Posted on 03 March 2014 by admin
इन दिनों नायिका प्रधान फिल्म गुलाब गैंग की नायिका माधुरी दीक्षित, खलनायिका जूही चावला, निर्माता अनुभव सिन्हा और लेखकनिर्देशक सौमिक सेन की इलेक्ट्रानिक, प्रिण्ट मीडिया तथा अन्य प्रचार माध्यमों में खूब चर्चा है किन्तु बुन्देलखण्ड (बाँदा) के गुलाबी गैंग और कमाण्डर सम्पत पाल की जिस मौलिक कहानी पर ये फिल्म बनी है उसका कोर्इ योगदान स्वीकार करने को तैयार नहीं है बलिक निर्माता निर्देशक कहते हैं कि हमारी फिल्म का गुलाबी गैंग से कोर्इ सम्बन्ध नहीं है।
पिछली 24 जनवरी को बनारस में गुलाब गैंग फिल्म का संगीत धूमधाम से रिलीज हो चुका है और अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर 7 मार्च को फिल्म भी रिलीज होने वाली है। इस पृष्ठ भूमि पर ”गुलाबी गैंग जनसंगठन के राष्ट्रीय संयोजक एवं सहसंस्थापक जयप्रकाश शिवहरे उर्फ बाबूजी का कहना है कि बम्बर्इ के एससी पाल एडवोकेट के नोटिस के जवाब में निर्माता, निर्देशक ने विस्तृत उत्तर देने की भ्रामक बातें कहकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया है और आज तक सम्पर्क नहीं किया। गुलाब गैंग के प्रदर्शन पर कमाण्डर सम्पत पाल ने अपना अधिकृत ऐतराज जता दिया है, प्रशासनिक स्तर पर भी रोक लगाने हेतु तैयारी कर ली गयी है। यदि इतने पर भी बात नहीं बनती है तो संगठन रैली, धरना प्रदर्शन, अनशन की कार्यवाही करेगा। पहले रिपोर्ट से, फिर कोर्ट से उसके बाद भी नहीं माने तो बाँस कोर्ट (बाँस का डण्डा जो गुलाबी गैंग का निशान है इसको लेकर गुलाबी गैंग की महिलायें चलती हैं) से मनवाया जाएगा।
गुलाब गैंग की कहानी किसी कपोल कल्पना पर आधारित नहीं बलिक बुन्देलखण्ड में वास्तव में महिलाओं की लड़ार्इ लड़ रहीं गुलाबी गैंग की कमाण्डर सम्पत पाल के चरित्र की कहानी पर बनी फिल्म है। यह बात अलग है कि गुलाब गैंग फिल्म के लेखक, निदेशक सौमिक सेन उसे स्वीकार नही करते उनका कहना है कि गुलाबी गैंग से मेरी फिल्म गुलाब गैंग का कोर्इ सम्बन्ध नहीं है। वे गुलाबी गैंग कमाण्डर की तारीफ तो करते हैं। कहते हैं कि सम्पत पाल बहुत अच्छा काम कर रही हैं उनके गैंग का काम मुख्य रूप से बदतमीज पतियों को रास्ते पर लाना है जब कि उनकी फिल्म में बालिकाओं की शिक्षा एक बड़ा मुददा है उनको आत्म निर्भर बनाने की कोशिश है ताकि वे इस दुनिया में स्वयं की मेहनत के दम पर जी सकें।
वास्तव में सौमिक सेन ने गुलाबी गैंग के मूल विचार धारा को आधार बनाकर ही अपनी कहानी का ताना-बाना बुना है, वही उनकी फिल्म की आत्मा है। वे गुलाब गैंग का शीर्षक भले ही एरो सिमथ के गीत दि पिंक इज रेड के भाव को बताते हो और कहते हो कि गुलाबी रंग लाल के बहुत नजदीक होता है और कभी-कभी खतरनाक भी। यदि ऐसा है तब उन्होंने अपनी फिल्म का शीर्षक ”पिंक इज रेड या ”लाल गैंग क्यों नही रख लिया? उन्हें गुलाब गैंग रखने का आइडिया कहां से आया? वास्तव में यह बुन्देलखण्ड (बाँदा) के गुलाबी गैंग से ही प्रभावित होकर रखा गया है। वे कहते हैं मैंने इस फिल्म
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 March 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव बार-बार अपनी काठ की हाण्डी चढ़ाकर उ0प्र0 के मतदाताओं को न सिर्फ गुमराह कर रहे हंै बलिक अपने विगत 2012 के विधानसभा चुनाव में किये चुनावी वादों को, जिन्हें न तो पूरा कर सके हैं न ही वे इस सम्बन्ध में गंभीर हैं, उ0प्र0 की जनता इस बात को खूब समझती है। वास्तविकता तो यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जनता को केवल अब तक वादे ही दे सके हैं और दो साल में एक भी विकासोन्मुख निर्णय लेने में अक्षम रहे हैं।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डा0 हिलाल अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने जितनी भी घोषणाएं की हैं वह मात्र कागजों पर ही सीमित हैं। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे अधर में लटका है। मेट्रो रेल अभी केवल कागजों पर दौड़ रही है। उ0प्र0 में वर्ष 1989 के बाद की गैर कांग्रेसी सरकारें बिजली उत्पादन एक मेगावाट भी बढ़ाने में सक्षम नहीं रही हैं। जबकि श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी उ0प्र0 से सांसद रहे हैं तथा जब केन्द्र में एनडीए सरकार थी उस समय उ0प्र0 में भाजपा शासित सरकार चल रही थी।
प्रवक्ता ने सपा सरकार से सवाल किया है कि जो उन्होने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था उस वादे का क्या हुआ? उ0प्र0 में आर्थिक विकास तथा पूंजीनिवेश न होने के कारण लगातार बेरोजगारी बढ़ती चली जा रही है, यह गैर कांग्रेसी सरकाराें की जनता के प्रति उदासीनता तथा असंवेदनशीलता का परिचायक है। उ0प्र0 में जब तक आधारभूत संरचनाओं का विकास नहीं होगा, प्रदेश में आर्थिक विकास की बात करना पूरी तरह बेइमानी है।
