Archive | February, 2014

23 जनपदों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्वाचन सम्बन्धी प्रशिक्षण

Posted on 20 February 2014 by admin

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आज दिनांक 18.02.2014 को लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2014 की तैयारियों की समीक्षा व जिला निर्वाचन अधिकारियों को आयोग के नवीनतम दिशा-निर्देशोंनियमों आदि से अवगत कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश के सभा कक्ष में एक बैठकप्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। उक्त प्रशिक्षण सत्र में 23 जनपदों यथा-आजमगढ़, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, झांसी, गोरखपुर, अलीगढ़, आगरा, भदोही, फैजाबाद आदि के जिला निर्वाचन अधिकारीरिटर्निंग आफिसर द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में भारत निर्वाचन आयोग में प्रशिक्षित स्टेट लेविल मास्टर टे्रनर एवं सेवानिवृत्त आर्इएएस अधिकारी सर्व श्री मधुकर द्विवेदी, श्री आर0एन0सिंह व श्री मधुसूदन रायजादा द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
उक्त बैठक के द्वितीय सत्र में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री उमेश सिन्हा द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारियोंरिटर्निंग आफिसर के साथ निर्वाचन सम्बन्धी तैयारियों यथा-सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीयराज्यीय राजनैतिक दलों के जनपद स्तरीय प्रतिनिधियों को राजनैतिक दलों से सम्बनिधत आयोग के निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराने, जनपद का डिस्ट्रीक्ट इलेक्शन मैनेजमेन्ट प्लान, संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील मतदेय स्थलों के निर्धारण, र्इ0वी0एम0 की आवश्यकता का आंकलन, जनपद में हल्केभारी वाहनों की उपलब्धता, बीडियोकैमरों की उपलब्धता तथा जनपद वोटर हेल्प लार्इन की स्थापना से सम्बनिधत कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गयी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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रैन.बसेरों हेतु वित्ती य सहायता

Posted on 20 February 2014 by admin

आवास और शहरी गरीबी उपशमन‍ मंत्री श्री डॉ० कुमारी गिरिजा व्यासस ने लोकसभा मंष एक प्रश्नह के लिखित उत्ततर में जानकारी दी कि ष्भूमिष् और ष्कॉलोनीकरणष् राज्यय के विषय है इसलिएए आवासविहीन लोगों को आश्रय मुहैया कराना राज्या सरकार का प्रमुख दायित्वे है। तथापिए राज्यर सरकारों द्वारा की गई पहलों के संपूरण और अनुपूरण के लिए आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा चालू पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान राष्ट्री य शहरी आजीविका मिशन ;एनयूएलएमद्ध के घटक के रूप में शहरी आवास विहीन लोगों के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ स्थाएयी आश्रय मुहैया करने के लिए ष्शहरी आवास विहीन लोगों के लिए आश्रय ;एसयूएचद्धष् नामक एक नई स्कीेम आरंभ की गई है।
यह स्की्म पूर्वोत्तकर राज्योंन सहित देश में सभी राज्यों  ध् संघ राज्योंव क्षेत्रों के लिए लागू है। केंद्र सरकार की भूमिका अवस्थारपना और सुविधाओं के सृजन में सहायता मुहैया कराना होगी। भारत सरकार आश्रयों की निर्माण लागत की वित्तसपोषण करेगी और राज्य  का अंशदान 25 प्रतिशत होगा। पूर्वोत्त र तथा विशेष श्रेणी राज्यों  ;अरूणाचल प्रदेशए असमए मणिपुरए मेघालयए मिजोरमए नगालैंडए सिक्किमए त्रिपुराए जम्मूम.कश्मी रए हिमाचल प्रदेश और उत्तसराखंडद्ध के मामले में यह अनुपात 90रू10 होगा। आश्रयों की प्रचालन और अनुरक्षण लागात भी प्रारंभिक 5 वर्षों के लिए 75रू25 ;पूर्वोत्त र और विशेष श्रेणी राज्यों  हेतु 90रू10द्ध के आधार पर भारत सरकार और राज्यों  के बीच शेयर की जाएगी। आश्रयों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्धआ कराना राज्यर संघ राज्यब क्षेत्र की सरकारों का उत्तयरदायित्वक होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विशेष प्रयास

