म्यांमार के उप राष्ट्रपति डॉण् साई मौक खाम ने कल ;21 जनवरीए 2015द्ध राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।
डॉण् खाम के साथ बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भारत म्यामांर के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। भारत और म्यांमार एक समान धार्मिकए भाषाई और जातीय संबंधों की विरासत को साझा करते हैं। म्यांमार अकेला आसियान देश है जिसकी सीमा भारत से लगती है। यह दक्षिण पूर्वी एशिया का प्रवेश द्वार भी है जहां भारत और बेहतर आर्थिक संबंध विकसित करने का इच्छुक है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में काफी वृद्धि और विस्तार हुआ है। भारत म्यांमार के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है। क्षेत्र में समग्र विकास और खुशहाली के लिए पड़ोसी देशों से शांतिपूर्णए स्थायी और मजबूत आर्थिक संबंध बनाने को लेकर भारत प्रतिबद्ध है। म्यांमार द्वारा क्षेत्र में और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बड़ी और अहम भूमिका निभाए जाने का भारत स्वागत करता है। उन्होंने म्यांमार सरकार को आसियान और पूर्वी एशिया सम्मेलनों की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई भी दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का हमेशा से विश्वास रहा है कि उसका विकास तब तक पूरा और स्थायी नहीं हो सकता जब तक उसके पड़ोसी देशों के साथ उपयोगी संबंध स्थापित ना हों। भारत सीमाई क्षेत्र के विकास के लिए एमओयू के तहत पांच सालों के लिए सालाना 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि की सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत पहले ही म्यांमार को 4ण्5 मिलियन अमेरिकी डॉलर जारी कर चुका है। राष्ट्रपति ने कहा कि कलादान परियोजना और कनेक्टिविटी प्रोजक्टों समेत सभी द्विपक्षीय विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए प्रयास जारी हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत.म्यांमार द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हो रहे हैं तथा भारत वर्तमान में म्यांमार का चौथा सबसे बड़ा साझेदार है। व्यापारिक संतुलन भी म्यांमार के पक्ष में है। लेकिन इन व्यापारिक संबंधों में दोनों देशों की नजदीकियां उम्मीद के मुताबिक नहीं दिखतीं। भारतीय कंपनियां म्यांमार में ऊर्जाए बिजलीए विनिर्माणए बैंकिंग और बीमा आदि क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों का निवेश करने के लिए उत्सुक हैं।
राष्ट्रपति के बयान की प्रतिक्रिया में म्यांमार के राष्ट्रपति ने कहा कि वह बहुत लंबे समय से भारत आना चाह रहे थे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच हमेशा से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं और दोनों ने स्वतंत्रता संग्राम के समय एक.दूसरे का साथ दिया है। म्यांमार सरकार विभिन्न क्षेत्रोंए विशेषतौर पर क्षमता निर्माणए स्वास्थ्य और विभिन्न परियोजनाओं के लिए कर्ज देनेए में भारत के सहयोग की आभारी है। उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह भारतीय कारोबारियों को म्यामांर में अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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