Posted on 03 January 2015 by admin
डॉ0 राय ने बताया कि आगामी संघर्ष की रूपरेखा तय करने के लिये संगठन की राज्य स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक स्थानीय जय नरायण इन्टर कॉलेज में संगठन के प्रदेश
अध्यक्ष श्री चेतनरायण सिंह की अध्यक्षता में हुई जिसमें शिक्षक समस्याओं के निराकरण हेतु प्रभावी संघर्ष की रूपरेखा पर विचार किया गया। संगठन का विचार है
कि तमाम आन्देलनों के बाद भी वर्तमान सर्कार गम्भीर नहीं है तथा शिक्षकों को उपेक्षित कर रही है। अतः नये वर्ष में संगठन ने अद्यतन तदर्थ रूप से नियुक्त
शिक्षकों के विनयमितीकरणए वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेयए सी0टी0 ग्रेड की समस्याए पुरानी पेन्शन योजना की बहाली तथा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65
वर्ष करने तथा इन माँगों पर आर.पार की लड़ाई का मन बनाया है। इसके लिये राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद तथा अन्य शिक्षक संगठनों से सम्पर्क साध कर एक विराट
आन्दोलन की रूपरेखा बनाई गई है।
डॉ0 राय ने बताया कि संगठन का प्रादेशिक सम्मेलन दिनाँक 2 से 3 फरवरी 2015 कोइलाहाबाद में सेवासमिति विद्या मन्दिर में होगाए जहाँ संघर्ष की रूपरेखा को
अमली जामा पहनाया जायेगा। डॉ0 राय नें यह भी बताया कि संगठन कानपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से रिक्त सीट पर पूर्व एम0 एल0 सी0 स्व0 देवेन्द्र स्वरूप के
पुत्र श्री मानवेन्द्र स्वरूप का समर्थन करेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 03 January 2015 by admin
उपजा कार्यालय में पत्रकार एवं फिल्म निर्माता स्व0 राय व वरिष्ठ पत्रकार ताहिर अब्बास के निधन पर शोक सभा आयोजित
लखनऊ। साम्प्रदायिक सद्भावना एवं भाईचारे की एक अद्भुत मिसाल थे,वरिष्ठ पत्रकार, डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता एवं समाजसेवी तुषार कान्ति राय। स्व0 राय ने बाराबंकी में हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए शारदीय नवरात्रि पर दुर्गापूजा का सतत् 25 वर्षो तक आयोजन कर अनूठा कार्य किया। दुर्गापूजा ने अब वहां महोत्सव का रूप ले लिया जहां हर सम्प्रदाय के लोग बढचढ कर हिस्सा लेते हैैं। वहीं पिछले दिनों कैंसर जैसे असाध्य रोग से पीडित वरिष्ठ पत्रकार ताहिर अब्बास के निधन पर पत्रकारों ने शोक व्यक्त किया।
मौका था तुषार कांति राय व ताहिर अब्बास के निधन पर उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन व उसकी लखनऊ इकाई द्वारा मंगलवार को उपजा कार्यालय में आयोजित शोक सभा का जिसमें वक्ताओं ने उनके साथ बिताये आत्मीय क्षण व यादें बंाटी।
बाराबंकी से पधारे पत्रकार सलीम भाई ने टी0के0राय के साथ गुजारे अनुभवों को विस्तार से बताया कि वे किस तरह उन्होने दुर्गापूजा को महोत्सव का रूप दिया जिसमें सभी सम्प्रदाय के लोग आते थे। उन्होने कहा कि स्व0 राय को लोगों को जोडना आता था। दादा टी0के0राय ने पत्रकारिता में अपना कैरियर वर्ष 84-85 में बाराबंकी से नेेशनल हेराल्ड अखबार से प्रारम्भ किया था, वे हमेशा युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत रहे। बाराबंकी उनका कर्मक्षेत्र था इसीलिए उनकी इच्छा के अनुरूप उनका अन्तिम संस्कार बाराबंकी में ही किया गया।
उल्लेखनीय है कि तुषार कांति राय का निधन 28 दिसम्बर रविवार को लखनऊ में हो गया था वे 63 वर्ष के थे। वे द हिन्दू अखबार के संवाददाता रह चुके, वरिष्ठ पत्रकार दादा पी0के0राय के अनुज थे। ताहिर अब्बास स्वतन्त्र भारत, कुबेर टाइम्स व राष्ट्रीय सहारा में संवाददाता रह चुके थे।
वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सूचना आयुक्त वीरेन्द्र सक्सेना ने स्व0 राय को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे तो टी0के0राय के जादू के दीवाने थे जो वे 80 के दशको में श्रमिक दिवस के मौके पर राजधानी में प्रदर्शित करते थे। वीरेन्द्र सक्सेना ने ताहिर अब्बास के जुडे अनेेेेक संस्मरण सुनाये । उन्होने कहा कि वे श्रेष्ठ क्राइम रिर्पोटर थे।
वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने भी स्व0 राय को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए कहा कि वे एक श्रेष्ठ फोटोग्राफर भी थे उनके द्वारा ललित कला अकादमी में बांस की फोटो प्रदर्शनी आज भी लोगों के जहन में बसी है। उन्होने स्व0 राय के चित्रों को सहेजने व संजो कर रखने की जरूरत पर बल दिया। अजय कुमार ने समाचार पत्रों में पत्रकार के निधन पर खबरे प्रकाशित न करने के चलन पर अप्रसन्नता प्रकट की।
कल्पतरू एक्सप्रेस के समाचार सम्पादक एवं उपजा के प्रान्तीय उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार सिंह ने स्व0 राय की डाक्यूमेंट्री बनाने में किये गये श्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्व0 राय बांस पर डाक्यूमेंट्री बनाने के लिए आसाम, सिक्किम,अरूणाचल में गये थे। सर्वेश कुमार सिंह ने स्व0 राय की पत्रकारिता में निष्ठा और पत्रकार संगठन को मजबूत बनाने के लिए किये गए कार्यो की चर्चा की।
लखनऊ इकाई के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला ने स्व0 राय के बारे में बताया कि एस0आर0फिल्मस् के प्रोड्यूसर एवं डायरेक्टर थे दादा टी0के0राय। डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने में उनको महारत् हांसिल थी । इस वर्ष के प्रारम्भ में उनकी दो डाक्यूमेंट्री फिल्में नोयडा एवं जयपुर में आयोजित अन्र्तराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में नामांकन हेतु चयनित की गई थी । राय ने होप संस्था के लिए 4 डाक्यूमेंट्री निर्मित की थी। दादा टी0के0 राय जाने माने जादूगर भी थे। लोग उन्हे राजू जादूगर के नाम से भी जानते थे। जादू के उनके कई शो साउथ अफ्रीका व माॅरीशस में आयोजित हुए थे।
उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) की लखनऊ इकाई के उपाध्यक्ष रत्नाकर मौर्य ने स्व0 राय के निधन को फिल्मकारों के लिए अपूर्णनीय क्षति बतायी। वही उपाध्यक्ष भरत सिंह ने कहा कि स्व0 राय हमारी सम्प्रति थे ऐसे लोगों की जानकारी रखने की जरूरत है। हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के पत्रकार टी0एन0द्विवेदी ने स्व0 राय के निधन को सामाजिक क्षति बताई। वहीं डाॅ0 शैलेश पाण्डेय ने स्व0राय को एक खुशमिजाज व्यक्तित्व का धनी बताते हुए कहा कि ऐसे लोगों के लिए शोक के लिए एक शब्द भी ढूढंना मुश्किल काम है।
टी0के0राय के निधन व पिछले दिनों वरिष्ठ पत्रकार ताहिर अब्बास के निधन पर राजधानी के पत्रकारों ने व उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन कुमार दीक्षित, महामंत्री रमेश चन्द जैन, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार शर्मा व लखनऊ इकाई के महामंत्री के0के0वर्मा, कोषाध्यक्ष मंगल सिंह, मंत्री अनुराग त्रिपाठी, विकास श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार तारकेश्वर मिश्र,अशोक मिश्र,अनुपमह चैहान,दिव्य नौटियाल, सहित संगठन के अनेक पदाधिकारियों, भाजपा प्रवक्ता अनीता अग्रवाल सहित फिल्ममेकर, समाजसेवी और रंगकर्मियों ने श्ऱद्धांजलि अर्पित की व दो मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त किया है। कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के प्रान्तीय मंत्री सुनील त्रिवेदी ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 03 January 2015 by admin
पेयजल और स्व्च्छसता मंत्रालय जनवरी 2015 से शौचालयों के इस्ते माल की देशव्यागपी रियल टाइम निगरानी व्यसवस्थात शुरू करेगा। स्वेच्छौ भारत मिशन को बढ़ावा देते हुए यह निगरानी व्यमवस्था शुरू करने का फैसला किया गया है। इस व्यचवस्था के तहत वर्ष 2019 तक खुले में मल त्याग करने की प्रवृत्ति से देश को शत प्रतिशत मुक्तय कराना है। व्यकवस्था के अंतर्गत देशभर में लोगों को शौचालयों के इस्तेेमाल के लिए प्रोत्साचहित किया जाएगा और समय.समय पर इसके उचित प्रयोग की पुष्टि कर मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन सिटीजन मॉनिटरिंग के तहत मोबाइल फोनए टेबलेट्स और आईपैड का प्रयोग कर विसंगतियों को अपलोड किया जाएगा। इससे पहले केवल शौचालयों के निर्माण की ही निगरानी की जाती थीए लेकिन अब शौचालयों के निरंतर और वास्तंविक प्रयोग को सुनिश्चित करने की योजना तैयार की गई है।
स्वाच्छल भारत अभियान को मिशन के माध्यकम से लागू करने के उद्देश्यन से पेयजल और स्वाच्छलता मंत्रालय को मजबूत किया जा रहा है। स्व च्छद भारत अभियान के लक्ष्यों0 को प्रभावी तरीके से प्राप्तल करने के लिए और अभियान की निगरानी के लिए दो संयुक्तव संचिवए चार निदेशक तथा अधी्नस्थक कर्मचारियों को मिलाकर लगभग दो दर्जन अतिरिक्त् कर्मचारियों को नियुक्तत करने का फैसला भी किया गया है। शौचालयों में नवीन प्रौद्योगिकी को जांचने और ठोस और द्रव्यी अपशिष्टल प्रबंधन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति और स्व च्छवता सुनिश्चित करने के लिए एक टेलीफोन हेल्पर लाइन भी शुरू की जाएगी।
मंत्रालय की अभिनव पहलें
ऽ स्वपच्छत भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध के प्रावधानों के तहत व्यक्तिगत लाभार्थीए निर्मित शौचालय अथवा संबंधित ढांचे की फोटो को अपलोड करने की व्यनवस्थार बनाई गई है।
ऽ स्वचच्छ ता का प्रशिक्षण देने के लिए प्रमुख केंद्रों की पहचान।
ऽ राष्ट्री य और राज्या स्त्र पर मीडिया के माध्यरम से प्रचार की व्येवस्थाभ।
ऽ राज्योंी के द्वारा ग्राम पंचायत स्तेर पर व्याेपक प्रचार.प्रसार।
ऽ पेयजल और स्वयच्छाता नियोजन के लिए संयुक्ता दृष्टिकोण।
ऽ
ऽ रजोधर्म स्ववच्छाता प्रबंधन का विशेष ध्यान।
ऽ
ऽ ग्रामीण विकासध्पेयजल और स्वछच्छकता मंत्रालय के राष्ट्री य स्तरर निगरानी कर्ताओं के द्वारा वर्ष 2014 में 57 जिलों में कार्यों का मूल्यां कन।
ऽ
ऽ एनबीए द्वारा स्व5तंत्र रूप से राष्ट्रीकय स्तार पर थर्ड पार्टी मूल्यां कन की व्यओवस्थार शुरू की गई
ऽ मोबाइल की सहायता से पेयजल और स्वूच्छरता कार्यों की संयुक्तथ निगरानी
ऽ यूनीसेफ से सहयोग से योजनाओं की खामियों का विश्लेषण
स्वाच्छ भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध के मुख्य उद्देश्यु
ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
स्वाच्छं भारत के विजन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वकच्छगता कार्यक्रमों को बढ़ावा देते हुए देश की सभी ग्राम पंचायतों को वर्ष 2019 तक निर्मल के दर्जे तक पहुंचाना।
जागरूकता पैदा कर और स्वा स्य्के शिक्षा देते हुए विभिन्नच समुदायों और पंचायती राज संस्था नों को स्वूच्छ ता सुविधाएं उपलब्ध् कराने के लिए प्रेरित करना।
पारिस्थितिक की सुरक्षा और स्थावई स्व्च्छ ता के लिए किफायती और समुचित प्रौद्यागिकी को प्रोत्सासहन देना।
ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण स्विच्छथता के लिए समुदाय आधारित पर्यावरणीय स्वयच्छयता प्रणाली के अंतर्गत ठोस और द्रव्यम अपशिष्ट प्रबंधन विकसित करना।
स्वअच्छर भारत मिशन के मुख्य संघटक
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले और गरीबीिख्1, रेखा से ऊपर के चुनिंदा ;सभी अनुसूचित जातिध्जनजातिए छोटे और सीमांत किसानए भूमिहीन श्रमिकए शारीरिक निशक्तन और जिन परिवारों की प्रमुख महिला हैंद्ध ऐसे घरों में निजी शौचालयों के निर्माण के लिए रुण् 12ए000 प्रोत्सांहन राशि का प्रावधान किया गया है। इस राशि में केंद्र सरकार रुण् 9000 ;विशेष श्रेणी वाले राज्यों में रुण् 10ए800द्ध तथा राज्य सरकार रुण् 3000 ;विशेष श्रेणी वाले राज्यों् में रुण् 1200द्ध का सहयोग देगी।