Posted on 20 February 2014 by admin

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पिछले दस वर्षों में सूचना प्रणाली को आकर्षित बनाने के लिए कई नीतिगत प्रयास किए है। इन प्रयासों का उद्देश्यं सूचना प्रसारणए और फिल्मए जगत के महत्वएपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े प्रधान संकेतकों में प्रतिमानी बदलाव लाना है। मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए इन प्रयासों से ष्ष्भारत की कहानीष्ष् को बातचीत के जरिए विभिन्न  प्ले टफार्मो तक पहुंचाया गया है।
मंत्रालय ने प्रसारण क्षेत्र में तकनीकों को फायदा उठाने के लिए कई नीतियों को अपनाया है ताकि देश में प्रसारण के परिदृश्य  में बदलाव एवं वृद्धि के ढांचे को सुनिश्चित किया जा सके। भारत पूरे विश्वृ में इस समय बड़े प्रसारण उद्योग में से एक है। वर्ष 2004 के 130 के मुकाबले वर्ष 2014 में टेलीविजन चैनलों की संख्या बढ़कर 788 हो गई है। भारत इस समय सबसे बड़ा टेलिविजन बाजार है और देश में 154 मिलियन घरों में टीवी सेट्स है। देश में टेलीविजन उद्योग में अभू‍तपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2006 में यह बाजार 18300 करोड़ रूपयों का था और वर्ष 2014 में इसके 50140 करोड़ रूपए तक पहुंचने का अनुमान है।
मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए नीतिगत प्रयासों से भारत के प्रसारण उद्योग को काफी लाभ हुआ है। डिजिटाइजेशन प्रक्रिया ने इस क्षेत्र में बहुत महत्वकपूर्ण बदलाव किए है जिनसे पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है और इससे इस क्षेत्र की वृद्धि हुई है। केबल टीवी डिजिटाइजेशन के दो चरण पूरे हो चुके हैं। इन चरणों में कुल तीन करोड़ सैटअप बॉक्सा लगाए जा चुके हैं। बाकी अन्यन दो चरणों को इस वर्ष के अंत तक पूरा किए जाने की उम्मी द है। रेडियो में एफ एम घटक को बढ़ावा देने के मंत्रालय के प्रयासों से इस क्षेत्र की अभूतपूर्व वृद्धि सुनिश्चिित हुई है। वर्ष 2005 में 85 शहरों में 245 एफ एफ चैनल्सर शुरू किए गए हैं। तीसरे चरण में 294 शहरों में 839 चैनल्सर शुरू किए जाने की उम्मी द है। एफएम नीति को प्रोत्साुहित किए जाने से देश का रेडियो उद्योग वर्ष 2006 के 600 करोड़ रूपये की तुलना में वर्ष 2014 में 1540 करोड़ रूपये तक होने का अनुमान है। पिछले कई वर्षों में मंत्रालय ने समुदाय रेडियो आंदोलन के जरिए स्‍थानीय समुदायों को सशक्तिकरण करने की दिशा में काफी ध्यानन दिया है। वर्ष 2009 में 64 समुदाय रेडियो स्टेेशन थे और वर्ष 2013 में इनकी संख्याड बढ़कर 163 हो गई है। प्रधानमंत्री डॉण् मनमोहन सिंह और संयुक्तष प्रगतिशील गठबंधन अध्य क्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने 24 अगस्तन 2013 को राजधानी दिल्ली् में नेशनल मीडिया सेंटर का उद्घाटन किया था। इसका मुख्यद मकसद अत्या‍धुनिक संचार तकनीकों से युक्तउ ऐसे केंद्र की स्था2पना हैए ताकि सरकार और मीडिया के बीच बृहत संवाद कायम किया जा सके।
इसी तरह प्रिंट मीडिया की गुणवत्ताद परक वृद्धि तथा इस क्षेत्र को उदार बनाने के लिए कई महत्वंपूर्ण नीतियां जारी की गईए एवं इन्हेंक क्रियान्वित भी किया जा चुका है। इसी तरह फिल्मड सेक्टयर में सिनेमेटोग्राफ कानून 1952 के तहत सर्टिफि‍केशन से जुड़े विषयों की जांच करने के लिए मंत्रालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्‍च न्यानयालय के मुख्यष न्यारयाधीश सेवा निवृत श्री मुकुल मुदगल की अध्य्क्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट सौंपी हैए जो मंत्रालय के विचाराधीन है।
फिल्मा क्षेत्र की एक महत्वेपूर्ण विशेषता ष्ष्भारतीय सिनेमा का राष्ट्री य म्यू।जियम एनएमआईसी रहा हैए जिससे भारत के बीते सौ वर्षों के सिने इतिहास के विभिन्नक पहलुओं की जानकारी मिलती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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अपने उम्मीदवार को जानें

