की महात्वाकांक्षी बेटी पढ़ाओए बेटी बचाओ योजना में इन जिलों को देशभर के उन 100 जिलों में शामिल किया गया है जहां कन्या भ्रूण हत्या एक लाइलाज बीमारी की तरह बन चुका है। इसमें मुख्य तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले शामिल हैं।
लेकिन एक तथ्य ये भी है कि कन्या भ्रूण हत्या की ये बीमारी प्रदेश के दूसरे जिलों में भी कम भयावह नहीं है। खासतौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश भी तेजी से इसका शिकार हुआ है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक दर्जन जिलों को उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी आंकड़ों में संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। हालिया जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश में वर्ष 1991.2001 में शिशु लिंगानुपात में 18 प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई जबकि 2001.2011 में यह गिरावट 13 प्रतिशत दर्ज की गई। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1991.2001 में यह गिरावट 11 प्रतिशत थी जबकि 2001.2011 में गिरकर लिंगानुपात 17 फीसदी हो गया। कुल मिलाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और कन्या भ्रूण हत्या में इजाफा हुआ है।

उत्तर प्रदेश में पिछले एक दशक में लिंगानुपात तो बढ़ा लेकिन छह साल तक की लड़कियों की संख्या में गिरावट आई है। राज्य के चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन भी इस बात को मान चुके हैं और उन्होंने कई बार अपने संबोधनों में दोहराया है कि 2001 की जनगणना में छह साल तक की लड़कियों की संख्या 916 थी जो 2011 में घटकर 899 रह गई है। वह यह मानते हैं कि लिंग परीक्षण कराकर लड़कियों को दुनिया में आने से वंचित किया जा रहा है।
यही नहीं एक आंकड़े के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन 547 बेटियों की गर्भ में हत्या होती है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे ;एसआरएसद्ध के आंकड़ों के मुताबिक देश में सर्वाधिक भ्रूण हत्या उत्तर प्रदेश में हो रही है। यूपी में सालाना दो लाख कन्या भ्रूण हत्या का रिकार्ड है। गर्भ में बेटियों को मारने का इतना बड़ा रिकार्ड किसी राज्य में नहीं है। कानून के तहत इस तरह के मामलों के दोषी लोगों को एक लाख जुर्माना और पांच साल कैद हो सकती हैए पर इस कानून का कोई खौफ नहीं है।
इसके अलावा समाज में भ्रूण हत्या और महिलाओं को सम्मान न मिलने का ही नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में अधिकांश बच्चियों को पढ़ाई के लिए स्कूल मुहैया नहीं हो पाता है। बच्चियों को स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। इसके अलावा समाज में भेदभाव की स्थिति के चलते कम उम्र की तमाम बच्चियां कुपोषण का शिकार हो जाती है।
इन हालातों में केन्द्र सरकार की ये महात्वाकांक्षी योजना उत्तर प्रदेश के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अगर बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के नारे को उत्तर प्रदेश की सरकार केन्द्र के साथ मिलकर घर.घर तक पहुंचाने में कामयाब हो गई तो प्रदेश में बालिकाओं की हालत भी सुधर सकती है और लिंगानुपात भी बेहतर किया जा सकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुलायम ही दे रहे भ्रष्ट मंत्रियों को बढ़ावा - डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 23 January 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव बड़ी ही चतुराई से अपनी पार्टी की सरकार में फैले भ्रष्टाचार से खुद को अलग दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि हर बार सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव सार्वजनिक मंच से प्रदेश की सपा सरकार के मंत्रियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार और गरीब जनता के शोषण के बारे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को