सामुदायिक स्वरच्छनता परिसरों के निर्माण के लिए 2 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। इस सहायता में केंद्र 60 प्रतिशतए राज्यो 30 प्रतिशत और समुदाय 10 प्रतिशत का योगदान करेंगे।
स्वेच्छता सामग्री और ग्रामीण स्व च्छ3ता बाजारों के लिए प्रत्ये क जिले में 50 लाख तक की सहायता देने की योजना है।
ठोस और द्रव्यज अपशिाष्टर प्रबंधन के लिए कोष बनाया गया है। 150ध्300ध्500 और अधिक घरों वाली ग्राम पंचायतों के लिए 7ध्12ध्15ध्20 लाख की सहाकयता की योजना है। इस सहायता में केन्द्रं 75 प्रतिशत और राज्यह 25 प्रतिशत सहायता देगा।
आईईसी के लिए परियोजना लागत की 8 प्रतिशत राशि का प्रावधान। इस राशि में से 3 प्रतिशत का उपयोग केंद्र स्तकर पर और पांच प्रतिशत का उपयोग राज्य स्त र पर किया जाएगा।
योजना के लिए प्रशासनिक लागत के रूप में दो प्रतिशत का प्रावधान। इस राशि में केन्द्र 75 प्रतिशत और राज्यो 25 प्रतिशत सहायता देगा।
योजना रू
स्वनच्छशता एक सोच का मुद्दा है। आईईसी अभियान और अंतर व्येक्तिक संचार के माध्य म से व्य्वहार में बदलाव लाने को प्रोत्सा हित कर लक्ष्यन प्राप्ति सुनिश्चित की जा सकती है।
आईईसी अभियानध्अंतर व्यलक्तिक संचार कार्यक्रमों में विभिन्न एजेंसियां जैसे. यूनीसेफए विश्व बैंक के डब्यूय एसपी आदिए स्वनच्छेता पर कार्य कर रहे राष्ट्री य गैर सरकारी संगठनों जैसे. रोटरीए नेहरू युवा केंद्रए सीएलटीएस फाउंडेशन आदि की सहायता प्राप्तं करना।
निर्गम ;निर्माणद्ध और परिणाम ;अच्छेी स्वाशस्य्सि को प्राप्तस करने के लिए उठाए गए कदमद्ध की निगरानी की जाएगी।
अच्छीग गुणवत्ताब वाले शौचालयों के निर्माण को ष्ट्रीगरष् व्य वस्थाक के माध्य म से प्रोत्सा हित किया जाएगा।
केंद्रए राज्य और जिला स्तकर पर मिशन के लक्ष्योंा को प्राप्ता करने के लिए प्रशासनिक प्रबंधन को मजबूत बनाया जाएगा। ग्राम पंचायत स्त र पर अधीनस्थ कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।
स्वाकस्य्। मंत्रालय शौचालयों के प्रयोग की निगरानी के परिणामों पर अपनी राय देगा। अभियान के तहत निर्गम व्यगवस्थार में शौचालयों के निर्माण और लागत पर निगरानी रखी जाएगी।
निगरानी व्यीवस्थाप के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेपमाल किया जाएगा। हाथ में पकड़े जाने वाली मशीन की सहायता से लाभार्थीए शौचालय और संबंधित ढांचे की फोटो ली जाएंगी।
शौचालयों के लिए उन्नथतए किफायती और उपयोग में सरल प्रौद्योगिकी की सहायता से ठोस और द्रव्या अपशिष्टी प्रबंधन किया जाएगा।
आईईसी अभियानए व्यंवहार में बदलाव और शौचालय निर्माण के प्रयासों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को स्वयच्छय भारत अभियान के अंतर्गत प्रोत्सारहित किया जाएगा। मिशन के अंतर्गत अच्छाछ प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को अपशिष्टि और जल प्रबंधन के लिए राशि प्रोत्सा्हन स्वीरूप दी जाएगी।
उल्लेाखनीय कार्य करने वाले व्यरक्तियोंए संस्थाूनोंए ग्राम पंचायतोंए जिलों और राज्यों के लिए स्व च्छी भारत पुरस्कारर की शुरूआत की गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 03 January 2015 by admin
अंतरिक्ष विभाग ने 2014 के दौरान भारत को उपलब्धियों की सीढ़ी पर चढ़ाने के प्रयासों में कई सफलताएं हासिल की है।
भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान ;जीएसएलवी.डी5द्ध का सफल प्रक्षेपण
देश में निर्मित क्रायोजेनिक इंजन वाले भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान ;जीएसएलवी.डी5द्ध का 5 जनवरी 2014 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र ;एसडीएससीद्धए श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया गया। जीएसएलवी.डी5 द्वारा निर्धारित भूस्थिर परिवर्तनीय कक्षा में 1982 किलोग्राम वज़न का जीसेट.14 स्था्पित किया गया।
भारतीय नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस.1बी का सफल प्रक्षेपणए भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली ;आईआरएनएसएसद्ध में दूसरा उपग्रह
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्रए श्रीहरिकोटा से 04 अप्रैल 2014 को पीएसएलवी.सी24 के जरिए भारतीय नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस.1बीए भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली;आईआरएनएसएसद्ध में दूसरा उपग्रह और 16 अक्टूगबर 2014 को पीएसएलवी.सी26 के जरिए आईआरएनएसएस.1सीए आईआरएनएसएस का तीसरा उपग्रहए का सफल प्रक्षेपण किया गया।
सार्क उपग्रह
भारत ने 30 जून 2014 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्रए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी.सी23 के जरिए 5 विदेशी उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया गया। ये विदेशी उपग्रह दृ ;1द्ध एसपीओटी.7 ;फ्रांसद्धए ;2द्ध एआईएसएटी ;जर्मनीद्धए ;3द्ध एनएलएस 7ण्1ध्सीएएन.एक्स.4 ;कनाडाद्धए ;4द्ध एनएलएस 7ण्2ध्सीएएन.एक्सज5 ;कनाडाद्ध और ;5द्ध वीईएलओएक्सस.1 ;सिंगापुरद्ध हैं।
अब तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ;इसरोद्ध ने विदेशी उपभोक्ताए और इसरो के व्याकवसायिक निकायए एंट्रिक्सस कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच अनुबंध के तहत व्या वसायिक आधार पर 19 देशों के 40 उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं। इन उपग्रहों के प्रक्षेपण से 50ण्47 मिलियन यूरो और 17ण्17 मिलियन अमेरिकी डॉलर अर्जित किए गए हैं।