Posted on 20 February 2014 by admin

विधि और न्या‍य तथा संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्ल्ा   ने लोकसभा में एक प्रश्नय के लि‍खि‍त उत्त र में जानकारी दी कि‍ निर्वाचन आयोग ने सूचित किया है कि लोक प्रतिनिधित्वल अधिनियमए 1951 की धारा 33 क के अनुसार और तारीख 13ण्03ण्2003 के रिट याचिका संण् 490ध्2002 और संबद्ध याचिकाओं में माननीय उच्चहतम न्या यालय के निर्णय के अनुसरण में किसी अभ्यारर्थी को अपने आपराधिक पूर्ववृत्त2ए आस्तियों दायित्वोंस के ब्यौयरोंए ;जिसके अंतर्गत पति या पत्नि और आश्रित बालकों की आस्तियांध्दायित्वक भी हैंद्ध और शैक्षिक अर्हताओं के संबंध में जानकारी शपथपत्र के प्रारूप में नाम निर्देशन पत्र के साथए निर्वाचनों का संचालन नियमए 1961 के प्रारूप के 26 में देनी होती है। निर्वाचन आयोग ने यह भी सूचित किया है कि उस शपथ पत्र में किसी अभ्या र्थी द्वारा की गई घोषणाओं के व्या पक प्रसार के लिए एक प्रति रिटर्निंग ऑफिसर ;आरओद्धध्सहायक रिटर्निंग ऑफिसर ;एआरओद्ध के सूचनापट्ट पर प्रदर्शित की जाती है। आरओ और एआरओ दोनों के कार्यालय निर्वाचन क्षेत्र की सीमा के बाहर होने की दशा मेंए शपथपत्रों की प्रतियों के एक सैट को निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं के भीतर एक प्रमुख सार्वजनिक स्था न पर प्रदर्शित किया जाता है। जो कोई प्रतियों के लिए अनुरोध करता है उसको भी प्रतियां निरूशुल्कत प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्तकए सभी अभ्यतर्थियों द्वाराए चाहे मान्य्ताप्राप्त। राजनैतिक दलों या गैर मान्यअताप्राप्ति राजनैतिक दलों द्वारा खडे किए गये हों या स्वातंत्र होंए फाइल किए गए शपथ पत्र की स्कै्न की गई प्रतिए अभ्यार्थियों द्वारा उनको फाइल किए जाने के पश्चाैत शीर्ष्‍ ही और किसी भी दशा में चौबीस घंटे के भीतर वेबसाइट पर डाल दी जाती है। यदि कोईए अभ्य र्थी के किसी शपथ पत्र में मिथ्यार विवरणों को इंगित करते हुए प्रति –शपथपत्र फाइल करता है तो उसको भी सूचना पट्ट पर प्रदर्शित कर दिया जाता है। मंत्री महोदय ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने सूचित किया है कि दिल्लीत उच्चो न्यारयालय के एक आदेश के अनुसार अभ्य र्थियों द्वारा सरकारी आवासए जल आपूर्तिए विद्युतए टेलीफोन और परिवहन विभागों को देयों यदि कोई होए के ब्यौोरों को दो समाचारपत्रों में प्रकाशित किया जाएगा। तदनुसार निर्वाचन आयोग के निर्देश दिया है कि ऐसी सूचना को उसके द्वारा विहित प्रारूप में स्थावनीय परिचालन वाले दो समाचारपत्रों मेंए जिसमें से एक स्था नीय भाषा का समाचारपत्र होना चाहिएए प्रकाशित किया जाना चाहिए। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यसर्थियों की सूची के निश्चित हो जाने के दो दिनों के भीतर ऐसा करना अपेक्षित है। जब सरकारी देयों के विषय में स्था नों को वर्णित करते हुए एक टिप्प णए मुख्यद निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट सहित जहां अन्यि ब्यौ रे अर्थात् निर्वाचन लड़ने वाले सभी अभ्य्र्थियों की आपराधिक पृष्ठाभूमिए आस्तियांए दायित्वे और शैक्षिक अर्हता पाई जा सकती है। समाचारपत्र में जानकारी प्रकाशित की जाती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारतीय जनता पार्टी ने कहा संवादहीनता से ग्रस्त अखिलेश सरकार में आखिर फैसले ले कौन रहा है?