हिदायत देने का दिखावा तो करते हैं लेकिन जब कार्रवाई की बात आती है तो खुद ही वह ऐसे मंत्रियों को प्रश्रय भी देते हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि यह बात बिल्कुल समझ में नहीं आती है कि सपा सरकार में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। जब सपा सरकार के सभी महत्वपूर्ण पदों पर मुलायम सिंह यादव के ही करीबी अधिकारी और नेता काबिज हैं। यूपी में सपा सरकार बनने के बाद मुलायम सिंह यादव के परिवार ने केवल आने करीबी नेताओं को ही मंत्रिमंडल में जगह दी थी। समय-समय पर इन नेताओं को बढ़ावा भी दिया है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अब ये ही नेता मंत्री के रूप में प्रदेश के खजाने को लूट रहे हैं और आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली तो लोकायुक्त की जांच में भी फंस चुके हैं। इन मंत्रियों की मुलायम सिंह यादव से नजदीकी जगजाहिर है। मुलायम के निर्देश पर ही इन मंत्रियों का दर्जा राज्यमंत्री से बढ़ाकर कैबिनेट मंत्री का किया गया था।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अगर वास्तव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भ्रष्ट मंत्रियों को प्रश्रय दे रहे हैं तो जनता के हित में मुलायम सिंह को फौरन खुद या अपने परिवार के दूसरे किसी सदस्य को मुख्यमंत्री बनाकर जनता को राहत देनी चाहिए। जनता अब बार-बार मंचों से सपा सरकार में भ्रष्ट मंत्रियों को लेकर मुख्यमंत्री की केवल आलोचना करने के पीछे की मुलायम सिंह यादव की रणनीति से वाकिफ हो चुकी है। अब और जनता बेवकूफ नहीं बनने वाली।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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12 देशों से बच्चों ने राज्यपाल श्री राम नाईक से लिया आशीर्वाद

Posted on 23 January 2015 by admin

‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर - एक में अनेक’ में प्रतिभाग हेतु लखनऊ पधारे कनाडा, फ्रांस, जापान, मैक्सिको, मंगोलिया, अमेरिका, फिनलैण्ड, ब्राजील, जर्मनी, नार्वे, स्वीडन एवं भारत के 11 से 12 वर्ष उम्र के नन्हें शान्तिदूत आज बड़े उल्लास से महामहिम राज्यपाल श्री राम नाईक से मिले और दिल खोलकर उनसे बातचीत की। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी के मार्गदर्शन में महामहिम राज्यपाल महोदय से भेंट करने राजभवन पहुँचे इन बच्चों की उत्सुकता देखते ही बनती थी एवं राज्यपाल महोदय भी प्रत्येक बच्चे से बड़ी गर्मजोशी से मिले और एकता, शान्ति व भाईचारे का संदेश सारे विश्व में प्रवाहित करने हेतु आशीर्वाद दिया। इस मुलाकात में 12 देशों से पधारे बच्चों ने अपने लखनऊ प्रवास के अनुभवों से महामहिम राज्यपाल को अवगत कराया एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर के दौरान सीखे गये एकता, शान्ति, वसुधैव कुटुम्बम की भावना एवं भारतीय संस्कृति व सभ्यता पर भी जमकर चर्चा की। इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल श्री राम नाईक ने देश-विदेश से पधारे बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सारी दुनिया भारत की महान संस्कृति का लोहा मानती है और मुझे विश्वास है कि आप सभी मेधावी बच्चे यहाँ रहकर भारतीय संस्कृति से तो रूबरू होंगे ही, साथ ही भारतीय संस्कृति के विचारों को सारे विश्व में प्रवाहित करेंगे और यहाँ से कुछ सीख लेकर जायेंगे। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे उत्कृष्टता के लिए पूरा प्रयास करें।