भविष्यर की परियोजनाओं में उन्नमत प्रक्षेपण यान प्रणाली का विकासए बेहतर समाधान के साथ पृथ्वीर के मनचित्र सबंधी अवलोकन उपग्रहए बेहतर रिजोल्यूशनए उच्चा शक्ति और उच्चा प्रवाह क्षमता वाले संचार उपग्रहए माइक्रोवेव मल्टी स्पेलक्ट्रिल रिमोट संवेदी उपग्रहए मौसम और जलवायु अध्यतयनए क्षेत्रीय नौवहन के लिए उपग्रहों का तारामंडलए मानव अंतरिक्ष विमान के लिए महत्वापूर्ण तकनीकियों का विकास और अंतरिक्ष विज्ञान तथा सौरमंडलीय परीक्षण के लिए उपग्रह विकसित करना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने 30 जून 2014 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्रए श्रीहरिकोटा में अपने संबोधन में भारतीय अंतरिक्ष समुदाय से एक ऐसे सार्क उपग्रह को विकसित करने के लिए कहा जो हमारे सभी पड़ोसियों को हर प्रकार की सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करे। भारत सरकार के जरिए इसरो द्वारा सार्क देशों के साथ विचार.विमर्श कर सार्क उपग्रह विकास कार्यक्रम के लिए प्रस्तावव तैयार करने की आवश्यरकता है जो सार्क देशों की अंतरिक्ष एप्लीकेशनों और सेवाओं की आवश्यकताओं का समाधान करे।
मंगल उपग्रह अंतरिक्षयान को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थादपित किया गया
24 सितंबर 2014 की सुबह भारत के मंगलयान को 8 छोटे लिक्विेड इंजनों के साथ 440 न्यू2ट्रॉन लिक्विड एपोगी मोटर ;एलएएमद्ध द्वारा मंगल ग्रह के कक्ष में स्थाापित किया गया। भारतीय मानक समय के अनुसार 07रू17रू32 बजे शुरू हुआ लिक्विड इंजन प्रक्षेपण 1388ण्67 सेकेंड तक चला और जिससे यान का वेग 1099 मीटर प्रति सेकेंट तक हो गया। इस परिचालन के साथ ही यान मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस महत्वयपूर्ण आयोजन के साक्षी बनने के लिए बेंगलोर में इसरो के टेलीमेट्रीए ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क ;आईएसटीआरएसीद्ध में उपस्थित थे। आईएसटीआरएसी में उपस्थित अन्य गणमान्यों में कर्नाटक के राज्य पाल श्री वजुभाई आर वालाए रेल मंत्री श्री डीण्वीण् सदानंद गौड़ाएरासायन और उर्वक मंत्री श्री अनंत कुमारए कर्नाटक के मुख्यव मंत्री श्री सिद्दारमैयाए अंतरिक्ष राज्य़ मंत्री डॉण् जीतेंद्र सिंहए नागरिक उड्डयन राज्यन मंत्री श्री जीण्एमण् सिद्देश्वयराए संसद सदस्यत श्री प्रह़लाद वी जोशीए कर्नाटक सरकार में परिवहन मंत्री श्री रामलिंगा रेड्डी और कर्नाटक विधान सभा के सदस्यए श्री मुनिराजू एसण्ए इसरो के पूर्व अध्य्क्ष प्रोफेसर यूण्आरण् रावए और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के पूर्व निदेशक प्रोफेसर यशपाल शामिल थे।
मंगल की कक्षा में यान भेजने की प्रक्रिया संतोष जनक रूप से पूर्ण हुई और मंगल यान सामान्य रूप से कार्य कर रहा था। यह यान अब मंगल की कक्षा में मंगल ग्रह की परिक्रमा कर रहा है जिसकी मंगल न्यूनतम दूरी ;पेरीएप्सीनसद्ध 421ण्7 किलोमीटर पर और अधिक्तम दूरी ;एपोएप्सीूसद्ध 76993ण्6 किलोमीटर है। मंगल की भूमध्यर रेखा के संदर्भ में कक्ष का झुकाव 150डिग्री है। इस कक्ष में यान को मंगल ग्रह का एक चक्ककर लगाने में 72 घंटे 51 मिनटए 51 सेकेंड लगते हैं।
5 नवंबर 2013 को मंगल यान को देश के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी के जरिए पृथ्वीं के कक्षा में स्थापित किया गया था। 1 दिसंबर 2013 को ट्रांस मार्स इंजेक्शन ;टीएमआईद्ध के बाद यान पृथ्वीथ के कक्षा से बाहर निकल कर 24 सितंबर 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश के लिए पथ पर भेजा गया।
मंगल यान के मंगल ग्रह पर भेजने के सफल अभियान से इसरो चौथी ऐसी अंतरिक्ष एजेंसी बन गई है जिसने सफलतापूर्वक यान मंगल की कक्षा में भेजा है। आगामी हफ्तों में मंगल यान में गहन परीक्षण किया जाएगा और अपने 5 वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करते हुए यह यान मंगल ग्रह का क्रमबद्ध अवलोकन शुरू कर देगा।
भारत का तीसरा नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस.1सी का पीएसएलवी.सी26 के जरिए सफल प्रक्षेपण
इसरो के ध्रुवीय उपग्रह पक्षेपण यानए पीएसएलवी.सी26 के जरिए 16 अक्टू बर 2014 को भारतीय मानक समय के अनुसार 0132 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्रए श्रीहरिकोटा से भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली ;आईआरएनएसएसद्ध में तीसरा उपग्रहए आईआरएनएसएस.1सी का सफल प्रक्षेपण किया गया। यह पीएसएलवी का लगातार 27वां सफल अभियान था। इस अभियान के लिए पीएसएलवी के श्एक्सआएलश् कॉन्फिगरेशन का इस्तेिमाल किया गया था। इससे पहले यान के इसी कॉन्फिगरेशन का 6 बार सफल उपयोग किया गया था।
अंतरिक्ष राज्यी मंत्री डॉण् जीतेंद्र सिंह ने एसडीएससीए श्रीहरिकोटा के अभियान नियंत्रण केंद्र से प्रक्षेपण को देखा था।
पहले चरण में इग्निशन के साथ पीएसएलवी.सी26 को छोड़े जाने के बाद योजना के अनुसार स्टे ज एंड स्ट्रे प ऑन इंग्निशनए हीट.शील्डड सेपरेशनए स्टे ज एंड स्ट्रेनप.ऑन सेपरेशंस और उपग्रह प्रक्षेपण जैसे महत्वसपूर्ण प्रक्षेपण चरण सफलता पूर्वक पूरे किए गए। करीब 20 मिनट 18 सेकेंड की उड़ान के बाद 1425 किलोग्राम वज़न के आईआरएनएसएस.1सी उपग्रह को 282ण्56किलोमीटर ग् 20670 किलोमीटर के अंडाकार कक्ष में स्थायपित किया गया था जो लक्ष्या से बहुत करीब था।
प्रक्षेपण के बाद आईआरएनएसएस.1सी के सौर पैनल स्वएतरू ही कार्य करने लगे थे। इसरो के प्रमुख नियंत्रण कक्ष ;हासनए कर्नाटक मेंद्ध ने उपग्रह पर नियंत्रण कर लिया। आने वाले दिनों में83 डिग्री पूर्व देशांतर पर भू.स्थिर कक्ष में उपग्रह को स्था पित करने के लिए प्रमुख नियंत्रण कक्ष से चार अभियान संचालित किए जाएंगे।