Posted on 20 February 2014 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा संवादहीनता से ग्रस्त अखिलेश सरकार में आखिर फैसले ले कौन रहा है? पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि नगर विकास मंत्री की पत्नी डा0 तजीन फातिमा को उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया, किन्तु उन्होंने अपने निजी कारणों से अध्यक्ष पद संभालने से इंकार कर दिया, क्या इतने जिम्मेदार पद पर उनकी तैनाती के पहले उनसे कोर्इ चर्चा नही हुर्इ थी क्या? उच्च शिक्षा के प्रति लापरवाह सरकार के नजरिये का प्रगटिकरण है कि वह इस विधिक पद को कितने हल्के ढ़ंग से ले रही है।
प्रवक्ता श्री पाठक ने कहा कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग जैसे जिम्मेदार पद पर नियुकित की पूरी प्रक्रिया होगी। इस प्रक्रिया का प्रारम्भ करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जिसे इस महत्वपूर्ण पद पर तैनात किए जाने का फैसला सरकार ले रही है उसकी सहमति है अथवा नही। यहां सहमति ली गर्इ अथवा नही यह तो सरकार जाने पर जिस तरह की संवादहीनता की सिथति है वह प्रकट हुर्इ है। सरकार के ताकतवर मंत्री के परिवार का प्रकरण बगैर सहमति, बगैर बातचीत के यह कैसे हो गया, कि निजी कारणों से पद लेने से इन्कार करना पड़ा।
उन्होने कहा शिक्षा का क्षेत्र पूरे तौर पर बदहाली झेल रहा, सरकार के लाख दावों के विपरीत शिक्षा के मंदिरों में शिक्षकों के अभाव में पठन-पाठन के दायित्वों का ढ़ंग से निर्वाहन नही हो पा रहा है। चाहे माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड हो अथवा अब यह आयोग सरकार की लापरवाही के कारण पदों की रिकितता के बावजूद उन्हे भरा नही जा पा रहा है। सरकार एक ओर बेरोजगारी भत्ता बांटने का दावा करती है पर इन बेरोजगारो के लिए कैसे रोजगार का सृजन हो इसके प्रति पूरी तौर पर वह लापरवाह है।
श्री पाठक ने कहा आपसी खीचातानी और संवादहीनता के कारण महत्वपूर्ण पदों पर नियुकितयों के असमंजस के चलते राज्य का विकास भी प्रभावित हो रहा है। इस पूरे प्रकरण में सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हुए है। राज्य में राजनैतिक प्रभाव के कारण हो रही नियुकितयों मे किस कदर संवादहीनता है यह इसका जीता जागता नमुना है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश की संस्कृति व पर्यटन विकास हेतु प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग निर्बाध व सकुशल सम्पादित कराने हेतु समुचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिशिचत की जायेगी

