माननीय न्यायमूर्ति श्री पी0 सथाशिवम, मुख्य न्यायाधिपति, सर्वोच्च न्यायालयमुख्य संरक्षक, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं माननीय न्यायमूर्ति श्री आर0एम0 लोढ़ा, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालयकार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार दिनांक 08 एवं 09 मार्च, 2014 को समस्त राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के 12वें दो दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन उ0प्र0 शासन एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
सम्मेलन का उददेश्य भारतीय संविधान के राज्य -नीति के निर्देशक सिद्धांत (डायरेकिटव प्रिंसिप्ल्स आफ स्टेट पालिसी) के अनुच्छेद 39ए में निहित निर्देश के अनुपालन में भारतीय समाज के सभी वर्गो, अपवंचित वर्ग को समिमलित करते हुए सुलभ, सस्ता एवं त्वरित सुनिशिचत कराने के प्रति आमजन को शिक्षित एवं जागरूक बनाने की कोशिश करना है। अनुच्छेद 39ए द्वारा राज्य पर यह कर्तव्य अधिरोपित किया गया है कि वह नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायेगा और इस प्रकार कार्य करेगा कि सबके लिये समान न्याय सुनिशिचत हो जैसा कि उददेशिका से प्रतिबिंमिबत है। न्याय के स्तर पर समान अवसर उपलब्ध कराने से तात्पर्य राज्य के समस्त क्षेत्रों में कमजोर, असहाय,गरीब एवं अपवंचित समुह के व्यकितयों को सक्षम व नि:शुल्क विधिक सेवायें प्रदान करना है ताकि वह किसी भी प्रकार की निर्योग्यता अथवा अक्षमता के कारण न्याय प्राप्त करने से वंचित न रहे।
उक्त अखिल भारतीय सम्मेलन में भारत के मुख्य न्यायाधिपति एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीशगण के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधिपति एवं सभी माननीय न्यायाधीशगण, सम्पूर्ण देश के सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के माननीय कार्यपालक अध्यक्षगण, जो माननीय उच्च न्यायालयों के वरिष्ठतम न्यायाधीशगण होते हैं, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नर्इ दिल्ली के सम्मानित सदस्यगण, जिनमें कतिपय सदस्य विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधिपतिवरिष्ठतम न्यायाधीश होते हैं तथा सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के सम्मानित सदस्य सचिवगण की सहभागिता रहेगी। उक्त के अतिरिक्त प्रदेश के सभी जनपद न्यायाधीशगण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्ष व सचिवगण, किशोर न्याय बोर्डो के सभी प्रधान मजिस्टे्रटस, राज्य सरकार के सचिव एवं अन्य कल्याण समितियों के सदस्यगण, बार कौंसिल एवं विभिन्न बार एसोसियेशन्स के पदाधिकारीगण, पैनल अधिवक्तागण, विधि सचिव, न्यायिक प्रशिक्षण व अनुसंधान संस्थान के सदस्य, विधि विश्वविधालयों के प्रतिनिधि, पुलिस प्राधिकारीगण, तथा प्रदेश भर से पराविधिक स्वयं सेवकगण भी इस सम्मेलन में प्रतिभाग करेंगे।
माननीय मुख्य न्यायाधिपति, इलाहाबाद उच्च न्यायालयमुख्य संरक्षक, उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं माननीय न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालयकार्यपालक अध्यक्ष, उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उक्त सम्मेलन का आयोजन इनिदरा गाधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय उपलब्ध कराने के संकल्प की उदघोषणा करता है। उक्त उददेश्य की पूर्ति के लिये विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 अधिनियमित किया गया जिसके द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रादेशिक स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा तहसील स्तर पर तहसील विधिक सेवा समिति का गठन किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय स्तर पर भी उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इलाहाबाद एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा उपसमिति, लखनऊ का सृजन किया गया है।
विधिक सेवा प्राधिकरणोंसमितियों के माध्यम से न सिर्फ आमजन को नि:शुल्क व सक्षम विधिक सेवायें उपलब्ध करायी जा रही है बलिक लोक अदालतों के माध्यम से उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक माह न्यायालयों में लमिबत वादों के उभय पक्षों के मध्य पारस्परिक सदभाव एवं सनिध के अधीन निस्तारण कराये जाने हेतु परम्परागत एवं मेगा लोक अदालत का आयोजन भी कराया जाता है। इसके अतिरिक्त विधिक साक्षरता शिविरों के माध्यम से आमजन के मध्य विधिक जागरूकता एवं शासन की कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार सुनिशिचत किया जाता है। प्रीलिटिगेशन के माध्यम से ऐसे वादमामलें जो न्यायालयों के समक्ष अभी तक नही आये है, उनके संबंध में भी पारस्परिक सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण कराया जाता है।
आम जनता तक न्याय की पहुच सुनिशिचत करने के लिए प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में आधारीय विधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु विधिक सहायता क्लीनिकों की स्थापना की गयी है। हाल ही में दिनांक 24.01.2014 को माननीय न्यायमूर्ति श्री आर0एम0 लोढ़ा, वरिष्ठ न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालयकार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार सम्पूर्ण राष्ट्र के प्रत्येक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में प्रत्येक तहसील के एक ग्राम्यग्राम्यों के समूह में ग्राम्य विधिक देखभाल एवं सम्पादन केन्द्र की स्थापना की गयी, जिसके माध्यम से विधिक सेवा संस्थाओं को और अधिक सबल बनाये जाने का प्रयास किया गया।
दिनांक 08 व 09-03-2014 को आयोजित होने वाले 12वें अखिल भारतीय सम्मेलन का उददेश्य, वस्तृत चर्चा के आधार पर आमजन को विधिक सेवा संस्थाओं के माध्यम से किस प्रकार से अधिक से अधिक नि:शुल्क विधिक प्रसुविधाओं की अनुमन्यता सुनिशिचत हो सके, के सम्बन्ध में नीतिगत विनिश्चयन करना है। इसके अतिरिक्त उक्त कार्यक्रम में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सम्पूर्ण राष्ट्र में वर्ष 2014-15 में नालसा द्वारा क्रियानिवत करायी जाने वाली योजनाओं की रूपरेखा तैयार की जायेगी। नालसा की केन्द्रीय प्राधिकरण की बैठक भी होगी। उत्तर प्रदेश के समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्षजिला न्यायाधीश एवं सचिवसिविल जज (सीनियर डिवीजन) प्रत्यक्ष रूप से प्लेनरी सेशन में समस्त राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के माननीय कार्यपालक अध्यक्षगण एवं सदस्य सचिवगण से रूबरू होगें तथा जमीनी स्तर पर विधमान अवरोधों, आधारभूत संरचना, विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों को लागू कराने में उत्पन्न भौतिक व वित्तीय पहलुओं के बारे में भी अवगत करायेगें तथा किस प्रकार से विधिक सेवा कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके, इस सम्बन्ध में आवश्यक विचार-विमर्श किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com