पेयजल और स्व्च्छसता मंत्रालय जनवरी 2015 से शौचालयों के इस्ते माल की देशव्यागपी रियल टाइम निगरानी व्यसवस्थात शुरू करेगा। स्वेच्छौ भारत मिशन को बढ़ावा देते हुए यह निगरानी व्यमवस्था शुरू करने का फैसला किया गया है। इस व्यचवस्था के तहत वर्ष 2019 तक खुले में मल त्याग करने की प्रवृत्ति से देश को शत प्रतिशत मुक्तय कराना है। व्यकवस्था के अंतर्गत देशभर में लोगों को शौचालयों के इस्तेेमाल के लिए प्रोत्साचहित किया जाएगा और समय.समय पर इसके उचित प्रयोग की पुष्टि कर मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन सिटीजन मॉनिटरिंग के तहत मोबाइल फोनए टेबलेट्स और आईपैड का प्रयोग कर विसंगतियों को अपलोड किया जाएगा। इससे पहले केवल शौचालयों के निर्माण की ही निगरानी की जाती थीए लेकिन अब शौचालयों के निरंतर और वास्तंविक प्रयोग को सुनिश्चित करने की योजना तैयार की गई है।
स्वाच्छल भारत अभियान को मिशन के माध्यकम से लागू करने के उद्देश्यन से पेयजल और स्वाच्छलता मंत्रालय को मजबूत किया जा रहा है। स्व च्छद भारत अभियान के लक्ष्यों0 को प्रभावी तरीके से प्राप्तल करने के लिए और अभियान की निगरानी के लिए दो संयुक्तव संचिवए चार निदेशक तथा अधी्नस्थक कर्मचारियों को मिलाकर लगभग दो दर्जन अतिरिक्त् कर्मचारियों को नियुक्तत करने का फैसला भी किया गया है। शौचालयों में नवीन प्रौद्योगिकी को जांचने और ठोस और द्रव्यी अपशिष्टल प्रबंधन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति और स्व च्छवता सुनिश्चित करने के लिए एक टेलीफोन हेल्पर लाइन भी शुरू की जाएगी।
मंत्रालय की अभिनव पहलें
ऽ स्वपच्छत भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध के प्रावधानों के तहत व्यक्तिगत लाभार्थीए निर्मित शौचालय अथवा संबंधित ढांचे की फोटो को अपलोड करने की व्यनवस्थार बनाई गई है।
ऽ स्वचच्छ ता का प्रशिक्षण देने के लिए प्रमुख केंद्रों की पहचान।
ऽ राष्ट्री य और राज्या स्त्र पर मीडिया के माध्यरम से प्रचार की व्येवस्थाभ।
ऽ राज्योंी के द्वारा ग्राम पंचायत स्तेर पर व्याेपक प्रचार.प्रसार।
ऽ पेयजल और स्वयच्छाता नियोजन के लिए संयुक्ता दृष्टिकोण।
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ऽ रजोधर्म स्ववच्छाता प्रबंधन का विशेष ध्यान।
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ऽ ग्रामीण विकासध्पेयजल और स्वछच्छकता मंत्रालय के राष्ट्री य स्तरर निगरानी कर्ताओं के द्वारा वर्ष 2014 में 57 जिलों में कार्यों का मूल्यां कन।
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ऽ एनबीए द्वारा स्व5तंत्र रूप से राष्ट्रीकय स्तार पर थर्ड पार्टी मूल्यां कन की व्यओवस्थार शुरू की गई
ऽ मोबाइल की सहायता से पेयजल और स्वूच्छरता कार्यों की संयुक्तथ निगरानी
ऽ यूनीसेफ से सहयोग से योजनाओं की खामियों का विश्लेषण
स्वाच्छ भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध के मुख्य उद्देश्यु
ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
स्वाच्छं भारत के विजन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वकच्छगता कार्यक्रमों को बढ़ावा देते हुए देश की सभी ग्राम पंचायतों को वर्ष 2019 तक निर्मल के दर्जे तक पहुंचाना।
जागरूकता पैदा कर और स्वा स्य्के शिक्षा देते हुए विभिन्नच समुदायों और पंचायती राज संस्था नों को स्वूच्छ ता सुविधाएं उपलब्ध् कराने के लिए प्रेरित करना।
पारिस्थितिक की सुरक्षा और स्थावई स्व्च्छ ता के लिए किफायती और समुचित प्रौद्यागिकी को प्रोत्सासहन देना।
ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण स्विच्छथता के लिए समुदाय आधारित पर्यावरणीय स्वयच्छयता प्रणाली के अंतर्गत ठोस और द्रव्यम अपशिष्ट प्रबंधन विकसित करना।
स्वअच्छर भारत मिशन के मुख्य संघटक