डा0 हिलाल अहमद ने कहा कि उ0प्र0 में गरीबी उन्मूलन से सम्बनिधत समाजवादी पार्टी कोर्इ भी कार्यक्रम न तो स्वयं चला रही है और न ही केन्द्र की यूपीए सरकार द्वारा भेजे गये धन का सदुपयोग कर रही है। मुख्यमंत्री जी पिछली सरकार के भ्रष्टाचार पर टिप्पणी करना अपनी सभाओं में नहीं भूलते परन्तु वह यह भूल जाते हैं कि मनरेगा घोटाले में शामिल श्री पन्धारी यादव को वह तब तक अपनी शरण में रखे रहे जब तक कि सी0बी0आर्इ0 ने मा0 उच्च न्यायालय के आदेश पर एफआर्इआर दर्ज नहीं की। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सदस्य श्री ललित मोहन श्रीवास्तव के विरूद्ध विधानसभा में भी प्रश्न उठा, परन्तु उसके विरूद्ध कोर्इ भी कार्यवाही अथवा जांच के आदेश नहीं दिये गये। जबकि यह विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है। जब उनकी नाक के नीचे हो रहे भ्रष्टाचार के प्रति वे सजग नहीं हैं तो प्रदेश में भ्रष्टाचार को खत्म करने के कोरे भाषण से क्या फायदा है।
प्रवक्ता ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी यह भी बतायें कि जो वादे उन्होने अल्पसंख्यकों के लिए वर्ष 2012 में किये थे, उसका क्या हुआ? अब तो वह अपनी सभाओं में उसका वर्णन भी नहीं करते हैं। 18प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण की बात तो दूर अब तो उन्होने कन्या विधा धन को भी तीस हजार से घटाकर बीस हजार कर दिया है। इससे यह बात स्पष्ट होती है कि सत्ता में आने के पश्चात समाजवादी पार्टी को अल्पसंख्यकों की आवश्यकता नहीं रह गयी है और वे भाजपा की तरह अलगाववाद एवं विघटन की राजनीति में लिप्त हो चुके हैं। श्री मुलायम सिंह यादव जी गुजरात के दंगे को तो याद करते हैं परन्तु उ0प्र0 के तमाम शहरों में जिस प्रकार से दंगे हुए तथा मुजफ्फरनगर दंगे के पीडि़त शरणार्थी शिविरों में जो बदसलूकी की गयी वह उसको भूल जाते हैं जो कि समाजवादी पार्टी की अकलियत के प्रति सोच को दर्शाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 March 2014 by admin
लखनऊ में आज आयोजित श्री नरेन्द्र मोदी की रैली पर प्रतिकि्रया व्यक्त करते हुए उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं चेयरमैन कम्युनिकेशन विभाग श्री सत्यदेव त्रिपाठी पूर्व मंत्री ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी की रैली के बड़े-बड़े दावों की पोल खुल गयी। इस दृषिट से यह रैली पूरी तरह फ्लाप रही है। करोड़ों रूपया खर्च करने के बाद भी भीड़ न जुट पाना, इस बात का संकेत है कि उ0प्र0 की जनता श्री मोदी के दोहरे चरित्र को हजम नहीं कर पा रही है। एक तरफ थैलीशाहों का पैसा और दूसरी तरफ गरीबों की बात। यह विरोधाभास खुलकर सामने आ गया है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि क्या भारतीय जनता पार्टी बतायेगी कि 15लाख लोगों को रैली में लाने का दावा करने के बावजूद उसका दसवां हिस्सा ही ले आ पायी। इससे स्पष्ट है कि न मोदी की लहर है और न भाजपा के प्रति जनता का आकर्षण।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि चुनावी स्टंटबाजी से राजनीति नहीं चला करती। नीतियों के ठोस धरातल पर इस देश की महान जनता की सेवा की जा सकती है, जिस तरह कांग्रेस पार्टी लगातार कर रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 March 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहाँ केन्द्रीय वाणिज्य एवं उधोग मंत्री, श्री आनन्द शर्मा की उपसिथति में प्रदेश में दिल्ली-मुम्बर्इ-इण्डसिट्रयल कारीडोर (डी.एम.आर्इ.सी.) परियोजना तथा इसके तहत उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित पहली अर्ली बर्ड परियोजना, एकीकृत औधोगिक टाउनशिप (इण्टीग्रेटेड इण्डसिट्रयल टाउनशिप) का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर एकीकृत औधोगिक टाउनशिप के विकास हेतु उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री रमारमन तथा दिल्ली-मुम्बर्इ इण्डसिट्रयल कारीडोर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. (डी.एम.आर्इ.सी.डी.सी.एल.) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबन्ध निदेशक श्री अमिताभ कान्त के बीच शेयर होल्डर्स एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी किये गये।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि पशिचमी तथा पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर प्रदेश में मिल रहे हैं। इससे प्रदेश को बहुत बड़ा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने शुरु से ही प्रदेश के विकास के लिए प्रयास करने शुरु कर दिए थे। उन्होंने गत वर्ष आगरा में सम्पन्न हुर्इ पार्टनरशिप समिमट-2013 की चर्चा करते हुए कहा कि इस सम्मेलन में 1200 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय एवं भारतीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के बाद राज्य सरकार लगातार निवेश के लिए माहौल बनाने का गम्भीरता से कर्इ स्तरों पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मुम्बर्इ-दिल्ली इण्डसिट्रयल कारिडोर की तरह र्इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर के साथ इण्डसिट्रयल एरिया विकसित करने हेतु भारत सरकार को पत्र लिखकर इस पर तेजी से कार्य करने का अनुरोध किया गया था। क्योंकि र्इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर का सर्वाधिक बड़ा हिस्सा उ0प्र0 से ही गुजरता है। उन्होंने कहा कि पूर्व राज्य सरकार ने डी.