आईआरएनएसएस.1सी भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के अंतरिक्ष सेगमेंट के लिए बने 7 उपग्रह में से तीसरा है। 02 जुलाई 2013 और 04 अप्रैल 2014 को क्रमशरूआईआरएनएसएस.1ए और आईआरएनएसएस.1बीए तारा मंडल के पहले दो उपग्रहों को पीएसएलवी द्वारा सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया गया था। आईआरएनएसएस.1ए और 1.बी दोनों ही अपने निर्धारित भू.स्थिर कक्ष से संतोषजनक कार्य कर रहे हैं।
स्वोतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के आईआरएनएसएस को भारतीय क्षेत्र में स्थिति और भारतीय महाद्वीप के आसपास 1ए500 किलोमीटर की जानकारी देने के लिए किया गया था डिजाईन किया गया था। आईआरएनएसएस दो प्रकार की सेवाएं देगा। इनमें सभी उपयोगकर्ताओं के लिए स्टैंनडर्ड पोजिशनिंग सर्विसेज ;एसपीएसद्ध और अधिकृत उपभोगियों के लिए सीमित सेवाएं ;आरएसद्ध प्रदान की जाएंगी।
नौवहन मानकोंए उपग्रह नियंत्रणए उपग्रह की सीमा और निगरानी आदि के लिए प्रणाली तैयार करने और ट्रांसमिशन की जिम्मेिदारी कई ग्राउंड स्टेसशनों की है जिन्हें देश में 15 स्था2नों पर स्था पित किया गया है।
आने वाले महीथनों में इस तारा मंडल का अगला उपग्रह आईआरएनएएस.1डी पीएसएलवी के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। वर्ष 2015 तक आईआरएनएसएस तारा मंडल के सभी 7 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना है।
इसरों की अन्य् उपलब्धियां
अंतरिक्ष प्रक्षेपण के क्षेत्र में इसरों के कौशल को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ;इसरोद्ध की व्याकवसायिक इकाई. एंट्रिक्स5 कारपोरेशन लिमिटेड ;एंट्रिक्सगद्ध ने 1999 से अब तक इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ;पीएसएलवीद्ध का उपयोग कर 19 देशों के विदेशी उपभोक्ताोओं के 40 उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। आने वाले वर्षों में 6 देशों के 16 उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए अनुबंध को अंतिम रूप दे दिया गया है।
इसरो ने अपनी व्याूवसायिक इकाई एंट्रिक्स के जरिए एशिया के विकासशील देशए इंडोनेशिया के लिए पहले ही एक उपग्रह प्रक्षेपित किया है और इंडोनेशिया के ही 2 और उपग्रह प्रक्षेपित करने के लिए अनुबंध को अंतिम रूप दे दिया गया है। अफ्रीका के अल्जीीरिया के लिए भी एक उपग्रह प्रक्षेपित किया गया था।
इसरो की व्यािवसायिक इकाई एंट्रिक्सअ कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा शुरू की गई अंतरिक्ष परियोजनाओं में. ;1द्ध भारतीय रिमोट संवेदी ;आईआरएसद्ध उपग्रह से आंकड़ें प्राप्त करने के साथ भारत के बाहर 20 स्थाभनों पर प्रक्रिया सुविधाओं के लिए ग्राउंड स्टे शनों की स्थाकपनाए ;2द्ध यूरोपीय उपभोक्ता;ओं के लिए 2 समकालीन संचार उपग्रहों और भारतीय रणनीतिक उपभोगियों के लिए एक संचार उपग्रह का निर्माणए ;3द्ध विदेशी उपभोक्तााओं के 70 से अधिक विमान अभियानों के लिए खोज में सहायता उपलब्ध करानाए ;4द्ध दूरसंचारए टेलीविजन प्रसारणए डायरेक्टं टू होम ;डीटीएचद्ध सेवाओं और वीसेट अनुप्रयोगों के लिए भारतीय संचार उपग्रह से उपग्रह ट्रांसपोंडर क्षमता के प्रावधानए ;5द्ध इसरो के पीएसएलवी के जरिए 40 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपणए ;6द्धटेली.एजूकेशनए टेली.मेडिसीनए आपदा को कम करने और ग्राम संसाधन केंद्रों के लिए गाउंड टर्मिनल्सष स्थाूपित करना और ;7द्ध घरेलू और विदेशी ग्राहकों के लिए परामर्श सेवाएं शामिल हैं।
इसरो के फेलोशिप कार्यक्रम
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ;इसरोद्ध ने अमेरिका में केलीफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्था न ;केलटेकद्ध के एयरो स्पेनस लैबरोट्रिज से स्नाकतक करने के लिए एक फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह फेलोशिप कार्यक्रम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यरक्ष डॉण् सतीश धवन के सम्मायन में शुरू किया गया था। यह फेलोशिपए भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थाननए तिरुवनंतपुरम के एयरो स्पेशस विभाग के एक स्नाकतक छात्र को केलटेक में एयरो स्पे्स इंजीनियरिंग में स्नावतकोत्त र करने के लिए अंतरिक्ष विभाग द्वारा प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है।
यह फेलोशिप कार्यक्रम अकादमिक वर्ष 2013.14 के शीत सत्र में शुरू किया गया था और एक छात्र ने इस फेलोशिप का लाभ उठाकर केलटेक से अपनी स्नारतकोत्ततर डिग्री हासिल कर ली है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ;इसरोद्ध और राष्ट्रीतय एयरो नॉटिक्सल एवं अंतरिक्ष प्रबंधन ;नासाद्ध पृथ्वीट के अवलोकन के लिए दोहरी फ्रिक्वेंयसी ;एल एंड एस बैंडद्ध के सिंथेटिक अपर्चर राडार मिशन पर एक साथ कार्य कर रहे हैं। दोनों एजेंसियों ने मंगल अभियान में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए श्इसरो.नासा मंगल कार्यकारी दलश् गठित किया है।
भारत का अगली पीढ़ी का प्रक्षेपण यान जीएसएलवी एमके.3 की सफल पहली प्रायोगिक उड़ान
18 दिसंबर 2014 को सुबह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्रए श्रीहरिकोटा से छोड़ा गई भारत की अगली पीढ़ी का प्रक्षेपण यान जीएसएलवी एमके.3 की पहली प्रायोगिक उड़ान ;जीएसएलवी एमके.3 एक्सयध्सीएआरईद्ध सफल रही। एलवीएम3.एक्सजध्सीएआरई के नाम से पहचाने जाने वाले इस उप कक्षीय प्रायोगिक मिशन का मकसद उड़ान के दौरान चुनौतीपूर्ण वातावरण में विमान के कार्य क्षमता का परीक्षण करना थाए इसलिए इसे निष्क्रिय ;नॉन फंक्शकनलद्ध उच्चे क्रायोजनिक स्तार पर किया गया।
