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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की परियोजनाएं फास्ट ट्रैक पर वर्षान्तव समीक्षा.2014

Posted on 03 January 2015 by admin

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2014 के दौरान कई नए और अभिनव कदम उठाए हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टमए पूर्वोत्तर में त्वरित सड़क विकास कार्यक्रमए पुणे में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च ;आईडीटीआरद्ध का उद्घाटनए राजमार्ग परियोजनाओं की प्रणालियों को व्यवस्थित बनाने और प्रक्रियाओं को फास्ट ट्रैक पर लाने के लिए कदम उठाए गए हैं। शुरू की गई नई पहलों के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैंरू

ऽ        ई.रिक्शा के नियमन के लिए लोकसभा ने मोटर वाहन ;संशोधनद्ध 2014 विधेयक को पारित कर दिया। इससे वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को किफायती आवागमन की सुविधा मिल सकेगी जबकि समाज के कमजोर तबके को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

ऽ        दिल्ली.काठमांडू बस सेवा शुरू की गई। इस बस सेवा का प्रस्तावित रूट नई दिल्ली.लखनऊ.गोरखपुर.सोनौली.भैरवा.काठमांडू होगा। इस बस सेवा से दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों को बढ़ावा मिलेगा।

ऽ        सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा के लिए इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम ;ईटीसीद्ध शुरू किया गया। कुल 350 में से 103 टोल प्लाजा पहले से ही ष्फास्ट टैगष् से लैस हैं। शेष टोल प्लाजों को भी मार्चए 2015 तक इससे लैस कर दिया जाएगा। ई.टोलिंग से प्रदूषण में भी कमी आएगी और ईंधन की बचत होगी। इस प्रणाली में नई प्रौद्योगिकियों को जोड़ा जा रहा है। इस प्रणाली में निकट भविष्य में टच कार्डए डेबिट कार्ड आदि का उपयोग किया जा सकेगा जिससे राष्ट्र के विकास में मदद मिलेगी।
ऽ        सरकार की योजना असम के गुवाहाटी से मेघालय में शिलांग के रास्ते ढाका तक नियमित बस सेवा शुरू करने की है। मार्गों को अंतिम रूप देने के लिए अध्ययन का काम पूरा किया जा रहा है। इसके लिए संयुक्त रूप से सर्वे और ट्रायल किया जा रहा है। ट्रायल के तौर पर 10.11 दिसम्ब रए 2014 को गुवाहाटी से ढाका तक बस चलाई गई।
ऽ        मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में मेगा सड़क विकास कार्यक्रम शुरू किया है जिसे ष्उत्तर.पूर्व में विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रमष् ;एसएआरडीपी.एनईद्ध नाम दिया गया है। फेज.ष्एष् के तहत सरकार ने सड़कों की विभिन्न श्रेणियों के 6418 किलोमीटर के 2ध्4 लेन को बनाने के लिए मंजूरी दे दी है। पूरे पूर्वोत्तर के करीब 33ए500 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश में एसएआरडीपी.एनई के अरुणाचल का पैकेज भी शामिल है। सरकार ने फेज ष्बीष् के तहत सड़कों के 3723 किलोमीटर के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए स्वीकृति दे दी है।
ऽ        सरकार यात्री कारों के लिए ऑफसेट फ्रंटल क्रैश परीक्षण और इम्पैक्ट क्रैश परीक्षण को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है। इस परीक्षण को पूरा करने के लिए नेशनल ऑटोमेटिव टेस्टिंग एंड रिसर्च एंड डेवलेपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट ;एनएटीआरआईपीद्ध के तहत बुनियादा ढांचा विकसित किया जा रहा है। इन बुनियादी ढांचों के तैयार हो जाने के बाद इन्हें लागू कर दिया जाएगा। इन नियमों को पूरा करने के लिए कार निर्माताओं के लिए एयर बैग सहित कई सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक हो जाएगा।
ऽ        मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना में घायल लोगों के निरूशुल्क इलाज के लिए दो पायलट परियोजनाओं के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें एक है वडोदरा.मुंबई राजमार्ग.8 और रांची.रारगांव.महुलिया;जमशेदपुरद्ध राजमार्ग.33 शामिल हैं। इसमें हर 25 किलोमीटर पर जीपीएस युक्त एम्बुलेंस तैनात करने का प्रावधान है ताकि दुर्घटना की स्थिति में घायलों को फौरन नजदीक के अस्पताल पहुंचाया जा सके। भर्ती करने की स्थिति में पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में शुरू के 48 घंटों तक 30 हजार रुपये तक उपचार निरूशुल्क होगा।
ऽ        प्रमुख बंदरगाहों के लिए सड़क संपर्क के विकास के लिए नौ परियोजनाओं में से सात को पूरा कर लिया गया है।
ऽ        सरकार की वैकल्पिक ईंधन और हाइब्रिड इंजन को बढ़ावा देने की योजना है। भारत जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है ताकि कच्चे तेल के आयात में कमी लाई जा सके। जैव ईंधन से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होता है। इससे प्रदूषण में कमी आएगी।
ऽ        पुणे में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च ;आईडीटीआरद्ध का उद्घाटन किया गया। यह संस्थान कैमरा आधारित ड्राइविंग प्रणाली विकसित कर रहा है। इससे मानवीय हस्तक्षेप के बिना ही ड्राइविंग की गुणवत्ता की तकनीकी तौर पर आंकलन संभव हो सकेगा। इस तकनीक से ड्राइविंग लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में भी सक्षम बनाया जा सकेगा। साथ ही इससे हुनरमंद चालकों का चयन सहज हो जाएगा।