Posted on 20 February 2014 by admin

प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने तथा उनके निर्माता निर्देशकों में विश्वास की भावना बढ़ाने के उददेश्य से राज्य सरकार द्वारा फिल्मों की शूटिंग के दौरान समुचित सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी।
इससे राज्य में संस्कृति व पर्यटन विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी और लोग राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर शूटिंग से ऐसे स्थलों के भ्रमण के लिए प्रेरित होंगे। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।
प्रमुख सचिव गृह श्री अनिल कुमार गुप्ता ने उक्त जानकारी देते हुए आज यहां बताया है कि प्रदेश में फिल्म शूटिंग के दौरान पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराए जाने के लिए सभी मण्डलायुक्तों, जोनल पुलिस महानिरीक्षकों, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षकों, जिला मजिस्ट्रेटों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को शासन द्वारा आवश्यक निर्देश भेजे गए हैं।
निर्देशों में कहा गया है कि प्रदेश में की जाने वाली फिल्मों की शूटिंग निर्बाध एवं सकुशल सम्पादित कराने हेतु आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिशिचत की जाए, ताकि भविष्य में फिल्मों की शूटिंग करने हेतु निर्माता निर्देशक प्रोत्साहित हों।
प्राय: यह देखा गया है कि फिल्म शूटिंग के दौरान शूटिंग स्थलों पर काफी भीड़ एकत्रित हो जाती है, जिससे नगरीय क्षेत्राें में यातायात की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यातायात की व्यवस्था को नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि फिल्म शूटिंग के दौरान शूटिंग के कलाकारों, जनसामान्य को यातायात सम्बन्धी कोर्इ असुविधा न होने पाए।
शासन द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में फिल्मों की शूटिंग के सम्बन्ध में निर्माता निर्देशकों से प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर प्राथमिकता पर विचार करते हुए शूटिंग स्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराना सुनिशिचत किया जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि लचर कानून व्यवस्था का खामियाजा छात्राओं को अस्मत लुटाकर चुकाना पड़ रहा है।

Posted on 20 February 2014 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि लचर कानून व्यवस्था का खामियाजा छात्राओं को अस्मत लुटाकर चुकाना पड़ रहा है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक् ने कुण्डा(प्रतापगढ़) तथा करतल कस्बा(नरैनी बांदा) की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि आखिर शोहदो के आतंक से मुकित के लिए बनायी जा रही सरकार की योजनाए कामयाब क्यो नही हो रही है। अराजक हो रहे वर्ग के लोगों पर कठोर कार्यवाही में रोड़ा कौन बन रहा है।
उन्होने कहा कि अभी 6 माह पहले कवाल के बवाल से उपजे असंतोष की आग के कारण जो घटनाएं हुर्इ। उनसे प्रदेश शर्मशार हुआ। अब जो घटनाएं छेड़छाड, चलती कार में गैंगरेप, शाहदो के आतंक से परेशान सुसार्इट की हो रही है। उनमें कठोर कार्यवाही नही होने से लगातार जनाक्रोश पनप रहा है। अभी पिछले दिनों बुलन्दशहर मे र्इट भठठे पर काम करने वाली महिला के साथ मालिक ने दुराचार किया किन्तु जब शिकायत की बात की तो दरिंदगी का इंतहा करते हुए उसे आग के हवाले कर दिया। इसी तरह बहराइच में 14 वर्षीय बालिका के साथ नशे का इंजेक्शन लगा-लगा दरिंदे दुराचार करते रहे। थाने में प्राथमिकी तक नही दर्ज हुर्इ।
श्री पाठक ने कहा कि करतल कस्बे में दिनेश गुप्ता के परिजन दहशत में है। शोहदे के आतंक की वजह से सुसार्इट कि इस घटना के कारण कस्बे में भी तनाव व्याप्त है। पीडि़त परिवार के लोगों की पर्याप्त सुरक्षा की मांग करते हुए उन्होने कहा कि उन्हे शस्त्र लाइसेन्स भी प्रथमिकता पर दिये जाये। साथ ही घटना के विरोध में शानित मार्च पर हुए लाठी चार्ज की निंदा करते हुए श्री पाठक ने कहा कि शानित बहाली के लिए निष्पक्ष हो पुलिस काम करने की बजाय निरीहों पर तो कहर बन कर टुटती है किन्तु यही जाबांजी वह अराजक हो रहे लोगो पर करती तो शायद राज्य की कानून व्यवस्था का हाल यह नही होता।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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उत्तर प्रदेश को गुणवत्तायुक्त पानी देने पर विशेष जोर ग्रामीण पेयजल जागरूकता सप्ताह 20 से 25 फरवरी तक का शुभारम्भ

