सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विशेष प्रयास

Posted on 20 February 2014 by admin

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पिछले दस वर्षों में सूचना प्रणाली को आकर्षित बनाने के लिए कई नीतिगत प्रयास किए है। इन प्रयासों का उद्देश्यं सूचना प्रसारणए और फिल्मए जगत के महत्वएपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े प्रधान संकेतकों में प्रतिमानी बदलाव लाना है। मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए इन प्रयासों से ष्ष्भारत की कहानीष्ष् को बातचीत के जरिए विभिन्न  प्ले टफार्मो तक पहुंचाया गया है।
मंत्रालय ने प्रसारण क्षेत्र में तकनीकों को फायदा उठाने के लिए कई नीतियों को अपनाया है ताकि देश में प्रसारण के परिदृश्य  में बदलाव एवं वृद्धि के ढांचे को सुनिश्चित किया जा सके। भारत पूरे विश्वृ में इस समय बड़े प्रसारण उद्योग में से एक है। वर्ष 2004 के 130 के मुकाबले वर्ष 2014 में टेलीविजन चैनलों की संख्या बढ़कर 788 हो गई है। भारत इस समय सबसे बड़ा टेलिविजन बाजार है और देश में 154 मिलियन घरों में टीवी सेट्स है। देश में टेलीविजन उद्योग में अभू‍तपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2006 में यह बाजार 18300 करोड़ रूपयों का था और वर्ष 2014 में इसके 50140 करोड़ रूपए तक पहुंचने का अनुमान है।
मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए नीतिगत प्रयासों से भारत के प्रसारण उद्योग को काफी लाभ हुआ है। डिजिटाइजेशन प्रक्रिया ने इस क्षेत्र में बहुत महत्वकपूर्ण बदलाव किए है जिनसे पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है और इससे इस क्षेत्र की वृद्धि हुई है। केबल टीवी डिजिटाइजेशन के दो चरण पूरे हो चुके हैं। इन चरणों में कुल तीन करोड़ सैटअप बॉक्सा लगाए जा चुके हैं। बाकी अन्यन दो चरणों को इस वर्ष के अंत तक पूरा किए जाने की उम्मी द है। रेडियो में एफ एम घटक को बढ़ावा देने के मंत्रालय के प्रयासों से इस क्षेत्र की अभूतपूर्व वृद्धि सुनिश्चिित हुई है। वर्ष 2005 में 85 शहरों में 245 एफ एफ चैनल्सर शुरू किए गए हैं। तीसरे चरण में 294 शहरों में 839 चैनल्सर शुरू किए जाने की उम्मी द है। एफएम नीति को प्रोत्साुहित किए जाने से देश का रेडियो उद्योग वर्ष 2006 के 600 करोड़ रूपये की तुलना में वर्ष 2014 में 1540 करोड़ रूपये तक होने का अनुमान है। पिछले कई वर्षों में मंत्रालय ने समुदाय रेडियो आंदोलन के जरिए स्‍थानीय समुदायों को सशक्तिकरण करने की दिशा में काफी ध्यानन दिया है। वर्ष 2009 में 64 समुदाय रेडियो स्टेेशन थे और वर्ष 2013 में इनकी संख्याड बढ़कर 163 हो गई है। प्रधानमंत्री डॉण् मनमोहन सिंह और संयुक्तष प्रगतिशील गठबंधन अध्य क्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने 24 अगस्तन 2013 को राजधानी दिल्ली् में नेशनल मीडिया सेंटर का उद्घाटन किया था। इसका मुख्यद मकसद अत्या‍धुनिक संचार तकनीकों से युक्तउ ऐसे केंद्र की स्था2पना हैए ताकि सरकार और मीडिया के बीच बृहत संवाद कायम किया जा सके।
इसी तरह प्रिंट मीडिया की गुणवत्ताद परक वृद्धि तथा इस क्षेत्र को उदार बनाने के लिए कई महत्वंपूर्ण नीतियां जारी की गईए एवं इन्हेंक क्रियान्वित भी किया जा चुका है। इसी तरह फिल्मड सेक्टयर में सिनेमेटोग्राफ कानून 1952 के तहत सर्टिफि‍केशन से जुड़े विषयों की जांच करने के लिए मंत्रालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्‍च न्यानयालय के मुख्यष न्यारयाधीश सेवा निवृत श्री मुकुल मुदगल की अध्य्क्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट सौंपी हैए जो मंत्रालय के विचाराधीन है।
फिल्मा क्षेत्र की एक महत्वेपूर्ण विशेषता ष्ष्भारतीय सिनेमा का राष्ट्री य म्यू।जियम एनएमआईसी रहा हैए जिससे भारत के बीते सौ वर्षों के सिने इतिहास के विभिन्नक पहलुओं की जानकारी मिलती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2024
M T W T F S S
« Sep    
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
-->









 Type in