एम.आर्इ.सी. परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कोर्इ कार्य नहीं किया, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही इस परियोजना को हर सम्भव सहयोग उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत आज जिस इण्डसिट्रयल टाउनशिप का शिलान्यास किया जा रहा है, इसमें लगभग 33 हजार करोड़ रुपए का निवेश सम्भावित है। इस योजना के पूर्ण होने पर 58,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
श्री यादव ने कहा कि वेस्टर्न तथा र्इस्टर्न कारिडोर से मैनुफैक्चरिंग क्षेत्र का विकास होगा और यहां के नौजवानों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास को ध्यान में रखते हुए वर्तमान प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार की सभी विकास योजनाओं के लिए तत्परता से जमीन उपलब्ध कराने का प्रयास किया। उन्होंने एम्स, इंस्टीटयूट आफ होटल मैनेजमेंट तथा सैनिक स्कूल आदि के लिए उपलब्ध करार्इ गर्इ नि:शुल्क भूमि का जिक्र करते हुए कहा कि आगे आने वाले समय में भी राज्य सरकार ऐसी सभी परियोजनाओं के लिए पूरी मदद करेगी। उन्होंने इंटीगे्रटेड इण्डसिट्रयल टाउनशिप के शिलान्यास को एक बड़ी पहल बताते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य का तेजी से औधोगिकीकरण होगा।
केन्द्रीय मंत्री श्री आनन्द शर्मा ने विकास योजनाओं में दी जा रही मदद के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि डी.एम.आर्इ.सी. एवं र्इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर से उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य को केवल औधोगिक क्षेत्र में ही नहीं बलिक कृषि क्षेत्र में भी भारी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश के उत्पादों को बन्दरगाह तक पहुंचने में लगभग 14 दिन लग जाते हैं, जबकि इन परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने से 14 घण्टे से भी कम समय लगेगा। इसी प्रकार र्इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर के साथ-साथ कृषि उत्पादों के त्वरित परिवहन की सुविधा का विकास होगा और यहां के ग्रामीण क्षेत्रों तथा किसानों की आर्थिक सिथति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 सरकार की तत्परता एवं सहयोगात्मक रुख की वजह से ही यह शिलान्यास सम्भव हो सका है।
ज्ञातव्य है कि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर के दोनों ओर लगभग 150-200 किमी. की पटटी में प्रस्तावित डी.एम.आर्इ.सी. के प्रभाव क्षेत्र का 12 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है तथा राज्य के 12 जनपदों के 36,068 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में प्रस्तावित है। दादरी में र्इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर एवं वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर का जंक्शनश्होगा, जिससे उत्तर प्रदेश को काफी लाभ मिलेगा। 1483 कि.मी. लम्बे दिल्ली-मुम्बर्इ इण्डसिट्रयल कारीडोर के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में दो विकास क्षेत्र चिनिहत किये गये हैं, पहला दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र तथा दूसरा मेरठ-मुज़फ्फरनगर औधोगिक क्षेत्र। इस पर तीन अर्ली बर्ड परियोजनाएं प्रस्तावित हैं जिनमें ग्रेटर नोएडा में एकीकृत औधोगिक टाउनशिप, बोडाकी में एक मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब तथा दादरी मल्टी माडल लाजिसिटक हब समिमलित हैं। पहली अर्लीबर्ड परियोजना-एकीकृत औधोगिक टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लगभग 740 एकड़ में विकसित की जानी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास इस परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध है। इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहांं कार्य करने वाले लोगों के लिए आवास, संस्थागत व व्यवसायिक सुविधा तथा अन्य अवस्थापना सुविधाएं एक स्थान पर उपलब्ध होंगी। टाउनशिप के प्रमुख अवस्थापना विकास हेतु केन्æ सरकार एवं राज्य सरकार ने 50-50 अंशधारिता की संयुक्त उपक्रम कम्पनी बनाने को स्वीÑति पहले ही प्रदान कर दी है। डी.एम.आर्इ.सी ट्रस्ट तथा राज्य सरकार की ओर से ग्रेटर नोएडा औधोगिक विकास प्राधिकरण द्वारा खर्च वहन की जाएगी।