यह अभियान दूसरे प्रक्षेपण पैड से योजना के मुताबिक भारतीय मानक समय सुबह के 09ण्30 बजे जीएसएलवी एमके.3 के प्रक्षेपण के साथ शुरू हुआ और निर्धारित 126 किमीण् की ऊंचाई पर करीब साढ़े पांच मिनट के बाद 3775 किलोग्राम के वज़न का क्रू मॉड्यूल एटमास्फियरिक रीइंट्री एक्समपेरिमेंट ;सीएआरईद्ध किया गया। इसके बाद सीएआरई को जीएसएलवी एमके.प्प्प् के उच्चर स्तेर से अलग किया गया और दोबारा वातावरण में भेजा गया और इसके पैराशूट के मदद से करीब 20 मिनट 43 सेकेंड के लिफ्ट ऑफ के बाद बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित उतारा गया।
207 टन के ठोस प्रोपेलंटों के साथ दो बड़े एस.200 ठोस स्ट्रैकप ऑन बुस्टटरों को यान के लिफ्ट ऑफ पर इग्नाीईट किया गया और सामान्यड कार्य करने के बाद 153ण्5 सेकेंड के बाद अलग किया गया। लिफ्ट ऑफ के 120 सेकेंड के बाद एल110 लिक्विड स्टे5ज को इग्नादईट किया गया जबकि एस.200 अभी भी कार्य कर रहे थे और इन्हें 204ण्6 सेकेंड के लिए आगे बढ़ाया गया। सीएआरई लिफ्ट ऑफ के 330ण्8 सेकेंड के बाद जीएसएलवी एमके.3 के निष्क्रिय सी25 क्रायोजनिक अपर स्टेयज से अलग हुआ और वातावरण में दोबारा प्रवेश के लिए निर्देशित दिशा में बढ़ना शुरू किया।
सफल पुनरू प्रवेश चरण के बाद सीएआरई मॉड्यूल के पैराशूट खुले और इसके बाद श्रीहरिकोटा से करीब 1600 किलोमीटर की दूरी पर अंडमान महासागर के ऊपर आराम से उतारे गए। और यहां पर जीएसएलवी एमके.3 एक्सदध्सीएआरई अभियान सफलता पूर्वक सम्पउन्नय हुआ।
जीएसएलवी एमके.प्प्प् ग् ध्सीएआरई अभियान की सफलता के साथ ही क्रियाशील सी25 क्रायोजनिक अपर स्टेअज के साथ यान अपनी पहली विकासशील उड़ान के एक कदम और नजदीक आ गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 03 January 2015 by admin
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2014 के दौरान कई नए और अभिनव कदम उठाए हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टमए पूर्वोत्तर में त्वरित सड़क विकास कार्यक्रमए पुणे में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च ;आईडीटीआरद्ध का उद्घाटनए राजमार्ग परियोजनाओं की प्रणालियों को व्यवस्थित बनाने और प्रक्रियाओं को फास्ट ट्रैक पर लाने के लिए कदम उठाए गए हैं। शुरू की गई नई पहलों के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैंरू
ऽ ई.रिक्शा के नियमन के लिए लोकसभा ने मोटर वाहन ;संशोधनद्ध 2014 विधेयक को पारित कर दिया। इससे वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को किफायती आवागमन की सुविधा मिल सकेगी जबकि समाज के कमजोर तबके को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
ऽ दिल्ली.काठमांडू बस सेवा शुरू की गई। इस बस सेवा का प्रस्तावित रूट नई दिल्ली.लखनऊ.गोरखपुर.सोनौली.भैरवा.काठमांडू होगा। इस बस सेवा से दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों को बढ़ावा मिलेगा।
ऽ सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा के लिए इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम ;ईटीसीद्ध शुरू किया गया। कुल 350 में से 103 टोल प्लाजा पहले से ही ष्फास्ट टैगष् से लैस हैं। शेष टोल प्लाजों को भी मार्चए 2015 तक इससे लैस कर दिया जाएगा। ई.टोलिंग से प्रदूषण में भी कमी आएगी और ईंधन की बचत होगी। इस प्रणाली में नई प्रौद्योगिकियों को जोड़ा जा रहा है। इस प्रणाली में निकट भविष्य में टच कार्डए डेबिट कार्ड आदि का उपयोग किया जा सकेगा जिससे राष्ट्र के विकास में मदद मिलेगी।
ऽ सरकार की योजना असम के गुवाहाटी से मेघालय में शिलांग के रास्ते ढाका तक नियमित बस सेवा शुरू करने की है। मार्गों को अंतिम रूप देने के लिए अध्ययन का काम पूरा किया जा रहा है। इसके लिए संयुक्त रूप से सर्वे और ट्रायल किया जा रहा है। ट्रायल के तौर पर 10.11 दिसम्ब रए 2014 को गुवाहाटी से ढाका तक बस चलाई गई।
ऽ मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में मेगा सड़क विकास कार्यक्रम शुरू किया है जिसे ष्उत्तर.पूर्व में विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रमष् ;एसएआरडीपी.एनईद्ध नाम दिया गया है। फेज.ष्एष् के तहत सरकार ने सड़कों की विभिन्न श्रेणियों के 6418 किलोमीटर के 2ध्4 लेन को बनाने के लिए मंजूरी दे दी है। पूरे पूर्वोत्तर के करीब 33ए500 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश में एसएआरडीपी.एनई के अरुणाचल का पैकेज भी शामिल है। सरकार ने फेज ष्बीष् के तहत सड़कों के 3723 किलोमीटर के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए स्वीकृति दे दी है।
ऽ सरकार यात्री कारों के लिए ऑफसेट फ्रंटल क्रैश परीक्षण और इम्पैक्ट क्रैश परीक्षण को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है। इस परीक्षण को पूरा करने के लिए नेशनल ऑटोमेटिव टेस्टिंग एंड रिसर्च एंड डेवलेपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट ;एनएटीआरआईपीद्ध के तहत बुनियादा ढांचा विकसित किया जा रहा है। इन बुनियादी ढांचों के तैयार हो जाने के बाद इन्हें लागू कर दिया जाएगा। इन नियमों को पूरा करने के लिए कार निर्माताओं के लिए एयर बैग सहित कई सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक हो जाएगा।
ऽ मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना में घायल लोगों के निरूशुल्क इलाज के लिए दो पायलट परियोजनाओं के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें एक है वडोदरा.मुंबई राजमार्ग.8 और रांची.रारगांव.महुलिया;जमशेदपुरद्ध राजमार्ग.33 शामिल हैं। इसमें हर 25 किलोमीटर पर जीपीएस युक्त एम्बुलेंस तैनात करने का प्रावधान है ताकि दुर्घटना की स्थिति में घायलों को फौरन नजदीक के अस्पताल पहुंचाया जा सके। भर्ती करने की स्थिति में पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में शुरू के 48 घंटों तक 30 हजार रुपये तक उपचार निरूशुल्क होगा।
