उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहाँ केन्द्रीय वाणिज्य एवं उधोग मंत्री, श्री आनन्द शर्मा की उपसिथति में प्रदेश में दिल्ली-मुम्बर्इ-इण्डसिट्रयल कारीडोर (डी.एम.आर्इ.सी.) परियोजना तथा इसके तहत उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित पहली अर्ली बर्ड परियोजना, एकीकृत औधोगिक टाउनशिप (इण्टीग्रेटेड इण्डसिट्रयल टाउनशिप) का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर एकीकृत औधोगिक टाउनशिप के विकास हेतु उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री रमारमन तथा दिल्ली-मुम्बर्इ इण्डसिट्रयल कारीडोर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. (डी.एम.आर्इ.सी.डी.सी.एल.) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबन्ध निदेशक श्री अमिताभ कान्त के बीच शेयर होल्डर्स एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी किये गये।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि पशिचमी तथा पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर प्रदेश में मिल रहे हैं। इससे प्रदेश को बहुत बड़ा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने शुरु से ही प्रदेश के विकास के लिए प्रयास करने शुरु कर दिए थे। उन्होंने गत वर्ष आगरा में सम्पन्न हुर्इ पार्टनरशिप समिमट-2013 की चर्चा करते हुए कहा कि इस सम्मेलन में 1200 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय एवं भारतीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के बाद राज्य सरकार लगातार निवेश के लिए माहौल बनाने का गम्भीरता से कर्इ स्तरों पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मुम्बर्इ-दिल्ली इण्डसिट्रयल कारिडोर की तरह र्इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर के साथ इण्डसिट्रयल एरिया विकसित करने हेतु भारत सरकार को पत्र लिखकर इस पर तेजी से कार्य करने का अनुरोध किया गया था। क्योंकि र्इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर का सर्वाधिक बड़ा हिस्सा उ0प्र0 से ही गुजरता है। उन्होंने कहा कि पूर्व राज्य सरकार ने डी.एम.आर्इ.सी. परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कोर्इ कार्य नहीं किया, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही इस परियोजना को हर सम्भव सहयोग उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत आज जिस इण्डसिट्रयल टाउनशिप का शिलान्यास किया जा रहा है, इसमें लगभग 33 हजार करोड़ रुपए का निवेश सम्भावित है। इस योजना के पूर्ण होने पर 58,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
श्री यादव ने कहा कि वेस्टर्न तथा र्इस्टर्न कारिडोर से मैनुफैक्चरिंग क्षेत्र का विकास होगा और यहां के नौजवानों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास को ध्यान में रखते हुए वर्तमान प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार की सभी विकास योजनाओं के लिए तत्परता से जमीन उपलब्ध कराने का प्रयास किया। उन्होंने एम्स, इंस्टीटयूट आफ होटल मैनेजमेंट तथा सैनिक स्कूल आदि के लिए उपलब्ध करार्इ गर्इ नि:शुल्क भूमि का जिक्र करते हुए कहा कि आगे आने वाले समय में भी राज्य सरकार ऐसी सभी परियोजनाओं के लिए पूरी मदद करेगी। उन्होंने इंटीगे्रटेड इण्डसिट्रयल टाउनशिप के शिलान्यास को एक बड़ी पहल बताते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य का तेजी से औधोगिकीकरण होगा।
केन्द्रीय मंत्री श्री आनन्द शर्मा ने विकास योजनाओं में दी जा रही मदद के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि डी.एम.आर्इ.सी. एवं र्इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर से उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य को केवल औधोगिक क्षेत्र में ही नहीं बलिक कृषि क्षेत्र में भी भारी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश के उत्पादों को बन्दरगाह तक पहुंचने में लगभग 14 दिन लग जाते हैं, जबकि इन परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने से 14 घण्टे से भी कम समय लगेगा। इसी प्रकार र्इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर के साथ-साथ कृषि उत्पादों के त्वरित परिवहन की सुविधा का विकास होगा और यहां के ग्रामीण क्षेत्रों तथा किसानों की आर्थिक सिथति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 सरकार की तत्परता एवं सहयोगात्मक रुख की वजह से ही यह शिलान्यास सम्भव हो सका है।
ज्ञातव्य है कि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर के दोनों ओर लगभग 150-200 किमी. की पटटी में प्रस्तावित डी.एम.आर्इ.सी. के प्रभाव क्षेत्र का 12 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है तथा राज्य के 12 जनपदों के 36,068 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में प्रस्तावित है। दादरी में र्इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर एवं वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर का जंक्शनश्होगा, जिससे उत्तर प्रदेश को काफी लाभ मिलेगा। 1483 कि.मी. लम्बे दिल्ली-मुम्बर्इ इण्डसिट्रयल कारीडोर के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में दो विकास क्षेत्र चिनिहत किये गये हैं, पहला दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र तथा दूसरा मेरठ-मुज़फ्फरनगर औधोगिक क्षेत्र। इस पर तीन अर्ली बर्ड परियोजनाएं प्रस्तावित हैं जिनमें ग्रेटर नोएडा में एकीकृत औधोगिक टाउनशिप, बोडाकी में एक मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब तथा दादरी मल्टी माडल लाजिसिटक हब समिमलित हैं। पहली अर्लीबर्ड परियोजना-एकीकृत औधोगिक टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लगभग 740 एकड़ में विकसित की जानी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास इस परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध है। इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहांं कार्य करने वाले लोगों के लिए आवास, संस्थागत व व्यवसायिक सुविधा तथा अन्य अवस्थापना सुविधाएं एक स्थान पर उपलब्ध होंगी। टाउनशिप के प्रमुख अवस्थापना विकास हेतु केन्æ सरकार एवं राज्य सरकार ने 50-50 अंशधारिता की संयुक्त उपक्रम कम्पनी बनाने को स्वीÑति पहले ही प्रदान कर दी है। डी.एम.आर्इ.सी ट्रस्ट तथा राज्य सरकार की ओर से ग्रेटर नोएडा औधोगिक विकास प्राधिकरण द्वारा खर्च वहन की जाएगी।
इसके पूर्व सभी का स्वागत करते हुए अवस्थापना एवं औधोगिक विकास आयुक्त, आलोक रंजन ने कहा कि नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा एशिया का सबसे बड़ा नियोजित औधोगिक क्षेत्र है। एकीÑत औधोगिक टाउनशिप ग्रेटर नोएडा में स्थापित होने पर इस क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि डी.एम.आर्इ.सी. के अन्तर्गत इस टाउनशिप में रु 33,000 करोड़ के पूंजी निवेश के अवसरों के साथ ही 58,000 कारीगरों को रोज़गार मिलने की सम्भावना है। इस टाउनशिप का 51 प्रतिशत भाग औधोगिक भू-उपयोग हेतु आरक्षित होगा। ग्रेटर नोएडा के राष्ट्रीय राजधानी के निकट होने के कारण इन परियोजनाओं के स्थापित होने से पशिचमी उत्तर प्रदेश के उधोगों को न केवल विश्व-स्तरीय अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होंगी, अपितु अपने उत्पाद देश के अन्य हिस्सों व विश्व के बाजार तक पहुँचाने में भी मदद मिलेगी। डी.एम.आर्इ.सी.डी.सी. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबन्ध निदेशक श्री अमिताभ कांत ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह, विज्ञान एवं प्रौधोगिकी राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्र, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, केन्æ सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राÑतिक गैस सचिव श्री सौरभ चन्æा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सचिव अवस्थापना एवं औधोगिक विकास श्री धीरज साहू सहित राज्य सरकार के कर्इ उच्चाधिकारी उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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