इसके पूर्व सभी का स्वागत करते हुए अवस्थापना एवं औधोगिक विकास आयुक्त, आलोक रंजन ने कहा कि नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा एशिया का सबसे बड़ा नियोजित औधोगिक क्षेत्र है। एकीÑत औधोगिक टाउनशिप ग्रेटर नोएडा में स्थापित होने पर इस क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि डी.एम.आर्इ.सी. के अन्तर्गत इस टाउनशिप में रु 33,000 करोड़ के पूंजी निवेश के अवसरों के साथ ही 58,000 कारीगरों को रोज़गार मिलने की सम्भावना है। इस टाउनशिप का 51 प्रतिशत भाग औधोगिक भू-उपयोग हेतु आरक्षित होगा। ग्रेटर नोएडा के राष्ट्रीय राजधानी के निकट होने के कारण इन परियोजनाओं के स्थापित होने से पशिचमी उत्तर प्रदेश के उधोगों को न केवल विश्व-स्तरीय अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होंगी, अपितु अपने उत्पाद देश के अन्य हिस्सों व विश्व के बाजार तक पहुँचाने में भी मदद मिलेगी। डी.एम.आर्इ.सी.डी.सी. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबन्ध निदेशक श्री अमिताभ कांत ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह, विज्ञान एवं प्रौधोगिकी राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्र, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, केन्æ सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राÑतिक गैस सचिव श्री सौरभ चन्æा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सचिव अवस्थापना एवं औधोगिक विकास श्री धीरज साहू सहित राज्य सरकार के कर्इ उच्चाधिकारी उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 March 2014 by admin
युवा कांग्रेस ने आज हजरतगंज भाजपा कार्यालय के पास नरेंæ मोदी वापस जाओ के नारे के साथ ‘फेंकू एक्सप्रेस रथ निकाल कर 5 रुपये का टिकट बेचते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। युवा कांग्रेसजनों ने गुजरात सरकार की विफलताओं और मोदी की गलतबयानी से सम्बंधित पर्चे भी बांटे तथा लोगो को सांप्रदायिक शäयिे से सावधान रहने की अपील की।
युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन की अगुवार्इ करते हुए राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश प्रभारी श्रीनिवास बी.वी. ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता मोदी के झांसे में नहीं आने वाली। मोदी की असलियत नहीं जानने वाले लोगों को बरगलाकर भाजपा सत्ता पाने का जो सपना देख रही है वो कभी पूरा नहीं होगा।
युवा कांग्रेस मध्य जोन के अध्यक्ष अंकित परिहार ने कहा कि देश का नौजवान मा. राहुल गांधी जी की युवा सोच के साथ खड़ा है। लोकसभा चुनाव में यूपी का नौजवान मोदी को वापस गुजरात भेज देगा।
युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं लखनऊ लोकसभा प्रभारी अभिषेक सिंह पटेल ने कहा कि लखनऊ की गंगा जमुनी तहजीब और सांप्रदायिक सदभाव में जहर घोलने आये मोदी को यहाँ की जनता औकात दिखा कर वापस भेजेगी।
लखनऊ युवा कांग्रेस अध्यक्ष सतीश वर्मा ने कहा कि मोदी की रैली में मदारी की तरह भाजपाइयों ने डमरू बजाकर भीड़ बुलार्इ फिर भी रमाबार्इ मैदान में दूर दूर तक सन्नाटा दिखार्इ दिया।
विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से प्रदेश महासचिव अखिलेश वर्मा, प्रतिभा अटल पाल, मोहनलालगंज लोकसभा अध्यक्ष आनंद सिंह, संतोष श्रीवास्तव, राहुल शुक्ला संजू, संतोष सिंह, नकुल सक्सेना, मनोज तिवारी, प्रदीप त्रिपाठी, प्रवीण सिन्हा, आबिस रजा, मनोज पाठक, अवनीश शुक्ल, शाहबाज खान, आनंद वर्धन सिंह, अखिल मिश्रा, पवन मैसी आदि युवा कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 March 2014 by admin
आम आदमी पार्टी ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा की गिरफ्तारी के हार्इ प्रोफाइल ड्रामा व नए डीजीपी के चयन को लेकर किए गए भेदभव की कड़े शब्दों में निन्दा की है। 22 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले सहारा श्री को गिरफ्तार करने में जिस तरह से लापरवाही हुर्इ वही निंदनीय है। कोर्ट व सेबी के आदेशों के बाद भी सुब्रत राय कानून की आंखों में कर्इ महीने तक धूल झोंकते रहे और आज भी वह निवेशकों के नाम की लिस्ट नहीं दे रहे। यह साफ दर्शाता है कि कर्इ बड़े सफेदपोशो को बचाने की कोशिश हो रही है। शुक्रवार का दिन लखनऊ की कानून व्यवस्था के लिए शर्मनाक रहा कि पैसे की ताकत के दम पर सहारा श्री पूरे दिन पुलिस और मीडिया की आंखों में धूल झोंकते रहे। कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें कस्टडी में रखने के नाम पर पुलिस फारेस्ट गेस्ट हाउस में ले गर्इ जहां उन्हें 4 मार्च तक रखा जायेगा। यह हमारा दुर्भाग्य है कि पुलिस का बर्ताव अमीर और गरीब के लिए अलग-अलग रहता है लेकिन अब उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद निवेशकों को उचित न्याय जरुर मिलेगा।
