समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि लोकसभा चुनावोंं का परिणाम आने से पहले ही कर्इ दलों की निराशा और हताशा सामने आने लगी है। कुंठित होकर वे अब जनता के बीच विदूषक की तरह पेश आने लगे हैं। उन्हें लगता है कि वे अब कामेडी शो करके जनता को भरमा लेगें और उनके वोट प्रभावित कर सकते है। लेकिन जनता है जो सब जानती है और वह इस तरह के भुलावे में नही आनेवाली है। राजनीति में गम्भीरता से बेपरवाह इन दलों और उसके नेताओं को जनता फिर सत्ता सिंहासन पर बिठाने वाली नहीं है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने सत्ता में रहते मंहगार्इ और भ्रष्टाचार बढ़ाने के सिवाय और कुछ नहीं किया। दोनों ही सरकारो में घोटाले हुए। कांग्रेस - भाजपा दोनो ने ही सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया। इनके कार्यकाल में ही अयोध्या में बाबरी मसिजद तोड़ी गर्इ। मेरठ, मलियाना और मुरादाबाद के दंगों में मुसलमानों को ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। 1984 के दंगों में हजाराें सिख मारे गए। गुजरात के दंगों में मुसिलमो का बेरहमी से कत्लेआम किया गया और आज तक मुसिलम समाज वहां दहशत में जी रहे हैं।
अब जब कांग्रेस और भाजपा के कारनामों से ऊबी जनता इनसे अलग राजनीतिक विकल्प की तलाश में है तो इन दलों को सांप सूंघ रहा है। फिर सत्ता में न आ पाने की छटपटाहट में इनको कुछ सूझ नहीं रहा हैं इसलिए वे नीति और कार्यक्रम पर चर्चा करने के बजाय या तो रोड शो की नौटंकी कर रहे है या फिर चाय काफी बेचने की ड्रामाबाजी दिखा रहे हैं। चूकि उनके पास देश की जनता की उन्नति और विकास के लिए कोर्इ योजना नहीं है इसलिए वे इस तरह की अजीबोगरीब हरकतों पर उतर आए हैं। भाजपा के साथ कर्इ बार लम्बी चौड़ी राजनीतिक पेगें बढ़ाने वाली बसपा भी उन्हीं के सुर में सुर मिला रही है।
उत्तर प्रदेश में श्री अखिलेश यादव ने समाजवादी सरकार में विकास का जो नया एजेण्डा दिया है और जनहित की तमाम योजनाओ को अमली जामा पहनाया है उससे जनता मेंं सरकार की लोकप्रियता बढ़ी है और मुख्यमंत्री जी के प्रति गहरा विश्वास पैदा हुआ है। समाजवादी पार्टी सरकार के पूर्व कांग्रेस-भाजपा और बसपा की सरकारें रही है लेकिन उन्होने जनहित का पैसा अनुत्पादक मदों पर खर्च किया और बिजली,पानी, सड़क जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की अनदेखी की। श्री अखिलेश यादव की नीतियों से नौजवान, किसान, पिछड़े, गरीब और मुसलमान सभी लाभानिवत हुए है। वे अब किसी कुप्रचार से प्रभावित नहीं होनवाले है।
समाजवादी पार्टी की राजनीतिक दृषिट स्पष्ट है। सांप्रदायिकता के खिलाफ वह शुरू से संघर्षशील है। श्री मुलायम सिंह यादव के प्रयासों से ही भाजपा सत्ता में आने से वंचित रही है। समाजवादी पार्टी एक राजनीतिक विकल्प की मजबूती में लगी है और इस बार केन्द्र में सरकार बनने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिशिचत है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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