Categorized | लखनऊ.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव बार-बार अपनी काठ की हाण्डी चढ़ाकर उ0प्र0 के मतदाताओं को न सिर्फ गुमराह कर रहे हंै

Posted on 03 March 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव बार-बार अपनी काठ की हाण्डी चढ़ाकर उ0प्र0 के मतदाताओं को न सिर्फ गुमराह कर रहे हंै बलिक अपने विगत 2012 के विधानसभा चुनाव में किये चुनावी वादों को, जिन्हें न तो पूरा कर सके हैं न ही वे इस सम्बन्ध में गंभीर हैं, उ0प्र0 की जनता इस बात को खूब समझती है। वास्तविकता तो यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जनता को केवल अब तक वादे ही दे सके हैं और दो साल में एक भी विकासोन्मुख निर्णय लेने में अक्षम रहे हैं।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डा0 हिलाल अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने जितनी भी घोषणाएं की हैं वह मात्र कागजों पर ही सीमित हैं। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे अधर में लटका है। मेट्रो रेल अभी केवल कागजों पर दौड़ रही है। उ0प्र0 में वर्ष 1989 के बाद की गैर कांग्रेसी सरकारें बिजली उत्पादन एक मेगावाट भी बढ़ाने में सक्षम नहीं रही हैं। जबकि श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी उ0प्र0 से सांसद रहे हैं तथा जब केन्द्र में एनडीए सरकार थी उस समय उ0प्र0 में भाजपा शासित सरकार चल रही थी।
प्रवक्ता ने सपा सरकार से सवाल किया है कि जो उन्होने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था उस वादे का क्या हुआ? उ0प्र0 में आर्थिक विकास तथा पूंजीनिवेश न होने के कारण लगातार बेरोजगारी बढ़ती चली जा रही है, यह गैर कांग्रेसी सरकाराें की जनता के प्रति उदासीनता तथा असंवेदनशीलता का परिचायक है। उ0प्र0 में  जब तक आधारभूत संरचनाओं का विकास नहीं होगा, प्रदेश में आर्थिक विकास की बात करना पूरी तरह बेइमानी है।
डा0 हिलाल अहमद ने कहा कि उ0प्र0 में गरीबी उन्मूलन से सम्बनिधत समाजवादी पार्टी कोर्इ भी कार्यक्रम न तो स्वयं चला रही है और न ही केन्द्र की यूपीए सरकार द्वारा भेजे गये धन का सदुपयोग कर रही है। मुख्यमंत्री जी पिछली सरकार के भ्रष्टाचार पर टिप्पणी करना अपनी सभाओं में नहीं भूलते परन्तु वह यह भूल जाते हैं कि मनरेगा घोटाले में शामिल श्री पन्धारी यादव को वह तब तक अपनी शरण में रखे रहे जब तक कि सी0बी0आर्इ0 ने मा0 उच्च न्यायालय के आदेश पर एफआर्इआर दर्ज नहीं की। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सदस्य श्री ललित मोहन श्रीवास्तव के विरूद्ध विधानसभा में भी प्रश्न उठा, परन्तु उसके विरूद्ध कोर्इ भी कार्यवाही अथवा जांच के आदेश नहीं दिये गये। जबकि यह विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है। जब उनकी नाक के नीचे हो रहे भ्रष्टाचार के प्रति वे सजग नहीं हैं तो प्रदेश में भ्रष्टाचार को खत्म करने के कोरे भाषण से क्या फायदा है।
प्रवक्ता ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी यह भी बतायें कि जो वादे उन्होने अल्पसंख्यकों के लिए वर्ष 2012 में किये थे, उसका क्या हुआ? अब तो वह अपनी सभाओं में उसका वर्णन भी नहीं करते हैं। 18प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण की बात तो दूर अब तो उन्होने कन्या विधा धन को भी तीस हजार से घटाकर बीस हजार कर दिया है। इससे यह बात स्पष्ट होती है कि सत्ता में आने के पश्चात समाजवादी पार्टी को अल्पसंख्यकों की आवश्यकता नहीं रह गयी है और वे भाजपा की तरह अलगाववाद एवं विघटन की राजनीति में लिप्त हो चुके हैं। श्री मुलायम सिंह यादव जी गुजरात के दंगे को तो याद करते हैं परन्तु उ0प्र0 के तमाम शहरों में जिस प्रकार से दंगे हुए तथा मुजफ्फरनगर दंगे के पीडि़त शरणार्थी शिविरों में जो बदसलूकी की गयी वह उसको भूल जाते हैं जो कि समाजवादी पार्टी की अकलियत के प्रति सोच को दर्शाती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in