इसके अतिरिक्त पार्टी ने नए डीजीपी एएल बनर्जी के चयन पर भी सवील उठाये हैं। उन्होंने कहाकि सपा सरकार में सिर्फ उनकी तरक्की होती है जो सरकार के लिए सहयोगात्मक व खास हों। जिस प्रकार से 6 सीनियर अधिकारियों को दरकिनार कर 1979 बैच के एएल बनर्जी को चुनावों से ठीक पहले डीजीपी बनाया गया है वह स्वयं में प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। जब उच्च पदों पर ही चयन में पक्षपात होगा तो फिर कानून व्यवस्था में सुधार होना संदेहात्मक हो जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 March 2014 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि लोकसभा चुनावोंं का परिणाम आने से पहले ही कर्इ दलों की निराशा और हताशा सामने आने लगी है। कुंठित होकर वे अब जनता के बीच विदूषक की तरह पेश आने लगे हैं। उन्हें लगता है कि वे अब कामेडी शो करके जनता को भरमा लेगें और उनके वोट प्रभावित कर सकते है। लेकिन जनता है जो सब जानती है और वह इस तरह के भुलावे में नही आनेवाली है। राजनीति में गम्भीरता से बेपरवाह इन दलों और उसके नेताओं को जनता फिर सत्ता सिंहासन पर बिठाने वाली नहीं है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने सत्ता में रहते मंहगार्इ और भ्रष्टाचार बढ़ाने के सिवाय और कुछ नहीं किया। दोनों ही सरकारो में घोटाले हुए। कांग्रेस - भाजपा दोनो ने ही सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया। इनके कार्यकाल में ही अयोध्या में बाबरी मसिजद तोड़ी गर्इ। मेरठ, मलियाना और मुरादाबाद के दंगों में मुसलमानों को ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। 1984 के दंगों में हजाराें सिख मारे गए। गुजरात के दंगों में मुसिलमो का बेरहमी से कत्लेआम किया गया और आज तक मुसिलम समाज वहां दहशत में जी रहे हैं।
अब जब कांग्रेस और भाजपा के कारनामों से ऊबी जनता इनसे अलग राजनीतिक विकल्प की तलाश में है तो इन दलों को सांप सूंघ रहा है। फिर सत्ता में न आ पाने की छटपटाहट में इनको कुछ सूझ नहीं रहा हैं इसलिए वे नीति और कार्यक्रम पर चर्चा करने के बजाय या तो रोड शो की नौटंकी कर रहे है या फिर चाय काफी बेचने की ड्रामाबाजी दिखा रहे हैं। चूकि उनके पास देश की जनता की उन्नति और विकास के लिए कोर्इ योजना नहीं है इसलिए वे इस तरह की अजीबोगरीब हरकतों पर उतर आए हैं। भाजपा के साथ कर्इ बार लम्बी चौड़ी राजनीतिक पेगें बढ़ाने वाली बसपा भी उन्हीं के सुर में सुर मिला रही है।
उत्तर प्रदेश में श्री अखिलेश यादव ने समाजवादी सरकार में विकास का जो नया एजेण्डा दिया है और जनहित की तमाम योजनाओ को अमली जामा पहनाया है उससे जनता मेंं सरकार की लोकप्रियता बढ़ी है और मुख्यमंत्री जी के प्रति गहरा विश्वास पैदा हुआ है। समाजवादी पार्टी सरकार के पूर्व कांग्रेस-भाजपा और बसपा की सरकारें रही है लेकिन उन्होने जनहित का पैसा अनुत्पादक मदों पर खर्च किया और बिजली,पानी, सड़क जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की अनदेखी की। श्री अखिलेश यादव की नीतियों से नौजवान, किसान, पिछड़े, गरीब और मुसलमान सभी लाभानिवत हुए है। वे अब किसी कुप्रचार से प्रभावित नहीं होनवाले है।
समाजवादी पार्टी की राजनीतिक दृषिट स्पष्ट है। सांप्रदायिकता के खिलाफ वह शुरू से संघर्षशील है। श्री मुलायम सिंह यादव के प्रयासों से ही भाजपा सत्ता में आने से वंचित रही है। समाजवादी पार्टी एक राजनीतिक विकल्प की मजबूती में लगी है और इस बार केन्द्र में सरकार बनने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिशिचत है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 March 2014 by admin
फिलिमस्तान की यह पुरानी कहानी है जहां अनेक निर्माता, निर्देशक, लेखक, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार दूसरों के गीत, संगीत, रचनाओं, कहानियों को अपनी बनाकर प्रस्तुत कर देते हैं और लाखों रूपया कमाते हैं जबकि मौलिक लेखक, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार हाथ मलते रह जाते हैं। ऐसे लोगों के पास कापीराइट एक्ट के अनुसार अपनी रचना सिद्ध करने का कोर्इ ठोस प्रमाण नहीं होता। निर्माता, निर्देशकों की यह प्रवृतित बढ़ती ही जा रही है अब तो स्पष्ट प्रमाण होने के बावजूद कुछ लेखक, निर्देशक दूसरों की रियल लाइफ कहानियों पर रील लाइफ फिल्म बना लेते हैं और मूल कहानीकार द्वारा क्लेम करने पर साफ इंकार कर देते हैं।
ऐसी ही एक फिल्म बनी है गुलाब गैंग जिसकी कहानी किसी कपोल कल्पना पर आधारित नहीं बलिक बुन्देलखण्ड में वास्तव में महिलाओं की लड़ार्इ लड़ रहीं गुलाबी गैंग की कमाण्डर सम्पत पाल के चरित्र की कहानी पर बनी फिल्म है। यह बात अलग है कि गुलाब गैंग फिल्म के लेखक, निदेशक सौमिक सेन उसे स्वीकार नही करते उनका कहना है कि गुलाबी गैंग से मेरी फिल्म गुलाब गैंग का कोर्इ सम्बन्ध नहीं है। वे गुलाबी गैंग कमाण्डर की तारीफ तो करते हैं। कहते हैं कि सम्पत पाल बहुत अच्छा काम कर रही हैं उनके गैंग का काम मुख्य रूप से बदतमीज पतियों को रास्ते पर लाना है जब कि उनकी फिल्म में बालिकाओं की शिक्षा एक बड़ा मुददा है उनको आत्म निर्भर बनाने की कोशिश है ताकि वे इस दुनिया में स्वयं की मेहनत के दम पर जी सकें।