ऽ        सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के तेज कार्यान्वयन और प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करने के लिए कई नई पहलों को शुरू किया है। इस संबंध में जो कदम उठाए गए हैं उनमें कुछ निम्नलिखित हैं रू

     परियजनाओं के जरिये वितरण की विधिरू कैबिनेट के एक फैसले से मंत्रालय को परियोजनाओं जैसे पीपीपीध्ईपीसी आदि को वितरित करने का अधिकार दिया गया है।
     परियोजनाओं को मंजूरी देने में वृद्धिरू1000 करोड़ रुपये से अधिक की पीपीपी और ईपीसी यानी दोनों परियोजनाओं का साथ में मूल्यांकन करने के लिए मंत्रालय को अधिकृत किया गया है। इसके पहले यह सीमा 500 करोड़ रुपये थी।
  अंतर मंत्रालयीय समन्वय बढ़ारू समूह अंतर.मंत्रालयीय मुद्दों को सुलझाने के लिए सड़क परिवहनए राजमार्ग और नौवहन मंत्री की अध्यक्षता में बुनियादी सुविधाओं का एक समूह बनाया गया है। पर्यावरण और वनए रेलवे और रक्षा मंत्रालय से संबंधित मुद्दों में से अधिकांश को सुलझा लिया गया है। इस संबंध में 10.11.2014 को इस मंत्रालय के मंत्री ने रेलवे के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए।
  विवाद सुलझाने के लिए फास्ट ट्रैक बनाने का निश्चयरू विवादों के समाधान के लिए एनएचएआई में एक तीन चरणीय विवाद समाधान तंत्र चल रहा है। इसके तहत अब तक 64अनुबंध पैकेजों को लेकर 83 मामलों का निपटारा किया जा चुका है।
  रियायत समझौते मॉडल ;एमसीएद्ध में संशोधनरू इस संबंध में परिवर्तन विचाराधीन हैं। एमसीए में बदलाव करने के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ;सीसीईएद्ध के 11.09.2014 के फैसले के अनुसार कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।
ऽ                 लगभग 4000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण का काम मंत्रालय को मिला है और इस अवधि के दौरान 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी के सड़क का निर्माण पूरा किया जा चुका है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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