ऽ प्रमुख बंदरगाहों के लिए सड़क संपर्क के विकास के लिए नौ परियोजनाओं में से सात को पूरा कर लिया गया है।
ऽ सरकार की वैकल्पिक ईंधन और हाइब्रिड इंजन को बढ़ावा देने की योजना है। भारत जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है ताकि कच्चे तेल के आयात में कमी लाई जा सके। जैव ईंधन से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होता है। इससे प्रदूषण में कमी आएगी।
ऽ पुणे में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च ;आईडीटीआरद्ध का उद्घाटन किया गया। यह संस्थान कैमरा आधारित ड्राइविंग प्रणाली विकसित कर रहा है। इससे मानवीय हस्तक्षेप के बिना ही ड्राइविंग की गुणवत्ता की तकनीकी तौर पर आंकलन संभव हो सकेगा। इस तकनीक से ड्राइविंग लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में भी सक्षम बनाया जा सकेगा। साथ ही इससे हुनरमंद चालकों का चयन सहज हो जाएगा।
ऽ सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के तेज कार्यान्वयन और प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करने के लिए कई नई पहलों को शुरू किया है। इस संबंध में जो कदम उठाए गए हैं उनमें कुछ निम्नलिखित हैं रू
परियजनाओं के जरिये वितरण की विधिरू कैबिनेट के एक फैसले से मंत्रालय को परियोजनाओं जैसे पीपीपीध्ईपीसी आदि को वितरित करने का अधिकार दिया गया है।
परियोजनाओं को मंजूरी देने में वृद्धिरू1000 करोड़ रुपये से अधिक की पीपीपी और ईपीसी यानी दोनों परियोजनाओं का साथ में मूल्यांकन करने के लिए मंत्रालय को अधिकृत किया गया है। इसके पहले यह सीमा 500 करोड़ रुपये थी।
अंतर मंत्रालयीय समन्वय बढ़ारू समूह अंतर.मंत्रालयीय मुद्दों को सुलझाने के लिए सड़क परिवहनए राजमार्ग और नौवहन मंत्री की अध्यक्षता में बुनियादी सुविधाओं का एक समूह बनाया गया है। पर्यावरण और वनए रेलवे और रक्षा मंत्रालय से संबंधित मुद्दों में से अधिकांश को सुलझा लिया गया है। इस संबंध में 10.11.2014 को इस मंत्रालय के मंत्री ने रेलवे के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए।
विवाद सुलझाने के लिए फास्ट ट्रैक बनाने का निश्चयरू विवादों के समाधान के लिए एनएचएआई में एक तीन चरणीय विवाद समाधान तंत्र चल रहा है। इसके तहत अब तक 64अनुबंध पैकेजों को लेकर 83 मामलों का निपटारा किया जा चुका है।
रियायत समझौते मॉडल ;एमसीएद्ध में संशोधनरू इस संबंध में परिवर्तन विचाराधीन हैं। एमसीए में बदलाव करने के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ;सीसीईएद्ध के 11.09.2014 के फैसले के अनुसार कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।
ऽ लगभग 4000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण का काम मंत्रालय को मिला है और इस अवधि के दौरान 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी के सड़क का निर्माण पूरा किया जा चुका है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 03 January 2015 by admin
सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ;एफडीआईद्ध पर निवेशकों के अनुकूल नीति लागू की है जिसके अंतर्गत अधिकांश क्षेत्रोंध्गतिविधियों में ऑटोमैटिक रूट के तहत 100 प्रतिशत तक के निवेश की अनुमति है। एफडीआई नीति को निवेशकों के और अनुकूल बनाने के लिए उसकी नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। एफडीआई घरेलू पूंजी में वृद्धिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरणए विनिर्माण और उत्पादन क्षमता बढ़ाने वाली दुनिया की बेहतरीन पद्धतियां लाकर देश की आर्थिक वृद्धि करने में सहायक है। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में समग्र विकास से रोजगार सृजन हुआ है। वर्ष के दौरान एफडीआई नीति में निम्नलिखित प्रमुख बदलाव किये गए.
रक्षाः
सरकार ने प्रेस नोट 7ध्2014 दिनांक 26 अगस्तए 2014ए रक्षा क्षेत्र में स्वी कृति के आधार पर कुछ शर्तों के साथ 49 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति दी है। इन शर्तों में एफआईपीबी स्वीकृति की इच्छुपक आवेदक कंपनी का भारतीय कंपनी होनाए इस कंपनी का स्वामित्व और नियंत्रण भारतीय नागरिकों हाथ होना आदि शामिल हैं। 49 प्रतिशत से अधिक के निवेश प्रस्तावए जिनके परिणामस्वरूप देश में आधुनिक और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच स्थापित होने वाली होए उन्हें सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के माध्यम से लाया जाएगा। रक्षा क्षेत्र में 24 प्रतिशत तक के निवेश को ऑटोमैटिक रूट से अनुमति दी गई है। इस क्षेत्र को निवेशकों के और अनुकूल बनाने के लिए कई शर्तों में ढीलध्हटा दी गई है।
इस प्रस्ताव के परिणामस्वरूप प्रौद्योगिकी हस्तांतरण होने की संभावना है जिससे देश में उत्पादन आधार बढ़ेगा तथा विनिर्माण क्षेत्र और रोजगार सृजन को बल मिलेगा। इस उपाय से न सिर्फ आयात का दबाव घटने और विदेशी मुद्रा भंडार के संरक्षण होने की संभावना हैए बल्कि यह घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को देश के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अभिन्न अंग भी बनाएगा।
रेलवेः