वास्तव में सौमिक सेन ने गुलाबी गैंग के मूल विचार धारा को आधार बनाकर ही अपनी कहानी का ताना-बाना बुना है, वही उनकी फिल्म की आत्मा है। वे गुलाब गैंग का शीर्षक भले ही एरो सिमथ के गीत दि पिंक इज रेड के भाव को बताते हो और कहते हो कि गुलाबी रंग लाल के बहुत नजदीक होता है और कभी-कभी खतरनाक भी। यदि ऐसा है तब उन्होंने अपनी फिल्म का शीर्षक ”पिंक इज रेड या ”लाल गैंग क्यों नही रख लिया? उन्हें गुलाब गैंग रखने का आइडिया कहां से आया? वास्तव में यह बुन्देलखण्ड (बाँदा) के गुलाबी गैंग से ही प्रभावित होकर रखा गया है। गुलाब गैंग के मुख्य पात्र रज्जो के माध्यम से वास्तविक पात्र सम्पत पाल की राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति को भुनाने का प्रयास किया गया है जिसे माधुरी दीक्षित ने अभिनीत किया है यह गुलाबी गैंग के असली चरित्र सम्पत पाल के चरित्र की कहानी है जिसने अपने गैंग के माध्यम से केवल बुन्देलखण्ड में ही नहीं देश-विदेश में महिलाओं को न्याय दिलाने के क्षेत्र में नाम कमाया है, किन्तु लेखक निर्देशक इसे स्वीकार करने से साफ इन्कार कर देते हैंं।
सौमिक सेन सम्पत पाल को केवल बदतमीज पतियों को रास्ते पर लाने वाली महिला और पतियों के विरूद्ध महिलाओं के संघर्ष को ही गुलाबी गैंग का मुख्य उददेश्य मानते है। यदि वे ऐसा मानते है तो उन्होंने गुलाबी गैंग और उनकी कमाण्डर की गतिविधियों उपलबिधयों का सही मूल्यांकन नहीं किया। एक फिल्मकार जिस विषय पर व्यवसायिक फिल्म बना रहा हो उस पर गम्भीर होम वर्क न किया होगा। यह अवश्य मानने योग्य है कि उन्हें गुलाबी गैंग की गतिविधियों उपलबिधयों की पूरी जानकारी हो, कमाण्डर सम्पत पाल की जानकारी हो किन्तु वह जानबूझ कर असली कहानी को स्वीकार न कर रहे हों।
फिलिमस्तान की रीति-नीति की दृषिट से यदि बात करे तो भला वे गुलाबी गैंग और कमाण्डर सम्पत पाल के जीवन संघर्ष को कैसे स्वीकार कर सकते हैं? यदि वे स्वीकार करते हैं तो उन पर सीधे-सीधे कहानी चोरी का आरोप लग जाता लेकिन सौमिक सेन अपनी ही बातों (श्री अजय ब्रह्राात्मज को दिये साक्षात्कार) में फंस जाते हैं। वे कहते हैं मैंने इस फिल्म को गम्भीर और कलात्मक नहीं होने दिया, यह शुद्ध हिन्दी मशाला फिल्म हैं इसमें प्रचलित ढांचे में ही शिक्षा, समानता और आत्म निर्भरता का सन्देश भी दिया है। इसका तात्पर्य यह है कि कहानी का मूल विषय गम्भीर और कलात्मक था वह विषय गुलाबी गैंग और सम्पत पाल का ही था जिसे लेखक ने मशाला फिल्म का विषय बनाकर प्रस्तुत किया है ताकि मूल कहानी का लाभ भी मिल जायें और गुलाबी गैंग व सम्पत पाल के कापीराइट के दायित्व से भी बच जाय।
लेखक निर्देशक सौमिक सेन और प्रोडयूसर अनुभव सिन्हा ने केवल फिल्म की कहानी ही नहीं उड़ार्इ बिना लागत के फिल्म का संगीत भी दूसरे के मंच पर रिलीज करा लिया इसलिये इसमें माधुरी दीक्षित को सुप्रसिद्ध नायिका के रूप में नहीं बलिक गुलाब गैंग की रज्जो के रूप में प्रस्तुत किया गया जबकि वह स्वयं ही इस अभियान की गुडविल ब्राण्ड एम्बेस्डर हैं। निर्देशक स्वयं कहते हैं कि गुलाब गैंग में सात गाने हैं और लम्बे समय बाद माधुरी दीक्षित ने सुप्रसिद्ध नृत्य निर्देशिका सरोज खान के निर्देशन मे डान्स किया है। किसी हिन्दी मशाला फिल्म जैसा कि में माधुरी दीक्षित जैसी नृत्य प्रवीण नायिका हो और सरोज खान जैसी नृत्य निर्देशिका ने निर्देशन किया हो तो निर्माता, निर्देशक भला फिल्म के संगीत को उसकी सफलता के मानक के रूप में क्यों न प्रस्तुत करेंगे? प्रोडयूसर ने इस बात का खास ख्याल रखा और फिल्म के रिलीज से पहले संगीत रिलीज कर उसे चर्चा में लाने का कार्यक्रम बनाया। वे धूम-धाम से संगीत रिलीज तो करना चाहते थे किन्तु किसी जुगाड़ की तलाश में थे कि रिलीज समारोह का खर्च न उठाना पड़े। पहले माधुरी दीक्षित के फैन पटना के पप्पू सरदार (ये माधुरी दीक्षित की हर नर्इ फिल्म का समारोह भव्य तरीके से अपने स्तर पर मनाते हैं) के समारोह में रिलीज का कार्यक्रम बना जो इस बार संगम नगरी इलाहाबाद में आयोजित होने वाला था। बातचीत चल ही रही थी कि इस बीच इन्हें एक प्रमुख हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के ”बेटी बचाओ अभियान के बनारस में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की जानकारी मिली तो उसी में इन्होंने संगीत रिलीज का कार्यक्रम बना लिया और अपने प्लान के अनुसार उसी मंच पर रिलीज कराया। इस प्रकार बनारस में 24 जनवरी 2014 के बेटी बचाओ अभियान कार्यक्रम में बिना किसी विशेष खर्च के वे संगीत रिलीज कराने में भी सफल रहे।