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले और गरीबीिख्1, रेखा से ऊपर के चुनिंदा ;सभी अनुसूचित जातिध्जनजातिए छोटे और सीमांत किसानए भूमिहीन श्रमिकए शारीरिक निशक्तन और जिन परिवारों की प्रमुख महिला हैंद्ध ऐसे घरों में निजी शौचालयों के निर्माण के लिए रुण् 12ए000 प्रोत्सांहन राशि का प्रावधान किया गया है। इस राशि में केंद्र सरकार रुण् 9000 ;विशेष श्रेणी वाले राज्यों में रुण् 10ए800द्ध तथा राज्य सरकार रुण् 3000 ;विशेष श्रेणी वाले राज्यों् में रुण् 1200द्ध का सहयोग देगी।
सामुदायिक स्वरच्छनता परिसरों के निर्माण के लिए 2 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। इस सहायता में केंद्र 60 प्रतिशतए राज्यो 30 प्रतिशत और समुदाय 10 प्रतिशत का योगदान करेंगे।
स्वेच्छता सामग्री और ग्रामीण स्व च्छ3ता बाजारों के लिए प्रत्ये क जिले में 50 लाख तक की सहायता देने की योजना है।
ठोस और द्रव्यज अपशिाष्टर प्रबंधन के लिए कोष बनाया गया है। 150ध्300ध्500 और अधिक घरों वाली ग्राम पंचायतों के लिए 7ध्12ध्15ध्20 लाख की सहाकयता की योजना है। इस सहायता में केन्द्रं 75 प्रतिशत और राज्यह 25 प्रतिशत सहायता देगा।
आईईसी के लिए परियोजना लागत की 8 प्रतिशत राशि का प्रावधान। इस राशि में से 3 प्रतिशत का उपयोग केंद्र स्तकर पर और पांच प्रतिशत का उपयोग राज्य स्त र पर किया जाएगा।
योजना के लिए प्रशासनिक लागत के रूप में दो प्रतिशत का प्रावधान। इस राशि में केन्द्र 75 प्रतिशत और राज्यो 25 प्रतिशत सहायता देगा।
योजना रू
स्वनच्छशता एक सोच का मुद्दा है। आईईसी अभियान और अंतर व्येक्तिक संचार के माध्य म से व्य्वहार में बदलाव लाने को प्रोत्सा हित कर लक्ष्यन प्राप्ति सुनिश्चित की जा सकती है।
आईईसी अभियानध्अंतर व्यलक्तिक संचार कार्यक्रमों में विभिन्न एजेंसियां जैसे. यूनीसेफए विश्व बैंक के डब्यूय एसपी आदिए स्वनच्छेता पर कार्य कर रहे राष्ट्री य गैर सरकारी संगठनों जैसे. रोटरीए नेहरू युवा केंद्रए सीएलटीएस फाउंडेशन आदि की सहायता प्राप्तं करना।
निर्गम ;निर्माणद्ध और परिणाम ;अच्छेी स्वाशस्य्सि को प्राप्तस करने के लिए उठाए गए कदमद्ध की निगरानी की जाएगी।
अच्छीग गुणवत्ताब वाले शौचालयों के निर्माण को ष्ट्रीगरष् व्य वस्थाक के माध्य म से प्रोत्सा हित किया जाएगा।
केंद्रए राज्य और जिला स्तकर पर मिशन के लक्ष्योंा को प्राप्ता करने के लिए प्रशासनिक प्रबंधन को मजबूत बनाया जाएगा। ग्राम पंचायत स्त र पर अधीनस्थ कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।
स्वाकस्य्। मंत्रालय शौचालयों के प्रयोग की निगरानी के परिणामों पर अपनी राय देगा। अभियान के तहत निर्गम व्यगवस्थार में शौचालयों के निर्माण और लागत पर निगरानी रखी जाएगी।
निगरानी व्यीवस्थाप के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेपमाल किया जाएगा। हाथ में पकड़े जाने वाली मशीन की सहायता से लाभार्थीए शौचालय और संबंधित ढांचे की फोटो ली जाएंगी।
शौचालयों के लिए उन्नथतए किफायती और उपयोग में सरल प्रौद्योगिकी की सहायता से ठोस और द्रव्या अपशिष्टी प्रबंधन किया जाएगा।
आईईसी अभियानए व्यंवहार में बदलाव और शौचालय निर्माण के प्रयासों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को स्वयच्छय भारत अभियान के अंतर्गत प्रोत्सारहित किया जाएगा। मिशन के अंतर्गत अच्छाछ प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को अपशिष्टि और जल प्रबंधन के लिए राशि प्रोत्सा्हन स्वीरूप दी जाएगी।
उल्लेाखनीय कार्य करने वाले व्यरक्तियोंए संस्थाूनोंए ग्राम पंचायतोंए जिलों और राज्यों के लिए स्व च्छी भारत पुरस्कारर की शुरूआत की गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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