सरकार ने ;प्रेस नोट 8ध्2014 तिथि 26 अगस्तए 2014द्ध रेल संरचना ;निर्माणए संचालन और रख.रखाव के अलावा ;1द्ध पीपीपी के माध्यम से उपनगरीय कॉरिडोर परियोजनाएं ;2द्ध हाई स्पीड ट्रेन परियोजनाएं ;3द्ध समर्पित फ्रेट लाइन्स ;4द्ध ट्रेन सेट और इंजनध् कोच निर्माण सहित रोलिंग स्टॉक और रख.रखाव सुविधाएं ;5द्ध रेलवे विद्युतिकरण ;6द्ध सिग्नलिगं प्रणालियां ;7द्ध फ्रेट टर्मिनल्स ;8द्ध यात्री टर्मिनल्स ;9द्ध रेलवे लाइनध् इलेक्ट्रिफाइड रेलवे लाइन्स और मुख्य रेलवे लाइन्स से संपर्क सहित पटरी वाले औद्योगिक पार्क का आधारभूत ढांचा और ;10द्ध मॉस रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टमद्ध में क्षेत्रीय नियमों के पूरा होने की स्थिति में और सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों में 49 प्रतिशत से अधिक एफडीआई को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति से मंजूरी दिलाई जाने की शर्त के साथ ऑटोमैटिक रुट के तहत 100 प्रतिशत निजी एवं एफडीआई निवेश की अनुमति दी है।
संशोधन के प्रस्तािव से मुम्बई में इलेवेटिड रेल कॉरिडोर परियोजनाए हाई स्पीड ट्रेन परियोजनाए बंदरगाह संपर्क परियोजनाए समर्पित फ्रेट कॉरीडोरए लॉजिस्टिक पार्कए स्टेशन विकासए इंजन विनिर्माण इकाइयों और बिजली संयत्रों सहित ढांचागत परियोजनाओं में एफडीआई अंतर्वाह सहित निजी निवेश सार्वजनिक.निजी भागीदारी के माध्यम से लाया जा सकेगा। इससे न सिर्फ आवश्यकता के अनुसार पूंजी मिलेगी बल्कि प्रौद्योगिकी और बेहतरीन वैश्विक पद्धतियां भी उपलब्ध होंगी।
निर्माण विकासः
सरकार ने निर्माण विकास क्षेत्र के संबंध में एफडीआई नीति में संशोधन करते हुए 3 दिसंबरए 2014 को प्रेस नोट संख्या 10 जारी किया। संशोधित नीति में क्षेत्र सीमा नियमों में ढीलए न्यूनतम पूंजीकरण में कटौती और परियोजना से आसानी से निर्गम शामिल है। इसके अलावा सस्ते और किफायती घरों को बढ़ावा देने के लिए यह प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र सीमा और न्यूनतम पूंजीकरण की शर्तें उन परियोजनाओं पर लागू नहीं होंगी जिनमें कुल लागत का 30 प्रतिशत हिस्सा किफायती घरों के लिए तय किया गया है।
एफडीआई अंतर्वाहः
भारत में अप्रैल 2000 से इक्विटी अंतर्वाह सहित कुल एफडीआईए आय और अन्य पूंजी का दोबारा निवेश 345ण्29 बिलियन डॉलर ;अप्रैल 2000 से सितंबरए 2014द्ध रहा। कलेंडर वर्ष 2014 के दौरान ;यानी जनवरी.सितंबरए 2014 के दौरानद्ध 22ण्43 बिलियन डॉलर एफडीआई इक्विटी अंतर्वाह प्राप्त किया गया। पिछले कलेंडर वर्ष की इसी अवधि के दौरान 18ण्07 बिलियन डॉलर एफडीआई इक्विटि अंतर्वाह प्राप्त किया गया था इस प्रकार इसमें 24 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
वित्त वर्ष 2014.15 के दौरान ;यानी अप्रैल.सितंबरए 2014द्ध 14ण्69 बिलियन डॉलर एफडीआई इक्विटी अंतर्वाह प्राप्त हुआ है। यह पिछले साल की इसी अवधि यानी ;अप्रैल 2013.सितंबर 2013द्ध के दौरान प्राप्त 12ण्59 बिलियन डॉलर एफडीआई इक्विटी अंतर्वाह से 17 प्रतिशत अधिक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 03 January 2015 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि आरएसएस और भाजपा के नववर्ष में भी सुधरने का कोई संकेत नहीं हैं। वर्ष 2014 में कभी लवजिहाद, कभी धर्मांतरण या घर वापसी अथवा गंगा और गीता के बहाने उक्त दोनों संगठनों की ओर से समाज में तनाव पैदा करने की हरचन्द कोशिशें की गई। भाजपा के केन्द्र सरकार के कुछ मंत्री और प्रदेशीय नेतृत्व सांप्रदायिक मुद्दों को उठाकर अराजकता का माहौल बनाने में लगा रहा। इस सबके पीछे मंशा यह भी रही है कि कानून की समस्या खड़ी हो, जनहित के कामों में बाधा उतपन्न हो और आतंक का वातावरण बने।
वर्ष 2015 की शुरूआत के साथ आरएसएस के इशारे पर इसके सहयेागी संगठनो विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और हिन्दू युवा वाहिनी आदि ने एक फिल्म को लेकर हुड़दंग मचाना शुरू कर दिया हैं। धार्मिक विवाद पैदा कर सांप्रदायिक उन्माद पैदा करना ही इनका एकमात्र इरादा है। छविगृहों में तोड़फोड़, दशकों से मारपीट के जरिए ये संगठन कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने पर तुले हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने उस फिल्म को टैक्स फ्री करके वस्तुतः समाज को एक नई दिशा देने का काम किया है। फिल्म लोगों को ढांेगी लोगों से बचने की सलाह देती है। मुख्यमंत्री जी ने इस तरह धर्मनिरपेक्षता की भावना को संरक्षण देने और सांप्रदायिकता से लड़ने का साहस दिखाया है। मुख्यमंत्री जी के इस कदम की सभी को सराहना करनी चाहिए।
दरअसल कट्टर हिन्दूवादी संगठनों और उसके प्रेरक संगठन आरएसएस, भाजपा की चिन्ता यह है कि समाजवादी सरकार के विकास एजेण्डा के आगे उनका सांप्रदायिक एजेण्डा काम नहीं कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण के पहले दिन से ही कृषि अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास तथा अवस्थापना सुविधाओं को मजबूती देने की दिशा में दृृढ़ता से कदम उठाए है। प्रदेश में विकास की नई लहर दिख रही है। इसमे अवरोध पैदा करने के लिए ही सांप्रदायिक ताकतें तमाम साजिशें रच रही है।
भाजपा नेता जो कुछ कर रहे हैं वह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कृत्य हैं। यह जनादेश का अपमान और 20 करोड़ जनता का भी अपमान है। भाजपा ने विकास का नारा देकर लोगों को बरगलाया और केन्द्र में सत्ता पा ली। लेकिन सात महीने होने पर भी भाजपा अभी तक जनहित की दिशा में कोई कदम नहीं उठा पाई है। जबकि उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने पांच साल के लिए किए गए अधिकांश वायदे तीन साल के अंदर ही पूरे कर दिए है। समाजवादी सरकार की बढ़ती लोकप्रियता के चलते भाजपा की जमीन दरकती जा रही है। इससे हताशा और कुंठित उसके सहयेागी बौखलाहट में विवेक शून्य हो चले हैं। भाजपा को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज है और यहां अराजक तथा सांप्रदायिक तत्वो के लिए कोई स्थान नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com