सम्पत पाल को गुलाबी गैंग की कहानी पर गुलाब गैंग फिल्म बनने की सर्वप्रथम जानकारी अप्रैल 2012 में हुर्इ जैसे ही उन्हें जानकारी हुर्इ तो उन्होंने कहा बिना अनुमति यदि उनके जीवन पर फिल्म बनायी तो वह कोर्ट जायेंगी। यदि किसी को फिल्म बनाना है तो पहले मुझसे अनुमति ले लें फिल्म का सिक्रप्ट दिखायें तब फिल्म निर्माण करें। प्रोडयूसर अनुभव सिन्हा ने उसी समय दावा किया कि उनकी फिल्म उत्तर प्रदेश के किसी संगठन या महिला के जीवन से प्रेरित नहीं है। ये विवादास्पद बाते दोनों ओर से आयी और हो गयी किन्तु इनका कोर्इ निराकरण नहीं हुआ। इधर प्रोडयूसर निर्देशक ने फिल्म का निर्माण प्रारम्भ कर दिया जो अपनी गति से काम चलता रहा और एक वर्ष में लगभग पूर्ण हो गया।
एक वर्ष बाद मर्इ जून 2013 में ‘गुलाब गैंग फिल्म की फिर खबर आयी तो सम्पत पाल ने बम्बर्इ के एस.सी. पाल व एम. सेठना एडवोकेट के माध्यम से 13 जून 2013 को प्रोडयूसर, निर्देशक को कानूनी नोटिस भेजा जिसके सम्बन्ध में उन्होंने परिक्षण करने सम्बन्धी गोलमाल जवाब दिया और कहा कि हम विस्तृत उत्तर बाद में देंगे किन्तु उनका उत्तर अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। निर्माता निर्देशक ने अपनी मनमानी चलाते हुए फिल्म का संगीत तो रिलीज कर लिया है अब फिल्म के रिलीज की बारी है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व सन्ध्या पर इसके रिलीज की तैयारी है।
‘गुलाबी गैंग जन संगठन के राष्ट्रीय संयोजक एवं सह-संस्थापक जयप्रकाश शिवहरे उर्फ बाबूजी का कहना है कि बम्बर्इ के एस.सी. पाल एडवोकेट के नोटिस के जवाब में निर्माता, निर्देशक ने विस्तृत उत्तर देने की भ्रामक बातें कहकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया है और आज तक सम्पर्क नहीं किया। गुलाब गैंग के प्रदर्शन पर कमाण्डर सम्पत पाल ने अपना अधिकृत ऐतराज जता दिया है, प्रशासनिक स्तर पर भी रोक लगाने हेतु तैयारी कर ली गयी है। यदि इतने पर भी बात नहीं बनती है तो संगठन रैली, धरना प्रदर्शन, अनशन की कार्यवाही करेगा। पहले रिपोर्ट से, फिर कोर्ट से उसके बाद भी नहीं माने तो बाँस कोर्ट (बाँस का डण्डा जो गुलाबी गैंग का निशान है इसको लेकर गुलाबी गैंग की महिलायें चलती हैं) से मनवाया जाएगा।
गुलाबी गैंग और गुलाब गैंग का मामला बड़ा ही रोचक बनता जा रहा है दोनों तरफ से अपनी-अपनी तैयारियाँ है। गुलाब गैंग के निर्माता निर्देशक ने मीडिया, सोशल मीडिया, टीवी आदि अनेक प्रचार के माध्यमों से अपनी फिल्म का प्रचार प्रारम्भ कर दिया है इधर गुलाबी गैंग जन संगठन की कमाण्डर सम्पत पाल, राष्ट्रीय संयोजक जयप्रकाश शिवहरे सहित अन्य पदाधिकारी प्रदर्शन रोकवाने के लिए कमर कस चुकें है। असली शकित परीक्षण 7 मार्च को देखने को मिलेगा जब निर्माता निर्देशक फिल्म रिलीज करेंगे और गुलाबी गैंग की रियल लाइफ कमाण्डर सम्पत पाल गुलाब गैंग की रील लाइफ कमाण्डर माधुरी दीक्षित की फिल्म रिलीज को रोकने का प्रयास करेगी।
एक अहम प्रश्न पैदा होता है कि बिना प्रमाण वाले कहानीकारों, लेखकों की रचना चोरी होने के मामलों की भांति क्या इसमें भी वे बच जायेंगे? राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति वाले गुलाब गैंग और कमाण्डर सम्पत पाल के ठोस प्रमाण के बावजूद क्या उन्हें न्याय मिल पायेगा या कानूनी दांवपेंच का फायदा उठाकर निर्माता निर्देशक इसमें भी धता बताने में कामयाब हो जायेंगे?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 March 2014 by admin
02 मार्च को रमाबार्इ अम्बेडकर मैदान में होने वाली विजय शंखनाद महारैली निर्विघ्न सम्पन्न हो और आने वाले लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र भार्इ मोदी के नेतृत्व में केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने इस मंगल कामना के साथ रैली स्थल का भूमिपूजन पूरे विधि विधान से सम्पन्न हुआ। भूमि पूजन के पश्चात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि विजय शंखनाद महारैली तय कर देगी की उत्तर प्रदेश में कांगे्रस, सपा-बसपा का सफाया हो चुका है। केन्द्र के भ्रष्टाचार और मंहगार्इ व प्रदेश की सपा सरकार मे खराब कानून व्यवस्था के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से 15 लाख से ऊपर जनता व भाजपा कार्यकर्ता उपसिथत होगे। इस रैली में बड़ी संख्या में युवा, किसान, व्यापारी, मजदूर, महिलाओं का प्रतिनिधित्व होगा।
