आम आदमी पार्टी ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा की गिरफ्तारी के हार्इ प्रोफाइल ड्रामा व नए डीजीपी के चयन को लेकर किए गए भेदभव की कड़े शब्दों में निन्दा की है। 22 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले सहारा श्री को गिरफ्तार करने में जिस तरह से लापरवाही हुर्इ वही निंदनीय है। कोर्ट व सेबी के आदेशों के बाद भी सुब्रत राय कानून की आंखों में कर्इ महीने तक धूल झोंकते रहे और आज भी वह निवेशकों के नाम की लिस्ट नहीं दे रहे। यह साफ दर्शाता है कि कर्इ बड़े सफेदपोशो को बचाने की कोशिश हो रही है। शुक्रवार का दिन लखनऊ की कानून व्यवस्था के लिए शर्मनाक रहा कि पैसे की ताकत के दम पर सहारा श्री पूरे दिन पुलिस और मीडिया की आंखों में धूल झोंकते रहे। कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें कस्टडी में रखने के नाम पर पुलिस फारेस्ट गेस्ट हाउस में ले गर्इ जहां उन्हें 4 मार्च तक रखा जायेगा। यह हमारा दुर्भाग्य है कि पुलिस का बर्ताव अमीर और गरीब के लिए अलग-अलग रहता है लेकिन अब उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद निवेशकों को उचित न्याय जरुर मिलेगा।
इसके अतिरिक्त पार्टी ने नए डीजीपी एएल बनर्जी के चयन पर भी सवील उठाये हैं। उन्होंने कहाकि सपा सरकार में सिर्फ उनकी तरक्की होती है जो सरकार के लिए सहयोगात्मक व खास हों। जिस प्रकार से 6 सीनियर अधिकारियों को दरकिनार कर 1979 बैच के एएल बनर्जी को चुनावों से ठीक पहले डीजीपी बनाया गया है वह स्वयं में प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। जब उच्च पदों पर ही चयन में पक्षपात होगा तो फिर कानून व्यवस्था में सुधार होना संदेहात्मक हो जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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