इससे पहले सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने राज्यपाल श्री राम नाईक को पुष्पगुच्छ भेंट किया एवं विभिन्न देशों के बाल प्रतिनिधियों को समय देने हेतु राज्यपाल महोदय का हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डा. जगदीश गाँधी ने राज्यपाल श्री राम नाइक के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपसे हुई बच्चों की यह भेंट इनका का मनोबल बढ़ाने में सहायक होगी। आप द्वारा बच्चों को दिया गया यह अमूल्य समय निश्चित ही बच्चों के जीवन का एक यादगार पल साबित होगा जो सदैव उनका मार्गदर्शन करता रहेगा। डा. गाँधी ने कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है कि विभिन्न देशों से पधारे ये बच्चे यहाँ लखनऊ में एकसाथ एक छत के नीचे साथ-साथ रहकर विचारों का आदान-प्रदान तो कर ही रहे हैं, साथ ही साथ भारतीय संस्कृति के आदर्श ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ भावना को प्रचारित प्रवाहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सी.एम.एस. में शिक्षा के माध्यम से ऐसे प्रयास किये जा रहे है जिसके द्वारा प्रत्येक बालक ईश्वर की शिक्षाओं का पालन करें और इस बात को आत्मसात कर सकें कि मानव जाति की सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि आज राज्यपाल श्री राम नाईक से भेंट करने वालों में विश्व के 12 देशों के चार-चार बच्चों के छात्रदल, उनके टीम लीडर एवं जूनियर काउन्सलर आदि शामिल थे। श्री शर्मा ने बताया कि श्री शर्मा ने बताया कि एक माह का ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर - एक में अनेक’’ इन दिनों सी.एम.एस. की मेजबानी में आयोजित किया जा रहा है जिसमें विश्व के 12 देशों से पधारे 11 वर्ष से 12 वर्ष की आयु के चार-चार बच्चों के दल अपने ग्रुप लीडर के नेतृत्व में प्रतिभाग कर रहे हैं। यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर 28 दिसम्बर 2014 से 24 जनवरी 2015 तक आयोजित हो रहा है, जिसके अन्तर्गत विभिन्न देशों से पधारे बाल प्रतिभागी लगभग एक माह तक साथ-साथ रहकर भारत की सँस्कृति, सभ्यता, खान-पान व रीति-रिवाजों से अवगत हो रहे हैं एवं ‘वसुधैव कुटम्बकम’ की भावना को भी साकार रूप दे रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राजभवन में इलाहाबाद संग्रहालय की बैठक सम्पन्न

Posted on 23 January 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक की अध्यक्षता में राजभवन में इलाहाबाद संग्रहालय समिति तथा उसकी कार्यकारिणी समिति की बैठक का आज आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के राज्यपाल इलाहाबाद संग्रहालय के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
राज्यपाल ने बैठक में कहा कि इलाहाबाद संग्रहालय की अपनी पहचान है और उसे और स्तरीय बनाये जाने की जरूरत है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग आकर्षित हों। नियमित रूप से बैठक का आयोजन किया जाय औैर निरन्तर समीक्षा होती रहे जिससे यह जानकारी हो सके कि पूर्व में लिये गये निर्णयों का कितना क्रियान्वयन हुआ है। उन्होंने कहा कि इस संग्राहालय को राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिये विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाये।
श्री नाईक ने कहा कि संग्रहालय से संबंधित न्यायालय में लम्बित वाद के शीघ्र निपटारे के लिये उचित पैरवी की जाये। संग्रहालय में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए उन्होंने कहा कि संविदा के आधार एवं विधिक नियम के अनुसार ही कार्यवाही की जाये। निविदा प्रकाशन के संबंध में सी0वी0सी0 के नियम एवं दिशा-निर्देश के अनुसार ही कारवाई होनी चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व बैठक के कार्यवृत्त को अनुमोदित भी किया गया। बैठक में राज्यपाल की प्रमुख सचिव, सुश्री जुथिका पाटणकर, संग्रहालय के निदेशक, श्री राजेश पुरोहित, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक, श्री दीपक आशीष कौल, प्राकृतिक इतिहास, भारत सरकार की वैज्ञानिक, श्रीमती नाज रिजवी, वी0एम0एच0 कोलकाता के पूर्व निदेशक, डा0 सी0 पाण्डा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शबाहत हुसैन तथा अन्य लोग उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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