भूमि पूजन के अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता व लखनऊ पूर्व से विधायक कलराज मिश्र, राष्ट्रीय मंत्री व प्रदेश सहप्रभारी त्रिवेन्द्र सिंह रावत, रैली के प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष हरद्वार दुबे, गोपाल जी टण्डन, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष शुक्ला, जयपाल सिंह, मनोहर सिंह, अंजनी श्रीवास्तव, अवधेश गुप्ता, अनुराग मिश्रा आदि लोग उपसिथत रहें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 01 March 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य के नौजवानों को प्रदेश में ही रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने के लिए सूचना प्रौधोगिकी सेक्टर पर गम्भीरता से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त तकनीकी शिक्षण संस्थाओं की संख्या का लाभ उठाते हुए गुणवत्तायुक्त मानव संसाधन विकास पर भी जोर दिया जा रहा है। इसीलिए मंत्रिपरिषद ने आर्इ.टी. पार्कों के विकास, संचालन तथा अनुरक्षण के लिए तैयार दिशा-निर्देश को मंजूरी प्रदान की है। राज्य सरकार के इस कदम से आगे आने वाले समय में सूचना प्रौधोगिकी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ नगर में एच.सी.एल. द्वारा 100 एकड़ भूमि में आर्इ.टी. सिटी का विकास किया जा रहा है। सरकार के इन फैसलों से राज्य को आर्इ.टी. हब बनाने में मदद मिलेगी।
यह जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने टियर-2 तथा 3 शहरों के विकास प्राधिकरणों को इस दिशा में जरूरी कदम उठाते हुए कम से कम 01 आर्इ0टी0 पार्क विकसित करने के लिए कहा है ताकि प्रदेश के नौजवानों को रोजी-रोटी के लिए अन्य प्रदेशों में जाने की जरूरत न पड़े और राज्य की आर्थिक सिथति में सुधार हो।
प्रवक्ता ने बताया कि सूचना प्रौधोगिकी व्यवसाय को बढ़ावा देने, निजी क्षेत्र में से पूंजी निवेश आकर्षित करने, रोजगार सृजन तथा राज्य के समग्र सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु प्रदेश सरकार द्वारा पहले ही उ0प्र0 सूचना प्रौधोगिकी नीति- 2012 लागू की जा चुकी है। इस नीति के तहत अत्याधुनिक तकनीक से युक्त आर्इ.टी. पार्क की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। आर्इ.टी. पार्क का निर्माण न्यूनतम लगभग 15000 वर्ग मीटर फ्लोर एरिया में किया जा सकता है। राज्य में स्थापित होने वाले ऐसे आर्इ.टी. पार्कों को स्टेप-अप (साफ्टवेयर एवं टेक्नोलाजी अन्ट्रपिन्योर पार्क उ0प्र0) घोषित किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में 10 जुलार्इ, 2013 को समस्त सम्बनिधत पक्षों के साथ बैठक में इन परियोजनाओं हेतु दिशा-निर्देश तैयार किए गए थे, जिसे मंत्रिपरिषद ने 26 फरवरी, 2014 को मंजूर कर लिया। इसके तहत विकास एजेंसी (जिसका तात्पर्य विकास प्राधिकरण, औधोगिक विकास प्राधिकरण तथा उ0प्र0 राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों से है) के स्वामित्व वाली भारमुक्त भूमि अथवा राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत नगरीय संकुल के समीप भूमि को चिनिहत किया जाएगा। भूमि चिनिहत करने के उपरान्त आर्इ.टी. पार्क विकसित करने हेतु विकास एजेंसी अन्य समस्त औपचारिकताओं को पूरा करते हुए भू उपयोग बदलने तथा परियोजना के विन्यास, निर्माण, वित्त पोषण, परिचालन तथा अनुरक्षण कार्यों के लिए स्वयं अथवा निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से पर्याप्त निधियां एवं संस्थागत क्षमता उपलब्ध कराएगी। परियोजना की रूपरेखा बनाने तथा निजी क्षेत्र से भागीदार के चयन हेतु बिड प्रक्रिया का उपयोग करके प्रतिषिठत एवं अनुभवी वित्तीय परामर्शदाताकारोबार सलाहकार नियुक्त किया जाएगा। परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर विकास एजेंसीडेवलपर द्वारा स्वतंत्र अभियंता से पूर्णत: प्रमाण पत्र एवं अनुपालन प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि आर्इ.टी. पार्कों की स्थापना हेतु राज्य सरकार ने 04 विकास माडलों को मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत विकास एजेंसी द्वारा स्वयं के स्रोतों या साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क आफ इणिडया (एस.टी.पी.आर्इ.) के सहयोग से आर्इ0टी0 पार्क विकसित किया जाएगा। इसके अलावा डिज़ाइन, बिल्ट, फाइनेंस, आपरेट एण्ड ट्रांसफर (डी.बी.एफ.ओ.टी.) के आधार पर निजी क्षेत्र से सहयोग लिया जा सकता है। चौथे विकास माडल के रूप में किसी आर्इ.टी. पार्क के विकास के लिए संयुक्त उधम (ज्वाइंट वेंचर) का सहारा भी लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य के टियर-2 तथा टियर-3 शहरों में 31 मार्च, 2017 को समाप्त होने वाली अवधि तक सूचना प्रौधोगिकीसूचना प्रौधोगिकी जनित सेवा क्षेत्र की नर्इ इकार्इयों को उ0प्र0 सूचना प्रौधोगिकी नीति-2012 के तहत अनुमन्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
ज्ञातव्य है कि टियर-2 में 20 लाख से अधिक आबादी वाले नगर तथा लखनऊ, आगरा, कानपुर, इलाहाबाद एवं मेरठ शहर आते हैं। जबकि टियर-3 में 20 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर आच्छादित किए गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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