Posted on 20 February 2014 by admin

ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के दायित्व का निर्वहन प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में विभाग राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिशिचत करने के लिए प्रतिबद्ध है। पेयजल आपूर्ति की योजनाएं मुख्य रूप से भूजल स्रोतों पर आधारित हैं।
यह वकत्व्य उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने आज यहां उ0प्र0 प्रशासन एवं प्रबन्धन एकेडमी के सभागार में राज्य स्तरीय ग्रामीण पेयजल जागरुकता सप्ताह के शुभारम्भ समारोह का उदघाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यधपि उत्तर प्रदेश जल सम्पदा की दृषिट से सदैव समृद्ध रहा है, परन्तु विगत दषकों में पेयजल के अतिरिक्त सिंचार्इ एवं औधोगिक क्षेत्र में जल संसाधनों की मांग में अप्रत्याषित वृद्धि के फलस्वरूप भूजल स्रोतों के अत्याधिक दोहन से भूजल स्तर में गिरावट के अतिरिक्त विभिन्न जनपदों में भूजल स्रोतों में रसायनिक संदूषण के कारण उत्पन्न रोगों की गम्भीर समस्या ने सुरक्षित पेयजल आपूर्ति के समक्ष गम्भीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। इस समस्या से निपटने के लिए ग्राम्य विकास विभाग द्वारा उ0प्र0 जल निगम के माध्यम से समस्याग्रस्त ग्रामों में जल शोधन संयंत्रों की स्थापना करके सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिशिचत करायी जा रही है। इसके साथ-साथ राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन सुरक्षित पेयजल की गुणवत्ता, उपयोग व सुरक्षा तथा संरक्षण के मुददों पर ग्रामीण समुदाय को अवगत कराने के लिए समय-समय पर जन जागरूकता अभियान भी चलाता रहता है।
श्री गोप  ने कहा कि पेयजल के इस महत्वपूर्ण विषय में प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा विशेष रूप से रूचि ली जा रही है और उनके कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार घर-घर तक स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने  20 से 25 फरवरी तक जनपदों में जनपद मुख्यालय से लेकर ब्लाक तथा ग्राम पंचायत स्तर तक इस जागरूकता सप्ताह के सफल आयोजन हेतु आवाहन करते हुए यह आशा व्यक्त की कि जनपद स्तर पर सभी अधिकारियों द्वारा अपने विशेष प्रयासों से ग्रामीण समुदाय की सहभागिता सुनिषिचत करते हुए इस सप्ताह का अत्यन्त सफलतापूर्वक आयोजन किया जायेगा।
इस अवसर पर सचिव ग्राम्य विकासअधिशासी निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वछता मिशन श्री सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों पेयजल आपूर्ति व्यवस्था तत्सम्बनिधत चुनौतियों एवं उनके निराकरण हेतु मुख्य मदम उठाये जा रहे है। उन्होने बताया कि सुरक्षित पेयजल व जल संरक्षण से जुड़े मुददों पर समुदाय व परिवारों को अपेक्षित व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा सके तथा सुरक्षित पेयजल व जल संरक्षण के मुददों पर आवश्यक कार्यवाही हेतु गाँवपंचायत विकासखण्डजिला स्तर के सम्बनिधत अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों व मीडिया की प्रतिबद्धता सुनिशिचत की जा सके।
इस सप्ताह के दौरान जनपद, ब्लाक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के संबंध में सचिव ग्राम्य विकास श्री सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने ग्राम्य विकास मंत्री को यह अवगत कराया कि राज्य, जिले, विकासखण्ड व पंचायतगाँव स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना है, जिसके अन्तर्गत राज्य स्तर से रेडियो तथा टीवी पर विभिन्न कार्यक्रमों का प्रसारण, आंचलिक विज्ञान केन्द्र पर जन-जागरूकता सप्ताह के अन्तर्गत स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ पेयजल से जुड़े मुददों पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने के साथ-साथ जिले स्तर पर होर्डिंग व बैनर द्वारा संदेशों का प्रचार-प्रसार, सिनेमा हाल के माध्यम से पेयजल से जुडे़ संदेशों का प्रचार-प्रसार तथा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी शासकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विधालयों  में गाँव स्तर से शुरू करके, विकास खण्ड व जिला स्तर तक चित्रकला, नारा लेखन, प्रश्नोत्तरी, निबंध व वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। अंत में उन्होंने पेयजल की जीवन दायक धरोहर को आने वाली पीढि़यों के लिए सुरक्षित एवं संरक्षित रखने की आवष्यकता पर विषेष रूप से बल दिया।
इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त जनपद स्तर से मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी तथा अधिशासी अभियन्ता, उ0प्र0 जल निगम द्वारा प्रतिभाग किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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छात्र-छात्राओं को 10 प्रतिशत छूट पर उपलब्ध

Posted on 20 February 2014 by admin

सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ0प्र0 द्वारा प्रकाशित किये जाने वाला महत्वपूर्ण वार्षिक संदर्भ ग्रन्थ ”उत्तर प्रदेश-2013 (अंग्रेजी संस्करण) प्रकाशित हो गया है। गत लगभग एक दशक से भी अधिक समय से इस संदर्भ ग्रन्थ ने अपनी सन्दर्भीय उपयोगिता के कारण पाठकों के बीच विशिष्ट पहचान हासिल की है। अपनी सारगर्भित महत्वपूर्ण सूचनाओं तथा संदर्भीय दृषिट से उपयोगी सामग्री को समावेश करने के कारण शोधकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के बीच इसकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के लिए यह ग्रन्थ इतना उपयोगी हो गया है कि प्रतियोगी छात्र-छात्राएं लगातार इसके प्रकाशन की प्रतीक्षा करते हैंं। इसके अलावा इस संदर्भ ग्रन्थ में जनप्रतिनिधियों, लेखकों, पत्रकारों एवं ग्राम स्तर पर प्रधानों एवं ब्लाक प्रमुखों तथा अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए भी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में सारगर्भित सूचनाएं देकर अत्यंत उपयोगी बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश से सम्बनिधत ऐतिहासिक, भौगोलिक, प्राÑतिक, सांस्Ñतिक एवं विकासपरक सूचनाओं की अधतन एवं वृहद जानकारियां इस पुस्तक में शामिल की गर्इ हैं। प्रथम इस संदर्भ ग्रन्थ में उत्तर प्रदेश के इतिहास, साहित्य, कला, संस्Ñति, पर्यटन स्थल, सिनेमा, पत्रकारिता, स्वाधीनता आंदोलन का इतिहास, प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के चित्र, साहित्यकारों, चित्रकारों, पत्रकारों, संगीतकर्मी एवं रंगकर्मी तथा उत्तर प्रदेश से सम्बनिधत सिने कलाकारों के महत्तवपूर्ण चित्रों को शामिल करने से इसकी संदर्भीय उपयोगिता और बढ़ गयी है। संदर्भित प्रकाशन में साहित्यकारों के चित्रों में वृद्धि की गर्इ है। प्रथम बार इस संस्करण में राज्य सरकार की फ्लैग स्कीम्स को समिमलित कर पुस्तक को और जानकारीपरक बनाने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक के प्रारंभ में उत्तर प्रदेश के इतिहास से सम्बनिधत जानकारियां विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उत्तर प्रदेश के सुविख्यात खिलाडि़यों के अध्याय के अन्तर्गत प्रथम बार पहली विकलांग महिला खिलाड़ी अरूणिमा सिन्हा तथा कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट श्री आशीष सिंह का नाम समिमलित किया गया है।
‘उत्तर प्रदेश-2013 (अंग्रेजी संस्करण)  में अनेक नर्इ जानकारियों का समावेश किया गया है। इसमें प्रदेश में जन्में प्रशंसित, पुरस्Ñत खेल विभूतियों, पदम विभूषण, पदम भूषण, पदम श्री से अलंÑत महानुभावों, साहित्य एकेडमी-ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकारों, परमवीर, महावीर एवं अशोक चक्र से सम्मानित शूरवीर सैनिकों तथा नवीनतम विकसित पर्यटन स्थलों के रंगीन चित्रों को समिमलित कर पाठकों से परिचित कराने का प्रयास किया गया है। इसमें प्रदेश की संवैधानिक प्रणाली के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्रिमण्डल, प्रदेश मंत्रिमण्डल, भारत के मुख्य न्यायधीश, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत रत्न से सम्मानित विभूतियांँ, उ0प्र0 से राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के विश्वविधालयों के अतिरिक्त प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय दिवस, प्रदेश के लोकसभा एवं राज्य सभा सदस्य, भारत रत्न से सम्मानित विभूतियां, भारत के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री प्रदेश के विधायक तथा विधान परिषद सदस्य तथा लोक सभा अध्यक्ष के साथ-साथ समस्त प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री, भारत के नोबेल पुरूस्कार विजेता आदि को समिमलित कर पुस्तक की सन्दर्भीय व्यापकता को बढ़ाया गया है।

यह पुस्तक इस दृषिट से भी उपयोगी है कि इसमें प्रदेश की विकास योजनाओं की विभागवार समुचित जानकारी भी दी गर्इ है जिसका लाभ ग्रामीण जनता भी उठा सकती है। यह पुस्तक उत्तर प्रदेश के बारे में सरकार की उपलबिधयों के साथ-साथ सरकार की भावी योजनाओं और विकास का व्यापक कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती है। उत्तर प्रदेश पर आधारित सूचना विभाग का यह महत्वपूर्ण सन्दर्भ प्रकाशन सन्दर्भीय जानकारियों की दृषिट से उत्तर प्रदेश के बारे में वृहद जानकारी देता है। वार्षिकी ‘उत्तर प्रदेश सूचना विभाग का नियमित प्रकाशन है, जो लगातार प्रतिवर्ष अपनी उपयोगिता को बढ़ाते हुए पाठकों और शोधार्थियों के बीच में उत्तरोतर लोकप्रियता हासिल कर रहा है। इसका प्रकाशन लखनऊ के भारत बुक सेण्टर 17, अशोक मार्ग, लखनऊ द्वारा किया गया है और यह लखनऊ के समस्त प्रमुख पुस्तक विक्रेताओं के यहां बिक्री हेतु उपलब्ध करायी जायेगी। इसका मूल्य रू0 325- है, जो छात्र-छात्राओं को दस प्रति छूट पर उपलब्ध होगी। ‘उत्तर प्रदेश-2013 ( अंग्रेजी संस्करण) के माध्यम से जनता तक जरूरी सूचनाएं बेहतर ढंग से पहुंचाने का एक सफल प्रयास है।
पुस्तक के संपादन में निदेशक सूचना श्री प्रभात मित्तल, अपर निदेशक सूचना डा0 अनिल कुमार एवं उनके मार्गदर्शन में गठित संपादक मंडल के सदस्य, सहायक निदेशकसमन्वय संपादक श्री दिनेश कुमार गर्ग एवं उनके सहयोगी अति0 जिला सूचना अधिकारी श्री चन्द्रविजय वर्मा, का कार्य नि:संदेह श्रमसाध्य एवं सराहनीय है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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महिला उधमी प्रोत्साहन योजना के लिये आवेदन पत्र आमंत्रित

Posted on 20 February 2014 by admin

प्रदेश में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने एवं कम विकसित क्षेत्रों में रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित तथा महिलाओं को उधोग क्षेत्र में पर्याप्त भागीदारी सुनिशिचत करने हेतु महिला उधमी प्रोत्साहन योजना-2013 लागू की गर्इ है। इस योजना के अन्तर्गत इण्टरमीडियट पास बेरोजगार महिलाओं को अपना उधम स्थापित करने में सहयोग प्रदान किया जाय। इन उद्देश्यों की प्रापित हेतु इस योजनान्र्तगत महिला उधमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म एवं लघु औधोगिक योजनान्र्तगत महिला उधमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म एवं लघु औधोगिक इकार्इयों को राष्ट्रीयकृत बैंको, राज्य वित्त निगम अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं से प्लाण्ट एवं मशीनरी के क्रय में किये गये पूंजी विनियोजन हेतु स्वीकृतवितरित सावधि ऋण  पर 05 प्रतिशत की दर से अधिकतम रु0 50.00 हजार प्रति इकार्इ प्रति वर्ष की दर से अधिकतम 05 वषोर्ं के लिए रु0 2.50 लाख प्रति इकार्इ को यह सुविधा उपलब्ध होगी।
लखनऊ लनपद की इच्छुक महिला इस योजना का लाभ लेने हेतु कार्यालय महा प्रबन्धक जिला उधोग केन्द्र, 8 कैण्ट रोड, लखनऊ से किसी भी कार्य दिवस में आवेदन पत्र प्राप्त कर सकती हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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